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पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपहरण के एक पुराने केस में सात साल की सजा सुनाई गई है. सजा की टाइमिंग पर सवाल उठ रहे हैं. ये प्रश्न एक बार फिर सामने आ रहे हैं कि क्या न्यायिक फैसलों में राजनीति का भी प्रभाव होता है?
डॉयचे वैले पर समीरात्मज मिश्र की रिपोर्ट-
धनंजय सिंह को जिस मामले में सजा हुई है, वो चार साल पुराना है जिसमें उन पर आरोप थे कि उन्होंने पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी को धमकी दी और उनका अपहरण कर लिया. उनके खिलाफ अपहरण, रंगदारी मांगने, धमकी देने संबंधी धाराओं में केस दर्ज किए गए.
इस केस में धनंजय सिंह की गिरफ्तारी भी हुई थी और फिर जमानत मिल गई. बाद में यह केस बिल्कुल निष्क्रिय सा हो गया. कुछ महीनों पहले ही इसमें फिर कार्रवाई शुरू हुई और अब उन्हें इसमें दोषी मानकर सात साल की सजा सुनाई गई है.
बात अगर धनंजय सिंह की ही की जाए, तो उनका पहले से ही अपराध से नाता रहा है और उसके बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया. हालांकि, राजनीति में आने के बाद भी अपराध की दुनिया से उनका वास्ता बना रहा. इसके गवाह 40 से ज्यादा वो मुकदमे हैं, जो 1990 के दशक से ही उनके खिलाफ दर्ज होते रहे हैं.
लेकिन ये सारे मुकदमे धीरे-धीरे न्यायपालिका में इसलिए खारिज होते गए कि उनके खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले. यानी, उन सभी मामलों में वो बरी हो गए. इनमें से कुछ तो ऐसे मामले थे, जिन्हें बेहद संगीन कहा जाता है. इनमें हत्या जैसे अपराध में शामिल होने जैसे आरोप भी थे.
लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे धनंजय सिंह
जिस मामले में उन्हें सजा हुई है, उसकी टाइमिंग को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. धनंजय सिंह जौनपुर से जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से टिकट चाह रहे थे. जेडीयू के बीजेपी से गठबंधन के बाद वह आश्वस्त थे कि उन्हें टिकट मिल जाएगा, बीजेपी से नहीं तो जेडीयू से. लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी से बीजेपी में आए कृपाशंकर सिंह को टिकट दे दिया.
टिकट न मिलने के बाद धनंजय सिंह ने शहर भर में पोस्टर छपवाए, जिनसे साफ जाहिर था कि वो पूरी ताकत से चुनाव लड़ने के मूड में हैं. इसी बीच ये अदालती मामला आ गया और वो सजायाफ्ता बन गए. यानी, अब वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
जेल जाते वक्त धनंजय सिंह ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ साजिश की गई है, ताकि वो चुनाव न लड़ सकें. लेकिन सवाल यह उठता है कि इस षड्यंत्र में न्यायालय कैसे शामिल हो सकता है. हालांकि यह जरूर है कि हाल में ऐसे कई फैसले आए हैं, खासकर निचली अदालतों के, जब उन फैसलों की ताशीर में राजनीतिक रुझान की झलक देखी गई.
बड़ी संख्या में विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई
धनंजय सिंह को एमपीएमएलए विशेष कोर्ट ने सजा सुनाई है और इस कोर्ट से अब तक यूपी में 300 से ज्यादा नेताओं को सजा सुनाई गई है. उनमें ज्यादातर विपक्षी दलों के ही नेता शामिल हैं. हालांकि इनमें से ज्यादातर का संबंध आपराधिक जगत से रहा, लेकिन अपराध जगत से संबंध रखने वाले ऐसे विधायकों-सांसदों के खिलाफ फैसलों की सूची बहुत छोटी है, जो सत्ता पक्ष से संबंधित हैं.
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान, अतीक अहमद, अशरफ अहमद, मुख्तार अंसारी, उसके भाई अफजाल अंसारी, बेटा अब्दुल्ला अंसारी जैसे तमाम नेताओं को अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है. हालांकि, इसी दौरान सत्ता पक्ष के विधायक कुलदीप सेंगर को भी आजीवन कारावास की सजा दी गई और उनका भी राजनीतिक करियर खत्म हो गया, लेकिन सत्ता पक्ष के नेताओं के उदाहरण बहुत कम हैं. उनके मामलों की पैरवी में भी हीलाहवाली और लटकाए रखने के आरोप लगते हैं.
अफजाल अंसारी को तो गैंगस्टर मामले में निचली अदालत ने चार साल की सजा सुना दी थी, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई. वह एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए गाजीपुर से मैदान में हैं.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102(1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अगर किसी भी जनप्रतिनिधि को दो साल से ज्यादा की सजा मिली है, तो उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से चली जाएगी. वह आगे भी छह साल तक चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रहेगा.
अलग-अलग रवैये पर सवाल
यूपी में जब अब्दुल्ला आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को अलग-अलग मामलों में सजा हुई, तो उनकी विधानसभा सदस्यता तत्काल समाप्त करने की स्पीकर की तरफ से अधिसूचना एक-दो दिन के भीतर आ गई.
वहीं, जब बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी को स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुजफ्फरनगर दंगों के लिए दोषी ठहराते हुए अक्टूबर 2022 में दो साल की सजा सुनाई. विधानसभा सचिवालय की तरफ से उनकी सदस्यता रद्द करने संबंधी अधिसूचना जारी करने में करीब एक महीना लग गया. इस देरी के लिए राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से स्पीकर के दफ्तर को पत्र भी लिखा गया था.
अभी पिछले दिनों सुल्तानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी को एक ऐसे मामले में समन भेजकर तलब कर लिया कि उन्होंने कर्नाटक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गृहमंत्री अमित शाह के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. राहुल गांधी उस दौरान 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' पर थे और फिर वहीं से वह कोर्ट के सामने हाजिर हुए.
राहुल गांधी को ऐसे ही एक मामले में गुजरात की एक अदालत ने दो साल की सजा भी सुनाई थी, जिससे उनकी लोकसभा की सदस्यता चली गई थी. हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट से वह न सिर्फ बरी हुए बल्कि उनकी सदस्यता भी बहाल हो गई.
लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ कलहंस कहते हैं कि सीधे तौर पर तो यह कहना ठीक नहीं है कि अदालती फैसलों पर राजनीति का असर है, लेकिन पिछले कुछ समय में कुछ ऐसे फैसले जरूर आए हैं जिन्होंने ज्यादातर विपक्षी दलों के नेताओं को ही प्रभावित किया है. डीडब्ल्यू से बातचीत में कलहंस कहते हैं, "शुरू में तो ये चीजें इग्नोर की गईं, लेकिन अब पब्लिक में चर्चा हो रही है कि अदालती फैसलों पर कहीं-न-कहीं राजनीति का असर है. यानी, अदालतों पर लोगों को उंगली उठाने का मौका मिल रहा है."
कलहंस आगे कहते हैं, "सत्ता पक्ष के कई नेताओं के खिलाफ हेट स्पीच जैसे मामलों में भी हीलाहवाली हुई है, जबकि विपक्ष के कुछ नेताओं के मामलों में मामूली धाराओं में भी कठोर फैसले आए हैं. लोअर जूडिशरी के फैसलों पर सबसे ज्यादा उंगलियां उठ रही हैं. कई बार तो इन फैसलों को ऊंची अदालतों में बदला भी गया है, लेकिन तब तक इन निर्णयों से राजनीतिक लाभ लोगों को मिल चुका था."
फैसलों के बाद नियुक्तियां
अदालती फैसलों पर उंगलियां इसलिए भी उठ रही हैं कि कुछ विवादास्पद मामलों में सरकार के मनमाफिक फैसला देने वाले जजों को रिटायरमेंट के बाद पुरस्कृत भी किया गया है. ताजा उदाहरण वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में पूजा का अधिकार संबंधी फैसला देकर चर्चित हुए जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश का है. रिटायरमेंट के महज एक महीने बाद सरकार ने उन्हें डॉक्टर शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास यूनिवर्सिटी का लोकपाल नियुक्त कर दिया. डॉक्टर विश्वेश 31 जनवरी को रिटायर हुए और 1 मार्च को उन्हें इस पद पर नियुक्त कर दिया गया.
सिद्धार्थ कलहंस कहते हैं, "इन फैसलों पर राजनीतिक संलिप्तता के आरोपों की पुष्टि इस बात से भी होती है कि हाल के कुछ फैसलों में विशेष अदालतों के खिलाफ हाईकोर्ट की नजरें टेढ़ी हुई हैं. लेकिन एक बात यह भी है कि सत्ता पक्ष के मामलों में शासन-प्रशासन की ओर से तेजी नहीं दिखाई जाती, जिससे फैसलों में देरी होती है. वहीं, विपक्षी नेताओं के मामले में पैरवी में तेजी दिखाई जाती है."
बात अगर धनंजय सिंह की ही की जाए, तो जौनपुर में माना जा रहा था कि यदि वह बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय या फिर किसी दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ गए, तो बीजेपी उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में तत्काल उनके खिलाफ एक ऐसे फैसले ने सवाल खड़े कर दिए, जिसने उन्हें चुनाव लड़ने के काबिल ही नहीं रखा. सिद्धार्थ कलहंस कहते हैं कि फैसलों पर राजनीतिक प्रभाव है या नहीं या फिर कितना है, इसका प्रमाण दे पाना तो मुश्किल है, लेकिन यदि ऐसा है तो निश्चित तौर पर यह लोकतंत्र और न्यायपालिका दोनों के लिए घातक है. (dw.com)
बेंगलुरू, 8 मार्च । कर्नाटक पुलिस ने नाबालिक लड़की के साथ यौन शोषण मामले में कड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने मामले में एक मठ के पुजारीऔर उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी कुनिगल तालुक गांव में स्थित सुप्रसिद्ध मठ का मठाधीश है। पुजारी पर आरोप है कि उसने मठ परिसर के अंदर नाबालिग लड़की का यौन शोषण किया।
सूत्रों के मुताबिक, तुमकुरु साइबर पुलिस स्टेशन में अपने खिलाफ दर्ज हुई शिकायत के बाद आरोपियों ने भी काउंटर शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत में कहा गया है कि पुजारी ने त्वचा रोग के उपचार कराने के लिए कपड़े उतारे थे, इस बीच कुछ लोगों ने उसका वीडियो बना लिया और उस पर यौन शोषण का आरोप लगा दिया। पुजारी ने अपनी शिकायत में 6 लोगों पर वीडियो बनाने का आरोप लगाया है।
हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया है कि नाबालिग लड़की का पुजारी ने यौन शोषण किया, जिसके बाद आरोपी को पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
(आईएएनएस)
पटना, 8 मार्च । बिहार में जब पिछले महीने फिर से एनडीए की सरकार बनी थी, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछली सरकार के किए गए कार्यों की समीक्षा कर एक्शन लेने की बात कही थी। एनडीए सरकार ने अब एक्शन शुरू कर दिया है।
सरकार ने विधानसभा में होने वाली सुरक्षा प्रहरियों की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया है तो कई विभाग की निविदाओं को रद्द कर जांच के आदेश दिए हैं।
बिहार सरकार ने बिहार विधानसभा की सुरक्षा प्रहरी (मार्शल) भर्ती लिखित परीक्षा रद्द कर दी है। अब इसके लिए नए सिरे से परीक्षा होगी। परीक्षा की नई तिथि बाद में घोषित की जाएगी।
बिहार विधानसभा सुरक्षा प्रहरी (मार्शल) भर्ती परीक्षा का आयोजन पिछले साल 10 सितंबर को किया गया था। इसमें 27 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसके बाद इसी साल 19 से 22 जनवरी तक शारीरिक दक्षता व जांच परीक्षा भी आयोजित की गई थी।
इधर, सरकार ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) में पिछले कुछ महीनों में हुए सभी एकल निविदाएं (सिंगल टेंडर) रद्द करने का निर्णय लिया है।
बताया गया है कि अब तक जारी 4500 करोड़ रुपए की निविदाओं की जांच होगी।
उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि कई निविदाओं को लेकर शिकायतें मिलती रही हैं। जांच के दौरान साक्ष्यों को आधार बनाते हुए विभागीय जांच का आदेश दे दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जो भी दोषी पाए जाएंगे, कारवाई होगी।
इस बीच, ग्रामीण सड़कों के निर्माण को लेकर पिछले महीनों में हुई निविदा की भी जांच कराने के निर्णय लिए गए हैं। बताया जाता है कि आनन फानन में कई एजेंसियों का चयन कर काम आवंटित किए गए। इसके बाद विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
(आईएएनएस)
बेहतर नौकरी और अच्छी सैलरी की तलाश में भारतीय रूस में जाकर जंग में फंस रहे हैं. उन्हें रूस की तरफ से जंग में लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. अब सीबीआई ने एक बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
हैदराबाद के मोहम्मद असफान रूसी सेना में बतौर "सहायक" काम करने के लिए रूस गए थे तो उनके परिवार ने कभी सोचा नहीं था कि वह यूक्रेन युद्ध में लड़ेंगे, वहां मरना तो दूर की बात है. असफान उन कई भारतीयों में से हैं, जिनके बारे में उनके रिश्तेदारों का दावा है कि उन्हें आकर्षक नौकरी के अवसरों का लालच देकर रूस बुलाया गया था, लेकिन उन्हें अपनी इच्छा के खिलाफ रूस की तरफ से लड़ने के लिए मोर्चे पर जाने को मजबूर होना पड़ा.
पिछले हफ्ते ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसके ध्यान में लाए गए ऐसे हर मामले को "मजबूती के साथ से उठाया गया" है.
29 फरवरी को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पत्रकारों से कहा, "हमारी जानकारी में लगभग 20 लोग वहां फंसे हुए हैं. हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें सेवा मुक्ति मिल जाए. इसके लिए हम दिल्ली और मॉस्को दोनों जगह पर रूसी अधिकारियों से संपर्क में हैं."
रूसी विदेश मंत्रालय ने रॉयटर्स के पूछे गए सवालों का तुरंत जवाब नहीं दिया है.
यूट्यूब वीडियो के जरिए फंसते लोग
यूट्यूब पर एक वीडियो में रूस में नौकरी और छह महीने बाद वहां की नागरिकता का वादा देख असफान इस जाल में फंस गए. असफान हैदराबाद में एक कपड़े की दुकान में मैनेजर थे. उनकी पत्नी के अलावा उनके परिवार में दो बच्चे हैं, जिनकी उम्र दो साल से भी कम है.
असफान के भाई इमरान ने उनकी मौत के एक दिन बाद समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "उसने हमें यूक्रेन बॉर्डर से फोन करके बताया कि उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है और उसे लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है... उसने मदद मांगी लेकिन तब तक वह फंस चुका था."
रूस में भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि असफान के शव को भारत लाने की कोशिश की जा रही है.
इसी तरह से एक और यूट्यूब वीडियो ने गुजरात के 23 साल के हेमिल मंगुकिया को पिछले साल दिसंबर में रूस जाने का लालच दिया. हेमिल की मौत 21 फरवरी को एक मिसाइल हमले में हो गई थी.
हेमिल के पिता ने कहा, "हेमिल को बताया गया था कि वह सेना में सहायक के रूप में काम करेगा और उसे तीन महीने तक प्रशिक्षित किया जाएगा, लेकिन (रूस) पहुंचने के बाद उसे अहसास हुआ कि उसे लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है."
रूस गए और जंग में फंस गए
परिवार को हेमिल की मौत की खबर उसके मरने के दो दिन बाद यानी 23 फरवरी को मिली. हेमिल के साथ लड़ने वाले एक और भारतीय ने उसके परिवार को फोन करके बताया कि उसकी मौत हो चुकी है.
हेमिल के पिता ने कहा, "हम अभी भी उसके शव के आने का इंतजार कर रहे हैं ताकि हम उसका अंतिम संस्कार कर सकें."
सोशल मीडिया पर सात ऐसे और लोगों के वीडियो वायरल हो रहे हैं जो भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं, वे रूस से लौटना चाहते हैं. भारतीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ये लोग पर्यटक वीजा पर रूस गए थे और उन्हें रूसी सेना में भर्ती होने के लिए मजबूर किया गया और ऐसा नहीं करने पर उन्हें 10 साल की सजा तक हो सकती है.
दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे खूनी युद्ध में फरवरी 2022 में रूस द्वारा पड़ोसी यूक्रेन पर हमला करने के बाद से दोनों पक्षों के हजारों सैनिक मारे गए हैं. मॉस्को इस हमले को "विशेष सैन्य अभियान" बताता आया है.
मानव तस्करी पर सीबीआई की कार्रवाई
इस बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अच्छी नौकरी के नाम पर रूस की सेना में शामिल कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है. गुरुवार को सीबीआई ने दिल्ली समेत देश के सात शहरों में छापेमारी की. जांच एजेंसी ने दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै, चेन्नई में 13 स्थानों पर तलाशी ली. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कथित तस्करों द्वारा विदेश भेजे गए पीड़ितों के कम से कम 35 मामलों की पहचान की गई है.
अधिकारियों के मुताबिक ये तस्कर एक संगठित नेटवर्क के रूप में काम कर रहे थे, जो यूट्यूब आदि जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से और अपने स्थानीय संपर्कों या एजेंटों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को रूस में "उच्च वेतन वाली नौकरियों" के लिए लुभा रहे थे.
एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी ने मीडिया से कहा, "तस्करी किए गए भारतीय नागरिकों को युद्धक भूमिकाओं में प्रशिक्षित किया गया और उनकी इच्छा के खिलाफ युद्ध क्षेत्र में अग्रिम ठिकानों पर तैनात किया गया, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ गई."
नौकरी के नाम पर धोखा
अधिकारी ने कहा, "बुधवार को निजी वीजा कंसल्टेंसी फर्मों, एजेंटों और अन्य लोगों के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया था, जो बेहतर रोजगार और उच्च वेतन वाली नौकरियों की आड़ में भारतीय नागरिकों को रूस में तस्करी करने में लगे हुए पाए गए. यह रैकेट कई राज्यों में फैला हुआ था."
अधिकारी ने कहा, "अब तक 50 लाख रुपये से अधिक की नकदी, आपत्तिजनक दस्तावेज और लैपटॉप, मोबाइल फोन और डेस्कटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं. तलाशी जारी है."
सीबीआई के अधिकारी का कहना है, "कुछ संदिग्धों को विभिन्न स्थानों से पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया है. अब तक पीड़ितों को विदेश भेजे जाने के लगभग 35 मामले सामने आए हैं."
(रॉयटर्स से जानकारी के साथ)
नई दिल्ली, 8 मार्च । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर बिहार भाजपा कोर कमेटी के नेताओं की बैठक शुरू हो गई है। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद हैं। राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा, सुशील मोदी और मंगल पांडे सहित बिहार भाजपा कोर ग्रुप के अन्य अहम नेता बैठक में मौजूद हैं।
बताया जा रहा है कि देर रात तक चलने वाली इस बैठक में जेपी नड्डा और अमित शाह बिहार के लोकसभा उम्मीदवारों के नामों के पैनल पर राज्य के नेताओं के साथ चर्चा कर एक अंतिम लिस्ट तैयार कर सकते हैं, जिसे अंतिम मंजूरी के लिए पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में रखा जाएगा। इसके साथ ही, नड्डा और शाह सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर भी अपने स्थानीय नेताओं से कार्यकर्ताओं और ग्राउंड जीरो के माहौल का फीडबैक लेंगे।
बिहार भाजपा कोर कमेटी की इस बैठक से पहले गुरुवार को ही चिराग पासवान ने जेपी नड्डा के साथ और नीतीश कुमार के करीबी संजय झा ने अमित शाह के साथ मुलाकात कर गठबंधन पर अहम चर्चा की थी।
(आईएएनएस)
इस बार लोकसभा चुनावों के दौरान झूठा और भ्रामक कंटेंट चुनाव आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से रहेगा. आयोग इससे निपटने के लिए तैयारी तो कर रहा है लेकिन आखिर कितनी बड़ी है यह चुनौती?
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा जल्द ही होने की संभावना है और चुनाव आयोग सभी तैयारियों में जुटा हुआ है. आयोग हर बार जिन चुनौतियों की तैयारी करता है, इस बार उनके अलावा उसके सामने एक और बड़ी चुनौती है.
आयोग ने फैसला किया है कि वह पहली बार सोशल मीडिया पर झूठा कंटेंट पकड़ने और उस पर कदम उठाने के लिए सैकड़ों कंट्रोल रूम बनाएगा. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि आयोग की टीमें लगातार सोशल मीडिया को मॉनिटर करेंगी और उनसे क्या माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, यह विश्लेषण भी करेंगी.
क्या कदम उठाएगा आयोग
कुमार ने बताया कि इन टीमों को जब भी कोई ऐसी सामग्री नजर आएगी जो तथ्यात्मक रूप से गलत है तो वो जैसा भी कदम उठा सकती हैं, उठांएगी. ऐसी कार्रवाई के तहत सभी को समान अवसर देने के तंत्र को भंग करने वाले, सांप्रदायिकता फैलाने वाले या गलत कंटेंट बनाने वालों को नोटिस जारी किए सकते हैं या उनके खिलाफ पुलिस से शिकायत की जा सकती है.
कुमार ने बताया कि वेब एड्रेसों को ब्लॉक भी किया जा सकता है और सोशल मीडिया कंपनियों से झूठे कंटेंट को हटाने के लिए अनुरोध भी किया जा सकता है. हालांकि कुमार ने यह भी कहा, "लेकिन हम इस पर सावधानी से आगे बढ़ेंगे, क्योंकि अभिव्यक्ति की आजादी, आलोचना और गड़बड़ी फैलाने में सिर्फ एक पतली लकीर का फर्क होता है."
भारत में फेक न्यूज के प्रसार और विशेष रूप से चुनावों पर उसके असर को लेकर कई बार चिंताएं व्यक्त की जा चुकी हैं. जनवरी 2024 में विश्व आर्थिक मंच ने अपनी 'ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट' में कहा था कि झूठी जानकारी अगले दो सालों में पूरी दुनिया के लिए एक खतरा बन कर उभरेगी.
रिपोर्ट में भारत पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया और कहा गया कि भारत में झूठी जानकारी का खतरा सबसे ज्यादा है. 2019 में भी लोकसभा चुनावों में झूठी जानकारी के काफी इस्तेमाल की खबरें आई थीं. देखना होगा कि चुनाव आयोग इस बार इस खतरे से निपट पाता है या नहीं.
क्या मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा?
इस बार चुनावों में 96 करोड़ से ज्यादा मतदाता हिस्सा लेंगे. मतदान के लिए पूरे देश में 10 लाख से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए हैं. करीब 2,400 राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव लड़ने के लिए पंजीकरण कराया है.
नई दिल्ली में यूं तो चुनाव आयोग के दफ्तर में 400 से 450 लोग काम करते हैं लेकिन इन चुनावों को कराने के लिए आयोग के कर्मचारियों की संख्या बढ़ कर करीब डेढ़ करोड़ हो जाएगी.
चाहे 15,000 फुट पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र तक वोटिंग मशीनों को ले जाना हो या 80 से ज्यादा उम्र के मतदाताओं के घर जा कर उनका मत लेना हो, यही कर्मचारी यह सब करेंगे. आयोग को उम्मीद है कि इस बार 2019 के 67 प्रतिशत से भी ज्यादा मतदाता अपना मत डालेंगे. (रॉयटर्स से जानकारी के साथ)
लखनऊ, 8 मार्च । अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपए की छूट के निर्णय पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया है। अपने एक्स अकाउंट पर मुख्यमंत्री ने इस फैसले को मातृशक्ति का सम्मान और पर्यावरण को संरक्षित करने वाली लोक-कल्याणकारी सौगात बताया है।
सीएम ने लिखा, ''आज 'महिला दिवस के अवसर पर एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 100 रूपए की छूट का निर्णय करोड़ों परिवारों को आर्थिक राहत देने के साथ ही मातृशक्ति को धुंए और प्रदूषण से मुक्ति दिलाकर स्वस्थ व खुशहाल जीवन प्रदान करेगा। मातृशक्ति के सम्मान और पर्यावरण को संरक्षित करने वाली इस लोक-कल्याणकारी सौगात के लिए प्रदेश वासियों की ओर से आपका हार्दिक आभार प्रधानमंत्री जी।"
पीएम मोदी ने महिला दिवस के मौके पर नारी शक्ति को बड़ा तोहफा दिया। आज से घरेलू सिलेंडर की कीमत 100 रुपए कम हो गई है। इसका ऐलान खुद पीएम ने सोशल मिडिया के माध्यम से किया।
पीएम मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, "महिला दिवस के अवसर पर आज हमने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की छूट का बड़ा फैसला किया है। इससे नारी शक्ति का जीवन आसान होने के साथ ही करोड़ों परिवारों का आर्थिक बोझ भी कम होगा।"
पोस्ट में आगे कहा गया कि रसोई गैस को और अधिक किफायती बनाकर, हमारा लक्ष्य परिवारों की भलाई का समर्थन करना और एक स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करना भी है। यह महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके लिए 'ईज ऑफ लिविंग' सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
--(आईएएनएस)
रांची, 7 मार्च । झारखंड के कोडरमा जिले के डोमचांच थाना क्षेत्र में एक छोटा सा गांव है-टिकैत टोला। इस टोले की पहचान यहां रहने वाली 19 वर्षीया राधा पांडेय के नाम से होती है। वह अपने ब्लॉक और जिले के लिए जाना-पहचाना नाम हैं। नजदीक के शहर झुमरी तिलैया स्थित जेजे कॉलेज में ग्रेजुएशन की इस छात्रा ने अब तक करीब 30 बच्चियों को बाल विवाह के कुचक्र से बचाया है।
इसकी शुरुआत उन्होंने खुद से की थी। चार साल पहले 15 साल की उम्र में घरवालों ने उनकी शादी तय कर दी थी। उन्होंने इसके खिलाफ मुखर विद्रोह कर दिया था तब परिवार को फैसला वापस लेना पड़ा था।
राधा की बगावत की गूंज जिला प्रशासन और राज्य की सरकार तक पहुंची। इसके बाद जिला प्रशासन ने राधा का बाल विवाह विरोधी अभियान का ब्रांड एंबेसडर बना दिया। बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन ने उसे बाल पंचायत का मुखिया चुना। वह फाउंडेशन के बाल विवाह उन्मूलन अभियान के तहत गांव-टोलों में घूमती हैं और लड़कियों को बाल विवाह की बुराइयों के प्रति जागरूक करती हैं। उनके पिता सुरेंद्र पांडेय ने आईएएनएस से कहा, “राधा बिल्कुल सही थी। बाल विवाह विरोधी अभियान की वजह से उसे सभी जानते हैं। लोग मुझे भी राधा के पिता के नाम से पहचानते हैं।”
झारखंड देश के उन राज्यों में है, जहां सबसे ज्यादा बाल विवाह होते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण, 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में 32.2 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में कर दी जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह की दर 36.1 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 19.4 फीसदी है।
लेकिन, पिछले कुछ सालों में सामने आई दर्जनों घटनाएं इस बात की तस्दीक करती हैं कि हालात बदलने की मुहिम तेज हो रही है। राधा पांडेय जैसी कई लड़कियां बाल विवाह के खिलाफ घर-परिवार-समाज में बगावत का साहस दिखा रही हैं।
हजारीबाग जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच स्थित लोटे गांव की 15 छात्राएं सखी संगम नामक एक समूह बनाकर बाल विवाह के खिलाफ अभियान चला रही हैं। खास बात यह कि यह समूह किसी स्वयंसेवी संस्था की पहल पर नहीं बना, बल्कि स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों ने खुद यह कदम उठाया है। इस समूह ने हाल में एक नाबालिग बच्ची की शादी रुकवा दी।
समूह की सदस्य शीला हेंब्रम बताती हैं कि उनकी एक सहपाठी की शादी घर वालों ने तय कर दी थी। सखी संगम समूह की बच्चियों ने उसके माता-पिता से शादी रोकने की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने कहा कि शादी के कार्ड छप चुके हैं, मेहमान भी आ गए हैं। अब यह शादी रुक नहीं सकती। फिर, हमने गांव के मुखिया (ग्राम प्रधान) से शिकायत की, लेकिन उन्होंने भी हाथ खड़ा कर दिया। अंततः हम लोगों ने अपनी शिक्षिका के जरिए चाइल्ड हेल्पलाइन में शिकायत की। शादी रुकी और आज वह लड़की 11वीं क्लास में पढ़ाई कर रही है।
हजारीबाग की डीसी नैंसी सहाय ने दो दिन पहले इन बच्चियों को सम्मानित किया है। इस समूह ने इन दिनों उन लड़कियों को वापस स्कूल लाने का अभियान भी शुरू किया है, जिन्होंने किसी वजह से बीच में पढ़ाई छोड़ दी थी।
फरवरी महीने में धनबाद के झरिया के कोयरी बांध में नौवीं की एक 17 वर्षीया छात्रा की शादी घर वालों ने तय कर दी। लड़की ने मना किया पर घर वालों ने मंदिर में बारात बुला ली। इसी बीच लड़की ने चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल पर शिकायत कर दी। चाइल्ड लाइन ने पुलिस की मदद से उसका रेस्क्यू किया।
लड़की की बगावत के कारण घर वालों ने उसे अपने साथ वापस ले जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसे बालिका गृह भेजा गया। सीडब्ल्यूसी चेयरमैन उत्तम मुखर्जी ने बताया कि परिजनों की काउंसलिंग की जाएगी, ताकि वे उसे फिर से अपना लें और उसे आगे पढ़ने दें। अगर परिजन नहीं मानेंगे, तो लड़की को आगे पढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।
कोडरमा के डोमचांच में बसवरिया गांव की छाया की शादी पिछले साल उसकी मर्जी के खिलाफ तय कर दी गई। छाया तब 12वीं की छात्रा थी। उसने पहले परिजनों को समझाने की कोशिश की। घरवालों ने उसकी एक न सुनी। आखिरकार छाया ने ब्लॉक के बीडीओ को इस बाबत पत्र लिखा। बीडीओ उदय कुमार सिन्हा ने नाबालिग के घर पहुंचकर परिजनों को समझा-बुझाकर बच्ची की शादी रुकवाई। बीडीओ ने छाया को प्रखंड कार्यालय में बुलाकर उसके हौसले के लिए सम्मानित भी किया।
इसी तरह रांची के ठाकुरगांव थाना क्षेत्र के भांट बोड़ेया गांव के राजेश महतो की नाबालिग बेटी पायल कुमारी (14) की शादी रामगढ़ जिले के पतरातू थाना क्षेत्र में तय हुई थी। पायल राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय उरुगुट्टू में नौवीं कक्षा में पढ़ती है। लड़की ने स्वजनों से शादी न करने और आगे पढ़ाई करने की बात की थी, लेकिन उसकी नहीं सुनी गई। ऐसे में वह ठाकुरगांव थाना पहुंच गई। पुलिस की मदद से उसकी शादी रोकी गई।
इसी तरह का मामला अप्रैल के पहले हफ्ते में दुमका जिले में सामने आया। जिले के जरमुंडी थाना क्षेत्र के केराबनी गांव में 17 वर्षीया प्रियंका की शादी उसकी मर्जी के खिलाफ तय कर दी गई। इनकार के बावजूद घरवाले मानने को तैयार न थे तो उसने खुद चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना देकर शादी रुकवाने की गुहार लगाई। इस पर जरमुंडी के बीडीओ फुलेश्वर मुर्मू ने गांव पहुंचकर घर वालों की काउंसलिंग की। आखिरकार उसकी भी शादी रोकी गई।
करीब डेढ़ साल पहले कोडरमा थाना क्षेत्र के बरसोतियावर गांव की 13 वर्षीय छात्रा ने चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर कॉल कर बताया था कि उसकी सहेली की जबरन शादी की जा रही है, लेकिन वह अभी शादी नहीं करना चाहती और अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है। इसके बाद पुलिस ने नाबालिग बच्ची को बचाकर बाल कल्याण समिति को सौंप दिया, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन की मदद से उसका दाखिला कस्तूरबा बालिका विद्यालय में कराया गया। यह खबर सामने आने के बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था और स्थानीय प्रशासन को सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था। (आईएएनएस)
देहरादून, 7 मार्च । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम यात्रा की तैयारियों एवं मॉनिटरिंग के लिए कमेटी गठित करने के निर्देश दिए।
चारों धामों में यातायात प्रबंधन के सुगम संचालन के लिए एसपी, एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी को नियुक्त करने और सभी अधिकारी एवं विभागों में आपसी समन्वय से कार्य करने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते सालों की यात्रा में जो कमी एवं समस्याएं सामने आई हैं, उनके अनुभवों से प्लानिंग से काम कर उन समस्याओं को इस साल दूर किया जाए। संपूर्ण पैदल मार्गों एवं संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी लगाए जाएं। शासन स्तर से चारों धामों की लाइव मॉनिटरिंग की जाए। साथ ही आपदा कंट्रोल रूम का सुचारू संचालन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खराब मौसम पूर्वानुमान की सूचना यात्रियों तक समय से पहुंचे, इसके लिए मोबाइल पर अलर्ट मैसेज की व्यवस्था की जाए। पैदल मार्गों की नियमित सफ़ाई हो। यात्रा मार्ग पर बने शौचालयों में विशेष तौर पर साफ-सफाई रखी जाए। यात्रा मार्गों पर शौचालय की संख्या भी बढ़ाई जाए।
उन्होंने मिशन मोड पर प्लास्टिक फ्री चारधाम पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा प्रारंभ होने से पहले ही चारों धामों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। पैदल मार्गों में स्ट्रीट लाइट लगाई जाए। यात्रा मार्ग पर सुचारू पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की जाए। यात्रा के दौरान कोई भी मार्ग बंद होने पर उसे तुरंत खोले जाने की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्थाओं का विस्तार जल्द किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान अच्छा कार्य करने वाले लोगों, विभागों को सम्मानित किया जाएगा।
बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव सुभाष बगौली समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
--(आईएएनएस)
तुमकुरु, 7 मार्च । कर्नाटक के तुमकुरु शहर में एक नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के आरोप में पुलिस ने गुरुवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि नाबालिग लड़की तुमकुरु में धार्मिक मेले में शामिल होने आई थी। आरोपियों ने लड़की को उसके प्रेमी के साथ घूमते हुए वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और उसे ब्लैकमेल किया।
निजी वीडियो वायरल करने की धमकी देकर लड़की को आरोपी जबरदस्ती बंदेपाल्या के एक घर में ले गए जहां उन्होंने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।
घटना की जानकारी होने के बाद पीड़िता के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
-- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 7 मार्च । केंद्र सरकार ने पिछले 9 वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 20 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है और अगले 5 से 7 वर्षों में 17 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। ये बात केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने गुरुवार को कही।
एक कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र की तेज वृद्धि से मांग पैदा हो रही है और सरकार चाहती है कि इस मांग को 'मेड इन इंडिया' से ही पूरा किया जाए।
ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा, “हमने पहले से ही नीति लागू कर दी है, जैसे कि सोलर मॉड्यूल पर 40 प्रतिशत की टैरिफ, ताकि उद्योग सुरक्षित रहे।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने 190 गीगावॉट बिजली उत्पादन क्षमता जोड़ी है। यह लगभग दोगुनी 436 गीगावॉट हो गई है।
मंत्री ने कहा, “इसके लिए बहुत सारे थर्मल और नवीकरणीय उपकरणों की आवश्यकता थी। हमने ट्रांसमिशन लाइनों में 200,000 सर्किट किलोमीटर जोड़े; हमारी ट्रांसमिशन सिस्टम आज दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत ट्रांसमिशन सिस्टम है।''
उन्होंने बताया, “हम 116 गीगावॉट देश के एक कोने से दूसरे कोने में भेज सकते हैं। मेरे कार्यकाल के दौरान, हमने लगभग 3,000 नए सबस्टेशन बनाने, लगभग 4,000 सब-स्टेशनों को अपग्रेड करने, 8.5 लाख सर्किट किलोमीटर एचटी और एलटी लाइनें और 7.5 लाख ट्रांसफार्मर जोड़ने में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए।”
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली क्षेत्र में विस्तार जारी है और हमें जितनी बिजली की जरूरत है, उसे देखते हुए हमें 2030 तक इसका आकार दोगुना करना होगा।
“2013-14 से बिजली की मांग 60 प्रतिशत बढ़ी, पिछले साल यह 9 प्रतिशत बढ़ी। बुनियादी ढांचे में विस्तार के कारण हम इसे पूरा करने में सक्षम हुए। हम लगभग 85 गीगावॉट तापीय क्षमता जोड़ रहे हैं और 14 गीगावॉट पनबिजली निर्माणाधीन है। अन्य 14-15 गीगावॉट पनबिजली क्षमता को मंजूरी दी जा रही है।''
उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग को बाहरी बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने और निर्यात करने में सक्षम होने के लिए चारों ओर देखने की जरूरत है।
आर.के. सिंह ने कहा, “उत्पादों की गुणवत्ता इतनी अच्छी होनी चाहिए कि वे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हों और उनकी उचित कीमत मिले।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार भारत में आकर उद्योग स्थापित करने वालों के लिए भी तैयार है। “हम चाहते हैं कि विनिर्माण यहां आये। दुनिया चीन के बाहर बाजार देख रही है और वो हम हैं।''
उन्होंने बताया कि देश थर्मल क्षमता बढ़ाने जा रहा है। हम विकास के लिए बिजली की उपलब्धता से समझौता नहीं कर सकते।
मंत्री ने कहा, “एक समय था जब मुझे लगता था कि हमारे पास अतिरिक्त बिजली क्षमता है। लेकिन जब अर्थव्यवस्था का विस्तार शुरू हुआ, मांग बढ़ने लगी तो सरकार ने और क्षमता बढ़ाने का फैसला किया।”
--(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 7 मार्च कांग्रेस ने ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच गठबंधन के स्पष्ट संकेत मिलने के बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि ये दोनों दल एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि अब यह सच्चाई सामने आती हुई दिख रही है कि बीजद और भाजपा द्वारा एक दूसरे का विरोध करना सिर्फ दिखावा है।
ओडिशा में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और बीजू जनता दल में गठबंधन के संकेत मिल रहे हैं। सूत्रों का कहना कि भाजपा और बीजद में गठबंधन होने की पूरी संभावना है लेकिन इस पर शीर्ष नेतृत्व निर्णय लेगा और यह विभिन्न पहलुओं, खासतौर पर सीट बंटवारे पर निर्भर करेगा।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हम हमेशा से कहते रहे हैं कि बीजद और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। बीजद ने हमेशा संसद में भाजपा का समर्थन किया है और राज्य में दोनों एक-दूसरे के प्रति जो भी विरोध दिखाते हैं वह महज दिखावा है। सच्चाई सामने आती हुई प्रतीत होती है।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 मार्च दिल्ली उच्च न्यायालय का कहना है कि आपराधिक मामले में किसी व्यक्ति को बरी कर देना ही तलाक देने का आधार नहीं हो सकता है।
अदालत ने एक व्यक्ति की उस याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की जिसमें उसने अपने पक्ष में तलाक का आदेश दिये जाने का अनुरोध किया था और दावा किया था कि उसकी पत्नी ने उसके साथ क्रूरता की है।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि निचली अदालत में एक आपराधिक मामले में व्यक्ति को बरी कर दिए जाने से वह अपने विवाह के अस्तित्व में रहने के दौरान किसी अन्य महिला के साथ संबंध बनाकर पत्नी पर की गई क्रूरता की बात को खारिज नहीं कर सकता है।
पीठ ने कहा कि वैवाहिक बंधन नाजुक भावनात्मक मानवीय संबंध होते हैं और इसमें किसी तीसरे व्यक्ति के शामिल होने से आपसी विश्वास और शांति पूरी तरह से खत्म हो सकती है।
उच्च न्यायालय ने उस व्यक्ति की अपील खारिज कर दी और क्रूरता के आधार पर उसे तलाक देने से इनकार करने संबंधी निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा।
मामले के अनुसार, इस जोड़े की शादी 1982 में हुई थी और उनके दो बच्चे थे। वर्ष 1994 में वे अलग रहने लगे।
इस व्यक्ति ने दावा किया था कि उसकी पत्नी ने उसकी देखभाल करने से इनकार कर दिया था और यहां तक कि उस पर हमला भी किया था।
उसने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी के आचरण ने उसकी मानसिक शांति भंग कर दी थी और उसे खाना पकाने और बच्चों की देखभाल सहित सभी घरेलू काम करने के लिए मजबूर किया गया था, और उसने क्रूरता के आधार पर तलाक मांगा।
महिला ने हालांकि दावा किया था कि उसके पति के एक बहुत छोटी उम्र की महिला के साथ अवैध संबंध थे और जब 1993 में उसे इसके बारे में पता चला, तो उनके बीच मतभेद पैदा हो गए।
महिला ने अपने पति और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 498 ए (क्रूरता) और 406 (विश्वासघात) के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) भी दर्ज कराई।
व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को आरोप तय करने के चरण में ही आरोपमुक्त कर दिया गया था, लेकिन उसे 2013 में बरी कर दिया गया था।
व्यक्ति ने किसी अन्य महिला के साथ अवैध संबंध होने संबंधी आरोप से इनकार किया, लेकिन स्वीकार किया कि यह महिला उसके घर में उसके साथ बच्चों की देखभाल करने के लिए रहने आई थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 मार्च केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को राहुल गांधी को सलाह दी कि वह ऐसी चीजें न करें, जो उनकी क्षमताओं से बाहर हों। रीजीजू ने दावा किया कि कांग्रेस राहुल के राजनीतिक कॅरियर को फिर से ‘लॉन्च’ करने के हर प्रयास में विफल साबित हुई है और 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' इस तरह का 19वां प्रयास है।
'पीटीआई-वीडियो' सेवा के साथ एक साक्षात्कार में रीजीजू ने कहा कि यदि वह राहुल गांधी की तरह नाकामियों का सामना करते तो अपनी पार्टी और सहयोगियों का बहुमूल्य समय ऐसी चीजों में बर्बाद नहीं करते, जो हो ही नहीं सकतीं।
पृथ्वी विज्ञान मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल के मन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए इतनी नफरत है, जिसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता। रीजीजू ने कहा कि कांग्रेस नेता हिंदू संस्कृति से भी नफरत करते हैं।
अरुणाचल प्रदेश से तीन बार लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित होने वाले रीजीजू ने दावा किया कि 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' राहुल को ‘लॉन्च’ करने का एक और प्रयास है और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष इसमें भी बुरी तरह से विफल साबित हुए हैं।
रीजीजू ने पूछा, 'दुनिया के किसी भी हिस्से में आपको ‘लॉन्च’ होने का दूसरा मौका नहीं मिलता। मुझे लगता है कि उन्हें (राहुल) 19 बार ‘लॉन्च’ किया जा चुका है। आप एक व्यक्ति को कितनी बार ‘लॉन्च’ करेंगे?'
रीजीजू ने कहा, 'सामान्य रूप से अगर मैं मेरी पार्टी का नेतृत्व करने में विफल रहता हूं तो मेरी पार्टी के लोग मुझे फिर से ‘लॉन्च’ करने का प्रयास नहीं करेंगे और न ही मुझ पर अपना कीमती वक्त खराब करेंगे और मैं भी मेरे सहयोगियों का कीमती वक्त खराब करने की कोशिश नहीं करूंगा।'
असफल होने के बाद राजनीति से बाहर होने वाले ब्रिटिश राजनेताओं का उदाहरण देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने कहा, 'ताली दोनों हाथों से बजती है। पार्टियों को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जो करने योग्य न हो और उस व्यक्ति को भी उस काम के लिए प्रयास नहीं करना चाहिए जिसके लिए वह सक्षम नहीं है।'
रीजीजू ने आरोप लगाया कि राहुल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बेहद नफरत करते हैं और हर मौके पर उनके खिलाफ जहर उगलते हैं। अयोध्या में राम मंदिर पर कांग्रेस नेता की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने राहुल पर हिंदू संस्कृति के प्रति नफरत रखने का आरोप लगाया।
राम मंदिर मुद्दे के राजनीतिकरण के कांग्रेस नेता के दावों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, 'उन्हें (राहुल को) हिंदू धर्म और हिंदुत्व से नफरत है। उन्होंने और उनकी पार्टी ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि राम सिर्फ एक कल्पना हैं। उनकी विचारधारा को पहले से ही दुनिया जानती है। इसलिए वह जो भी बयान देते हैं, वह हिंदू संस्कृति के प्रति उनकी नफरत को दर्शाता है।'
रीजीजू ने आरोप लगाया कि राहुल विदेशों में भारत की छवि को कमजोर कर रहे हैं और देश की संस्कृति और संवैधानिक प्राधिकारों की आलोचना करते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'वह (राहुल) प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय संस्कृति पर जहर उगलते हैं। जब भी वह अमेरिका या इंग्लैंड या कहीं भी भारत विरोधी समूहों द्वारा प्रायोजित यात्रा करते हैं तो वह भारत की संस्कृति, संवैधानिक संस्थाओं और प्राधिकारों पर जुबानी हमला करते हैं।'
उन्होंने कहा, 'वह (राहुल) भारत की छवि को तार-तार करना चाहते हैं। उनके मन में मोदीजी के लिए कितनी नफरत है, यह साफ दिख रहा है। वह हर दिन नफरत भरे भाषण देते हैं। मैंने कभी किसी आदमी को किसी दूसरे व्यक्ति के लिए इतनी नफरत अपने मन में रखते नहीं देखा। राहुल के मन में मोदीजी के लिए इतनी नफरत है, जिसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता।'
रीजीजू ने प्रधानमंत्री के एक सामान्य पृष्ठभूमि से होने और वैश्विक नेता के रूप में पहचान पाने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘किसी भारतीय के लिए इससे अधिक गौरव का विषय और क्या हो सकता है? इसके बावजूद ये लोग मोदीजी पर हमले करना चाहते हैं।’’ (भाषा)
अगरतला, 7 मार्च त्रिपुरा में बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार में शामिल हुई टिपरा मोथा पार्टी ने कहा कि वे त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को अलग कर एक अलग 'ग्रेटर टिपरालैंड' राज्य बनाने की अपनी मांग नहीं छोड़ेंगे।
टिपरा मोथा के वरिष्ठ नेता अनिमेष देबबर्मा और पार्टी विधायक बृषकेतु देबबर्मा ने बृहस्पतिवार को भाजपा नीत सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
नयी दिल्ली में टिपरा मोथा, त्रिपुरा सरकार और केंद्र के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के कुछ दिनों बाद यह राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद वरिष्ठ नेता अनिमेष देबबर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी अपने 'लक्ष्य' की ओर बढ़ेगी। 'ग्रेटर टिपरालैंड' के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि पार्टी की मांग में कोई बदलाव नहीं होगा।
देबबर्मा ने कहा, 'हम अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम करेंगे।'
यह पूछने पर कि क्या सरकार में शामिल होने के बाद भी वे अपनी मांग के लिए आंदोलन कर पाएंगे, उन्होंने कहा, 'बेशक, हम आंदोलन कर सकते हैं। आंदोलनों में हिस्सा लेने के दौरान केंद्रीय मंत्रियों के गिरफ्तार होने के कई उदाहरण हैं। हम सरकार में रहते हुए भी अपनी मांगों को लेकर आगे बढ़ेंगे।'
पार्टी प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा ने कहा, 'जो लोग मंत्री बन गए हैं, वे काम करने की शैली नहीं बदल सकते। उन्हें अपनी मांगें मंत्रिमंडल में भी उठानी होंगी। जो बाहर होगा वह अंदर भी होगा। हम अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में भी बात करेंगे।'
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, 'हम सभी शांति चाहते हैं। बहुत जल्द नये मंत्रियों को विभाग सौंप दिये जाएंगे।'
राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल नल्लू इंद्रसेना रेड्डी ने टिपरा मोथा के विधायकों को पद की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री माणिक साहा, उनके मंत्रिमंडल सहयोगी, टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्युत देबबर्मा और सत्तारूढ़ दलों के कई नेता उपस्थित थे।
इससे पहले अनिमेष देबबर्मा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में अपना इस्तीफा सदन के अध्यक्ष विश्वबंधु सेन को सौंपा।
देबबर्मा ने कहा, '60 सदस्यीय विधानसभा में टिपरा मोथा के 13 विधायक हैं। आज (बृहस्पतिवार को), टिपरा मोथा भाजपा के सहयोगी के रूप में सरकार का हिस्सा बन गई और उसे दो मंत्री पद दिये गए हैं।'
इन दो नयी नियुक्तियों के साथ राज्य में अब मुख्यमंत्री माणिक साहा सहित 11 मंत्री हो गये हैं। नियमों के मुताबिक राज्य में मुख्यमंत्री (भाषा)
ठाणे, 7 मार्च महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कुछ लोगों ने काला जादू करने को लेकर 75 वर्षीय एक बुजुर्ग को दंड स्वरूप जलते कोयले पर नाचने के लिए कथित रूप से मजबूर किया। पुलिस ने इस घटना को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि चार मार्च को मुरबाड तालुका के कर्वेले गांव में हुई इस घटना में व्यक्ति झुलस गया और मामले की जांच की जा रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में कुछ लोग पीड़ित का हाथ पकड़ते दिए दे रहे हैं और जब उसे जलते कोयले पर नाचने के लिए मजबूर किया जा रहा है तो भीड़ चिल्ला रही है और खुश हो रही है।
मुरबाड पुलिस थाने के निरीक्षक प्रमोद बाबर के अनुसार, गांव के एक मंदिर के पास स्थानीय लोगों ने एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया था। उन्होंने बताया कि इसी दौरान 15-20 लोग बुजुर्ग के घर में कथित तौर पर जबरन घुस गए, वे उसे बाहर खींचकर कार्यक्रम स्थल पर ले गए और उसे जलते कोयले पर नाचने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने बताया कि कुछ ग्रामीणों ने उस पर काला जादू करने का आरोप लगाया और उसकी पिटाई भी की।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित के पैर और उसकी पीठ झुलस गई है।
अधिकारी ने बताया कि पीड़ित के परिजन की शिकायत पर पुलिस ने मंगलवार को कुछ लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जिन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है उनमें 452 (घर में जबरन घुसने, चोट पहुंचाने, हमला करने आदि की तैयारी करना), 323, 324 (जानबूझकर से चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना), 143 (गैरकानूनी रूप से एकत्र होना) और 147 (दंगा करना) और महाराष्ट्र मानव बलि, अन्य अमानवीय और अघोरी प्रथाओं और काला जादू रोकथाम और उन्मूलन अधिनियम, 2013 के प्रावधान शामिल हैं। (भाषा)
नई दिल्ली, 7 मार्च । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी एवं जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है।
अमित शाह के साथ मुलाकात की तस्वीरों को शेयर करते हुए संजय झा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "आज नई दिल्ली में मुझे माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात करने का अवसर मिला। हमने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय महत्व के कई मुद्दों पर चर्चा की। मैंने उन्हें दिनेश चंद्र भट्टाचार्य द्वारा लिखित पुस्तक 'मिथिला में नव्य-न्याय का इतिहास' की एक प्रति भी भेंट की।"
जेडीयू राष्ट्रीय महासचिव की अमित शाह के साथ मुलाकात को इस मायने में काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, क्योंकि बिहार में एनडीए गठबंधन के दलों के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले की सार्वजनिक घोषणा होना अभी बाकी है।
आज देर शाम अमित शाह और जेपी नड्डा बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्रियों सहित बिहार भाजपा कोर कमेटी के नेताओं के साथ अहम बैठक कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा अपने लोकसभा उम्मीदवारों के नामों के पैनल पर चर्चा करेगी।
लेकिन, सूत्रों की माने तो पार्टी के दोनों आला नेता सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर भी अपने स्थानीय नेताओं से कार्यकर्ताओं और ग्राउंड जीरो के माहौल का फीडबैक ले सकते हैं, जिसके बाद ही भाजपा कोई अंतिम फैसला करेगी।
--(आईएएनएस)
जयपुर 7 मार्च कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब भी कांग्रेस पार्टी हुकुमत में आयी है तब उसने हमेशा गरीबों का ख्याल रखकर काम किया है।
वह ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’’ के बांसवाडा पहंचने पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘बाबा साहेब आंबेडकर के नेतृत्व में देश का संविधान बनाया गया और आज उस संविधान से ही सभी लोगों को सहूलियत मिल रही है। वह बाबा साहब अंबेडकर और पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के आर्शीवाद से मिल रहा है।’’
जनसभा को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी संबोधित किया। (भाषा)
श्रीनगर, 7 मार्च प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है और स्वतंत्र रूप से सांस ले रहा है।
मोदी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर अनुच्छेद 370 पर न केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों को बल्कि पूरे देश को गुमराह करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने आगामी रमजान के पवित्र महीने और महाशिवरात्रि के पर्व के लिए अपनी ‘अग्रिम शुभकामनाएं’ दीं। महाशिवरात्रि शुक्रवार को है।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में एक जनसभा में मोदी ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर आज विकास की नयी ऊंचाइयों को छू रहा है क्योंकि वह खुलकर सांस ले रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये वो नया जम्मू कश्मीर है, जिसका इंतजार हम सभी को कई दशकों से था। ये वो नया जम्मू कश्मीर है, जिसके लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया था। इस नए जम्मू कश्मीर की आंखों में भविष्य की चमक है, इस नए जम्मू कश्मीर के इरादों में चुनौतियों को पार करने का हौंसला है।’’
भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त 2019 को पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से प्रधानमंत्री की कश्मीर की यह पहली यात्रा है।
कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा कि वह श्रीनगर के लोगों के बीच आकर प्रफुल्लित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आज जो विकास परियोजनाएं समर्पित की जा रही हैं, उनसे जम्मू-कश्मीर के विकास को बल मिलेगा। एक विकसित जम्मू-कश्मीर विकसित भारत की प्राथमिकता है।’’
जम्मू-कश्मीर को देश का मुकुट बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित जम्मू-कश्मीर के निर्माण का रास्ता पर्यटन संभावनाओं और किसानों के सशक्तीकरण से निकलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर केवल एक क्षेत्र नहीं है। जम्मू कश्मीर भारत का मस्तक है। और ऊंचा उठा मस्तक ही विकास और सम्मान का प्रतीक होता है। इसलिए विकसित जम्मू कश्मीर, विकसित भारत की प्राथमिकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विकास की शक्ति, पर्यटन की संभावनाएं, किसानों का सामर्थ्य और जम्मू-कश्मीर के युवाओं का नेतृत्व...विकसित जम्मू-कश्मीर के निर्माण का रास्ता यहीं से निकेलगा।’’
प्रधानमंत्री ने जनता से मिले प्यार के लिए उनका आभार जताया और और कहा कि वह इस कर्ज को चुकाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘साल 2014 के बाद मैं जब भी आया, मैंने यही कहा कि मैं ये मेहनत आपका दिल जीतने के लिए कर रहा हूं। और मैं दिनों-दिन देख रहा हूं कि आपका दिल जीतने की सही दिशा में मैं जा रहा हूं।’’ (भाषा)
चेन्नई, 7 मार्च । एक दुखद घटना में, तमिलनाडु के इरोड जिले के सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में एक जंगली हाथी ने 65 साल के एक किसान को कुचल कर मार डाला।
यह घटना बुधवार को हुई। किसान की पहचान मयप्पन के रूप में हुई है जो कडांगल्ली में अपनी भेड़ें चरा रहा था। एक जंगली हाथी अचानक झाड़ियों से निकला और मयप्पन पर हमला कर दिया।
मयप्पन को सत्यमंगलम सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
तमिलनाडु वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि किसान के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा।
सत्यमंगलम वन क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष बढ़ रहे हैं।
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कोलकाता, 7 मार्च । कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक नई याचिका दायर की गई है। इसमें पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के लिए करोड़ों रुपये लेने के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा दिए गए फैसलों और आदेशों को रद्द करने की मांग की गई है। ।
याचिका उन अभ्यर्थियों के एक वर्ग द्वारा दायर की गई है, जिनकी सेवाएं कथित तौर पर अनुचित तरीकों से स्कूल की नौकरियां हासिल करने के कारण समाप्त कर दी गई थीं। याचिका न्यायमूर्ति देबांगशु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ के समक्ष दायर की गई है।
याचिका में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के साथ-साथ ग्रुप-सी और ग्रुप-डी श्रेणियों के गैर-शिक्षण कर्मचारियों के संबंध में पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा दिए गए सभी फैसलों को रद्द करने की गुहार लगाई गई है।
इस मामले पर गुरुवार को ही सुनवाई होने की उम्मीद है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील और तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद कल्याण बंद्योपाध्याय याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील हैं।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि पूर्व न्यायाधीश गंगोपाध्याय के भाजपा में शामिल होने से यह मानने का पर्याप्त कारण है कि स्कूल नौकरी मामले में उनके द्वारा दिए गए फैसले पक्षपातपूर्ण थे, इसलिए उन्हें रद्द कर दिया जाना चाहिए।
याचिका में विभिन्न मामलों में सुनवाई के दौरान पूर्व न्यायाधीश गंगोपाध्याय द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों का हवाला दिया गया है।
पूर्व न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि या तो याचिकाकर्ताओं को कानूनी प्रावधानों की जानकारी नहीं है या वे जानबूझकर अदालत को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
गंगोपाध्याय ने न्यायाधीश पद से इस्तीफा देकर पांच मार्च को भाजपा में शामिल होने की घोषणा की थी। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस दावा कर रही है कि यह घटनाक्रम साबित करता है कि स्कूल नौकरी के मामलों में उनके फैसले कितने पक्षपातपूर्ण थे।
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कोलकाता, 7 मार्च । कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य पश्चिम बंगाल की भ्रष्ट सरकार के खिलाफ लड़ना है।
अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा, “मैं एक राष्ट्रीय पार्टी में शामिल हो गया हूं जिसका नेतृत्व पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसी हस्तियां कर रही हैं। मैं बस उस पार्टी के एक अनुशासित सिपाही के रूप में काम करना चाहता हूं।
“मेरा एकमात्र उद्देश्य पश्चिम बंगाल में पूरी तरह से भ्रष्ट राजनीतिक ताकत को सत्ता से बाहर करना है। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि 2026 में वह ताकत पश्चिम बंगाल की सत्ता में वापस न आ सके। मैं पूरी तरह से भ्रष्ट वर्तमान राज्य सरकार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ने के लिए भाजपा में शामिल हुआ हूं। पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे ईमानदारी से पूरा करने का मैं हरसंभव प्रयास करूंगा।"
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक मंगल पांडे ने गुरुवार को पार्टी में उनका स्वागत किया और उन्हें पार्टी का झंडा सौंपा।
अधिकारी ने कहा, “मैं बस इतना कह सकता हूं कि अभिजीत गंगोपाध्याय जैसे व्यक्ति राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति में बेहद जरूरी हैं। जब वह एक न्यायाधीश के रूप में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ईमानदारी से काम कर रहे थे, उन्हें बार-बार निशाना बनाया गया। आने वाले दिनों में, भाजपा उनका उपयोग चुनाव और अन्य संबंधित क्षेत्रों में करेगी।”
पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि जब अभिजीत गंगोपाध्याय न्यायाधीश थे तब भी राजनेता उनके आवास पर अक्सर जाते थे।
पांजा ने कहा, “आज यह स्पष्ट हो गया कि जब वह न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठे थे तब वह भाजपा नेतृत्व के संपर्क में थे। उन्होंने न्यायाधीश के पद का अपमान किया।''
अभिजीत गंगोपाध्याय ने 5 मार्च को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया और उसी दिन भाजपा में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा की।
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मुजफ्फरपुर, 7 मार्च । बिहार के मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी की सीमा से विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दो वांछित अपराधियों को गिरफ्तार किया है। दोनों गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप के शूटर बताए जाते हैं, जिनकी तलाश हरियाणा और राजस्थान पुलिस को थी।
मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राकेश कुमार ने गुरुवार को बताया कि गिरफ्तार अपराधियों की पहचान सीतामढ़ी के शाहनवाज साहिल और राजस्थान के सुनील कारोलिया के रूप में की गई है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस ने बिहार पुलिस मुख्यालय से दोनों की गिरफ्तारी के लिए आग्रह किया था। गुप्त सूचना के अनुसार एसटीएफ और मुजफ्फरपुर तथा सीतामढ़ी की पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर दोनों को रून्नीसैदपुर टोल प्लाजा से पहले धर दबोचा।
एसएसपी ने बताया कि दोनों की तैयारी नेपाल भागने की थी। हरियाणा और राजस्थान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी यहां पहुंचने वाले हैं और कागजी कारवाई पूरी कर दोनों को वापस ले जाएंगे। पुलिस के अनुसार दोनों गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप में शामिल हैं।
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नई दिल्ली, 7 मार्च । दिल्ली में 29 वर्षीय जिम ट्रेनर युवक की एक अज्ञात शख्स ने हत्या कर दी। गुरुवार को उसकी शादी होनी थी, लेकिन शादी से पहले ही उसे मौत के घाट उतार दिया गया। पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है।
मृतक की पहचान गौरव सिंघल डेविल एक्सटेंशन निवासी के रूप में हुई है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अंकित चौहान ने गुरुवार को कहा कि पुलिस को मामले की सूचना रात 12:30 बजे दी गई। राजू पार्क में हत्या की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। वहां पहुंचने के बाद यह खुलासा हुआ कि सिंघल के ऊपर किसी धारदार हथियार से हमला किया गया है।
इसके बाद सिंघल को उसके परिजनों ने उस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
डीसीपी ने कहा, "गौरव की शादी गुरुवार को होनी थी। फिलहाल, उसके शव को एम्स के शवगृह में भेज दिया गया है। पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इसके साथ ही पुलिस घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को चिन्हित करने का प्रयास कर रही है।"
(आईएएनएस)
देहरादून, 7 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवारवाद पर हमले के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरुवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि वो इस बार लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ेगे। उन्होंने अपने बेटे को टिकट देने की मंशा जताई है। इसके बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई।
लोकसभा चुनाव को लेकर जहां बीजेपी ने उत्तराखंड की 5 सीटों में से 3 पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है, वहीं अभी तक कांग्रेस पार्टी ने एक भी नाम फाइनल नहीं किया है। इसी कशमकश के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने अपने बेटे वीरेन्द्र रावत के लिए हरिद्वार से टिकट देने की पैरवी की है।
वीरेंद्र रावत पहले से ही खानपुर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं। लेकिन अब उनके होर्डिंग-पोस्टर पूरे लोकसभा क्षेत्र में नजर आने से इसे लोकसभा की दावेदारी के रूप में देखा जा रहा है।
हरीश रावत ने ने कहा, "चुनाव लड़ने की राजनीति से बाहर निकलना चाहता हूं। यही अवसर है चुनाव लड़ने की राजनीति से बाहर आने का। यदि चुनाव लड़ा तो अगले 10 साल तक चुनाव लड़ने की राजनीति में फंसा रहूंगा।"
वहीं हरीश रावत ने हरिद्वार से अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट की पैरवी की है। बेटा कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष है।
उन्होंने कहा कि पार्टी यदि मेरे संबंधों का, मेरे नाम का, मेरे काम का उपयोग कर पाएगी तो मेरा बेटा उसे बेहतर तरीके से कर पाएगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों में लगातार परिवारवाद पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस सहित देश की दूसरी पार्टियों में परिवारवाद पर हमला किया है।
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