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रायपुर, 8 अक्टूबर। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया का 4 दिवसीय बस्तर दौरा रद्द हो गया है। पुनिया कल रायपुर नहीं आ रहे। इस वजह से नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया का बस्तर संभाग का दौरा रद्द कर दिया है। मंत्री डॉ. डहरिया 9 से 12 अक्टूबर तक बस्तर संभाग के विभिन्न जिला मुख्यालयों में दौरे पर जाने वाले थे। इस दौरान वे विधानसभावार पदाधिकारियों की बैठक भी लेने वाले थे।
नयी दिल्ली, 8 अक्टूबर। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन वापस लेने की अवधि पूरी होने के बाद अब मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर के रूप के दो उम्मीदवार आमने-सामने हैं तथा ऐसे में 17 अक्टूबर को मतदान होगा।
पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने संवाददाताओं को बताया कि शनिवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि तक किसी उम्मीदवार ने नामांकन वापस नहीं लिया और अब खरगे एवं थरूर के रूप में दो उम्मीदवार हैं।
उन्होंने कहा कि अब 17 अक्टूबर को मतदान होगा और 19 अक्टूबर को मतगणना होगी।
मिस्त्री ने कहा कि दोनों उम्मीदवारों को इस चुनाव में समान अवसर मिल रहा है।
इस चुनाव में तीनों नेताओं ने नामांकन पत्र भरा था, लेकिन झारखंड के पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी का नामांकन पत्र खारिज हो गया था।
मिस्त्री ने पिछले दिनों बताया था कि त्रिपाठी का फॉर्म खारिज कर दिया गया, क्योंकि उनके एक प्रस्तावक के हस्ताक्षर का मिलान नहीं हुआ और एक अन्य प्रस्तावक के हस्ताक्षर में दोहराव था।
पार्टी की ओर से 22 सितंबर को जारी अधिसूचना के मुताबिक, चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अवधि 24 से 30 सितंबर तक थी। अब 17 अक्टूबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी और उसी दिन परिणाम घोषित किया जाएगा।
इस चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के नौ हजार से अधिक डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्य) मतदान करेंगे। (भाषा)
जयपुर में सात और आठ अक्तूबर को दो दिन का 'इन्वेस्ट राजस्थान' कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई जानेमाने व्यवसायियों ने शिरकत की.
इस मौक़े पर 'अडानी समूह' के चेयरमैन गौतम अडानी भी कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने आने वाले वक़्त में प्रदेश में 40,000 नई नौकरियों के अवसर पैदा करने की बात की.
अशोक गहलोत ने कहा, "हमने कोरोना काल में भी निवेशकों को सुविधाएं दी हैं. उसके बाद भी हमने उनके लिए कई स्कीमें लॉन्च की हैं. आने वाले वक़्त में हम प्रदेश में रोज़गार बढ़ाने पर काम कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "बीजेपी इस बात को मुद्दा बना रही है लेकिन ये उनके लिए उल्टा पड़ेगा क्योंकि नौजवान बोलेगा कि हमें सुविधा मिल रही है तो आप उसमें क्यों बाधा उत्पन्न कर रहे हैं." (bbc.com/hindi)
मौसम विभाग ने देश के कुछ राज्यों में रविवार को भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
मौसम विभाग के वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने बताया कि “उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान के इलाकों में रविवार को भारी से अत्यंत भारी बारिश होने की संभावना है, लिहाजा ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.”
वहीं दिल्ली एनसीआर में शनिवार को दिन भर रुक रुक कर बारिश होती रही. मौसम विभाग के मुताबिक यह अगले 24 घंटे तक जारी रह सकती है.
वहीं देश के पहाड़ी राज्यों के साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में तेज़ हवा के साथ बारिश हो रही है.
रायपुर, 8 अक्टूबर। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने मुख्यमंत्री की कलेक्टर- एसपी कॉन्फ्रेंस को व्यर्थ की कवायद करार देते हुए कहा है कि हालात बदतर हो चुके हैं कि ऐसी किसी कॉन्फ्रेंस से वह सुधरने वाले नहीं हैं। यह सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। मुख्यमंत्री कलेक्टर एसपी की महफिल सजाकर टाइम पास करने की बजाय अपने गृहमंत्री के साथ मैदान में उतरें। दम तोड़ रही कानून व्यवस्था का सच स्वीकार करें। यहां वहां की बात करने की जगह छत्तीसगढ़ की बदहाल स्थिति को दुरुस्त करने का मनोबल दिखाएं।
गुप्ता ने कहा कि हत्या की वारदातें ही नहीं सामूहिक हत्या की वारदातें आम बात हो गई हैं। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के साथ ही दो अन्य कैबिनेट मंत्री के जिले में चार लोगों की सामूहिक हत्या के बाद जशपुर जिले में तिहरे हत्याकांड की घटना भूपेश बघेल के कानून के राज की हकीकत बयां कर रही है। कानून व्यवस्था लापता है और मुख्यमंत्री इसके लिए पुलिस और प्रशासन की पीठ ठोंक रहे हैं! यह सरकार और इसकी कार्यप्रणाली छत्तीसगढ़ की जनता के लिए बेहद दुखदायी हो गयी है।
गुप्ता ने कहा कि गृहमंत्री और डीजीपी सट्टेबाजों की फेहरिस्त दिखाते हैं तो सट्टेबाजी और बढ़ जाती है। ताश के पत्तों की तरह फेंटकर जिस तरह चार महीने में कलेक्टर एसपी के तबादले हो रहे हैं तो ऐसे में कोई काम क्या करेगा। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल अपने पराए का भेद किए बिना अधिकारियों को न्याय पूर्ण कार्रवाई का अधिकार दे तभी प्रदेश में स्थिति सुधर सकती है।
(अनवारुल हक)
मांड्या (कर्नाटक), 8 अक्टूबर । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को पार्टी अध्यक्ष पद के दोनों उम्मीदवारों मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर की तारीफ करते हुए कहा कि दोनों का अपना कद है और अच्छी समझ वाले व्यक्ति हैं तथा इन्हें रिमोट कंट्रोल से नहीं चलाया जा सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों नेताओं के बारे में रिमोट कंट्रोल की धारणा उनके प्रति अपमानजनक बात है।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे राहुल गांधी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक संरक्षण से व्यवसाय के क्षेत्र में दो-तीन लोगों का एकाधिकार स्थापित करने का जो प्रयास हो रहा है, उसके विरूद्ध हैं।
राहुल गांधी ने अध्यक्ष के चुनाव के उम्मीदवार के बारे में पहली बार खुलकर अपनी बात रखते हुए इस धारणा को खारिज करने का प्रयास किया कि गांधी परिवार अगले कांग्रेस अध्यक्ष को रिमोट से नियंत्रित कर सकता है।
इस बारे में पूछे जाने उन्होंने कहा, “दोनों लोग जो (चुनाव में) उतरे हैं, उनकी एक हैसियत है, एक दृष्टिकोण है और वे कद्दावर तथा अच्छी समझ रखने वाले व्यक्ति हैं। मुझे नहीं लगता कि उनमें से कोई भी रिमोट कंट्रोल से चलने वाला (पार्टी प्रमुख) होगा। सच कहूं तो ये बातें उन्हें अपमानित करने वाली हैं।”
राहुल गांधी ने राजस्थान में उद्योगपति गौतम अडाणी की ओर से निवेश की घोषणा किये जाने के एक दिन बाद कहा कि वह कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि व्यवसाय जगत में राजनीतिक मदद से एकाधिकार स्थापित किये जाने के खिलाफ हैं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अडाणी ने राजस्थान के लिए करीब 60,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है। कोई मुख्यमंत्री इसके लिए मना नहीं कर सकता। मेरा विरोध एकाधिकार को लेकर है।’’
राहुल गांधी ने कहा कि राजस्थान सरकार ने अडाणी को ना तो कोई विशेष तवज्जो दी और ना ही अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल कर उनके कारोबार में मदद की।
उन्होंने ने कहा कि अगर पूरा तंत्र पक्षपात करके सिर्फ दो-तीन लोगों की मदद करने लगेगा, तो हिंदुस्तान का नुकसान है। राहुल ने कहा कि अगर राजस्थान सरकार ने अडाणी को गलत तरीके से कारोबार दिया, तो वह इसके खिलाफ हैं।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अगर नियमों के मुताबिक कारोबार दिया गया है, तो कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान सरकार ने अडाणी को गलत तरीके से कारोबार दिया, तो वह इसके खिलाफ खड़े हो जायेंगे।
अडाणी शुक्रवार को राजस्थान निवेश सम्मेलन में शामिल हुए थे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंच भी साझा किया था।
अडाणी ने इस सम्मेलन में कहा था कि अडाणी समूह राजस्थान में अगले पांच-सात साल में नवीकरणीय ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में 65,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा में वह अकेले नहीं हैं, बल्कि लाखों लोग इसमें शामिल हैं, क्योंकि वे बेरोजगारी, महंगाई और असमानता से थक चुके हैं।
गांधी ने यह भी कहा कि वह स्वभाव से 'तपस्या' में विश्वास करते हैं और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से लोगों से संपर्क करके उनके दर्द को साझा करना चाहते हैं।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3,500 किमी की दूरी तय की जानी है।
उन्होंने कहा कि नफरत और हिंसा फैलाना एक राष्ट्र विरोधी कार्य है और “हम इसमें शामिल हर व्यक्ति से लड़ेंगे।”
गांधी ने कहा, “हम नयी शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह हमारे इतिहास, परंपराओं को विकृत कर रही है। हम एक विकेंद्रीकृत शिक्षा व्यवस्था चाहते हैं।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 2024 के चुनाव के लिए नहीं है और कांग्रेस, भाजपा-आरएसएस द्वारा किए जा रहे देश के विभाजन के खिलाफ लोगों को एकजुट करना चाहती है। (भाषा)
प्रयागराज, 8 अक्टूबर। रेल कर्मियों की सतर्कता की वजह से शनिवार को नई दिल्ली से वाराणसी आने वाली वंदे भारत ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई।
उत्तर मध्य रेलवे द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, शनिवार को गाड़ी संख्या 22436- वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह अपने निर्धारित समय छह बजे नई दिल्ली स्टेशन से रवाना हुई और 06.38 बजे दादरी स्टेशन से पार हुई। जब यह गाड़ी लेवल क्रॉसिंग गेट संख्या 146 को पार कर रही थी तो वहां कार्यरत गेट मैन शाज़ेब की नजर ट्रेन के डिब्बों के ‘अंडर गियर’ पर पड़ी।
शाजेब ने ट्रेन के पिछले एस एल आर से सातवें डिब्बे में कुछ घर्षण महसूस किया और इसकी जानकारी दी जिस पर ट्रेन को 06.46 बजे अजायबपुर में टीएक्सआर कर्मचारियों द्वारा जांचा गया और कोच संख्या सी-8 में ‘ब्रेक बाइंडिंग’ मिली जिसे ठीक कर अलग किया गया और ट्रेन को 07.03 बजे रवाना किया गया।
ट्रेन के आगे रवाना होने पर दनकौर स्टेशन से पास स्टेशन मास्टर बृजेश कुमार एवं प्वाइंटमैन बृजेश कुमार ने उसी कोच में फिर कुछ अनुचित पाया और ओएचई को बंद कर ट्रेन रोकी गई। जांच में पाया गया कि, ट्रेन की ‘ट्रैक्शन मोटर में बियरिंग’ गड़बड़ है जिसे खुर्जा से गैस कटर मंगवा कर काटा गया।
सुरक्षा की दृष्टि से और यात्रियों की असुविधा को न्यूनतम करने के उद्देश्य से दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस की रैक मंगा कर 12.57 बजे सभी 1068 यात्रियों को इसमें स्थानांतरित कर ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना किया गया।
उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने इन सतर्क रेल कर्मियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन रेल कर्मियों की सतर्कता ही रेल संरक्षा का आधार है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 अक्टूबर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब खत्म की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति में हुए कथित घोटाले को लेकर धन शोधन जांच के सिलसिले में छापेमारी के बाद करीब एक करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
जांच एजेंसी ने शुक्रवार को पंजाब, दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) और आंध्र प्रदेश में 35 से अधिक स्थानों पर दिन भर छापेमारी की।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, शराब कारोबारियों, वितरण कंपनियों और इससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ छापेमारी के दौरान एक स्थान से करीब एक करोड़ नकदी जब्त की गई है।
सूत्रों ने बरामदगी वाले स्थानों के बारे में जानकारी गोपनीय रखी लेकिन उनका कहना था कि कुछ डिजिटल उपकरणों और दस्तावेज जब्त किये गये हैं।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली स्थित एक टेलिविजन समाचार संगठन के एक निदेशक से जुड़े परिसर के अलावा शहर के एक कारोबारी जिसकी कंपनी विभिन्न मादक पेय पदार्थों का आयात और वितरण करती है और पंजाब के एक पूर्व विधायक के परिसर की भी ईडी के अधिकारियों ने तलाशी ली थी।
केंद्रीय एजेंसी इस मामले में अब तक 103 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर चुकी है। एजंसी ने पिछले महीने शराब कारोबारी और शराब बनाने वाली कंपनी इंडोस्पिरिट के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया था।
धनशोधन का कथित मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी से सामने आया है, जिसमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक आरोपी के रूप में नामजद किया गया था।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद यह योजना जांच के दायरे में आई।
उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया था। (भाषा)
गुरुग्राम, 8 अक्टूबर। हरियाणा में गुरुग्राम के सेक्टर-52 इलाके में करीब चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में एक किशोर को पकड़ा गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी किशोर के खिलाफ बादशाहपुर पुलिस थाने में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोपी को शनिवार को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया और फरीदाबाद के सुधार गृह भेज दिया गया।
पीड़िता की मां की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक यह घटना मंगलवार की है जब वह काम पर गई थी और उसकी बेटी घर पर अकेली थी।
पुलिस के अनुसार शाम को जब उसकी बेटी बाहर खेल रही थी, तो लड़के ने उसे बहला-फुसलाकर कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता की मां ने कहा, “जब मैं देर शाम घर लौटी, तो मैंने अपनी बेटी को खराब हालत में पाया । बेटी ने पेट में दर्द की शिकायत की जिस पर मैं उसे अस्पताल ले गयी। जब मैंने पूछा तो उसने मुझे बताया कि पड़ोस के एक लड़के ने उसके साथ दुष्कर्म किया है।“
महिला ने कहा, “मेरी बेटी सदमे में है। ...मैं आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती हूं।”
पीड़ित लड़की अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
सेक्टर-53 पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र कुमार ने कहा, “आरोपी लड़का लगभग 15 साल का है। हमने उसे किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया और फरीदाबाद के एक सुधार गृह भेज दिया। इस मामले की जांच की जा रही है। ” (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 अक्टूबर। कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने उनके चुनाव मैदान से हटने की अटकलों को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि वह कभी भी किसी चुनौती से पीछे नहीं हटते और ‘यह लड़ाई अंतिम परिणाम तक चलेगी।’
आक्रामता के साथ चुनाव प्रचार कर रहे थरूर ने यह भी कहा कि यह पार्टी के भीतर एक ‘दोस्ताना मुकाबला’ हो रहा है और वह यहां अंत तक मैदान में डटे रहेंगे। चुनाव में थरूर का मुकाबला मल्लिकार्जुन खरगे से होगा।
तिरुवनंतपुरम से सांसद ने ट्विटर पर जारी एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘दिल्ली में सूत्रों के हवाले से अफवाहें चल रही हैं कि मैं आज (चुनावों से) हट रहा हूं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं, मैं चुनौती से पीछे नहीं हटता, मैं जीवन में कभी भी चुनौती से पीछे नहीं हटा, न कभी हटूंगा।’’
थरूर ने कहा, ‘‘यह एक संघर्ष है, यह पार्टी के भीतर एक दोस्ताना मुकाबला है, लेकिन यह अंतिम परिणाम तक चलने वाला मुकाबला है और मैं यहां टिका रहूंगा। कृपया आइए और 17 अक्टूबर को मतदान कीजिए। मेरे लिए, 'कल (भविष्य) की सोचो, थरूर के बारे में सोचो'।’’
उनकी टिप्पणी नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि (आठ अक्टूबर) को आई है।
कांग्रेस की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से 30 सितंबर तक थी।
मतदान 17 अक्टूबर को होगा। मतों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी और परिणाम उसी दिन घोषित किए जाएंगे।
चुनाव में 9,000 से अधिक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के डेलीगेट मतदान करेंगे। (भाषा)
चेन्नई, 8 अक्टूबर। तमिलनाडु सरकार ने राज्य में ऑनलाइन जुए पर रोक लगाने और ऑनलाइन खेलों के नियमन के लिए एक अध्यादेश जारी किया है।
राज्य सरकार का कहना है कि इस अध्यादेश द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने के लिए एक ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी।
सरकार की ओर से इस संबंध में तीन अक्टूबर को एक गजट अधिसूचना जारी की गयी थी। एक अक्टूबर को राज्यपाल आर एन रवि द्वारा जारी अध्यादेश में कहा गया है कि तमिलनाडु ऑनलाइन जुआ निषेध और ऑनलाइन गेम के नियमन अध्यादेश-2022 सरकार द्वारा अधिसूचित तारीख पर लागू होगा।
ऑनलाइन गेम और जुए ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है। इसके कारण कई लोग आत्महत्या कर रहे हैं, गेमिंग की लत ने लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित किया है। इसके परिणामस्वरूप सामाजिक व्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
इस अध्यादेश के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने और उसे सौंपे गए कार्यों को करने के लिए तमिलनाडु ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी के नाम से एक प्राधिकरण भी स्थापित किया जाएगा।
यह प्राधिकरण ऑनलाइन गेम को विनियमित करेगा, स्थानीय ऑनलाइन गेम प्रदाताओं को पंजीकरण का प्रमाण पत्र जारी करेगा, इसके अलावा रम्मी और पोकर जैसे ऑनलाइन गेम की पहचान भी करेगा।
अधिसूचना के मुताबिक ऑनलाइन जुआ सेवाएं प्रदान करने वाला कोई भी व्यक्ति या पैसे या अन्य दांव के साथ अनुसूची में निर्दिष्ट प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को तीन साल के कारावास या 10 लाख रुपये के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने 26 सितंबर को इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी।
मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के चंद्रू द्वारा ऑनलाइन जुए और जुआ खेलने संबंधी बुराइयों की रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विधेयक पेश किया था। (भाषा)
मुंबई, 8 अक्टूबर। महाराष्ट्र के नासिक शहर में शनिवार सुबह एक ट्रेलर ट्रक से भीषण टक्कर के बाद एक निजी बस में आग लग गयी। इस हादसे में दो वर्ष के एक बच्चे सहित 12 लोगों की मौत हो गयी और 43 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी पुलिस अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने बताया कि हादसा सुबह लगभग सवा पांच बजे नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर नांदुर नाके पर उस समय हुआ, जब पूर्वी महाराष्ट्र के यवतमाल से मुंबई जा रही ‘स्लीपर’ कोच वाली निजी बस एक ट्रेलर ट्रक से टकरा गई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे में जनहानि पर दुख जताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि तथा घायलों में से प्रत्येक को 50,000 रुपये की दिये जाएंगे।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की और कहा कि घायलों के इलाज का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। शिंदे ने दुर्घटनास्थल और जिला सिविल अस्पताल का दौरा किया, जहां ज्यादातर मरीज भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि हादसे की विस्तृत जांच करायी जाएगी।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यवतमाल से मुंबई जा रही एक लग्जरी बस नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर मिर्ची होटल के समीप एक चौराहे पर पुणे जा रहे एक ट्रेलर ट्रक से टकरा गई। ट्रक से टक्कर होने के तुरंत बाद बस में आग लग गयी, जिससे 12 यात्रियों की मौत हो गयी और 43 अन्य घायल हो गए।’’
उन्होंने कहा कि मृतकों में दो साल का एक बच्चा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि घटना में बस पूरी तरह से नष्ट हो गई।
नासिक के पुलिस आयुक्त जयंत नाइकनवारे ने कहा बताया कि घायलों को नासिक में जिला सिविल अस्पताल तथा कुछ अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि बस में आग लगने से पहले इसने एक मिनी मालवाहक वैन को भी टक्कर मारी, जिसके कारण वह पलट गयी।
उन्होंने बताया कि हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस, दमकल और अन्य एजेंसियां घटनास्थल पर पहुंचीं और बचाव अभियान शुरू किया गया तथा आग बुझायी गयी। उन्होंने बताया कि हालांकि हादसे में बस पूरी तरह जलकर खाक हो गयी।
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग इतनी भीषण थी कि वे कुछ वक्त तक यात्रियों को बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाए और बेबस खड़े देखते रहे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्वीट किया, ‘‘नासिक में बस में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु होने से अत्यंत दुखी हूं। इस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करती हूं। मैं घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘नासिक में बस हादसे से दुखी हूं। इस हादसे में अपने प्रियजनों को गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना जताता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की हरंसभव मदद कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नासिक में बस हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये की अनु्ग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को पचास-पचास हजार रुपये दिए जाएंगे।’’
अपराह्न करीब एक बजे घटनास्थल का दौरा करने के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, ‘‘दुर्घटना की विस्तृत जांच की जाएगी और उसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।’’(भाषा)
रायपुर, 8 अक्टूबर। राजधानी की नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी रितिक बारिक को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। रितिक बारिक छेड़छाड़ करने के बाद फरार हो गया था। सिविल लाईन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 509 ख, 354 भादवि. और 8, 12 पास्को एक्ट के तहत कार्रवाई की है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, प्रार्थी ने सिविल लाईन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि, उसकी नाबालिग बेटी से प्राफेसर कॉलोनी निवासी आरोपी रितिक बारिक अश्लील मैसेज भेजकर छेड़खानी कर रहा है। इस पर पुलिस ने अरोपी के खिलाफ पास्को एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया। इसके बाद से आरोपी रितिक बारिक फरार चल रहा था।
पुलिस आरोपी की तलाश में लगी थी, इस दौरान मुखबीर के मिली की रितिक बारिक दिल्ली में है। इसके बाद थाना सिविल लाईन पुलिस की टीम ने आरोपी रितिक बारिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया। साथ ही उसकेे कब्जे से 2 मोबाइल जब्त किया गया।
मुख्यमंत्री ने धान खरीदी को लेकर कलेक्टरों को दिए निर्देश
रायपुर, 8 अक्टूबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के लिए समर्थन मूल्य धान खरीदी को लेकर पूरी तैयारी रखने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि, धान बेचने में किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज से राजधानी रायपुर में आयोजित दो दिवसीय कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कानून-व्यवस्था समेत प्रदेश में धान खरीदी तैयारियों और विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की।
कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के पहले दिन मुख्यमंत्री श्री बघेल ने खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के लिए धान खरीदी को लेकर जिला स्तर पर तैयारियों पर जिला कलेक्टर से सीधी बात की। इस दौरान उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि, प्रदेश में नवम्बर से धान खरीदी प्रारंभ होने वाली है, इस लिहाज से पूर्ण तैयारी रखें। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल की घोषणा के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू कर दी जाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का लक्ष्य 1 करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। ऐसे में धान केन्द्रों केन्द्रों में आवश्यक व्यवस्था और सुविधाएं समेत प्राथमिकता के साथ बारदाना की उपलब्धता पर जोर दिया गया।
रायपुर, 8 अक्टूबर। आमदी अभनपुर निवासी पवन निषाद की आत्महत्या पर भाजपा ने बनाई कमेटी 7 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी। पीड़ित परिवार से मिलेगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी राजनीतिकार प्रशांत किशोर के उस दावे का जवाब दिया है कि उन्हें जनता दल यूनाइटेड के नेता की ओर से पद का ऑफ़र दिया गया था.
नीतीश कुमार ने पटना में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर के उस दावे को पूरी तरह से खारिज किया है.
नीतीश कुमार ने कहा, "नहीं, नहीं... ये गलत बात है. वो ऐसे ही बोलते रहते हैं, सुन लीजिए. कुछ नहीं है. उनको जो मर्जी, बोलते रहें. हम लोगों को उनसे कोई लेना-देना नहीं है. और इस बात को अच्छी तरह जान ही न गए हैं भाई. हम तो दिल्ली में भी और पटना में भी कह दिए हैं और इस बारे में हम रोज़-रोज़ क्या बोलें. वो मेरे साथ रहता था, मेरे घर में रहता था. हम क्या बोलें. अब जिसको जहां जाना है, जाए."
नीतीश कुमार ने उस घटना का भी जिक्र किया कि प्रशांत किशोर ने उन्हें जनता दल यूनाइटेड का कांग्रेस में विलय कर लेने की सलाह दी थी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "एक बार हमको बीच में आकर वो कह रहा था कि हमको अपनी पार्टी को कांग्रेस में विलय कर लेना चाहिए. ये बहुत पहले... चार साल पहले की बात है. हम भला अपनी पार्टी को कांग्रेस में मर्ज करेंगे. इन लोगों का कोई ठिकाना नहीं है. अपना जहां गया है... बीजेपी में, उसी के हिसाब से काम कर रहा है."
पिछले दिनों प्रशांत किशोर के साथ हुई मुलाकात पर नीतीश कुमार ने कहा, "हम नहीं बुलाए थे, अपने आया था मिलने के लिए. ये लोग को जो करना है करे, इन लोगों को राजनीति से क्या मतलब है. हमको उससे कोई लेना-देना नहीं है. अच्छा है कि उन लोगों (बीजेपी) के साथ है, मदद कर रहा है. बढ़िया है कि उसको वहां भी जगह मिल जाए... केंद्र से भी..."
नीतीश कुमार ने एक बार फिर ये आरोप दोहराया कि प्रशांत किशोर बीजेपी के साथ मिल कर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "उसी का (बीजेपी का) काम कर रहा है वो... हम लोगों का विरोध, इनका (तेजस्वी यादव) का, सबका विरोध काहे के लिए कर रहा है." (bbc.com/hindi)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने आरोप लगाया है कि वे और उनके मंत्री अपने संवैधानिक दायित्वों और सरकार के कामकाज की जिम्मेदारी से भाग रहे हैं.
सात अक्टूबर को लिखी चिट्ठी में उपराज्यपाल सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की आलोचना करते हुए लिखा है कि उनका शासन 'भाषणों और विज्ञापनों पर आधारित' है जिसका 'जनहित के काम से कोई' वास्ता नहीं है.
वीके सक्सेना की चिट्ठी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के उस आरोप के बाद सामने आई है जिसमें मनीष सिसोदिया ने लेफ्टिनेंट गवर्नर पर आम आदमी पार्टी की सरकार के कामकाज में दखल देने और सरकार के फ़ैसले और कार्यों पर असंवैधानिक तरीके से जांच बिठाने का इलज़ाम लगाया था.
वीके सक्सेना की इस चिट्ठी पर तंज करते हुए अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा, "आज एक और लव लेटर आया है…"
उन्होंने इसके बाद एक और ट्वीट किया, "बीजेपी एलजी के ज़रिए दिल्ली के लोगों की ज़िंदगी तबाह करने पर तुली है. रोज़ ये लोग किसी ना किसी बात को लेकर बखेड़ा कर देते हैं. मैं दिल्लीवासियों को भरोसा दिलाता हूँ- जब तक आपका ये बेटा ज़िंदा है, चिंता मत करना. आपका बाल भी बांका नहीं करने दूँगा."
इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में एलजी पर तंज करते हुए कहा था कि वीके सक्सेना उन्हें उनकी पत्नी से ज़्यादा फटकार लगाते हैं.
उन्होंने कहा, "एलजी साहिब रोज़ मुझे जितना डाँटते हैं, उतना तो मेरी पत्नी भी मुझे नहीं डाँटतीं. पिछले छह महीनों में एलजी साहिब ने मुझे जितने लव लेटर लिखे हैं, उतने पूरी ज़िंदगी में मेरी पत्नी ने मुझे नहीं लिखे. एलजी साहिब, थोड़ा चिल करो. और अपने सुपर बॉस को भी बोलो, थोड़ा चिल करें."
एलजी का कहना है कि उनकी चिट्ठियां और निर्देश सरकार की गलतियों और कमियों के ख़िलाफ़ आगाह करने के इरादे से लिखी गई हैं. उनका कहना है कि इसके बावजूद उन पर निजी हमले किए जाते हैं और उन्हें 'बेबुनियाद आरोपों' का निशाना बनाया जाता है. (bbc.com/hindi)
जर्मनी और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की साझा प्रेस वार्ता के दौरान जम्मू-कश्मीर पर दिए गए हालिया बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी. विदेश मंत्रालय ने दो टूक दी अपनी तीखी प्रतिक्रिया में इसे "आतंकवाद पीड़ितों के साथ घोर अन्याय" बताया है.
विदेश मंत्रालय के आधिकारी प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "विश्व समुदाय के सभी गंभीर और ईमानदार सदस्यों की ये ज़िम्मेदारी है कि वो अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, ख़ास कर सीमा पार से हो रहे आतंकवाद का विरोध करें."
"केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है. ये अब तक चल रहा है. कुछ विदेशी लोग यहां इससे पीड़ित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और फाटा भी ये मान रहे हैं कि भारत में हुए 26/11 के हमले में पाकिस्तान में आधारित आतंकवादी शामिल थे."
"जब कोई देश ऐसे ख़तरों को नहीं पहचानते हैं, चाहे वो उनके निजी स्वार्थ की वजह से हो या उनकी उदासीनता की वजह से हो, वो शांति के कार्यों को कमज़ोर करते हैं. ऐसे देश आतंकवाद के शिकार लोगों के साथ घोर अन्याय भी करते हैं."
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने जर्मनी की अपनी समकक्ष अन्नालेना बायरबॉक के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान भारत प्रशासित कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दा उठाया था.
पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर भारत का रुख
हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा और कई दूसरे मंचों पर भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर बयान दिए हैं.
वॉशिंगटन में भारतीय अमेरिकी समुदाय के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि "आतंकवाद से न तो पाकिस्तान को फ़ायदा पहुंचा है और न ही यह अमेरिका के हित में है."
हाल ही में गुजरात के वडोदरा में एक कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने पाकिस्तान को "इंटरनेशनल टेररिस्ट्स का एक्सपर्ट" बताया था.
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में ये भी कहा था कि "संयुक्त राष्ट्र में आतंकियों का बचाव करने वाले देश न तो अपने हितों का और न ही अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रख रहे हैं."
विदेश मंत्री ने यह भी कहा था कि "भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित राष्ट्र है और यहां आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."
साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से चरमपंथ को बढ़ावा देने वाले देशों और चरमपंथियों को बचाने वालों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग भी की थी. (bbc.com/hindi)
सिंगर-एक्टर शहनाज़ गिल के पिता संतोख सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें अज्ञात व्यक्ति ने फोन करके जान से मारने की धमकी दी है.
शनिवार को संतोख सिंह ने अमृतसर रूरल के एसएसपी के पास ये शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद का हैप्पी बताया और कहा कि वो दिवाली से पहले उनकी जान ले लेगा.
संतोख सिंह का कहना है कि वो कई हिंदू संगठनों से जुड़े रहे हैं, इसलिए उन्हें धमकियां दी जा रही हैं. उन्होंने पुलिस से इस मामले की जांच करने की अपील की है.
उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे जल्द ही पंजाब के बाहर कहीं और जाकर बस जाएंगे. संतोख सिंह ने कहा, "मुझे लगता है कि वे मुझे इसलिए टारगेट कर रहे हैं क्योंकि मैं एक हिंदू नेता हूं. अगर मैं असुरक्षित महसूस करूंगा... जैसा कि मैं अभी महसूस कर रहा हूं तो मैं पंजाब छोड़कर चंडीगढ़ या मुंबई सेटल हो जाऊंगा. अगर अगले कुछ दिनों में कोई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी तो मैं पंजाब छोड़ दूंगा."
इस सिलसिले में एसपी जसवंत कौर ने बताया कि घटना की जांच की जाएगी और कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा, "उनकी शिकायत मिली है. उनके पास पहले से ही दो गनमैन हैं और आज उन्हें एक और गनमैन मुहैया करा दिया गया है. हम कॉल करने वाले का पता लगाएंगे और मुकम्मल जांच की जाएगी."
संतोख सिंह को धमकी मिलने का ये पहला मामला नहीं है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, पिछले साल जब वे बीजेपी में शामिल हुए थे तो दो लोगों ने उन पर हमला किया था.(bbc.com/hindi)
-मोहर सिंह मीणा
राजस्थान के जोधपुर ज़िले में शनिवार दोपहर लगभग ढाई बजे सिलेंडर फटने से बीस लोग झुलस गए. इनमें तीन बच्चों समेत चार लोगों की मौत हो गई है. गंभीर स्थिति में झुलसे हुए सोलह लोगों का इलाज जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में चल रहा है.
जोधपुर पूर्व में कीर्ति नगर के एक मकान में हुई सिलेंडर फटने की घटना पर डिप्टी कमिश्नर अमृता दुहान ने बीबीसी से कहा, "एक मकान में अवैध रूप से रिफिलिंग का काम हो रहा था. इसी दौरान सिलेंडर फटने की घटना हुई है. इसमें एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई है. सोलह घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है जिनमें क़रीब पांच लोगों की गंभीर स्थिति है."
डीसीपी अमृता दुहान ने बताया, "मकान में तीन भाइयों के परिवार से 22 लोग रहते थे. झुलसने वालों में महिलाएं, बच्चे, पुरुष सभी शामिल हैं. घटना के समय परिवार के कुछ सदस्य बाहर गए हुए थे. झुलसने वालों में कुछ पड़ोसी भी हैं.”
डीसीपी का कहना है कि, "हम 336, 304 ए समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर सख़्त क़ानूनी कार्रवाई करेंगे."
जोधपुर कलेक्टर हिमांशु गुप्ता घटना के बाद ख़ुद मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया.
उन्होंने बीबीसी से कहा, "सिलेंडर फटने से चार लोगों की मौक़े पर ही मौत हो गई थी. झुलसे हुए सोलह लोगों का इलाज जारी है."
जोधपुर के कीर्ति नगर इलाक़े के एक मकान में हुई इस घटना पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई नेताओं दुख जताया है. (bbc.com/hindi)
रायपुर, 8 अक्टूबर। भाजपा की वरिष्ठ नेता व प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने ने वैकुंठपुर चिरमिरी क्षेत्र के यूथ कांग्रेस अध्यक्ष सहित अन्य लोगों द्वारा नाबालिग बच्ची से गैंगरेप के मामले में कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। लक्ष्मी वर्मा ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती दी है कि वे छत्तीसगढ़ आएं और सरगुजा अंचल में नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार करने वाले अपनी पार्टी के संस्कारी युवा अध्यक्ष के कारनामे के विरुद्ध मोर्चा खोले।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री प्रेमसाय सिंह, मंत्री कवासी लखमा, मंत्री अनिला भेड़िया, विधायक गण गुलाब कमरो, विक्रम मंडावी, लक्ष्मी ध्रुव, यूडी मिंज, चक्रधर सिदार, राजमन बेंजाम की राजीव भवन में पत्रकार वार्ता
रायपुर, 8 अक्टूबर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ चार मंत्रियों ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार बदनीयती और लापरवाही के कारण आरक्षण के खिलाफ फैसला आया है और पार्टी इस मामले में चक्काजाम और आंदोलन की नौटंकी कर रही है। भाजपा नेताओं में थोड़ी भी नैतिकता बची हो तो वे अपनी पूर्ववर्ती सरकार की गलती के लिये राज्य के आदिवासी समाज से माफी मांगे। कांग्रेस पार्टी की सरकार आदिवासी समाज को उनका पूरा हक दिलाने को प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार बिलासपुर हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय गयी है। हमें पूरा भरोसा है सुप्रीम कोर्ट से हमें न्याय मिलेगा।
मरकाम ने कहा कि हमने हाईकोर्ट में दमदारी से लड़ाई लड़ी थी, हमारे महाधिवक्ता ने आरक्षण को बढ़ाने के पक्ष में दलीले रखा लेकिन पूर्ववर्ती रमन सरकार ने मुकदमें की शुरूआत में जो लापरवाही बरता उसका नुकसान आदिवासी समाज को उठाना पड़ा। पूर्ववर्ती रमन सरकार के लापरवाही के कारण हाईकोर्ट में 58 प्रतिशत आरक्षण रद्द हुआ। भाजपा की बदनीयती के कारण आरक्षण के खिलाफ फैसला आया। रमन सरकार ने अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन नहीं किया था। उनकी सरकार की लापरवाही, अकर्मण्यता और गैर जिम्मेदाराना रवैये का नतीजा यह फैसला है। रमन सरकार ने 2011 में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत करने का निर्णय लिया था। 2012 में हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी। सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों जिसमें इंदिरा साहनी का फैसला प्रमुख के अनुसार कोई भी राज्य सरकार यदि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण करती है तो अत्यंत विशेष परिस्थितियों, विचार एवं तथ्यों के साथ कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करना होगा। इसका भी ख्याल नहीं किया गया। जब आरक्षण को बढ़ाने का निर्णय हुआ उसी समय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य सरकार को अदालत के सामने आरक्षण को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की विशेष परिस्थितियों और कारण को बताना था।
मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंहने पत्रकार वार्ता में कहा कि तत्कालीन रमन सरकार अपने इस दायित्व का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर पायी। 2012 में बिलासपुर उच्च न्यायालय में 58 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर हुई तब भी रमन सरकार ने सही ढंग से उन विशेष कारणों को प्रस्तुत नहीं किया जिसके कारण राज्य में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत किया गया। रमन सरकार ने आरक्षण में संशोधन के पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्ववर्ती फैसले को ध्यान में नहीं रखा।
मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अजजा, जजा और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को बढ़ाने के तमाम तर्कसंगत कारण और विशेष परिस्थितियां है लेकिन रमन सरकार की नीयत में खोट थी। उन्होंने अदालत में राज्य की 95 प्रतिशत आबादी के हक में तर्क नहीं दिया और जनता को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यदि आरक्षण बढ़ाया था तो उसके विशेष कारणों को बताने की जवाबदेही भी सरकार को थी। रमन सरकार ने नहीं बताया। हमारी सरकार ने ओबीसी वर्ग के आरक्षण को 27 प्रतिशत किया है तो हम उसके लिये क्वांटी फायबल डाटा आयोग बना कर पिछड़ा वर्ग की राज्य में जनगणना करवा रहे। हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे राज्यों के भी 50 प्रतिशत से भी अधिक आरक्षण है। अरूणांचल, मिजोरम, मेघालय जैसे राज्यों में अनुसूचित जाति वर्ग को 80 प्रतिशत आरक्षण है। आरक्षण रद्द किये जाने का विपरीत प्रभाव अब तक हुये एडमिशन में न पड़े और भर्तियां हुई है इस पर न पड़े। इसके लिये अदालत से विशेष निवेदन किया गया। अदालत ने इसको माना भी इस फैसले का अभी तक की भर्तियों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमारा मानना है कि राज्य के सभी वंचित वर्ग को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण दिया जाये, एससी के आरक्षण में कटौती न हो, एसटी को पूरा आरक्षण मिले, ओबीसी को पूरा मिले रमन सरकार ने यही सावधानी नहीं बरता था।
मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि आरक्षण को बढ़ाने के लिये तत्कालीन सरकार ने तत्कालीन गृहमंत्री ननकी राम कंवर की अध्यक्षता में 2010 में मंत्रिमंडलीय समिति का भी गठन किया था। रमन सरकार ने उसकी अनुशंसा को भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जिसका परिणाम है कि अदालत ने 58 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को रद्द कर दिया।
-इक़बाल अहमद
चार पूर्व जजों और भारत के एक पूर्व गृह सचिव ने साल 2020 में दिल्ली के उत्तरपूर्वी इलाक़े में हुए सांप्रदायिक दंगों पर एक रिपोर्ट जारी की है.
रिपोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जाँच पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस के अलावा, केंद्रीय गृहमंत्रालय, दिल्ली सरकार और मीडिया की भूमिका पर भी कई सख़्त टिप्पणी की गईं हैं.
फ़रवरी 2020 में दिल्ली के उत्तरपूर्वी इलाक़े में सांप्रदायिक दंगे हुए थे जिनमें 53 लोग मारे गए. मरने वालों में 40 मुसलमान और 13 हिंदू थे.
दंगों में कई घर, दुकान और धार्मिक स्थलों को भी नुक़सान पहुँचा था.
इस रिपोर्ट को लेकर आईं प्रतिक्रियाओं में कहा गया है कि इसे मौजूदा सरकार की ओर से कोई तवज्जो मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. लेकिन ये रिपोर्ट तय करती है कि नाइंसाफ़ी को दस्तावेज़ों में दर्ज किया गया है, उसे भुलाया नहीं गया है.
कमेटी का गठन
केंद्र और राज्य सरकारों में काम कर चुके पूर्व नौकरशाहों के एक समूह 'कॉन्स्ट्यूटिशनल कंडक्ट ग्रुप (सीसीजी)' ने अक्टूबर 2020 में इन दंगों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जाँच के लिए पूर्व जजों और नौकरशाहों की एक कमेटी बनाई थी.
इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीसीजी को कब सौंपी इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं है लेकिन सीसीजी ने यह रिपोर्ट शुक्रवार (सात अक्टूबर, 2022) को सार्वजनिक कर दी है.
कमेटी के सदस्य कौन थे?
जस्टिस मदन लोकुर (रिटायर्ड)- सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज, अध्यक्ष
जस्टिस एपी शाह (रिटायर्ड)- दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, सदस्य
जस्टिस आरएस सोढ़ी (रिटायर्ड)- दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज, सदस्य
जस्टिस अंजना प्रकाश (रिटायर्ड)- पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज, सदस्य
जीके पिल्लई- पूर्व केंद्रीय गृह सचिव, सदस्य
रिपोर्ट में क्या है?
पूर्व जजों की इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट का नाम 'अनसर्टेन जस्टिस: ए सिटिज़ेन्स कमेटी रिपोर्ट ऑन द नॉर्थ ईस्ट डेल्ही वॉयलेंस 2020' (Uncertain Justice: A Citizens Committee Report on the North East Delhi Violence 2020) रखा है.
171 पन्नों की इस रिपोर्ट को तीन हिस्सों में बांटा गया है.
पहले हिस्से में इस बात की जाँच की गई है कि दंगों से पहले किस तरह से सांप्रदायिक माहौल बनाया गया, दंगों के दौरान क्या हुआ, पुलिस और सरकार का रोल कैसा रहा.
दूसरे हिस्से में मेनस्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका की जाँच की गई है कि कैसे उन्होंने दंगों से ठीक पहले और उसके बाद, रिपोर्ट के अनुसार 'पूरे माहौल को दूषित किया.'
तीसरे हिस्से में दिल्ली पुलिस की जाँच को क़ानूनी नज़रिए से परखा गया है और ख़ासकर यूएपीए क़ानून लगाने को लेकर गहन अध्ययन किया गया है.
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कुछ सिफ़ारिशें भी की हैं.
'ईमानदार दस्तावेज़'
सुप्रीम कोर्ट के जाने माने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "चार पूर्व जजों और एक पूर्व केंद्रीय गृह सचिव की इस रिपोर्ट को मौजूदा सरकार की ओर से कोई तवज्जो मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. लेकिन भविष्य में इतिहासकार और शोधकर्ता इस रिपोर्ट को दिल्ली में 2020 में सचमुच में क्या हुआ था, इसके एक ईमानदार दस्तावेज़ के तौर पर रेफ़ेरेंस की तरह इस्तेमाल करेंगे."
संजय हेगड़े आगे कहते हैं, "सत्ता के ख़िलाफ़ व्यक्ति का संघर्ष भूल जाने के ख़िलाफ़ याद रखने का संघर्ष जैसा होता है और यह रिपोर्ट इस बात को सुनिश्चित करती है कि नाइंसाफ़ी को दस्तावेज़ों में दर्ज किया गया है, उसे भुलाया नहीं गया है."
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में हिंसा फ़रवरी के महीने में हुई थी. लेकिन उससे ठीक पहले दिसंबर 2021 और जनवरी 2022 में माहौल को ख़राब करने और ख़ासकर मुसलमानों के ख़िलाफ़ माहौल पैदा करने की पूरी कोशिश की गई थी.
दिसंबर 2019 में पारित हुए नागरिक संशोधन क़ानून (सीएए) के कारण मुसलमानों को इस बात का ख़ौफ़ हो गया था कि सीएए और एनआरसी के ज़रिए उनकी नागरिकता को ख़तरा हो सकता है.
दिसंबर में देश के कई इलाक़ों में सीएए के विरोध में प्रदर्शन होने लगे जिसमें दिल्ली (शाहीन बाग़ और उत्तर पूर्वी दिल्ली विरोध का ) एक प्रमुख केंद्र बन गया था.
इसी बीच दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई.
बीजेपी ने सीएए के विरोध में प्रदर्शनों को अपने चुनाव प्रचार का मुख्य मुद्दा बनाया और इन प्रदर्शनों को राष्ट्र विरोधी और हिंसक क़रार दिया.
अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा जैसे बीजेपी नेताओं ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को खुलेआम देश का 'ग़द्दार' कहा और उन्हें 'गोली मारने' का नारा लगाया.
मुसलमानों के ख़िलाफ़ बनाए जा रहे इस माहौल को टीवी चैनलों और सोशल मीडिया ने और हवा दी.
मीडिया की भूमिका
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में नेशनल न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों को बदनाम करने और मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत को और हवा दी.
कमेटी ने दिसंबर 2019 से लेकर फ़रवरी 2020 तक भारत के छह प्रमुख न्यूज़ चैनलों के प्राइमटाइम शो के 500 से भी ज़्यादा घंटे के फ़ुटेज का अध्ययन किया है.
इन छह चैनलों में अंग्रेज़ी के दो (रिपब्लिक और टाइम्स नाउ) और हिंदी के चार (आज तक, ज़ी न्यूज़, इंडिया टीवी, रिपब्लिक भारत) चैनल शामिल हैं.
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, "न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया के विश्लेषण से पता चलता है कि सीएए संबंधित रिपोर्टों को न्यूज़ चैनलों ने मुसलमान और हिंदू के मुद्दे की तरह पेश किया. मुसलमानों को हमेशा पूर्वाग्रह के साथ और शक की नज़र से दिखाया गया. चैनलों ने सीएए विरोध प्रदर्शनों को हमेशा बदनाम किया, आधारहीन साज़िश को हवा दी और उन विरोध प्रदर्शनों को जबरन ख़त्म करवाने की माँग की."
कमेटी का दावा है कि नफ़रत ने इस तरह का माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसमें समाज के एक बड़े हिस्से को मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा के लिए उकसाया जा सका.
दिल्ली पुलिस की भूमिका
इस रिपोर्ट में क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने की ज़िम्मेदार दिल्ली पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार "23 फ़रवरी के दिन और उससे पहले भी राजनेताओं के ज़रिए हेट-स्पीच दिए जाने के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के मामले में दिल्ली पुलिस बुरी तरह नाकाम रही."
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस तरह के कई दस्तावेज़ मौजूद हैं जिससे पता चलता है कि दिल्ली पुलिस के लोगों ने भीड़ की मदद की और कई जगह मुसलमानों के ख़िलाफ़ हमलों में ख़ुद शामिल हुए.
कमेटी ने इन दंगों में दिल्ली पुलिस की भूमिका की जाँच के लिए कोर्ट की निगरानी में एक स्वतंत्र कमेटी बनाए जाने की सिफ़ारिश की है.
केंद्रीय गृहमंत्रालय की भूमिका
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय गृहमंत्रालय पर भी उंगली उठाई है.
रिपोर्ट में लिखा गया है, "दिल्ली पुलिस और केंद्रीय पैरामिलिट्री बल पर नियंत्रण होने के बावजूद केंद्रीय गृहमंत्रालय सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए प्रभावी क़दम उठाने में नाकाम रहा. पुलिस और सरकार के उच्च अधिकारियों ने 24 और 25 फ़रवरी को बार-बार यह विश्वास दिलाया था कि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन इसके बावजूद ज़मीन पर हिंसा होती रही."
केजरीवाल सरकार पर भी आरोप
रिपोर्ट में दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस दौरान दोनों समुदायों के बीच मध्यस्थता की कोई कोशिश नहीं की. हालांकि 23 फ़रवरी से पहले ही हालात के ख़तरनाक होने के साफ़ संकेत मिल रहे थे.
रिपोर्ट कहती है कि हिंसा के कुछ ही दिन पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भारी बहुमत के साथ जीतकर आए थे लेकिन दंगों के दौरान वो अप्रभावी और असहाय से दिखे.
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दंगा प्रभावित लोगों को राहत पहुँचाने के मामले में भी केजरीवाल सरकार पर सख़्त टिप्पणी की है.
आम आदमी पार्टी या केजरीवाल सरकार ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
पार्टी का पक्ष जानने के लिए विधायक सौरभ भारद्वाज से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया.
पार्टी या दिल्ली सरकार का पक्ष मिलते ही कॉपी में अपडेट कर दिया जाएगा.
दिल्ली पुलिस और दंगों की जाँच
इस रिपोर्ट में दंगों के बाद दर्ज हुए केस की जाँच को लेकर दिल्ली पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं.
दिल्ली के अलग-अलग थानों में इन दंगों से जुड़े क़रीब साढ़े सात सौ केस दर्ज किए गए थे.
पुलिस ने 1700 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार भी किया था.
कमेटी का कहना है कि पुलिस ने उन लोगों की कोई जाँच नहीं की जिन्होंने दंगों से पहले हेट-स्पीच दी और लोगों को हिंसा के लिए उकसाया.
कमेटी ने यूएपीए के तहत दर्ज किए मामलों और आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज किए गए मामलों का अलग-अलग अध्ययन किया है.
दिल्ली दंगे, 2020
दिल्ली पुलिस ने अदालत में जो चार्जशीट दाख़िल की है उसमें दंगों के लिए एक सुनियोजित साज़िश का ज़िक्र किया है. लेकिन कमेटी का कहना है कि पुलिस ने जो आरोप लगाए हैं वो सब बाद में दिए गए बयानों पर आधारित हैं और उनमें कई विरोधाभास और अनियमतिताएं हैं. कमेटी के अनुसार क़ानून के नज़रिए से देखा जाए तो उनपर भरोसा करना मुश्किल है.
कमेटी का कहना है कि दिल्ली पुलिस का यह आरोप बहुत ही हास्यास्पद है कि सीएए का विरोध करने वालों ने दंगों के लिए साज़िश रची जिसमें सबसे ज़्यादा नुक़सान मुसलमानों और सीएए का विरोध करने वालों का ही हुआ.
कमेटी मानती है कि पुलिस ने जानबूझकर कुछ लोगों को निशाना बनाते हुए उनपर यूएपीए की धारा लगाई है जबकि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि यह कोई आतंकवादी गतिविधि थी जिससे देश की अखंडता और सार्वभौमिकता को कोई ख़तरा हो.
कमेटी का कहना है कि यूएपीए मामले में ज़्यादातर लोग आख़िरकार अदालत से बरी हो जाते हैं लेकिन इस बीच उन्हें बेल नहीं मिलती और कई साल जेल में गुज़ारने पड़ते हैं. कमेटी के अनुसार इन मामलों में क़ानूनी प्रक्रिया ही अपने आप में सज़ा हो जाती है.
कमेटी ने यूएपीए क़ानून की समग्र समीक्षा की सिफ़ारिश की है.
कमेटी ने दिल्ली दंगों की निष्पक्ष जाँच के लिए एक स्वतंत्र जाँच आयोग के गठन की सिफ़ारिश की है और यह भी कहा है कि जाँच आयोग का अध्यक्ष ऐसे व्यक्ति को बनाया जाना चाहिए जिनकी निष्पक्षता और योग्यता पर दंगा पीड़ितों को पूर्ण विश्वास हो.
अदालत ने भी दिल्ली पुलिस की जाँच पर उठाए हैं सवाल
दंगों के बाद जब मामला अदालत में पहुँचा, उस दौरान ऐसे कई मौक़े आए जब अदालतों ने दिल्ली पुलिस पर सख़्त टिप्पणी की और उनकी जाँच के स्तर को ख़राब क़रार दिया.
दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस एस मुरलीधर, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव, और दिल्ली के चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग कई बार सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को चेतावनी दे चुके हैं.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने तो एक मामले की सुनवाई के बाद दिल्ली पुलिस पर 25 हज़ार रूपए का जुर्माना भी लगाया था.
दिल्ली दंगे, 2020
दिल्ली पुलिस का क्या कहना हैदिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नालवा ने कहा कि यह मामला अदालत के समक्ष है इसलिए वो इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहेंगी.
लेकिन इससे पहले जब कभी भी दिल्ली दंगों में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे हैं, दिल्ली पुलिस ने तमाम आरोपों को ख़ारिज किया है.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसने वीडियो एनालिटिक्स से लेकर आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों की मदद से इन मामलों की जाँच की है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी संसद में दिल्ली पुलिस के काम की सराहना कर चुके हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने 11 मार्च 2020 को संसद में दिल्ली के दंगों को "एक बड़ी सुनियोजित साज़िश का हिस्सा" बताते हुए दिल्ली पुलिस के बारे में कहा था कि "उन्होंने सराहनीय काम करते हुए दंगों को 36 घंटे के भीतर क़ाबू में कर लिया."
दिल्ली दंगों पर पहले भी रिपोर्ट आईं हैं
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की ओर से गठित एक कमेटी ने जुलाई 2020 में एक रिपोर्ट जारी की थी.
सुप्रीम कोर्ट के वकील एमआर शमशाद कमेटी के चेयरमैन थे जबकि गुरमिंदर सिंह मथारू, तहमीना अरोड़ा, तनवीर क़ाज़ी, प्रोफ़ेसर हसीना हाशिया, अबु बकर सब्बाक़, सलीम बेग, देविका प्रसाद और अदिति दत्ता कमेटी के सदस्य थे.
इस कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली पुलिस की भूमिका बहुत ख़राब थी.
उन्होंने भी हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक जाँच आयोग के गठन की सिफ़ारिश की थी.
मार्च, 2020 में बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों के एक समूह (जीआईए) ने 48 पन्नों की एक रिपोर्ट जारी की थी. इस समूह में सुप्रीम कोर्ट की वकील मोनिका अरोड़ा भी थीं. इस रिपोर्ट में दिल्ली दंगों के लिए 'अर्बन-नक्सल-जिहादी नेटवर्क' को ज़िम्मेदार ठहराया गया था.
इस रिपोर्ट का नाम था, 'दिल्ली दंगे: साज़िश का पर्दाफ़ाश'.
70 पन्नों की इस रिपोर्ट को बॉम्बे हाइकोर्ट के एक रिटायर्ड जज, जस्टिस अम्बादास के नेतृत्व वाली एक छह सदस्यीय कमेटी ने तैयार किया था. कमेटी ने इस रिपोर्ट को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी सौंपी थी.
जीआईए और सीएफ़जे दोनों रिपोर्टों में कहा गया है कि 'राष्ट्रविरोधी, चरमपंथी इस्लामिक समूहों और अन्य अतिवादी समूहों' ने मिलकर एक साज़िश रची और एक पूर्व नियोजित और संगठित तरीक़े से हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर हमला किया. (bbc.com/hindi)
रायपुर।मानसून की विदाई रेखा उत्तरकाशी, नजीबाबाद, आगरा, ग्वालियर, रतलाम, भरूच है। प्रदेश में बंगाल की खाड़ी से प्रचुर मात्रा में नमी, निम्न स्तर पर आ रही है जिसके कारण प्रदेश में कल 9 अक्टूबर को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात भी होने की संभावना है।
सीएम ने दिए निर्देश
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 अक्टूबर । प्रदेश के स्कूलों की रंगाई-पोताई अब गोबर से निर्मित पेंट से होगी। राज्य में स्थापित किए गए गौठानों में रूरल इंण्डस्ट्रीयल पार्क विकसित किया जा रहा है। इन पार्को में स्व.सहायता समूह की महिलाओं गोबर से पेंट बनाने का काम भी किया जा रहा है। सीएम ने ग्रामीण महिलाओं को रोजगार का जरिया देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए सभी स्कूलों में रंगाई-पोताई गोबर से बने पेंट से करने के निर्देश दिये हैं।
गौरतलब है कि सीएम भूपेश बघेल आज न्यू सर्किट हाऊस में कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेस के दौरान वाहन गौठान और रीपा रूरल इंण्डस्ट्रीयल पार्क के स्वयं स्व: सहायता समूह के द्वारा लगाए स्टॉल का अवलोकन करने पहुंचे। वहां उन्होंने समूह द्वारा प्रदर्शित उत्पाद गोबर से बने पेंट कुकीस, अचार तथा बांस से बने घरेलू उपयोग की वस्तुएं कलाकृति को देखा तथा इस संबंध में जानकारी ली। सीएम ने महिलाओं द्वारा निर्मित किये गए उत्पादों की सराहना करते हुए अपर मुख्य सचिव को कहा कि, राज्य की सभी शासकीय स्कूलों में पोताई कार्य में गौठान या रूरल इंण्डस्ट्रीयल पार्क में निर्मित गोबर से बने पेंट का उपयोग करने के निर्देश जारी करें।