मनोरंजन
मुंबई, 27 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड के हीमैन धर्मेन्द्र फिट रहने के लिये फार्म हाउस पर एक्सरसाइज कर रहे हैं।
धर्मेन्द्र फिल्म इंडस्ट्री में सकिय नहीं हैं। वह अपना ज्यादातर समय अपने फार्म हाउस पर ही गुजारते हैं और वहीं से वीडियो बनाकर फैन्स के बीच शेयर करते हैं। धर्मेन्द्र के वीडियो को फैन्स खूब प्यार देते हैं। वह अपने वीडियो में कभी फार्म हाउस में उगी सब्जियां दिखाते हैं तो कभी पेड़ पौधे दिखाते हैं, जिसे लोग बेहद पसंद करते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर फिर से एक वीडियो शेयर किया है।
धर्मेन्द्र ने वीडियो को अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि वो पहले अपना फार्म हाउस दिखा रहे हैं, फिर अपने कमरे में ही एक्सरसाइज कर रहे हैं। धर्मेन्द्र का वीडियो सोशल मीडिया पर हमेशा की तरह वायरल हो रहा है। फैन्स इस पर कमेंट््स कर रिएक्शन भी दे रहे हैं।
कोलकाता, 27 जुलाई (न्यूज18)। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण थिएटर हॉल के साथ नाटक के शो बंद होने से इससे जुड़े अभिनेता और अन्य लोग ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित कर मुश्किल समय का सामना कर रहे हैं। तपन दास ने रंगमंच की नामी शख्सियत आनंद लाल से प्रेरित होकर अंग्रेजी रंगमंच का रूख किया और 'रॉयल शेक्सपीयर कंपनी' के साथ कई देशों की यात्राएं की। लॉकडाउन के बाद रंगमंच बंद होने से वह उत्तरी 24 परगना जिले में अपने क्षेत्र में हिलसा मछली बेच रहे हैं। वहीं, सुप्रीति भद्रा चार-पांच साल के बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं चला रही हैं ।
दास ने बताया, ''जब मैं किशोर था तो पिता के साथ जलाशय में जाता था और मछली पकड़ते हुए वहां लोगों को देखता था लेकिन इसमें मेरी रूचि नहीं थी। रंगमंच ही मेरा पहला प्यार था। इन बीते वर्षों में रंगमंच के बाहरी और भीतरी पहलुओं से अवगत हुआ। लेकिन मुझे एहसास हुआ कि जीवन यापन के लिए कोई भी काम छोटा नहीं है।''
उन्होंने शांतिनगर क्षेत्र में सब्जी और मछली बेचने के लिए 20 बेरोजगार युवकों को प्रेरित किया तथा सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मिनी बाजार शुरू किया। भद्रा आजकल बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित कर गुजारा कर रही हैं। भद्रा ने कहा, ''मैं कोई शिकायत नहीं कर रही । लेकिन इस अनिश्चितता में आप कैसे रह सकते हैं? ''
मेकअप आर्टिस्ट देबोजीत पॉल आगामी दिनों में हालत सुधरने का इंतजार कर रहे हैं। रंगमंच कलाकार सुमिता बिस्वास ने बताया, ''रंगमंच से इतना जुड़ाव रहा है कि इतना लंबे ब्रेक बहुत नुकसानदेह साबित हुआ है। बस उम्मीद है कि जल्द शुरू हो सबकुछ।'' वह अभी घर से ऑनलाइन कक्षाएं चला रही हैं।
'एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स' में नाटक के टिकटों को बेचने वाले चंदन सेनगुप्ता ने कहा कि लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद लगा था कि यह कुछ सप्ताह चलेगा लेकिन थिएटर अभी भी बंद है। उन्होंने कहा, ''बैठक व्यवस्था में दूरी रखने के साथ हॉल को खोला जा सकता है। अगर शॉपिंग मॉल खुल सकता है तो सीमित दर्शकों के साथ थिएटर को क्यों नहीं खोला जा सकता है। स्वयंसेवी संगठनों की मदद से हमारा काम चल रहा है लेकिन यह कितने समय तक चलेगा।''
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)| फिल्म 'केजीएफ 2' को पहले से ही बहुप्रतीक्षित फिल्म माना जा रहा है। रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर के एक्सेल एंटरटेनमेंट सहित निर्माताओं ने घोषणा कर दी है कि वे 29 जुलाई, 2020 में 'अधीरा' का लुक रिलीज करेंगे। अभिनेता संजय दत्त का जन्मदिन भी 29 जुलाई को है, इस खास मौके पर वह फिल्म का पहला लुक रिलीज करेंगे। 'केजीएफ चैप्टर 1' में दर्शकों द्वारा मिली आपार प्रतिक्रिया के बाद, निर्माता ने एक साल पहले केजीएफ चैप्टर 2 का पहला पोस्टर लॉन्च किया था जिसमें रहस्यमयी अधीरा से परिचित करवाया गया था।
एक्सेल एंटरटेनमेंट और निर्माता रितेश सिधवानी ने अपने सोशल मीडिया पर अनावरण की घोषणा करते हुए साझा किया, "अधीरा को 29 जुलाई सुबह 10 बजे दिखाया जाएगा।"
हाल ही में, कुछ समय पहले अधीरा के लुक का स्केच खूब वायरल हुआ था और इसी के साथ प्रशंसकों का उत्साह अपने चरम पर था। और अब, 29 जुलाई को अनावरण के साथ, यह निश्चित रूप से सभी केजीएफ प्रशंसकों के लिए एक यादगार दिन रहेगा।
एक बड़े पैमाने पर बनी इस बहुप्रतीक्षित फिल्म में दर्शकों को आश्चर्यजनक अनुभव देने के लिए तकनीक का जबरदस्त इस्तेमाल किया है। केजीएफ 2 में 'रॉकिंग सुपरस्टार' यश, संजय दत्त, रवीना टंडन जैसे कलाकारों की शानदार भूमिका है।
विजय किरागंदुर द्वारा निर्मित और प्रशांत नील द्वारा निर्देशित, केजीएफ 2 को एक्सेल एंटरटेनमेंट सहित प्रतिष्ठित नामों द्वारा पेश किया जाएगा और यह कन्नड़, तमिल, तेलुगु, मलयालम और हिंदी में रिलीज होने वाली एक बहुभाषी फिल्म है।
अमरावती, 26 जुलाई (आईएएनएस)| एक और दिल जीत लेने वाला काम करते हुए अभिनेता सोनू सूद ने रविवार को आंध्र प्रदेश के एक किसान को घंटों के भीतर एक ट्रैक्टर मुहैया करा दिया। जैसे ही सूद को पता चला कि बैल किराए पर न ले पाने के कारण किसान अपनी बेटियों का इस्तेमाल जुताई के लिए कर रहा है, उन्होंने तत्काल किसान परिवार की मदद की। किसान की बेटियों के कंधे पर बैल की तरह हल रखकर खेत की जुताई करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। जिसके बाद सोनू सूद ने रविवार सुबह वादा किया था कि परिवार को शाम तक ट्रैक्टर मिल जाएगा।
अपने वादे के मुताबिक, अभिनेता ने यह सुनिश्चित किया कि ट्रैक्टर चित्तूर जिले के महालराजुवारी पल्ले गांव में इस किसान परिवार तक पहुंचे।
उन्होंने शनिवार रात ट्वीट किया था कि रविवार सुबह तक किसान के पास बैलों की एक जोड़ी होगी। उन्होंने ट्वीट किया, "कल सुबह तक उनके पास खेतों की जुताई करने के लिए बैलों की एक जोड़ी होगी। लड़कियों को उनकी शिक्षा पर ध्यान देने दें।"
हालांकि सुबह उन्होंने फिर से ट्वीट किया, "यह परिवार बैल की एक जोड़ी के नहीं बल्कि एक ट्रैक्टर के लायक है। इसलिए आपको शाम तक एक ट्रैक्टर भेज दिया जाएगा जो आपके खेतों की जुताई करेगा।"
दो दशकों से चाय की दुकान चला रहे वीरथल्लू नागेश्वर राव को कोविड-19 के कारण अपना यह काम बंद करना पड़ा। पैसे न होने के कारण वे जुताई के लिए बैल किराए पर नहीं ले सके। तब वह अपनी बेटियों वेनेला (12 वीं कक्षा) और चंदना (दसवीं कक्षा) को बैल के स्थान पर इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हो गए। वह धरती को नरम करने के लिए ब्लेड पकड़े हुए था और उनकी पत्नी ललिता बीज छिड़क रही थी।
स्थानीय ट्रैक्टर डीलर ने उनके गांव में आकर ट्रैक्टर पहुंचाया।
सोनू सूद के इस कदम ने न केवल परिवार का बल्कि प्रशंसकों का भी दिल जीत लिया। सोशल मीडिया पर उनके इस कदम की खासी प्रशंसा हो रही है।
संयोग से यह बॉलीवुड अभिनेता टॉलीवुड फिल्मों में भी काफी लोकप्रिय है। उन्हें एक दशक पहले रिलीज हुई तेलुगु ब्लॉकबस्टर फिल्म 'अरुंधति' में खलनायक के रूप में खासी पहचान मिली।
आंखों में आंसू भरकर किसान ने कहा, "मुझे नहीं पता कि इस मदद के लिए मैं उन्हें कैसे धन्यवाद दूं। एक दिन पहले हमारे पास बैल किराए पर लेने के लिए पैसे नहीं थे और आज उन्होंने हमें ट्रैक्टर का मालिक बना दिया है।"
अरुंधति बनर्जी
मुंबई, 27 जुलाई (आईएएनएस)| अभिनेत्री दिव्या दत्ता को लगता है कि यह अच्छी बात है कि हम अब महिलाओं के साथ हो रही घरेलू हिंसा के बारे में खुलकर बात कर रहे हैं। इसके लिए वह सोशल मीडिया को धन्यवाद देती हैं। हालांकि उनका कहना है कि इस सामाजिक बुराई को पूरी तरह खत्म करने में कई साल लगेंगे।
दिव्या ने 'द रिलेशनशिप मैनेजर' नाम से एक लघु फिल्म में अभिनय किया है। यह फिल्म घरेलू हिंसा के मुद्दे को संबोधित करती है। वह कहती हैं कि महिलाओं को इस मामले पर चुप रहना बंद कर देना चाहिए, जो कि वे सदियों से करती आ रही हैं।
दिव्या ने आईएएनएस से कहा, "घरेलू हिंसा उन मुद्दों में से एक है जिन पर हमें बात करना बहुत जरूरी है। यह हर महिला की परवरिश में शामिल होता है उन्हें एडजस्ट करना करना होगा। पीढ़ियों से बताया गया है कि अपनी शादी और बच्चों को खुश रखने के लिए, उन्हें हिंसा भी सहनी पड़ेगी। अब कम से कम हम सोशल मीडिया की बदौलत इसके बारे में बात कर रहे हैं। लेकिन मुझे पता है कि इसे मिटने में कई साल लग जाएंगे। फिर भी इसके बारे में बात करना एक उम्मीद की तरह है।"
'द रिलेशनशिप मैनेजर' फाल्गुनी ठाकोर द्वारा निर्देशित है।
दिव्या ने कहा, "कहानी की प्रासंगिकता और इसके अंत ने मुझे इसमें काम करने के लिए आकर्षित किया। कारण के बारे में हम कितने भी जागरूक क्यों न हों लेकिन कभी-कभी पीड़ित को मुद्दे के खिलाफ खड़े होने के लिए पहला कदम उठाने छोटी सी प्रेरणा की जरूरत होती है।"
नीरज पांडे द्वारा निर्मित इस फिल्म में अनूप सोनी, अनुपम खेर, सना खान और जूही बब्बर भी हैं।
मुंबई, 26 जुलाई (आईएएनएस)| अगर आप जिम नहीं जा पा रहे हैं तो परेशान होने की कोई बात नहीं है। अभिनेता वरुण धवन ने घर में वेट लिफ्टिंग का एक मजेदार विचार पेश किया है। अभिनेता ने 'संडे वर्ककाउट' में डम्बल के बजाय अपनी भतीजी को उठा लिया।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह अपनी भतीजी को उठाते नजर आ रहे हैं।
वरुण ने इसे कैप्शन देते हुए लिखा, "संडे वर्कआउट।"
पोस्ट पर उनके फैंस ने कमेंट सेक्शन में हिस्सा लिया।
एक यूजर ने कमेंट में लिखा, "बहुत प्यारा, चाचू गोल्स।"
एक अन्य ने लिखा, "बेस्ट।"
वर्कफ्रंट की बात करें तो वरुण को 1995 की हिट फिल्म 'कुली नंबर 1' के रीमेक में सारा अली खान के साथ देखा जाएगा।
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)| आयुष्मान खुराना एक तय लीक पर चलने वाले अभिनेता नहीं हैं और वे अपने किरदारों को अपने घर ले जाना पसंद नहीं करते हैं। अभिनेता का कहना है कि वह खुद पर अनुचित दबाव डाले बिना नई चीजों का पता लगाना पसंद करते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उनके किरदार काम के बाद भी उनके साथ रहते हैं, इस पर आयुष्मान ने कहा कि उन्हें आसानी से "स्विच ऑन और स्विच ऑफ" करना आता है।
आयुष्मान ने आईएएनएस को बताया, "मैं एक पद्धति पर चलने वाला अभिनेता नहीं हूं। मैं बहुत आसानी से स्विच ऑन-ऑफ कर लेता हूं इसलिए मैं अपने किरदारों को कभी घर नहीं ले जाता।"
उन्होंने कहा, "एक व्यक्ति के रूप में मुझे खुद को और अधिक विकसित करने के लिए आगे बढ़ने और नई चीजों का पता लगाने और नई चीजें को सीखने की जरूरत है। निश्चित रूप से, 'आर्टिकल 15' या 'अंधाधुन' जैसी कुछ ऐसी ही फिल्में हैं। 'अंधाधुन' के लिए मैंने पियानो बजाना सीखा, यह मेरे लिए एक डेवलपमेंट था। 'आर्टिकल 15' के जरिए मुझे भारत में जाति व्यवस्था के बारे में पता चला। 'गुलाबो सिताबो' में मुझे किरदार से ज्यादा अमिताभ बच्चन सर और शूजीत सरकार के साथ सीखने को मिला।"
आयुष्मान को बॉलीवुड की हिट मशीन कहा जा सकता है, लेकिन वह उम्मीदों के दबाव से बचते हैं।
छोटे पर्दे से अपनी यात्रा शुरू करने वाले अभिनेता ने कहा, "दबाव हमेशा रहता है, लेकिन इसके साथ ही मैं जो हूं, मैं उसका भी आनंद लेता हूं। मैं खुद पर अनुचित दबाव नहीं डालता। मुझे हर फिल्म के साथ खुद को बदलने की जरूरत नहीं है।"
आयुष्मान को हाल ही में अमिताभ बच्चन के साथ 'गुलाबो सिताबो' में देखा गया था।
मुंबई, 27 जुलाई (आईएएनएस)| ऐसा कहा जा रहा है कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की तरह दिखने वाले टिकटॉक सेंसेशन सचिन तिवारी के साथ बन रही एक फिल्म, जिसका शीर्षक कथित तौर पर 'सुसाइड ऑर मर्डर' है, वह दिवंगत अभिनेता की बायोपिक है। ऐसा मानने वालों में अभिनेता के प्रशंसकों का एक वर्ग और मीडिया भी है। हालांकि फिल्म 'सुसाइड ऑर मर्डर' के निर्देशक शामिक मौलिक ने इन अफवाहों का खंडन कर दिया है। उनका कहना है कि फिल्म न तो बायोपिक है, न ही सुशांत की असामयिक और दुखद मौत से संबंधित कोई कहानी।
शामिक ने आईएएनएस से कहा, "यह कोई बायोपिक नहीं है। फिल्म इस बारे में है कि छोटे शहरों के युवा और महिलाएं कितने सपने लेकर मुंबई आते हैं। वे सफलता का स्वाद भी चखते हैं और हालांकि वे जब उस स्थान पर पहुंचने वाले होते हैं, जहां वे चाहते थे, तो अचानक देखा जाता है कि उन्हें दूसरी ताकत रोक लेती है, क्योंकि ताकत वाले लोग शीर्ष का अपना स्थान नहीं खोना चाहते।"
फिल्म में जहां सचिन मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, वहीं अभी बाकी किरदारों के लिए कास्टिंग प्रक्रिया जारी है।
वहीं जब उनसे पूछा गया कि सुशांत जैसे दिखने वाले कलाकार के साथ ऐसी शीर्षक की फिल्म क्यों? तो उन्होंने कहा, "कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जहां आपको खुद को मारने के लिए मजबूर किया जाता है। ऐसा नहीं है कि किसी ने आपको मार दिया है, लेकिन स्थिति ऐसी है कि आप उदास हैं और आप खुद को मारते हैं।"
सुशांत सिंह राजपूत का निधन 14 जून को मुंबई में हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार अभिनेता ने आत्महत्या कर ली थी, मुंबई पुलिस अभी भी मामले की जांच कर रही है। कई हस्तियां और राजनेता केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग कर रहे हैं।
--आईएएनएस
मुंबई, 26 जुलाई (आईएएनएस)| लोकप्रिय वीजे शिबानी दांडेकर ने अपने बॉयफ्रेंड फरहान अख्तर की बुद्धिमान, क्रिएटिव और कलात्मक जैसे शब्दों के साथ सराहना की है। शिबानी ने रविवार को अपने फॉलोवर्स के साथ इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया था।
जब एक यूजर ने उनसे अभिनेता और निर्देशक के रूप में फरहान के बारे में अपने विचार साझा करने के बारे में पूछा तो शिबानी खुद को उनकी तारीफ करने से नहीं रोक पाई।
शिबानी ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, "मैं जिन्हें जानती हूं, वह सचमुच मैं सबसे अधिक कलात्मक, बुद्धिमान, क्रिएटिव व्यक्ति हैं! लेखक, निर्देशक, अभिनेता, निर्माता मैं तय नहीं कर सकती .. स्किल लेवल और नजरिया से परे है! क्या दिमाग पाया है।"
इसके साथ ही अभिनेत्री ने फरहान की एक तस्वीर पोस्ट की।
फरहान और शिबानी ने कुछ साल पहले डेटिंग शुरू की थी। फरहान की शादी पहले अधुना भबानी से हुई थी, जिनसे उनकी दो बेटियां अकीरा और शाक्या हैं।
नई दिल्ली, 26 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा का कहना है कि वह ट्विटर छोड़ कर खुशहाल इंसान बन गयी हैं।
सोनाक्षी ने अपने ट्विटर अकाउंट को निष्क्रिय कर दिया है। सोनाक्षी ने कहा,‘मैं कोई भी मार्गदर्शक नहीं हूं लेकिन मैं व्यक्तिगत अनुभव से बोल सकती हूं। मैं इतने लंबे समय तक सोशल मीडिया पर रही। मैंने इसे राक्षस बनते देखा है। मैं हमेशा एक बहुत ही सकारात्मक व्यक्ति रही हूं लेकिन फिर भी आप कभी नहीं जानते कि कोई चीज आपको कैसे प्रभावित कर सकती है। आप सुबह उठते हैं, अपना हैंडल खोलते हैं और नकारात्मक टिप्पणी पढ़ते हैं। उस क्षण आप इसे दूर नहीं रख सकते हैं।’
अभिनेत्री ने कहा, ‘आप कभी नहीं जानते कि सोशल मीडिया आपको कैसे प्रभावित करता हैं और यह आपके जीवन में एक बहुत ही नकारात्मक पहलू है। इसलिए मेरे लिए, इससे दूर रहने का सबसे अच्छा तरीका उस पर नहीं होना है। जब से मैंने ट्विटर छोड़ा है, मैं खुश हूं। मुझे लगता है कि सकारात्मकता के लिए प्रयास करना बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर इस तरह के समय में।’
लॉस एंजेलिस, 26 जुलाई (आईएएनएस)| जॉय किंग और जैकब एलोरडी की ओर से उन कपल्स को कुछ टिप्स दिए गए हैं जो लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं। अपनी नई फिल्म 'द किसिंग बूथ 2' में इन दो सितारों ने एली और नोआह के किरदारों को निभाया है, जो लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहते हैं। यह कुछ ऐसा है जिससे कई सारे कपल्स खुद को जोड़ सकते हैं, खासकर लॉकडाउन में वे इस बात को अच्छी तरह से महसूस कर सकते हैं।
ईऑनलाइन डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, जॉय ने कहा कि फिलहाल बातचीत ही उन लोगों के लिए अहम है, जो अपने रिश्ते को बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं।
अभिनेत्री ने यह भी कहा, "साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि एक-दूसरे के साथ हंसी मजाक करने के लिए आप वक्त निकाल पाएं। जिंदगी को बहुत गंभीरता से न लें। दिन के आखिर में आपको अपने बेस्ट फ्रेंड को ही डेट करना है।"
जैकब भी अपनी सह-कलाकार और पूर्व प्रेमिका की बातों से सहमत नजर आए। उन्होंने कहा, "फोन का इस्तेमाल करें। फेसटाइम भी एक नायाब तोहफा है जो एक ऐसे वक्त में आपके पास मौजूद है। गिफ्स या मीम्स न भेजें, बस कॉल करें।"
मुंबई, 26 जुलाई (आईएएनएस)| आदित्य नारायण ने सात साल के बाद बॉलीवुड के पाश्र्व गायक के रूप में वापसी की है। उन्होंने दिल बेचारा के लिए एक गाना रिकॉर्ड किया है। उनका कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि आखिरी बार वह सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म में गाना गाएंगे।
एआर रहमान द्वारा कंपोज्ड गाना 'मेरा नाम किजी' गाने वाले आदित्य ने याद करते हुए कहा, "एक दिन मुझे एआर रहमान के स्टूडियो से कॉल आया और उन्होंने मुझे रिकॉडिर्ंग के लिए बुलाया। रहमान सर स्टूडियो में थे और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मेरे द्वारा गाना रिकॉर्ड करने का फैसला लिया था।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था कि मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देना था और गीत का आनंद भी लेना था। बाद में मुझे सूचित किया गया कि यह गाना 'दिल बेचारा' के लिए था, जो कि 'द फॉल्ट इन आवर स्टार्स' का अडॉप्शन है और मेरी पसंदीदा फिल्म भी और इसमें सुशांत प्रमुख भूमिका में थे। मैं बेहद रोमांचित था। यह पहली बार है जब मैं सुशांत के लिए गा रहा हूं और जाहिर है, उस समय मुझे नहीं पता था कि यह आखिरी बार होगा।"
आदित्य ने आगे कहा, "जब मैं छोटा था, मैंने एआर रहमान के लिए गाया था और मुझे नहीं पता था कि उनके लिए गाना कितनी बड़ी बात थी। बड़े होने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं कितना भाग्यशाली रहा हूं और हमेशा सोचता रहता हूं कि मुझे एक फीचर फिल्म में उनके लिए फिर से गाने का अवसर मिलेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "'मेरा नाम किजी' करीब सात सालों के अंतराल के बाद मेरा बॉलीवुड गायन प्रोजेक्ट था।
सुशांत को याद करते हुए आदित्य ने कहा, "एक कलाकार के रूप में, मैंने हमेशा सुशांत को पसंद किया। जितनी बार उनसे मिला हूं, उनके चेहरे पर एक आकर्षक मुस्कान देखा है।"
मुंबई, 26 जुलाई (वार्ता)। आस्कर विजेता संगीतकार एआर रहमान का कहना है कि बॉलीवुड में एक ऐसा ‘गैंग’ है जिसके कारण उन्हें काम मिलने में अड़चन आ रही है।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से बॉलीवुड में‘इनसाइडर और आउटसाइडर’ को लेकर बहस छिड़ी है। इस बीच संगीतकार रहमान ने कहा कि कुछ लोग उनके बारे में बॉलीवुड में ‘अफवाह’ फैला रहे हैं जिससे उनके और फिल्म निर्माताओं के बीच ‘गलतफहमी’ पैदा हो रही है।
रहमान ने कहा, ‘मैं अच्छी फिल्मों को मना नहीं करता हूं लेकिन मेरा मानना है कि एक गैंग है जो कुछ अफवाह फैला रहा है और गलतफहमी पैदा हो रही है। लोग मुझे काम करते देखना चाहते हैं, लेकिन लोगों का एक ऐसा भी गैंग है जो ऐसा होने नहीं दे रहा है। खैर मेरा विश्वास भाग्य में है। मेरा मानना है कि सब कुछ ऊपर वाले के जरिए आता है। इसलिए मैं अपनी फिल्में और दूसरे काम कर रहा हूं, लेकिन आप सभी मेरे पास आ सकते हैं, आप अच्छी फिल्में बना रहे हैं और आपका मेरे यहां स्वागत है।’
रहमान ने सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ के लिए संगीत दिया है जो शुक्रवार को डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज हो गयी है।
-पुण्यतिथि 27 जुलाई
मुंबई, 26 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में क्रूर खलनायक ‘गब्बर सिंह’ के किरदार के जरिये अमजद खान ने सिने प्रेमियों के दिल में अपनी अमिट पहचान बनाई लेकिन फिल्म निर्माण के समय इस भूमिका के लिये डैनी का नाम प्रस्तावित था ।
फिल्म ‘शोले’ में ‘गब्बर सिंह’ के किरदार के लिये फिल्म निर्माता रमेश सिप्पी ने पहले डैनी को अपरोच किया था। डैनी ने फिल्म के लिए हां भी कर दी थी, लेकिन वो उस वक्त फिरोका खान की बड़े बजट की फिल्म ‘धर्मात्मा की शूटिंग कर रहे थे, ऐसे में एक साथ दोनों फिल्में करना मुश्किल था। डैनी ने ‘शोले’ में काम करने से मना कर दिया और बाद में यह फिल्म अमजद खान को मिली। फिल्म शोले प्रदर्शित हुयी तो अमजद खान का निभाया किरदार ‘गब्बर सिंह’ दर्शको में इस कदर लोकप्रिय हुआ कि लोग गाहे बगाहे उनकी आवाज और चाल ढ़ाल की नकल करने लगे।
गब्बर सिंह फिल्म ‘शोले’ का विलेन होने के बावजूद लोगों के लिए हीरो बन गया। खूंखार डकैत का रोल निभाकर अमजद खान सिनेमाई दुनिया में छा गए। निर्देशक रमेश सिप्पी की शोले के इस गब्बर सिंह ने ऐसे ऐसे दमदार डायलॉग कहे कि वो फिल्मीं इतिहास में दर्ज हो गए। कहते हैं हिंदुस्तानी सिनेमा में गब्बर सिंह से पहले ऐसा दमदार विलेन कभी नहीं हुआ और न ही गब्बर सिंह के बाद वैसा कोई विलेन सिनेमा में नकार आया। डैनी ने भी बाद में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि ‘यदि मैंने शोले की होती तो भारतीय सिनेमा अमजद खान जैसे एक अद्भुत कलाकार को खो देता।
डाकू गब्बर सिंह की कल्पना उस खाकी वर्दी के बिना नहीं की जा सकती। वो खाकी वर्दी किसी कॉस्ट््यूम डिजाइनर ने नहीं, बल्कि खुद अमजद खान ने सुझाई थी जिसे वे मुंबई के चोर बाजार से खरीदकर लाए थे। गब्बर सिंह, हिंदी सिनेमा का पहला खलनायक था जिसने नायक-सी लोकप्रियता हासिल की। ब्रिटैनिया ने गब्बर को अपने ग्लूकोज बिस्किट के विज्ञापन के लिए चुना। यह विज्ञापन ‘गब्बर की असली पसंद’ की पंचलाइन के साथ लोकप्रिय हुआ था। यह पहली बार था जब किसी कंपनी ने अपने प्रोडक्ट के प्रचार के लिए किसी खलनायक को चुना था।
नई दिल्ली, 26 जुलाई (वार्ता) बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद का कहना है कि वह सुशांत सिंह राजपूत पर गर्व महसूस करते हैं क्योंकि उन्होंने अपने दम पर इंडस्ट्री में सफलता हासिल की।
सुशांत की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिजम (भाई-भतीजावाद) और इनसाइडर बनाम आउटसाइडर की बहस धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। अब इस बहस में सोनू सूद भी शामिल हो गए हैं। सोनू ने कहा है कि आउटसाइडर इस इंडस्ट्री में हमेशा आउटसाइडर रहते हैं। वहीं, स्टार किड्स को आसानी से एंट्री मिल जाती है।
सोनू ने कहा, सुशांत ने अपने दम पर इंडस्ट्री में काफी कुछ बड़ा किया। जब कोई आउटसाइडर इस शहर में आता है और बड़ा करता है, तो वह न्यू कमर्स को उम्मीद देता है। हजारों लोग इस शहर में रोज काम की तलाश में आते हैं, लेकिन ऐसे बहुत कम लोग हैं, जिन्हें बड़ा ब्रेक मिलता है। एक आउटसाइडर हमेशा आउटसाइडर ही रहता है। इसलिए मैं आउटसाइडर्स से कहना चाहूंगा कि वह अपने आप को मजबूत रखें। इस बात की उम्मीद ना करें कि कोई चमत्कार होगा। स्टार किड्स के पास आसान एक्सेस होगा। उनके पिता बस फोन उठाएंगे और डायरेक्टर या फिल्म प्रोड्यूसर्स से बात करेंगे और उन्हें ब्रेक मिल जाएगा। कल यदि मेरे बच्चे इस इंडस्ट्री में जाना चाहें, तो शायद यह उनके लिए भी आसान होगा।
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद का कहना है कि प्रवासी मजूदरों की मदद करना उनके जीवन का मैजिक मोमेंट रहा है।
सोनू सूद से एक कार्यक्रम के दौरान पूछा गया कि उनके जीवन का मैजिक मोमेंट कौन सा रहा है। सोनू ने बताया, ‘‘कोविड-19 लॉकडाउन के समय मैंने जो भी काम प्रवासी मजदूरों के लिए किया वो मेरा मैजिक मोमेंट रहा है। जब भी मेरी फिल्म रिलीज होती थी तो मेरे माता-पिता कहते थे कि उन्होंने तुम्हारी फोटो। पोस्टर में क्यों नहीं लगाई है, या फिर तुम्हारी फोटो इतनी छोटी क्यों है?’’
सोनू सूद ने कहा, ‘‘तब मैं उनसे कहा करता था कि वो सब बड़े एक्टर हैं और उन्होंने बहुत कुछ पा लिया है। मैं उन्हें वादा किया करता था कि एक दिन मेरी भी बड़ी फोटो लगेगी। जब मैंने इन गरीबों की मदद करना शुरू किया तो मेरे बारे में आर्टिकल छपने शुरू हो गए। मुझे बहुत खुशी हुई और शायद इसीलिए मेरे माता पिता ने मेरे लिए कुछ जादू करना शुरू कर दिया है।’’
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में सोनू सूद लगातार प्रवासी मजूदूरों को उनके घर भेजने में मदद की है। सोनू ने मुंबई से देश के कई हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों को बसों के जरिए घर भेजा है।
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा का कहना है कि वह ट््िवटर छोड़ कर खुशहाल इंसान बन गयी हैं।
सोनाक्षी ने अपने ट्विटर अकाउंट को निष्क्रिय कर दिया है। सोनाक्षी ने कहा- ‘‘मैं कोई भी मार्गदर्शक नहीं हूं लेकिन मैं व्यक्तिगत अनुभव से बोल सकती हूं। मैं इतने लंबे समय तक सोशल मीडिया पर रही। मैंने इसे राक्षस बनते देखा है। मैं हमेशा एक बहुत ही सकारात्मक व्यक्ति रही हूं लेकिन फिर भी आप कभी नहीं जानते कि कोई चीज आपको कैसे प्रभावित कर सकती है। आप सुबह उठते हैं, अपना हैंडल खोलते हैं और नकारात्मक टिप्पणी पढ़ते हैं। उस क्षण आप इसे दूर नहीं रख सकते हैं।’’
अभिनेत्री ने कहा, ‘‘आप कभी नहीं जानते कि सोशल मीडिया आपको कैसे प्रभावित करता हैं और यह आपके जीवन में एक बहुत ही नकारात्मक पहलू है। इसलिए मेरे लिए, इससे दूर रहने का सबसे अच्छा तरीका उस पर नहीं होना है। जब से मैंने ट््िवटर छोड़ा है, मैं खुश हूं। मुझे लगता है कि सकारात्मकता के लिए प्रयास करना बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर इस तरह के समय में।’’
सोनू सूद बोले-आज से तंगी खत्म
बॉलीवुड ऐक्टर सोनू सूद पिछले कई महीनों से लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं। लॉकडाउन के बाद हजारों लोगों को उनके घर पहुंचाने और विदेशों से छात्रों को वापस लाने के बाद अब वह कोरोना वायरल लॉकडाउन में बेरोजगार हो चुके लोगों की मदद को भी आगे आ रहे हैं। हाल में उन्होंने घोषणा की थी कि वह लॉकडाउन में घायल हुए या मारे गए प्रवासी मजदूरों के घर का खर्च उठाएंगे। अब सोनू सूद माउंटेमैन कहे जाने वाले दशरथ मांझी के परिवार की मदद को आगे आए हैं।
दरअसल पिछले कई दिनों से ऐसे समाचार आ रहे हैं कि दशरथ मांझी के परिवार के लोग बेहद आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और पाई-पाई के लिए मोहताज हो गए हैं। इस खबर की एक कटिंग के साथ ट्वीट कर सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई थी। इसके जवाब में सोनू ने ट्वीट करते हुए कहा, आज से तंगी खत्म, आज ही हो जाएगा भाई।
बता दें कि दशरथ मांझी ने अपनी पत्नी के प्यार में अकेले दम पर पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया था। उनके ऊपर फिल्म मांझी: द माउंटेनमैन भी बनी थी जिसमें नवाजु्द्दीन सिद्दीकी और राधिका आप्टे ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। दशरथ मांझी बिहार के गया जिले के निवासी थे उनका परिवार अभी भी गांव में गरीबी में जीवन काट रहा है। (नवभारत टाईम्स)
मुंबई, 25 जुलाई। फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत पर बात करते हुए कहा है कि उन्होंने सुशांत सिंह को दो फिल्में ऑफर की थीं लेकिन उन्होंने वो फिल्में करने से मना कर दिया।
नवभारत टाईम्स में छपी खबर के मुताबिक, अनुराग कश्यप ने सुशांत सिंह राजपूत को हंसी तो फंसी समेत दो फिल्में ऑफर की थीं लेकिन उन्होंने बड़े बैनरों के लिए दोनों फिल्में छोड़ दीं। (bbc.com/hindi)
अजय ब्रह्मात्मज
फिल्म समीक्षक
मुंबई, 25 जुलाई। मुमकिन है शहरी दर्शकों में से कुछ ने जॉन ग्रीन का उपन्यास ‘द फॉल्ट इन अवर स्टार्स’ पढ़ा हो और उस पर बनी हॉलीवुड की फिल्म भी देख ली हो।
फिर भी उन्हें इस फिल्म में नवीनता मिलेगी। शशांक खेतान और सुप्रतिम सेनगुप्ता ने उन्हें एक नए परिवेश में नए किरदारों के साथ पेश किया है। मूल उपन्यास और अंग्रेजी फिल्म का हिंदी में भारतीय एडाप्टेशन हिंदी फिल्मों की उन कहानियों/प्रेमकहानियों के परिचित दायरे में आ गया है, जहां आसन्न मृत्यु के बीच प्रमुख किरदारों का हर्ष-विषाद, प्रेम-तनाव, चिंता-आशंका और जीवन जी लेने की आकांक्षा रहती है। वर्तमान को भरपूर जीने का सन्देश रहता है।
मुकेश छाबड़ा निर्देशित ‘दिल बेचारा’ झारखंड के जमशेदपुर की किजी बासु और इम्मैनुएल राजकुमार जूनियर उर्फ मैनी की प्रेम कहानी है।
छोटे शहर की बड़ी कहानी
जमशेदपुर देश का अनोखा शहर है, जहां मुख्य रूप से देश के विभिन्न राज्यों से आए अलग-अलग धर्म, जाति और संप्रदाय के लोग बसे हैं। यह उद्योगपति टाटा का बसाया शहर है, जहां झारखण्ड राज्य की स्थानीयता अब दिखने लगी है। मिजाज से यह आज भी कॉस्मापॉलिटन छोटा शहर है।
जमशेदपुर के किजी (बंगाली), मैनी (ईसाई), जेपी (बिहारी), डॉ. झा और स्थानीय लहजे में बोलते अन्य सहयोगी किरदार वास्तविक लगते हैं। वे आरोपित और गढ़े हुए कृत्रिम चरित्र प्रतीत नहीं होते।
‘दिल बेचारा’ की नवीनता कथ्य से अधिक नैरेटिव में है। जांबिया में पैदा हुई बंगाली मां-पिता की बेटी किजी थायराइड कैंसर से पीडि़त है। ऑक्सीजन का छोटा सिलेंडर (पुष्पेंद्र) साथ लेकर चलती है। अपनी निश्चित मौत से परिचित किजी की किसी सामान्य युवती की तरह सोचने, जीने और प्रेम करने की तमन्ना खत्म हो चुकी है।
रोज-रोज की मेडिकल जांच और नसीहतों की वजह से मां-बाप के खास खयाल के बावजूद वह बंधी, उदास और बुझी-बुझी सी रहती है। दूसरी तरफ मैनी है। पता चलता है कि वह भी बोन कैंसर से ग्रस्त है, लेकिन वह बेफिक्र निराले अंदाज में जीता है। वह रजनीकांत का सुपर फैन है।
एक था राजा - एक थी रानी
दोनों की फिल्मी मुलाकात के बाद कहानी आगे बढ़ती है। ‘दिल बेचारा’ नानी की सुनाई पारंपरिक कहानी ‘एक था राजा, एक थी रानी। दोनों मर गए खत्म कहानी’ से अलग हो जाती है।
फिल्म में मैनी का एक संवाद है, ‘जन्म कब लेना है, मरना कब है, हम डिसाइड नहीं कर सकते, पर जीना कैसे हैं, वह हम डिसाइड कर सकते हैं।’ मैनी का यह जीवन दर्शन और जीवन शैली ‘आनंद’ जैसी कई फिल्मों की याद दिला जाता है, जहां मौत से जूझते किरदार अपनी जिंदादिली और जिजीविषा से जीवन का सन्देश दे जाते हैं।
‘दिल बेचारा’ देखते समय बरबस मैनी का किरदार निभाते सुशांत सिंह राजपूत की ऑफ स्क्रीन छवि उभरती है। उनसे हुई मुलाकातें याद आ जाती हैं। हाल ही में हुई उनकी असमय और अस्वाभाविक मौत का सच कौंधने लगता है। मैनी और सुशांत सिंह राजपूत किरदार और कलाकार की सोच, जिंदगी और मौत गड्डमड्ड होने लगती है।
फिल्म के संवादों में आगत की अनुगूँज सुनाई पड़ती है। फिल्म देखते हुए राजपूत की मौत से पैदा हुआ वैक्यूम गूँजने लगता है। एक संभावनाशील अभिनेता के ना होने का एहसास विचलित कर देता है। बमुश्किल अभी एक महीना गुजरा है।
ताजगी से भरी फिल्म
‘दिल बेचारा’ में एक ताजगी है। निर्देशक मुकेश छाबड़ा और उनके लेखकों ने किरदारों को अतिरिक्त भावुकता नहीं दी है। कलाकार भी अतिनाटकीयता और मेलोड्रामा से दूर है।
किजी, मैनी, जेपी और किजी के मां-पिता सहज और पडोसी आत्मीय चरित्र हैं। फिल्म का अधिकांश हिस्सा किजी के परिवार के आसपास ही है। मैनी के परिवार की झलक मात्र मिलती है। लेखकों ने उन्हें क्यों दरकिनार कर दिया है? बतौर दर्शक हम किजी की फिक करने लगते हैं। उसकी आकांक्षाओं को पूरी होता देखना चाहते हैं। मैनी के साथ हम भी चाहते हैं कि वह पेरिस जाए और अपने प्रिय संगीतज्ञ अभिमन्यु वीर(सैफ अली खान) से मिल सके। उनसे पूछ सके कि उन्होंने उसका फेवरिट गीत अधूरा क्यों छोड़ दिया? रोमांटिक शहर पेरिस के दृश्य किजी और मैनी के रोमांस में मुक्कमल करते हैं। हम सुखद अंत की ओर बढ़ रहे होते हैं कि कहानी दुखद मोड़ ले लेती है।
संजना सांघी और सुशांत सिंह राजपूत ने अपने किरदारों किजी और मैनी को पूरी संजीदगी और स्वाभाविकता से पर्दे पर उतारा है। संजना सांघी में किजी की झिझक,उम्र और मासूमियत है। सुशांत अपनी अदाकारी से मैनी को जीवंत करते हैं।
सुशांत के अभिनय की रेंज
हमें सुशांत सिंह राजपूत की रेंज दिखती है। ‘काय पो छे’, ‘शुद्ध देसी रोमांस’, ‘ब्योमकेश बख्शी’, ‘केदारनाथ’, ‘सोनचिडिय़ा’ और ‘छिछोरे’ के बाद ‘दिल बेचारा’ में वह अभिनय के नए-नए आयामों और गहनता को ज़ाहिर करते हैं।
लेकिन अचानक यह प्रतिभा... किजी के मां-पिता के रूप में शाश्वत चटर्जी और स्वस्तिका बनर्जी का चुनाव जबरदस्त है।
दोनों नेचुरल और अपने किरदारों के लिए उपयुक्त हैं। जेपी (साहिल वैद) ने कैंसरग्रस्त जिगरी दोस्त के रूप में मैनी का पूरा साथ दिया है। डॉ. झा (सुनीत टंडन) कैंसर डॉक्टर के रूप में जंचे हैं।
फिल्म के एक दृश्य में कैंसर के दर्द को सुशांत सिंह राजपूत ने बगैर संवादों के चेहरे के हाव-भाव से प्रभावी और वास्तविक बना दिया है। कैंसर के बेइंतहा दर्द से गुजर चुके और परिचित व्यक्ति इसे समझ सकते हैं।
‘दिल बेचारा’ में कैंसर की बीमारी और कैंसर को लेखक और निर्देशक ने मरीज की पीड़ा और परिवार की हमदर्दी और फिक्र के साथ पेश किया है।
‘दिल बेचारा में गीत-संगीत और नृत्य उल्लेखनीय है। फिल्म के शीर्षक गीत में पारंगत डांसर सुशांत सिंह राजपूत की चपलता, संतुलन और भावमुद्रा को फराह खान ने बहुत खूबसूरती से कैमरामैन सेतु की मदद से एक टेक में कैद किया है। सेतु ने पेरिस की सुन्दर झलक दी है। यह फिल्म की खासियत है। ए आर रहमान के संगीत में फिल्म के अनुरूप ध्वनियाँ और स्वर लहरियां हैं। वे एक अन्तराल के बाद हिंदी फिल्मों में लौटे हैं।
पहली फिल्म के लिहाज से कुछ कमियों के बावजूद मुकेश छाबड़ा आशान्वित करते हैं। (bbc.com/hindi)
मुंबई, 25 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली खान ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को याद कर उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है।
सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद उनकी आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ 24 जुलाई को रिलीज हो गई। इस फिल्म को फैन्स का भी काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। सारा ने सुशांत सिंह राजपूत को लेकर अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से एक पोस्ट साझा किया है।
सारा ने सुशांत के साथ फिल्म ‘केदारनाथ’ से इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। वहीं, इस फोटो में सुशांत, सारा के पिता सैफ अली खान के साथ नजर आ रहे हैं। तस्वीर को शेयर करते हुए सारा ने सैफ और सुशांत में समानताएं बताई। सारा ने कैप्शन में लिखा, ‘सिर्फ दो जेंटलमैन जिन्होंने वैन गो, टेलीस्कोप, तारामंडल, गिटार, नॉर्दन लाइट््स, क्रिकेट, पिंक फ्लॉयड, नुसरत साब और एक्ंिटग तकनीक को लेकर मुझसे बातें कीं। आप दोनों में यही आखिरी समानताएं हैं।’
मुंबई, 25 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड के किंग खान शाहरूख खान, निर्देशक सिद्धार्थ आनंद की एक्शन-ड्रामा फिल्म से कमबैक कर सकते हैं।
शाहरुख अंतिम बार वर्ष 2018 में प्रदर्शित फिल्म ‘जीरो’ में नजर आये थे। शाहरुख के फैंस उनकी अगली फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। काफी समय से चर्चा हो रही थी कि शाहरुख, राजकुमार हिरानी की फिल्म से कमबैक करेंगे। शाहरुख खान लॉकडाउन के दौरान तकरीबन 18 स्क्रिप्ट का नरेशन ले चुके हैं। चर्चा है कि शाहरुख खान, सिद्धार्थ आनंद की एक्शन-ड्रामा फिल्म से अपनी वापसी करेंगे।
कहा जा रहा है कि राजकुमार हिरानी अपनी फिल्म की शूटिंग कनाडा में करना चाहते थे लेकिन मौजूदा वैश्विक संकट कोरोना वायरस के चलते उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली। इसलिए उन्होंने अपनी फिल्म की शूटिंग की तारीख को आगे बढ़ा दिया। अब शाहरुख ने यह फैसला लिया कि वह सिद्धार्थ आनंद की एक्शन-ड्रामा फिल्म के साथ कमबैक करेंगे। फिल्म के बारे में अभी आधिकारिक तौर पुष्टि नहीं की गयी है।
मुंबई, 25 जुलाई (वार्ता)। एक्शन स्टार विद्युत जामवाल की आने वाली फिल्म ‘खुदा हाफिज’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है।
विद्युत जामवाल की आने वाली फिल्म ‘खुदा हाफिज’ भारत में रहने वाले एक ऐसे कपल की कहानी है जो बेहतर करियर की तलाश के लिए विदेश में काम करने का फैसला करता है। फिल्म में विद्युत, समीर के किरदार में नजर आएंगे, वहीं शिवालिका ओबेरॉय, नरगिस के किरदार में दिखाई देंगी। फिल्म के इस ट्रेलर में विद्युत एक बेबस पति के रोल में नजर आ रहे हैं जिसकी पत्नी लापता हो गई है।
ट्रेलर में जैसा कि देखने को मिल रहा है कि रहस्यमय परिस्थितियों में कैसे नरगिस लापता हो जाती हैं। बेबस पति की तरह समीर अपनी पत्नी की तलाश में लग जाता हैं और फिर शुरू होता है जबरदस्त एक्शन। डिजनी हॉटस्टार पर खुदा हाफिज 14 अगस्त को रिलीज होगी।
न्यूयॉर्क, 25 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय मूल की फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे जोहरन ममदानी का न्यूयॉर्क स्टेट एसेम्बली के लिए चुना जाना तय माना जा रहा है। वे एक शहरी निर्वाचन क्षेत्र से डेमोक्रेटिक पार्टी का प्राइमरी जीत चुके हैं।
जनवरी में वह और जेनिफर राजकुमार एसेम्बली में पहुंचने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति बन जाएंगे। जेनिफर पहले ही एक अन्य प्राइमरी जीत चुके हैं।
अमेरिकी चुनाव प्रणाली में उम्मीदवारों को पहले प्राइमरी जीतना होता है, जो कि चुनावों से पहले पार्टी के अंदर उसी सीट के अन्य उम्मीदवारों के खिलाफ लड़े जाते हैं। इन इंट्रा-पार्टी चुनाव से ही पार्टी के उम्मीदवार तय होते हैं।
ममदानी की जीत इसलिए तय मानी जा रही है क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वी और मौजूदा एसेम्बली मेंबर अरवेलला सिमोटस ने एक ट्वीट में पहले ही उनसे हार मान ली है।
जिन दो सीटों से भारतीय मूल के लोग चुनाव लड़ने जा रहे हैं उन दोनों क्षेत्रों में प्रवासियों और अल्पसंख्यकों का खासा प्रभुत्व है। साथ ही इनमें डेमोक्रेटिक पार्टी की पकड़ इतनी मजबूत है कि पार्टी के उम्मीदवारों ने 2018 के जनरल इलेक्शंस में 99 प्रतिशत से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। लिहाजा इस बार भी इन दोनों की जीत तय है।
बता दें कि ममदानी युगांडा में पैदा हुए थे और खुद को वो एक "भारतीय-युगांडा न्यूयॉर्कर" कहते हैं।
लॉस एंजेलिस, 24 जुलाई (आईएएनएस)| फिल्मकार जेम्स कैमरून अवतार फ्रेंचाइजी की बहुप्रतीक्षित सीक्वल की रिलीज में एक साल की देरी से काफी निराश हैं। हालांकि कैमरून ने निश्चित रूप से यह वादा किया है कि फिल्म के इंतजार का फल मीठा होगा और यह दर्शकों की 'उम्मीदों पर' खरी उतरेगी।
कैमरून की 'अवतार' फ्रेंचाइजी के सीक्वेल साल 2022 से हर दूसरे दिसंबर में प्रीमियर होंगे। सीक्वल की रिलीज की तारीखें हैं, 'अवतार 2' 16 दिसंबर 2022 को, 'अवतार 3' 20 दिसंबर 2024 को, 'अवतार 4' 18 दिसंबर 2026 को, 'अवतार 5' 22 दिसंबर, 2028 को होगी।
'अवतार 2', इस फ्रेंचाइजी के पहली फिल्म के रिलीज को 13 साल बाद आएगी।
डेडलाइन डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, कैमरून ने महामारी के कारण रिलीज में देरी होने संबंधी एक पोस्ट को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर साझा किया था।
उन्होंने कहा, "इस देरी को लेकर मुझसे ज्यादा निराश कोई नहीं है। लेकिन मैं हमारे कलाकारों के अविश्वसनीय प्रदर्शन और असाधारण काम से प्रभावित हूं।"