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बेचने ग्राहक तलाश रहे थे, 15 लाख है कीमत
रायपुर, 7 अक्टूबर। राजधानी के अलग - अलग स्थानों से 32 दोपहिया वाहन चोरी करने वाले छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें एक एवं विधि के साथ संघर्षरत तीन बच्चे हैं। इन आरोपियों को पकड़ने एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट की एक विशेष टीम का गठन किया गया था।
ये लोग बड़े ही शातिर व प्रोफेशनल तरीके चोरी करते थे। इनके पास से जप्त वाहनों की कीमत लगभग 15 लाख रूपए आंकी गई है।
गाड़ियों की पहचान छिपाने फर्जी नंबर प्लेट लगाते थे। इंजन व चेचिस नंबर के आधार पर मालिकों की पतासाजी की जा रहीं है।
इनके खिलाफ थाना तेलीबांधा, खम्हारडीह एवं मौदहापारा में अपराध पंजीबद्ध है।टिकरापारा ने शुक्रवार को धारा 41(1$4) जा.फौ./379 भादवि. के तहत कार्यवाही की है। मुखबिर ने सूचना दी कि भाठागांव न्यू बस स्टैण्ड पास एक व्यक्ति दोपहिया वाहन बिक्री करने की फिराक में ग्राहक की तलाश कर रहा है। पुलिस ने मुखबीर के बताए हुलिए के व्यक्ति एवं वाहन को पकड़ा। उसने अपना नाम शंकर पनका उर्फ शंकर देवदास निवासी टिकरापारा बताया। शंकर पनका से कड़ाई से पूछताछ में वाहन चोरी का होना बताया। यह चोरी अपने अन्य 05 साथियों के साथ मिलकर रायपुर के अलग-अलग इलाकों से करना बताया। इस पर उन्हें भी पकड़ा। और
उनके कब्जे से चोरी की 32 नग दोपहिया वाहन कीमती लगभग 15 लाख रूपए जप्त किए गए। शंकर पनका उर्फ शंकर देवदास उम्र 48 वर्ष निवासी सतबहनिया मंदिर के पास श्रीराम चौक टिकरापारा, ऋषभ उर्फ सोनू कुमार मानवटकर उम्र 20 वर्ष निवासी बड़ा अशोक नगर बाजारपारा गुढ़ियारी, सत्येन्द्र पाण्डे 25 वर्ष निवासी कुकुरबेड़ा थाना आमानाका शामिल हैं।
रायपुर, 7 अक्टूबर। कांग्रेस सरकार बनने के बाद बस्तर में विकास और शांति के नये युग का सूत्रपात हुआ है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पिछले चार सालों में कांग्रेस सरकार के कामों से बस्तर की जनता कांग्रेस के प्रति भरोसा और बढ़ा है। कांग्रेस ने आदिवासियों से किए वादों को पूरा किया। चार साल में आदिवासी वर्ग के हित के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजना बनाई गई। बस्तर क्षेत्र में आदिवासी के वर्ग शिक्षा के लिए 300 से अधिक बंद स्कूलों को शुरू किया गया। नक्सलवाद को खत्म करने के लिए विश्वास, विकास और सुरक्षा के नीतियों के तहत काम किया गया। रमन सरकार के दौरान लोहंडीगुडा दस गांवों के 1707 आदिवासी परिवार से छीनी गई 4200 एकड़ जमीन को लौटाई गई।जस्टिस पटनायक कमेटी की अनुशंसा पर जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को जेल से मुक्त कराया गया। 870 मामलो में बंद निर्दोषों की रिहाई हुई। तेंदूपत्ता का मानक दर 2500 रु से बढ़ाकर 4000 रु प्रति बोरा किया गया। 65 वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी की गई, चरणपादुका खरीदने नगद राशि दी गई। बस्तर में मक्का प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया। 24827 व्यक्तिगत 20,000 से अधिक सामुदायिक व 2200 वन संसाधन पट्टे वितरित किए गए, 16 लाख से अधिक हेक्टर भूमि आदिवासी वर्ग को वितरित किया गया है। 4,38,000 से अधिक व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित करने का शुरू किया गया।
मरकाम ने कहा कि 44,300 से अधिक सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किया गया। 2175 से अधिक वन संसाधन अधिकार ग्राम सभा को प्रदान की गई। मिलेट मिशन शुरू किया गया और बस्तर के वनोपज को देश-विदेश तक पहुँचाया गया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान, गन्ना, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी, मक्का, दलहन-तिलहन, फलदार वृक्ष, सब्जी लगाने वाले आदिवासी किसानों को 10,000 रू. प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। बिजली बिल हाफ की सुविधाएं। सिंचाई कर माफ किया गया। बस्तर बटालियन में स्थानीय युवाओं के नौकरी के द्वार खोले गए। एनएमडीसी में स्थानीय स्तर के युवाओं को रोजगार के अवसर दिया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सक्ती, 7 अक्टूबर। घर के बाहर बिस्कुट खरीदने के लिए निकले एक मासूम को गिट्टी से भरे बेकाबू ट्रैक्टर ने अपनी चपेट में ले लिया, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने ट्रैक्टर के इंजन में आग लगा दी और चालक को पकड़कर जमकर पीटा। उसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
जैजैपुर पुलिस के मुताबिक बालक निखिल कोसले घर के पास एक किराना दुकान से बिस्कुट खरीदकर लौट रहा था। इसी दौरान सड़क पार करते समय ट्रैक्टर को चालक ने तेज रफ्तार से चलाते हुए उसे कुचल दिया। मौके पर मौजूद लोग उसे लेकर तुरंत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने बताया कि सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गई है। इधर आक्रोशित ग्रामीणों ने ट्रैक्टर चालक को दबोच लिया। उन्होंने रास्ता जाम कर दिया। उसे ग्रामीणों ने जमकर धुना और बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया। इस बीच राहौद के तहसीलदार ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया। पुलिस ने मामले में अपराध दर्ज किया है।
रायपुर, 7 अक्टूबर। राज्य शासन ने खनिज विभाग के 2 संयुक्त संचालक, 6 उप संचालकों के अलावा 40 अन्य अधिकारी, कर्मचारियों को स्थानांतरित किया है। पिछले माह जिन चार खनिज अधिकारियों के यहां आईटी ने छापेमारी की थी उन्हें फील्ड पोस्टिंग से नहीं हटाया गया है। देखें आदेश ------
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 अक्टूबर। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव आर. प्रसन्ना ने मंत्रालय के एक लिपिक का जब्त कर लिया है। यह लिपिक मंत्री के हस्ताक्षर से पहले ही तबादले की प्रस्तावित सूची के कुछ पन्नों को संबंधितों को वाट्स एप में शेयर कर रहा था। इसके एवज उसका धनार्जन करना स्वार्थ था। जब यह बात सचिव प्रसन्ना को मालूम हुई तो उन्होंने उस लिपिक को बुलाकर उसका मोबाइल चैक किया। उसमें गुरुवार को प्रस्तावित तबादला प्रस्तावों के कई पन्ने सेंड आप्शन में मिले।जो कुछ डाक्टरों और अन्य चिकित्सा अधिकारियों के थे। पहले तो प्रसन्ना ने उस लिपिक को जमकर फटकार लगाई और फिर मोबाइल जब्त कर लिया।
सूत्रों ने लिपिक को 2016 बैच का बताया है। यह अकेला नहीं है, मंत्रालय या मंत्री स्टाफ में भी ऐसे कई और लिपिक हैं जो प्रस्तावित सूची को प्रभावितों को भेजने मात्र के लिए रिश्वत या इनाम लेते हैं। इस आधार पर प्रभावित तबादले रूकवाने की कोशिश में लग जाते हैं। इससे पहले उच्च शिक्षा सचिव भुवनेश यादव ने भी अपने सेक्शन के लिपिक को पूरे स्टाफ के समक्ष चेतावनी दी थी। वह लिपिक फाइव मूवमेंट की जानकारी देकर पेटीएम से राशि ले रहा था। इसकी भनक मिलने पर मंत्री उमेश पटेल ने ही सचिव को इसकी सूचना दी थी।
भृत्य की सेवा समाप्त
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अंतर्गत खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग,रायपुर में कलेक्टर दर पर पदस्थ भृत्य (मंत्रालय में अटैच) चन्द्रदीप टंडन को पद से हटा दिया गया है।
टंडन द्वारा मोबाईल के माध्यम से मैदानी क्षेत्र के कार्यालयों में अधिकारियों/कर्मचारियों से कार्य करवाने के एवज में पैसों की मांग की जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। जाँच उपरांत शिकायत सही पाए जाने पर कार्यवाही करते हुए नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उसकी सेवा समाप्त कर दी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 7 अक्टूबर। विकासखण्ड मुख्यालय के 10 किलोमीटर परिधि में ऊंची पहुच वाले शिक्षकों की भरमार ने ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को अल्प शिक्षकीय या शिक्षक विहीन बना दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण चरमराई शिक्षा व्यवस्था इस चुनाव में बड़ा चुनावी मुद्दा होगा।
प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे कथित उत्कृष्ट विद्यालय एवम स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की चमक ने पारंपरिक रूप से ग्रामीण बच्चों के लिए उपयोगी स्कूलों को बन्द की कगार पर पहुंचा दिया है। सरकार ने शिक्षकों की बेहिसाब नियुक्तियां तो की है परन्तु इनकी पदस्थापना में नेतागिरी ने ग्रामीण विद्यालयों को करीब करीब बन्द ही करवा दिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश स्कूल अब मात्र औपचारिक रूप से संचालित दिखते हंै। ग्रामीण स्कूलों में अनेक स्कूल शिक्षक विहीन बताए गए हैं, जबकि अधिकांश स्कूलों में पर्याप्त छात्र संख्या के बावजूद ये स्कूल शिक्षको की कमी से जूझ रहे हैं।
एक जानकारी के अनुसार विकासखण्ड मुख्यालय के 10 किलोमीटर दायरे के प्राय: सभी स्कूलों में अतिशेष शिक्षक हैं। कुछ स्कूलों में तो कुल दर्ज संख्या से 50 फीसदी शिक्षक पदस्थ हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल एक एक शिक्षक के लिए तरस रहे हैं।
इस सम्बंध में बताया जाता है कि मोटी सैलरी के कारण शिक्षक शहरों में निवास कर ग्रामीण बच्चों को उनके हालात पर छोड़ कर अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। जिससे स्वाभाविक रूप से ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हंै।
व्यवस्था करने पर जिले द्वारा वापस भेजा जाता है- बीईओ
उक्त मामले में स्थानिय खण्ड शिक्षा अधिकारी के के ठाकुर ने बताया कि विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी है परन्तु नगर के 10 किलोमीटर की परिधि में स्थित स्कूलों में अतिशेष शिक्षक पदस्थ है। अतिशेष को हटा कर आवश्कता वाले स्कूलों में पदस्थ करने से तत्काल उच्च स्तर से इन शिक्षकों को यथावत या अन्य शिक्षकों से भरे स्कूलों में पदस्थ करने के लिए निर्देश कर दिए जाते है, इसलिए शिक्षकों से रिक्त स्कूलों में शिक्षक भेज पाने में असमर्थ है।
शिक्षकों से रिक्त स्कूल राजनीतिक मजबूरी- डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी सौरिन चन्दरसैनि ने बताया कि जिले भर के शहरी स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों एवं ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक विहीन स्कूलों की जानकारी शासन को लगातार भेजी जा रही है। किसी ग्रामीण आंदोलन के बाद शिक्षक विहीन स्कूल में किसी स्कूल के अतिशेष शिक्षक को वहां पदस्थ करते ही ऊपर से अतिशेष शिक्षक को जस का तस रहने का दबाव आ जाता है, जिससे ग्रामीण स्कूल पुन: रिक्त हो जाते हंै।
इस समस्या से निजात पाने के लिए शासन जिला शिक्षा अधिकारी को युक्तियुक्तकरण का अधिकार दे जिससे अतिशेष शिक्षकों को छात्र संख्या के आधार पर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पदस्थ कर समाधान कर सके।
अमलोर में एक पद के लिए दो-दो माह काम करेंगे तीन शिक्षक
मिली जानकारी के अनुसार विगत दिनों महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम अमलोर में शिक्षक नियुक्ति को लेकर ग्रामीण आंदोलन कर रहे थे। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा तत्काल शहर के करीबी एक स्कूल में पदस्थ शिक्षक को अमलोर भेजने के आदेश कर दिए, परन्तु उक्त शिक्षक अपनी ऊंची पहुंच के कारण पूर्व की तरह ही अतिशेष स्कूल में रह गए।
इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने लगातार 3 शिक्षको के आदेश अमलोर स्कूल के लिए किए, परन्तु एक एक कर सभी शिक्षकों ने वहां जाने से मना कर दिया और अपनी पहुंच का फायदा उठाते हुए यथावत रहे। परन्तु ग्रामीणों के दबाव के चलत्व शिक्षा अधिकारी ने चार शिक्षकों को दो-दो माह अमलोर में पदस्थ रहने के लिए मना लिया।
-इमरान क़ुरैशी
गुरुवार को 'भारत जोड़ो यात्रा' में पहली बार सोनिया गांधी ने हिस्सा लिया. कर्नाटक के मंड्या ज़िले में वो अपने बेटे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ क़रीब 45 मिनट तक साथ चलीं. इसे पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए प्रोत्साहन की तरह देखा जा रहा है.
सोनिया गांधी की तबीयत ठीक नहीं चल रही है. वो देर से यात्रा से जुड़ीं, लेकिन पूरे जोश के साथ अपने बेटे, कर्नाटक के नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ क़रीब 45 मिनट तक चलीं. एक मौका ऐसा भी आया जब राहुल गांधी अपनी मां के जूते का फीता बांधते हुए दिखे.
बेलगावी ज़िले के ख़ानपुर से कांग्रेस विधायक डॉक्टर अंजलि निम्बाल्कर के मुताबिक़, "45 मिनट के दौरान उन्होंने दो बार आराम करने के लिए ब्रेक लिया और फिर यात्रा से जुड़ीं. वो स्वस्थ हैं. उन्होंने राहुल जी और दूसरे लोगों से बात की. उन्होंने मुझसे कहा कि वो ख़ुश हैं कि इतनी सारी महिलाएं यात्रा में हिस्सा ले रही हैं और हर तरफ़ यात्रा को देखने के लिए भी महिलाएं इकट्ठा हैं."
सुबह 6.30 बजे शुरू हुई यात्रा में जब 11.30 बजे पहली बार ब्रेक हुआ तो सोनिया गांधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात की. यात्रा 4.30 बजे फिर शुरू हुई और 7 बजे राहुल गांधी की सभा के साथ ख़त्म हुई.
सोनिया के चेहरे से मदद मिलेगी?
मंड्या को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. सोनिया गांधी के वहां यात्रा में जुड़ने से कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा है. पिछले कुछ सालों से दक्षिण कर्नाटक के इस ज़िले में जनता दल सेकुलर (जेडीएस) का दबदबा बढ़ा है.
इस ज़िले में सबसे अधिक आबादी उच्च जाति के वोक्कालिगा समुदाय की है और इस समुदाय ने दक्षिण कर्नाटक के ज़िलों में कांग्रेस के मुख्य विरोधी जेडीएस का साथ दिया है. बीजेपी को लिंगायत समुदाय का समर्थन है जिनका दबदबा उत्तर के ज़िलों में है. बीजेपी भी दक्षिण कर्नाटक के ज़िलों में अपनी पकड़ मज़बूत करने की कोशिश कर रही है.
कांग्रेस के कार्यकर्ता और वकील टीएस सत्यानंद कहते हैं, "इससे पार्टी को मदद मिलेगी क्योंकि पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा है. सोनिया के प्रति लोगों का प्यार है और पांचवीं बार वो ज़िले में आई हैं."
लेकिन क्या ये जोश सात महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव तक कायम रहेगा?
सत्यानंद कहते हैं, "हौसले को बरक़रार रखना एक निरंतर प्रक्रिया है. 2018 विधानसभा चुनाव और 2019 लोकसभा के बाद ज़िले के ज़मीनी हालात बदले हैं.
पिछले कुछ दशकों में पहली बार हमारी पार्टी ने विधान परिषद में हमारे ज़िले की स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों का चुनाव जीता है. सोनिया का हिस्सा लेना कुछ समय के लिए ही सही, लेकिन जेडीएस से सीटें वापस जीतने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रेरित करेगा."
क्या हौसला बरक़रार रहेगा?
जानकार मानते हैं कि सोनिया गांधी के हिस्सा लेने से कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ेगा, लेकिन इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि ये हौसला बीजेपी शासित प्रदेश में उन्हें टक्कर देने के लिए चुनाव तक कायम रहेगा. साल 2018 से कांग्रेस और बीजेपी की सरकार बारी-बारी से सत्ता में आती रही है. साल 2018-19 में कुछ समय के लिए जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार थी.
राजनीतिक जानकार और मैसूर विश्वविद्यालय की कला संकाय (आर्ट्स फ़ैकल्टी) के चेयरमेन प्रोफ़ेसर मुज़फ़्फ़र अस्सादी कहते हैं, "सोनिया का हिस्सा लेना प्रतीकात्मक है. वो एक पॉपुलर नेता रही हैं, इसमें कोई शक नहीं हैं, लेकिन कई लोगों को ऐसा लगता है कि इसका बहुत असर नहीं होगा क्योंकि राहुल की पदयात्रा से ज़्यादा पावरफ़ुल मैसेज जा रहा है."
सोनिया गांधी कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की मुख्य कैंपेनर में से एक रही हैं. कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार उन्होंने बेंगलूरू में भाषण दिया था और विरोधियों को चैलेंज किया था कि वो उनके पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर बोफ़ोर्स स्कैम में लगे भ्रष्टाचार के आरोप साबित कर दिखाएं.
इसके बाद उन्होंने 1999 में बेल्लारी से लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता सुषमा स्वराज को मात दी. दोनों के बीच कड़ी टक्कर हुई, लेकिन जब राज्यसभा ने महिला आरक्षण से जुड़ा बिल पास किया तो दोनों ने गले मिलकर राजनीतिक मतभेद भुला दिए. उनके गले मिलने ने राजनीतिक मर्यादा को फिर से परिभाषित किया.
प्रोफ़ेसर अस्सादी कहते हैं, "हालांकि उनका यहां आना उन निराश हो चुके कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उम्मीद देगा जिन्हें लगता है कि उन्हें भारत जोड़ो आंदोलन में नज़रअंदाज़ कर दिया गया. ये राजनीति के लिहाज़ से बड़ा सिग्नल नहीं है, लेकिन कार्यकर्ताओं के लिए है.
अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के राजनीतिक जानकार और पब्लिक पॉलिसी के प्रोफ़ेसर ए नारायण का भी मानना है कि सोनिया का हिस्सा लेना "सुस्त हो चुके पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूकेंगा,
लेकिन इसका बहुत लंबा असर होगा, ऐसा नहीं लगता. पार्टी कर्नाटक में यात्रा को अधिक अधिक महत्व दे रही है क्योंकि चुनाव यहां अगले साल की शुरुआत में हैं."
नारायण कहते हैं, "इस बात पर बहुत कुछ निर्भर करेगा कि सोनिया के हिस्सा लेने और भारत जोड़ो यात्रा के बाद फ़ॉलो अप कैसे किया जाता है. इसके अलावा कांग्रेस कैसे बीजेपी के कैंपन का सामना करती है जो राहुल गांधी की यात्रा के कर्नाटक आने के बाद शुरू हुई है. बीजेपी जिस तरह के विज्ञापन कन्नड़ मीडिया में दे रही है, उससे लग रहा है कि यात्रा का कुछ बड़ा असर हो सकता है."
यात्रा के ख़िलाफ़ बीजेपी का कैंपेन
कर्नाटक में यात्रा के आने के बाद हफ़्ते में दूसरी बार बीजेपी के कन्नड़ अख़बारों में पूरे पन्ने का विज्ञापन दिया है जिसमें कांग्रेस और उनके नेताओं पर कई आरोप लगाए गए हैं.
एक कन्नड़ अख़बार में गुरुवार को एक विज्ञापन छपा जो कि किसी आम दिन की ख़बरों जैसा नज़र आ रहा था. फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि ये पुरानी ख़बरे थीं जिनमें कांग्रेस की आलोचना की गई थी.
पहली कहानी में बताया गया है कि राहुल गांधी नवंबर 2008 में हुए आतंकी हमलों के दौरान पार्टी कर रहे थे. इस पन्ने पर एक और ख़बर छपी है जिसमें लिखा गया है कि उस वक्त के मुख़्यमंत्री सिद्धारमैया ने पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया के सदस्यों को जेल से रिहा करवाया था. इस संस्था पर हाल में ही केंद्र सरकार ने बैन लगाया है.
मुख्य लेख के बगल में लगा एक और लेख स्पीकर रमेश कुमार के भाषण के बारे में है कि कार्यकर्ताओं ने पिछले तीन दशकों में बहुत कमाई कर ली है और अब पार्टी को वापस करने का समय है. इस कहानी में रमेश कुमार के उस बयान का ज़िक्र नहीं है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया था.
इस पन्ने पर कर्नाटक के पार्टी प्रेसिडेंट डीके शिवकुमार के ख़िलाफ़ ईडी द्वारा दायर की गई चार्जशीट का भी ज़िक्र है. पन्ने के दाहिनी तरफ़ नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़ी एक ख़बर है जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और दूसरे कांग्रेस नेताओं का ज़िक्र है. इसी ख़बर के नीचे कोने में छोटे अक्षरों में लिखा है कि इसे बीजेपी ने प्रकाशित करवाया है.
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का बीजेपी पर कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा, "हर पार्टी के नेता काम कर रहे हैं और सोनिया गांधी आधा किलोमीटर चलने के बाद चली गईं. इस चीज़ों का पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ता."
बोम्मई ने कहा, "जैसा कि भारत जोड़ो यात्रा से पहले फ़ैसला लिया गया था", बीजेपी छह रैलियां करेगी. इनमें से एक रैली ओबीसी समाज की कलबुर्गी में होगी और इसमें प्रधानमंत्री भाषण देंगे. इसके अलावा पार्टी ने एलान किया है कि बोम्मई और पार्टी के स्टार कैंपेनर और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा 11 अक्तूबर से रायचूर ज़िले से तीन महीने लंबी यात्रा की शुरुआत करेंगे.
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 7 अक्टूबर। आईपीएस उदय किरण ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के पुलिस अधीक्षक का कार्यभार गुरुवार की शाम संभाल लिया। जिला मुख्यालय के पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया।
2005 बैच के आईपीएस उदय किरण इससे पूर्व पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक थे। जीपीएम से आई.कल्याण एलेसेला का स्थानांतरण पुलिस अधीक्षक बेमेतरा पद पर किया गया है।
कई घोषणाएं, विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमि पूजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 7 अक्टूबर। बस्तर दशहरा के अंतर्गत मुरिया दरबार सहित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दंतेश्वरी मंदिर में मां दंतेश्वरी की विधि विधान से पूजा-अर्चना की और प्रदेश की सुख समृद्धि व खुशहाली का आशीर्वाद मांगा। श्री बघेल मुरिया दरबार में भी शामिल हुए, और कई घोषणाएं की।
सीएम भूपेश बघेल द्वारा मुरिया दरबार में कई घोषणाएं की। उन्होंने मांझी चालकी सहित बस्तर दशहरा के आयोजन से जुड़े सदस्यों के पोशाक के लिए 5 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की। साथ ही शहीद हरचंद के नाम पर तोकापाल शासकीय महाविद्यालय का नामकरण करने की घोषणा की। इसके अलावा जरकरन भतरा के नाम पर बकावंड शासकीय महाविद्यालय का नामकरण करने की घोषणा की।
इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम, सांसद दीपक बैज, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव रेखचन्द जैन, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, नगर निगम सभापति कविता साहू सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
झाड़ा सिरहा की प्रतिमा का अनावरण
पौने दो सौ करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास
बस्तर दशहरा में शामिल होने पहुँचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिरहासार भवन के समीप शहीद स्मारक परिसर में मुरिया विद्रोह के जन नायक झाड़ा सिरहा की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बस्तर जिले में 89 विकास कार्यों लागत लगभग 173 करोड़ 28 लाख से अधिक राशि का लोकार्पण-शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री 77 करोड़ 38 लाख 72 हजार के 22 विकास कार्यों का लोकार्पण तथा 95 करोड़ 89 लाख 72 हजार के 67 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जननायक झाड़ा सिरहा के जीवनी पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया।
शहीद झाड़ा सिरहा की प्रतिमा को शहर के सिरहासार चौक स्थित शहीद स्मारक के पास लगाया गया है। वीर शहीद झाड़ा सिरहा का जन्म बस्तर जिले के आगरवारा परगना के अंतर्गत ग्राम बड़े आरापुर में परगना मांझी एवं माटी पुजारी परिवार में हुआ था। वे बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे। वे जड़ी बूटियों के जानकार, कुशल नेतृत्वकर्ता और प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण उन्हें 1876 में हुए मुरिया विद्रोह में नेतृत्व किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 अक्टूबर । सरकार के निगम-मंडलों में थोक में नियुक्तियां होने जा रही है। शाम तक आदेश जारी होने की संभावना है। कहा जा रहा है कि करीब दो सौ नेताओं को पद दिया जा रहा है।
सीएम भूपेश बघेल ने सरकार के मंत्रियों से चर्चा की है। संगठन के पदाधिकारियों से भी बात कर नामों को अंतिम रूप दे दिया है। करीब आधा दर्जन निगम-मंडलों में अध्यक्ष, और उपाध्यक्ष की नियुक्ति की गई। बाकी में ज्यादातर सदस्यों की नियुक्ति की जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि उर्दू अकादमी, मदरसा बोर्ड, सिंधी अकादमी व निशक्तजन आयोग में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, और सदस्यों के नाम तय कर लिए गए हैं। कहा जा रहा है कि तिल्दा के कांग्रेस नेता राम गिडलानी को सिंधी अकादमी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। उपाध्यक्ष का पद बिल्हा के नेता नानक रेलवानी को दिया जा सकता है। इसी तरह निशक्तजन आयोग के अध्यक्ष पद के लिए धमतरी जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मोहन लालवानी के नाम की चर्चा है।
बताया गया कि मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए दुर्ग के पूर्व पार्षद अल्ताफ अहमद का नाम तय होने की उम्मीद है। उर्दू अकादमी, और बोर्ड में अन्य जिलोंं से सदस्य बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा कृषि विभाग में एक और बोर्ड का गठन किया जा रहा है। इसमें अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक बाकी कई निगम मंडलों में नियुक्त होने वाले सदस्यों की संख्या सौ से अधिक है।
उत्तराखंड, 7 अक्टूबर । उत्तराखंड में द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत शिखर पर आए हिमस्खलन में मृतकों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है.
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) ने शुक्रवार को बयान जारी कर बताया कि कुल 29 लोग हिमस्खलन की वजह से फंसे हुए थे, जिसमें दो इंस्ट्रक्टर और 27 ट्रेनीज़ शामिल थे.
26 शव मिलने के बाद बचे हुए 3 ट्रेनीज की तलाश अभी भी जारी है.
एनआईएम के मुताबिक चार अक्टूबर को कुल चार शव बरामद किए गए जिसमें दो इंस्ट्रक्टर और दो ट्रेनी थे.
6 अक्टूबर को 15 ट्रेनीज़ के शवों और 7 अक्टूबर को 7 ट्रेनीज के शव बाहर निकाले गए हैं. (bbc.com/hindi)
कई दशकों से फ्रांस और उसके बाहर नारीवाद की प्रतिमूर्ति से अब साहित्य की नोबेल विजेता बन चुकी 82 वर्षीय एनी एर्नो ने खुद के बारे में कहा था, "एक महिला जो लिखती है- बस।" एनी साहित्य की प्रोफेसर हैं और उनका लेखन आत्मकथात्मक और समाजशास्त्रीय रहा है।
एर्नो का पहला उपन्यास 'क्लीन्ड आउट' 1974 में छपा था। यह अबॉर्शन से जुड़ा एक डरावना दस्तावेज है जो उन्होंने अपने परिवार से छिपाया। 1984 में उन्होंने तलाक ले लिया और फिर अपने बेटे को अकेले पाला। इसी तरह 'द सुपर 8 ईयर्स' बतौर डायरेक्टर उनकी पहली फिल्म है लेकिन उनकी किताबें लंबे समय से फिल्म बनाने वालों के काम आती रही हैं। युवावस्था में उनके अबॉर्शन से जुड़ी एक और कहानी पर आधारित 'द हैपनिंग' ने पिछले साल वेनिस फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लॉयन जीता। इसी साल उनके रोमांटिक उपन्यास सिंपल पैशन का एडेप्टेशन हुआ साथ ही फ्रांस के नये शहरों के बारे में 'आई हैव लव्ड लिविंग हियर' डॉक्यूमेंट्री भी आई जिसमें उन्होंने अपने लेखन और आवाज का इस्तेमाल किया है। हालांकि एर्नो का कहना है कि वो खुद फिल्मों में काम करना नहीं चाहतीं। एर्नो ने कहा, "मैं आंतरिक छवियों के साथ लिखती हूं, संस्मरण की छवियां, सिनेमा के लिये लिखने की प्रक्रिया बिल्कुल अलग है।"
फ्रेंच लेखिका ने फ्रांस में अपने जीवन की परतों को खुरच खुरच कर लिखा है और नोबेल पुरस्कारों के लिए चुनाव करने वाली समिति ने उनकी इसी खूबी को पुरस्कार का आधार माना और कहा - "जिस हिम्मत और बिना भावावेग के वो अपने संस्मरणों की जड़ों, अलगाव और सामूहिक अवरोध को बेपर्दा करती हैं, उसके लिये उन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा है।"
एर्नो की आत्मकथात्मक किताबों में उन्होंने समाज और वर्ग में बदलते लेकर रिश्तों के बीच प्यार, सेक्स, गर्भपात, शर्म को लेकर निजी अनुभवों और अहसासों का ब्यौरा दिया है। नोबेल साहित्य कमेटी के चेयरमैन आंदर्स ओलसटन का कहना है कि एर्नो 'एक बेहद ईमानदार लेखिका हैं जो कठोर सच्चाई का सामना करने से नहीं डरतीं। वे ऐसी चीजों के बारे में लिखती हैं जिनके बारे में कोई और नहीं लिखता। उदाहरण के लिए गर्भपात, उनकी ईर्ष्या, एक छोड़ी गई प्रेमिका और इन सब के बारे में। मेरा मतलब है कि सचमुच कठिन अनुभवों के बारे में।"
साहित्य के लिए अब तक कुल 119 लोगों को नोबेल पुरस्कार मिला है जिनमें एर्नो 17वीं महिला हैं। पुरस्कार मिलने की सूचना देने पर उन्होंने हैरानी जताई और फोन करने वाले स्वीडिश पत्रकार से पूछा, "क्या आप सच कह रहे हैं?" बाद में उन्होंने कहा, "यह अवॉर्ड एक बड़े सम्मान के साथ बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।"
सूचनाएं DW हिंदी से साभार
एनी एर्नो मानती हैं कि लेखन एक राजनीतिक कार्य है जिसमें भाषा को चाकू की तरह इस्तेमाल करके कल्पना के पर्दे फाड़ना होता है और सामाजिक असमानताओं के प्रति हमारी आंखें खोलना होता है। जाहिर है, उनकी लेखकीय जिम्मेदारी और मिशन स्पष्ट है और यही उचित भी है। बहुत बधाई उन्हें साहित्य का नोबेल प्राप्त करने के लिए।
पियूष कुमार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 अक्टूबर । उच्च शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020-21 में पीएससी द्वारा ली गई भर्ती परीक्षा में चयनित उप और सहायक कुलसचिवों की तीन वर्ष की परीविक्षावधि पोस्टिंग कर दी है। इनमें पांच उप और तीन सहायक कुलसचिव शामिल हैं। इनमें दो को रविवि में पदस्थ किया गया है।
आदेश इस प्रकार हैं-
उप कुलसचिव-नरेंद्र वर्मा, सनत कुमार वर्मा (दोनों रविवि) प्रवीण अग्रवाल (सरगुजा विवि), नोहर कुमार धीवर (जगदलपुर विवि), नेहा राठिया (बिलासपुर विवि)।
सहायक कुलसचिव-फखरूद्दीन कुरैशी (बिलासपुर विवि), दिग्विजय कुमार (दुर्ग विवि), टेमन लाल (सरगुजा विवि)।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर । ज्ञानवापी मस्जिद में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करवाए जाने के फैसले को वाराणसी की अदालत ने टाल दिया है.
अब मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी.
चार महिला याचिकाकर्ताओं ने बनारस के ज़िला जज की अदालत में सील किए गए वज़ूखाने की कार्बन डेटिंग करने की मांग की थी.
वैज्ञानिक जांच के जरिए याचिकाकर्ता ये पता करना चाहते हैं कि कथित शिवलिंग कितना लंबा, कितना चौड़ा और कितना अंदर तक है. उनका कहना है कि इस जांच के बाद ये साफ हो जाएगा कि ये फव्वारा नहीं शिवलिंग है.
इसी साल मई के महीने में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे हुआ था, जिसके बाद हिन्दू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के वज़ूखाने के बीचों बीच एक 'शिवलिंग' बरामद हुआ है. जिसके बाद एक निचली अदालत ने उसे सील करने के आदेश दिए थे.
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर । इस बार के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है.
बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बिआलियात्स्की, रूस के मानवाधिकार संगठन 'मेमोरियल' और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन 'सिविल लिबर्टीज़' को इस बार का नोबेल पीस प्राइज़ संयुक्त रूप से देने का एलान किया गया है.
सम्मान की घोषणा के साथ नोबेल प्राइज़ कमेटी ने अपने बयान में कहा है, "पीस प्राइज़ से सम्मानित व्यक्ति और संस्थाएं अपने-अपने देशों में सिविल सोसायटी का प्रतिनिधित्व करती हैं. उन्होंने सालों तक सत्ता की आलोचना के अधिकार नागरिकों के बुनियादी अधिकारों के संरक्षण के लिए काम किया है."
"उन्होंने युद्ध अपराधों और सत्ता के दुरुपयोग के मामलों के डॉक्युमेंटेशन के लिए बेहतरीन काम किया है. वे शांति और लोकतंत्र के लिए सिविल की अहमियत को दिखलाते हैं." (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 7 अक्टूबर। कोलियारी से जोरातराई तक करीब 33 किमी सडक़ जर्जर है। 20 साल से मरम्मत कराने लड़ रहे, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया। बीते 10 साल से सडक़ संघर्ष समिति सडक़ की लड़ाई लड़ रहे है। आक्रोशित लोगों ने शुक्रवार को कोलियारी चौक में चक्काजाम किया।
शासन-प्रशासन के साथ क्षेत्रीय विधायक रंजना साहू के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश दिखा। लोगों में विधायक के खिलाफ भी नारेबाजी कर विरोध जताया। यदि सडक़ नहीं बनी, तो 23 गांव के करीब 50 हजार मतदाता विधानसभा चुनाव भी प्रभावित करेंगे, क्योंकि आगामी वर्ष चुनावी साल होगा।
कोलियारी से जोरातराई तक इस सडक़ पर बसे गांव के लोगों को धैर्य अब टूट गई है। सडक़ संघर्ष समिति बनाकर आँदोलन शुरू कर दिया है।
प्रदर्शनकारी मोहित पटेल, गौकरण साहू, राधेश्याम पटेल, अनिरुद्ध साहू ने कहा कि राजनीतिक संरक्षण में दिन-रात महानदी से अवैध रूप से रेत खनन और परिवहन के चलते यह सडक़ जर्जर हो गई है। आए दिन सडक़ हादसे में लोग चोटिल हो रहे हैं। इसलिए आर-पार की लड़ाई लड़ रहे है। मांग पूरी होते तक प्रदर्शन जारी रहेगा। ग्रामीणों का आरोप है कि विधायक रंजना साहू ध्यान नहीं दे रहे है। चुनाव में वोट मांगकर जीत हासिल किया, लेकिन जनता के काम कराने की बारी आई, तो मुंह मोड़ लिया। लगातार विधायक की उपेक्षा जारी है। जर्जर सडक़ के कारण लोगों को जान गंवानी पड़ रही है। यही हाल रहा, तो विधानसभा चुनाव में उन्हें इसका जवाब भी मिलेगा।
इधर चक्काजाम कर रहे ग्रामीणों को प्रशासन ने समझाने की कोशिश की, लेकिन काफी मशक्कत के बाद मामला शांत हुआ।
इन गांव के लोग आंदोलन में शामिल
कोलियारी, कानीडबरी, अमेठी, कलातराई, बंजारी, परसुली, दर्री, खरेंगा, भरारी सारंगपुरी, देवपुर, ढीमर टुकर, नवागांव, दोनर, सेमरा, बारना, सिवनी खुर्द, सिवनी बाजार, जोरातराई, सेलदीप, मंदरौद, झुरा, नवागांव के ग्रामीण आंदोलन में शामिल हुए हैं।
ऐसे चल रहा आँदोलन
27 सितंबर को रात 8.30 बजे से ढीमर टिकुर से सेलदीप तक के लोग दोनर के पास और देवपुर से कोलियारी तक के दर्री के पास भारी वाहनों की निगरानी किए। धरने में उपस्थिति के लिए कार्ययोजना बनाई है। सडक़ समिति के सर्वसम्मति से लिए निर्णय अनुसार प्रत्येक गांव से 3-3 वार्ड से प्रत्येक घर से एक सदस्य धरना स्थल में उपस्थिति देंगे। इसके लिए ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और ग्रामीण समिति के कार्यकारणी आवश्यक पहल करेंगे।
10 लोगों की जा चुकी जान
दिन-रात रेत परिवहन में लगे हाइवा वाहनों के चलते सडक़ में बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए हैं। बीते 5 सालों में इस मार्ग में सडक़ हादसे में 10 लोगों की जान चली गई हैं। ग्रामीण हीरेंद्र साहू, हेमंत चंद्राकर, रामखिलावन चन्द्राकर ने कहा कि जब तक जिला प्रशासन इस सडक़ निर्माण की घोषणा नहीं करती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। एनजीटी के निर्देश के बाद 15 अक्टूबर तक रेत निकासी बंद है, इसके बावजूद कोलियारी से जोरातराई तक जगह-जगह नदी से अवैध रूप से रेत की निकासी की जा रही हैं। इसके चलते ही नदीय तटीय गांवों में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे चला गया है।
20 साल से चल रही मांग
कोलियरी ,खरेंगा ,दोनर, जोरातराई सडक़ की जर्जर अवस्था को देखते हुए इसे नए सिरे से बनाने व चौड़ीकरण की मांग करीब 20 से अधिक गांव के लोग कर रहे हैं। बीते 20 सालों से यह मांग चल रही है। भाजपा व कांग्रेस दोनों ही इसके लिए आँदोलन कर चुके हैं। अब गांवों के लोगों ने गैर राजनीतिक आंदोलन शुरू किया है। लगातार धरना प्रदर्शन कर चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया गया है। दोनों दलों ने की राजनीति, सडक़ नहीं बनी सडक़ को बनवाने के लिए दोनों प्रमुख दल कांग्रेस व भाजपा आँदोलन कर चुके हैं भाजपा शासन काल में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 2018 में कांग्रेस पदाधिकारियों ने आँदोलन किया। पदयात्रा भी निकाली। कांग्रेस की सरकार आई तो पट्टा बांटने आए सीएम ने 2020 में कोलियारी से जोरातराई तक सडक़ बनाने की स्वीकृति कराने का भरोसा दिया। स्वीकृत कराई। 1 जनवरी 2021 में एडीबी प्रोजेक्ट में शामिल किया। इसी साल भाजपा युवा मोर्चा ने सडक़ बनवाने के लिए आँदोलन किया। कोलियारी चौक पर चक्काजाम किया।
नयी दिल्ली,7 अक्टूबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक कथित मामले में शुकव्रार को एक बार फिर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
दिल्ली सरकार इस नीति को अब वापस ले चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि ईडी के अधिकारी दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद में 35 स्थानों पर छापेमारी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कुछ शराब वितरकों, कंपनियों और उनसे जुड़ी संस्थाओं की तलाशी ली जा रही है।
ईडी इस मामले में अब तक 103 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। मामले में पिछले महीने शराब व्यवसायी एवं शराब बनाने वाली कंपनी ‘इंडोस्पिरिट’ के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया गया था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। सीबीआई की प्राथमिकी में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम बतौर आरोपी दर्ज है।
दिल्ली के उपराज्यपालय वी के सक्सेना ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया था।
ईडी ने इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दुर्गेश पाठक और तिहाड़ जेल में बंद सत्येंद्र जैन से भी पूछताछ की है। सीबीआई ने भी कई लोगों से पूछताछ की है और मामले में उद्योगपति विजय नायर को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियमावली-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी।
अधिकारियों के मुताबिक, मुख्य सचिव की रिपोर्ट में पाया गया था कि निविदा जारी करने के बाद ‘‘शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित लाभ’’ पहुंचाने के लिए ‘‘जानबूझकर और घोर प्रक्रियात्मक चूक’’ की गई।
इसमें आरोप लगाया गया था कि राजकोष को नुकसान पहुंचाकर निविदाएं जारी की गईं और इसके बाद शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित वित्तीय लाभ पहुंचाया गया।
सूत्रों ने दावा किया कि आबकारी विभाग ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के नाम पर लाइसेंस धारियों को निविदा लाइसेंस शुल्क पर 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी।
उन्होंने बताया कि लाइसेंस के लिए सबसे कम बोली लगाने वाले को 30 करोड़ रुपये की बयाना राशि भी तब वापस कर दी गई, जब वह हवाई अड्डा अधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने में विफल रहा था।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह दिल्ली आबकारी अधिनियम 2010 के नियम 48(11)(बी) का घोर उल्लंघन था, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बोली लगाने वाले को लाइसेंस प्रदान करने के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। ऐसा न करने पर सरकार उसकी जमा राशि जब्त कर लेगी।’’
विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई आबकारी नीति 2021-22 को पिछले साल 17 नवंबर से लागू किया गया था और इसके तहत निजी बोलीदाताओं को शहरभर में 32 क्षेत्रों में 849 दुकानों के लिए खुदरा लाइसेंस जारी किए गए थे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कथित सदस्यों के खिलाफ यूपीए के तहत दर्ज एक मामले से जुड़ी प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने मोहम्मद यूसुफ द्वारा दायर याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी किया।
यूसुफ को गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में 22 सितंबर को चेन्नई में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था।
उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की है। (भाषा)
मुंबई, 7 अक्टूबर स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने मुंबई और गुजरात से 120 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 60 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त की है और इस मामले में एअर इंडिया के एक पूर्व पायलट समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एनसीसीबी के उपमहानिदेशक संजय सिंह ने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गुजरात के जामनगर में नौसेना खुफिया इकाई को मिली एक विशिष्ट जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘खुफिया जानकारी के मिलने बाद दिल्ली स्थित एनसीबी मुख्यालय और इसकी मुंबई क्षेत्रीय इकाई के अधिकारियों ने तीन अक्टूबर को जामनगर में छापेमारी की और 10 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त की।’’
सिंह ने बताया कि एनसीबी के दल ने इस सिलसिले में जामनगर से एक और मुंबई से तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
उन्होंने कहा, ‘‘एनसीबी के दल ने दक्षिण मुंबई के फोर्ट इलाके में एस बी रोड स्थित एक गोदाम में बृहस्पतिवार को छापा मारा और 50 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त की।’’
उन्होंने बताया कि इसके बाद एनसीबी ने इस गिरोह के सरगना समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि एक आरोपी का नाम सोहेल गफार माहिदा है, जो एअर इंडिया का पूर्व पायलट है।
मेफेड्रोन एक मादक पदार्थ है, जिसे ‘म्याऊ म्याऊ’ या एमडी के रूप में भी जाना जाता है। यह नशीला पदार्थ स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें एंटीलिया बम मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी को रद्द किए जाने का अनुरोध किया गया था।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने कहा, ‘‘सुनवाई के अधिकार क्षेत्र में नहीं होने के कारण याचिका को खारिज किया जाता है।’’
इससे पहले, केंद्र ने इस आधार पर वाजे की याचिका का विरोध किया था कि यह दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई योग्य नहीं थी और इसे बंबई उच्च न्यायालय में दायर किया जाना चाहिए था, क्योंकि मामले से संबंधित पूरा घटनाक्रम मुंबई में हुआ था।
वाजे ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा था कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर ‘एंटीलिया’ के पास विस्फोटक मिलने के मामले में यूएपीए के तहत उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करना उसके अधिकार क्षेत्र में आता है, क्योंकि यह आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में पारित किया था।
वकील चैतन्य शर्मा के जरिये दायर याचिका में आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित यूएपीए की धारा-15(1) को हटाने का अनुरोध किया गया था। याचिका में दावा किया गया था कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) और 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) का उल्लंघन है।
याचिका में केंद्र के दो सितंबर 2021 के मंजूरी आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया गया था।
गृह मंत्रालय ने मुंबई में अंबानी के घर के बाहर एक एसयूवी से विस्फोटक मिलने और व्यवसायी हिरेन मनसुख की हत्या के मामले में वाजे के खिलाफ मुकदमा चलाने की पिछले साल सितंबर में मंजूरी दे दी थी।
एसयूवी 25 फरवरी 2021 को एंटीलिया के पास मिली थी। मनसुख ने दावा किया था कि वाहन उसके पास से चोरी किया गया था। वह पिछले साल पांच मार्च को ठाणे में एक नाले में मृत मिला था। (भाषा)
थाईलैंड , 7 अक्टूबर । थाईलैंड में एक प्री-स्कूल चाइल्ड डे केयर सेंटर में एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने गोलियां चलाई हैं. इस गोलीबारी में कम से कम 37 लोग मारे गए हैं. थाईलैंड के उत्तर-पूर्व में नॉन्ग बुआ लाम्फू में इस हमले के बाद से बंदूकधारी फ़रार है.
पुलिस का कहना है कि मरने वालों में बच्चे और वयस्क शामिल हैं. मरने वालों में कम से कम 22 बच्चे हैं. पुलिस का कहना है कि हमलावर ने बच्चों और वयस्कों को गोली मारी, चाकू मारा और फिर ख़ुद की जान ले ली.
पुलिस के मुताबिक़, बंदूकधारी को पिछले साल पुलिस बल से निलंबित किया गया था. (bbc.com/hindi)
सिलहट, 7 अक्टूबर पाकिस्तान की कप्तान बिसमाह मारूफ ने भारत के खिलाफ महिला एशिया कप टी20 क्रिकेट मैच में शुक्रवार को यहां टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया।
भारत ने अभी तक टूर्नामेंट में अपने तीनों मैच जीते हैं जबकि पाकिस्तान पिछले मैच में थाईलैंड से हार गया था।
कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अंतिम एकादश में वापसी की है। उन्हें किरण नवगिरे की जगह टीम में लिया गया है। सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा को अंतिम एकादश में स्थान नहीं मिला है। वह पिछले मैच में भी नहीं खेली थी। स्नेह राणा की जगह राधा यादव को टीम में लिया गया है।
पाकिस्तान ने कैनात इम्तियाज और डायना बेग की जगह बाएं हाथ के स्पिनर सादिया इकबाल और ऐमान अनवर को टीम में रखा है। (भाषा)
कई क्षेत्रों में इस साल के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की जा चुकी है लेकिन इनमें से सबसे प्रसिद्ध पुरस्कार की घोषणा आज यानी शुक्रवार को की जाएगी.
नोबेल शांति पुरस्कार एक ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जिसने "सेना की तैनाती को कम करने और शांति को स्थापित करने या बढ़ावा देने के लिए देशों में सबसे बेहतरीन काम किया है."
साल 2022 में 300 से ज़्यादा कैंडिडेट इस रेस में हैं. हालांकि पूरी लिस्ट पचास साल के लिए किसी वॉल्ट में बंद कर दी जाएगी. कीएव के स्वतंत्र अख़बार, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दीमीर ज़ेलेंस्की और बेलारूस के विपक्ष के निर्वासित नेता स्वेतलाना तिखानोव्स्काया को इस बार रेस में आगे माने जा रहे हैं.
लेकिन नोबेल पुरस्कार को इतना प्रतिष्ठित क्यों माना जाता है और इस पहले किन लोगों ने जीता है?
पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार फ़िजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शांति के क्षेत्र में दिए जाने वाले पुरस्कार हैं. ये पुरस्कार उन लोगों को दिये जाते हैं जिन्होंने पिछले 12 महीनों में "इंसानियत की भलाई के लिए सबसे बेहतरीन काम किया है."
ये बात स्वीडन के बिज़नेसमेन और डाइनामाइट का अविष्कार करने वाले अल्फ्रे़ड नोबेल ने कही थी. वो अपनी कमाई का ज़्यादातर हिस्सा पुरस्कार लॉन्च करने के लिए एक फंड में छोड़ गए थे. इसे पहली बार 1901 में दिया गया था. साल 1968 में स्वीडन के सेंट्रल बैंक ने इकॉनमिक साइंसेस को इसमें जोड़ा.
Nobelpeace.org के मुताबिक 1901 से 2021 के बीच नोबेल पुरस्कार और अल्फ्रे़ड नोबेल की स्मृति में इकॉनोमिक साइंसेस में स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार को 25 संस्थाओं के 943 लोगों को दिया गया है.
1901 से 2001के बीच 58 बार ये पुरस्कार महिलाओं को दिया गया है.
शिक्षाविद, विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर, वैज्ञानिक, पूर्व विजेता और दूसरे चुने हुए लोग नॉमिनेशन जमा करते है. नोबल फ़ाउन्डेशन के नियमों के मुताबिक शॉर्ट लिस्ट किए गए नामों को 50 साल तक सार्वजनिक नहीं किया जाता. कोई भी खुद को नामंकित नहीं कर सकता.
पुरस्कार जीतने वालों को लौरेट कहते हैं, ये नाम प्रचीन ग्रीस में विजेताओं को दिए जाने वाले फूलों से लिया गया है. एक ही व्यक्ति को तीन से ज़्यादा बार ये पुरस्कार नहीं दिए जा सकते.
कई ऐसे साल भी रहें हैं जब इन पुरस्कारों को नहीं दिया गया - ख़ासतौर पर दोनों विश्व युद्ध के दौरान.
नोबेल फ़ाउंडेशन के नियमों के अनुसार अगर किसी ऐसे साल में एक भी व्यक्ति नहीं मिलता जिसे पुरस्कार दिया जाना चाहिए, तो पुरस्कार नहीं दिया जाता और इसकी पुरस्कार राशि अगले साल के लिए रख दी जाता है.
फ़िज़िक्स, केमिस्ट्री, फ़िज़िओलॉजी या मेडिसिन, साहित्य और इकॉनमिक साइन्सेज़ के पुरस्कार स्वीडन के स्टॉकहोम में दिए जाते हैं. नोबेल शांति पुरस्कार का चयन नॉर्वे में पांच लोगों की एक कमेटी करती है जिसे नॉर्वे की संसद चुनती है और पुरस्कार ओस्लो में दिए जाते हैं.
विजेताओं को क्या मिलता है?
एक नोबेल डिप्लोमा, जो एक अनोखा आर्ट वर्क होता है.
एक नोबेल मेडल, जिनके अलग अलग डिज़ाइन होते हैं.
कैश पुरस्कार, 10 मिलियन स्वीडिश क्रोना यानी कि 911,000 डॉलर.
एक ही कैटेगरी में अगर एक से ज़्यादा विजेता हों, तो ईनाम की राशि बंट जाती है.
पुरस्कार 10 दिसंबर को दिए जाते हैं, इसी दिन अल्फ़्रेड नोबेल का देहांत हुआ था.
प्रख्यात विजेता
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को 2009 में शांति पुरस्कार "अंतरराष्ट्रीय डिप्लोमेसी को मज़बूत करने के लिए और लोगों के बीच सहयोग बढ़ाने की कोशिशों" के लिए दिया गया.
राष्ट्रपति ओबामा ने कहा था कि वो "हैरान और आभारी हैं" और वो इसे "कॉल टू एक्शन" की तरह इस्तेमाल करेंगे. हालांकि इसकी काफ़ी आलोचना हुई थी क्योंकि नॉमिनशन दायर करने की आख़िरी तारीख तक उनका राष्ट्रपति कार्यकाल सिर्फ़ 12 दिनों का रहा था.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर (2002), यूरोपीय यूनियन (2012), संयुक्त राष्ट्र और इसके जनरल सेक्रेटरी कोफ़ी अन्नान (2001 संयुक्त रूप से) और कलकत्ता की सेंट टेरेसा (1979) को भी इस सम्मान से नवाज़ा जा चुका है.
अल्बर्ट आइंस्टाइन (फ़िज़िक्स 1921) और मेरी क्यूरी (फ़जिक्स 1903 और केमिस्ट्री 1911) को भी नोबेल पुरस्कार दिए जा चुके हैं.
क्यूरी परिवार को सबसे अधिक नोबेल पुरस्कार मिले हैं, मेरी क्यूरी को दो बार ,उनके पति पियरे को एक और उनकी बेटी इरेने को एक बार इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र काम करने वालीं मलाला युसफ़ज़ई ये पुरस्कार जीतने वालीं सबसे कम उम्र की शक्स हैं. जॉन बी गुडएनफ़ को साल 2019 में केमिस्ट्री में नोबेल पुरस्कार मिला था, उस वक्त उनकी उम्र 98 साल थी और वो ये पुरस्कार पाने वाले सबसे उम्रदराज़ शक्स हैं.
सिर्फ दो लोगों ने इस पुरस्कार को लेने से मना किया है - फ़्रांस के लेखक जॉन-पॉल सात्र और वियतनाम के नेता ले डुत टो. इसके अलावा चार लोगों को उनके देश ने पुरस्कार नहीं लेने दिया.
साल 2016 में इस बात पर संशय था कि गायक बॉब डिनल अपना साहित्य का पुरस्कार ग्रहण करेंगे या नहीं. आखिरकार उन्होंने जून 2017 में अपना लेक्चर दिया.
कुछ विजेताओं ने इनामी राशी से क्या ख़रीदा ?
मेरी और पियरे क्यूरी ने ईनामी राशी का इस्तेमाल अपने रिसर्च को आगे बढ़ाने के लिए किया. साल 2006 में जॉन माथर ने पूरी रकम अपने फ़ाउन्डेशन को दे दी. साल 1993 मे में ब्रितानी बॉयोकेमिस्ट रिचर्ड रॉबर्ट्स ने क्रॉकेट खेल के लॉन पर पैसे खर्च किए और 1993 के लौरेट फ़िलिप शार्प ने अपने लिए एक 100 साल पुराना फेडरल स्टाइल का घर ख़रीदा.
2001 के विजेता सर पॉल नर्स ने रकम एक महंगी मोटरबाइक ख़रीदने के लिए ख़र्च की. साल 2006 में साहित्य के विजेता ओर्हान पामुक ने इस्ताबुल में से एक म्यूज़ियम बनाया.
हाल ही में रूसी स्वतंत्र अख़बार के संपादक डिमित्री मुरातोव ने अपने नोबेल पुरस्कार को 103.45 मिलियन डॉलर में नीलाम किया ताकि वो यूक्रेन के जंग से प्रभावित बच्चों की मदद कर सकें. (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 7 अक्टूबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी के शिवकुमार से ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित धन शोधन मामले में शुक्रवार को दिल्ली में पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
शहर में एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी कार्यालय के अंदर जाने से पहले शिवकुमार (60) ने पत्रकारों से कहा कि वह ‘कानून का पालन करने वाले नगारिक’ हैं और इसलिए संघीय एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए पहुंचे हैं, जबकि उन्हें यह भी नहीं पता कि उन्हें यहां बुलाया क्यों गया है।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं... मैं कानून का सम्मान करता हूं... मैंने समय मांगा था, लेकिन उन्होंने कहा आपको आना ही होगा। मैं आज यहां आया हूं... देखते हैं क्या होता है, मुझे उनकी बात सुनने दें और जो पता है, वह बताने दें।’’
गौरतलब है कि कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा कर्नाटक में प्रवेश कर चुकी है, जिसमें शामिल होने के कारण शिवकुमार ने ईडी से 21 अक्टूबर तक पेशी से छूट देने का अनुरोध किया था। वह राज्य में यात्रा के प्रबंधन का जिम्मा संभाल रहे हैं।
शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को बताया था कि ईडी ने सात अक्टूबर को दिल्ली में एजेंसी के सामने पेशी से छूट देने की उनकी अर्जी खारिज कर दी है।
ईडी ने शिवकुमार और उनके भाई एवं सांसद डी के सुरेश (56) को भी कांग्रेस पार्टी के स्वामित्व वाले ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र से जुड़े कथित धन शोधन मामले में जारी जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब किया है।
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी तीन लेन-देन के बारे में जानकारी हासिल करना चाहती है।
कांग्रेस की तेलंगाना इकाई की कार्यकारी अध्यक्ष जे गीता रेड्डी और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं से भी एजेंसी ने पूर्व में उनके द्वारा किए गए इसी तरह के लेन-देन के संबंध में पूछताछ की है।
‘नेशनल हेराल्ड’ धन शोधन मामले में ईडी पिछले कुछ महीने में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल सहित कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं से पूछताछ कर चुकी है।
इससे पहले, शिवकुमार आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने से जुड़े धन शोधन के एक अन्य कथित मामले में पूछताछ के लिए 19 सितंबर को ईडी के समक्ष पेश हुए थे। (भाषा)
श्रीनगर, 7 अक्टूबर जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में अपनी ही सर्विस राइफल से दुर्घटनावश गोली चलने से सेना के एक जवान की मौत हो गई। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक, हादसे में 28 वर्षीय चंदर मोहन की मौत हो है।
उन्होंने बताया कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर इलाके के चटूसा स्थित एक सैन्य शिविर के बाहर चंदर मोहन की सर्विस राइफल से बृहस्पतिवार देर शाम दुर्घटनावश गोली चल गई थी। हादसे में मोहन की मौत हो गई। (भाषा)