ताजा खबर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 जनवरी। ईडी ने मनी लांड्रिंग और कोल लेवी मामले में जेल में बंद सीएम की पूर्व ओएसडी सौम्या चौरसिया के खिलाफ चालान पेश कर दिया है। बताया गया कि चालान करीब 3 हजार पन्नों का है। उन्हें गत 2 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से न्यायिक रिमांड पर जेल में है। इसी तरह उप संचालक खनिज एसएस नाग, संदीप कुमार नायक, दीपेश टांक, और राजेश चौधरी को सोमवार को विशेष अदालत में पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में प्रकरण की सुनवाई चल रही है। तीन दिनों की रिमांड खत्म होने के बाद सभी पेश किया गया है। आगे की पड़ताल के लिए ईडी इन सभी की और रिमांड मांग सकती है।
तश्तरी पर पेश जुर्म का सुबूत
ईडी ने अभी छत्तीसगढ़ सरकार के जिन दो खनिज अफसरों को गिरफ्तार किया है, उनकी बददिमागी और बड़बोलेपन से भी उनकी हरकतें उजागर हुईं, और ईडी जैसी जांच एजेंसी इन छोटे अफसरों के बड़े कारनामों तक पहुंचीं। लोगों को याद होगा कि कई हफ्ते पहले इन दोनों पर ईडी के छापे भी पड़े थे। उस वक्त बताया जाता है कि इनमें से कम से कम एक के पास से कई मोबाइल फोन मिले थे, जिनमें कई कॉल रिकॉर्ड थीं। एक वक्त कोरबा में कोयले के कारोबार में हाथ काले किए हुए खनिज अफसर की तैनाती अभी जगदलपुर में है। नाग नाम का यह अफसर बात-बात में लोगों से बातचीत को फोन पर रिकॉर्ड करते रहता था, और लोगों को धमकाता भी रहता था। अब जांच एजेंसी के लिए इससे अधिक सहूलियत की और क्या बात हो सकती है कि एक बड़े जुर्म में शामिल अफसर दूसरे लोगों के साथ अपनी बातचीत रिकॉर्ड भी करता चले, और जुर्म का सुबूत मानो तश्तरी पर मखमल के कपड़े पर रखकर जांच एजेंसी को पेश कर दे! अब ऐसे मोबाइल फोन पर मिली रिकॉर्डिंग के आधार पर दूसरे कई अफसरों की बारी आने जा रही है। दूसरे अफसर अपनी बारी का इंतजार धडक़ते मन के साथ कर सकते हैं।
अडानी पर भरोसा करें...
अमेरिकी इन्वेस्टमेंट रिसर्च और एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में बीते बुधवार से शुक्रवार के बीच 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। रिपोर्ट कहती है कि अडानी ग्रुप वर्षों से शेयरों की हेराफेरी और अकाउंट्स में फ्रॉड कर रहा है। जवाब में अडानी की लीगल टीम ने कहा है कि रिपोर्ट शरारत और दुर्भावनापूर्ण है। इसे ग्रुप की कंपनियों के शेयर प्राइस पर निगेटिव असर डालने के लिए उजागर किया गया है। हिंडनबर्ग जो खुद अडानी के शेयरों का शॉर्ट सेलर है, इस मौके का फायदा उठाना चाहता है।
छत्तीसगढ़ में इस रिपोर्ट की चर्चा अडानी के यहां फैले कोयला, सीमेंट और सडक़ के कारोबार के कारण हो रही है। इस चर्चा में देश के दूसरे हिस्से के मीडियाकर्मी और एक्टिविस्ट भी शामिल हैं। दर्जनों ट्विटर हैंडल्स पर कहा जा रहा है कि अभी तो अकाउंट्स में गड़बड़ी की बात सामने आई है। सरकारी दफ्तरों में जमा दस्तावेजों की जांच भी होनी चाहिए। हिंडनबर्ग से पहले ही अडानी ग्रुप का फर्जीवाड़ा हसदेव के आदिवासी सामने ला चुके हैं। जो खदानें एमडीओ के तहत अडानी को दी गई उसे ग्रामसभा ने स्वीकृति दी ही नहीं थीं। कंपनी ने स्वीकृति के फर्जी कागज बनाए। कई मृत लोगों के इनमें हस्ताक्षर हैं। कहीं कोई जांच नहीं हुई। दूसरी ओर अडानी ग्रुप के व्यापारिक व्यवहार को साफ-सुथरा बताने के लिए सोशल मीडिया पर उसी तरह से उनके समर्थन में अभियान चल निकला है, जैसा हसदेव अरण्य के खदानों के पक्ष में चलाया गया था। आल्ट न्यूज के पत्रकार मो. जुबैर ने ट्विटर पर दावा किया है कि अनेक फेक अकाउंट हैं जिनमें अडानी के समर्थन में पोस्ट किए जा रहे हैं। सब में सामग्री एक जैसी है, जिनमें लिखा है- अडानी पर भरोसा करें।
ठगों से सरकार की कमाई!
क्या लोगों के साथ की जा रही किसी जालसाजी से सरकार का कोई फायदा हो सकता है? इन दिनों लोगों के पास बिजली बिल पटाने या रात साढ़े नौ बजे कनेक्शन कट जाने की चेतावनी वाले संदेश पहुंच रहे हैं। ऐसे संदेशों में एक फोन नंबर भी दिया रहता है, जिस पर फोन करने से कहा जाता है कि मोबाइल फोन पर एनीडेस्क जैसा स्क्रीन-शेयरिंग एप्लीकेशन डाउनलोड करें, और उसके बाद उसमें जानकारियां भरें। ऐसा करने पर संदेश भेजने वाले ठग और जालसाज लोगों के फोन पर काबिज हो जाते हैं, और उससे अगर बैंक खाते जुड़े हैं, तो उसे खाली भी कर सकते हैं। लोगों के पास लगातार ऐसे संदेश बढ़ते जा रहे हैं, और लोग रात में बिजली कट जाने की आशंका से एक ऐसी दहशत में आ जाते हैं कि वे यह भी नहीं सोचते कि बिजली वाले रात में बिजली काटने नहीं आते।
लेकिन इस चक्कर में कई लोग जिनके बिजली बिल बकाया है, वे हड़बड़ी में तुरंत ऑनलाईन पूरा भुगतान कर देते हैं, और बिजली विभाग की वसूली हो जाती है।
सरकार को लोगों को ऐसी जालसाजी-धोखाधड़ी के खिलाफ अधिक सावधान भी करना चाहिए, और जब ऐसे नंबरों से रात-दिन धोखाधड़ी हो रही है, तो इसके पीछे के लोगों को तेजी से पकडऩा भी चाहिए। छत्तीसगढ़ में भी लोगों के पास ऐसे अनगिनत संदेश आ रहे हैं।
यह मिसाल दूसरी जगह भारी पड़ेगी
राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान रखने की सोच को वे जानकार लोग धिक्कार रहे हैं जो जानते हैं कि यह गार्डन मुगलों ने नहीं बनाया था, अंग्रेजों ने बनाया था। और राष्ट्रपति भवन डिजाइन करने वाले आर्किटेक्ट ने इस गार्डन को मुगल गार्डनशैली में बनाया था। अब किसी शैली से भी इतनी नफरत करना कि उसे उखाडक़र फेंक देना, और एक हिन्दू नाम वहां जड़ देना लोगों को हैरान कर रहा है। नाम की तख्ती बदल दिए जाने के बाद भी उस उद्यान की शैली तो मुगल ही है, अब पूरे उद्यान को ही उखाडक़र फेंका जाए, तभी उसकी मुगल शैली हटाई जा सकेगी।
अब मानो इसी तंग सोच के जवाब में पाकिस्तान से कुछ गुजराती लोगों ने लाहौर का एक वीडियो पोस्ट किया है जो कि उस शहर के मशहूर लक्ष्मी चौक का है। इस चौक के मेट्रो स्टेशन का नाम भी लक्ष्मी मेट्रो स्टेशन है। अब इस्लामी आतंकियों से लहूलुहान पाकिस्तान में भी हिन्दू देवी के नाम पर चौराहा भी है, और मेट्रो भी है। लेकिन इस देश में किसी दूसरे धर्म को नीचा दिखाने के लिए जो-जो किया जाता है, उसके दाम दूसरे देशों में बसे हुए हिन्दुस्तानियों को चुकाने होते हैं।
बेरोजगारों को राहत मिलेगी?
सन् 2018 के संकल्प पत्र में की गई घोषणा पर अमल करते हुए अब चुनावी वर्ष में छत्तीसगढ़ सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है। पहले की सरकारों ने बेरोजगारी भत्ता का वायदा निभाने के लिए इतनी जटिल प्रक्रिया अपनाई थी कि युवाओं की संख्या तो लाखों में थी, पर फायदा कुछ को ही मिल पाया। बाद में इसे बंद भी कर दिया गया। इस बार एक सहूलियत यह है कि आवेदन ऑनलाइन किया जाना है, पर इसका मतलब यह नहीं कि भत्ता इसी आवेदन के जरिये मिलना शुरू हो जाएगा। प्रक्रिया का सबसे अहम् हिस्सा है, बेरोजगारों से साक्षात्कार लेने का नियम। पिछली सरकारों ने जब आवेदन मंगाए थे तो इसी चरण में बेरोजगार भत्ते से वंचित हो गए थे। इसे नए वित्तीय वर्ष से शुरू करने की घोषणा की गई है। इसका स्वरूप कैसा होगा, इसे समझने के लिए कांग्रेस शासित राजस्थान का उदाहरण सामने है। वहां इस समय 1.6 लाख लोगों को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। एक लाभार्थी को दो साल के लिए भत्ता देने का प्रावधान है। यदि किसी के पास कोई पेशेवर डिग्री या डिप्लोमा नहीं है तो उसे कौशल प्रशिक्षण का इंटर्नशिप करना अनिवार्य होगा। इंटर्नशिप बीच में छोड़ देने पर भत्ता मिलना बंद हो जाएगा। छत्तीसगढ़ में विभिन्न सर्वेक्षणों में बेरोजगारी की दर 0.1 है। इस बीच कुछ सरकारी भर्तियों में आवेदनों की बाढ़ भी देखने को मिली। मिलने वाले आवेदनों से अंदाजा लग पाएगा कि बेरोजगारी की सही तस्वीर क्या है।
नई दिल्ली, 30 जनवरी । संदिग्ध साइबर अपराधियों ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का फ़ेक इंस्टाग्राम अकाउंट बनाकर उनके नाम पर लोगों से पैसे मांगे हैं.
राज्यपाल आर्लेकर ने इस बात की जानकारी अपने निजी ट्विटर अकाउंट पर दी है. उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और ऐसी मांगों पर ध्यान न देने की अपील की है.
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने इस बारे में ट्विटर पर किए एक ट्वीट में बताया है कि उसने इस बारे में शिकायत दर्ज कर ली है और संबंधित अधिकारियों से यह अकाउंट डिएक्टिवेट करने को कहा है.
पिछले साल संदिग्ध साइबर अपराधियों ने कथित तौर पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव जैसे सीनियर नेताओं और अधिकारियों के फ़र्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देते हुए लोगों से पैसे उगाहे थे.
हिमाचल प्रदेश में पिछले पांच सालों में साइबर अपराध के क़रीब 18 हज़ार मामले सामने आए. पुलिस के अनुसार, इनमें से आधे मामले वित्तीय धोखाधड़ी के रहे हैं. (.bbc.com/hindi)
कश्मीर, 30 जनवरी । कश्मीर में भारी बर्फ़बारी के बीच भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि ''मैं हमेशा सरकारी घर में रहा, मेरे लिए ये ढांचे घर नहीं है, मेरे लिए जीने का तरीका घर है, जिसे आप कश्मीरियत कहते हैं उसे मैं अपना घर मानता हूं.''
एक ऐसा वक़्त भी आया कि लगा मैं नहीं चल पाऊंगा- राहुल गांधी
कश्मीर में इस वक़्त भारी बर्फ़बारी हो रही है. इस बर्फ़बारी के बीच जनता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “गर्मी में आपको गर्मी नहीं लगी और सर्दी में आपको सर्दी नहीं लग रही, ये देश की शक्ति है. जब प्रियंका ने मेरे मैसेज का ज़िक्र किया तो मेरी आंखें भर आईं, अमूमन ऐसा नहीं होता. इस यात्रा में ऐसा भी लगा था कि पता नहीं कर पाऊंगा या नहीं, लेकिन कर पाया. एक वक्त ऐसा आया जब मुझे लगा कि नहीं चल पाऊंगा. उस वक़्त एक बच्ची दौड़ती हुई आई और बोली-मैंने तुम्हारे लिए कुछ लिखा है अभी मत पढ़ो, बाद में पढ़ना. उसने लिखा था कि आपके घुटनो में दर्द है जब आप उस पर वज़न डालते हैं तो ये और दर्द होता है. मैं आपके साथ नहीं चल सकती क्योंकि मेरे माता-पिता नहीं चलने दे रहे, लेकिन मुझे पता है आप मेरे लिए चल रहे हैं और मेरा दर्द ये पढ़ कर गायब हो गया."
"मुझे छोटे बच्चे मिले जो भीख मांगते थे, उनके पास कपड़े नहीं थे मैं उनके गले लगा, वो ठंड से कांप रहे थे, शायद उन्हें खाना भी नहीं मिला था. तो मुझे लगा कि अगर वो स्वेटर नहीं पहन रहे तो मुझे भी नहीं पहनना चाहिए. ”
“जब मैं चल रहा था तो बहुत सारी महिलाएं मुझसे मिल कर रो रही थीं, लेकिन उनमें बहुत सी ऐसी महिलाएं भी थीं कि उनके साथ बलात्कार हुआ, उनका उत्पीड़न किया गया. अगर मैं उनसे पूछता कि पुलिस को बता दूं तो वह कहतीं, नहीं बस आपको बताना था, पुलिस को बताएंगे तो बहुत कुछ नुक़सान हो जाएगा. ”
कश्मीर जाने से पहले राहुल गांधी ने हमें संदेश भेजा कि मैं घर जा रहा हूं- प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मंच से संबोधन करते हुए कहा, “मेरे भाई सितंबर से पैदल कन्याकुमारी से यहां तक चलने निकले थे मुझे पहले मुश्किल लग रहा था. पर जहां-जहां गए लोग बाहर आए, ये लोग बाहर किस लिए आए क्योंकि देश के लोगों में एक जज़्बा है, देश के संविधान के लिए जज़्बा है. कश्मीर की जनता का धन्यवाद कि आपने हमारा खुले दिल से स्वागत किया.”
“मुझे और मां को राहुल गांधी ने यहां आने से पहले संदेश भेजा था कि मुझे लग रहा है कि मैं अपने घर जा रहा हूं. मुझे गर्व है कि कांग्रेस ने एक ऐसी यात्रा की जिसका पूरे देश ने समर्थन किया.”
“मैं कह सकती हूं कि जो राजनीति बांटती है, तोड़ती है वो देश का भला नहीं कर सकती. ये एक आध्यात्मिक यात्रा रही. उन सभी का शुक्रिया जो देश के एक कोने से दूसरे कोने तक चले.”
“जिस सत्य अहिंसा की नींव पर ये देश बना उसकी हमें हिफ़ाजत करनी है. आप सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं कि आपने एक रोशनी की किरण जलाई है.”
राहुल अपने घर आए हैं- मुफ़्ती
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि 'राहुल गांधी आपने कहा था कि आप कश्मीर में आए हैं, अपने घर आए हैं. यह आपका घर है. मुझे उम्मीद है कि गोडसे की विचारधारा ने जम्मू-कश्मीर से जो छीन लिया है वह इसे वापस मिल जाएगा. गांधी जी ने कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर में आशा की किरण देखते हैं, आज देश को राहुल गांधी में आशा की किरण दिख रही है.
वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इस मौके पर कहा, "हमें आपके साथ चलने का मौका मिला है. मुझे उम्मीद है कि अगर आप पूर्व से पश्चिम तक चलेंगे. हमें उम्मीद है कि हम आपके साथ आगे चलेंगे. ये बर्फ़ एक शुभ संकेत है, ये हमारे लिए खुशी और उजाला लेकर आई है.'' (bbc.com/hindi)
कांग्रेस सांसद और पार्टी के सबसे महत्वपूर्ण नेता राहुल गांधी की कन्याकुमारी से शुरू हुई पदयात्रा 136 दिनों में 12 राज्यों, 2 केन्द्र प्रशासित प्रदेशों के 75 जिलों से होती हुई कश्मीर के श्रीनगर में तिरंगा फरहाने के साथ खत्म हुई। 3500 किलोमीटर से अधिक की यह पदयात्रा 116 दिन रोजाना 23-24 किलोमीटर चली। जब यह शुरू हुई तो इसके नारे, नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो, को लेकर राहुल गांधी का मखौल उड़ाया गया, और बहुत से लोगों को इसकी कामयाबी पर शक था। लेकिन सफर जैसे-जैसे आगे बढ़ा, राहुल को मिलने वाला जनसमर्थन एक सैलाब की तरह बढ़ते चले गया। कांग्रेस पार्टी तो इसके साथ थी ही, लेकिन दूसरी पार्टियों के भी दर्जनों नेता अलग-अलग दिनों पर इसमें शामिल हुए, रास्ते के गांव-कस्बे और शहर के लोग सडक़ों पर उमड़ पड़े, और राहुल गांधी इतने महीनों तक सिर्फ मोहब्बत और दिल जोडऩे, नफरत छोडऩे की बात दुहराने वाले हाल के हिन्दुस्तान के अकेले नेता बने। इस पदयात्रा का किसी चुनाव से कोई रिश्ता नहीं था, और वही मानो सबसे अच्छी बात थी। इसके बीच दो राज्यों में चुनाव हुए, लेकिन राहुल तकरीबन वहां से दूर ही रहे, और अपनी पदयात्रा में लगे रहे।
हिन्दुस्तान के आज के मुख्यधारा के कहे जाने वाले तथाकथित मीडिया ने इससे एक दूरी बना रखी थी, लेकिन सोशल मीडिया की मेहरबानी से बिना किसी आडंबर के एक आम इंसान की तरह राहुल हर दिन दर्जनों तस्वीरों में लोगों के सामने आते रहे, लोगों से जुड़ते रहे, और लोग उनसे जुड़ते रहे। राहुल को इस पदयात्रा में मिले अपार जनसमर्थन की वजह से जो लोग उन्हें आज विपक्ष का सबसे बड़ा या सर्वमान्य नेता मानने और बताने की चूक कर रहे हैं, वे इस पदयात्रा की अहमियत को घटा भी रहे हैं। जहां तक हमें समझ पड़ता है, यह पदयात्रा ठीक अपने नारे को पूरा करते हुए आज टुकड़े-टुकड़े किए जा रहे हिन्दुस्तान को बचाने के लिए, सहेजने और जोडऩे के लिए निकाली गई थी, और उसने अपना वह मकसद हैरानी की हद तक पूरा किया है। जिस तरह आम तबकों के लोग, हर धर्म के लोग, हर उम्र के आदमी-औरत, और बच्चे राहुल के साथ कुछ दूर चलने के लिए होड़ करते रहे, उनसे लिपटकर पिघलते रहे, वह देखना अद्भुत रहा। आज के वक्त जब इस देश में पोशाक से जाति और धर्म पहचानने का फतवा दिया जा रहा है, तब राहुल एक सम्पूर्ण हिन्दुस्तानी की तरह, हर हिन्दुस्तानी के गले मिलते रहे, अनगिनत लोगों के हाथ थामकर उन्हें साथ चलाते रहे, और इसके बदले देश के लोगों के लिए मोहब्बत के अलावा उन्होंने कुछ नहीं मांगा।
आज जब देश के बड़े-बड़े नेता मुंह खोलते हैं, और तेजाबी, साम्प्रदायिक नफरत की लपट निकलती है, वैसे में तकरीबन पांच महीने हर दिन 10-12 घंटे लोगों के बीच रहना, हर दिन अनगिनत लोगों से बात करना, पदयात्रा में जाने कितनी बार प्रेस से बात करना सब होते रहा, लेकिन न तो राहुल ने अपनी लोकप्रियता को लेकर कोई दावे किए, न ही अपनी अहमियत बखान करने की कोशिश की, और न ही उन्होंने भविष्य को लेकर इस यात्रा के योगदान का कोई दावा किया। हर मायने में वे एक आम इंसान की तरह रहते और चलते दिखे, और दाढ़ी और टी-शर्ट का उनका यह नया अवतार आज देश का सबसे चर्चित चेहरा बना हुआ है। जब उनके अगल-बगल के तमाम नेता, और दर्जनों सुरक्षा कर्मचारी ऊनी कपड़ों से लदे हुए थे, तब भी राहुल गांधी जिस तरह महज एक टी-शर्ट में चल रहे थे, उसने भी उन्हें लोगों की हैरानी का सबब बना दिया। उन्होंने इसकी जो वजह बताई, वह भी दिल छू लेने वाली थी कि उन्होंने ठंड में तीन गरीब बच्चियों को फटे कपड़़ों में देखा जिनके पास पहनने को गर्म कपड़े नहीं थे, तब उन्होंने तय किया कि जब तक वे कंपकंपाने नहीं लगेंगे, तब तक एक टी-शर्ट ही पहनेंगे, और वे पूरी ही पदयात्रा में वैसे ही रहे।
राहुल की पदयात्रा को गांधी की किसी पदयात्रा से जोडक़र देखना राहुल के साथ ज्यादती होगी। कल उन्होंने श्रीनगर में पदयात्रा पूरी की है, और आज गांधी पुण्यतिथि है। लेकिन गांधी से तुलना के लिए एक लंबे इतिहास और बहुत ऊंची महानता की जरूरत पड़ती है, और राहुल की किसी बात से ऐसा नहीं लगता है कि वे खुद अपनी इस पदयात्रा का महिमामंडन चाहते हैं। उनकी पार्टी के लोगों को भी चाहिए कि राहुल को महान दिखाने के फेर में कोई ऐसे दावे न करें जिनसे कि उनकी कामयाबी को शिकस्त मिले। देश के लोगों ने महीनों तक राहुल गांधी को आम लोगों के बीच बिना किसी आडंबर के, और बिना फैशन परेड के, बिना नफरत की कोई बात किए, और बिना कोई दावे किए देखा है, और इस अभूतपूर्व स्थिति को बिना कुछ कहे एक अहसास की तरह बने रहने देना चाहिए, बजाय फिजूल की बातें करके उसके असर को खत्म करने के। कांग्रेस के कुछ लोगों ने राहुल को विपक्ष का प्रधानमंत्री का चेहरा बताने का अतिउत्साह भी इसी दौरान दिखाया है, और ऐसी बातों ने राहुल का नुकसान करने के अलावा कुछ नहीं किया है। ऐसा कहने वाले लोगों ने हिन्दुस्तान में प्रचलित एक पुरानी कहावत नहीं सुनी है कि सूत न कपास, जुलाहों में ल_मल_ा। इस यात्रा को किसी भी चुनावी मकसद और संभावना से जोडक़र देखना अपने मन के भीतर तो लोग कर सकते हैं, लेकिन बयानों में इसे लेकर कुछ भी कहना न सिर्फ राहुल और कांग्रेस के खिलाफ जाएगा, बल्कि लोकतंत्र के भी खिलाफ जाएगा। एक लोकतांत्रिक देश में उसके सबसे नाजुक दौर में सिर्फ चुनावों को ध्यान में रखकर बयानबाजी किसी के लिए अच्छी नहीं है।
राहुल गांधी को लोगों से मिलने का यह सिलसिला जारी रखना चाहिए। इस हौसलेमंद नौजवान से अब यह उम्मीद करना कुछ ज्यादती होगी कि वह गुजरात से उत्तर-पूर्व तक एक और पदयात्रा निकाल ले, हालांकि देश को आज इसकी जरूरत है, भारत को जोडऩे की जरूरत गुजरात से असम तक भी है। लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है तो भी राहुल गांधी को उन प्रदेशों का दौरा करना चाहिए जो कि भारत जोड़ो पदयात्रा के रास्ते में नहीं आए थे। जितने राज्यों में वे गए हैं, उससे डेढ़ गुना राज्य अभी बाकी हैं, और कांग्रेस का संगठन तो हर राज्य में है। इसलिए राहुल गांधी इनमें से हर राज्य में जाकर वहां पार्टी के बैनर से परे भी आम लोगों से बात कर सकते हैं, अपना संस्मरण सुना सकते हैं, और लोगों की बात सुन सकते हैं। हो सकता है कि ऐसे हर प्रदेश में वे एक-एक दिन पैदल चल लें, और उसके पहले और बाद लोगों से बात कर लें। उन्हें अगले कुछ वक्त कांग्रेस के घरेलू पचड़ों से परे रहना चाहिए, और देश के माहौल को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई अपनी कोशिश को जारी रखना चाहिए। इस सर्द पदयात्रा में हजारों किलोमीटर का यह टी-शर्ट में पैदल सफर राहुल को तपाकर अधिक मजबूत कर गया है, और अगला काफी वक्त राहुल को चुनावी राजनीति से परे रहकर देश के लोगों में नफरत खत्म करने, और मोहब्बत जगाने में लगाना चाहिए। आज भारतीय राजनीति में ऐसे किरदार की जगह खाली थी, उसे बीते इन महीनों में राहुल ने बखूबी भरा है, और उन्हें यही सिलसिला कुछ और वक्त जारी रखना चाहिए। लोगों को इससे चुनावी हासिल का हिसाब नहीं लगाना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में इंसानियत और मोहब्बत चुनावी फतह से ऊपर की बातें हैं। (क्लिक करें : सुनील कुमार के ब्लॉग का हॉट लिंक)
पाकिस्तान, 30 जनवरी । पाकिस्तान के पेशावर शहर में पुलिस लाइन के पास सोमवार दोपहर एक मस्जिद में धमाका हुआ है.
बचावकर्मियों ने बीबीसी को बताया कि इस धमाके में 20 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं और कुछ घायलों की हालत बेहद गंभीर है.
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है.
इस्लामाबाद के आईजी ने पेशावर में हुए धमाके के बाद हाई अलर्ट जारी किया है.
अहम इमारतों और ज़रूरी नाकों पर स्नाइपर्स यानी दूर से निशाना लगाने वाले तैनात किए गए हैं. नागरिकों को सलाह दी गई है कि वो घर से बाहर निकलते वक़्त अपने ज़रूरी दस्तावेज़ साथ में रखें.
घटनास्थल का क्या हाल है?
पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर आ रही तस्वीरों में कई एबुलेंस घटनास्थल पर पहुंचती हुई देखी जा रही हैं.
तस्वीरों में वहां भारी पुलिस मौजूदगी देखी जा रही है.
पाकिस्तान के निजी समाचार चैनल जियो टीवी ने अस्पताल के हवाले से बताया है कि अब तक लगभग 50 लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
एक चश्मदीद ने जियो टीवी को बताया, "मैं मस्जिद की तरफ जा रहा था तभी एक धमाका हुआ. एक मेहराब गिर गई...नमाज़ बस शुरु ही हुई थी. बहुत बड़ा ब्लास्ट था. मैं बस मस्जिद में दाखिल ही होने वाला था. यहां कई पुलिस वाले नमाज़ पढ़ने आते हैं."
नॉर्थ वाजिरीस्तान से पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य मोहसिन दावर ने ट्वीट किया, "पेशावर में फिर हमला हुआ है. पख़्तूनख़्वाह में जंग जारी है. पाकिस्तान अपनी ग़लत अफ़गान नीति को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. जो तालिबान का समर्थन करते हैं उन्हें ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए."
ये पन्ना लगातार अपडेट किया जा रहा है. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान, 30 जनवरी । पाकिस्तान के पेशावर शहर की मस्जिद में नमाज़ के वक्त एक धमाका हुआ है.
पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. आजम के मुताबिक, पुलिस लाइन स्थित मस्जिद में सोमवार को दोपहर की नमाज के दौरान हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या 17 हो गई है.
उन्होंने कहा है कि मरने वालों में पुलिसकर्मी भी हैं.
प्रवक्ता के मुताबिक इस विस्फोट में करीब 70 लोग घायल हैं जिनमें दस की हालत गंभीर है.
डॉ आजम के मुताबिक लेडी रीडिंग अस्पताल की स्थिति को देखते हुए इमरजेंसी लागू कर दी गई है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि आतंक और मददगारों से सख़्ती निपटा जाएगा.
पेशावर धमाके पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के चेयरमैन इमरान ख़ान ने कहा, "पेशावर पुलिस लाइन्स की मस्जिद में धमाके की पुरज़ोर निंदा करता हूँ. पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं. "
"ये ज़रूरी है कि हम अपने ख़ुफ़िया तंत्र को सुधारें और अपनी पुलिस को आतंकवाद के ख़तरे से निपटने के लिए पर्याप्त हथियार दें."
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि चुनावों से पहले हुआ ये धमाका निंदनीय है. उन्होंने कहा कि आतंकियों और उनके मददगारों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बयान कहा, "नेशनल एक्शन प्लान ही आतंकियों का इलाज है, इसे सख्ती से लागू किया जाएगा. पीपीपी कार्यकर्ता और पदाधिकारी रक्तदान कर घायलों की जान बचाएं." (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 जनवरी। प्रदेश कांग्रेस ने राहुल गांधी की आज खत्म हुई भारत जोड़ो यात्रा को भगवान श्रीराम और श्रीशंकराचार्य की यात्राओं के समकक्ष बताया है। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि राहुल गांधी की यात्रा जैसी यात्रा का उल्लेख शास्त्रों में भी मिलता है।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने अयोध्या से लंका तक और शंकराचार्य ने केरल से बद्रीनाथ तक ऐसी ही यात्राएं की थीं। उन दोनों यात्राओं के समान ही है राहुल जी की यात्रा।
परसों पेश हो रहे केंद्रीय बजट पर कहा कि आंकड़ों की बाजीगरी पेश करने से कुछ नहीं मिलेगा। चौबे ने मांग की कि केंद्र,एमएसपी के अतिरिक्त धान पर अतिरिक्त बोनस भी दे। किसानों को फर्टिलाइजर पर छूट दे। पेट्रोल, डीजल से हो रही आय राज्यों को भी दी जाए।
चमचागिरी की स्पर्धा चल रही कांग्रेस में - सोनी
चौबे के इस बयान पर सांसद सुनील सोनी ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस में चमचागिरी के स्पर्धा चल रही है कि कौन कितना ज्यादा चमचागिरी कर सकता है। और कांग्रेसी अपनी संस्कृति के अनुसार सनातन संस्कृति के अपमान का एक मौका भी नहीं छोड़ते हैं। लगता है वो जानबूझकर कर ऐसा कर रहे हैं। सांसद संतोष पांडेय ने भी इस तुलना को अनुचित बताया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 30 जनवरी। हत्या और अपहरण के जुर्म में सजा काट रहा आरोपी पैरोल के दौरान फरार हो गया है। केंद्रीय जेल प्रबंधन ने इसकी रिपोर्ट सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई है।
जानकारी के अनुसार सारंगढ़ का मोहम्मद बिलाल (27 वर्ष) नवंबर 2015 से केंद्रीय जेल बिलासपुर में बंद था। हत्या और अपहरण के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जनवरी के दूसरे सप्ताह में उसे 15 दिन के लिए पैरोल पर छोड़ा गया था। उसे 28 जनवरी को वापस जेल पहुंच जाना था। जब वह नहीं पहुंचा तब उसके परिवार वालों से संपर्क किया गया। वहां पर भी उसका पता नहीं चला। सिविल लाइन पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।
चिचोला के नजदीक तेन्दूनाला में हुए हादसे में बाल-बाल बचा रायपुर का सोनी परिवार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 जनवरी। नेशनल हाईवे में चिचोला के नजदीक तेन्दूनाला में एक ट्रेलर की ठोकर से कार में सवार रायपुर का सोनी परिवार बाल-बाल बच गया। हादसे में जनहानि नहीं होने से सभी सकुशल हैं। घटना की खबर सुनकर सोनी परिवार के कुछ रिश्तेदार राजनांदगांव से मौके पर पहुंचे। वहीं ट्रेलर चालक कार को दुर्घटनाग्रस्त कर फरार हो गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर के रहने वाले संजय सोनी वेगनआर कार में सोमवार सुबह नागपुर जा रहे थे। स्वयं कार चला रहे संजय सोनी के साथ उनके पिता, पत्नी और एक तीन साल की मासूम बच्ची कार में सवार थे। सुबह 7.15 बजे के करीब जब उनकी कार तेन्दूनाला के फ्लाई ओवर से चिचोला की ओर आगे बढ़ते उतर रही थी, उस दौरान पीछे चल रहे ट्रेलर ने कार को जोरदार ठोकर मार दी। इसके अलावा ट्रेलर ने कुछ दूर तक कार को घसीटा। ट्रेलर जब डिवाईडर पर चढ़ गई तब किसी तरह कार रूक गई।
उस दौरान कार में सवार सोनी परिवार की चीख-पुकार सुनाई दी। किसी तरह परिवार के सदस्य कार से बाहर निकले। हादसे में किसी को खरोच तक नहीं पहुंचे। जिससे सभी सुरक्षित रहे। हादसे के शिकार संजय सोनी ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि परिवार के किसी भी सदस्य को नुकसान नहीं पहुंचा है। वहीं चिचोला पुलिस चौकी में सभी सुरक्षित पहुंचाए गए। बताया जा रहा है कि संजय सोनी नागपुर में किसी फर्म में बतौर टेक्निशियिन कार्यरत हैं। हादसे का मंजर देखकर उनकी पत्नी और पिता सहमे हुए हैं। राजनांदगांव से पहुंचे रिश्तेदारों के घर ठहरने के बाद आगे परिवार रायपुर लौटेगा।
श्रीनगर, 30 जनवरी । श्रीनगर स्थित कांग्रेस दफ़्तर पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गाया.
इस दौरान भारी तादाद में समर्थक भी मौजूद रहे.
श्रीनगर में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा समाप्त हो रही है. सितंबर से शुरू हुई ये यात्रा पांच महीने बाद पूरी हो रही है. इसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से शुरू किया था.
श्रीनगर में बीती रात भारी बर्फ़बारी हुई, राहुल गांधी झंडारोहण के कार्यक्रम में शामिल होने से पहले बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर बर्फ़ फेंकते दिखे, बदले में प्रियंका गांधी ने भी उन पर बर्फ़ उछाली.
नेशनल साइंस फेयर में जीता स्वर्ण पदक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 जनवरी। जोधपुर राजस्थान में हुए नेशनल साइंस फेयर में शहर की छात्रा कु. ए.आराधिता ने स्वर्ण पदक जीता है। स्वर्णभूमि निवासी एके. श्रीनिवास मूर्ति की पुत्री आराधिता ,डीपीएस सेमरिया में अध्ययनरत है। इसके साथ ही आराधिता ने अमेरिका में होने वाले इंटरनेशनल साइंस ओलंपियाड के लिए क्वालीफाई कर लिया है। आराधिता ने रविवार को जोधपुर में हुए नेशनल फेयर में नावेल स्टडी आफ बायो - पेस्टिसाइड्ल प्रापर्टीज पर माडल और पेपर प्रस्तुत किया था।
केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया
नई दिल्ली, 30 जनवरी। केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को शुक्रवार को बताया कि वाइस न्यूज के पत्रकार अंगद सिंह ने ‘इंडिया बर्निंग’ वृत्तचित्र में भारत को नकारात्मक तरीके से चित्रित किया है। उनके इस रवैये व आचरण को देखते हुए ही भारतीय विदेशी नागरिक (ओसीआई) होल्डर होने के बावजूद उन्हें काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाला गया है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह केंद्र सरकार की ओर से भारत में प्रवेश की अनुमति देने से इन्कार के खिलाफ सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही है। सिंह को पिछले साल अगस्त में दिल्ली से न्यूयॉर्क वापस भेज दिया गया था।
केंद्र सरकार के वकील अनुराग अहलूवालिया ने अदालत को बताया कि सिंह ने विदेशियों के लिए आदेश, 1948 की धारा 11ए का उल्लंघन किया है, जो किसी विदेशी को केंद्र से लिखित अनुमति के बिना किसी भी तस्वीर, फिल्म या वृत्तचित्र का निर्माण करने से रोकता है। वह पत्रकार वीजा पर व्यक्तिगत यात्रा कर रहे थे। सिंह ने उन्हें भारत में प्रवेश से रोकने को अवैध बताया है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 के उल्लंघन के रूप में चुनौती दी है।
नई दिल्ली, 30 जनवरी । अमेरिकी फॉरेंसिक फ़ाइनेंशियल कंपनी हिंडनबर्ग ने अदानी समूह की ओर से दिए गए 413 पन्नों के जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
हिंडनबर्ग ने पिछले दिनों अदानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े गंभीर आरोप लगाए थे.
इसके बाद अदानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गयी थी.
अदानी समूह ने रविवार देर शाम इस मामले में अपना 413 पन्नों का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने इसे ‘भारत पर हमला’ करार दिया है.
इसके बाद हिंडनबर्ग ने पलटवार करते हुए कहा है कि फ्रॉड को राष्ट्रवाद के पीछे नहीं छिपाया जा सकता.
हिंडनबर्ग ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित जवाब में लिखा है -
“अदानी समूह ने वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हुए इस मामले को राष्ट्रवादी रंग देने की कोशिश की है और हमारी रिपोर्ट को 'भारत पर एक सोचा-समझा हमला बताया' है. संक्षेप में कहें तो अदानी समूह ने अपनी और अपने अध्यक्ष गौतम अदानी की संपत्ति में भारी वृद्धि को भारत की सफलता के साथ जोड़ने का प्रयास किया है."
"हम इससे असहमत हैं. स्पष्ट रूप से हम मानते हैं कि भारत एक समृद्ध लोकतंत्र होने के साथ-साथ बेहतर भविष्य के साथ उभरती हुई महाशक्ति है. हम ये भी मानते हैं कि अदानी समूह भारतीय झंडे की आड़ में भारत को लूट रहा है.” (bbc.com/hindi)
-सुचित्र मोहंती
नई दिल्ली, 30 जनवरी । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के लिंक पर केंद्र सरकार की ओर से लगे प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर छह फ़रवरी को सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा, “वह 6 फ़रवरी को पत्रकार एन राम और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और अन्य की ओर से बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के लिंक के साथ उनके ट्वीट को हटाने के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा.”
एन राम और प्रशांत भूषण की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील चंदेर उदय सिंह ने इस मुद्दे को चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने पेश किया और बताया कि कैसे पत्रकार एन राम और प्रशांत भूषण के ट्वीट आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए डिलीट किए गए.
इसके अलावा उन्होंने अजमेर के उन छात्रों का भी ज़िक्र किया जिन्हें डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की कोशिश के कारण निलंबित किया गया. (bbc.com/hindi)
बिलासपुर भाजयुमो ने किया प्रदर्शन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 30 जनवरी। हाथ जोड़ो यात्रा के दौरान तखतपुर की कांग्रेस विधायक के समर्थकों पर अभाविप कार्यकर्ताओं से मारपीट का आरोप लगा है। दोनों गुटों के बीच वाद-विवाद का वीडियो वायरल हुआ है। बिलासपुर में इस घटना के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री का पुतला भी जलाया।
जानकारी के मुताबिक 28 जनवरी को तखतपुर के सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 25वां स्थापना दिवस समारोह रखा था। तखतपुर विधायक व संसदीय सचिव रश्मि सिंह ठाकुर इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं की गई थीं। इसे लेकर उनके समर्थकों में रोष था। वे कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में शहर निकली थीं।
वे अपने समर्थकों के साथ स्कूल परिसर में प्रवेश कर गईं और प्राचार्य से कार्यक्रम के बारे में जानकारी लेने लगी। बिना सूचना के कार्यक्रम करने और अनुमति नहीं लेने की बात पर वह एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर नाराज होने लगीं। विधायक को नाराज होते देखकर जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र पांडे, सुनील जांगड़े, राजबीर सिंह हूरा और अन्य लोगों ने मिलकर एबीवीपी के पदाधिकारी अभिषेक पांडे से गाली गलौज और धक्का-मुक्की की। विधायक ने स्थिति बिगड़ते हुए देखकर बीज बचाव किया। अभाविप कार्यकर्ता विधायक पर नाराज होने लगे। इस घटनाक्रम का वीडियो बनाने से विधायक ने मना किया पर अभाविप कार्यकर्ता नहीं माने। बाद में यह वीडियो वायरल हो गया।
घटना के विरोध में बिलासपुर भाजयुमो उत्तर मंडल ने अध्यक्ष महर्षि बाजपेयी के नेतृत्व में सीपत चौक सरकंडा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुतला दहन कर प्रदेश सरकार और कांग्रेस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस के साथ भी उनका विवाद हो गया। युवा मोर्चा ने चेतावनी दी है कि मारपीट के आरोपियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो युवा मोर्चा पदाधिकारी सडक़ से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे और अपने कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाएंगे।
नयी दिल्ली, 30 जनवरी। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के इन आरोपों को खारिज कर दिया है कि समूह के खिलाफ उसकी रिपोर्ट भारत पर हमला थी। अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग इकाई ने सोमवार को कहा कि धोखाधड़ी को ‘राष्ट्रवाद’ या ‘कुछ बढ़ा-चढ़ाकर प्रतिक्रिया’ से ढंका नहीं जा सकता।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिसके बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ दिन में भारी गिरावट आई है। अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के जवाब में रविवार को 413 पृष्ठ का ‘स्पष्टीकरण’ जारी किया है।
अडाणी समूह की प्रतिक्रिया पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और उभरती महाशक्ति है। अडाणी समूह ‘व्यवस्थित लूट’ से भारत के भविष्य को रोक रहा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च अपनी रिपोर्ट पर कायम है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडाणी समूह दशकों से शेयरों में गड़बड़ी और लेखे-जोखे की हेराफेरी में शामिल रहा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडाणी के समूह ने अपनी प्रतिक्रिया की शुरुआत इस दावे के साथ की कि हम ‘मैडॉफ ऑफ मैनहटन’ हैं। बर्नाड लॉरेंस मैडॉफ को पोंजी घोटाले में 2008 में गिरफ्तार कर 150 साल की सजा सुनाई गई थी।
अडाणी ने यह भी दावा किया कि हमने लागू प्रतिभूति और विदेशी विनिमय नियमों का उल्लंघन किया है।
अडाणी समूह ने रविवार शाम को इन आरोपों के जवाब में कहा था कि यह हिंडनबर्ग द्वारा भारत पर सोच-समझकर किया गया हमला है। समूह ने कहा था कि ये आरोप और कुछ नहीं सिर्फ ‘झूठ’ हैं।
अडाणी समूह ने कहा था कि यह रिपोर्ट एक कृत्रिम बाजार बनाने की कोशिश है जिससे शेयरों के दाम नीचे लाकर अमेरिका की कंपनियों को वित्तीय लाभ पहुंचाया जा सके। समूह ने यह भी कहा था कि यह रिपोर्ट गलत तथ्यों पर आधारित निहित मंशा से जारी की गई है।
समूह ने कहा था, ‘‘यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता, तथा भारत की विकास गाथा और महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है।’’
हिंडनबर्ग रिसर्च ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि धोखाधड़ी, धोखाधड़ी ही होती है चाहे इसे दुनिया के सबसे अमीर आदमी ने अंजाम क्यों न दिया हो।
हिंडनबर्ग ने कहा कि हमने अडाणी समूह से 88 विशेष सवाल किए थे जिनमें से समूह 62 का सही तरीके से जवाब देने में विफल रहा। शॉर्ट सेलिंग में विशेषज्ञता रखने वाली न्यूयॉर्क की एक छोटी सी कंपनी की रिपोर्ट के बाद सिर्फ दो कारोबारी सत्रों में अडाणी समूह की कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 50 अरब डॉलर से अधिक घट गया है। अडाणी को खुद 20 अरब डॉलर का घाटा हुआ है। इस रिपोर्ट के बाद अडाणी की संपदा में करीब 20 प्रतिशत की कमी आई है। (भाषा)
लखनऊ, 30 जनवरी। श्रीरामचरितमानस पर विवादित बयान देने के कुछ ही दिन के भीतर पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी (सपा) में राष्ट्रीय महासचिव बनाये जाने के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमले तेज करते हुए उनकी तुलना मोहम्मद गजनी और मोहम्मद गोरी से की है।
भाजपा मुख्यालय से जारी एक बयान में इसके प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने रविवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनके इस फैसले से साबित हो गया है कि वे स्वामी प्रसाद मौर्य के हिन्दू आस्था और सनातन संस्कृति पर प्रहार करने वाले बयान के साथ हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सपा प्रमुख के कार्य मोहम्मद गजनी और मोहम्मद गोरी की याद दिलाते हैं। गजनी और गोरी ने बाहर से आकर सनातन संस्कृति और हिंदुओ की आस्था पर प्रहार किए, वही काम सपा प्रमुख यहां रह कर कर रहे है।’’
महमूद गजनवी उर्फ गजनी और मोहम्मद गोरी विदेशी आक्रांता थे जिन्होंने भारत पर कई बार आक्रमण किये और मंदिरों में तोड़फोड़ एवं लूटपाट किया।
चौधरी ने कहा, ‘‘सपा प्रमुख ने हिन्दुओं की आस्था व सनातन संस्कृति का अपमान और रामचरितमानस का अनादर करने के लिए राष्ट्रीय महामंत्री बनाकर स्वामी प्रसाद मौर्य को इनाम दिया है। सपा प्रमुख ने घृणित बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को महामंत्री बनाकर हिन्दू सम्मान, स्वाभिमान और आस्था को चोट पहुंचाने के अपने इरादे साफ कर दिए है।’
उल्लेखनीय है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जनवरी को एक बयान में श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए इसे महिलाओं तथा पिछड़ों के प्रति अपमानजनक करार दिया था और इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। उनके इस बयान पर खासा विवाद उत्पन्न हो गया था। संत समाज और हिन्दूवादी संगठनों ने भी इसका कड़ा विरोध किया था। इस संबंध में मौर्य के खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ है।
श्रीरामचरितमानस को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को अखिलेश यादव को चुनौती देते हुए कहा था कि वह स्पष्ट करें कि इस बयान का वे विरोध करते हैं या समर्थन और अगर विरोध करते हैं तो उन्हें स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए।
उप मुख्यमंत्री की इस चुनौती के बाद सपा ने रविवार को अपनी 62 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व सौंपा गया। इसके बाद भाजपा का रुख और आक्रामक हो गया।
केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर सीधा निशाना साधते हुए रविवार को ट्वीट किया, ‘‘मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुकी समाजवादी पार्टी ने अपना हिंदू विरोधी चरित्र उजागर कर दिया है, श्रीरामचरितमानस मानस को अपमानित करने वाले को सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय महासचिव बनाकर खुद सपा के ताबूत में आखिरी कील ठोक दी है। ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’।’’
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने अपने बयान में यह भी कहा कि ‘‘परशुराम मंदिर, यज्ञों में सहभागिता और संतों से मुलाकात सपा प्रमुख का ढोंग है। जनता उनका सच समझ चुकी है और एक बार फिर उन्हें उनके कृत्यों की सजा जनता देगी।’’
हालांकि, श्रीरामचरितमानस पर टिप्पणी को लेकर विवादों में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि धर्म के नाम पर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों और महिलाओं के अपमान की साजिश का वह विरोध करते रहेंगे। स्वामी मौर्य ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूंगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलता उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा।’’
उल्लेखनीय है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़कर 2016 में भाजपा में शामिल हुए प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गये थे।
मौर्य ने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से सपा से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। बाद में सपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया।
श्रीरामचरितमानस पर स्वामी मौर्य का यह बयान आने के बाद सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव और विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय समेत कई नेताओं ने असहमति जताई थी। हालांकि, मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने रविवार को कथित तौर पर ‘महिलाओं और दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों’ के उल्लेख वाले श्रीरामचरितमानस के ‘पन्ने’ की प्रतियां जलायीं।
अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने मौर्य के समर्थन में लखनऊ के वृंदावन योजना सेक्टर में ‘सांकेतिक’ विरोध प्रदर्शन करते हुए श्रीरामचरितमानस के पन्ने की प्रतियां जलायीं।
महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र प्रताप यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘जैसा कि मीडिया के एक वर्ग में बताया गया है कि हमने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थी, यह कहना गलत है। रामचरितमानस की आपत्तिजनक टिप्पणियों की फोटोकॉपी, जो ‘शूद्रों’ (दलितों) और महिलाओं के खिलाफ थीं और फोटोकॉपी पेज को सांकेतिक विरोध के रूप में जला दिया। (भाषा)
श्रीनगर, 30 जनवरी। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का समापन सोमवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में ध्वजारोहण और फिर ‘शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम’ में रैली के साथ होगा।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने रैली के लिए 20 से अधिक समान विचारधारा वाली पार्टियों को आमंत्रित किया है, जो विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास है। बर्फ की चादर से ढक चुके श्रीनगर में होने वाली इस रैली में कई विपक्षी दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। हालांकि, कुछ प्रमुख विपक्षी दलों की उपस्थिति को लेकर असमंजस की स्थिति भी है।
कांग्रेस के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में तिरंगा फहराएंगे और फिर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से जुड़े स्मृति चिन्ह का अनावरण करेंगे।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को ऐतिहासिक लाल चौक पर तिरंगा फहराया था।
उन्होंने कहा था कि विपक्ष में मतभेद जरूर हैं, लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ एक साथ खड़ा होगा और लड़ेगा।
राहुल ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन समारोह से जुड़ी उस रैली से एक दिन पहले यह टिप्पणी की थी, जिसमें कांग्रेस ने 20 से अधिक विपक्षी दलों को आमंत्रित करके विपक्षी एकजुटता का प्रयास किया है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस रैली में नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और कुछ अन्य दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है।
हालांकि, रैली में समाजवादी पार्टी (सपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसी पार्टियों के प्रतिनिधियों के शामिल होने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
यह पूछे जाने पर कि कितने विपक्षी दल रैली में शामिल हो रहे हैं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को कहा था, ‘‘इस बारे में आपको कल पता चलेगा।’’
‘भारत जोड़ो यात्रा’ का 135 दिनों के बाद समापन हो रहा है। यह यात्रा 4,080 किलोमीटर के सफर के बाद श्रीनगर में संपन्न होगी। सात सितंबर 2022 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यह यात्रा देशभर के विभिन्न राज्यों के 75 जिलों से होकर गुजरी। (भाषा)
शिक्षाकर्मी पत्नी ने उठाया आत्मघाती कदम, आरोपी गिरफ्तार
जांजगीर-चांपा, 30 जनवरी। शिक्षाकर्मी पत्नी को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के आरोप में पुलिस ने पति को गिरफ्तार किया है।
खिसोरा, बलौदा के आरोपी पति रुद्र प्रताप यादव का वर्ग 2 शिक्षाकर्मी ललिता यादव 38 वर्ष से 5 साल पहले विवाह हुआ था। वह निवाई के मिडिल स्कूल में पढ़ाती थी। 14 जनवरी को वह दोपहर 1:00 बजे स्कूल से घर लौटी और अपने कमरे में चली गई थी। दोपहर 2:30 बजे परिजन उसके कमरे में पहुंचे तो वह फांसी के फंदे पर लटकी मिली। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। शिक्षिका की मां ने पुलिस को बताया कि एक दिन पहले ही उसे बेटी ने फोन करके बताया था कि पति रूद्र प्रताप 5 लाख रुपए की मांग कर रहा है और नहीं देने पर कहता है कि तुम मर जाओ, तुम्हारी जगह पर मैं नौकरी करूंगा। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी पति रुद्र प्रताप मृतका का बैंक पासबुक और एटीएम अपने पास रख खुद खर्च करता था और शराब पीकर मारपीट भी करता था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और बयानों के आधार पर पति के खिलाफ धारा 304 बी के तहत दर्ज किया गया। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
बिलासपुर, 30 जनवरी। नागपुर से बिलासपुर के बीच एक बार फिर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में पत्थरबाजी हुई है। कामठी के पास हुई इस घटना में शामिल छह नाबालिगों को आरपीएफ ने पकड़ लिया, लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए बाद में चेतावनी देकर छोड़ भी दिया।
रविवार को 20826 वंदे भारत एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर नागपुर से रवाना हुई थी। इस पर दोपहर 2:14 बजे कामठी रेलवे स्टेशन के पास पत्थरबाजी की गई। पथराव के कारण कोच सी 6 का कांच टूट गया। ट्रेन के स्टाफ ने इसकी सूचना रेलवे सुरक्षा बल नागपुर को दी। मौके पर पहुंचकर आरपीएफ ने स्थानीय लोगों से मिली सूचना के बाद 6 बच्चों को पकड़ लिया। उनको थाने लाया गया और भविष्य में ऐसा नहीं करने के लिए चेतावनी दी गई। उल्लेखनीय है कि पिछले 11 दिसंबर से यह ट्रेन नागपुर और बिलासपुर के बीच चल रही है। ट्रेन शुरू होने के 1 दिन पहले दुर्ग के पास इसमें पत्थर फेंके गए थे। इसके बाद 14 दिसंबर को भिलाई पावर हाउस और भिलाई नगर थाने के बीच पत्थरबाजी की घटना हुई थी। इस महीने की 21 तारीख को भी ट्रेन पर पत्थर फेंक कर शीशा तोड़ा गया था। देश के अलग-अलग स्थानों पर वंदे भारत हाईस्पीड ट्रेन की शुरुआत की गई है, उसके बाद से इन ट्रेनों में पथराव की घटनाएं हो रही है। रेल मंत्रालय के निर्देश पर ट्रेन रूट में पड़ने वाले गांवों में आरपीएफ और जीआरपी जागरूकता अभियान भी चला रही है।
जनहित याचिका में बैन हटाने की मांग
नई दिल्ली 30 जनवरी। साल 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों पर बनाई गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाने के केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा की इस याचिका में कहा गया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से 21 जनवरी 2023 को जारी आदेश मनमाना, दुर्भाग्यपूर्ण और असंवैधानिक है। याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई है कि बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री के दोनों भाग कोर्ट में मंगाकर उनमें मौजूद सामग्री की तथ्य आधारित गहन जांच-पड़ताल हो। इसके बाद कोर्ट उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दे, जो 2002 के गुजरात दंगों के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर जिम्मेदार थे।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने से नागरिकों के कुछ संवैधानिक अधिकारों से जुड़े प्रश्न खड़े हो गए हैं। कोर्ट यह तय कर दे कि क्या देश के नागरिकों को संविधान के अनुच्छेद 19 (1) और (2) के तहत दिए गए अभिव्यक्ति के अधिकार के तहत गुजरात दंगों पर समाचार, तथ्य और रिपोर्ट देखने का अधिकार है? क्या केंद्र सरकार प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार पर अंकुश लगा सकती है? क्या राष्ट्रपति संविधान के अनुच्छेद 352 का प्रयोग करते हुए आपातकाल घोषित किए बिना आपातकालीन प्रावधानों को लागू कर सकते हैं?
आवेदन में दावा किया गया है कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में ऐसे तथ्य और सबूत है जिनका उपयोग पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए किया जा सकता है।
शर्मा ने अपनी अर्जी में बताया है कि 21 जनवरी को केंद्र ने विवादास्पद बीबीसी डॉक्युमेंट्री इंडिया- द मोदी क्वेश्चन के लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और टि्वटर पोस्ट को ब्लॉक करने का निर्देश जारी किया है।
रायपुर, 30 जनवरी। आरंग के शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला चंदखुरी की छात्राओं से छेड़छाड़ और अश्लील हरकत करने वाले शिक्षक बृजलाल वर्मा को मंदिर हसौद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद शिक्षक को संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक शिक्षक बृजलाल नाबालिग छात्राओं को काम है कहकर परिसर के बरामदे में अकेले बुलाकर उनसे छेड़छाड़ और अश्लील हरकतें करता था।छात्राओं ने इसकी शिकायत स्कूल की प्रधान पाठक से की। प्रधान पाठक की शिकायत पर मंदिर हसौद पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ धारा 354,12 पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग रायपुर ने आरोपी शिक्षक बृजलाल वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।