राष्ट्रीय
सोमवार देर रात भारत सरकार ने 59 स्मार्टफोन ऐप्स पर पाबंदी लगाने का फ़ैसला किया है.
-सरोज सिंह
आँकड़ों के मुताबिक़ भारत में टिकटॉक (म्यूजिकली के साथ) के तकरीबन 30 करोड़, लाइकी के तकरीबन 18 करोड़, हेलो के 13 करोड़, शेयर-इट, यूसी ब्राउजर के 12 करोड़ के आसपास यूजर्स हैं. ये आँकड़े 2019 के हैं.
ट्विवटर पर इन आँकड़ो को भारतीय विदेश मंत्रालय के पूर्व प्रवक्ता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के पूर्व राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने पर साझा किया है.
ये आँकड़े ये बताने के लिए काफ़ी है कि इन ऐप्स की भारत में उपलब्धता कितनी ज़्यादा है.
बहुत मुमकिन है कि अगर आप इनमें से किसी भी ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो वो आपके फ़ोन में अब भी काम कर रहा है.
कई लोगों का शेयर-इट काम कर रहा है, तो कई लोगों का टिकटॉक और कई लोगों का कैम- स्कैनर. लेकिन अगर आप चाहे कि अब नए सिरे से टिकटॉक को डाउनलोड कर लें तो ये अब नहीं हो पाएगा. ऐपल और गूगल दोनों ने इसे अपने ऐप स्टोर से डिलीट कर दिया है.
ऐसे में सवाल उठता है कि आख़िर ये बैन कैसे काम करेगा?
सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहीं पर भी चीन का ज़िक्र नहीं है, लेकिन जिन ऐप्स को प्रतिबंधित किया गया है, उनमें से कई सारे ऐप्स या तो चीन में बने हैं या उनका स्वामित्व चीनी कंपनियों के पास है. ना ही सरकार की प्रेस रिलीज़ में इस बात का भी जिक्र किया है कि सरकार इसके आगे क्या करने वाली है.
यही समझने के लिए हमने बात की आईटी एक्ट और साइबर क़ानून के जानकार विराग गुप्ता से.
उनके मुताबिक इस बैन को लागू करने में सरकार को चार क़दम उठाने पड़ेंगे.
पहला ये कि केंद्र सरकार की ओर से आईओएस और एंडरॉयड प्लेटफॉर्म को उनकेऐप स्टोर से एक निश्चित समयसीमा के अंदर हटाने का आदेश. ऐसा करने पर आप इन ऐप्स को आगे डाउनलोड नहीं कर पाएँगे क्योंकि इन्ही दोनों जगह से आप इन ऐप्स को डाउनलोड कर सकते हैं.
दूसरा क़दम ये होगा कि जिन लोगों के फोन पर ये ऐप काम कर रहा है, वहाँ इसे बंद किया जाए. इसके लिए सरकार को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को आदेश जारी करना होगा ताकि डाउनलोड किए गए ऐप की सर्विस ख़त्म हो जाए.
आँकड़ों की बात करें, तो देश में क़रीब 50 करोड़ स्मार्ट फोन हैं, जिनमें से तकरीबन 30 करोड़ लोग बैन किए गए 59 ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.
तीसरा क़दम ये हो सकता है कि सरकार उपभोक्ताओं से इस ऐप को डाउनलोड करने से मना करे. लेकिन सरकारी आदेश में इसका ज़िक्र अभी तक नहीं है. सरकारी आदेश में ना तो ये कहा गया है कि आप इन ऐप को डाउनलोड नहीं कर सकते या ऐसा करना ग़ैर-क़ानूनी है.
इसलिए विराग मानते हैं कि सरकारी आदेश को पढ़ कर ऐसा लगता है कि सरकार गूगल, ऐपल और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के ज़रिए ही ये ऐप बैन करना चाहती है.
इस बैन को लागू करने के लिए चौथा तरीक़ा भी है. जैसे पिछले दिनों सरकार ने पोर्न साइट पर बैन लगाया था. कई साइट को लोग चोर दरवाज़े के ज़रिए आज भी खोल ही लेते हैं.
सरकार के ताज़ा बैन के बाद भी ऐसा ना हो कि इन ऐप्स का अनाधिकृत वर्ज़न(ब्लैक) मार्केट में उपलब्ध हो. केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देने की ज़रूरत होगा.
विराग कहते हैं कि सेकेंडरी मार्केट से इन ऐप्स का इस्तेमाल होगा, ये कोई नई बात नहीं है. लेकिन वो साथ में ये भी जोड़ते हैं कि सेकेंडरी मार्केट के बिज़नेस से इन कंपनियों को सीधे तौर पर फ़ायदा नहीं पहुँचेगा.
2018 के अक्तूबर में भारत के दूरसंचार विभाग ने देश में इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने वाले तमाम सर्विस प्रोवाइडर्स को आदेश दिया था कि वे 827 पॉर्न वेबसाइटों को ब्लॉक कर दें. ऐसा ही आदेश 2015 में भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिया था. जिसमें लगभग 850 पोर्न वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया गया था.
2018 के आदेश के बाद पोर्न वेबसाइटों को प्रतिबंधित करने की बात सामने आने के बाद ही पॉर्नहब ने अपनी एक दूसरी वेबसाइट भारतीय दर्शकों के लिए तैयार कर दी. इसकी जानकारी उन्होंने अपने ट्विटर पर भी दी. विराग इसी तरीक़े के इस्तेमाल की बात कर रहे हैं.
इस बारे में हमने देश के पूर्व नेशनल साइबर सिक्योरिटी को-ओर्डिनेटर गुलशन राय से बात की. उनके मुताबिक़ भारत सरकार ने अपने आदेश से स्पष्ट रूप से कह दिया है कि ये ऐप कंपनियाँ डेटा क़ानून और निजता के क़ानून का उलंघन कर रही हैं.
उनके ख़िलाफ़ सरकार के पास बहुत सारी शिकायतें मौजूद हैं. लेकिन अब सरकार और कंपनियों को आपस में बैठ कर इस पर बात करने की ज़रूरत है.
उनके मुताब़िक सरकार के पास तकनीकी रूप से कई तरीक़े हैं इन ऐप्स को ब्लॉक करने के और कंपनियों के पास भी तरीक़े हैं दूसरे तरीक़े से इस ब्लॉक को बाइपास करने के. लेकिन कंपनियों की मार्केट में जो साख़ है उसके मद्देनज़र वो ऐसा करना नहीं चाहेंगी और उन्हें ऐसा करना भी नहीं चाहिए.
साईबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल का मानना है कि बैन लगाना आसान है पर उसे लागू करे रखना मुश्किल हैं.
बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब जब ऐसे बैन लागू हुए हैं उनके इस्तेमाल में इजाफ़ा देखने को मिला है. उनके मुताबिक़ चूंकि ये ऐप दूसरे देशों में भी चलते हैं. तो अधिकांश भारतवासी वर्चुअल प्राईवेट नेटवर्क (VPN) के ज़रिए इसे इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं.
सरकार ज़्यादा से ज़्यादा वर्चुअल प्राईवेट नेटवर्क वालों को भी ऐसा करने से मना कर सकती है. लेकिन इसका बहुत फ़ायदा होते नहीं दिखा है.
बैन पर अमल नहीं किया गया तो क्या होगा?
विराग कहते हैं कि भारत के संघीय ढाँचे में ये एक मसला है. वो कहते हैं कि ऐसे ऐप्स को बैन करने का अधिकार तो केंद्र सरकार के पास है. लेकिन लॉ एंड आर्डर राज्य सरकारों के पास हैं.
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि आईटी एक्ट के तहत इसको ना मानने पर कंपनी के ख़िलाफ़ धारा 66 और धार 43 के अंतर्गत मुक़दमा दर्ज हो सकता है. इसमें तीन साल की जेल और 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन बेल मिल सकती है.
पवन दुग्गल का कहना है कि उपभोक्ता के पास अगर ऐप फ़ोन पर मौजूद है तो उस पर कोई कार्रवाई का प्रावधान नहीं हैं.
यहाँ एक और बात जानना ज़रूरी है कि इस आदेश को टिकटॉक ने अंतरिम आदेश करार दिया है. टिकटॉक की तरफ़ से जारी बयान में उन्होंने सफ़ाई दी है कि वे भारत सरकार के आदेश को मानने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं.
टिकटॉक ने कहा है- हमलोग सरकार के सामने अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे हैं. टिकटॉक डेटा की निजता और भारतीय क़ानून के हिसाब से सुरक्षा ज़रूरतों का पालन करता है. हम भारतीयों का डेटा किसी भी विदेशी सरकार के साथ साझा नहीं करते हैं. यहां तक कि चीन को सरकार को भी नहीं देते हैं. हम यूज़र्स की निजता का मज़बूती से सम्मान करते हैं.विराग गुप्ता की मानें तो अंतरिम आदेश का मतलब ये कि इसको क़ानूनी जामा पहनाने के लिए एक कमेटी से पारित कराना होगा और ऑर्डर की शक्ल देनी होगी. (bbc.com/hindi)
गुवाहाटी, 30 जून (भाषा)। असम के 33 में से 25 जिले बीते सोमवार को बाढ़ की चपेट में आ गए तथा बाढ़ के कारण चार और लोगों के मरने के कारण अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने यह जानकारी दी। इस बीच राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश जारी है।
प्राधिकरण के अनुसार, डिबू्रगढ़ में दो तथा बरपेटा एवं गोआलपाड़ा जिलों में एक-एक व्यक्ति की जान चली गयी।
धेमाजी, लखीमपुर, उदालगिरि, चिरांग, दरांग, नलबाड़ी, बरपेटा, बोंगाईगांव, कोकराझाड़, धुबरी, दक्षिण सालमारा, गोआलपाड़ा, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), मोरीगांव, होजाई, नगांव, गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिबसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और पश्चिमी कर्बी आंगलोंग जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
प्राधिकरण के अनुसार, बराक घाटी को छोडक़र राज्य के अधिकांश हिस्सों के 72 राजस्व क्षेत्रों में 2,402 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ से विभिन्न जिलों के तकरीबन 13 लाख लोग प्रभावित हैं।
बरपेटा, दक्षिण सालमारा और नलबाड़ी जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। तकरीबन 27,500 लोग 12 जिलों के 273 राहत शिविरों में रह रहे हैं।
बाढ़ की सबसे अधिक मार बरपेटा पर पड़ी है, जहां तीन लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। दक्षिण सालमारा में 1.95 लाख, नलबाड़ी में 1.17 लाख तथा मोरीगांव एवं धेमाजी जिले में एक-एक लाख लोग बाढ़ से बेहाल हैं।
बाढ़ में 10,200 से अधिक लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें आपदा प्रबंधन के कर्मचारी निकालने में लगे हुए हैं। बाढ़ के कारण 83,168 हेक्टेयर की फसल डूब गई है।
ब्रह्मपुत्र नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं।
एएसडीएम की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बाढ़ के कारण दो राष्ट्रीय अभयारण्य भी प्रभावित हुए हैं। काजीरंगा राष्ट्रीय अभयारण्य में वन अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे 203 शिविरों में से 146 बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, नौ शिविरों को खाली करा दिया गया है। ओरांग में कुल 40 शिविरों में 22 प्रभावित हुए हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स ने केंद्रीय जल आयोग के हवाले से बताया है कि ब्रह्मपुत्र नदी नेमतीघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, गोआलपाड़ा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। राज्य की सात अन्य नदियां भी विभिन्न जगहों पर लाल निशान के ऊपर बह रही हैं।
बीते मई महीने में असम में बाढ़ से 11 जिलों 321 गांवों में लगभग तीन लाख लोग प्रभावित हुए थे। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया था कि गोआलपाड़ा जिला बाढ़ से सर्वाधिक हुआ था, जहां से दो लाख से अधिक लोगों को विस्थापित किया गया था। दीमा हजाओ जिले में तीन गांवों में भूस्खलन ने 18 घर नष्ट हुए थे, अन्य जगहों पर तीन पुल बह गए और करीब 240 किमी सडक़ें क्षतिग्रस्त, अवरुद्ध या जलमग्न थे।
बीते दो जून को असम की बराक घाटी स्थित हैलाकांडी, करीमगंज और सिलचर जिलों में भारी बारिश की वजह से हुए भूस्खलन की चपेट में आने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई।
नई दिल्ली( 30 जून )। कोरोना के प्रसार को लेकर दुनियाभर के देशों के निशाने पर आए चीन में एक नए तरह का स्वाइन फ्लू मिला है जिसने वैज्ञानिकों को भी परेशानी में डाल दिया है। जिस वक्त कोरोना जैसी महामारी दुनिया में कोहराम मचा रही है, उस दौर में इस नए वायरस का मिलना किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है।
अमेरिकी साइंस जर्नल PNAS में प्रकाशित रिसर्चर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह नया स्वाइन फ्लू 2009 में पूरी दुनिया में फैले H1N1 स्वाइन फ्लू की ही अनुवांशिक वंशज है, लेकिन उससे कहीं ज्यादा खतरनाक है। चीन की कई यूनिवर्सिटी और चीन के सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के वैज्ञानिकों ने कहा है कि नया स्वाइन फ्लू इंसानों को बहुत बीमार कर सकता है।
इस स्वाइन फ्लू को लेकर हुई रिसर्चर्स का कहना है कि नए स्वाइन फ्लू का संक्रमण अगर कोरोना महामारी के दौरान फैल गया तो दुनिया जल्द ही एक और मुसीबत से जूझेगी। इस नए स्वाइन फ्लू का नाम जी4 (G4) रखा गया है और चीन के वैज्ञानिकों ने इसे खोजने के लिए साल 2011 से 2018 तक रिसर्च किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान वैज्ञानिकों ने चीन के 10 राज्यों से 30 हजार सुअरों के नाक से स्वैब लिया और उसकी जांच में पता चला कि चीन में 179 तरह के स्वाइन फ्लू हैं। इस सभी स्वाइन फ्लू में से जी4 को अलग किया गया और पाया गया कि ज्यादातर सुअर इसी से संक्रमित हैं।
इस फ्लू को लेकर पता चला है कि ये फ्लू 2016 से सुअरों में पनप रहा है। जांच में यह भी पता चला कि सीजनल फ्लू होने से किसी इंसान को जी4 (G4) स्वाइन फ्लू से इम्यूनिटी नहीं मिलेगी और यह किसी को भी भयानक रूप से बीमार कर सकता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि चीन में सुअरों के फार्म में काम करने वाले 10 प्रतिशत लोगों में जी4 (G4) का संक्रमण मिला है। वैज्ञानिकों ने ऐसे लोगों का एंटीबॉडी टेस्ट किया था, जिसके बाद जी4 के संक्रमण की पुष्टि हुई है।
गंभीर बात ये है कि, चीन की करीब 4.4 फीसदी आबादी जी4 से संक्रमित हो चुकी है और वायरस सुअरों से इंसानों में पहुंच गया है। हालांकि इसके इंसानों के जरिए इंसानों में पहुंचने के सबूत नहीं मिले हैं। चीनी वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अगर जी4 (G4) इंसानों से इंसानों में फैलता है तो यह एक खतरनाक महामारी का रूप ले सकता है, इसलिए सुअर पालन करने वालों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। कैंब्रिज यूनिर्सिटी में वेटरिनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख जेम्स वुड ने कहा कि इंसानों और जंगली जानवरों के बढ़ते संबंधों की वजह से ही ऐसे वायरस और संक्रमण फैल रहे हैं इसलिए इंसानों को जंगली जानवरों से अपना संपर्क कम करना होगा।
नई दिल्ली, 30 जून । भारत सरकार द्वारा चीन से जुड़े 59 मोबाइल ऐप पर सोमवार को प्रतिबंध लगाए जाने के बाद चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा है कि उनका देश इस कदम से बेहद चिंतित है, और स्थिति की पुष्टि कर रहा है। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने मंगलवार को ट्वीट के जरिये दी है। सरकार ने चीन को तगड़ा झटका देते हुए सोमवार को 59 चीनी ऐप को प्रतिबंधित कर दिया है। जिनको बैन किया गया है, उनमें टिकटॉक, यूसी ब्राउजर, वीचैट, शेयरइट और कैम स्केनर समेत अन्य शामिल हैं। यहां क्लिक करके देखें बैन किए गए ऐप्स की पूरी लिस्ट।
सरकार ने सोमवार को बयान में कहा था कि उपलब्ध सूचना के आधार पर ये ऐप्स उन गतिविधियों में लगे हुए हैं जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, सुरक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरनाक हैं।
भारत में चीन के ऐप बैन किए जाने के बाद चीनी कंपनियों की ओर से प्रतिक्रिया आ रही है। टिकटॉक ने अपनी सफाई में कहा कि हम किसी प्रकार डाटा चीन के साथ साझा नहीं करते हैं। टिकटॉक इंडिया के प्रमुख निखिल गांधी ने कहा, हमें संबंधित सरकारी स्टेकहोल्डर्स (हितधारक) के साथ मिलकर जवाब देने और स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि टिकटॉक चीन की सरकार के साथ किसी प्रकार की जानकारी साझा नहीं करती है।
वहीं, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्लब फैक्टरी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि क्लब फैक्टरी सभी क्षेत्रीय नियमों और विनियमों का कड़ाई से पालन करता है और उपयोगकर्ताओं के आंकड़ों और निजता के मामले में उच्च मानक बनाए रखता है। हम यूजर्स की सुरक्षा और निजता के साथ कोई समझौता नहीं करते हैं।
सरकार की ओर से 59 चीनी ऐप को बंद करने का आदेश देने के बाद गूगल और एपल ने अपने स्टोर से ऐप को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। टिकटॉक को गूगल प्लेस्टोर और ऐप स्टोर से हटा दिया गया है।(ani)
नई दिल्ली, 29 जून । चीन से तनाव के बीच दोस्तों से मारक हथियार हासिल करने में जुटा भारत। इजरायल ने करगिल जंग के दौरान भी भारत को मारक हथियार उपलब्ध कराए थे। चीन के साथ तनाव के बाद इजरायल भारत को कई ऐसे मारक हथियार देने वाला है जिसका जवाब चीन के पास नहीं होगा। रूस ने भी एस-400 की जल्द आपूर्ति का वादा कर दिया है।
लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय थल सेना और वायु सेना ने साथ में युद्धाभ्यास किया। युद्धाभ्यास में सुखोई और चिनूक हेलिकॉप्टर भी शामिल किए गए। बताया जा रहा है कि इस युद्धाभ्यास का मकसद दोनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना है। ये युद्धाभ्यास चीन से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी के रूप में किया जा रहा है।
फ्रांस के साथ हुए खरीद समझौते के तहत भारत को 36 राफेल जेट मिलने वाले हैं। पहला राफेल 27 जुलाई को भारत को मिल जाएगा। योजना के मुताबिक पहले 4 राफेल लड़ाकू विमान अंबाला आने वाले थे लेकिन फ्रांस अब कुछ ज्यादा संख्या में लड़ाकू विमानों के भेजेगा। 8 विमानों को सर्टिफिकेशन मिलने वाला है। राफेल विमान को आसमान को अजेय योद्धा माना जाता है। हवा से हवा में मार करने वाले लंबी दूरी की मिसाइलों से इसे लैस किया जा सकता है। इसका निशाना अचूक होता है।
भारत को रूस जल्द ही भारत के मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 मुहैया कराएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मास्को दौरे के दौरान रूस जल्दी ही इस सिस्टम को उपलब्ध कराने पर सहमत हो गया है। भारत ने अमेरिका से एम777 का ऑर्डर दिया है। यह हथियार पहाड़ी इलाकों में लडऩे के लिए काफी कारगर होता है।(navbharat times)
नयी दिल्ली 29 जून (वार्ता)। वैश्विक महामारी कोरोना कोरोना वायरस (कोविड-19) की वजह से महाराष्ट्र, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और तमिलनाडु की स्थिति भयावह होती जा रही है तथा इन तीनों राज्यों में कोरोना से अब तक 329,978 लोग प्रभावित हो चुके हैं, जो देश में इस जानलेवा विषाणु की चपेट में आई कुल आबादी का 60.18 फीसदी है।
महाराष्ट्र में जहां कोविड-19 से 164,626 लोग संक्रमित हुए हैं, वहीं दिल्ली में अब तक 83,077 लोग तथा तमिलनाडु में 82,275 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 19,459 नये मामले दर्ज किये गये हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 548,318 हो गई है। देश में अब तक इस महामारी से कुल 16475 लोगों की मौत हुई है तथा 321723 कोरोना मुक्त हो गए हैं। देश में इस समय कोरोना के 210,120 सक्रिय मामले हैं।
नई दिल्ली, 28 जून। विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों के बोर्ड ने देश के छह राज्यों में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और गवर्नेस में सुधार के लिए 50 करोड़ डॉलर का ऋण दिए जाने को अनुमोदित कर दिया है।
विश्व बैंक ने आज यहां जारी बयान में कहा कि उसके कार्यकारी निदेशकों के बोर्ड की हाल ही हुयी बैठक में यह अनुमोदन किया गया है। इससे देश के छह राज्यों के 15 लाख स्कूलों में पढऩे वाले 6 से 17 वर्ष आयु वर्ग के 25 करोड़ छात्रों और एक करोड़ शिक्षकों को लाभ होगा। यह राशि स्ट्रेथेनिंग टीचिंग-लर्निंग एंड रिजल्ट फॉर स्टेट्स प्रोग्राम (स्टार्स) के लिए मंजूर की गयी है।
यह कार्यक्रम भाारत और विश्व बैंक की भागीदारी से वर्ष 1994 से संचालित हो रहा है। इसके शुरू होने से पहले भी विश्व बैंक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए तीन अरब डॉलर से अधिक दे चुका है।
बैंक ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर समग्र शिक्षा कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है और इसके तहत हिमाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाने का लक्ष्य रखा गया है। (वार्ता)
नई दिल्ली, 28 जून। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की जिंदगी बचाने में जुटे लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) के एक डाक्टर की कोरोना से रविवार को मृत्यु हो गई।
अस्पताल सूत्रों ने आज बताया कि मृतक डाक्टर कोरोना प्रबंधन के आईसीयू वार्ड में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ के रुप में तैनात थे। कोरोना से संक्रमित होने पर डाक्टर को 9 जून को दक्षिणी दिल्ली के साकेत मैक्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था जहां आज सुबह उनकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि दिल्ली कोरोना संक्रमितों की संख्या के केस में महाराष्ट्र के बाद देश में दूसरे स्थान पर है। दिल्ली में कुल 80188 कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और 2568 की मौत हो चुकी है। राजधानी में 2948 नए मामले सामने आए और 66 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान 2210 लोग इस महामारी से उबरने में कामयाब रहे। दिल्ली में अब तक कुल 49301 लोग इस महामारी से उबर चुके हैं जबकि 2558 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी में कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए केंद्र भी सक्रिय हो चुका है। (वार्ता)
इंदौर, 28 जून । हनीट्रैप मामले में कई नेताओं और अधिकारियों के वीडियो सामने लाकर सुर्खियों में आए सांध्य अखबार के मालिक जीतू सोनी को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया गया है। जीतू सोनी के भाई महेंद्र सोनी को पिछले दिनों क्राइम ब्रांच की टीम ने गुजरात से गिरफ्तार किया था। वहीं, पुलिस के पहुंचने से पहले जीतू सोनी फॉर्म हाउस से फरार हो गया था। इंदौर के डीआईजी ने जीतू सोनी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
जीतू सोनी की गिरफ्तारी को लेकर इंदौर पुलिस शाम 4 बजे खुलासा करेगी। दरअसल, एमपी हनीट्रैप के मामले उजागर होने के बाद, उसकी जांच एसआईटी कर रही है। जीतू सोनी इंदौर में एक सांध्य अखबार चलाता था। उसने हनीट्रैप से जुड़े कई वीडियो को सामने लाया था। उसके बाद पुलिस ने जीतू सोनी के अवैध कारनामों का खुलासा शुरू कर दिया। जीतू सोनी अखबार की आड़ में इंदौर शहर में कई काले कारनामों को अंजाम दे रहा था।
जीतू सोनी ने पत्रकारिता की आड़ में इंदौर में कई गोरखधंधे को अंजाम दे रहा था। जिसमें होटल और डांस बार के संचालन से लेकर अवैध तरीके से फ्लैट और फ्लॉट का कब्जा तक शामिल था। जीतू के साम्राज्य के बारे में पुलिस ने जब खुलासा किया तो इंदौर के लोग भी हैरान रह गए थे। उसके डांस बार पर छापेमारी की गई तो 76 लड़कियों को बाहर निकाला गया। जिन्हें अवैध तरीके से जीतू ने कैद कर रखा था।
इंदौर पुलिस ने जीतू के कई अवैध बंगले और होटल को भी तोड़ा है। जिसे जीतू ने पत्रकारिता की आड़ में गलत तरीके से बनाया था। जीतू की तूती इंदौर में इतनी बोलती थी, कानून का उसका सामने कुछ नहीं चलता था। जांच के दौरान यह भी बात सामने आई थी, कुछ अधिकारियों ने भी उसकी मदद की है।
जीतू के खिलाफ इंदौर में दर्जनों केस दर्ज हैं। जिसमें धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के मामले ज्यादा हैं। अखबार में खबरों के जरिए वह लोगों को ब्लैकमेल करता था। साथ ही उनसे मोटी रकम वसूलता था। जीतू पर यह भी आरोप लगा है कि अपने डांस बार में वह सफेशपोशों को बुलाकर उन्हें ट्रैप करता था और उनसे रकम की वसूली करता था। अपने काले कारनामों से जीतू ने इंदौर में अरबों रुपये की संपत्ति बनाई है। जिसे माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के दौरान नेस्तनाबूद भी किया गया है। (navbharattimes.indiatimes.com)
नयी दिल्ली, 28 जून। देश में कोरोना महामारी को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में हिंदी प्रकाशन जगत की खस्ता हालत को देखते हुए हिंदी प्रकाशक संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक विशेष पैकेज देने की मांग की है।
हिंदी प्रकाशन संगठन के अध्यक्ष अरुण माहेश्वरी ने श्री मोदी को पत्र लिखकर हिंदी प्रकाशन जगत को बचाने के लिए 15 सूत्री मांग रखी है। उन्होंने पत्र में कहा है कि कोरोना ने देश की अर्थव्यस्था को प्रभावित तो किया है लेकिन हिंदी प्रकाशन जगत को कुछ ज्यादा ही नुकसान हुआ क्योंकि इस दौरान किताबों की खरीद बिक्री बिल्कुल बंद रही। उन्होंने कहा कि प्रकाशकों को काग•ा पर 12 प्रतिशत, छपाई पर 12 प्रतिशत और बंधन पर 18 प्रतिशत तथा रॉयल्टी पर 18 प्रतिशत जीएसटी देनी पड़ती है।
श्री माहेश्वरी ने कहा कि श्री मोदी ने बीस लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है जिसमें एक छोटा हिस्सा हिंदी प्रकाशन जगत के लिए भी रखें। उन्होंने श्री मोदी से अपील की है कि वे मन की बात में किताबों के बारे में कुछ कह कर लोगों को प्रेरित करें। देश मे 35 लाख धार्मिक स्थल हैं। अगर हर धर्मिक स्थल में एक छोटा पुस्तकालय हो और उनमें पढऩे की संस्कृति पैदा हो तो हिंदी प्रकाशन जगत फल-फूल सकता है।
उन्होंने देश मे पुस्तक प्रकशन को यूरोप और अमेरिका की तरह आवश्यक सेवा में शामिल करने तथा उद्योग का दर्जा देने की मांग की। इसके साथ देश के पंचायतों में नगर निगमों, नगर पालिकाओं में भी पुस्तकालय, वाचनालय खोले जाने और छोटे प्रकाशकों को रियायत एवं सुविधाएं दिए जाने की माँग की है ताकि इसे बचाया जा सके। (वार्ता)
नयी दिल्ली 28 जून। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 2,31,095 नमूनों की जांच की गयी जिससे अब तक जांच किये गये नमूनों की कुल संख्या बढ़कर 82,27,802 हो गयी है।
केंद्रीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान देश में कोविड-19 की जांच करने वाली लैब की संख्या बढ़कर 1,036 हो गयी है। इन सभी लैब में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 2,31,095 नमूनों की जांच की, जिससे अब तक जांच किये गये कुल नमूनों की संख्या बढ़कर 82,27,802 हो गयी है।
पिछले पांच दिन से प्रतिदिन दो लाख से अधिक नमूनों की जांच की जा रही है। (वार्ता)
भारत सहित दुनिया पर होंगे ये असर
डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट 2020 इन फिगर्स रिपोर्ट में कोविड-19 महामारी से भारत सहित दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।
नोवेल कोरोनावायरस महामारी (कोविड-19) अप्रैल 2020 तक पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन गई। मार्च के मध्य तक इसने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया और दुनिया को अभूतपूर्व संकट में धकेल दिया। 26 जून 2020 तक दुनियाभर के 188 देशों में 97 लाख लोग वायरस से संक्रमित हो चुके थे। जबकि 4.92 लाख लोग इसकी चपेट में आकर मारे जा चुके हैं। वैश्वीकृत दुनिया में यह महामारी व्यापार के लिए एक से दूसरी जगह में जाने वाले लोगों के माध्यम से फैली है। यह 1919-20 में विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों के माध्यम से फैले स्पेनिश फ्लू महामारी से भिन्न है। इस महामारी ने स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को गहरे संकट में डाल दिया है। इतिहास में पहली बार गतिशीलता पर अंकुश लगा है।
सेंटर फॉर इकॉनोमिक पॉलिसी रिसर्च के अर्थशास्त्रियों के समूह का अनुमान है कि विश्व के दो तिहाई देशों का उत्पादन और आमदनी कंटेनमेंट नीतियों से जुड़ी है। इंटरनेशनल माइग्रेशन ऑर्गनाइजेशन ने महामारी को गतिशीलता का संकट बताया है जो अप्रत्याशित प्रकृति का है। आधुनिक अर्थव्यवस्था हर व्यक्ति किसी न किसी का आर्थिक हित या निवेश है। गतिशीलता के बिना इस अर्थव्यवस्था की सांसें रुक जाएंगी। संक्रमण रोकने के लिए महामारी के कर्व को फ्लैट करना या इसके फैलाव की दर को कम करना हर देश का मकसद बन गया है। देश लंबे समय तक लॉकडाउन लागू कर रहे हैं। व्यापक पाबंदियां लगातार जितनी तेजी से हम कर्व को फ्लैट करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे, अर्थव्यवस्था भी उतनी ही तेजी से पंगु बनती जाएगी। वायरस को फैलने से रोकने के लिए हमें आर्थिक ठहराव का भी जोखिम उठाना होगा।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) का अनुमान है कि 2.5 करोड़ लोग बेरोजगार हो जाएंगे और कामगारों की 3.4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा। आईएलओ का कहना है कि यह अनुमान कम से कम है। यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम का अनुमान है कि केवल विकासशील देशों में आय का नुकसान 220 बिलियन डॉलर तक हो सकता है। अनुमान के मुताबिक, 55 प्रतिशत वैश्विक आबादी सामाजिक सुरक्षा से वंचित है। आर्थिक नुकसान इसे और बढ़ा सकता है। गतिशीलता में अंकुश लगने से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई संभव नहीं है। यूनाइटेड नेशंस कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट के अनुसार, 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर दो प्रतिशत घट सकती है। इसका मतलब है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा। इंटनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, विश्व में आर्थिक गतिविधियों का एक प्रतिशत कम होने का मतलब है गरीबी का दो प्रतिशत बढ़ जाना। विश्व बैंक का अनुमान है कि स्वास्थ्य पर अप्रत्याशित खर्च बढऩे से 10 करोड़ लोग भीषण गरीबी की दलदल में पहुंच जाएंगे।
सुबह दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों से होता हुआ टिड्डी दल रात को टिड्डीदल अलीगढ़ पहुंच गया
-रणविजय सिंह
उत्तर प्रदेश के नोएडा, बुलंदशहर के आसमान में उड़ते हुए टिड्डी दल 27 जून की शाम को अलीगढ़ पहुंच गया। अलीगढ़ के कलाई गांव में टिड्डी दल ने पड़ाव डाला है। टिड्डी दल का पीछा करते हुए कृषि विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई है।
अलीगढ़ के कृषि रक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि टिड्डी दल आज शाम को बुलंदशहर से अलीगढ़ में प्रवेश कर गया। हम लोगों ने करीब 25-30 किलोमीटर इसका पीछा किया है और अभी यह दल कलाई गांव में बैठ गया है। हम मौके पर पहुंच रहे हैं और इन्हें खत्म करने की कार्रवाई की जाएगी।
राजेश कुमार ने बताया कि अलीगढ़ के कलाई गांव पहुंचने से पहले टिड्डी दल अलीगढ़ के अलग-अलग गांव जैसे - बरौली, पिपलौठ होते हुए गुजरा है। हालांकि लोगों की सतर्कता और तेज हवा की वजह से यह दल इन गांव में नहीं बैठा। कलाई गांव पहुंचते-पहुंचते अंधेरा हो गया तो दल ने इस गांव में डेरा जमा लिया है।
इससे पहले टिड्डी दल आज दिन भर नोएडा और बुलंदशहर के आसमान में देखा गया। नोएडा के दनकौर क्षेत्र और बुलंदशहर के खुर्जा विकास खंड के ऊपर से उड़ते हुए यह दल अलीगढ़ में प्रवेश कर गया। बुलंदशहर के कृषि रक्षा अधिकारी अमरपाल बताते हैं, हमारे यहां सिकंदरा ब्लॉक के कुछ गांव और खुर्जा विकास खंड के कुछ गांव के ऊपर से उड़ते हुए टिड्डी दल अलीगढ़ चला गया। इस दल ने कुछ खास नुकसान नहीं किया है।
बुलंदशहर और अलीगढ़ के जिस क्षेत्र से टिड्डी दल गुजरा है वहां के किसानों ने मक्के की खेती और सब्जियां उगाई हैं। इसके अलावा अभी धान की रोपाई भी चल रही है। हालांकि कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दल ने फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया।
बुलंदशहर के कृषि रक्षा अधिकारी अमरपाल कहते हैं, फसलों को नुकसान इसलिए नहीं हुआ क्योंकि हवा बहुत तेज थी। इसकी वजह से टिड्डी दल कहीं भी रुका नहीं। दूसरा यह कि कृषि विभाग के अधिकारी और किसान पहले ही सतर्क थे। ऐसे में जब दल गांव के ऊपर से गुजरता तो लोग थाली, तसला और इस तरह की अन्य चीजें बजा रहे थे जिससे दल यहां से भाग गया।
फिलहाल टिड्डी दल अलीगढ़ के कलाई गांव में डेरा जमा चुका है। इस गांव और आस-पास के क्षेत्र के किसानों ने भी मक्के और धान की खेती की है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि टिड्डी दल इन फसलों को नुकसान पहुंचाएगा। हालांकि मौके पर कृषि विभाग की टीम पहुंच गई है जो टिड्डियों पर कीटनाशक का छिड़काव कर रही है जिससे इन्हें खत्म किया जा सके। (down to earth)
लखनऊ, 27 जून । पशुधन विभाग में टेंडर के नाम पर हुई 9.72 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में एसटीएफ ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आरोपी लखनऊ में सुनार है और दूसरा गोरखपुर का रहने वाला है। धोखाधड़ी से आई मोटी रकम के एक हिस्से को फर्जी कंपनी के जरिए ठिकाने लगाया था। उधर, मामले की विवेचना कर रही लखनऊ पुलिस ने मुख्य आरोपित आशीष राय, पत्रकार अनिल राय, राज्य मंत्री के प्रधान सचिव समेत सातों आरोपियों को पूछताछ के लिए दो दिनों की रिमांड पर लिया है।
गिरफ्तार आरोपितों में से सुनार सचिन वर्मा गोमती नगर के विभव खंड का रहने वाला है। सचिन की गोमती नगर के पत्रकारपुरम स्थित गोमती प्लाजा में एसएन ज्वैलर्स के नाम से दुकान है। एसटीएफ के मुताबिक सचिन मुख्य आरोपित आशीष राय को कई वर्षों से जानता है। आशीष ने वर्ष 2018 में सचिन को बताया था कि धोखाधड़ी की बड़ी रकम आनी है। इसके लिए रजिस्टर्ड फर्म हो और उसके नाम से बैंक खाते की जरूरत है।
आशीष के कहने पर सचिन ने अपने परिचित गोरखपुर के त्रिपुरेश पांडेय उर्फ रिंकू को अपनी दुकान के उपर एक कमरा किराये पर दे दिया। फिर परिचित सीए जीतेंद्र पटेल की मदद से आरके ट्रेडर्स नाम से फर्म बनाई और उसका एक बैंक खाता इलाहाबाद बैंक की विवेक खंड शाखा में खुलवा दिया। बाद में आशीष राय ने इसी फर्म के खाते में 2018 में 26 सितंबर, छह व 16 अक्टूबर को 72 लाख 12 हजार रुपये जमा करवाए। यह रकम मंजीम सिंह भाटिया के फर्म के खाते से आरटीजीएस के जरिए जमा हुई थी।
बाद में सचिन व त्रिपुरेश ने अपने हिस्से के 20 फीसदी लेकर बाकी रकम निकालकर आशीष राय को दे दी। सचिन के मुताबिक आरके ट्रेडर्स के खाते में से 13 लाख रुपये उसने अपनी फर्म नारायण ज्वैलर्स के खाते में ट्रांसफर करवाकर निकाल लिए। सचिन ने बताया कि उसने वर्ष 2014 में अपने नाम से विनय खंड के पते पर आशीष के लिए टाटा सफारी स्टार्म गाड़ी निकलवाई थी। उसने बताया कि आशीष अक्सर अपनी काली कमाई को उसके जरिए सफेद करता था। सचिन व त्रिपुरेश के पास से धोखाधड़ी में इस्तेमाल हुई चेकबुक, आरके ट्रेडर्स पत्रकारपुरम का लेटर पैड और दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
डीजीपी मुख्यलाय ने एसटीएफ से इस मामले में संलिप्त पाए गए दोनों आईपीएस अफसरों के खिलाफ मिले साक्ष्यों और उनकी भूमिका के बारे में रिपोर्ट मांगी है। इन दोनों ही अफसरों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है। इनमें से एक आईपीएस अफसर रिटायर हो चुके हैं। जबकि दूसरे अभी भी सेवा में हैं।(navbharat times)
हैदराबाद, 26 जून (वार्ता)। तेलंगाना में कोरोना के पिछले 24 घंटों में 985 नये मामले सामने आये हैं जिससे कुल संक्रमितों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 12,349 हो गई है।
तेलंगाना में कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की औसत दर राष्ट्रीय औसत दर से बेहतर होने के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल शनिवार को राज्य का दौरा कर अधिकारियों से चर्चा करेंगे और राज्य सरकार द्वारा कैंटोनमेंट को लेकर किये जा रहे उपायों की समीक्षा भी करेंगे।
राज्य के स्वास्थ्य और मेडिकल विभाग ने बुलेटिन जारी कर बताया कि पिछले 24 घंटों में सात मौतें हुई हैंं जिससे कुल मौतों की संख्या बढ़कर 237 हो गई है।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) में कोरोना संक्रमितों के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और शुक्रवार को 774 मामलों के साथ अबतक की सबसे भारी वृद्धि देखी गई है।
तेलंगाना में शुक्रवार को कोरोना से संक्रमित 78 मरीजों के स्वस्थ होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई जिससे कुल स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 4766 हो गई है वहीं राज्य में 7436 सक्रिय मामले सामने आये हैं।
तेलंगाना में शुक्रवार को 4734 नमूनों का परीक्षण हुआ है जिससे अबतक परीक्षण किये गये कुल नमूनों की संख्या बढ़कर 75,308 हो गई है।
नयी दिल्ली 27 जून (वार्ता)। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक 18,552 नये मामले सामने आये हैं जिससे संक्रमितों का आंकड़ा 5.08 लाख के पार हो गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण के 18,552 नये मामलों के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5,08,953 हो गयी है। पिछले 24 घंटों के दौरान इस बीमारी से हालांकि एक दिन पहले की तुलना में 23 कम 384 लोगों की मौत हुई है। इससे मृतकों की संख्या बढ़कर 15,685 हो गयी है। दूसरी तरफ इस बीमारी से निजात पाने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है और इसी अवधि में 10,244 रोगी ठीक हुए है , जिन्हें मिलाकर अब तक कुल 2,95,881 मरीज रोगमुक्त हो चुके हैं। देश में अभी कोरोना संक्रमण के 1,97,387 सक्रिय मामले हैं।
कोरोना महामारी से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में संंक्रमण के 5,024 मामले दर्ज किये गये और 175 लोगों की मौत हुई। इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,52,765 और मृतकों की संख्या बढ़कर 7,106 हो गयी है। राज्य में 79,815 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
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राजधानी दिल्ली में भी कोरोना महामारी ने कहर बरपा रखा है और संक्रमण तथा मौत के लगातार बढ़ते आंकड़ों के साथ अब यह देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। पिछले 24 घंटों में 3,460 नये मामले सामने आने के साथ कुल संक्रमितों का आंकड़ा 77,240 हो गया। इसी अवधि में 63 मरीजों की मौत होने के बाद मृतकों की संख्या 2,492 हो गयी। राजधानी में 47,091 मरीज रोगमुक्त हुए हैं , जिन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
कोरोना वायरस से प्रभावित होने के मामले में तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है, जहां कुल संक्रमितों की संख्या अब 74,622 पहुंच गयी है और अब तक इस वायरस से 957 लोगों की मौत हुई है। राज्य में अब तक 41,357 लोगों को उपचार के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। देश का पश्चिमी राज्य गुजरात कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या मामले में चौथे स्थान पर है, लेकिन मृतकों की संख्या के मामले में यह महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद तीसरे स्थान पर है। गुजरात में अब तक 30,098 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 1771 लोगों की मौत हुई है। राज्य में 22,030 लोग इस बीमारी से स्वस्थ भी हुए हैं।
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आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के अब तक 20,943 मामले सामने आए हैं तथा इस वायरस से 630 लोगों की मौत हुई है जबकि 13,583 मरीज स्वस्थ हो गए हैं।
राजस्थान में भी कोरोना का प्रकोप जोरों पर है और यहां संक्रमितों की संख्या 16,660 हो गयी है और अब तक 380 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13,062 लोग पूरी तरह ठीक हुए है। पश्चिम बंगाल में 16,190 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 616 लोगों की मौत हुई है और अब तक 10,535 लोग स्वस्थ हुए हैं। इस बीच हरियाणा में संक्रमितों की संख्या मध्य प्रदेश से ऊपर पहुंच गयी है हालांकि मृतकों की संख्या अब भी आधे से भी कम है। राज्य में 12,884 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 211 लोगों की मौत हुई है और अब तक 8016 लोग स्वस्थ हुए हैं।
मध्य प्रदेश में 12,798 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं और 546 लोगों की इससे मौत हुई है जबकि 9804 लोग स्वस्थ हुए हैं।
दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में 11,005 और आंध्र प्रदेश में 11,489 लोग संक्रमित हुए हैं तथा इन राज्यों में इससे मरने वालों की संख्या क्रमश: 180 और 148 है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,762 हो गई है और अब तक इससे 91 लोगों की मौत हुई है। इस महामारी से पंजाब में 122, बिहार में 58, उत्तराखंड में 37, केरल में 22, ओडिशा में 17 , छत्तीसगढ़ में 13, झारखंड में 12 , असम, पुड्डुचेरी और हिमाचल प्रदेश में क्रमश:नौ-नौ , चंडीगढ़ में छह, गोवा में दो तथा त्रिपुरा, लद्दाख और मेघालय में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
नई दिल्ली, 26 जून (वार्ता)। गांवों में आबादी वाले क्षेत्र की ड्रोन से मैपिंग कर भूमि का मालिकाना हक तय करने की केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना से देश में ड्रोन विनिर्माण और ड्रोन ऑपरेटरों की मांग बढ़ेगी जो लंबे समय के स्वदेशी ड्रोन उद्योग को तैयार करने में बेहद मददगार होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल अप्रैल में पंचायती राज दिवस के अवसर पर स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी। इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदार भारतीय सर्वेक्षण विभाग को सौंपी गई है जो भूमि की मैपिंग कर राज्य सरकारों को डाटा सौंप देगा। इसी डाटा के आधार पर स्थानीय सरकारें भूमि का स्वामित्व तय करेंगी।
भारत के महासर्वेक्षक गिरीश कुमार ने उद्योग महासंघ फिक्की द्वारा आज आयोजित एक वेबिनार में कहा कि इस योजना में देश के छह लाख से अधिक गांवों के आबादी वाले क्षेत्रों की पूरी मैपिंग की जानी है। इसके लिए बड़ी संख्या में ड्रोनों की आवश्यकता होगी
उन्होंने कहा कि भारतीय ड्रोन विनिर्माण उद्योग अभी शुरुआती चरण में है। कोई भी स्टार्टअप कंपनी इतनी बड़ी संख्या में आपूर्ति करने में सक्षम नहीं होगी इसलिए एक बड़े ऑर्डर की निविदा जारी करने की बजाय छोटे-छोटे ऑर्डरों की निविदायें जारी की जाएगी ताकि स्टार्टअप को मौका मिल सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें गुणवत्ता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत मैपिंग का काम तकरीबन पांच साल तक चलने का अनुमान है। इस दौरान बड़ी संख्या में ड्रोन पायलटों की भी जरूरत होगी। न सिर्फ ऑपरेटरों को ड्रोन चलाने की जानकारी होनी चाहिए बल्कि योजना की जरूरत के हिसाब से उन्हें भूमि के मैपिंग की भी बुनियादी जानकारी होनी चाहिए। देश में ऐसा कोई संस्थान नहीं है जहां इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा हो। इसे देखते हुए भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने स्वयं प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार करने और प्रशिक्षण देने का फैसला किया है।
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र में प्रयोग के आधार पर इस योजना की शुरुआत की गई थी। इसके बाद कुछ अन्य राज्यों में भी प्रयोग हो चुका है। इसमें त्रुटि की संभावना 10 सेंटीमीटर से भी कम होगी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव अंबर दुबे ने कहा कि देश में ड्रोन के इस्तेमाल की अपार संभावनाएं हैं। मौजूदा सरकार हर प्रस्ताव पर खुले मन से विचार कर जल्दी फैसला लेने में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में टिड्डी दलों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने ड्रोन से रसायन के छिड़काव की अनुमति मांगी थी। इस पर एक दिन से भी कम समय में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्वीकृति दी थी।
श्री दुबे ने कहा कि मैपिंग के अलावा कृषि, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, कानून व्यवस्था बनाये रखने और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है। सरकार आने वाले समय में पायलट की ²श्य सीमा से बाहर ड्रोन उड़ाने और रात में ड्रोन उड़ाने की अनुमति देने पर भी विचार कर रही है।
नई दिल्ली, 26 जून (वार्ता)। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती से संबंधित अपने विवादित बयान को लेकर विभिन्न राज्यों में प्राथमिकी का दंश झेल रहे टेलीविजन पत्रकार अमिश देवगन को उच्चतम न्यायालय से शुक्रवार को फौरी राहत मिली, जिसने उनके खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की अवकाशकालीन खंडपीठ ने अमिश देवगन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लुथरा की दलीलें सुनने के बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में दर्ज प्राथमिकी की जांच और किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी।
न्यायालय ने इस मामले में केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया। खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में करने का निर्णय लिया तथा सभी प्रतिवादियों से अगली सुनवाई तक जवाब दाखिल करने को कहा।
इससे पहले श्री लुथरा ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को विभिन्न राज्यों की पुलिस पूछताछ के लिए बुला रही है, जबकि याचिकाकर्ता ने अनजाने में हुई अपनी गलती के लिए अगले ही दिन खेद व्यक्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि श्री देवगन के मुंह से 'खिलज' के बजाय 'चिश्त' निकल गया था, जिसके लिए उन्होंने पहले ही खेद व्यक्त कर दिया है।
न्यायालय ने सभी प्राथमिकियों की जांच एवं दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए श्री लुथरा को निर्देश दिया कि वह इस याचिका की प्रतियां सभी प्रतिवादियों और शिकायतकर्ताओं को सौंपें।
गौरतलब है कि टेलीविजन चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान पिछले दिनों श्री देवगन ने 'चिश्ती' को आक्रांता बताया था, जिसके बाद उनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में कई प्राथमिकियां दर्ज की जा चुकी हैं।
नई दिल्ली, 26 जून (वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं एवं 12वीं की रद्द परीक्षाओं के लिए आंतरिक आकलन के आधार पर परीक्षा परिणाम जारी करने की योजना के बोर्ड के मसौदे को शुक्रवार को मंजूर कर लिया।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सीबीएसई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ के कल के आदेश के अनुरूप नई अधिसूचना का मसौदा पेश किया, जिसे उसने स्वीकार कर लिया।
न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया कि 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं को रद्द करने और उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सीबीएसई के आदेश का नियमन नयी अधिसूचना के तहत किया जाएगा।
श्री मेहता ने न्यायालय को बताया कि सीबीएसई एक घंटे के भीतर ही नई अधिसूचना जारी करेगा, क्योंकि विद्यार्थी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेण्ड्री एजुकेशन (आईसीएसई) ने एक सप्ताह के भीतर नई अधिसूचना जारी करने की बात की।
नयी दिल्ली, 26 जून (वार्ता)। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से दिल्ली में पेट्रोल भी 80 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया है।
राष्ट्रीय राजधानी में 20 महीने बाद पेट्रोल 80 रुपये से महँगा बिक रहा है। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को पेट्रोल की कीमत 21 पैसे बढ़कर 80.13 रुपये प्रति लीटर पर पहुँच गई जो 27 अक्टूबर 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है। डीजल का मूल्य भी 17 पैसे बढ़कर 80.19 रुपये प्रति लीटर के नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया।
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इस महीने 07 तारीख से तेल विपणन कंपनियों ने दोनों जीवाश्म ईंधनों के दाम बढ़ाने का क्रम शुरू किया है। इस दौरान दिल्ली में पेट्रोल 8.87 रुपये यानी 12.45 प्रतिशत महँगा हुआ है। लगातार 20 दिन में डीजल की कीमत 10.80 रुपये यानी 15.56 प्रतिशत बढ़ गई है।
कोलकाता और मुंबई में भी पेट्रोल की कीमत 21-21 पैसे बढ़कर क्रमश: 81.82 रुपये और 86.91 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रही। चेन्नई में यह 19 पैसे चढ़कर 83.37 रुपये प्रति लीटर पर रहा।
डीजल कोलकाता में 16 पैसे महँगा होकर 75.34 रुपये, मुंबई में 17 पैसे महँगा होकर 78.51 रुपये और चेन्नई में 15 पैसे की तेजी के साथ 77.44 रुपये प्रति लीटर बिका।
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नयी दिल्ली 26 जून (वार्ता)। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के नये मामलों ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं तथा पिछले 24 घंटों में सर्वाधिक 17,296 नये मरीज सामने आये हैं जिससे संक्रमितों का आंकड़ा 4.90 लाख के पार हो गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण के 17,296 नये मामलों के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,90,401 हो गयी है। पिछले 24 घंटों के दौरान इस बीमारी से 407 लोगों की मौत के साथ कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 15,301 हो गयी है। दूसरी तरफ इस बीमारी से निजात पाने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है और इसी अवधि में 13,940 रोगी ठीक हुए है , जिन्हें मिलाकर अब तक कुल 2,85,637 मरीज रोगमुक्त हो चुके हैं। देश में अभी कोरोना संक्रमण के 1,89,463 सक्रिय मामले हैं।
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कोरोना महामारी से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में संंक्रमण के 4,841 मामले दर्ज किये गये और 192 लोगों की मौत हुई। इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,47,741 और मृतकों की संख्या बढ़कर 6,931 हो गयी है। राज्य में 77,453 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं। राजधानी दिल्ली में भी कोरोना महामारी ने कहर बरपा रखा है और संक्रमण तथा मौत के लगातार बढ़ते आंकड़ों के साथ अब यह देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। पिछले 24 घंटों में 3,390 नये मामले सामने आने के साथ कुल संक्रमितों का आंकड़ा 73,780 हो गया। इसी अवधि में 64 मरीजों की मौत होने के बाद मृतकों की संख्या 2,429 हो गयी। राजधानी में 44,765 मरीज रोगमुक्त हुए हैं , जिन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
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कोरोना वायरस से प्रभावित होने के मामले में तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है, जहां कुल संक्रमितों की संख्या अब 70,977 पहुंच गयी है और अब तक इस वायरस से 911 लोगों की मौत हुई है। राज्य में अब तक 39,999 लोगों को उपचार के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। देश का पश्चिमी राज्य गुजरात कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या मामले में चौथे स्थान पर है, लेकिन मृतकों की संख्या के मामले में यह महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद तीसरे स्थान पर है। गुजरात में अब तक 29,520 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 1753 लोगों की मौत हुई है। राज्य में 21,498 लोग इस बीमारी से स्वस्थ भी हुए हैं।
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आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के अब तक 20,193 मामले सामने आए हैं तथा इस वायरस से 611 लोगों की मौत हुई है जबकि 123,119 मरीज स्वस्थ हो गए हैं।
राजस्थान में भी कोरोना का प्रकोप जोरों पर है और यहां संक्रमितों की संख्या 16,296 हो गयी है और अब तक 379 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12,840 लोग पूरी तरह ठीक हुए है। पश्चिम बंगाल में 15,648 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 606 लोगों की मौत हुई है और अब तक 10,190 लोग स्वस्थ हुए हैं। मध्य प्रदेश में 12,596 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं और 542 लोगों की इससे मौत हुई है जबकि 9619 लोग स्वस्थ हुए हैं।
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दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में 10,118 और आंध्र प्रदेश में 10,331 लोग संक्रमित हुए हैं तथा इन राज्यों में इससे मरने वालों की संख्या क्रमश: 164 और 124 है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,549 हो गई है और अब तक इससे 90 लोगों की मौत हुई है। इस महामारी से हरियाणा में 198, पंजाब में 120, बिहार में 57, उत्तराखंड में 36, केरल में 22, ओडिशा में 17 , छत्तीसगढ़ में 12, झारखंड में 12 , असम, पुड्डुचेरी और हिमाचल प्रदेश में क्रमश:नौ-नौ , चंडीगढ़ में छह, गोवा में दो तथा त्रिपुरा, लद्दाख और मेघालय में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
नयी दिल्ली, 26 जून (वार्ता)। कोरोना वायरस (कोविड-19) ने देश में सबसे अधिक महाराष्ट्र और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोगों को अपनी चपेट में लिया है और यहां अब तक 221523 लोग संक्रमित हुए हैं जो देशभर के संक्रमितों की कुल आबादी का 45.18 प्रतिशत है।
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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 17296 नये मामले दर्ज किये गये हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 490401 हो गई है। देश में अब तक इस महामारी से कुल 15301 लोगों की मौत हुई है तथा 2,85637 लोग स्वस्थ हुए हैं। देश में इस समय कोरोना के 1,89463 सक्रिय मामले हैं।
नई दिल्ली, 25 जून (वार्ता)। कोरोना के खिलाफ जंग को मजबूती देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को 'ई ब्लड सर्विसÓ ऐप का शुभारंभ किया।
डॉ हर्षवर्धन ने ऐप के शुभारंभ के मौके पर बताया कि भारतीय रेड क्रॉस ने जरुरतमंदों तक रक्त की आपूर्ति को सरल बनाने के लिए यह ऐप बनाया है। शुरूआती दौर में इसकी सेवा दिल्ली में लागू की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जरूरत के वक्त मरीजों के परिजन रक्त के लिए एक जगह से दूसरे जगह परेशान होकर दौड़ते हैं। इस ऐप से यह परेशानी खत्म होगी।
नयी दिल्ली, 25 जून (वार्ता)। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 महामारी के कारण हवाई यात्रा के दौरान होने वाली परेशानी और महामारी के डर की वजह से यात्रियों के दुव्र्यवहार की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
डीजीसीए ने इसके मद्देनजर एक सर्कुलर जारी कर विमान के भीतर दुव्र्यवहार करने वाले यात्रियों से निपटने के लिए विमान सेवा कंपनियों को नयी मानक प्रक्रिया तय करने और चालक दल के सदस्यों को इसके अनुरूप प्रशिक्षित करने के लिए कहा गया है।
सर्कुलर में कहा गया है कि केबिन क्रू को यह बताया जाना चाहिये कि कोरोना काल में विमान के अंदर उन्हें किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। यात्री फेस मास्क या शील्ड लगाने से मना कर सकता है। यात्रियों के बीच आपसी नोंकझोंक बढ़ सकती है। यात्री नये नियमों और बढ़ी हुई स्क्रीनिंग, बोर्डिंग में देरी आदि से परेशान हो सकता है। कोविड-19 के डर से यात्रियों में आपसी नोंकझोंक बढ़ सकती है- विशेषकर तब जब कोई यात्री सुरक्षा नियमों का पालन न कर रहा हो या किसी यात्री में कोविड-19 जैसे ही लक्षण दिखें।
डीजीसीए ने कहा है कि इन सभी कारणों से यात्रियों द्वारा सहयात्रियों के साथ या चालक दल के सदस्यों के साथ उद्दंडता की घटनाएं बढ़ सकती हैं। उसने विमान सेवा कंपनियों से कहा है कि वे केबिन क्रू को विशेष प्रशिक्षण दें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यात्री विमान के अंदर पूरे समय फेस मास्क लगाने और स्वच्छता रखने जैसे स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करें। उसने कोविड-19 के मद्देनजर विमान के अंदर दुव्र्यवहार करने वाले यात्रियों से निपटने के लिए मानक प्रक्रिया तय करने के लिए भी कहा है।
नयी दिल्ली 25 जून (वार्ता)। पेट्रोल-डीजल की महँगाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डीजल गुरुवार को पहली बार 80 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया जबकि एक दिन के ब्रेक के बाद पेट्रोल की कीमतों में दोबारा बढ़ोतरी की गई।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 16 पैसे बढ़कर 79.92 रुपये प्रति लीटर पर पहुँच गई जो 28 अक्टूबर 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है। वहीं, डीजल का मूल्य 14 पैसे बढ़कर 80.02 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। देश के इतिहास में पहली बार मंगलवार से किसी राज्य में डीजल की कीमत पेट्रोल से अधिक हो गई है।
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इस महीने 07 तारीख से तेल विपणन कंपनियों ने दोनों जीवाश्म ईंधनों के दाम बढ़ाने का क्रम शुरू किया है। इस दौरान दिल्ली में पेट्रोल 8.66 रुपये यानी 12.15 प्रतिशत महँगा हुआ है। लगातार 19 दिन में डीजल की कीमत 10.63 रुपये यानी 15.32 प्रतिशत बढ़ गई है।
कोलकाता और मुंबई में भी पेट्रोल की कीमत 12-12 पैसे बढ़कर क्रमश: 81.61 रुपये और 86.70 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रही। चेन्नई में यह 14 पैसे चढ़कर 83.18 रुपये प्रति लीटर पर रहा।
डीजल कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में 12-12 पैसे महँगा होकर क्रमश: 75.18 रुपये, 78.34 रुपये और 77.29 रुपये प्रति लीटर बिका।