ताजा खबर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 8 अक्टूबर। ईस्ट कोस्ट रेलवे के संबलपुर मंडल में रेल लाइन पर चल रहे विभिन्न कार्यों के चलते 14 से 21 अक्टूबर के बीच कुछ ट्रेनों को रद्द किया गया है।
विशाखापट्टनम से रायपुर की पैसेंजर 14 से 20 अक्टूबर तक तथा रायपुर से चलने वाली विशाखापट्टनम पैसेंजर 15 से 21 अक्टूबर तक रद्द रहेगी। 15 से 20 अक्टूबर तक रायपुर जूनागढ़ रोड पैसेंजर तथा 16 से 21 अक्टूबर तक जूनागढ़ रोड रायपुर पैसेंजर रद्द रहेगी।
इसके अलावा 15 अक्टूबर को निजामुद्दीन विशाखापट्टनम एक्सप्रेस को 1.30 घंटे देर से रवाना की जाएगी।
चंडीगढ़, 8 अक्टूबर भारतीय वायुसेना की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर चंडीगढ़ स्थित वायुसेना स्टेशन में शनिवार सुबह औपचारिक परेड का आयोजन किया गया। वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने परेड का निरीक्षण किया, जिसके बाद एक मार्च-पास्ट किया गया।
कार्यक्रम में चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारतीय वायुसेना में अधिकारियों के लिए एक हथियार प्रणाली शाखा की स्थापना को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद वायुसेना में पहली बार एक नयी अभियानगत शाखा बनाई जा रही है।
एअर चीफ मार्शल ने दावा किया कि इस शाखा के बनने से सरकार को उड़ान प्रशिक्षण के खर्च में कटौती कर 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत करने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम में पश्चिमी वायु कमान के एअर-ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एअर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरन सहित कई अन्य वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी मौजूद थे।
वायुसेना प्रमुख जब आयोजन स्थल पर पहुंचे तो विंग कमांडर विशाल जैन के नेतृत्व में तीन एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टरों ने फ्लाई-पास्ट करते हुए भारतीय ध्वज प्रदर्शित किया।
सुखना झील परिसर में वायुसेना दिवस के फ्लाई-पास्ट में लगभग 80 सैन्य विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे।
यह पहली बार है, जब भारतीय वायुसेना दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के बाहर अपनी वार्षिक वायुसेना दिवस परेड और फ्लाई-पास्ट का आयोजन कर रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सुखना झील परिसर में होने वाले फ्लाई-पास्ट में शामिल होंगे। (भाषा)
मांड्या (कर्नाटक), 8 अक्टूबर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अकेले हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है और कन्नड़ जैसी क्षेत्रीय भाषाओं की पहचान को कोई खतरा नहीं है।
राहुल गांधी ने शुक्रवार को कई शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों और शिक्षकों के साथ बातचीत में यह बात कही।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रियांक खड़गे ने पत्रकारों को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी के साथ कन्नड़ की पहचान को लेकर बातचीत की गयी। फिर उन्होंने कहा कि प्रत्येक मातृभाषा अहम है। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं। संविधान में सभी को अधिकार प्राप्त है।’’
कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी खड़गे ने कहा, ‘‘अत: उन्होंने (राहुल गांधी) साफ तौर पर कहा कि अकेले हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है और आपकी भाषा (कन्नड़) की पहचान को कोई खतरा नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि बातचीत में भाग लेने वाले लोगों ने पुष्टि की कि वे कांग्रेस पार्टी से जुड़े नहीं हैं लेकिन संविधान को बचाने के लिए यात्रा में भाग ले रहे हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के रिसर्च विभाग के अध्यक्ष राजीव गौड़ा ने कहा कि बातचीत में शामिल हुए ज्यादातर लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के बाद से शिक्षा क्षेत्र में समस्याओं का मुद्दा उठाया। (भाषा)
तस्वीरों सहित
मुंबई, 8 अक्टूबर महाराष्ट्र के नासिक शहर में शनिवार सुबह एक ट्रेलर ट्रक से भीषण टक्कर के बाद एक निजी बस में आग लग गयी। इस हादसे में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गयी और 38 अन्य घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि हादसा सुबह लगभग सवा पांच बजे नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर नांदुर नाके पर उस समय हुआ जब पूर्वी महाराष्ट्र के यवतमाल से मुंबई जा रही ‘स्लीपर’ कोच वाली निजी बस एक ट्रेलर ट्रक से टकरा गई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे में लोगों की मौत पर दुख जताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों में से प्रत्येक को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रत्येक मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की और कहा कि घायलों के इलाज का खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
नासिक के पुलिस आयुक्त जयंत नाइकनवारे ने कहा, ‘‘यवतमाल से मुंबई जा रही एक लग्जरी बस नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर मिर्ची होटल के समीप एक चौराहे पर पुणे जा रहे एक ट्रेलर ट्रक से टकरा गई। ट्रक से टक्कर होने के तुरंत बाद बस में आग लग गयी जिससे 11 यात्रियों की मौत हो गयी।’’
उन्होंने बताया कि घायलों को नासिक में जिला सिविल अस्पताल तथा एक अन्य निजी चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि बस में आग लगने से पहले इसने एक मिनी मालवाहक वैन को भी टक्कर मारी जिसके कारण वह पलट गयी।
वहीं, एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि हादसे में 38 लोग घायल हुए हैं।
उन्होंने बताया कि हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस, दमकल और अन्य एजेंसियां घटनास्थल पर पहुंचीं और बचाव अभियान शुरू किया गया तथा आग बुझा दी गयी।
बहरहाल, हादसे में बस पूरी तरह जलकर खाक हो गयी।
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग इतनी भीषण थी कि वे कुछ वक्त तक यात्रियों को बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाए और बेबस खड़े देखते रहे।
अधिकारियों ने बताया कि हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ घायलों की हालत गंभीर है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्वीट किया, ‘‘नासिक में बस में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु होने से अत्यंत दुखी हूं। इस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करती हूं। मैं घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘नासिक में बस हादसे से दुखी हूं। इस हादसे में अपने प्रियजनों को गंवाने वाले लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की हरंसभव मदद कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से नासिक में बस हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को दो लाख रुपये की अनु्ग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को पचास-पचास हजार रुपये दिए जाएंगे।’’ (भाषा)
नासिक, 8 अक्टूबर । महाराष्ट्र के नासिक में शनिवार सुबह एक निजी बस में आग लगने से 11 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में करीब 38 लोग घायल बताए जा रहे हैं.
पुलिस के मुताबिक़, दुर्घटना नासिक-औरंगाबाद मार्ग पर नंदूरनाका के पास सुबह क़रीब साढ़े पाँच बजे हुई. मुंबई से यवतमाल जा रही बस एक कंटेनर ट्रक से टकरा गई और बस में आग लग गई.
नासिक के पुलिस उपाधीक्षक अमोल तांबे ने बताया, ‘’हादसे में 38 यात्री मामूली रूप से घायल हुए हैं. उनका इलाज चल रहा है. मरने वालों की पहचान की जा रही है. घटना की जांच की जा रही है कि हादसा कैसे हुए और बस में आग कैसे लगी.’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर अफसोस जताया है और मुआवजे की घोषणा की है.
पीएमओ ने एक ट्वीट में लिखा, ‘‘नासिक की घटना से हैरान हूं. इसमें दुर्घटना में जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनके साथ मेरी संवेदनाएं हैं. सभी घायल जल्द स्वस्थ हों. स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हर संभव मदद कर रहा है.’’
प्रधानमंत्री मोदी ने घटना में मरने वालों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हज़ार रुपये देने की घोषणा की है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हादसे पर शोक प्रकट किया. उन्होंने हादसे में मरने वालों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देने की घोषणा की है. साथ ही घायलों का इलाज सरकारी खर्चे पर कराने का भी एलान किया है.
’ (bbc.com/hindi)
अल खोबार (सउदी अरब), 8 अक्टूबर भारत ने एएफसी अंडर 17 एशियाई कप 2023 क्वालीफायर में जीत की हैट्रिक लगाते हुए म्यामां को 4 . 1 से हरा दिया ।
भारत के चारों गोल पहले हाफ में हुए । कप्तान वी गुइटे और फॉरवर्ड टी गांगटे ने दो दो गोल किये ।
पहले हाफ में ज्यादा मौके नहीं बन सके लेकिन दोनों टीमों ने गेंद पर नियंत्रण बनाये रखा । कोरोउ सिंह ने 21वें मिनट में पहला हमला किया लेकिन उनका शॉट कमजोर रहा ।
भारत को पहली सफलता छह मिनट बाद गुइटे ने फ्रीकिक पर गोल करके दिलाई । भारत ने अगले 12 मिनट में तीन गोल और किये । गांगटे ने अपना पहला गोल करके भारत की बढत दुगुनी कर दी ।
गुइटे ने आठवें मिनट में अपना दूसरा गोल दागा । ब्रेक से तीन मिनट पहले गांगटे का शॉट क्रॉसबार से टकरा गया । उसने हालांकि 44वें मिनट में भारत के लिये चौथा गोल किया ।
म्यामां के लिये एकमात्र गोल दूसरे हाफ में तू वेइ यान ने किया ।
भारत का सामना रविवार को सउदी अरब से होगा । (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 अक्टूबर केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और ‘‘उनका गिरोह’’ हिंदू तथा हिंदुत्व से इतनी नफरत क्यों करता है।
उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का एक ‘धर्मांतरण कार्यक्रम’ में कथित तौर पर शामिल होने से जुड़ा एक वीडियो सामने आने के बाद वह विवाद में घिर गए। शुक्रवार को वायरल हुए इस वीडियो में, कार्यक्रम में शामिल हजारों लोग बौद्ध धर्म अपनाने का संकल्प लेते और हिंदू देवी-देवताओं की निंदा करते सुने जा सकते हैं।
रीजीजू ने शुक्रवार रात तथा शनिवार सुबह किए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘वास्तव में मुझे समझ में नहीं आता कि अरविंद केजरीवाल और उनका गिरोह हिंदू तथा हिंदुत्व से इतनी नफरत क्यों करता है? मैं राहुल गांधी के बारे में तो समझ सकता हूं लेकिन अरविंद केजरीवाल...।’’
अरुणाचल प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रीजीजू ने कहा कि हर भारतीय को ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ मंत्र का पालन करना चाहिए।
आप नेता का वीडियो आने के साथ ही भाजपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निधाना साधते हुए उनसे गौतम को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।
हालांकि, गौतम ने बयान जारी कर कहा कि वह ‘‘बहुत धार्मिक व्यक्ति हैं और अपने कर्म तथा वचन से किसी देवता की सपने में भी आलोचना/निंदा नहीं कर सकते हैं।’’
इस पर आप या दिल्ली सरकार की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन आप सूत्रों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री इसे लेकर समाज कल्याण मंत्री गौतम से ‘‘बेहद नाखुश’’ हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 अक्टूबर भारत में शनिवार को कोविड-19 के 2,797 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,46,09,257 हो गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 122 दिन बाद 30,000 के नीचे दर्ज की गयी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 24 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 5,28,778 हो गयी है। इसमें केरल द्वारा मौत के कुछ मामलों को कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों की सूची में शामिल किए गए 12 मामले भी शामिल हैं।
मंत्रालय के अनुसार, भारत में कोविड-19 के 29,251 मरीज उपचाराधीन हैं, जो संक्रमण के कुल मामलों का 0.07 प्रतिशत है। कोविड-19 से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 98.75 हो गयी है। बीते 24 घंटे में कोविड-19 का इलाज करा रहे लोगों की संख्या में 1,111 मामलों की कमी दर्ज की गयी है।
आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण की दैनिक दर 1.05 प्रतिशत दर्ज की गयी जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 1.30 प्रतिशत दर्ज की गयी। इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,40,51,228 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत दर्ज की गयी। देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 218.93 करोड़ खुराक दी गयी हैं।
गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 25 जनवरी को संक्रमण के मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना वायरस से जिन 12 और लोगों की मौत हुई है उनमें से पांच की मौत महाराष्ट्र में तथा एक-एक मरीज की मौत दिल्ली, गुजरात और कर्नाटक में हुई। (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 अक्टूबर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अस्पताल के चिकित्सकों और अन्य सदस्यों से मरीजों का शोषण करने वाले निजी प्रतिष्ठानों के अनधिकृत लोगों (एजेंट) की एम्स परिसर में मौजूदगी की जानकारी देने का आग्रह किया है।
एम्स के निदेशक डॉक्टर एम श्रीनिवास द्वारा शुक्रवार को जारी एक परिपत्र के अनुसार, सुरक्षा कर्मचारी यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे सभी लोगों को अस्पताल में पुलिस के हवाले कर दिया जाए ताकि वे मरीजों का शोषण न कर सकें।
परिपत्र में कहा गया है कि जानकारी को ईमेल भी किया जा सकता है।
इसमें उल्लेख किया गया है कि कुछ निजी कंपनियों, अस्पतालों, प्रयोगशालाओं और रेडियोलॉजी केंद्रों आदि से संबंधित अज्ञात और अनधिकृत व्यक्तियों को अकसर मरीजों से आर्थिक लाभ लेने के लिए एम्स परिसर के अंदर घूमते देखा जाता है। परिपत्र में कहा गया है कि यह भी पता चला है कि वह ओपीडी कार्ड जारी करने और प्रवेश की सुविधा प्रदान करते हैं तथा एजेंट मरीजों को प्रयोगशाला या रेडियोलॉजी जांच के लिए निजी प्रतिष्ठानों का रुख करने के लिए कहते हैं।
परिपत्र में कहा गया है कि उनमें से कुछ दवाएं और अन्य चिकित्सकीय सामान आदि की बिक्री करते हैं।
परिपत्र के अनुसार, ऐसे सभी अज्ञात व्यक्तियों, विक्रेताओं और एजेंट को अस्पताल परिसर में प्रवेश करने से सख्ती से रोका जाना चाहिए।
इसमें कहा गया, 'सभी चिकित्सकों, नर्स और स्टाफ सदस्यों को निर्देश दिया जाता है कि परिसर में या अस्पताल के किसी विभाग और क्षेत्र के आसपास किसी भी अनधिकृत और अज्ञात व्यक्ति की उपस्थिति के किसी भी संदेह पर तुरंत विशेष व्हाट्सऐप नंबर 9355023969 पर सूचित किया जाए।'
परिपत्र के अनुसार, ऐसे अनधिकृत लोगों के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और रोगियों का शोषण रोकने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी। (भाषा)
दुनिया भर के शातिर अपराधियों का दुश्मन ब्रिटिश जासूस जेम्स बॉन्ड 60 साल का हो गया है. जितनी चर्चा इस जासूस के हाव-भाव, एक्शन और गर्लफ्रेंड की होती है उतनी ही उससे जुड़ी दूसरी चीजों की भी.
करीब 60 साल पहले 5 अक्टूबर, 1962 को जेम्स बॉन्ड सीरीज की पहली फिल्म ‘डॉ. नो' लंदन में रिलीज हुई थी. जेम्स बॉन्ड की पहली भूमिका अभिनेता शॉन कॉनरी ने निभाई थी और दुनिया को खलनायक से बचाया था. यह फिल्म काफी ज्यादा हिट रही. अब तक इस सीरीज की 25 फिल्में आ चुकी हैं. इन फिल्मों ने 7 अरब डॉलर से ज्यादा की कमाई की है.
यह फिल्म सीरीज, उपन्यास लेखक इयान फ्लेमिंग के जासूसी उपन्यासों पर आधारित है. फ्लेमिंग ने 12 उपन्यासों और दो लघुकथा संग्रहों में जेम्स बॉन्ड के किरदार का इस्तेमाल किया है. फ्लेमिंग के बाद 8 अन्य लेखकों ने भी जेम्स बॉन्ड के किरदार के साथ कहानियां लिखीं. समय के साथ किरदार भी बदलते गए और कहानियां भी. कभी बॉन्ड गर्ल्स की भूमिका की तारीफ हुई तो कभी एजेंट 007 के कारनामों की.
शॉन कॉनरी ने निभाया एजेंट 007 का किरदार
पहली फिल्म ‘डॉ. नो' में सबसे पहले हमें एजेंट 007 के जिस किरदार से परिचित कराया जाता है वह एक खूबसूरत महिला के सामने कसीनो में बैठा होता है और अपने भाग्य को आजमा रहा होता है. जब वह महिला एजेंट 007 से उसका नाम पूछती है, तो कैमरा बॉन्ड की ओर घूमता है. वह व्यक्ति अलग अंदाज में सिगरेट जला रहा होता है. नशीली आंखों के साथ वह बोलता है, "बॉन्ड, जेम्स बॉन्ड.” यह शब्द फिल्मी दुनिया के इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता है.
फिल्म में जेम्स बॉन्ड का किरदार निभाने वाले शॉन कॉनरी एक सामान्य अभिनेता थे. पहले उन्हें ज्यादा लोग नहीं जानते थे, लेकिन इस फिल्म सीरीज की सफलता ने उन्हें अलग पहचान दिलाई.
कसीनो वाले दृश्य के तुरंत बाद फिल्म में एजेंट 007 को जमैका के लिए उड़ान भरने और एम16 के एजेंट की हत्या के मामले की जांच करने का जिम्मा सौंपा जाता है. अपने साथी की तलाश करते-करते बॉन्ड डॉक्टर नो के अंडरग्राउंड अड्डे पर पहुंच जाता है. डॉक्टर नो चीनी-जर्मन वैज्ञानिक है, जो रेडियो बीम हथियार से अमेरिका के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नष्ट करके पूरी दुनिया पर राज करना चाहता है. जेम्स बॉन्ड डॉक्टर नो के नापाक मंसूबों को विफल कर दुनिया को बचाता है.
जेम्स बॉन्ड सीरीज की रिलीज हुई सभी 25 फिल्मों की कहानी इसी तरह की है. हर फिल्म में खलनायक बदल जाते हैं. कभी वो डॉक्टर नो होता है तो कभी ब्लोफेल्ड, लेकिन सभी खलनायकों की इच्छा दुनिया पर राज करने की ही होती है. हालांकि, हर बार जेम्स बॉन्ड उनके मंसूबों पर पानी फेर देता है. फिल्म में जेम्स बॉन्ड के गोली चलाने और जंगलों में खलनायकों के पीछा करने के दृश्य काफी बेहतरीन लगते हैं.
महिलाओं की कमजोर छवि
प्रशंसकों के कई ऐसे समूह हैं जिनका मानना है कि ‘डॉ. नो' जेम्स बॉन्ड सीरीज की सबसे बेहतर फिल्म रही. उस तरह की फिल्म शायद ही अब बन सकती है.
सबसे पहली बात तो यह कि शायद ही कोई ऐसी किताब लिख सके जिसमें एक किरदार, जो हर समस्या के समाधान के लिए तैयार हो, आकर्षक और रोमांटिक हो और चुस्त-दुरुस्त हो, जैसा कि जेम्स बॉन्ड ने दशकों तक निभाया.
निश्चित तौर पर, उनकी फिल्मों में महिलाओं को लेकर भी एक बड़ा अध्याय होना चाहिए था. हालांकि, उनकी फिल्मों में महिलाओं को काफी सीधा-सादा दिखाया गया है, जो खुद बॉन्ड की बांहों में जाना चाहती हैं और उससे मदद मांगती हैं. कभी-कभी विरोधी पक्ष की महिलाएं भी बॉन्ड के प्रति काफी ज्यादा आकर्षित हो जाती हैं और रोमांस करना चाहती हैं.
चाहे दुश्मन हो या दोस्त, हर फिल्म में कम से कम एक बॉन्ड गर्ल है. कभी-कभी इससे ज्यादा भी. इन 25 फिल्मों में 60 से ज्यादा प्रेम कहानियां दिखाई गई हैं. उनमें महिलाओं के नाम कभी ‘हनी' थे तो कभी ‘पुसी गैलोर'. आज के दौर में लोग ऐसे नामों का इस्तेमाल करने से बचते हैं. हालांकि, हाल के दशकों में बॉन्ड की फिल्मों में महिलाओं की भूमिकाएं बदल रही हैं.
बॉन्ड गर्ल के नाम अब बहुत बदल गये हैं
पिछले पांच फिल्मों में डैनियल क्रेग ने बॉन्ड की भूमिका निभाई है. वे बॉन्ड का किरदार निभाने वाले छठे अभिनेता हैं. उनसे पहले शॉन कॉनरी, जॉर्ड लेजेन्बी, रोजर मूर, टिमोथी डाल्टन और पीयर्स ब्रोसनन यह भूमिका निभा चुके हैं. क्रेग को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है जो बाहर से सख्त और अंदर से नरम है. हालांकि, महिलाओं के मामले में हर बार जेम्स बॉन्ड की किस्मत साथ नहीं देती.
पर्दे पर महिलाओं की भूमिका के अलावा, 'डॉ. नो' की कई ऐसी बातें भी हैं जो बदलते समय के मुताबिक प्रासंगिक नहीं रहीं.
आपत्तिजनक जीवन शैली
1962 में रिलीज हुई फिल्म से ऐसा लगता है कि हर कोई सिगरेट पीता है. जबकि आज के हॉलीवुड फिल्मों में ऐसा नहीं दिखाया जाता. पुरानी फिल्मों में कसीनो से लेकर होटल बार तक और यहां तक कि बेडरूम में, हर जगह सिगरेट दिखाई गई है.
1970 के दशक में अमेरिका में सिगरेट पीना आम बात थी, इसलिए स्वाभाविक रूप से यह सिल्वर स्क्रीन पर सामने आया. 1970 के दशक की टीवी सीरीज ‘स्पेस:1999' में लोगों को चंद्रमा पर भी सिगरेट पीते दिखाया गया था, लेकिन 2000 के दशक तक स्वास्थ्य से जुड़े खतरों को देखते हुए दुनिया के कई हिस्सों में धूम्रपान पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
‘डॉ. नो' में यह भी देखा जा सकता है कि कुछ ही लोगों ने सीट बेल्ट लगाया हुआ है. जब बॉन्ड अपनी स्पोर्ट्स कार से एक महिला से मिलने जा रहा होता है, तो कुछ लोग उसका पीछा करते हैं. यहां देखा जा सकता है कि बॉन्ड सीट बेल्ट नहीं लगाए हुए हैं. बॉन्ड का पीछा कर रहे लोगों की कार ढलान से होते हुए गड्ढे में गिर जाती है और वे मर जाते हैं. जाहिर है कि उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगायी थी और कारों में उस समय एयरबैग भी नहीं होते थे. गड्ढे में गिरने पर गाड़ी में विस्फोट हो जाता है और एजेंट 007 कहता है, "उन्हें अपने अंतिम संस्कार में जाने की जल्दी थी.”
सभी सेक्रेट्री महिलाएं ही क्यों होती हैं?
बॉन्ड की पुरानी फिल्मों में सेक्रेट्री और रिसेप्शनिस्ट की भूमिका महिलाओं ने ही निभाई हैं. 1960 के दशक में इन्हें महिलाओं के लिए स्टैंडर्ड नौकरियां माना जाता था.
गोरी हों या सुनहरे बालों वाली, बॉन्ड रोमांस के लिए सेक्रेट्री को ही टारगेट करता है और वे सेक्रेट्री भी बॉन्ड के प्रति आकर्षित हो जाती हैं. अधिकांश फिल्मों में, बॉन्ड का अपने बॉस की सेक्रेट्री (मनीपेनी) के साथ रोमांटिक संबंध होता है. जबकि, जिस उपन्यास के आधार पर ये फिल्में बनाई गई हैं उसमें ऐसा कुछ नहीं है.
2012 में रिलीज हुई फिल्म ‘स्काईफॉल' में मनीपेनी को पहली बार किसी नाम से बुलाया गया जो कि ‘ईव' था. इस फिल्म में उसकी पुरानी कहानी भी दिखाई गई कि वह सिर्फ एक सेक्रेट्री नहीं है, बल्कि वह एक पूरी तरह प्रशिक्षित एजेंट है जो गलती से बॉन्ड को गोली मार देती है और सजा के तौर पर उसे डेस्क पर काम करने के लिए कहा जाता है.
खैर जो भी हो, आज ‘मनीपेनी' की नौकरी का टाइटल ‘सेक्रेट्री' की जगह ‘ऑफिस मैनेजर' या ‘एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट' होगा.
किरदारों का गलत चयन
फिल्म में डॉ. नो जेम्स बॉन्ड को बताता है कि वह ब्रिटिश मिशनरी और चीनी महिला की संतान है. हालांकि, इस भूमिका को कनाडाई अभिनेता जोसेफ वाइसमैन ने निभाया है, जिन्होंने आंखों को ‘एशियाई' दिखाने के लिए मेकअप किया था.
पहले इस तरह की फिल्मों में पूर्वी एशियाई व्यक्ति की भूमिकाएं गोरे अभिनेता निभाते थे. आज ‘येलोफेस' के इन मामलों की अनुमति नहीं है. अगर भविष्य में कभी ‘डॉ. नो' का रीमेक बनता है, तो इस बात की काफी ज्यादा संभावना है कि कोई चीनी व्यक्ति ही यह भूमिका निभाएगा.
औपनिवेशिक विरासत
‘डॉ. नो' फिल्म में जमैका के काले लोग गोरे अंग्रेज को 'कैप्टन' कहते हैं. जब फिल्म की शूटिंग हुई थी, तब जमैका भी ब्रिटिश उपनिवेश का हिस्सा था. 'डॉ. नो' के रिलीज होने के दो महीने पहले अगस्त 1962 में जमैका को आजादी मिली थी.
फिल्म में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा से पता चलता है कि उनके साथ दोयम दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार किया जाता था. फिल्म में जमैका के लोगों को जिस भाषा में संबोधित किया गया है उसे आज की तारीख में काफी आपत्तिजनक माना जाता है.
हालांकि, एक आखिरी बदलाव किया जा सकता है. दरअसल, जमैका स्थित ब्रिटिश दूतावास में महारानी एलिजाबेथ की युवावस्था की तस्वीर है. जेम्स बॉन्ड की अगली फिल्म में वहां किंग चार्ल्स III की तस्वीर हो सकती है.
अल्जाइमर बीमारी में काम आने वाली दवा का तीसरे फेज का ट्रायल सफल रहा है और उसके शुरुआती नतीजे सकारात्मक पाए गए हैं.
डॉयचे वैले पर एस्तेबान पार्दो की रिपोर्ट-
दवा कंपनियों बायोजन और आईसाई ने पिछले दिनों बताया कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवा लेकानमैब, अपने तीसरे फेज के प्रयोग के दौरान, 18 महीनों बाद संज्ञानात्मक गिरावट को 27 फीसदी काबू करने में सफल रही. शोधकर्ता दशकों से अल्जाइमर बीमारी के सटीक उपचार की तलाश करते आ रहे हैं. इस विनाशकारी बीमारी के इलाज के लिए जारी वैश्विक होड़ में नये नतीजे क्या कहते हैं?
हमें क्या पता है?
अल्जाइमर के शुरुआती लक्षणों से पीड़ित करीब 2000 लोगों ने मार्च 2019 को शुरू हुए ट्रायल में हिस्सा लिया था. आधे प्रतिभागियों को हर सप्ताह लेकानेमैब के दो इंजेक्शन दिए गए, बाकी लोगों को एक प्लेसेबो यानी कामचलाऊ दवा दी गई.
शुरुआत और अंत में शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के डिमेंशिया यानी स्मृति-लोप के लक्षणों की गंभीरता को मापा. 18 महीने बाद, इंजेक्शन पाने वाले समूह को दूसरे ग्रुप के मुकाबले 0.45 अंक कम मिले थे. यानी ये 27 फीसदी की कटौती थी.
एडिनबरा यूनिवर्सिटी के डिमेंशिया रिसर्च इंस्टीट्यूट में न्यूरोडिजनेरेशन की प्रोफेसर तारा स्पाइर्स-जोन्स कहती हैं, "अगर ये डाटा स्क्रूटनी में पास हो गया तो ये वाकई एक शानदार खबर है." वो कहती हैं, "भले ही ये कोई ‘उपचार' नहीं है क्योंकि ये लोगों को वापस सामान्य स्थिति में लौटा नहीं पाता है, लेकिन संज्ञानात्मक गिरावट को थामे रखने यानी होश न खोने की स्थिति को धीमा करने और रोजमर्रा की सामान्य गतिविधियां निभा सकने की क्षमता को संरक्षित रखने में इसका योगदान एक बड़ी जीत कही जाएगी क्योंकि लोग उस सूरत में अल्जाइमर बीमारी के साथ और लंबे समय तक जी पाएंगे."
बिना उपचार की बीमारी
अल्जाइमर रोग तबाह कर देने वाला है और अभी तक लाइलाज है. ब्राइटफोकस फाउंडेशन के डाटा के मुताबिक, दुनिया भर में 5 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं. ये फाउंडेशन अल्जाइमर्स के वैज्ञानिक शोध को आर्थिक मदद देता है.
पेरिस के पिटे सालपेत्रिए अस्पताल में फिजीशियन और सॉरबॉन यूनिवर्सिटी में न्यूरोलजी के एसोसिएट प्रोफेसर निकोलास विलाइन ने डीडब्ल्यू को बताया, "जब आप मरीजों को बताते हैं कि उन्हें अल्जाइमर है तो वे पलटकर पूछते हैं, ‘आप क्या कर सकते हैं? क्या आपके पास कोई इलाज है?' लेकिन इसकी कोई दवा नहीं है. जाहिर है, हम मदद के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं...लेकिन तब भी, हमारे पास मरीज को सलाह देने के अलावा कुछ और नहीं है."
अभी तक, इस बीमारी को रोकने या उसे सही करने के लिए कोई इलाज उपलब्ध नहीं हैं. इस ट्रायल के नतीजे भले ही उत्साहजनक हैं, लेकिन वे प्रारंभिक हैं और उनका पीयर रिव्यू यानी विशेषज्ञों से समीक्षा अभी नहीं हुई है.
शोधकर्ता इस बात से आगाह कराते हैं कि इस बारे में और शोध किए बिना नतीजों का डंका पीटना सही नहीं होगा. लंदन के क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी में वोल्फसन इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन हेल्थ में मानद सलाहकार न्यूरोलजिस्ट और वरिष्ठ लेक्चरर चार्ल्स मार्शल कहते हैं, "बताए गए फायदे काफी कम हैं और मस्तिष्क में सूजन और रक्तस्राव (ब्लीडिंग) जैसे तमाम दुष्प्रभावों के जोखिम के मद्देनजर देखे जाने चाहिए." मार्शल शोध में शामिल नहीं थे.
एमिलॉयड प्रोटीन और अल्जाइमर्स
अल्जाइमर बीमारी के शोध से जुड़े समुदायों में इस नयी दवा ने जो उत्साह पैदा किया है उसकी एक वजह उस सिद्दांत का एक संभावित पुष्टीकरण है जिसके तहत माना जाता है कि ये बीमारी, एमिलॉयड-बीटा नाम के प्रोटीन से सीधे तौर पर जुड़ी है.
नाम के आखिर में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी यानी "मैब" लगाने वाली तमाम दवाओं की तरह, लेकानेमैब एक एंटीबॉडी है और खासतौर पर एमिलॉयड-बीटा प्रोटीन को लक्षित करती है. वायरस जैसे बाहरी पदार्थों से जुड़कर, एंटीबॉडी रोगाणुओं के खिलाफ हमारी प्रतिरोध प्रणाली की प्रतिक्रिया में यह एक अहम भूमिका निभा सकती है.
मनुष्य शरीर स्वाभाविक तौर पर एमिलॉयड-बीटा प्रोटीन बना लेता है- ये इंसानी क्रोमोसोम 21 के एक जीन में निबद्ध होता है. क्रोमसोम 21, इंसानी देह में मौजूद 23 जोड़े क्रोमसोम में से एक है. जब इनमें से बहुत ज्यादा प्रोटीन, मस्तिष्क में जमा हो जाते हैं तो वे प्लैक बना सकते हैं जिनके बारे में कई शोधकर्ताओं का मानना है कि वे अल्जाइमर्स से होने वाले नुकसान का कारण हो सकते हैं. लेकानेमैब के बारे में कहा जाता है कि वो इन प्लैकों की सफाई कर देती है.
लेकिन कुछ शोधकर्ताओं को एमिलॉयड-बीटा प्रोटीन और अल्जाइमर्स के बीच संबंध को लेकर पक्का यकीन नहीं है. न्यूरोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर विलाइन कहते हैं कि, "एमिलॉयड की परिकल्पना को लेकर बहुत सारे साक्ष्य उपलब्ध हैं लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि एमिलॉयड ही अल्जाइमर्स में हर चीज का जिम्मेदार होता है, जबकि मेरे जैसे कुछ लोग मानते हैं कि एमिलॉयड महत्वपूर्ण हैं लेकिन दूसरे फैक्टर भी काम करते हैं."
बायोजन कंपनी की दवा एडुकानुमैब
सितंबर 2016 में बायोजन ने एडुकानुमैब नाम की दवा का तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया था. वो भी एमिलॉयड-बीटा प्रोटीन को टार्गेट करती है. मार्च 2019 में ये ट्रायल रोक दिया गया था. बायोजन की प्रेस रिलीज के मुताबिक वो ट्रायल इसलिए रद्द किया गया क्योंकि शोधकर्ताओं को लगा कि अध्ययन उनके प्रमुख लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगे.
ट्रायल क्यों रोक दिया गया, उसकी वजहें अब भी अस्पष्ट हैं. लेकिन महीनों बाद, कंपनी को अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की ओर से एडुकानुमैब के लिए त्वरित मंजूरी हासिल हो गई. लेकिन यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (ईएमए) ने दवा को रिजेक्ट कर दिया. अल्जाइमर्स और डिमेंशिया पर मायो क्लिनिक के शोधकर्ता डेविड नॉपमैन और उनके सहयोगियों के नवंबर 2020 में प्रकाशित एक लेख में के मुताबिक मंजूरी के कदम को जस्टीफाई करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं थे.
लेकानेमैब दवा के ट्रायल के नतीजों की प्रतिक्रिया में, क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट में वृद्धावस्था औषधि से जुड़े प्रोफेसर पीटर पासमोर कहते हैं, "एफडीए से सिद्धांत के आधार पर और बगैर कोई क्लिनिकल लाभ दिखाए स्वीकृत कर दी गई एडुकानुमैब की तुलना में, लेकानेमैब दवा लगता है कुछ क्लिनिकल फायदे दिखाती प्रतीत होती है." (dw.com)
ईरान में जो विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं उनसे देश की शासन व्यवस्था में कोई बदलाव होगा इसके आसार बहुत कम हैं. शाह के समय से ही क्रांतियों की दशा दिशा देख रहे मौजूदा शासक इनसे निपटने के तौर तरीके जानते हैं.
डॉयचे वैले पर निखिल रंजन की रिपोर्ट-
विश्लेषकों का कहना है कि ईरान के धार्मिक शासक देश में उबल रहे मौजूदा विरोध पर काबू कर लेंगे और इस बात के आसार बहुत कम हैं कि किसी नयी राजनीतिक व्यवस्था का उदय होगा. बात सिर्फ इतनी ही नहीं है. विरोध प्रदर्शनों का रुख बहुत हद तक हिजाब तक सीमित है और दशकों से पर्दे में रहता आया इस्लामी देश कम से कम इस मुद्दे पर तो अपनी सरकार बदलने का माद्दा नहीं दिखायेगा.
अंतरराष्ट्रीय मामलों की भारतीय परिषद के सीनियर रिसर्चर और मध्यपूर्व के जानकार फज्जुर रहमान कहते हैं, "ईरान के लोगों की ज्यादा बड़ी चिंता आर्थिक मुश्किलें हैं, ईरान के व्यापारी से लेकर बुर्जुआ वर्ग तक को हिजाब या पर्दे से उतनी दिक्कत नहीं है, समाज लंबे समय से पर्दे में रहता आया है. ऐसे में यह आंदोलन ईरान की सत्ता में कोई बदलाव का कारण बनेगा इसकी कोई उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही."
प्रदर्शनकारियों के मुताबिक22 साल की महसा अमीनी की मोरलिटी पुलिस की गिरफ्त में हुई मौत के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों ने अब सत्ताधारी मौलवियों की बढ़ती निरंकुशता के खिलाफ विद्रोह का रूप धर लिया है. हालांकि 2011 में ट्यूनीशिया और मिस्र के शासकों को जिस तरह विरोध प्रदर्शनों के बाद सत्ता छोड़नी पड़ी थी उस हाल तक पहुंचने के आसार दूर दूर तक नहीं दिख रहे हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि ईरान के शासकों की सत्ता पर पकड़ काफी मजबूत है और वह इस तरह के विरोध का सामना करने में माहिर हैं.
पिछले कुछ दिनों से वो ईरान की जनता को यह समझाने में जुटे हैं कि यह सब कुछ पश्चिमी देशों और अमेरिका की शह पर हो रहा है. रहमान कहते हैं, "ईरान की सरकार और वहां के लोगों के लिए अमेरिका से बड़ा कोई दुश्मन नहीं है और इस बार भी सरकार लोगों को यह समझाने में सफल रही है कि सब कुछ विदेशी ताकतों के दबाव में हो रहा है ऐसे में ईरान के दूसरे तबकों का समर्थन इन विरोध प्रदर्शनों का उस तरह से नहीं मिल रहा है जो सरकार बदलने के लिये जरूरी है. बीते 40-50 सालों से ईरान के मौलवी अपने लोगों की नब्ज पहचानते रहे हैं और इन विरोध प्रदर्शनों में वो बात नहीं है कि सरकार बदल सके."
रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स का इस्तेमाल नहीं
कई दशकों से मौलवियों के तंत्र ने अपनी भरोसेमंद एलीट फोर्स रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स को हिंसक तरीके से विरोध प्रदर्शनों को दबाने में इस्तेमाल किया है. अब यह चाहे छात्रों का विरोध रहा हो या फिर आर्थिक मुश्किलों के विरोध में आम लोगों का प्रदर्शन. इस बार अब तक ये गार्ड्स सामने नहीं आये हैं लेकिन किसी भी क्षण इन्हें बुलाया जा सकता है.
अगर विरोध प्रदर्शन जारी रहे तो इस्लामिक रिपब्लिक इसका वही समाधान निकालेगा जो आमतौर पर यहां होता आया है. टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज के ईरान प्रोग्राम प्रमुख कसरा अराबी का कहना है, "प्रदर्शन रोकने के लिए निहत्थे आम लोगों के खिलाफ बेरोक टोक हिंसा कभी भी हो सकती है."
विरोध प्रदर्शन को शुरू हुए तीन हफ्ते हो चुके हैं और बीते सालों में ईरान की इस्लामी सत्ता के खिलाफ बड़े प्रदर्शनों में यह शामिल हो चुका है. फिर भी इन विरोध प्रदर्शनों की तुलना 1979 के इस्लामिक क्रांति से नहीं की जा सकती जब दसियों लाख लोग विरोध करने वालों के साथ खड़े होने के लिए सड़कों पर उतर आये थे. विश्लेषकों का यह जरूर कहना है कि इन प्रदर्शनों को जिस तरह का समर्थन और सहयोग मिल रहा है उससे इस्लामिक क्रांति की याद ताजा हो गई है.
अराबी का कहना है, "मौजूदा विरोध प्रदर्शनों की 1979 के प्रदर्शनों से एक समानता है सड़कों पर उतरे लोगों का मूड, जो साफतौर पर क्रांतिकारी है... वे सुधार नहीं बल्कि सत्ता में बदलाव चाहते हैं. निश्चित रूप से कोई इस बात की भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि यह कब होगाः यह हफ्तों, महीनों या सालों में हो सकता है...लेकिन ईरान के लोगों ने अपना मन बना लिया है."
इस्लामिक रिपब्लिक की वैधता को चुनौती देते हुए प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों के आंसू गैस के गोले, लाठियों और कुछ जगहों पर बंदूक की गोलियों की परवाह किये बगैर अयातोल्लाह अल खमेनेई के की तस्वीरें जलाई है और "तनाशाह मुर्दाबाद" के नारे लगाये हैं.
"कोई कमजोरी नहीं"
ईरान के शासक ऐसी कोई कमजोरी नहीं दिखाना चाहते जो उनकी नजर में अमेरिका समर्थित शाह की सत्ता के पतन का कारण बनी थी. उस वक्त शाह की सबसे बड़ी गलती थी कि मानवाधिकार के लिए प्रदर्शन करने वालों का दमन, जिससे वो आम लोगों से दूर चले गये थे. हालांकि कुछ इतिहासकारों का यह भी कहना है कि शाह ज्यादा कमजोर थे और धीमे होने के साथ ही दमन के जरिये समाधान निकालने में सक्षम नहीं थे.
मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट में ईरान प्रोग्राम के निदेशक आलेक्स वातांका का कहना है, "शासन का रुख शाह की तुलना में दमन पर ज्यादा भरोसा करने वाला है."
मानवाधिकार गुटों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों पर सरकार की कार्रवाई में अब तक कम से कम 150 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं जबकि हजारों लोगो को गिरफ्तार किया गया है.
विरोध प्रदर्शनों से ईरान की सरकार को खतरा नहींविरोध प्रदर्शनों से ईरान की सरकार को खतरा नहीं
अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा बलों के कई जवान "विदेशी दुश्मनों से जुड़े बदमाशों और दंगाइयों" के हाथों मारे गये हैं. पिछले दिनों खमेनेई ने भी अपने बयान में अमेरिका और इस्राएल पर "दंगों" को हवा देने का आरोप लगाया था.
विरोध प्रदर्शन अमीनी के इलाके कुर्दिस्तान प्रांत से शुरू हो कर ईरान के सभी 31 राज्यों में फैल गये हैं और इसमें जातीय से लेकर धार्मिक अल्पसंख्यकों तक समाज का कई तबका शामिल हो रहा है. कनाडा में रहने वाले राजनीतिक इस्लाम के विशेषज्ञ वाहिय येसेसॉय कहते हैं, "इन व्यापक प्रदर्शनों ने आबादी के हर उस हिस्से को आकर्षित किया है जिनकी समस्याएं शासन नहीं सुन रहा है."
17 सितंबर को अमीनी के अंतिम संस्कार में कुर्द स्वतंत्रता आंदोलन का एक मशहूर राजनीतिक नारा गूंज रहा था, "औरत, जिंदगी, आजादी." अब यही नारा पूरी दुनिया में अमीनी की मौत के विरोध में हुए प्रदर्शनों में सुनाई दे रहा है.
विश्लेषकों का कहना है कि जातीय विद्रोह के डर से सरकार ने पहले जैसी ज्यादा कठोरता दिखाने की बजाय थोड़ा संयम के साथ दमन का सहारा लिया है.
"मौलवियों के खिलाफ विद्रोह"
टेनेसी यूनिवर्सिटी में राजनीतिक शास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर सईद गोलकर का कहना है कि विरोध प्रदर्शन "धर्मनिरपेक्ष, गैर वैचारिक और कुछ हद तक इस्लाम विरोधी हैं. ईरानी लोग "मौलवियों के खिलाफ विद्रोह कर रहे हैं, जो धर्म का इस्तेमाल लोगों को दबाने के लिए करते हैं."
शाह विरोधी प्रदर्शनों की गूंज राज्यों के शहरों, कस्बों और गांवों में सुनाई दे रही थी लेकिन उनके शासन को सबसे ज्यादा जिसने प्रभावित किया वह तेल कामगारों की हड़ताल थी. इसकी वजह से देश के राजस्व पर असर पड़ा. दूसरी तरफ बाजार के कारोबारी थे जिन्होंने विद्रोही मौलवियों को पैसा दिया.
यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मौजूदा प्रदर्शनों में प्रमुख भूमिका निभाई है, दर्जनों यूनिवर्सिटियों में हड़ताल हुई है लेकिन इस बात के संकेत नहीं हैं कि बाजार या तेल कामगार इसमें शामिल हो रहे हैं.
रहमान ने इस पूरे मामले में अमेरिका के साथ परमाणु करार नहीं होने को भी एक कारण माना है. उनका कहना है, "ईरान की आर्थिक ताकतें प्रतिबंधों के हटने के इंतजार में हैं और वह मामला फंसा हुआ है. अगर करार होने के बाद ये विरोध प्रदर्शन हुए होते और उनसे आर्थिक क्षेत्र में बदलाव की उम्मीद होती तो शायद कुछ हो सकता था."
वातांका का कहना है, "बाजार ने 1979 की क्रांति में बहुत अहम भूमिका निभाई, उस वक्त उन्होंने शाह के लागू किये सुधारों को अपने हितों के खिलाफ देखा और इसलिये क्रांति को समर्थन दिया. आज बाजार के पास बचाने को कुछ नहीं है क्योंकि वह अब अर्थव्यवस्था को नियंत्रित नहीं करता, सब कुछ अब गार्ड्स के हाथों में है."
खमेनेई के भरोसेमंद गार्ड्स ताकतवर सैन्य बल होने के साथ ही एक औद्योगिक साम्राज्य भी चला रहे हैं. ईरान के तेल उद्योग पर नियंत्रण इन्हें राजनीतिक ताकत भी दे रहा है. (dw.com)
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर । प्राकृतिक गैस की क़ीमतों में की गई बड़ी वृद्धि के बाद शनिवार को दिल्ली में सीएनजी और पीएनजी गैस में 3 रुपये की वृद्धि का एलान किया गया है.
इस साल सात मार्च के बाद सीएनजी की कीमत में ये 14 वृद्धि है जबकि आख़िरी बार इसकी कीमत 21 मई को दो रुपये प्रति किलो की दर से बढ़ाई गई थी. इस अवधि में सीएनजी 22.60 रुपये महंगा हो गया.
इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी है कि दिल्ली में सीएनजी की कीमत अब 75.61 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 78.61 रुपये प्रति किलो हो गई है.
पाइप के जरिए रसोई घरों में पहुंचने वाले पीएनजी गैस की कीमत अब दिल्ली में 53.59 रुपये प्रति एससीएम (स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर) हो गई जबकि पहले ये 50.59 रुपये प्रति एससीएम थी.
पीएनजी की कीमतों में पिछले साल अगस्त के बाद से ये दसवीं वृद्धि है. इस दौरान पीएनजी 29.93 रुपये प्रति एससीएम या लगभग 91 फीसदी महंगा हो गया है. स्थानीय करों के मुताबिक़ आईजीएल के दायरे में आने वाले शहरों में ये क़ीमत अलग-अलग हो सकती है. (bbc.com/hindi)
नासिक, 8 अक्टूबर | एक बस के ट्रक में टकरा जाने से बस में आग लग गई, जिससे उसमें बैठे 10 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई और 30 घायल हो गए। नासिक पुलिस ने कहा कि दुर्घटना सुबह करीब पांच बजे नासिक के पास औरंगाबाद रोड पर हुई।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस में आग लग गई, जिससे कई यात्री फस गए, जो तड़के सो रहे थे।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ितों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की और सभी घायलों के शीघ्र मुफ्त इलाज के आदेश दिए।
उन्होंने यह भी कहा कि यवतमाल से मुंबई आ रही बस को टक्कर मारने के सही कारणों का पता लगाने के लिए दुर्घटना की जांच की जाएगी। (आईएएनएस)|
हमने वादा किया था कि 10वीं और 12वीं के टॉपर बच्चों को हम हेलीकॉप्टर राइड कराएँगे।
आज इसकी शुरुआत हो गयी है।
कक्षा 10वीं और 12वीं के 125 छात्र-छात्राएं लेंगे हेलीकॉप्टर जॉयराइड का आनंद।
मांड्या (कर्नाटक), आठ अक्टूबर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अकेले हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है और कन्नड़ जैसी क्षेत्रीय भाषाओं की पहचान को कोई खतरा नहीं है।
राहुल गांधी ने शुक्रवार को कई शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों और शिक्षकों के साथ बातचीत में यह बात कही।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रियांक खड़गे ने पत्रकारों को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी के साथ कन्नड़ की पहचान को लेकर बातचीत की गयी। फिर उन्होंने कहा कि प्रत्येक मातृभाषा अहम है। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं। संविधान में सभी को अधिकार प्राप्त है।’’
कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी खड़गे ने कहा, ‘‘अत: उन्होंने (राहुल गांधी) साफ तौर पर कहा कि अकेले हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है और आपकी भाषा (कन्नड़) की पहचान को कोई खतरा नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि बातचीत में भाग लेने वाले लोगों ने पुष्टि की कि वे कांग्रेस पार्टी से जुड़े नहीं हैं लेकिन संविधान को बचाने के लिए यात्रा में भाग ले रहे हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के रिसर्च विभाग के अध्यक्ष राजीव गौड़ा ने कहा कि बातचीत में शामिल हुए ज्यादातर लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के बाद से शिक्षा क्षेत्र में समस्याओं का मुद्दा उठाया। (भाषा)
चंडीगढ़, 8 अक्टूबर। भारतीय वायुसेना की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर चंडीगढ़ स्थित वायुसेना स्टेशन में शनिवार सुबह औपचारिक परेड का आयोजन किया गया। वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने परेड का निरीक्षण किया, जिसके बाद एक मार्च-पास्ट किया गया।
कार्यक्रम में चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारतीय वायुसेना में अधिकारियों के लिए एक हथियार प्रणाली शाखा की स्थापना को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद वायुसेना में पहली बार एक नयी अभियानगत शाखा बनाई जा रही है।
एअर चीफ मार्शल ने दावा किया कि इस शाखा के बनने से सरकार को उड़ान प्रशिक्षण के खर्च में कटौती कर 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत करने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम में पश्चिमी वायु कमान के एअर-ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एअर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरन सहित कई अन्य वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी मौजूद थे।
वायुसेना प्रमुख जब आयोजन स्थल पर पहुंचे तो विंग कमांडर विशाल जैन के नेतृत्व में तीन एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टरों ने फ्लाई-पास्ट करते हुए भारतीय ध्वज प्रदर्शित किया।
सुखना झील परिसर में वायुसेना दिवस के फ्लाई-पास्ट में लगभग 80 सैन्य विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे।
यह पहली बार है, जब भारतीय वायुसेना दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के बाहर अपनी वार्षिक वायुसेना दिवस परेड और फ्लाई-पास्ट का आयोजन कर रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सुखना लेक में होने वाले फ्लाई-पास्ट में शामिल होंगे। (भाषा)
बेंगलुरु, 8 अक्टूबर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को एक बहुत बड़ी सफलता हाथ लगी है और इसके चंद्रयान-2 ऑर्बिटर में लगे एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर ‘क्लास’ ने पहली बार चंद्रमा की सतह पर प्रचुर मात्रा में सोडियम का पता लगाया है।
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-1 एक्स-रे फ्लूरोसेंस स्पेक्ट्रोमीटर (सी1एक्सएस) ने सोडियम का पता लगाया है जिससे चांद पर सोडियम की मात्रा का पता लगाने की संभावनाओं का रास्ता खुल गया है।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ‘द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स’ में हाल में प्रकाशित एक अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार चंद्रयान-2 ने पहली बार क्लास (चंद्रयान-2 लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स-रे स्पेट्रोमीटर) का इस्तेमाल कर चंद्रमा पर प्रचुर मात्रा में सोडियम की मौजूदगी का पता लगाया है।
बयान में कहा गया, ‘‘बेंगलुरु में इसरो के यू आर राव उपग्रह केंद्र में निर्मित ‘क्लास’ अपनी उच्च संवेदी क्षमता और दक्षता के कारण सोडियम लाइन के स्पष्ट सबूत उपलब्ध कराता है।’’
अध्ययन में पाया गया है कि ऐसा हो सकता है कि चंद्रमा पर सोडियम होने के संकेत संभवत: सोडियम अणुओं की एक पतली परत से भी मिले हों जो चंद्रमा के कणों से कमजोर रूप से जुड़े होते हैं। अगर ये सोडियम चंद्रमा के खनिजों का हिस्सा हैं तो इन सोडियम अणुओं को सौर वायु या पराबैंगनी विकिरण से अधिक आसानी से सतह से बाहर निकाला जा सकता है।
बयान के अनुसार, इस क्षार तत्व में दिलचस्पी पैदा करने वाला एक रोचक पहलू चंद्रमा के महीन वातावरण में इसकी मौजूदगी है, जो कि इतना तंग क्षेत्र है कि वहां अणु भी विरले ही कभी मिलते हैं। इस क्षेत्र को ‘एक्सोस्फीयर’ कहा जाता है, जो चंद्रमा की सतह से शुरू होकर हजारों किलोमीटर तक फैला होता है।
इसरो ने कहा, ‘‘चंद्रयान-2 की इस नयी जानकारी से चंद्रमा पर सतह-एक्सोस्फीयर के बारे में एक नया अध्ययन करने का मौका मिलेगा, जिससे हमारे सौरमंडल में तथा उसके आगे बुध ग्रह और अन्य वायुहीन पिंडों के लिए ऐसे ही मॉडल विकसित करने में मदद मिलेगी।’’ (भाषा)
चिट्टनहाल्ली (कर्नाटक), 8 अक्टूबर। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान शुक्रवार को ढोल की थाप पर नाचने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बड़ी खुशमिजाजी से कहा कि ‘75 साल का जवान आदमी मजे क्यों नहीं कर सकता?’
ग्रामीण कर्नाटक के मांड्या जिले से गुजरने के दौरान कांग्रेस के अन्य सदस्यों के साथ पदयात्रा में दिग्विजय सिंह भी 20 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक पैदल चले।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया के साथ कुछ दूर तक दौड़ लगायी थी और आज दिग्विजय ने यात्रा में शामिल ढोलकियों के साथ थाप पर ‘ठुमके’ लगाए।
अपने नृत्य का छोटा सा वीडियो ट्वीट करते हुए दिग्विजय ने कहा है, ‘‘75 साल का जवान आदमी मजे क्यों नहीं कर सकता!! कल आपने 75 साल के सिद्धरमैया को राहुल जी के साथ दौड़ लगाते देखा!! पुरुषों के लिए, आप उतने ही बुजुर्ग हैं जितना आप महसूस करते हैं, अगर हमें लगता है कि हम जवान हैं, तो फिर क्यों नहीं।’’
गौरतलब है कि दिग्विजय कन्याकुमारी में पदयात्रा की शुरुआत से ही इसमें शामिल हैं और लगातार पैदल चल रहे हैं। बस बीच में वह पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के नामांकन प्रकिया के लिए दिल्ली गए थे।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पहले अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, लेकिन बाद में उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन किया। (भाषा)
सीएम ने कांफ्रेंस में दिए निर्देश
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 8 अक्टूबर। सीएम भूपेश बघेल ने शनिवार को कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में चिटफंड कंपनियों की अन्य प्रदेशों में संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट के माध्यम से शीघ्र कुर्की कराए जाए। साथ ही नशीले पदार्थों की तस्करी को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई करने कहा है ।
उन्होंने कहा कि नशे के नेटवर्क को जड़ से ख़त्म करने के लिए पुलिस सख्त कार्रवाई करे। अन्य राज्यों से हर स्तर पर जरूरी समन्वय करें ।
सोर्स तक पहुँचकर करें कार्रवाई
नोएडा (उप्र), 8 अक्टूबर। शहर में ‘कन्वेयर बेल्ट’ बनाने वाली एक फैक्टरी में आग लगने के बाद रात भर राहत कार्य जारी रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि शहर के औद्योगिक सेक्टर-63 स्थित बहुमंजिला फैक्टरी में रात करीब 11 बजे अचानक आग लग गई।
मुख्य दमकल अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि फैक्टरी में हुई इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस इकाई में रबड़ आधारित ‘कन्वेयर बेल्ट’ का निर्माण किया जाता था।
राहत अभियान की देखरेख कर रहे सिंह ने बीती रात लगभग डेढ़ बजे कहा, ‘‘आग लगने की घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग के कर्मी पानी के लगभग एक दर्जन टैंकरों के साथ मौके पर भेजे गए। कई स्थानों पर आग पर काबू पा लिया गया है। हालांकि, इसे पूरी तरह से बुझाने के प्रयास जारी हैं।’’
उन्होंने बताया कि स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण पाने के बाद ही आग लगने के असल कारण और संपत्ति के नुकसान का आकलन किया जाएगा।
इससे पहले शुक्रवार को शहर के सेक्टर-3 में दिन में हुई हल्की बारिश के बीच प्लास्टिक का सामान बनाने वाली एक फैक्टरी में भीषण आग लग गई थी। (भाषा)
मुंबई, 8 अक्टूबर। महाराष्ट्र के नासिक शहर में शनिवार सुबह एक ट्रेलर ट्रक से भीषण टक्कर के बाद एक निजी बस में आग लग गई। इस हादसे में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गयी और 38 अन्य घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि हादसा सुबह लगभग सवा पांच बजे नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर नांदुर नाका पर उस समय हुआ जब पूर्वी महाराष्ट्र के यवतमाल से मुंबई जा रही ‘स्लीपर’ कोच वाली निजी बस एक ट्रेलर ट्रक से टकरा गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे में लोगों की मौत पर दुख जताया और कहा कि मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों में से प्रत्येक को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की और कहा कि घायलों के इलाज का खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
नासिक के पुलिस आयुक्त जयंत नाइकनवारे ने कहा, ‘‘यवतमाल से मुंबई जा रही एक लग्जरी बस नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर मिर्ची होटल के समीप एक चौराहे पर पुणे जा रहे एक ट्रेलर ट्रक से टकरा गई। ट्रक से टक्कर होने के तुरंत बाद बस में आग लग गयी जिसमें 11 यात्रियों की मौत हो गयी।’’
उन्होंने बताया कि घायलों को नासिक में जिला सिविल हॉस्पिटल तथा एक अन्य निजी चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि बस में आग लगने से पहले इसने एक मिनी मालवाहक वैन को भी टक्कर मारी जिसके कारण वह पलट गयी।
वहीं, एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि हादसे में 38 लोग घायल हुए हैं।
उन्होंने बताया कि हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस, दमकल और अन्य एजेंसियां घटनास्थल पर पहुंचीं और बचाव अभियान शुरू किया गया तथा आग बुझा दी गयी।
बहरहाल, हादसे में बस पूरी तरह जलकर खाक हो गयी।
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग इतनी भीषण थी कि वे कुछ वक्त तक यात्रियों को बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाए और बेबस खड़े देखते रहे।
अधिकारियों ने बताया कि हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ घायलों की हालत गंभीर है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘नासिक में बस हादसे से दुखी हूं। इस हादसे में अपने प्रियजनों को गंवाने वाले लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की हरंसभव मदद कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से नासिक में बस हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को दो लाख रुपये की अनु्ग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।’’ (भाषा)
जयपुर, 8 अक्टूबर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा ‘निवेश राजस्थान समिट’ के दौरान अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी को ‘‘गौतम भाई’’ संबोधित कर उनकी प्रशंसा करने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कांग्रेस पर तंज कसा है।
उद्ययोगपति गौतम अडाणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर केवल बड़े व्यापारियों की मदद करने का आरोप लगाते हैं।
भाजपा पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार रात को कहा कि कांग्रेस कभी भी उद्योगों के खिलाफ नहीं रही। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस सरकार के अंधविरोध में युवाओं के भविष्य का विरोध कर रही है भाजपा।
गहलोत ने एक बयान में कहा, ‘‘आज देश-दुनिया के बिजनेसमैन यहां आए और यहां मिले सम्मान से अभिभूत दिखे। 3000 से अधिक निवेशकों में सभी विचारधाराओं के व्यापारी शामिल थे। जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि कई व्यापारी किसी पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो क्या वो दूसरे राज्यों में निवेश नहीं करते?’’
एशिया के सबसे अमीर गौतम अडाणी ने शुक्रवार को निवेश राजस्थान समिट 2022 के उद्घाटन समारोह में भाग लिया और गहलोत के समक्ष उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। वह मंच पर गहलोत के बगल में बैठे थे। न केवल गहलोत ने अडाणी की प्रशंसा की बल्कि अडाणी ने भी गहलोत की योजनाओं और दूरदर्शिता की प्रशंसा की।
अडाणी ने अगले पांच से सात वर्षों में राज्य में 10,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा सुविधा की स्थापना, सीमेंट संयंत्र का विस्तार और जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उन्नयन के लिये राज्य में 65,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है।
गहलोत ने अपने संबोधन में उद्योगपति गौतम अडाणी को "गौतम भाई" के रूप में संबोधित किया और उन्हें दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बनने के लिए बधाई दी।
जब गहलोत ने अडाणी की प्रशंसा की तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने उद्योगपति का नाम लिए बिना एक ट्वीट किया जिसमें कहा गया था कि केंद्र ‘‘पूंजीवादी मित्रों’’ के कई करोड़ रुपये का ऋण माफ कर रहा है जबकि अन्य लोग कर्ज का जीवन में जी रहे हैं।
उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा में एक घटना को याद करते हुए ट्वीट किया, ‘‘कल मैं एक महिला से मिला उनके किसान पति ने 50,000 के कर्ज़ के कारण आत्महत्या कर ली। एक भारत: पूंजीपति मित्रों को 6 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज़ और करोड़ों की कर्ज़माफ़ी। दूसरा, भारत: अन्नदाताओं को 24 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज़ और कष्टों से भरी ज़िंदगी एक देश में ये ‘दो भारत’, हम स्वीकार नहीं करेंगे।’’
कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने 47 सेकंड की एक क्लिप साझा की जिसमें राहुल गांधी ने संसद में अडाणी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला किया।
उन्होंने कहा कि जहां राहुल गांधी केंद्र पर अडाणी और अंबानी का पक्ष लेने का आरोप लगाते हैं वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री इन दोनों दिग्गजों कारोबारियों के पक्षधर हैं।
उन्होंने क्लिप के साथ ट्वीट में कहा, ‘‘कल तक जो था विरोधी, आज बना मनमीत, धन की जगी उम्मीद तो बदली अपनी रीत।’’
भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने उद्घाटन समारोह में अडाणी के साथ बैठे गहलोत की एक तस्वीर साझा करते हुए कहा कि यह कांग्रेस आलाकमान के चेहरे पर एक करारा तमाचा है।
एक अन्य ट्वीट में देवनानी ने एक वीडियो भी शेयर किया जिसमें गहलोत अडानी को दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बनने पर बधाई दे रहे हैं।
उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी जी जिस अडाणी समूह को पानी पी-पी कर कोसते रहते हैं, आज निवेश राजस्थान समिट में उन्हीं के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी की यह दुर्लभ तस्वीर कांग्रेस आलाकमान के मुंह पर करारा तमाचा है।’’
उद्घाटन समारोह में गहलोत के संबोधन के वीडियो क्लिप में मुख्यमंत्री अडाणी को दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति होने पर बधाई दे रहे हैं। क्लिप में गहलोत उद्योगपति को ‘गौतम भाई’ कहते हुए सुने जा सकते हैं।
देवनानी ने वीडियो क्लिप के साथ लिखा, ‘‘अडाणी का नाम लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर रहने वाले मुख्यमंत्री जी अपनी अस्थिर सरकार को बचाने के लिए अपने अन्तिम समय में राजस्थान के करोड़ों नागरिकों के मध्य अडाणी की प्रशंसा करते हुए नहीं थक रहे हैं। यह निवेश समिट सिर्फ कागजी एव हवा हवाई वादों के पुल के सिवा कुछ नहीं है।’’
अडाणी उन अन्य प्रमुख उद्योगपतियों में शामिल थे, जिन्होंने जयपुर एक्जीबीशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में आयोजित दो दिवसीय निवेश राजस्थान समिट के उद्घाटन समारोह में भाग लिया।
निवेश समिट के दौरान अडाणी ने राजस्थान में अगले 5 से 7 वर्षों में 10,000 मेगावाट तक सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने, सीमेंट संयंत्र का विस्तार करने और जयपुर हवाई अड्डे के उन्नयन के लिए 65,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की।
उद्योगपति अडाणी ने गहलोत की दूरदृष्टि और सामाजिक सुरक्षा योजना की भी प्रशंसा की। उन्होंने यह भी याद किया कि गहलोत के मुख्यमंत्री के पूर्व शासनकाल के दौरान सरकार द्वारा बिजली परियोजना स्थापित करने के लिए उनकी कंपनी को किस प्रकार समर्थन दिया गया था।
उद्घाटन सत्र समाप्त होने के बाद अडाणी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने राज्य के जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, उनमें दो मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए भी योगदान देने और उदयपुर में एक क्रिकेट स्टेडियम में योगदान करने का वादा किया है।
राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के अध्यक्ष वैभव गहलोत ने उदयपुर में स्टेडियम के लिए अडाणी की पहल के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। वैभव गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वायुसेना दिवस पर वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को बधाई दी।
मोदी ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने दशकों से असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया है, राष्ट्र की रक्षा की है और आपदाओं के दौरान उल्लेखनीय मानवीय भावना दिखाई है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘वायुसेना दिवस पर साहसी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को मेरी शुभकामनाएं। 'नभः स्पृशं दीप्तम्' के आदर्श वाक्य के अनुरूप भारतीय वायुसेना ने दशकों से असाधारण निपुणता का प्रदर्शन किया है। उन्होंने राष्ट्र की रक्षा की है और आपदाओं के दौरान उल्लेखनीय मानवीय भावना भी दिखाई है।’’
'नभः स्पृशं दीप्तम्' एक संस्कृत वाक्यांश है, जिसका हिंदी अर्थ ‘गर्व के साथ आकाश को छूना’ है।(भाषा)
नयी दिल्ली, 8 अक्टूबर। पंजाब का 13 वर्षीय लड़का अपने पसंदीदा यूट्यूबर निश्चय मल्हान से मिलने के लिए अपनी क्लास छोड़कर करीब 300 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर दिल्ली पहुंचा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि तीन दिन बाद शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने उसे पीतमपुरा के एक पार्क में खोजा, जहां मल्हान का घर है और उसे पटियाला में उसके परिवार से मिला दिया।
लड़के के चार अक्टूबर को लापता होने के बाद उसके माता-पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘मामला पटियाला में दर्ज किया गया था और यहां मौर्य एन्क्लेव थाना के अधिकारियों को लड़के के बारे में जानकारी मिली और यह भी कि यूट्यूबर पीतमपुरा में रहता है।’’
पुलिस ने इलाके के सभी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के व्हाट्सऐप ग्रुप पर लड़के के बारे में जानकारी प्रसारित की। अधिकारी ने बताया, ‘‘आखिरकार, हमें एक सीसीटीवी फुटेज मिला, जिसमें वह मल्हान के घर के पास एक साइकिल पर दिखाई दे रहा था। पुलिस की एक टीम ने उसके मार्ग का अनुसरण किया और उसे पीतमपुरा के जिला पार्क में पाया। आज शाम लगभग पांच बजे उसकी अपने परिवार के साथ मुलाकात हुई।’’ (भाषा)