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2011 में स्पेन की 10 लड़कियों ने मिलकर यह घोषणा की थी कि उनमें से हर लड़की अपने आप से शादी कर रही है. अचंभे में डालने वाला यह काम, जो बस हंसी ठिठोली के लिए शुरू हुआ, पारंपरिक दांपत्य जीवन के ख़िलाफ़ बग़ावत का एलान था.
हालांकि वास्तव में उन लड़कियों ने इस काम से कुछ ऐसा पाया जिसकी मुहिम पहले ही दुनिया भर में शुरू हो चुकी थी जिसका नाम 'सोलोगेमी' है.
पारंपरिक विवाह अब हर लड़की के लिए जीवन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य नहीं रहा. बल्कि 'सोलोगेमी' में विश्वास रखने वाली लड़कियां दूसरों से प्रेम करने से पहले अपने आप से प्रेम की इच्छा व्यक्त करती हैं.
लेकिन क्या ख़ुद से मोहब्बत के इज़हार का यह तरीक़ा कुछ ज़्यादा ही अजीबोग़रीब है या फिर यह किसी पुरानी कहानी का एक नया और हैरानी में डालने वाला रवैया है?
माय 11 साल से शादीशुदा हैं और ख़ुश भी हैं. उन्होंने ख़ुद से शादी कर रखी है यानी उनका जीवन साथी कोई और नहीं, वह ख़ुद ही हैं.
वह अपने विवाह के बंधन को नए सिरे से ताज़ा करने के एक समारोह में शामिल हुईं तो उन्होंने कहा कि शादी के मौक़े पर मैंने संकल्प लिया कि मैं अपने अंदर की आवाज़ को सुनूंगी और ख़ुद से हर दिन सवाल करूंगी कि मुझे किस चीज़ की ज़रूरत है ताकि उसे पूरा कर सकूं.
माय के इन शब्दों पर समारोह में उपस्थित दूसरी महिलाओं ने तालियां बजाईं.
इस बात की बहुत संभावना है कि आपने 'सोलोगेमी' का शब्द कभी नहीं सुना होगा. स्पेन में सरकारी तौर पर यह शब्द भाषा का अंग तक नहीं है हालांकि इस शब्द की शुरुआत यहीं से हुई.
लेकिन ख़ुद से शादी का रिवाज दुनिया के कई देशों में प्रचलित हो रहा है जिनमें जापान, अमेरिका, भारत, इटली और ब्रिटेन शामिल हैं.
स्पेन से संबंध रखने वाली माय ने 2011 के बाद से अब तक 70 महिलाओं को अपने नक़्श-ए-क़दम पर चलने में मदद की है.
हालांकि अधिकतर देशों में ख़ुद से शादी का क़ानून मौजूद नहीं? तो फिर भी कई महिलाएं ऐसा क्यों करती हैं?
माय सीरानो का कहना है, "मैंने तो मज़ाक़ में ऐसा किया था. शादी के दिन तक मेरा मक़सद सिर्फ़ रूमानी मोहब्बत पर आम बहस को शुरू करना था."
"लेकिन अपने आप से शादी के दिन हमें एहसास हुआ कि हम कुछ महत्वपूर्ण करने जा रहे हैं. मैंने सोचा कि मैं अपने आप से मोहब्बत करती हूं, मैं अपनी बेहतरीन दोस्त भी हूं, और उस वक़्त और उस लम्हे के दौरान मैंने सैकड़ों लोगों के सामने ख़ुद से वादा किया कि मैं अपना ख़्याल रखूंगी और सबसे पहले अपने बारे में सोचूंगी."
नेविस ट्रबजोसा लैंगिक संबंधों की विशेषज्ञ हैं. उनका कहना है कि लैंगिक दृष्टि से ऊपर उठकर हर इंसान के लिए व्यक्तिगत तौर पर अपने व्यक्तित्व का सम्मान ज़रूरी है.
उनका कहना है कि मर्दों को अपने आपको महत्व देना सिखाया जाता है तो फिर औरत के लिए उसका व्यक्तित्व क्यों एक रुकावट है.
"औरत समझती है कि अपने आपसे मोहब्बत करना ज़रूरी नहीं है."
मनोवैज्ञानिक इसप्रांका बोश फ़ेविल का कहना है कि ख़ुद से मोहब्बत करना सीखना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमें दुनिया में अपनी जगह तय करने में मदद मिलती है.
"दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे हमें यह जांचने में मदद मिलती है कि कौन हमारी मोहब्बत का हक़दार है और कौन नहीं."
हम किससे और कैसे प्रेम करते हैं, यह चलन बदल रहा है. स्पेन में अब भी पारंपरिक वैवाहिक बंधन में बंधे जोड़ों की बहुलता है लेकिन आंकड़ों पर नज़र दौड़ाएं तो एक महत्वपूर्ण बिंदु सामने आता है.
और वह बिंदु यह है कि अब पहले की तुलना में कम शादियां हो रही हैं मगर दूसरी ओर तलाक़ की दर बढ़ चुकी है.
लेकिन जिंकल जैसी महिलाओं का मामला कुछ अलग है जिन्होंने दो बार शादी की. पहली बार एक मर्द (पति) से और दूसरी बार ख़ुद से. वह बताती हैं, "मैंने ख़ुद से शादी का फ़ैसला इसलिए किया क्योंकि उस समय हमारी सबसे छोटी बेटी पैदा हुई थी और मुझे अचानक एहसास हुआ कि मेरे जीवन में मेरे पास अपने लिए कोई समय और जगह नहीं है."
"मैं जिंकल से पेरू और मैरिन की मां बन चुकी थी."
जिंकल के पति सर्गीव कहते हैं, "जब उसने ख़ुद से शादी का इरादा बताया तो पहले मुझे अजीब सा लगा और मैं हक्का-बक्का रह गया."
लेकिन उनका कहना है, "अगर वह ख़ुद से मोहब्बत नहीं करती और अपने आप से संतुष्ट नहीं है तो इससे मुझ पर, हमारे बच्चों पर और उन सब लोगों पर असर पड़ता जो उसके जीवन से जुड़े हैं."
"मुझे तो यही बात लगी."
नेविस ट्रबजोसा का कहना है कि यह बात याद रखनी चाहिए कि एक समय था जब बैंक अकाउंट खुलवाने और गाड़ी चलाने के लिए ज़रूरी था कि औरत की चर्च में शादी हुई हो.
"पिछले कुछ दशकों में बहुत सी बातों में बदलाव आए हैं. इसके बावजूद पारंपरिक परिवार ही समाज का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है जिसे स्वाभाविक माना जाता है."
मनोवैज्ञानिक इसप्रांका बोश फ़ेविल का कहना है कि बड़ी हद तक पारंपरिक विवाह महिला के लिए एक जेल की तरह होता है.
"इसका पहला कारण तो यह है कि जीवन भर हमें बताया जाता है कि विवाह करना हमारे जीवन का महत्वपूर्ण उद्देश्य है. आंकड़े साबित करते हैं कि विवाह के बाद घरेलू कामकाज, बच्चों, बड़ों और बीमारों का ध्यान रखना महिलाओं की ज़िम्मेदारी रही है."
स्पेन के सरकारी आंकड़े के अनुसार सन 2010 में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में घर के कामों पर दो घंटे अधिक लगाए.
नेविस ट्रबजोसा का मानना है कि सोलोगेमी समस्या का हल नहीं है बल्कि यह एक पितृसत्तात्मक समाज का प्रतीक है.
वो बात जो बदल रही है
अपने इतिहास के 300 साल में पहली बार सन 2018 में रॉयल स्पेनिश एकेडमी ने भाषा में ऐसी महिलाओं के लिए एक शब्द को प्रचलित कराया जो एक जैसे अनुभव और पसंद रखती हैं. यह शब्द 'सोरोरेटी' है.
माय कहती हैं, "जब हम महिलाएं एक जगह जुटती हैं तो ऐसा लगता है कि हम आइने के सामने खड़ी हैं."
"यह सोच कि महिलाएं एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी होती हैं, एक पितृसत्तात्मक समाज की उपज है जो चाहता है कि हम एकजुट न हो सकें."
"लेकिन वास्तव में बिल्कुल उलटा होता है. जब हम इकट्ठे होते हैं तो हम ताक़तवर होते हैं."
2017 में माय ने ऐसी महिलाओं का संगठन बनाया जो एक साथ मिलकर तैराकी करती थीं. इस संगठन की शुरुआत पर उसके सदस्यों की संख्या 14 थी. आज उनकी संख्या 140 है.
महिला अधिकारों पर काम करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे उपायों से महिलाओं को अपने अधिकार लेने में मदद मिलती है.
माय कहती हैं, "एक आह्वान है जो हमसे कहता है कि ख़ुद से प्यार करो, कि हमें दूसरे की तुलना में ख़ुद से अधिक प्यार करने की ज़रूरत है."
अपने प्रेम संबंधों के लिए मां-बाप ने मुझे छोड़ दिया
"लेकिन लोग पूछते हैं कि हम ऐसा कैसे कर सकते हैं?"
"यह छोटे-छोटे काम है जिनसे आपको महसूस होगा कि आप अपना ख़्याल रख रहे हैं."
जिंकल कहती है कि कभी-कभी ऐसा करना मुश्किल होता है क्योंकि लोग इस बात को नहीं समझते और हम पर स्वार्थी होने का आरोप लगाते हैं.
"लेकिन हक़ीक़त यह है कि ख़ुद से शादी करने के बाद मेरा संबंध अपने पति और बच्चों से बेहतर हुआ है."
माय कहती हैं, "मैं जब आइना देखती हूं तो मुझे अच्छा लगता है. 11 साल पहले मैंने ख़ुद से जो वादा किया था, मैंने उसे पूरा किया है और मैं अब भी उस पर टिकी हुई हूं. मुझे विश्वास है कि मैं ख़ुश रहूंगी." (bbc.com/hindi)
सोमवार को गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल होनी है, जिसके मद्देनज़र दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइज़री जारी की है.
एडवाइज़री में कहा गया है कि सवेरे 9 बजे के बाद से जब तक परेड ख़त्म नहीं होती तब तक राजधानी की किसी भी सीमा की तरफ़ से भारी वाहनों और ट्रकों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी.
भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ था और 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को अपनाया गया, जिसके तहत भारत देश को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया.
इसलिए लिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
इस साल भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, और इस बार मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तेह अल सिसि होंगे. (bbc.com/hindi)
नोएडा, 23 जनवरी। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के जारचा थाना क्षेत्र में स्थित एनटीपीसी परिसर में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक जवान की पत्नी ने रविवार रात कथित तौर पर पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और महिला की मौत की वजह का पता लगा रही है।
जारचा के थाना प्रभारी ज्ञान सिंह ने बताया कि मूल रूप से झारखंड के रहने वाले उपेंद्र सिंह सीआईएसएफ में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। उनकी पोस्टिंग राष्ट्रीय तापविद्युत निगम (एनटीपीसी) दादरी में है।
थाना प्रभारी के मुताबिक, सिंह एनटीपीसी टाउनशिप परिसर में स्थित सीआईएसएफ कॉलोनी में अपनी पत्नी अंजलि के साथ रहते थे। उन्होंने बताया कि रविवार रात वह जब ड्यूटी पर थे, तभी अंजलि ने कथित तौर पर पंखे से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली।
थाना प्रभारी के अनुसार, पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि उपेंद्र और अंजलि की शादी वर्ष 2019 में हुई थी और दोनों की चार साल से कोई संतान नहीं थी, जिसके चलते अंजलि तनाव में रहती थी। (भाषा)
नरेश कौशिक
जयपुर, 23 जनवरी। ब्रिटिश बाल साहित्य लेखिका कैथरीन रंडेल का कहना है कि बाल साहित्य के हिसाब से यह स्वर्ण युग है । अधिक से अधिक बाल साहित्य लिखा जा रहा है । बहुत चौंकाने वाली शानदार लेखक प्रतिभाएं सामने आ रही हैं। लेकिन उनका साथ ही कहना है कि बच्चों के लिए यह एक मुश्किल दौर है और शायद बचपन इतना चुनौतीपूर्ण पहले कभी नहीं रहा।
रॉयल नार्वेजियन दूतावास द्वारा 'राइटिंग फॉर चिल्ड्रन' विषय पर आयोजित सत्र से इतर कैथरीन ने पीटीआई भाषा के साथ विशेष साक्षात्कार में यह बात कही।
इस सवाल पर कि बच्चों के लिए लिखते समय लेखकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, कैथरीन ने कहा, 'बच्चों की आवाज को कभी दबाया नहीं जाना चाहिए। वे भी इंसान हैं और उसी तरह से उनका जीवन पेचीदा और शोख है। हमें इन बातों को ध्यान में रखना होगा। '
वह कहती हैं, ' बाल मन तभी दुनिया को सबसे बेहतर तरीके से समझता है, जब वह पढ़ता है। और बाल साहित्य के हिसाब से मुझे लगता है कि कई प्रकार से यह स्वर्ण युग है । अधिक से अधिक बाल साहित्य लिखा जा रहा है । बहुत चौंकाने वाली शानदार लेखक प्रतिभाएं सामने आ रही हैं।' बच्चों के हिसाब से मौजूदा समय की चुनौतियों के बारे में ब्रिटिश लेखिका ने कहा,' बच्चों के लिए ये सबसे मुश्किल समय है। वे जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से परेशान हैं, वे सोशल मीडिया पर उनकी लगातार निगरानी से परेशान हैं, उन्हें दुनिया के भविष्य की चिंता है । मुझे लगता है कि बच्चा होना इससे पहले कभी इतना मुश्किल भरा नहीं रहा । '
उन्होंने कहा, ' हमें उन्हें ये कहने की बजाय कि चिंता की कोई बात नहीं हैं, हमें उनकी समस्याओं, उनकी चिंताओं को समझने और उनका समाधान निकालने की जरूरत है। हमें कहना होगा कि हम तुम्हारे साथ हैं।' 1987 में जन्मीं कैथरीन रंडेल ब्रिटिश लेखिका और शिक्षाविद् हैं । उनकी लिखी किताब 'रूफटॉपर्स' को 2015 में 'वाटरस्टोन्स चिल्ड्रन्स बुक प्राइज' और श्रेष्ठ कहानी के लिए 'ब्ल्यू पीटर बुक अवार्ड' मिल चुका है और उन्हें कार्नेगी मेडल के लिए भी चयनित किया जा चुका है।
'कार्टव्हिलिंग इन थंडरस्ट्राम', 'द गुड थीव्स', 'द वुल्फ वाइल्डर', 'द एक्सप्लोरर' की लेखिका कैथरीन का बचपन जिम्बाब्वे और ब्रसेल्स में बीता और इस समय वह आल सोल्स कॉलेज, ऑक्सफोर्ड की फैलो हैं ।
वह बताती हैं कि किस प्रकार अपने मित्र के साथ ब्राजील में अमेजन के जंगलों में घूमने के दौरान उन्हें 'द एक्सप्लोरर' लिखने की प्रेरणा मिली।
भारतीय बाल साहित्य लेखिका बीजल वच्छरजानी की 'सावी एंड द मैमोरी कीपर' की प्रति हाथ में पकड़े हुए कैथरीन रंडेल ने कहा कि बीजल एक शानदार लेखिका हैं जो बाल मन के विज्ञान को बहुत बारीकी से समझती हैं । उनकी कल्पनाशक्ति अद्भुत और बहुत ही व्यापक है । ब्रिटेन में, चरित्र कुल मिलाकर श्वेत मध्यम वर्ग से लिए जा रहे हैं जो अधिक वास्तविक हैं । मैंने बहुत से भारतीय बाल लेखकों को पढ़ा है। मैंने बचपन में भी कई पिक्चर बुक पढ़ी हैं।
मौजूदा समय में बच्चों के समक्ष आदर्शों के सवाल पर कैथरीन कहती हैं, 'आज बच्चों के पास बहुत साहसी रोल मॉडल हैं । आदर्श का कोई संकट नहीं है । वे ग्रेटा थुनबर्ग (जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता) की ओर देखते हैं ।' हालांकि अफगानिस्तान में बालिका शिक्षा पर तालिबान शासन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने संबंधी सवाल को कैथरीन ने यह कहकर टाल दिया कि वह नहीं समझतीं कि उन्हें इसका जवाब देने का अधिकार है। (भाषा)
राजौरी/जम्मू, 23 जनवरी। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एक नियंत्रित विस्फोट कर दो आईईडी नष्ट किए गए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस, सेना और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के संयुक्त अभियान के दौरान राजौरी शहर से चार किलोमीटर दूर दसल गांव से रविवार शाम आईईडी बरामद किए गए। उन्होंने बताया कि इन आईईडी का खुफिया जानकारी के आधार पर पता लगाया गया।
उन्होंने बताया कि इन आईईडी को शहर से 30 किलोमीटर दूर चिनगुस वन क्षेत्र में बम निरोधक दस्ते ने एक नियंत्रित विस्फोट करके नष्ट कर दिया।
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ संपन्न होने के कार्यक्रम और गणतंत्र दिवस के नजदीक आने के मद्देनजर राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी गई इै और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
अधिकारी ने बताया कि जम्मू के नरवाल में शनिवार को दो विस्फोटों में नौ लोगों के घायल होने और राजौरी के खेओरा गांव से पिछले सप्ताह आईईडी मिलने की घटनाओं के बाद सुरक्षा बलों के लिए एक ताजा अलर्ट जारी किया गया है। (भाषा)
पुडुचेरी, 23 जनवरी। पुडुचेरी में अपने इलाके में एक सड़क पर गड्ढों के कारण दादा को चोट लगने के बाद आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र मसिलामणि ने गड्ढों को भरकर खस्ताहाल सड़क को ठीक करने की ठानी।
मसिलामणि के दादा कुछ दिन पहले सड़क पर मौजूद गड्ढे के कारण मोटरसाइकिल से गिर गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हड्डी टूटने के कारण उन्हें प्लास्टर चढ़ाना पड़ा था। इसके बाद, 13 वर्षीय मसिलामणि ने अपने गांव में कई जगह पड़ी रेत, बजरी और अन्य सामान एकत्रित किया तथा उन्हें सीमेंट के साथ मिलाने के बाद पड़ोसी विलियानूर के सेंधनाथम में सड़क के गड्ढे भरना शुरू कर दिया।
मसिलामणि ने पूर्व विधायक वय्यापुरी माणिकंदन से प्रशस्ति के रूप में पुस्तक प्राप्त करते हुए कहा, ‘‘मैं बस यही चाहता हूं कि कोई भी दुर्घटना का शिकार न हो और किसी को चोटें न आएं, जैसे कि मेरे दादा जी के साथ हुआ।’’
इस काम के लिए मसिलामणि के पड़ोसियों ने उसे बधाई दी और एक शॉल भी भेंट की।
गांव के एक निवासी ने मसिलामणि से मिलने के बाद कहा कि पुडुचेरी-पथुकन्नू मार्ग की हालत पिछले सात साल से बेहद खराब है और सड़क की मरम्मत के लिए कुछ नहीं किया गया। (भाषा)
मुजफ्फरनगर, 23 जनवरी। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के ककरौली थाना क्षेत्र में एक विवाहिता का शव संदिग्ध परिस्थितियों में घर की छत से लटका मिला। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि मृतका के परिजनों ने उसके ससुराल वालों पर दहेज हत्या का आरोप लगाया है।
पुलिस के अनुसार, ककरौली थाना क्षेत्र के कम्हेड़ा गांव में दीपक की पत्नी रूपा (24) संदिग्ध अवस्था में मृत पाई गई।
क्षेत्राधिकारी (सीओ) रामाशीष यादव ने पत्रकारों को बताया कि 24 वर्षीय विवाहिता का शव छत से लटका हुआ मिला था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
इस बीच, मृतका के परिजनों ने उसके ससुराल पक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मृतका के पिता ओमपाल सिंह ने आरोप लगाया कि दहेज की मांग पूरी न किए जाने के कारण उनकी बेटी के ससुराल वालों ने उसकी हत्या कर दी।
सिंह ने दावा किया कि उनकी बेटी के ससुराल वाले दहेज में दो लाख रुपये की मांग कर रहे थे।
हालांकि, ससुराल वालों का कहना है कि रूपा ने आत्महत्या की है और उसका शव उसके कमरे में छत से लटका मिला था। रूपा की दीपक के साथ 2020 में शादी हुई थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि आगे की कार्रवाई के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। (भाषा)
कीव, 23 जनवरी। रूसी संसद के निचले सदन के अध्यक्ष ने यूक्रेन को अधिक शक्तिशाली हथियार देने वाले देशों को रविवार को चेतावनी दी कि ऐसा करके वे अपने विनाश का खतरा स्वयं पैदा कर रहे है।
इस संदेश के बाद देशों ने यूक्रेन को बख्तरबंद वाहन, वायु रक्षा प्रणालियां और अन्य हथियार देने का नया संकल्प लिया, लेकिन जर्मनी ने युद्धक टैंक लैपर्ड-2 की आपूर्ति के लिए हामी नहीं भरी।
यूक्रेन के समर्थकों ने शुक्रवार को जर्मनी में रामस्टीन एयर बेस में एक बैठक के दौरान यूक्रेन को अरबों डॉलर की सैन्य सहायता देने का वादा किया, लेकिन जर्मन निर्मित लैपर्ड-2 युद्धक टैंकों की आपूर्ति संबंधी यूक्रेन के अनुरोध पर सहमति नहीं बन पाई।
लैपर्ड-2 का मामला रविवार रात उस समय समाधान तक पहुंचता दिखाई दिया, जब जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बाएरबॉक ने कहा कि यदि पोलैंड यूक्रेन को अपने कुछ लैपर्ड देने का फैसला करता है, तो उनके देश को इससे कोई आपत्ति नहीं है।
फ्रांसीसी टीवी चैनल ‘एलसीआई’ ने विदेश मंत्री से साक्षात्कार की क्लिप साझा की, जिनमें वह यह कहती दिख रही हैं कि उनकी सरकार को पोलैंड से कोई औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है, लेकिन ‘‘यदि हमसे पूछा जाता है, तो हम विरोध नहीं करेंगे।’’
इससे पहले, रूसी संसद के निचले सदन ‘स्टेट डूमा’ के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोदिन ने कहा कि यूक्रेन को और शक्तिशाली हथियार दे रही सरकारें एक ‘‘वैश्विक त्रासदी का कारण बन सकती हैं, जो उनके देशों को भी तबाह कर देगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कीव शासन को आक्रामक हथियारों की आपूर्ति से वैश्विक तबाही होगी।’’
वोलोदिन ने कहा, ‘‘यदि वाशिंगटन और नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) हथियारों की आपूर्ति करते हैं और उनका उपयोग शांतिपूर्ण शहरों पर हमला करने और हमारे क्षेत्र पर कब्जा करने के प्रयासों के लिए किया जाता है, जैसा कि वे धमकी दे चुके हैं, तो और अधिक शक्तिशाली हथियारों के साथ इसका जवाब दिया जाएगा।’’
जर्मनी यूक्रेन को हथियार देने वाले मुख्य देशों में शामिल है और उसने संभावित हरी झंडी के लिए अपने लैपर्ड 2 भंडार की समीक्षा का आदेश दिया है, लेकिन जर्मन सरकार यूक्रेन को लेकर प्रतिबद्धता बढ़ाने की दिशा में हर कदम सावधानी से रख रही है।
इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने रविवार को कहा कि वह यूक्रेन में लेक्लर्क युद्धक टैंक भेजने की संभावना से इनकार नहीं करते और उन्होंने अपने रक्षा मंत्री से इस विचार पर ‘‘काम’’ करने को कहा है।
मैक्रों ने पेरिस में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह कहा। फ्रांस और जर्मनी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की मित्रता संधि की 60 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
फ्रांस और जर्मनी ने एक संयुक्त घोषणा में यूक्रेन के लिए अपने ‘‘अटूट समर्थन’’ की प्रतिबद्धता जताई।
‘लैपर्ड-2’ टैंकों संबंधी सवाल का शोल्ज ने जवाब नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि उनका देश यूक्रेन की उल्लेखनीय सैन्य मदद कर रहा है।
इस बीच पोलैंड के प्रधानमंत्री माटुस्ज मोराविकी ने कहा कि अगर जर्मनी यूक्रेन को लैपर्ड टैंक देने पर सहमति व्यक्त नहीं करता है तो उनका देश उन देशों के साथ एक ‘‘छोटा गठबंधन’’ बनाने को तैयार है, जो अपने टैंक भेजेंगे। (एपी)
एपी सिम्मी मनीषा मनीषा 2301 1033 कीव
मुंबई, 23 जनवरी। कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की पांचवीं पनडुब्बी ‘आईएनएस वागीर’ को सोमवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया, जिससे बल की ताकत और बढ़ेगी।
‘आईएनएस वागीर’ का निर्माण ‘मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल)’ ने फ्रांस के ‘मैसर्स नेवल ग्रुप’ के सहयोग से किया है।
नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में इसे नौसेना में शामिल किया गया।
भारतीय नौसेना के अनुसार, ‘‘पनडुब्बी दुश्मन को रोकने की भारतीय नौसेना की क्षमता में इजाफा करके भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ाएगी। यह संकट के समय में निर्णायक वार करने के लिए खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) अभियान के संचालन में भी मददगार साबित होगी।’’
नौसेना के अनुसार, ‘वागीर’ का अर्थ ‘सैंड शार्क’ है, जो तत्परता एवं निर्भयता के भाव को प्रतिबिंब करती है।
नौसेना ने कहा कि ‘आईएनएस वागीर’ दुनिया के कुछ बेहतरीन ‘सेंसर’ और हथियारों से लैस है, जिसमें ‘वायर गाइडेड टॉरपीडो’ और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं, जो दुश्मन के बड़े बेड़े को बेअसर कर सकती हैं।
नौसेना के मुताबिक, पनडुब्बी में विशेष अभियानों के लिए समुद्री कमांडो को पानी में उतारने की क्षमता है, जबकि इसके शक्तिशाली डीज़ल इंजन ‘बैटरी’ को काफी जल्दी चार्ज कर सकते हैं। आत्मरक्षा के लिए इसमें अत्याधुनिक ‘टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम’ लगाया गया है।
‘आईएनएस वागीर’ को हिंद महासागर में चीनी नौसेना की बढ़ती मौजूदगी के बीच भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। (भाषा)
अलप्पुझा, 23 जनवरी। केरल के अलप्पुझा जिले में सोमवार तड़के एक सड़क दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि अलप्पुझा के पास अंबालापुझा में यह दुर्घटना उस समय हुई, जब एक कार विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक से टकरा गई। उन्होंने बताया कि हादसे में कार में सवार पांचों लोगों की मौत हो गई।
अधिकारियों के मुताबिक, ये पांचों लोग तिरुवनंतपुरम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के भोजनालय में संविदा कर्मचारी थे और वे एक शादी समारोह में शामिल होने अलप्पुझा जा रहे थे।
पुलिस ने कहा, “हादसा देर रात डेढ़ बजे के करीब हुआ। कार में सवार पांचों लोग मारे गए। ट्रक का चालक और खलासी हिरासत में हैं।”
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कार में सवार चार लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया।
सूत्रों के अनुसार, पांचों शवों को अलप्पुझा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है और उन्हें पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा। (भाषा)
ठाणे, 23 जनवरी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुंबई-गोवा राजमार्ग को महानगर और पुणे के बीच बने एक्सप्रेसवे और नागपुर तक जाने वाले समृद्धि गलियारे की तरह विकसित किया जाएगा।
शिंदे ने रविवार रात ठाणे में ‘मालवणी महोत्सव’ के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मुंबई और गोवा के बीच एक्सप्रेसवे का पुनर्विकास होगा और इसे तेज गति वाले वाहनों के लिए बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के कोंकण क्षेत्र में सिंधुदुर्ग को जानी वाली तटीय सड़क को भी चौड़ा किया जाएगा। (भाषा)
जम्मू, 23 जनवरी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सोमवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच सांबा जिले के विजयपुर से जम्मू की तरफ बढ़ी।
अधिकारियों ने बताया कि सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई इस यात्रा के लिए सभी आवश्यक बंदोबस्त किए गए हैं और यह 30 जनवरी को श्रीनगर में संपन्न होगी। राहुल उस दिन एक विशाल रैली में अपनी पार्टी के मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, पूर्व मंत्री तारिक हामिद कर्रा और जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष जी ए मीर के साथ बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने तिरंगा लेकर विजयपुर में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर राहुल के साथ पदयात्रा की। पदयात्रा सुबह करीब सात बजे शुरू हुई।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ सोमवार को अपने 129वें दिन में प्रवेश कर गई। 22 किलोमीटर की यात्रा के बाद यह जम्मू के सतवारी चौक पहुंचेगी, जहां राहुल एक जनसभा को संबोधित करेंगे और फिर रात्रि विश्राम के लिए सिधरा जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच यात्रा सुचारू रूप से चल रही है और सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर सरूर पहुंची, जहां ‘भारत यात्री’ नाश्ते के लिए रुके।
एक अधिकारी ने बताया कि कड़ाके की ठंड के बीच अपनी ट्रेडमार्क सफेद रंग की टी-शर्ट पहनकर पदयात्रा करने वाले राहुल के अगले कुछ घंटों में जम्मू शहर की सीमा में प्रवेश करने की उम्मीद है।
यात्रा के दौरान सड़क किनारे खड़े लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने राहुल का उत्साहवर्धन किया।
यातायात पुलिस ने राजमार्ग और शहर में अन्य सड़कों पर वाहनों की सुचारू आवाजाही के लिए विस्तृत परामर्श जारी किया है।
बीते शनिवार को जम्मू शहर के बाहरी इलाके में नरवाल क्षेत्र में दो बम विस्फोट के बाद केंद्र-शासित प्रदेश में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। (भाषा)
लखनऊ, 23 जनवरी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को विजेता के भाव रूपी विरासत को संभालने का मंत्र देते हुए कहा कि ‘आज मोदी है तो मुमकिन है’ केवल भारत का नारा नहीं, बल्कि वैश्विक मंत्र बन गया है।
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की एक दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए योगी ने भारत की जी-20 अध्यक्षता और उत्तर प्रदेश के चार शहरों में होने वाली समूह की बैठकों का जिक्र करते हुए कहा, “हम सब विजेता के भाव से आगे बढ़ें, हमारे पास अनेक संभावनाएं आएंगी।”
उन्होंने 10 से 12 फरवरी को आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की चर्चा करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कर कमलों से इसे आगे बढ़ाएंगे। उत्तर प्रदेश नए निवेश के गंतव्य के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता को अपनी टीम के साथ आगे आने की आवश्यकता है।”
योगी ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “दुनिया में जहां भी संकट खड़ा हो रहा है, वहां का हर व्यक्ति उम्मीद से प्रधानमंत्री मोदी की ओर देख रहा है। जो नारा 2019 में लगा था कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’, वह आज केवल भारत का नारा नहीं, बल्कि वैश्विक मंत्र बन गया है। जी-20 की अध्यक्षता इसका उदाहरण है।”
उन्होंने कहा, “मोदी जी ने जी-20 के साथ प्रत्येक भारतवासी को जोड़ने का कार्य किया है। आगरा, लखनऊ, वाराणसी और गौतमबुद्धनगर में जी-20 से संबंधित 11 सम्मेलन होने हैं।”
भारत और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश की विरासत का उल्लेख करते हुए योगी ने कहा, “कल आपने प्रयागराज में मौनी अमावस्या का स्नान देखा होगा। दो करोड़ से अधिक श्रद्धालु वहां पहुंचे थे। अगर इस सामर्थ्य को पिछली सरकारों ने समझने का प्रयास किया होता और इसे सम्मान देने का कार्य किया होता तो उन्हें दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़तीं।”
उन्होंने कहा कि विरासत को जो भी सम्मान देगा, समृद्धि उसके लिए द्वार खोलेगी और जो भी उसे अपमानित करेगा, उसे दर-दर की ठोकरें खानी पड़ेंगी।
प्रदेश में सात महीने बाद हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, “यह हम सबके उत्साह और उमंग का क्षण है। आज से सात महीने पहले जब हम मई 2022 में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के अवसर पर मिले थे, तो उस समय हम लोग प्रदेश में नयी सरकार के गठन के एक नए उत्साह के साथ एकत्र हुए थे और नए संकल्प के साथ आगे बढ़े थे।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में पहली बार कोई सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आई है। यह भाजपा जैसे दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के उत्साह और उमंग का परिणाम था।”
योगी ने कहा कि विजेता के रूप में काम कैसे होना चाहिए, यह भाजपा बहुत अच्छी तरीके से जानती है और करती है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो उपचुनाव आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा क्षेत्र में संपन्न हुए और विधानसभा चुनाव की तर्ज पर तमाम विश्लेषकों के पूर्वानुमानों को ध्वस्त करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिश्रम और मोदी जी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में पार्टी ने दोनों उपचुनावों में जीत हासिल कर विजेता की अपनी भूमिका को बरकरार रखा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज जब हम सात महीने बाद फिर से एकत्र हुए हैं, तो देश के प्रमुख राज्य गुजरात में भाजपा की ऐतिहासिक जीत और वहां सातवीं बार पार्टी की सरकार बनना, हमें एक नए उत्साह, एक नए उमंग के साथ प्रेरित कर रहा है। विजेता के रूप में कैसे काम करना चाहिए, यह उत्साह व उमंग हम सबके सामने है।”
नगरीय निकाय चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं को सजग करते हुए योगी ने कहा, “762 नगर निकायों में चुनाव होने हैं। ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आयोग की रिपोर्ट आते ही चुनाव की घोषणा हो जाएगी। 2014, 2017, 2019, 2022 की तरह ही नगर निकाय चुनावों में भी भाजपा का परचम लहराता हुआ नजर आना चाहिए।”
योगी ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश को हमने कर्म साधना के रूप में चुना है। हमारा सौभाग्य है कि संसद में प्रधानमंत्री मोदी व रक्षा मंत्री उप्र (क्रमश: वाराणसी और लखनऊ) से प्रतिनिधित्व करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उप्र का सामर्थ्य व असीम संभावनाएं हमारी उपलब्धि है। आजादी का अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को संकल्प दिलाया था कि जब देश आजादी का शताब्दी महोत्सव मनाएगा तब तक की व्यापक कार्य योजना बनाकर कार्य करेंगे।’’ उन्होंने पंच प्रण की याद दिलाई थी।
उन्होंने कहा कि भाजपा ही एकमात्र पार्टी है, जिसके लिए पहले देश, फिर दल हित है। 'मेरा हित' सबसे पीछे की भावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘1998 से गोरखपुर में सांसद के रूप में सेवा का अवसर मिला। 1999 में गोरखपुर व आसपास दिमागी बुखार से मौत की बात सामने आई। काम करने पर पता चला कि 38 जनपदों में यह बीमारी फैली है। 40 साल में 50 हजार बच्चों की मौत हुई।’’
योगी ने कहा कि जापान ने 1905 में दिमागी बुखार का वैक्सीन खोज निकाला और इसे नियंत्रित किया, लेकिन भारत में दिमागी बुखार का वैक्सीन आने में 100 साल लगा।
कांग्रेस का बिना नाम लिए उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 55 साल तक शासन करने वालों को उत्तर प्रदेश के वह मासूम बच्चे नहीं दिखे, क्योंकि उनके एजेंडे में गरीब, किसान, मजदूर, युवा, जिनके मासूम दम तोड़ रहे थे, वह मां नहीं थी, उनके एजेंडे में जाति, मजहब था।
योगी ने कहा कि इंसेफेलाइटिस से होने वाली 90 फीसदी मौतें अल्पसंख्यक व अनुसूचित समाज से होती थी। अपनी सरकार की उपलब्धियां बताते हुए उन्होंने कहा कि अब इंसेफेलाइटिस से 95 फीसदी मौत पर भी नियंत्रित करने में सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। राम मंदिर आंदोलन के समय आपमें से भी अधिकांश युवा रहे होंगे। अपनी जवानी इस आंदोलन के लिए समर्पित की। सभी के मन में यही भाव था कि प्रभु राम के मंदिर निर्माण के लिए खुद को समर्पित कर रहा हूं। कोई चाह नहीं थी कि सांसद, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री बनूंगा, एक ही भाव था विजेता का। विजयी होने के भाव का परिणाम हमें मिल गया।’’
योगी ने कहा कि हमने पलायन का रास्ता नहीं अपनाया, भौतिक ताकत नहीं थी, लेकिन आत्मिक ताकत थी कि मातृभूमि व प्रभु राम के लिए लड़ेंगे।
इससे पहले, अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया।
प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री जनरल वी. के. सिंह, पंकज चौधरी, संजीव बालियान, कौशल किशोर, साध्वी निरंजन ज्योति, भानु प्रताप वर्मा और प्रदेश के प्रमुख पदाधिकारी समेत 700 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। (भाषा)
लखनऊ, 23 जनवरी। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा श्रीरामचरितमानस पर की गई टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी इस पुस्तक पर विवादित बयान दिया है।
मौर्य ने तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की है कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है।
पूर्व मंत्री ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा, ‘‘धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मजबूती से है। अगर रामचरितमानस की किन्ही पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता हो तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं बल्कि अधर्म है। रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों (दोहों) में कुछ जातियों जैसे कि तेली और कुम्हार का नाम लिया गया है।"
मौर्य ने कहा, "इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। इसी तरह से रामचरितमानस की एक चौपाई यह कहती है कि महिलाओं को दंड दिया जाना चाहिए। यह उनकी (महिलाओं) भावनाओं को आहत करने वाली बात है जो हमारे समाज का आधा हिस्सा हैं। अगर तुलसीदास की रामचरितमानस पर वाद-विवाद करना किसी धर्म का अपमान है तो धार्मिक नेताओं को अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों तथा महिलाओं की चिंता क्यों नहीं होती। क्या यह वर्ग हिंदू नहीं है?"
उन्होंने कहा, ‘‘रामचरितमानस के आपत्तिजनक हिस्सों जिनसे जाति वर्ग और वर्ण के आधार पर समाज के एक हिस्से का अपमान होता है उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए।"
इससे पहले, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पिछली 11 जनवरी को नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में श्रीरामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था।
इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन ने मौर्य के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा, "समाजवादी पार्टी सभी धर्मों और परंपराओं का सम्मान करती है। स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा की गई टिप्पणी उनके निजी विचार हैं और उनका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। सपा युवाओं, बेरोजगारों और महिलाओं के हक की आवाज उठाती है।"
उधर, भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा, "इस मामले पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, डिंपल यादव और रामगोपाल यादव को जवाब देना चाहिए। अब स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में एक बड़ा नेता बनने के लिए छटपटा रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुन नहीं रहा है। सपा ने हमारी धार्मिक गतिविधियों को बाधित करने की कोशिश की थी।" (भाषा)
संभल (उप्र), 23 जनवरी। संभल में एक ट्रेन के अंदर महिला से दुष्कर्म के आरोप में रविवार को एक यात्रा टिकट परीक्षक (टीटीई) को गिरफ्तार किया गया।
संभल के चंदौसी रेलवे स्टेशन स्थित राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) थाने के प्रभारी के. एन. सिंह ने बताया कि चंदौसी निवासी 33 वर्षीय एक महिला ने शनिवार को थाने में दी गई तहरीर में आरोप लगाया कि वह गत 16 जनवरी को सूबेदारगंज एक्सप्रेस ट्रेन से चंदौसी स्टेशन से सूबेदारगंज (प्रयागराज)जा रही थी।
उन्होंने बताया कि तहरीर के मुताबिक स्टेशन पर उसकी मुलाकात एक परिचित टीटीई राजू सिंह से हुई जिसने उसे वातानुकूलित प्रथम श्रेणी डिब्बे में बैठा दिया।
उन्होंने बताया कि महिला का आरोप है कि रात करीब 10 बजे चंदौसी और अलीगढ़ स्टेशन के बीच राजू सिंह और उसके एक साथी ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
थाना प्रभारी ने बताया कि इस मामले में आरोपी टीटीई राजू सिंह तथा एक अज्ञात के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि रविवार को टीटीई को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि दूसरे आरोपी की पहचान की जा रही है, जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। (भाषा)
नयी दिल्ली, 22 जनवरी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी 30 जनवरी को 'भारत जोड़ो यात्रा' के समापन पर श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे।
इस मौके पर 'भारत जोड़ो यात्रा' के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए देश के सभी राज्यों में स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अलावा जिला कांग्रेस कमेटी और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के कार्यालयों में भी तिरंगा फहराया जाएगा।
कांग्रेस के महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने कहा कि तमिलनाडु के कन्याकुमारी से सात सितंबर को शुरू हुई यात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त होगी। यह यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरने के दौरान 3,970 किलोमीटर तय करने के बाद समाप्त होगी।
के सी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, ‘‘ भारत जोड़ो यात्रा को लाखों लोगों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है और इसने देश के नागरिकों के बीच राहुल गांधी के प्रेम और एकता के संदेश को फैलाया है। समाज के सभी वर्गों के जबरदस्त समर्थन और लोगों की हार्दिक भागीदारी ने इसे एक ऐतिहासिक यात्रा और भारतीय राजनीति में निर्णायक बना दिया है। ’’ (भाषा)
जम्मू, 22 जनवरी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के बावजूद यहां पर आतंकवाद अब भी खत्म नहीं हुआ है।
सिंह ने कहा कि राजौरी जिले के डांगरी गांव सहित हाल में हुए आतंकवादी हमले चिंताजनक हैं।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी जम्मू स्थित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में आतंकवाद के पीड़ितों से मुलाकात के बाद की। इस दौरान सिंह के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा भी थे।
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सबसे पहले हम राजौरी के डांगरी गांव और जम्मू के नरवाल में हुए आतंकवादी हमलों की निंदा करते हैं। जम्मू-कश्मीर की स्थिति वह नहीं है जो अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद बताई जा रही थी। लक्षित हत्याएं और बम धमाके एक बार फिर शुरू हो गए हैं।’’
गौरतलब है कि एक और दो जनवरी को राजौरी के डांगरी गांव में हुए दोहरे आतंकवादी हमले में एक समुदाय विशेष के सात लोगों की मौत हो गई थी जबकि शनिवार को जम्मू के नरवाल में हुए दोहरे धमाके में नौ लोग घायल हुए हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘डांगरी गांव में हुए हमले में घायल एक व्यक्ति जीवन भर के लिए दिव्यांग हो गया है और सरकार ने उसे महज एक लाख रुपये दिए हैं। हम ऐसे पीड़ितों के लिए स्थायी पुनर्वास नीति चाहते हैं ताकि वे अपना जीवन बिना किसी पर निर्भर रहे बिता सकें।’’
उन्होंने कहा,‘‘हम इन चिंताजनक घटनाओं का राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहते लेकिन एक तथ्य को नजर अंदाज नहीं कर सकते कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद जिंदा है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि विभाजनकारी राजनीति न तो हिंदुओं के और न ही मुसलमानों के हित में है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह देश हम सभी का है और हम देश के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राहुल गांधी की ओर से अस्पताल गया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 22 जनवरी। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा और डेरेक ओ' ब्रायन ने रविवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए 2002 के गुजरात दंगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र का 'लिंक' टि्वटर पर साझा किया।
टीएमसी ने सेंसरशिप के खिलाफ लड़ने का संकल्प भी लिया।
सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ट्विटर और यूट्यूब को “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” नामक वृत्तचित्र के लिंक को अवरूद्ध करने का निर्देश दिया था।
डेरेक ओ' ब्रायन उन विपक्षी नेताओं में शामिल थे, जिनके वृत्तचित्र को लेकर किए गए ट्वीट को ट्विटर ने हटा दिया था। रविवार को टीएमसी के दोनों सांसदों ने सरकार के निर्देश पर “अवरूद्ध” किए गए ट्विटर लिंक की एक सूची भी साझा की।
मोइत्रा ने ट्वीट किया, ‘‘ बीबीसी की एक रिपोर्ट साझा करने के लिए सरकार द्वारा नागरिकों के ट्विटर लिंक अवरूद्ध कर दिए गए। डेरेक ओ ब्रायन और प्रशांत भूषण के ट्विटर लिंक अवरूद्ध कर दिए गए हैं। मेरा लिंक अभी बाकी है। ’’
महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह “सेंसरशिप” कतई स्वीकार नहीं करेंगी। (भाषा)
रतलाम (मप्र), 22 जनवरी। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी एवं दो मासूम बच्चों की कथित तौर पर कुल्हाड़ी के वार से हत्या हत्या कर तीनों के शवों को अपने घर में ही फर्श के नीचे गाड़ दिया। यह जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को दी।
उन्होंने कहा कि यह घटना करीब दो महीने पहले कनेरी रोड पर स्थित विंध्यवासिनी कॉलोनी में हुई और पुलिस ने रविवार शाम को घर के फर्श की खुदाई कर तीन शवों को वहां से बरामद कर लिया है।
अधिकारी ने बताया कि इस मामले में हत्या करने वाले व्यक्ति सोनू तलवाड़े (उम्र करीब 30 से 35 वर्ष) के अलावा उसके एक साथी बंटी कैथवास को भी रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसने साक्ष्य छुपाने में उसकी मदद की थी।
उन्होंने कहा कि लाश दफनाने के बाद आरोपी उसी घर में करीब दो महीनों से रह रहा था।
रतलाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि पुलिस को इस जघन्य घटना का पता तब चला, जब परिवार के गायब होने और हत्या की सूचना मिली। इसकी जांच में पुलिस को सनसनीखेज तथ्य मिले, तो पुलिस ने मकान के फर्श की खुदाई की योजना बनाई।
उन्होंने कहा, ‘‘रविवार शाम शहर के सभी थाना प्रभारी, भारी संख्या में पुलिस बल और फोरेसिंक विशेषज्ञ आदि के साथ विंध्यवासिनी कॉलोनी पंहुचे। इस दल ने सोनू तलवाड़े के मकान के फर्श की खुदाई शुरू की। वहां जमीन से तीन लाशें निकली, जो सोनू की पत्नी निशा (27), उसकी चार साल की बेटी खुशी और सात साल के बेटे अमन की थी।’’
तिवारी ने बताया कि सोनू ने अपने साथी बंटी कैथवास की मदद से तीनों की लाश को घर में ही छुपा दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए मेडिकल कालेज भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस इनका डीएनए जांच भी कराएगी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा)। राष्ट्रीय राजधानी के पुनर्निमित कर्तव्य पथ पर इस बार की परेड में जहां दर्शकों को उत्तर प्रदेश के अयोध्या के दीपोत्सव की झांकी देखने को मिलेगी, वहीं हरियाणा की झांकी में भगवान कृष्ण के ‘विराट स्वरूप’ को प्रतिम्बित किया जाएगा। इतना ही नहीं, ऐतिहासिक गणतंत्र दिवस परेड में इस बार झारखंड के प्रसिद्ध देवघर मंदिर और जम्मू-कश्मीर की ‘अमरनाथ गुफा’ की झलक देखने को मिल सकेगी।
जम्मू- कश्मीर ने पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन में पुनरुत्थान को प्रदर्शित करते हुए अमरनाथ के गुफा मंदिर को 'नया जम्मू-कश्मीर' विषय के साथ अपनी झांकी में चित्रित किया है।
राष्ट्रीय राजधानी के पुनर्निमित कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गुजरात, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की रंगारंग झांकियां दर्शकों का मन मोहेंगी।
विभिन्न राज्यों द्वारा इस वर्ष अपनाई गई थीम काफी हद तक सांस्कृतिक विरासत और अन्य विषयों के अलावा 'नारी शक्ति' है।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि भारत की जीवंत सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक और सामाजिक प्रगति को दर्शाने वाली कुल 23 झांकियां 26 जनवरी को औपचारिक परेड का हिस्सा होंगी। इन झांकियों में से 17 विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तथा छह झांकियां विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की होंगी।
राज्य के सूचना और जनसंपर्क विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की झांकी में भगवान राम और देवी सीता को वनवास से लौटने पर अयोध्या के लोगों द्वारा स्वागत करते हुए दिखाया गया है।
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने पहले कहा था कि अयोध्या दीपोत्सव उत्तर प्रदेश का मुख्य विषय है। उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “झांकी के साइड पैनल अयोध्या में सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी को दर्शाते हैं और एक बड़ा 'दीपोत्सव द्वार' बनाया गया है। इसमें महाऋषि वशिष्ठ की मूर्ति भी है।”
हरियाणा ने गणतंत्र दिवस की झांकी के लिए भगवद् गीता को अपनी प्रेरणा के रूप में चुना है, जिसमें चार अश्वों द्वारा खींचे जाने वाले रथ का एक विशाल मॉडल इसका मुख्य आकर्षण है। अधिकारी के अनुसार, ‘‘झांकी में भगवान कृष्ण को कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन के सारथी के रूप में सेवा करते हुए और उन्हें उपदेश देते हुए दिखाया गया है। झांकी के सामने के हिस्से में भगवान कृष्ण को उनके 'विराट स्वरूप' रूप में दिखाया गया है।’’
रक्षा मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, “ट्रेलर के साइड पैनल महाभारत युद्ध के दृश्य दिखाते हैं।” मंत्रालय ने बताया है कि यदि इन दो झांकी में कालातीत महाकाव्यों से तैयार किए गए विषय की झलक मिलती है, तो पश्चिम बंगाल की झांकी में देवी दुर्गा की पवित्र छवि झलकती है।
पश्चिम बंगाल की झांकी में कोलकाता की दुर्गा पूजा को दर्शाया गया है और यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में इसके शामिल होने का जश्न मनाया गया है।
असम की झांकी में पौराणिक अहोम सेनापति लचित बोरफुकन और प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर सहित इसके सांस्कृतिक स्थलों को गर्व से दिखाया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि गृह मंत्रालय दो झांकी प्रदर्शित करेगा, जिनमें स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की एक-एक झांकी शामिल होगी।
अधिकारी के अनुसार, कृषि मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय की एक-एक झांकी कर्तव्य पथ पर दर्शकों को आकर्षित करेगी। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी भी कर्तव्य पथ पर नजर आएगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या रेल मंत्रालय की तरफ से भी कोई झांकी निकाली जाएगी, उन्होंने कहा, “नहीं, इस साल की परेड में रेल मंत्रालय की कोई झांकी नहीं होगी।”
पिछले साल राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' किए जाने के बाद इस ऐतिहासिक पथ में आयोजित यह पहला गणतंत्र दिवस समारोह होगा। फुल ड्रेस रिहर्सल परेड सोमवार को होगी।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले कहा था कि 74वां गणतंत्र दिवस समारोह पुनर्निमित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में होगा और सरकार ने जनता के लिए 32,000 टिकट ऑनलाइन बिक्री के लिए रखे हैं।
रायपुर, 23 जनवरी। आदिवासी आरक्षण विधेयक को अब इतनी जल्दी राज्यपाल अनुसुइया उइके मंजूर करने के मूड में नहीं हैं। वे विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का इंतजार करेंगी।इसकी पृष्ठभूमि में सुश्री उइके ने रविवार देर शाम कहा है कि अभी मार्च तक इंतजार करिए।
बता दें कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सरकार ने आरक्षण संशोधन विधेयक पास कर उसी दिन चार मंत्रियों ने राजभवन जाकर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया था।इसे बीते 50 दिन से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन अब तक विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं हो पाया है।
रायपुर, 23 जनवरी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व विधायक भाटापारा, राधे श्याम शर्मा का आज सुबह निधन हो गया है। उनके निधन पर सीएम भूपेश बघेल, समेत सभी मंत्रियों पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने शोक प्रकट करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।
नयी दिल्ली, 23 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में उन्हें समर्पित स्मारक के एक मॉडल का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उद्घाटन करेंगे।
प्रस्तावित स्मारक रॉस द्वीप में स्थापित किया जाएगा, जिसका नाम 2018 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा गया था।
एक अधिकारी ने बताया कि इसमें एक संग्रहालय, एक केबल कार रोपवे, एक लेज़र-एंड-साउंड शो, विरासत से जुड़ी कुछ ऐतिहासिक इमारतें प्रदर्शित की जाएंगी और बच्चों के लिए एक थीम-आधारित पार्क होगा।
प्रधानमंत्री ऑनलाइन इसका उद्घाटन करने के बाद देश को संबोधित भी करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी इसके अलावा अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखने के एक समारोह में भी शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि नेताजी की जयंती के उपलक्ष्य में 23 जनवरी का दिन ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने परमवीर चक्र विजेताओं को सम्मानित करने के लिए यह पहल की है। 21 द्वीपों में से 16 उत्तर और मध्य अंडमान जिले में और पांच दक्षिण अंडमान में स्थित हैं।’’
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज यानी सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में तिरंगा फहराएंगे।
शाह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के दो दिवसीय दौरे पर रविवार देर रात पोर्ट ब्लेयर पहुंचे थे।
अधिकारियों ने बताया कि नेताजी ने 30 दिसंबर 1943 को यहां जिमखाना मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और शाह आज उसी स्थान पर झंडा फहराएंगे। इस मैदान का नाम अब ‘नेताजी स्टेडियम’ है।
शाह के सेलुलर जेल का दौरा करने की भी संभावना है, जहां भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान कई स्वतंत्रता सेनानियों को रखा गया था।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर जापान का कब्जा था और इसे औपचारिक रूप से 29 दिसंबर 1943 को नेताजी की आज़ाद हिंद सरकार को सौंप दिया गया था। (भाषा)
लखनऊ, 23 जनवरी। गोरखपुर स्थित वायुसेना स्टेशन में मंगलवार को भारतीय वायुसेना की ताकत का प्रदर्शन करने और युवाओं को रक्षा सेवाओं में करियर के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से ‘नो योर फोर्सेज’ का आयोजन किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, वायु सेना स्टेशन, गोरखपुर 24 जनवरी को 74वें गणतंत्र दिवस समारोह के रूप में एक सार्वजनिक कार्यक्रम ‘नो योर फोर्सेज’ का आयोजन कर रहा है। इसका मकसद भारतीय वायुसेना की ताकत का प्रदर्शन करना और युवाओं को रक्षा सेवाओं में करियर के लिए प्रेरित करना है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों के युवाओं को शिक्षित और प्रेरित करना है और उन्हें सामान्य रूप से भारतीय सशस्त्र बलों और विशेष रूप से भारतीय वायु सेना से परिचित कराना है।
सूत्रों के अनुसार इस कार्यक्रम में कई अन्य गतिविधियों के साथ-साथ विशेष बलों द्वारा लड़ाकू विमानों और हेलीकाप्टरों का एक हवाई प्रदर्शन भी शामिल होगा। (भाषा)
कोलकाता, 23 जनवरी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा कर रही है जिससे राज्य की छवि और भविष्य के निवेश प्रभावित हो रहे हैं।
खेल और युवा मामलों के मंत्री ने उत्तरी कोलकाता में स्वामी विवेकानंद के पैतृक घर का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बात की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह खेद का विषय है कि रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे दिग्गजों की भूमि की छवि अब ‘‘टीएमसी के कुशासन’’ से गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है और कहा, ‘‘मैंने सुना है कि यहां मीडिया को बंद कर दिया गया है। कविगुरु (टैगोर), स्वामीजी और नेताजी की भूमि में ऐसा नहीं होना चाहिए। बंगाल की छवि को नुकसान हो रहा है।’’
उनहोंने कहा, ‘‘राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ चुनाव के बाद की हिंसा कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। निर्वाचित प्रतिनिधियों पर हमले जारी हैं। बंगाल की छवि खराब हो रही है और निवेशक नहीं आ रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछता हूं कि क्या इस तरह की हिंसा से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्राप्त करने में मदद मिलती है।’’ (भाषा)