राष्ट्रीय
अमरावती, 18 फरवरी । आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियाँ बनाने की योजना को चार साल बाद भी अमली जामा नहीं पहना पाने के बाद राज्य की सत्तारूढ़ वाईएसआर काँग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने चुनाव से कुछ सप्ताह पहले राजधानी की कहानी में एक नया मोड़ जोड़ दिया है।
वाईएसआरसीपी नेता वाई.वी. सुब्बा रेड्डी का कहना है कि हैदराबाद को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों की संयुक्त राजधानी बनाये रखना चाहिए, जब तक कि आंध्र प्रदेश की अपनी राजधानी न हो।
मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के चाचा सुब्बा रेड्डी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि उन्होंने अपनी ओर से कुछ नहीं कहा होगा। इस बयान को बहस का रुख बदलने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि विपक्षी टीडीपी-जन सेना गठबंधन ने राज्य को राजधानी विहीन रखने के लिए जगन सरकार पर तीखा हमला किया है।
आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत हैदराबाद को 2 जून 2014 से 2 जून 2024 तक 10 वर्षों के लिए दोनों तेलुगु राज्यों की संयुक्त राजधानी बनना था, जिसके बाद यह अकेले तेलंगाना की राजधानी होगी।
हैदराबाद तेलंगाना के क्षेत्र के अंदर स्थित है। लेकिन तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने शेष आंध्र प्रदेश के उन लोगों को शांत करने के लिए इसे दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी बनाने पर सहमति व्यक्त की, जो 1956 से संयुक्त राज्य की राजधानी रहे शहर को खोने से नाराज थे। 10 साल की अवधि का उद्देश्य आंध्र प्रदेश को अपनी राजधानी बनाने का अवसर देना भी था। कई उतार-चढ़ाव के बाद, आज भी बिना राजधानी के है।
आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने साल 2016 में प्रसाशन का केंद्र अमरावती में स्थानांतरित कर दिया था, जहां 6 अक्टूबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई राजधानी शहर की आधारशिला रखी गई थी।
नायडू के पास अमरावती को एक विश्व स्तरीय शहर के रूप में विकसित करने की भव्य योजना थी। उन्होंने क्षेत्र के 29 गांवों के किसानों को लैंड पूलिंग के तहत अपनी जमीन देने के लिए सफलतापूर्वक मना लिया था। टीडीपी सरकार ने मेगा प्रोजेक्ट के कुछ घटकों पर भी काम किया था।
हालांकि 2019 के चुनाव में टीडीपी की हार ने सब कुछ बदल दिया। जगन मोहन रेड्डी ने विपक्ष के नेता के रूप में अमरावती को राज्य की राजधानी बनाने का समर्थन किया था, लेकिन सत्ता में आने के कुछ महीनों बाद उन्होंने इसे त्याग दिया।
ऩए सीएम ने 17 दिसंबर 2019 को राज्य विधानसभा में घोषणा की थी कि उनकी सरकार विकेंद्रीकृत विकास सुनिश्चित करने के लिए तीन राजधानियाँ बनाएगी।
वाईएसआरसीपी सरकार ने विशाखापट्टनम को प्रशासनिक राजधानी, कुरनूल को न्यायिक राजधानी और अमरावती को विधायी राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा।
अमरावती के जिन किसानों ने राजधानी के लिए 33 हजार एकड़ जमीन दी थी, वे विरोध में थे। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों और जन संगठनों के नेताओं के साथ मिलकर अदालत का दरवाजा खटखटाया।
चार साल बाद भी तीन राजधानियों का मुद्दा कानूनी पचड़े में है। जगन बार-बार घोषणाओं के बावजूद अपना कार्यालय विशाखापट्टनम में स्थानांतरित नहीं कर सके।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, चंद्रबाबू नायडू ने तीन राजधानियों को पूरा करने में विफल रहने के लिए जगन पर हमला तेज कर दिया है।
सुब्बा रेड्डी का बयान वाईएसआरसीपी द्वारा एक नई बहस शुरू करके इस ओर से ध्यान हटाने का एक स्पष्ट प्रयास है।
हालांकि, वाईएसआरसीपी के भीतर हैदराबाद को संयुक्त राजधानी का दर्जा 2 जून 2024 से आगे बढ़ाने के पक्ष में बहुत कम लोग हैं।
--(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 18 फरवरी कांग्रेस के चार विधायकों को मंत्री के रूप में शामिल करने पर पार्टी विधायकों के एक वर्ग में नाराजगी की खबरों के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने रविवार को कहा कि प्रदेश में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाला गठबंधन “मजबूत” है और राज्य में गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से नयी दिल्ली में मुलाकात से पहले सोरेन ने यह टिप्पणी की।
खरगे से मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष से यह शिष्टाचार मुलाकात थी।
हालिया मंत्रिमंडल गठन को लेकर कांग्रेस विधायकों के एक वर्ग के असंतुष्ट होने पर सोरेन ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है।
इससे पहले सुबह सोरेन ने कहा, “(यह) कोई मुद्दा ही नहीं है, हमारा गठबंधन मजबूत है।”
असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों के दिल्ली में होने के बारे पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, “यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है, वे इसे सुलझा लेंगे। मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है। झामुमो और कांग्रेस के बीच कोई विवाद नहीं है और सब कुछ बिल्कुल ठीक है।”
कांग्रेस के कम से कम 12 विधायकों ने 23 फरवरी से शुरू हो रहे आगामी राज्य विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने और मंत्रियों को नहीं बदलने पर जयपुर जाने की धमकी दी है।
झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 81-सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एक) हैं।
आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को फिर से मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायक पहले रांची के एक होटल में एकत्र हुए। उन्हें मनाने के लिए झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे और मंत्री बसंत सोरेन पहुंचे।
विधायकों के साथ बैठक के बाद बसंत सोरेन ने कहा, “कोई भ्रम नहीं है...हम सभी एकजुट हैं।” (भाषा)
नयी दिल्ली, 18 फरवरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जैन मुनि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के निधन पर रविवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि यह देश और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
शाह ने कहा कि विद्यासागर महाराज प्रत्येक व्यक्ति और ब्रह्मांड के कल्याण के अपने संकल्प के प्रति निस्वार्थ रूप से प्रतिबद्ध रहे।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘महा मुनि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जैसे महान पुरुष का निधन देश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।’’
गृह मंत्री ने कहा कि विद्यासागर महाराज ने अपनी अंतिम सांस तक मानवता के कल्याण को प्राथमिकता दी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे ऐसे बुद्धिमान व्यक्ति का सानिध्य, स्नेह और आशीर्वाद मिला।’’
शाह ने कहा कि विद्यासागर महाराज ने आचार्य, ‘योगी’, विचारक, दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में इन सभी भूमिकाओं में समाज का मार्गदर्शन किया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 18 फरवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने जो हासिल किया है वह एक पड़ाव मात्र है और अगले पांच वर्षों में ‘विकसित भारत’ के संकल्प को हासिल करने के लिए लंबी छलांग लगानी है लेकिन इसके लिए पहली शर्त सरकार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जोरदार वापसी है।
भाजपा के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भाजपा हर भारतीय के जीवन को बदलने के लिए और बहुत कुछ हासिल करने के लिए बहुत से निर्णय अभी बाकी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में भारत ने जो गति हासिल की है और बड़े लक्ष्य प्राप्त करने का जो हौसला पाया है...वह अभूतपूर्व है। इसलिए नहीं कि मैं कह रहा हूं। आज दुनिया गाजे-बाजे के साथ बोल रही है।’’
उन्होंने कहा कि भारत ने आज हर क्षेत्र में जो ऊंचाई हासिल की है, उसने हर देशवासी को एक बड़े संकल्प के साथ जोड़ दिया है और यह संकल्प है ‘विकसित भारत’ का।
उन्होंने कहा, ‘‘अब देश छोटे सपने नहीं देख सकता है और ना ही देश अब छोटे संकल्प ले सकता है। सपने भी विराट होंगे और संकल्प भी विराट होंगे। हमारा सपना भी है और हम सब का संकल्प भी है कि हमें भारत को विकसित बनाना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें अगले पांच वर्षों की बहुत बड़ी भूमिका होने जा रही है। अगले पांच सालों में भारत को पहले से भी कई गुना तेजी से काम करना है। अगले पांच सालों में हमें विकसित भारत की तरफ एक लंबी छलांग लगानी है। इन सारे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पहली शर्त है सरकार में भाजपा की जोरदार वापसी।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विपक्ष के नेता भी ‘अगली बार मोदी सरकार’ बोल रहे हैं और ‘अगली बार राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार, 400 पार’ के नारे लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘राजग को 400 पार करने के लिए भाजपा को 370 के मील का पत्थर पार करना ही होगा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश मानता है 10 साल का उनका कार्यकाल आरोपमुक्त रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘25 करोड लोगों को गरीबी से बाहर निकलना कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश मानता है कि हमने देश को महाघोटाले और आतंकी हमलों से मुक्ति दिलाई है, गरीब और मध्यम श्रेणी के लोगों का जीवन बेहतर करने का प्रयास किया है।’’
छत्रपति शिवाजी महाराज को अपनी प्रेरणा बताते हुए मोदी ने कहा कि वह अपने सुख और वैभव के लिए जीने वाले व्यक्ति नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाजपा सरकार का तीसरा कार्यकाल सत्ता भोग के लिए नहीं मांग रहा हूं। मैं राष्ट्र का संकल्प लेकर निकला हुआ व्यक्ति हूं। अगर मैं अपने घर की चिंता करता तो आज करोड़ों गरीबों के घर नहीं बन पाते। मैं देश के करोड़ों बच्चों के भविष्य के लिए जीता हूं।’’
देश के युवाओं, महिलाओं और गरीबों के सपने व संकल्प को ‘मोदी का संकल्प’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस संकल्प की पूर्ति के लिए ही दिन-रात एक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘10 वर्षों में हमने जो हासिल किया वह एक पड़ाव मात्र है। मंजिल तक पहुंचाने का एक नया विश्वास है। हमें अभी देश के लिए और कोटि-कोटि भारतीयों के लिए और हर भारतीय के जीवन को बदलने के लिए बहुत कुछ हासिल करना है। इसके लिए बहुत से निर्णय अभी बाकी है।’’
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अगले सौ दिन नयी ऊर्जा, नयी उमंग, नए उत्साह, नय विश्वास और नए जोश के साथ काम करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज 18 फरवरी है और इस कालखंड में जो युवा 18 वर्ष के पड़ाव पर पहुंचे हैं वह देश की 18वीं लोकसभा का चुनाव करने वाले हैं। अगले 100 दिन हम सबको जुट जाना है। हर नए मतदाता तक पहुंचना है और हर लाभार्थी तक पहुंचना है। हर घर, समाज, पंथ और सब लोगों के पास पहुंचना है और हमें सबका विश्वास हासिल करना है।’’
उन्होंने कहा कि और जब सबका प्रयास होगा तो देश की सेवा के लिए सबसे ज्यादा सीट भी भाजपा को ही मिलेगी। (भाषा)
कानपुर, 18 फरवरी । कानपुर के किसान बाबू सिंह की आत्महत्या मामले के मुख्य आरोपी और निष्कासित भाजपा नेता प्रियरंजन आशु दिवाकर के खिलाफ एक नई एफआईआर दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, नई एफआईआर मृतक किसान के परिजनों को धमकी देने के आरोप में दर्ज की गई है।
बाबू सिंह की बेटी रूबी ने चकेरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि दिवाकर मामले में समझौता करने के लिए परिवार पर दबाव बना रहे थे।
रूबी ने कहा कि 15 फरवरी को जब वह घर लौट रही थी, तभी अज्ञात लोगों ने उन्हें रोका और धमकी दी कि दिवाकर को जमानत मिल गई है। अगर उसके परिवार ने मामला नहीं सुलझाया, तो उस पर तेजाब से हमला किया जाएगा।
पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कहा कि केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
किसान बाबू सिंह ने 9 सितंबर 2023 को ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि प्रियरंजन आशु दिवाकर ने उनकी जमीन हड़प ली है।
बाबू सिंह की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने दिवाकर और पांच अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, जमीन हड़पने और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 18 फरवरी । नीतीश कुमार के महागठबंधन से नाता तोड़ एनडीए में शामिल होने व नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेनेे के बाद बयानों का सिलसिला चला पड़ा है। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपने बयान में कहा कि नीतीश कुमार के लिए उनका दरवाजा हमेशा खुला रहता है। अब नीतीश कुमार के महागठबंधन के साथ जाने के सवाल पर जदयू के भागलपुर से विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि यदि नीतीश कुमार वापस जाना चाहेंगे, तो उन पर विचार होगा। हमारा दरवाजा किसी के लिए बंद नहीं होता है।
ऐसे में क्या नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन के साथ जाएंगे के सवाल पर, गोपाल मंडल ने कहा कि राजनीति में तो सबका दरवाजा खुला ही रहता है, किसी का दरवाजा बंद नहीं रहता। जब जरूरत पड़ेगी, जिसमें घुसना है, घुस जाएंगे।
वहीं नीतीश के फिर से पलटी मारने वाले सवाल पर गोपाल मंडल ने कहा कि फिर से क्यों, अभी जिसके साथ चल रहे हैं, चलने दीजिए, अभी 2024 तक चलने दीजिये। आगे जो होगा, देखा जाएगा।
वहीं इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने साफ कर दिया था कि वह अब एनडीए के साथ आ गए हैं, तो यहीं रहेंगे और वह कहीं नहीं जाएंगे। वहीं मीडिया की तरफ से उनसे जब लालू यादव के बयान को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा था कि जिनको जो कुछ बोलना है, बोलता रहे, उससे मुझे कुछ लेना-देना नहीं है।
(आईएएनएस)
कोलकाता, 18 फरवरी । पश्चिम बंगाल में संदेशखाली की एक पीड़िता ने पुलिस के बजाय न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया। इसके बाद राज्य में विपक्षी दलों ने पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
पीड़िता के बयान के आधार पर ही तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता शिबू हाजरा को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। विपक्षी दलों ने दावा किया, ''यह घटनाक्रम इस बात का ठोस उदाहरण है कि पश्चिम बंगाल में आम लोगों की नजर में राज्य पुलिस की कितनी विश्वसनीयता है।'
भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा, ''संदेशखाली में प्रदर्शनकारी महिलाओं ने दावा किया है कि जब भी वे स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ शिकायत लेकर पुलिस के पास जाती थीं, तो पुलिस उन्हें केवल माफी के लिए आरोपियों के पास जाने की सलाह देती थी।''
राहुल सिन्हा ने कहा कि पुलिस ने कभी भी एफआईआर दर्ज नहीं की। इसलिए महिला को अब न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश होकर गुप्त बयान देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने बताया, ''जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति को गुप्त बयान देने का फैसला करता है, जो न्याय प्रणाली में है लेकिन पुलिस में नहीं है, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि आम लोगों का पुलिस पर से विश्वास खत्म हो गया है।''
उन्होंने कहा, "न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने गुप्त बयान संदेशखाली के स्थानीय लोगों के पिछले अनुभवों से प्रेरित है, जब उन्होंने अतीत में माफी के लिए स्थानीय पुलिस से संपर्क किया था।"
हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से इन टिप्पणियों पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
तथ्य यह है कि संदेशखाली के स्थानीय लोगों का पुलिस पर से विश्वास उठता जा रहा है। यह शनिवार को स्पष्ट हो गया। महिला ने पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डब्ल्यूबीसीपीसीआर) और मीडिया को बताया कि उसके बच्चे को पुलिस की वर्दी में कुछ नकाबपोश गुंडों ने छीन लिया और फेंक दिया। वह घटना के बाद मदद के लिए पुलिस के पास नहीं गई, क्योंकि उसे स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं है।
(आईएएनएस)
चेन्नई, 18 फरवरी । तमिल सुपर स्टार विजय ने 2 फरवरी 2024 को अपनी राजनीतिक पार्टी तमिझागा वेत्री कजगम (टीवीके) लॉन्च की थी। विजय का कहना है कि उनका लक्ष्य 2026 का विधानसभा चुनाव है। आगामी आम चुनाव में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।
विजय के दफ्तर से एक प्रेस बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि टीवीके 19 फरवरी 2024 (सोमवार) को सुबह 9 बजे पनियूर में पार्टी मुख्यालय में अपने पदाधिकारियों की बैठक आयोजित करेगी।
बैठक में पार्टी के जिला पदाधिकारी और प्रदेश पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। बैठक में 2024 के आम चुनाव को लेकर फैसलों की घोषणा की जाएगी।
गौरतलब है कि आईएएनएस ने पहले खबर दी थी कि विजय आम चुनाव में भाजपा की ओर मदद का हाथ बढ़ा सकते हैं। हालांकि, विजय और उनके पदाधिकारी चुनावों में भाजपा को दिए जाने वाले संभावित समर्थन से सहमत नहीं हैं।
तमिलनाडु में दो पूर्व मुख्यमंत्री एम.जी. रामचंद्रन (एमजीआर) और जे. जयललिता तमिल दुनिया के सुपरस्टार थे। डीएमके नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मुथुवेल करुणानिधि तमिल फिल्म उद्योग के अग्रणी स्क्रिप्ट राइटरों में से एक थे।
इससे पता चलता है कि तमिल फिल्म उद्योग और राज्य की द्रविड़ राजनीति आपस में जुड़ी हुई है।
(आईएएनएस)
भोपाल 18 फरवरी । मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पुत्र छिंदवाड़ा के सांसद नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच उनके समर्थकों का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है।
बीते कुछ दिनों से कमलनाथ और कांग्रेस हाई कमान के बीच दूरियां बढ़ीं और राज्यसभा के उम्मीदवार के ऐलान के बाद यह दूरी साफ नजर भी आने लगी। इसी बीच कमलनाथ और उनके पुत्र नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं ने भी जोर पकड़ लिया।
कमलनाथ अपने पुत्र के साथ छिंदवाड़ा के दौरे को बीच में ही रद्द कर दिल्ली रवाना हो गए। इसके चलते सियासी कयासबाजी और तेज हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पुत्र दिल्ली में हैंं, तो वहीं उनके समर्थकों ने भी दिल्ली की ओर रुख करना शुरू कर दिया है।
कहा तो यहां तक जा रहा है कि एक दर्जन से ज्यादा विधायक और महापौर भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पुत्र नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं पर दोनों की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, हां कमलनाथ ने इतना जरूर कहा है कि जो भी होगा, सबसे पहले मीडिया को ही बताऊंगा।
ज्ञात हो कि राज्य में वर्ष 2020 में सबसे बड़ा दल बदल हुआ था जब 22 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा का दामन थामा था। इस दल बदल के बाद ही कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और भाजपा सत्ता में वापस लौटी थी। अब एक बार फिर कांग्रेस में बड़े दल बदल की चर्चाएं जोरों पर है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 18 फरवरी । बीते दिनों से मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। दोनों नेता दिल्ली में मौजूद हैं। माना यह भी जाना रहा है कि उनके साथ कांग्रेस के कई नेता भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसी बीच कमलनाथ ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर श्रीराम का झंडा लगा दिया है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि वह कांग्रेस का साथ छोड भाजपा के साथ जा सकते हैं।
हालांकि कमलनाथ और नकुलनाथ ने इसकी पुष्टि नहीं की है। वहीं उनके घर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। इसके अलावा कमलनाथ खेमे के नेता माने जाने वाले सज्जन सिंह वर्मा ने भी सोशल मीडिया एक्स पर भगवान राम के साथ पोस्टर साझा किया है। पोस्टर में लिखा है,''तेरे राम मेरे राम, तुझमें भी राम, मुझमें भी राम, जय श्रीराम।''
उधर दिल्ली भाजपा के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की खबरों को निराधार बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, बहुत से मित्रों के फ़ोन आ रहे है और वो कमलनाथ के बारे में पूछ रहे हैं। मैंने उनसे फ़ोन पर भी कहा है और यहां भी कह रहा हूं कि सिखों के हत्यारे और हिन्द दी चादर गुरु तेग बहादुर जी के गुरुद्वारे रकाबगंज साहिब को जलाने वाले कमलनाथ के लिए भाजपा के दरवाज़े न खुले थे न खुले हैं । प्रधानमंत्री मोदी के होते हुए कभी ऐसा संभव नहीं हो पाएगा, ऐसा मैं आप सबको भरोसा दिलाता हूं।''
(आईएएनएस)
इंफाल, 17 फरवरी । मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि यह पता लगाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं कि क्या चुराचांदपुर जिले में 15 फरवरी को उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के कार्यालयों पर भीड़ के हमले के पीछे कोई 'छिपा हुआ एजेंडा' था।
किसी का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस जिले में हिंसा भड़काने के आरोप में चुराचांदपुर विधायक के खिलाफ मामला दर्ज करेगी।
चुराचांदपुर में गुरुवार देर रात एक सरकारी परिसर, जिसमें एसपी और डीसी के कार्यालय हैं, पर धावा बोलने वाली भीड़ पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक अन्य घायल हो गए।
सिंह ने कहा कि चूड़ाचांदपुर में आगजनी में जानमाल की हानि और पांगेई में मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज (एमपीटीसी) और चिंगारेल में मणिपुर राइफल्स परिसर की 5वीं बटालियन से हथियार लूटने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार इन घटनाओं की पुरजोर निंदा करती है।
उन्होंने मीडिया से कहा, “दोनों घटनाओं की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। कानून-व्यवस्था बनाए रखना, सार्वजनिक संपत्ति और मानव जीवन की रक्षा करना सरकार का प्राथमिक कर्तव्य और जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि सोशल मीडिया पर चुराचांदपुर एसपी को धमकी देने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) द्वारा एसपी को जारी किए गए कथित अल्टीमेटम के बारे में सिंह ने कहा कि ऐसी धमकियों को हल्के में नहीं लिया जाएगा और सरकार इन घटनाओं पर आंखें नहीं मूंदेगी।
राज्य सरकार ने एमपीटीसी और मणिपुर राइफल्स परिसर की 5वीं बटालियन में हुई घटना के सिलसिले में सात कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
दोनों घटनाओं के बारे में कुछ लोगों की टिप्पणियों की निंदा करते हुए सिंह ने कहा कि इस तरह की विभाजनकारी राजनीति करना और युवाओं को गुमराह करना निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''किसी भी स्थान पर राज्य या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी चुनौती के खिलाफ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।'' उन्होंने कहा कि तलाशी अभियान चलाने के लिए अतिरिक्त बलों को सुगुनु क्षेत्र लैलोईफाई भेजा गया है, जहां से गोलीबारी की सूचना मिली थी।
उन्होंने कहा: “कुछ क्षेत्रों को संवेदनशील या हॉट-स्पॉट ज़ोन के रूप में चिह्नित किया गया है। राज्य का कोई भी क्षेत्र कानून-व्यवस्था के दायरे से नहीं छूटेगा।”
सिंह ने यह भी कहा कि राहत शिविरों में रहने वाले 59 हजार 800 लोगों को प्रति व्यक्ति एक हजार रुपये की वित्तीय सहायता तीसरी बार मंजूर की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही इन लोगों को वैकल्पिक आवास प्रदान करेगी।
(आईएएनएस)
बेगूसराय, 17 फरवरी । बिहार के बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र में शनिवार देर शाम एक ही परिवार के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
हत्या का आरोप रिश्तेदारों पर ही लगा है।
मृतकों में पिता, पुत्र और पुत्री शामिल है। घटना की पुष्टि बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने की है।
मृतकों की पहचान श्रीपुर गांव निवासी उमेश यादव (60), उनके पुत्र राजेश यादव (25) और पुत्री नीलू कुमारी (21) के रूप में की गई है।
पुलिस के अनुसार ये सभी अपने एक रिश्तेदार के घर गोविंदपुर गांव आए थे। इसी दौरान यह घटना घटी है। सूचना के बाद पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शवों को अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस अधीक्षक खुद भी घटनास्थल पर पहुंचे है।
घटना के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक जाँच में हत्या का कारण पारिवारिक विवाद सामने आया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
(आईएएनएस)
शिवुपरी, 17 फरवरी । मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में बुजुर्ग दंपति से कुछ लोगों ने मारपीट की और उसके बाद उनके साथ कथित तौर पर अमानवीय व्यवहार करते हुए मैला खिला दिया।
मामला अमोला थाना अंतर्गत सिलानगर गांव का है। पीड़ित की शिकायत पर सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है क्योंकि पहले बुजुर्ग दंपति थाने पर शिकायत लेकर गए लेकिन वहाँ कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद जिला मुख्यालय पर आकर पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस ने जांच की और इसके बाद मामला दर्ज किया गया।
अब सात लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है और आरोपियों को विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। बताया गया है कि सिलानगर गांव के बुजुर्ग दंपति ने पुलिस अधीक्षक को दिए आवेदन में आरोप लगाए हैं कि गांव के ही सात लोगों ने उनके साथ 15 फरवरी को मारपीट की और मैला खिलाया।
आरोपियों ने जादू-टोना के शक में इस वारदात को अंजाम दिया। बताया जाता है कि पिछले कुछ दिनों से गांव के कुछ लोगों के अंडर वियर चोरी जा रहे थे। इस बात को लेकर उक्त मामले में बुजुर्ग दंपत्ति पर शक किया गया और आरोपियों ने इस बात को लेकर उनकी पिटाई कर दी और मैला खिला दिया।
(आईएएनएस)
रांची,18 फरवरी झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से नाराज झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक वैद्यनाथ राम ने रविवार को कहा कि इससे ‘‘उनके सम्मान को ठेस पहुंची है और वह चुप नहीं बैठेंगे।’’
लातेहार से विधायक राम ने कहा कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने के फैसले ने अनुसूचित जनजाति की ‘‘भावनाओं को भी आहत’’ किया है। विधायक ने आगे की कार्रवाई तय करने के लिए आज अपने आवास पर एक बैठक बुलाई है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ ने कहा,‘‘मेरे सम्मान को ठेस पहुंची है, मैं चुप नहीं बैठूंगा।’’
झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे बसंत सोरेन समेत आठ विधायकों ने चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली है। कथित तौर पर अंतिम समय में राम का नाम सूची से हटा दिया गया था।
असंतुष्ट विधायक ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने मंत्री पद पर विचार के लिए दो दिन का वक्त मांगा है।
उन्होंने कहा,‘‘ मुख्यमंत्री दिल्ली में हैं। उम्मीद करता हूं कि जब वे रांची वापस आएंगे तो कोई सकारात्मक जवाब देंगे अन्यथा मैं कोई निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हूं।’’
झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एक) हैं।
झारखंड में कांग्रेस के चार विधायकों को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की सरकार में शामिल करने से नाराज पार्टी के 12 में से आठ विधायक शनिवार शाम दिल्ली पहुंचे।
आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को फिर से मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायक पहले रांची के एक होटल में एकत्र हुए। उन्हें मनाने के लिए झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे और मंत्री बसंत सोरेन पहुंचे।
कांग्रेस के कम से कम 12 विधायकों ने धमकी दी है कि अगर पार्टी के कोटे के मंत्री बनाए गए नेताओं को बदला नहीं गया तो वे 23 फरवरी से होने वाले आगामी विधानसभा सत्र का बहिष्कार करेंगे। (भाषा)
बारासात 18 फरवरी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के पेट्रापोल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के रास्ते 2.25 करोड़ रुपये के सोने की तस्करी का प्रयास करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि जिले में गुप्त सूचना पर अलग-अलग घटनाओं पर कार्रवाई करते हुए, बीएसएफ कर्मियों ने बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने वाले ट्रकों की तलाशी ली और एक वाहन से 1.58 करोड़ रुपये मूल्य के 2.5 किलोग्राम सोने के बिस्कुट जब्त किए और दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि एक अन्य घटना में, एक अन्य व्यक्ति के पास से एक किलोग्राम से अधिक वजन का सोने का पेस्ट जब्त किया गया।
जब्त सोना और गिरफ्तार व्यक्तियों को सीमा शुल्क अधिकारियों को सौंप दिया गया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 18 फरवरी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर रविवार को निशाना साधा और कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार का मतलब बेरोजगारों पर “दोहरी मार” है।
राहुल ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में दावा किया कि आज बेरोजगारी की बीमारी से उत्तर प्रदेश का हर तीसरा युवा ग्रसित है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'जहां डेढ़ लाख से अधिक सरकारी पद खाली हैं, वहां न्यूनतम योग्यता वाले पदों के लिए भी ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी धारक लाइन लगा कर खड़े हैं।'
उन्होंने कहा, 'डबल इंजन सरकार का मतलब बेरोजगारों पर 'डबल मार' है।'
राहुल ने कहा, 'पहले तो भर्ती निकलना एक सपना है, भर्ती निकले तो पेपर लीक, पेपर हुआ तो नतीजे का पता नहीं और लंबे इंतजार के बाद रिजल्ट आने पर भी अक्सर भर्ती के लिये अदालत का चक्कर।'
उन्होंने कहा कि सेना से लेकर रेलवे और शिक्षा से लेकर पुलिस तक की भर्तियों का सालों-साल इंतजार कर लाखों छात्र 'ओवरएज' (अर्हता उम्र पार) हो चुके हैं।
राहुल ने कहा कि निराशा के इस चक्रव्यूह में फंसा छात्र अवसाद का शिकार होकर टूट रहा है।
उन्होंने दावा किया, 'और इन सब से व्यथित होकर जब वह अपनी मांगें लेकर सड़क पर निकले तो मिलती हैं उसे पुलिस की लाठियां।'
राहुल ने कहा कि एक छात्र के लिए नौकरी सिर्फ आय का साधन नहीं, बल्कि अपने परिवार का जीवन बदल देने का सपना है और इस सपने के टूटने के साथ पूरे परिवार की आस टूट जाती है।
उन्होंने जोर देकर कहा, 'कांग्रेस की नीतियां युवाओं के सपनों के साथ न्याय करेंगी, हम उनकी तपस्या व्यर्थ नहीं जाने देंगे। (भाषा)
सुरेंद्रनगर 18 फरवरी गुजरात के सुरेंद्रनगर में शनिवार देर रात वैन का टायर फटने से हुए हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि घटना देर रात 1:30 बजे ध्रांगध्रा राज्य राजमार्ग पर हरिपुर गांव के पास हुई।
उन्होंने बताया, ‘‘छह लोग एक विवाह समारोह में भाग लेने के बाद ध्रांगध्रा लौट रहे थे। एक ही परिवार के तीन सदस्यों सहित चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल थीं, जबकि दो लोग हादसे में घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’’
ध्रांगध्रा पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान यज्ञेश जादव, इंदुमती जादव, राधा जादव और धनेश चावड़ा के रूप में की गई है। (भाषा)
रांची, 18 फरवरी झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने पड़ोसी राज्य बिहार की तर्ज पर राज्य में जाति-आधारित सर्वेक्षण को हरी झंडी दे दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को एक मसौदा (सर्वेक्षण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार करने और इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो लोकसभा चुनाव के बाद कवायद शुरू हो जाएगी।
सर्वेक्षण का संकेत देते हुए मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। झारखंड तैयार है।”
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “झारखंड में (जाति-आधारित) सर्वेक्षण कराने के लिए कार्मिक विभाग मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगा। इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।”
उन्होंने कहा कि जाति-आधारित सर्वेक्षण पड़ोसी राज्य बिहार की तर्ज पर किया जाएगा, जहां पिछले साल सात जनवरी से दो अक्टूबर के बीच आंकड़ों का संग्रह किया गया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 18 फरवरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को आगामी लोकसभा चुनाव की तुलना महाभारत के युद्ध से की और कहा कि जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) देश के विकास के लिए काम कर रहा है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के तहत ‘इंडी गठबंधन’ परिवारवादी पार्टियों और भ्रष्टाचारियों से भरा पड़ा है।
भाजपा के दो दिवसीय अधिवेशन के आखिरी दिन ‘भाजपा: देश की आशा, विपक्ष की हताशा’ प्रस्ताव पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने इन पार्टियों को चलाने वाले परिवारों की दूसरी, तीसरी और चौथी पीढ़ी की ओर इशारा करते हुए कहा कि विपक्ष में टू-जी, थ्री-जी और फोर-जी पार्टियों की भरमार है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए काम किया है और वैश्विक स्तर पर देश का कद बढ़ाया है। शाह ने कहा कि लोगों के मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री तीसरी बार सत्ता में लौटेंगे।
उन्होंने सोनिया गांधी, शरद पवार, लालू प्रसाद और एम.के. स्टालिन एवं अन्य का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी गरीबों और देश के विकास के बारे में सोचते हैं जबकि ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता अपने बच्चों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनाने के बारे में सोचते हैं।
बैठक में मोदी-मोदी के नारे के बीच उन्होंने कहा कि मोदी के खिलाफ परिवारवादी पार्टियों के सभी ‘राजकुमार’ एक साथ आ गए हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि केवल शक्तिशाली परिवार से ही कोई व्यक्ति इस शीर्ष पद पर आसीन हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ परिवार द्वारा चलाई जाने वाली पार्टियां हैं और दूसरी तरफ गरीब मां का बेटा है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने उन 60 करोड़ गरीबों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए काम किया है जो पहले विकास प्रक्रिया से अलग-थलग महसूस करते थे।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल हर चीज का विरोध करते हैं, चाहे वह अनुच्छेद 370 को निरस्त करना हो, तीन तलाक पर प्रतिबंध हो, संशोधित नागरिकता कानून हो या संसद के नए भवन का निर्माण हो।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति के कारण राम मंदिर का न्योता ठुकरा दिया।
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा में परिवार द्वारा संचालित राजनीति होती तो चाय बेचने वाले का बेटा देश का प्रधानमंत्री नहीं बनता।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी के 10 वर्षों में आज देश विकसित भारत का स्वप्न लेकर आगे बढ़ रहा है। दूर-दूर तक घमंडिया गठबंधन को सत्ता प्राप्ति की संभावना नहीं दिखती है। इस वजह से वो आज हर चीज का विरोध करने लगे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज आप सबके माध्यम से भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि अगले चुनाव में दो खेमें आमने-सामने हैं। एक तरफ मोदी जी के नेतृत्व में राजग है तो दूसरी ओर कांग्रेस के नेतृत्व में सारी परिवारवादी पार्टियों का घमंडिया गठबंधन। ये घमंडिया गठबंधन भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण की राजनीति का पोषक है और भाजपा एवं राजग राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर चलने वाला गठबंधन है।’’ (भाषा)
नई दिल्ली, 18 फरवरी । विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से इतर एक संक्षिप्त बातचीत की है।
यह बातचीत शनिवार को तब हुई, जब जयशंकर एक पैनल चर्चा के लिए मंच पर जा रहे थे और वांग मंच से नीचे आ रहे थे।
दोनों देशों के बीच कई महीनों तक कोई संवाद न होने के बाद अचानक यह बातचीत हुई है।
पिछली बार दोनों नेता जुलाई 2023 में आसियान बैठक से इतर इंडोनेशिया में मिले थे।
सुरक्षा सम्मेलन, वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर एक वार्षिक सम्मेलन शुक्रवार को म्यूनिख में शुरू हुआ।
जयशंकर पहले ही सम्मेलन से इतर ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड कैमरन और पेरू के विदेश मंत्री जेवियर गोंजालेज-ओलेचिया से मुलाकात कर चुके हैं।
(आईएएनएस)
श्रीनगर, 17 फरवरी । जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आर.आर. स्वैन ने शनिवार को बताया कि पुलिस एक योजना का पालन करेगी, ताकि भविष्य में कोई भी युवा आतंकवाद में शामिल न हो।
डीजीपी ने बारामूला शहर में जन शिकायत निवारण कार्यक्रम के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ''आने वाले दिनों में आप देखेंगे। हम यह सुनिश्चित करने के लिए एक योजना का पालन करेंगे कि जम्मू-कश्मीर में कोई भी युवा आतंकवाद में शामिल न हो। हम अपनी योजना को सफल बनाने के लिए माता-पिता, शिक्षकों, नागरिक समाज और मस्जिद प्रमुखों के संपर्क में हैं।''
डीजीपी ने कहा कि दाढ़ी बढ़ाने की उम्र से भी पहले युवा जब बंदूक उठाते हैं, तो वे शिकार बन जाते हैं। असली अपराधी वह हैं, जो इन युवा लड़कों के हाथों में बंदूक और पैसे थमाते हैं। हम उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने जा रहे हैं, जो इन युवाओं लुभाते हैं।"
डीजीपी ने कहा कि पुलिस मुख्यालय से संबंधित मुद्दों को उनके द्वारा जल्दी हल किया जाता है, जबकि जांच और पूछताछ से संबंधित मुद्दों पर थोड़ा अधिक समय लगता है। उन्होने कहा नार्को-आतंकवाद एक चुनौती है, क्योंकि नशे के आदी लोग तस्करों के रूप में काम करते देखे जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "हम युवाओं को जहर देने वाले ड्रग की आपूर्ति में शामिल मास्टरमाइंड का पीछा कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस सरकार के साथ और अधिक नशा मुक्ति केंद्र बनाने का मुद्दा उठा रही है।"
(आईएएनएस)
नोएडा/गाजियाबाद, 18 फरवरी । पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर एक तरफ किसानों से घमासान चल रहा है। बातचीत की कोशिश असफल हो रही है, पुलिस को आंसू गैस और बल का प्रयोग करना पड़ रहा है, तो दूसरी तरफ नोएडा और गाजियाबाद बॉर्डर पर पुलिस बल तो तैनात है, लेकिन स्थिति सामान्य है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इस बार किसान आंदोलन को सभी किसान संगठनों का पूर्ण रूप से समर्थन प्राप्त नहीं है। इसीलिए हर बॉर्डर पर वह जोर दिखाई नहीं दे रहा है।
किसान आंदोलन को लेकर नोएडा और गाजियाबाद बॉर्डर पर भले ही पुलिस बल मौजूद हो, लेकिन पहले की तरह सख्ती देखने को नहीं मिल रही है। यातायात भी सामान्य रूप से चल रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन ने भारत बंद का आह्वा्वान किया था, लेकिन इसका खास असर देखने को नहीं मिला था। एहतियात के तौर पर नोएडा और गाजियाबाद के बॉर्डर पर पुलिस बल तैनात है। बैरिकेडिंग रखी गई है, पैरामिलिट्री फोर्सेस को तैनात किया गया है, लेकिन टकराव की स्थिति देखने को नहीं मिली है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता चौधरी राकेश टिकैत के कई बयान सामने आए, जिनके मुताबिक उन्होंने बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को अपने समर्थन देने की बात जरूर कही है, लेकिन उन्हें धैर्य रखने को कहा है और भारतीय किसान यूनियन की भूमिका इस आंदोलन को लेकर सकारात्मक नहीं दिखाई दे रही है।
इस मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने बताया कि सभी किसान संगठनों की अलग-अलग मांगे हैं, जिनको लेकर वह अपना प्रदर्शन करते रहते हैं। हम एक दूसरे से जुड़े जरूर हैंं, लेकिन कई मुद्दों पर विचारधाराएं अलग हैंं, इसीलिए जब संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन एक साथ मिलकर किसी मुद्दे पर आंदोलन करता है, तो हम अग्रणी भूमिका में रहते हैं।
फिलहाल किसान आंदोलन के चलते आम लोगों को दिक्कतें तो हुईं, लेकिन बीते कई आंदोलन की तरह लोगों को बहुत ज्यादा यातायात संबंधी या अन्य दिक्कतों से जूझना नहीं पड़ा। इस बार पुलिस ने पहले ही कई किसान नेताओं को उनके घर में नजर बंद भी कर दिया था और यह साफ तौर पर संदेश था कि किसी तरीके का उपद्रव और बवाल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
(आईएएनएस)
रांची, 18 फरवरी । झारखंड की सरकार ने राज्य में जातीय जनगणना कराने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। सीएम चंपई सोरेन ने कार्मिक विभाग को इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए हैं। विभाग की ओर से तैयार किए जाने वाले प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले राज्य सरकार प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है।
बिहार के बाद झारखंड देश का दूसरा राज्य है, जहां जातीय जनगणना कराई जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा था कि उनकी सरकार जातीय जनगणना कराने की पक्षधर है। राज्य की विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत दो विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से कहा गया था कि सरकार जातीय जनगणना के पक्ष में है। तब सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया था कि वह जातीय जनगणना कब कराएगी।
अब खुद को हेमंत पार्ट-टू बताने वाले चंपई सोरेन ने इस दिशा में पहल कर दी है। हाल में हेमंत सोरेन के कैबिनेट ने राज्य में लंबे समय से लंबित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को मंजूरी दी थी और पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद को इसका अध्यक्ष बनाया था। इस आयोग को राज्य में नगर निकायों में पिछड़ी जातियों का आरक्षण प्रतिशत तय करने के लिए ट्रिपल टेस्ट कराने का जिम्मा सौंपा गया है।
शनिवार को प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव ने मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को जातीय जनगणना की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा और पिछड़ों का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की। इसके बाद सीएम ने इसके लिए कार्मिक विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 फरवरी । भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्र में मोदी सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों को बताते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश, पार्टी और समाज को नेतृत्व प्रदान कर राजनीति में नया आयाम स्थापित किया है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और रामलला के विराजमान होने के लिए नड्डा ने राष्ट्रीय अधिवेशन की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद भी कहा।
नड्डा ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि देश के प्रधान सेवक, जो देश के प्रशासन के कामों में पूर्णतया व्यस्त रहते हैं, इसके बावजूद पार्टी उनकी प्राथमिकता है और वो पार्टी के लिए हमेशा खड़े रहे हैं। पार्टी कैसे आगे बढ़ेगी, हम किस प्रकार से पार्टी को आगे बढ़ा सकते हैं, प्रधानमंत्री मोदी पल-पल इस बात की चिंता करते हैं।
भाजपा राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक में उद्घाटन भाषण देते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तर प्रदेश, असम, त्रिपुरा और उत्तराखंड सहित कई राज्यों में पार्टी की लगातार जीत का जिक्र करते हुए कहा कि 7 दशक के भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में हमने हर कालखंड देखा है। संघर्ष और उपेक्षा का काल देखा है, जमानत बचाने के लिए चुनाव लड़ने वाला काल देखा है, साथ ही चुनाव में हारने और जीतने का काल भी देखा है। आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।
नड्डा ने आगे कहा कि वर्ष 2014 से पहले भाजपा की सिर्फ 5 प्रदेशों में सरकारें थी और लंबे समय तक पार्टी 5-6 पर ही रुकी हुई थी, 2014 के बाद, आज 17 राज्यों में एनडीए की सरकारें हैं और 12 प्रदेशों में विशुद्ध भाजपा की सरकार है।
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले लोग हमारा उपहास करते थे। लेकिन, 2014 में केंद्र में हमारी सरकार बनी और 2019 में फिर से हमारी सरकार बनी।
भाजपा नेताओं के 'जय श्री राम' के नारे के बीच नड्डा ने अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने सहित तमाम उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि आज एक माहौल में हम एकत्र हुए हैं, जहां हमें पीछे भी जीत दिखी है और आगे भी जीत मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछला दशक जो गुजरा, वो उपलब्धियों से भरा हुआ है। राजनीतिक कारणों से जो 'महिला आरक्षण बिल' तीन दशकों से पास नहीं हो पाया था, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वही नारी शक्ति वंदन अधिनियम मात्र तीन दिन में पास हो गया।
नड्डा ने 1989 के पालमपुर अधिवेशन, जिसमें पार्टी ने प्रस्ताव पारित कर रामजन्मभूमि आंदोलन का खुलकर समर्थन करने का फैसला किया था, का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने हमारा मजाक उड़ाया कि 'मंदिर वहीं बनाएंगे, लेकिन तारीख नहीं बताएंगे।' लेकिन, अब राम मंदिर का निर्माण हो चुका है, 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की। विरोधी नेताओं की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि, "आप आए नहीं, ये आपके कर्म थे।"
(आईएएनएस)
लखनऊ, 17 फरवरी । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-4 (जीबीसी-4) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से जीबीसी-4 को लेकर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
सीएम योगी ने खासतौर पर प्रधानमंत्री समेत अन्य वीआईपी मेहमानों और निवेशकों के आवागमन, सुविधाओं के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने मुख्य हॉल और मंच का निरीक्षण किया।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पिछले वर्ष 10 से 12 फरवरी के मध्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ था। उसके करीब एक वर्ष बाद 19-21 फरवरी के बीच ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-4 का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पीएम मोदी समेत तमाम वीआईपी शामिल होंगे। कार्यक्रम में दुनिया भर के 3,000 से अधिक प्रतिभागियों के आने की संभावना है, जिसमें जाने माने उद्योगपति, फॉर्च्यून ग्लोबल/इण्डिया 500 कंपनियां, विदेशी निवेशक भागीदार, राजदूत/उच्चायुक्त एवं अन्य प्रतिष्ठित अतिथि सम्मिलित हैं।
उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में नए इनोवेशन के जरिए एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की ओर तेजी से कदम बढ़ाते उत्तर प्रदेश की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था को दर्शाया जा रहा है। इसके तहत स्टील के शिपिंग कंटेनर्स को बेस बनाकर जर्मन हैंगर बनाए जा रहे हैं।
इसके अतिरिक्त यहां श्रीराम जन्मभूमि मंदिर समेत डिफेंस के तमाम इक्विप्मेंट्स के 3डी रेप्लिका मॉडल्स को दर्शाया जाएगा।
पिछले वर्ष फरवरी माह में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का भव्य आयोजन हुआ था। इस आयोजन के मात्र एक वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश सरकार 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश को धरातल पर उतारने का दावा कर रही है। इससे 34 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध होने के साथ ही 14,000 से अधिक परियोजनाएं साकार होंगी।
(आईएएनएस)