राष्ट्रीय
अगरतला, 7 मार्च । त्रिपुरा के राज्यपाल इंद्र सेना रेड्डी नल्लू ने गुरुवार को राजभवन में एक सादे समारोह में टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के दो नए मंत्रियों अनिमेष देबबर्मा और बृषकेतु देबबर्मा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री माणिक साहा, उनके मंत्रिपरिषद के सदस्य और वरिष्ठ नागरिक तथा सुरक्षा अधिकारी उपस्थित थे।
केंद्र तथा त्रिपुरा सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने के छह दिन बाद आदिवासी जनाधार वाली विपक्षी टीएमपी ने त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल होने का फैसला किया, जिससे त्रिपुरा की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया।
टीएमपी विधायक अनिमेष देबबर्मा ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। इससे पहले वह विपक्ष के नेता थे। वकील से राजनेता बने बृशकेतु देबबर्मा ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली।
आदिवासी 'कोकबोरोक' भाषा में शपथ लेने वाले दोनों आदिवासी नेता दूसरी बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए हैं।
शपथ लेने से पहले अनिमेष देबबर्मा ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया।
पिछले साल 8 मार्च को भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के लगातार दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद से तीन मंत्री पद खाली थे। राज्य में अधिकतम 12 कैबिनेट मंत्री हो सकते हैं।
बुधवार की कैबिनेट विस्तार के बाद एक मंत्री पद खाली रहेगा।
एक अन्य आदिवासी जनाधार वाली पार्टी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) भी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की सहयोगी है, और इसके एकमात्र विधायक सुक्ला चरण नोआतिया सहकारिता, आदिवासी कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (टीआरपी और पीटीजी) के प्रभारी कैबिनेट मंत्री हैं।
टीएमपी ने पिछले साल 16 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में अपनी पहली लड़ाई में 42 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें 20 आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों पर थे। पार्टी ने 19.69 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 13 सीटें जीती थीं। उसने संविधान के अनुच्छेद-2 और 3 के तहत 'ग्रेटर टिपरालैंड' या आदिवासियों के लिए एक अलग राज्य की अपनी मांग को उजागर किया था।
विधानसभा चुनावों के बाद, आदिवासियों के बीच जबरदस्त प्रभुत्व वाली टीएमपी मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा हासिल करने वाली राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई।
अप्रैल 2021 में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) में सत्ता हासिल करने के बाद टीएमपी ने अपनी 'ग्रेटर टिपरालैंड' मांग के समर्थन में आंदोलन तेज कर दिया, जिसका सत्तारूढ़ भाजपा, वाम मोर्चा, कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है।
टीटीएएडीसी, जिसका त्रिपुरा के 10,491 वर्ग किमी क्षेत्र के दो-तिहाई हिस्से पर अधिकार क्षेत्र है, और 12,16,000 से अधिक लोगों का घर है, जिनमें से लगभग 84 प्रतिशत आदिवासी हैं, अपने राजनीतिक महत्व के संदर्भ में, दूसरा सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक है। त्रिपुरा विधानसभा के बाद राज्य में निकाय।
टीएमपी ने 2 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और अन्य की उपस्थिति में केंद्र और त्रिपुरा सरकार के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए।
समझौते के अनुसार, आदिवासियों की मांगों का 'सम्मानजनक' समाधान सुनिश्चित करने के लिए पारस्परिक रूप से सहमत मुद्दों पर समयबद्ध तरीके से काम करने और उन्हें लागू करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह/समिति का गठन किया जाएगा।
समझौते में कहा गया है, “त्रिपुरा के मूल लोगों के इतिहास, भूमि अधिकार, राजनीतिक अधिकार, आर्थिक विकास, पहचान, संस्कृति, भाषा आदि से संबंधित सभी मुद्दों को हल करने के लिए समझौते पर सौहार्दपूर्ण ढंग से हस्ताक्षर किए गए।”
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 7 मार्च । दिल्ली विश्वविद्यालय के राम लाल आनंद कॉलेज के कर्मचारियों को गुरुवार को एक व्हाट्सएप कॉल मिली जिसमें कॉलेज को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। पुलिस ने कहा कि टीमें मौके पर हैं और अब तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) रोहित मीना ने कहा कि राम लाल आनंद कॉलेज के कर्मचारियों को सुबह करीब 9:34 बजे व्हाट्सएप के जरिए बम की धमकी वाली कॉल मिली।
डीसीपी ने कहा, "सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस की एक टीम कॉलेज पहुंची। पुलिस की टीम में एम्बुलेंस, बीडीएस, बीडीटी भी थी।"
तलाशी और जांच की जा रही है। अभी तक जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।
डीसीपी ने कहा, "आगे कदम उठाए जा रहे हैं।"
--(आईएएनएस)
रांची, 7 मार्च । झारखंड हाईकोर्ट ने दुमका जिले में स्पेनिश महिला से गैंगरेप के मामले में राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने सरकार से इस मामले में की गई कार्रवाई और राज्य में विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा है।
विगत एक मार्च को दुमका जिले के हंसडीहा थाना क्षेत्र में हुई इस घटना पर कोर्ट ने बीते सोमवार को स्वतः संज्ञान लिया था। आज एक्टिंग चीफ जस्टिस एस. चंद्रशेखर एवं जस्टिस नवनीत कुमार की बेंच ने इस मामले में आगे सुनवाई की।
इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि विदेशी पर्यटकों के राज्य की सीमा में प्रवेश की जांच के साथ उनके सुरक्षा और सहायता के लिए राज्य सरकार ने किस प्रकार की एसओपी जारी की है और अगर एसओपी नहीं है, तो भविष्य में इसे लेकर क्या योजना है?
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को यह बताया गया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दस लाख रुपए का भुगतान किया गया है।
बता दें कि स्पेनिश महिला के साथ एक मार्च की रात दुमका में गैंगरेप हुआ था। वह अपने पति के साथ टूरिस्ट वीजा पर अलग-अलग बाइक पर कई देशों की यात्रा पर निकली है। रात होने पर जिले के कुरमाहाट इलाके में पति के साथ एक खेत में टेंट लगाकर आराम कर थी, तभी सात लोगों ने वहां पहुंचकर दोनों के साथ मारपीट की, पति को टेंट में बांधने के बाद महिला को थोड़ी दूर ले जाकर उसके साथ दरिंदगी की गई।
(आईएएनएस)
रांची, 7 मार्च । झारखंड को तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिली है। रांची से वाराणसी के बीच इस ट्रेन का परिचालन 12 मार्च से शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ट्रेन को वर्चुअली हरी झंडी दिखाएंगे।
इस ट्रेन का परिचालन झारखंड में वाया लोहरदगा-टोरी रूट पर होगा। रांची से वाराणसी के बीच की दूरी यह ट्रेन 6 घंटे 20 मिनट में तय करेगी।
फिलहाल रांची से वाराणसी के बीच चलने वाली बाकी ट्रेनों को यह सफर तय करने में करीब साढ़े दस घंटे का वक्त लगता है।
ट्रेन वाराणसी से सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर खुलेगी और दोपहर 12.20 पर रांची पहुंच जाएगी। वापसी में रांची से दोपहर 1.30 बजे रवाना होकर 7.50 बजे वाराणसी पहुंच जाएगी।
इसकी जानकारी रांची के सांसद संजय सेठ ने दी है।
झारखंड को इसके पहले दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन रांची से पटना और रांची से हावड़ा के बीच होता है। तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन का रांची और आसपास के जिलों के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। पिछले चार माह से इस ट्रेन के चलाने की बात हो रही थी।
(आईएएनएस)
देहरादून, 7 मार्च । उत्तराखंड में एक बार फिर कोरोनावायरस अपने पैर फैला रहा है। पिछले 2 महीनों में कोरोना के कई मामले सामने आए हैं। इसे देखते हुए तमाम अस्पताल अलर्ट मोड पर आ गए हैं।
प्रदेश में लगातार बदलते मौसम के चलते वायरल बुखार, सर्दी खांसी और फ्लू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके चलते कोरोनावायरस आसानी से कम इम्यूनिटी वाले मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है।
दून मेडिकल अस्पताल में अभी तक 4 से 5 कोरोना के मामले सामने आए हैं, अस्पताल अलर्ट पर है।
दून अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अनुराग अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दो महीनो में कोरोना के कुल 4 या 5 पॉजिटिव मरीज आए हैं, साथ ही एक मौत भी हुई है, लेकिन कोरोना इसकी वजह है, ये अभी स्पष्ट नही है।
उन्होंने बताया कि बदलते मौसम की वजह से वायरल बुखार होना आम बात है। वहीं फ्लू और कोरोना दोनो तरीके के वायरस चल रहे हैं जिसको देखते हुए बुजुर्गों पर इसका खतरा ज्यादा रहता है। हालांकि घबराने वाली कोई बात नही है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने लोगों से अपील की कि भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें, मास्क का उपयोग करें और रोजाना गरम पानी पिएं।
उन्होंने बताया कि कोरोना के मामले को देखते हुए अस्पताल अलर्ट पर हैं। 9 बेड का आईसीयू और 20 बेड का ऑक्सीजन वार्ड अलग रखा गया है।
(आईएएनएस)
गुवाहाटी, 7 मार्च । असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व में एनडीए पूर्वोत्तर की 25 सीटों में से कम से कम 22 सीटों पर जीत हासिल करेगी।
उन्होंने कहा, ''हम कम से कम 22 सीटें जीतेंगे। यह 23 तक भी जा सकता है। असम में हम 11 या 12 सीटें जीतेंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा, चुनाव में अब कोई मुकाबला नहीं है। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को 370 सीटें मिलेंगी।
उन्होंने कहा,“जब मैं ग्रामीण इलाकों का दौरा करता हूं, तो कोई भी चुनाव के बारे में बात नहीं कर रहा है। हर कोई विकास की बात कर रहा है। मैं भी विकास कार्यों में व्यस्त हूं। असम के विभिन्न इलाकों में रोज नई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। ”
सीएम सरमा ने कहा कि इस बार असम में बीजेपी उम्मीदवारों की जीत का अंतर बहुत बड़ा होगा।
उन्होंने कहा, 'पहले एमपी की सीटों पर उम्मीदवार लगभग 25 हजार वोटों से जीतते थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा दो या तीन लाख वोटों के पार चला जाएगा।'
असम के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह चुनाव को असम के लोगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देने और आने वाले वर्षों में राज्य के विकास कार्यों में और अधिक तेजी लाने के अवसर के रूप में देख रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि पीएम मोदी राज्य में अपने आगामी कार्यक्रम में कई परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री 16वीं सदी के अहोम जनरल लाचित बोरफुकन की 84 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
(आईएएनएस)
कोलकाता, 7 मार्च । पिछले दो दिनों के लंबे नाटक के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को आखिरकार बुधवार शाम को संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ टीमों पर हमले के आरोपी मास्टरमाइंड शेख शाहजहां की हिरासत मिल गई। उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में टीमों पर 5 जनवरी को हमला किया गया था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को शाहजहां को शाम 4.15 बजे तक सीबीआई की हिरासत में सौंपने का निर्देश दिया। केंद्रीय एजेंसी की एक टीम कोलकाता के भवानी भवन स्थित सीआईडी मुख्यालय पहुंची, जहां 29 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद से शाहजहां को रखा गया था।
हालांकि, शाहजहां की हिरासत पाने के लिए सीबीआई टीम को तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा।
जैसे ही सीबीआई टीम भवानी भवन में इंतजार कर रही थी, सीआईडी अधिकारी मेडिकल जांच के लिए शाहजहां को राज्य संचालित एस.एस.के.एम. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले गए।
मेडिकल जांच के बाद शाहजहां को सीआईडी मुख्यालय वापस लाने के बाद उसे सीबीआई टीम को सौंप दिया गया। आख़िरकार शाम करीब 7 बजे सीबीआई की गाड़ियों का काफिला भवानी भवन से निकला।
शाहजहां को काफिले में एक वाहन की पिछली सीट पर चुपचाप बैठे देखा गया।
भवानी भवन से शाहजहां को दूसरे दौर की मेडिकल जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित ई.एस.आई. अस्पताल ले जाया गया। मेडिकल जांच के बाद उन्हें मध्य कोलकाता स्थित सीबीआई के निजाम पैलेस कार्यालय ले जाया गया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सीआईडी को आरोपी को जल्द से जल्द केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का निर्देश दिया थ, जिसके बाद सीबीआई की एक टीम शाहजहां को हिरासत में लेने के लिए भवानी भवन गई थी।
हालांकि, सीबीआई अधिकारी भवानी भवन से खाली हाथ लौट आए, क्योंकि राज्य सरकार तब तक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट चली गई थी।
(आईएएनएस)
अगरतला, 7 मार्च त्रिपुरा में टिपरा मोथा के वरिष्ठ नेता अनिमेष देबबर्मा और पार्टी विधायक बृषकेतु देबबर्मा ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल नल्लू इंद्रसेन रेड्डी ने दोनों को मंत्री पद की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री माणिक साहा, उनके मंत्रिमंडल सहयोगी, टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्युत देबबर्मा और सत्तारूढ़ दलों के कई नेता उपस्थित थे।
इससे पहले अनिमेष देबबर्मा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में अपना इस्तीफा सदन के अध्यक्ष विश्वबंधु सेन को सौंपा।
देबबर्मा ने कहा, '60 सदस्यीय विधानसभा में टिपरा मोथा के 13 विधायक हैं। आज (बृहस्पतिवार को), टिपरा मोथा भाजपा के सहयोगी के रूप में सरकार का हिस्सा बन गई और उन्हें दो मंत्री पद दिये गए हैं।'
इन दो नयी नियुक्तियों के साथ राज्य में अब मुख्यमंत्री माणिक साहा सहित 11 मंत्री हो गये हैं। नियमों के मुताबिक राज्य में मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री हो सकते हैं।
नयी दिल्ली में टिपरा मोथा, त्रिपुरा सरकार और केंद्र के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के कुछ दिनों बाद यह राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया। (भाषा)
नयी दिल्ली,7 मार्च राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगने के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के आवेदन को चुनौती देते हुए एक एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनजीओ ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) की ओर से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण की अवमानना कार्यवाही शुरू करने संबंधी दलीलों पर संज्ञान लिया।
भूषण ने कहा कि एसबीआई की याचिका 11 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने की संभावना है और अवमानना याचिका पर भी साथ में सुनवाई होनी चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश ने इस पर कहा, ‘‘कृपया एक ईमेल भेजिए। मैं आदेश जारी करूंगा।’’
एसबीआई ने चार मार्च को शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि चुनावी बॉण्ड का ब्योरा देने के लिए समय 30 जून तक बढ़ाया जाए।
शीर्ष अदालत ने पिछले महीने अपने एक फैसले में एसबीआई को इस संबंध में विवरण छह मार्च तक निर्वाचन आयोग को देने का निर्देश दिया था। (भाषा)
नागपुर, 7 मार्च माओवादियों से कथित संबंध के मामले में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए गए दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा को बृहस्पतिवार को नागपुर केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया।
अदालत ने साईबाबा को मंगलवार को बरी किया था। उन्हें कथित माओवादी संबंध मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक अधीनस्थ अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद साईबाबा 2017 से यहां जेल में बंद थे। इससे पहले, वह 2014 से 2016 तक इस जेल में थे और बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
शारीरिक अक्षमता के कारण व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाले साईबाबा ने जेल से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा स्वास्थ्य बहुत खराब है। मैं बात नहीं कर सकता। मुझे पहले इलाज कराना होगा और उसके बाद ही मैं बात कर पाऊंगा।’’
जेल के बाहर उनके एक परिजन इंतजार कर रहे थे।
बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने साईबाबा की सजा को रद्द करते हुए मंगलवार को कहा था कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने में विफल रहा।
अदालत ने 54 वर्षीय साईबाबा को दी गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया और गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अभियोजन की मंजूरी को “अमान्य’’ ठहराया।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक सत्र अदालत ने कथित माओवादी संबंधों और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए साईबाबा और एक पत्रकार तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्र सहित पांच अन्य लोगों को मार्च 2017 में दोषी ठहराया था। (भाषा)
लखनऊ, 7 मार्च प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन संबंधी एक मामले की जांच के तहत उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी और उनके परिवार के सदस्यों के कानपुर स्थित परिसरों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सोलंकी (44) फिलहाल महाराजगंज जेल में हैं। वह सीसामऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि सोलंकी, जेल में बंद उनके भाई रिजवान, शौकत अली, हाजी वसी, नूरी शौकत और कुछ अन्य के कानपुर में लगभग पांच परिसरों और महाराष्ट्र के मुंबई में एक परिसर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों द्वारा मुहैया सुरक्षा के बीच तड़के छापेमारी की गई।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सोलंकी और अन्य के खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों के आधार पर ईडी ने उनके विरुद्ध धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था जिसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा के विधायक सोलंकी कई आपराधिक मामलों में दिसंबर 2022 से महाराजगंज जेल में हैं।
सोलंकी और रिजवान को पुलिस ने एक महिला को परेशान करने और उसका भूखंड हड़पने के लिए उसके घर में आग लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्होंने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
पुलिस ने सोलंकी और रिजवान तथा तीन अन्य पर उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। (भाषा)
श्रीनगर, 7 मार्च प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 'विकसित भारत, विकसित जम्मू कश्मीर' कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को श्रीनगर पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान 6,400 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का अनावरण करेंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधान निरस्त किये जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का कश्मीर घाटी का यह पहला दौरा है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री यहां श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरे और फिर सेना की 15 या चिनार कोर के मुख्यालय बादामीबाग छावनी के लिए रवाना हो गये।
अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी बादामीबाग छावनी में युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद एक काफिले में गुपकर और जीरो ब्रिज से होते हुए बख्शी स्टेडियम पहुंचेगे, जहां उनका कार्यक्रम निर्धारित है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 मार्च कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो बच्चियों के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार की घटना को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि राज्य में "जंगल राज" है, जहां कानून नाम की चीज नहीं बची है।
उन्होंने यह दावा भी किया कि उत्तर प्रदेश में पीड़ित बच्चियां-महिलाएं अगर न्याय मांगती हैं तो उनके परिवारों को बर्बाद कर देना नियम बन चुका है।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, "कानपुर में सामूहिक बलात्कार की पीड़ित दो नाबालिग बच्चियों ने आत्महत्या कर ली। अब उन बच्चियों के पिता ने भी आत्महत्या कर ली है। आरोप है कि पीड़ित परिवार पर समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा था।"
उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में पीड़ित बच्चियां-महिलाएं अगर न्याय मांगती हैं तो उनके परिवारों को बर्बाद कर देना नियम बन चुका है। उन्नाव, हाथरस से लेकर कानपुर तक- जहां भी महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ, उनके परिवार बर्बाद कर दिए गए।"
कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि इस 'जंगलराज' में महिला होना मात्र अपराध हो गया है, जहां कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है।
प्रियंका गांधी ने सवाल किया, "आखिर प्रदेश की करोड़ों महिलाएं क्या करें, कहां जाएं?" (भाषा)
हैदराबाद, 7 मार्च । जॉब एजेंट के धोखे का शिकार यहां का 30 वर्षीय व्यक्ति यूक्रेन में रूसी सेना की तरफ से लड़ते हुए मारा गया। जॉब एजेंट ने उससे रूस में नौकरी दिलाने का वादा किया था, मगर उसे रूसी सेना में शामिल होने और यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर किया।
मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को हैदराबाद के मोहम्मद असफान की मौत की पुष्टि की, लेकिन मौत के कारण का खुलासा नहीं किया।
दूतावास ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "हमें एक भारतीय नागरिक मोहम्मद असफान की दुखद मौत के बारे में पता चला है। हम परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं। मिशन उसके पार्थिव शरीर को भारत भेजने का प्रयास करेगा।"
अफसान की मौत की खबर मिलते ही उसका परिवार सदमे में आ गया। उसके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं - आठ महीने की बेटी और दो साल का बेटा। उसके भाई मोहम्मद इमरान ने कहा कि वे अभी कुछ भी कहने की हालत में नहीं हैं।
बाजार घाट इलाके में रहने वाले परिवार को अफसान की मौत की जानकारी हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दी।
रेडीमेड गारमेंट की दुकान में काम करने वाले अफसान को दुबई स्थित एक जॉब एजेंट ने धोखा दिया था। रूसी सेना में सहायक के रूप में नौकरी का वादा किए जाने के बाद वह और दो अन्य लोग पिछले साल नवंबर में शारजाह के रास्ते मास्को गए थे। शुरुआत में उसे 30,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया गया था। एजेंट ने उससे यह भी कहा था कि उसे बाद में डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे।
अफसान से संपर्क न हो पाने के बाद असफान के परिवार को संदेह हुआ। उन्होंने हैदराबाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बाद में असदुद्दीन ओवैसी से संपर्क किया।
एआईएमआईएम अध्यक्ष ने 21 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से उन 12 भारतीयों को वापस लाने के लिए कदम उठाने की अपील की, जिन्हें रूसी सेना की तरफ से यूक्रेन से लड़ने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने कहा कि रूस में इमारतों की सुरक्षा का काम करने गए इन बेरोजगार युवाओं को धोखा दिया गया और उन्हें युद्ध के मोर्चे पर ले जाया गया।
इनमें तेलंगाना के दो, कर्नाटक के तीन, कश्मीर के दो और गुजरात और उत्तर प्रदेश के एक-एक युवा शामिल थे।
गुजरात का 23 वर्षीय हामिल मंगुकिया 21 फरवरी को रूस-यूक्रेन सीमा पर डोनेट्स्क क्षेत्र में हवाई हमले में मारा गया था।
ओवैसी ने कहा था कि तीन एजेंटों ने बेरोजगार युवाओं को यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए रूस भेजकर धोखा दिया।
एजेंटों में से एक फैसल खान दुबई में है, जबकि सुफियान और पूजा मुंबई से हैं। रमेश और मोईन रूस में भारतीय एजेंट हैं।
(आईएएनएस)
सुप्रीम कोर्ट ने वन्यजीव संरक्षण पर चिंताओं का हवाला देते हुए बुधवार को जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के मुख्य क्षेत्रों में बाघ सफारी पर प्रतिबंध लगा दिया.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी पर सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जिम कॉर्बेट वन रिजर्व के मुख्य क्षेत्रों में बाघ सफारी पर बैन लगा दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने टाइगर रिजर्व में पेड़ों की अभूतपूर्व कटाई और पर्यावरणीय क्षति पर भी राज्य सरकार की खिंचाई की. अदालत ने कॉर्बेट में अवैध निर्माण, पेड़ों की कटाई पर तीन महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय वन्यजीव संरक्षण योजना संरक्षित इलाकों से परे वन्यजीव संरक्षण की जरूरत को पहचानती है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच पर्यावरण कार्यकर्ता और वकील गौरव बंसल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. बंसल ने राष्ट्रीय उद्यान के अंदर बाघ सफारी और पिंजरे में बंद जानवरों वाले चिड़ियाघर के उत्तराखंड सरकार के प्रस्ताव को चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट: बाघ की रक्षा जरूरी
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान महाभारत के एक उदाहरण का हवाला देते हुए कहा "जंगल बाघ की रक्षा करता है और बाघ जंगल की रक्षा करता है."
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब केवल जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के परिधीय और बफर जोन में ही बाघ सफारी की अनुमति दी जाएगी.
उत्तराखंड सरकार ने पहले कुछ वीवीआईपी के लिए मुख्य क्षेत्रों में सफारी की अनुमति दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं और नौकरशाहों के गठजोड़ पर कड़ी टिप्पणी की है और कहा है कि इससे जंगलों को भारी नुकसान हुआ है.
पेड़ों की कटाई, अवैध निर्माण पर सख्त हुआ कोर्ट
इसके अलावा अदालत ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के भीतर अवैध निर्माण गतिविधियों और अनाधिकृत पेड़ों की कटाई में शामिल होने के लिए उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) किशन चंद को फटकार लगाई है.
कोर्ट ने कहा कि वर्तमान मामले में यह बिना किसी संदेह के स्पष्ट है कि तत्कालीन वन मंत्री खुद को कानून से ऊपर समझ बैठे थे और यह दर्शाता है कि कैसे डीएफओ ने सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत को हवा में उड़ा दिया था. कोर्ट ने कहा इससे पता चलता है कि राजनेता और नौकरशाह कैसे कानून को अपने हाथ में लेते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई के कारण हुए नुकसान के संबंध में पहले से ही मामले की जांच कर रही सीबीआई को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. साथ ही उसने राज्य सरकार को जंगल की बहाली सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता गौरव बंसल ने चिड़ियाघर से बाघ लाकर सफारी के नाम पर उन्हें बफर जोन में रखने और कॉर्बेट पार्क में हुए अवैध निर्माण कार्य को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. साल 2021 में रावत के वन मंत्री रहते हुए कालागढ़ रेंज में पेड़ों की कटाई हुई थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इससे पहले टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण के मामले में रावत और चंद के आवासों पर छापेमारी की थी.
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रावत पर तल्ख टिप्पणी की और जिम कार्बेट नेशनल पार्क के मुख्य क्षेत्रों में टाइगर सफारी पर प्रतिबंध लगा दिया. (dw.com)
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने का एलान किया. उन्होंने माना कि पद पर रहते हुए ही उनकी बीजेपी से बातचीत शुरू हुई. इस प्रकरण के कारण बतौर न्यायमूर्ति उनके फैसलों पर सवाल उठ रहे हैं.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय 7 फरवरी को बीजेपी में शामिल होंगे. संभावना है कि उन्हें पूर्व मेदिनीपुर जिले की तमलुक सीट से मैदान में उतारा जाएगा. यह इलाका विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है.
गंगोपाध्याय के पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने की घोषणा के बाद राजनीतिक हलकों में यह बहस छिड़ गई है कि क्या वह ऐसा कर सकते हैं? क्या ऐसे पद पर रहने वालों के लिए इस्तीफा देने या रिटायर होने के बाद दूसरा कोई काम करने से पहले कोई कूलिंग पीरियड होना चाहिए?
साथ ही, ये सवाल भी उठ रहे हैं कि कहीं उनके हालिया फैसले पूर्वाग्रह से ग्रस्त तो नहीं थे? बतौर न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के फैसलों के कारण सत्तारूढ़ पार्टी के कई मंत्री, विधायक और नेता जेल में हैं.
अचानक की इस्तीफा देने की घोषणा
अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस सप्ताह अचानक इस्तीफे की घोषणा से राजनीतिक हलके में सबको चौंका दिया. उन्होंने एलान किया कि अपने पद से इस्तीफा देने के बाद वे राजनीति में उतरेंगे और टिकट मिला, तो लोकसभा का चुनाव भी लड़ेंगे.
5 मार्च को इस्तीफा देने के फौरन बाद अपने आवास पर की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे, सांसद अभिषेक बनर्जी की जमकर आलोचना की और तृणमूल को एक भ्रष्ट पार्टी बताया.
इस बीच, अभिषेक बनर्जी ने सवाल उठाया है कि इतने अहम पद पर रहने के दौरान कोई भी न्यायाधीश किसी राजनीतिक पार्टी से संपर्क कैसे बनाए रख सकता है. अभिषेक उनके हालिया फैसलों पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर करने वाले हैं.
हालांकि, गंगोपाध्याय ने यह कहकर अभिषेक के सवाल का जवाब देने का प्रयास किया है जिन सात दिनों के दौरान वे बीजेपी के साथ संपर्क में थे, तब उन्होंने छुट्टी ली थी और इस अवधि में किसी मामले की सुनवाई नहीं की. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष कहते हैं, "हम तो पहले से ही उनके फैसले की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे थे, लेकिन अब ताजा घटनाक्रम से इस आरोप की पुष्टि हो गई है."
क्या है पृष्ठभूमि
अभिजीत गंगोपाध्याय की स्कूली पढ़ाई कोलकाता के मित्र इंस्टिट्यूशन से हुई. उन्होंने महानगर के ही हाजरा लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की. कॉलेज के दिनों में उन्होंने बांग्ला रंगमंच में भी काम किया था. उन्होंने साल 1986 में आखिरी बार किसी नाटक में अभिनय किया था.
गंगोपाध्याय ने वेस्ट बंगाल सिविल सर्विस के ए-ग्रेड ऑफिसर के तौर अपना करियर शुरू किया था. उनकी पोस्टिंग उत्तर दिनाजपुर में ही थी. उसके बाद उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर सरकारी वकील के तौर पर कलकत्ता हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की. गंगोपाध्याय ने मई 2018 को अतिरिक्त जज के तौर पर कलकत्ता हाईकोर्ट में काम शुरू किया. जुलाई 2020 में वह स्थायी जज बन गए.
कई अहम फैसले सुनाए हैं
राज्य के शिक्षा भर्ती घोटाले से संबंधित एक दर्जन से ज्यादा मामलों में जस्टिस गंगोपाध्याय के फैसलों के कारण ममता बनर्जी सरकार में नंबर दो माने जाने वाले तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के अलावा पार्टी के तीन विधायकों और एक दर्जन से ज्यादा नेताओं को जेल जाना पड़ा. पार्थ चटर्जी को इतना ताकतवर माना जाता था कि तब उनकी गिरफ्तारी की कोई कल्पना तक नहीं कर सकता था.
गंगोपाध्याय ने बतौर न्यायमूर्ति कई अहम फैसले सुनाए हैं. जजों के बेहतरीन फैसलों के संकलन के तौर पर सितंबर 2023 में छपी कलकत्ता हाईकोर्ट की वार्षिक रिपोर्ट में न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के एक फैसले को सर्वश्रेष्ठ करार दिया गया था. यह निर्णय था, स्कूल में भर्ती घोटाले की केंद्रीय एजेंसी से जांच का निर्देश.
कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति के तौर पर उन्होंने 14 मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी थी. ये तमाम फैसले शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित थे. गंगोपाध्याय जून 2021 से जनवरी 2024 तक शिक्षक भर्ती घोटाले की लगातार सुनवाई करते रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कई बड़े फैसले सुनाए हैं. 18 मई 2022 को उन्होंने तत्कालीन मंत्री पार्थ चटर्जी को सीबीआई के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया था. जुलाई में ईडी ने पार्थ को गिरफ्तार कर लिया था.
गंगोपाध्याय ने इसी घोटाले के सिलसिले में 20 जून 2022 को टीएमसी नेता मानिक भट्टाचार्य को प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया. बाद में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
मई 2022 में गंगोपाध्याय ने तत्कालीन शिक्षा राज्य मंत्री परेश अधिकारी की पुत्री अंकिता को शिक्षक पद से बर्खास्त करते हुए उन्हें पूरा वेतन लौटाने का निर्देश दिया था. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने फरवरी 2023 में करीब दो हजार ग्रुप डी कर्मचारियों, मार्च में ग्रुप सी के 785 कर्मचारियों और मई में 30 हजार से ज्यादा गैर-प्रशिक्षित शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया था.
टीवी चैनल को इंटरव्यू देने पर हुआ था विवाद
हाईकोर्ट के जस्टिस के तौर पर सितंबर 2022 में एक स्थानीय टीवी चैनल पर इंटरव्यू देकर अभिजीत गंगोपाध्याय ने एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया था. उस समय वह शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित एक अहम मामले की सुनवाई कर रहे थे. अपने इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इस घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की कथित भूमिका पर भी सवाल उठाया था. इसके बाद एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान भी उन्होंने मौखिक रूप से अभिषेक बनर्जी की संपत्ति के स्रोत पर सवाल उठाया था.
उनके इंटरव्यू से कानूनी हलकों में भी बहस पैदा हो गई थी. इसकी वजह यह थी कि तब वो तृणमूल कांग्रेस से जुड़े राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील मामलों की सुनवाई कर रहे थे और इससे पहले कभी किसी जज ने विचाराधीन मामलों के बारे में चर्चा नहीं की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस इंटरव्यू का संज्ञान लेते हुए उनकी आलोचना की और कहा कि कोई निवर्तमान जज टीवी चैनल को इंटरव्यू नहीं दे सकता. उच्चतम न्यायालय ने उनके इंटरव्यू की समीक्षा के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट को शिक्षक भर्ती घोटाले के तमाम मामले दूसरे जज की पीठ को भेजने का निर्देश दिया था.
राजनीतिक पारी पर क्या कहा
गंगोपाध्याय का कहना है कि एक जस्टिस के तौर पर उनका काम पूरा हो गया था. भारत और खासकर पश्चिम बंगाल में अब भी अनगिनत ऐसे लोग हैं, जो अदालतों तक नहीं पहुंच पाते. गंगोपाध्याय के मुताबिक, अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते हुए अब अपनी नई भूमिका में वह ऐसे लोगों के साथ खड़े होने का प्रयास करेंगे.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अब जहां बीजेपी के टिकट पर गंगोपाध्याय का चुनाव लड़ना लगभग तय है, ऐसे में उनके हालिया फैसलों की तटस्थता पर सवाल उठना लाजिमी है. हालांकि, कानून जानकारों की राय में किसी न्यायमूर्ति के इस्तीफा देकर तुरंत राजनीति में उतरने की घटना में कोई कानूनी बाधा नहीं है, भले ऐसे मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं.
राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर समीरन पाल कहते हैं, "अभिजीत गंगोपाध्याय अपने कार्यकाल के दौरान लगातार टीएमसी और उसकी सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं. अब इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने और चुनाव लड़ने की इच्छा जताने के बाद उनके ऐसे तमाम फैसलों पर सवाल तो उठेंगे ही." पाल का कहना है कि अहम न्यायिक और संवैधानिक पदों पर रहने वालों के लिए सरकार को एक कूलिंग पीरियड बनाना चाहिए, ताकि पारदर्शिता और गोपनीयता बरकरार रह सके. (dw.com)
लखनऊ, 7 मार्च । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रदेशभर में 13 हजार से अधिक अनधिकृत मदरसों को चिन्हित किया है।
अधिकांश अनधिकृत मदरसे यूपी-नेपाल की सीमा पर स्थित हैं। इसके अलावा कुछ मदरसे महाराजगंज, श्रीवस्ती और बहराइज जिले में भी स्थित है।
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इन सभी मदरसों से अपनी वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी देने को कहा, लेकिन इनमें से अधिकांश मदरसों के संचालक यह जानकारी नहीं दे पाए। इससे इनकी अवैध गतिविधियों के बारे में शक गहरा रहा है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मदरसों के संचालकों ने दावा किया है कि अधिकांश मदरसों का निर्माण चंदे से हुआ है, लकिन यह अपने चंदे के स्रोत के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।
कुल 23,000 मदरसों की जांच में 5,000 की अस्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों की पहचान की गई है और कुछ मान्यता मानकों को पूरा करने में विफल रहे हैं।
हाल ही में पुलिस ने दावा किया था कि सीमा क्षेत्र में स्थित 80 मदरसों को विदेश से 100 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त हुई है, जिसकी जांच की जा रही है।
(आईएएनएस)
बिहाराशरीफ, 7 मार्च । बिहार में पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद हर्ष फायरिंग की घटना रुक नहीं रही। ताजा मामला नालंदा जिले के सरमेरा थाना क्षेत्र का है जहां बुधवार की देर रात एक शादी की खुशी तब मातम में बदल गई जब हर्ष फायरिंग में एक युवती की गोली लगने से मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक, धनावाडीह गांव निवासी रंजीत सिंह की पुत्री की शादी थी। बारात पटना से चलकर सरमेरा के धनावाडीह गांव आई थी।
बताया जाता है कि शादी को लेकर सभी रश्म अदायगी करीब पूरी हो चुकी थी। इसके बाद समधी मिलन का समारोह चल रहा था, तभी किसी ने खुशी में फायरिंग शुरू कर दी।
इसी दौरान एक गोली समारोह देख रही करीना कुमारी को जा लगी, जिसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
इसके बाद शादी समारोह की खुशियां मातम में तब्दील हो गई। हर तरफ रोने बिलखने की आवाज आने लगी।
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन करने लगी। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है। परिजनों से पूछताछ की जा रही है।
(आईएएनएस)
चंडीगढ़, 7 मार्च । पंजाब पुलिस ने गुरुवार को कहा कि एक खुफिया ऑपरेशन में उसने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) समर्थित आतंकी मॉड्यूल के दो सदस्यों की गिरफ्तार किया है।
मॉड्यूल का संचालन अमेरिका स्थित हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासियन द्वारा किया जाता था, जो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा का करीबी सहयोगी है। उसका सहयोगी शमशेर सिंह उर्फ शेरा है, जो वर्तमान में आर्मेनिया में रहता है।
पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार हैप्पी पासियन रिंदा और शमशेर के साथ मिलकर युवाओं को राज्य में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रेरित कर कट्टरपंथी बनाने का काम कर रहा था।
पुलिस ने दो पिस्तौल समेत चार मैगजीन और 30 कारतूस बरामद किये।
अमृतसर में राज्य विशेष ऑपरेशन सेल में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
(आईएएनएस)
बुलंदशहर, 6 मार्च । उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की एक अदालत ने बुधवार को जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में एक युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 4.56 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।
अधिवक्ता ने बताया कि बुलंदशहर में एक अनुसूचित जाति की महिला को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने के मामले में अनीश नाम के एक युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए उस पर 4.56 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। इसमें 3.50 लाख रुपए महिला को दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि 15 मार्च 2022 को गुलावठी कोतवाली में युवती की ओर से आरोपी अनीश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। उसमें बताया गया कि अनीश ने आकाश नाम से महिला को झांसे में लेकर धर्म परिवर्तित करा दिया। महिला का नाम आयशा रख दिया। वह महिला के ढाई लाख रुपए और एक चेन लेकर फरार हो गया।
(आईएएनएस)
जौनपुर, 6 मार्च । जौनपुर जिले की एक अदालत ने बुधवार को पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में सात साल की सजा सुनाई और 50 हजार का जुर्माना भी लगाया।
अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट शरद त्रिपाठी ने मंगलवार को पूर्व सांसद को दोषी करार दिया था। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने अपना फैसला सुनाया।
नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का चार साल पहले अपहरण कराने, रंगदारी मांगने, गालियां और धमकी देने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह और सहयोगी संतोष विक्रम को सात साल की सजा सुनाई गई है।
धनंजय सिंह को दो साल से ज्यादा की सजा मिली है, ऐसे में वह अब आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
इससे पहले मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ/एमपी एमएलए कोर्ट शरद कुमार त्रिपाठी की अदालत ने दोनों आरोपियों को अपहरण और रंगदारी मामले में दोषी करार दिया था। साथ ही सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए छह मार्च की तिथि नियत की गई थी।
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 6 मार्च । आगामी लोकसभा चुनाव में बीआरएस और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन के ऐलान के बाद बीआरएस के एक नेता ने कांग्रेस ज्वाइन करने का फैसला किया है।
पूर्व विधायक कोनेरू कोनप्पा ने आगामी योजना की रूपरेखा तैयार करने के लिए पार्टी समर्थकों के साथ बैठक बुलाने का फैसला किया है।
वो मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से भी मुलाकात कर सकते हैं।
कोमाराम भीम जिले के सिरुपुर निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक के वफादारों ने बसपा के साथ गठबंधन करने के बीआरएस के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष आरएस प्रवीन कुमार ने सिरपुर से चुनाव लड़ा था। कोनेरू कोनप्पा के समर्थकों का दावा है कि प्रवीन कुमार के चुनावी मैदान में उतरने से उनके नेता को हार का मुंह देखना पड़ा।
तीन बार के विधायक कोनेरू कोनप्पा को भाजपा के पी. हरीश बाबू के हाथों 3,000 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रवीन कुमार तीसरे स्थान पर रहे।
2004 में कोनेरू कोनप्पा पहली बार कांग्रेस के टिकट पर सिरपुर से चुने गए थे। बाद में वह बसपा में शामिल हो गए और 2014 में उसी सीट से चुने गए। हालांकि, चुनाव के तुरंत बाद, वह टीआरएस (अब बीआरएस) में चले गए। उन्होंने 2018 में बीआरएस टिकट पर सीट बरकरार रखी।
बीआरएस अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव और प्रवीन कुमार के बीच बैठक के बाद मंगलवार को बीआरएस और बीएसपी ने अपने गठबंधन की घोषणा की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बसपा के लिए कुछ लोकसभा सीटें छोड़ने की बात कही है। चंद्रशेखर राव और बसपा नेता मायावती के बीच बातचीत के बाद सीट बंटवारे की घोषणा होने की संभावना है।
(आईएएनएस)
चेन्नई, 6 मार्च । लोकसभा चुनाव 2024 जीतने के लिए राजनीतिक दलों के नेता एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इस बीच तमिलनाडु के लिए सीट बंटवारे के समझौते के लिए इंडिया गठबंधन के दल बुधवार को चेन्नई में डीएमके मुख्यालय अन्ना अरिवलयम में बैठक कर रहे हैं।
डीएमके के वरिष्ठ नेता टीआर बालू सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) नेता थोल थिरुमावलवन और रविकुमार से मुलाकात करेंगे।
वीसीके पहले चार सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही थी, अब दो आरक्षित सीटों और एक सामान्य सीट पर उतर आई है।
द्रमुक इस बात पर अड़ी है कि सिर्फ दो सीटें दी जाएंगी और वीसीके यह तय कर सकती है कि वह एक सामान्य और एक एससी सीट पर लड़ेगी या दोनों एससी सीटें होंगी।
साझेदारों के बीच बातचीत सुचारू रूप से नहीं चल रही है। दरअसल द्रमुक के प्रमुख सहयोगी अधिक लोकसभा सीटों की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस भी कम से कम नौ सीटें चाहती है जिस पर उसने 2019 के लोकसभा चुनावों में चुनाव लड़ा था। जबकि माकपा कोयंबटूर सीट की मांग कर रही है, जो उसने 2019 में जीती थी।
द्रमुक, माकपा को दो सीटें आवंटित करने को तैयार है, जिसमें उसकी वर्तमान सीट मदुरै भी शामिल है। द्रमुक चाहती है कि कोयंबटूर से तमिल सुपरस्टार कमल हासन वहां से चुनाव लड़ें, लेकिन माकपा अपनी मांग से पीछे नहीं हट रही है।
एक अन्य दल एमडीएमके ने भी लोकसभा सीट के अलावा एक राज्यसभा सीट की मांग की है, जो डीएमके ने उसे आवंटित की है। एमडीएमके के संस्थापक नेता वाइको के बेटे दुरई वाइको लोकसभा चुनाव में एमडीएमके के उम्मीदवार होंगे।
भले ही वीसीके और द्रमुक दोनों सीटों की संख्या को लेकर अपनी जिद पर अड़े हैं, लेकिन वीसीके ने हाल ही में कहा था कि वह द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ रहेगा।
कांग्रेस ने भी बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, पार्टी एआईएडीएमके (अन्नाद्रमुक) के साथ संपर्क में है। आईएएनएस ने मंगलवार को खबर दी थी कि एआईएडीएमके ने कांग्रेस को 16 लोकसभा सीटों की पेशकश की है।
हालांकि, अनुभवी नेता टीआर बालू द्रमुक के लिए चर्चा का नेतृत्व कर रहे हैं। पार्टी नेतृत्व को उम्मीद है कि सीटों का बंटवारा सौहार्दपूर्ण तरीके से पूरा हो जाएगा।
वरिष्ठ द्रमुक नेता एस. दुरईमुरुगन ने आईएएनएस को बताया, "हम सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाएंगे और तमिलनाडु से सभी सीटें जीतेंगे।"
-(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 6 मार्च कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में ‘क्रॉस-वोटिंग’ करने वाले अपने छह विधायकों में से एक सुधीर शर्मा को बुधवार को पार्टी के सचिव पद से हटा दिया।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुधीर शर्मा को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से ताल्लुक रखने वाले शर्मा प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में शुमार किए जाते हैं। हाल ही में उन्हें और पांच अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराया गया।
हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए हुए मतदान में कांग्रेस के छह विधायकों द्वारा 'क्रॉस वोटिंग' किये जाने के बाद भाजपा उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी और उसके बाद से राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गत बृहस्पतिवार को इन छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। विधायकों ने सदन में वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था। (भाषा)
बारासात (पश्चिम बंगाल), 6 मार्च प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज में संदेशखालि में नारी शक्ति पर ‘अत्याचार का घोर पाप’ हुआ है और इससे हर किसी का सिर शर्म से झुक गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से यहां आयोजित ‘नारी शक्ति वंदन अभिनंदन’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेतृत्व वाली सरकार बंगाल की महिलाओं के गुनाहगारों को बचाने के लिए ‘पूरी शक्ति’ लगा रही है जबकि उसे उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय तक में झटका लगा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस व्यवहार से (राज्य सरकार के) बंगाल की महिलाएं... देश की महिलाएं आक्रोश में हैं। नारी शक्ति के आक्रोश का यह ज्वार संदेशखालि तक ही सीमित नहीं रहने वाला है, बल्कि यह पूरे बंगाल तक जाएगा।’’
पश्चिम बंगाल को नारी शक्ति के लिए बहुत बड़ा प्रेरणा केंद्र करार देते हुए मोदी ने कहा कि यहां की महिलाओं ने देश को दिशा दी है और मां शारदा, भगिनी निवेदिता, मातंगिनी हाजरा और कल्पना दत्ता जैसी अनगिनत शक्ति स्वरूपा दी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसी धरती पर टीएमसी के राज में नारी शक्ति पर अत्याचार का घोर पाप हुआ है। संदेशखालि में जो हुआ उससे किसी का भी सिर शर्म से झुक जाएगा। लेकिन यहां की सरकार को आपके दुख से कोई फर्क नहीं पड़ता।’’
मोदी ने कहा, ‘‘टीएमसी सरकार बंगाल की महिलाओं के गुनाहगार को बचाने में पूरी शक्ति लगा रही है। पहले उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय से भी राज्य सरकार को झटका लगा।’’
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य की गरीब, दलित, वंचित और आदिवासी परिवार की बहन-बेटियों के साथ टीएमसी के नेता जगह-जगह अत्याचार कर रहे हैं लेकिन राज्य सरकार को अपने अत्याचारी नेता पर भरोसा है, बंगाल की बहन-बेटियों पर भरोसा नहीं है।
प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी का नाम लिए बगैर कहा कि टीएमसी के ‘माफियाराज’ को ध्वस्त करने के लिए बंगाल की नारी शक्ति निकल चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘संदेशखालि ने दिखाया है कि पश्चिम बंगाल की बहन बेटियों की बुलंद आवाज सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘तुष्टीकरण और तोलाबाजों के दबाव में काम करने वाली टीएमसी सरकार कभी भी बहन-बेटियों को सुरक्षा नहीं दे सकती है। वहीं दूसरी तरफ केंद्र की सरकार है जिसने बलात्कार जैसे संगीन अपराध के लिए फांसी की सजा तक की व्यवस्था की है।’’
‘भारत माता की जय’, ‘जय मां दुर्गा’ और ‘जय मां काली’ के उद्घोष से अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि संकट के समय महिलाएं आसानी से शिकायत कर सकें, इसके लिए केंद्र सरकार ने महिला हेल्पलाइन बनाई है लेकिन राज्य सरकार इस व्यवस्था को यहां लागू नहीं होने दे रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी महिला विरोधी टीएमसी सरकार महिलाओं का कभी भला नहीं कर सकती।’’
अपने संबोधन के दौरान मोदी ने विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन पर भी निशाना साधा और कहा कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की वापसी होते देख उसके सारे नेता बौखला गए हैं, उनकी नींद उड़ गई है और उन्होंने संतुलन खो दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस ‘इंडी’ गठबंधन के भ्रष्टाचारी लोग आजकल मेरे परिवार के बारे में पूछ रहे हैं। ये लोग कह रहे हैं कि मोदी का खुद का परिवार ही नहीं हैं क्योंकि मैं उनके परिवारवाद के खिलाफ बात करता हूं। आज देश का हर जवान, बहन और बेटी कह रहे है कि ‘मैं हूं मोदी का परिवार’।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे देश की बहनें...यही तो मोदी का परिवार हैं। मोदी के शरीर का कण-कण और जीवन का क्षण-क्षण इसी परिवार के लिए समर्पित है। जब मोदी को कोई कष्ट होता है तो यही माताएं-बहनें-बेटियां कवच बनकर खड़ी हो जाती हैं।’’
बारासात पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री ने कोलकाता में देश भर की अनेक मेट्रो परियोजनाओं का लोकार्पण किया जिसमें कोलकाता में पानी के अंदर देश की पहली मेट्रो लाइन भी शामिल है।
कोलकाता मेट्रो के ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर में 4,965 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड खंड का मोदी ने उद्घाटन किया जो ‘किसी भी बड़ी नदी के नीचे देश की पहली परिवहन सुरंग’ है। इस खंड में बना हावड़ा मेट्रो स्टेशन, देश का सबसे गहराई में स्थित स्टेशन भी होगा।
उद्घाटन कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने स्कूल के छात्रों के साथ एस्प्लेनेड से हावड़ा मैदान तक मेट्रो की यात्रा की। (भाषा)