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चिचोला के मासूल जलाशय में डूबे ग्रामीण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 अक्टूबर। चिचोला इलाके के मासूल जलाशय से निकली नहर में दो ग्रामीणों की मौत का मामला सामने आया है। घटना कल देर शाम की है। कड़ी मशक्कत के बाद चिचोला पुलिस ने रात लगभग 10 बजे दोनों ग्रामीणों के शव को बरामद कर लिया है। बताया जा रहा है कि मछली मारने के दौरान यह हादसा हुआ है। घटना की खबर के बाद विधायक छन्नी साहू और उनके पति चंदू साहू मौके पर पहुंचे।
मिली जानकारी के मुताबिक नवागांव के रहने वाले सावंतराम धनकर और परदेशीराम नहर में मछली पकडऩे के लिए गए थे। इस दौरान दोनों नहर के पाईप से निकलने की कोशिश करते फंस गए। जिससे दोनों की पानी में डूबने से मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि पानी छोड़े जाने के दौरान गहराई 40 फीट से अधिक थी। इसी के चलते यह हादसा हुआ है। चिचोला पुलिस चौकी प्रभारी चेतन चंद्राकर ने 'छत्तीसगढ़’ को बताया कि मछली तलाशी के दौरान दोनों की मृत्यु हुई है। शव को बरामद कर लिया गया है। नहर मासूल जलाशय से जुड़ा हुआ है। क्षमता से अधिक भराव होने के कारण जलाशय से नहर में पानी छोड़ा गया। पुलिस का कहना है कि दोनों मछली पकडऩे के प्रयास में गहराई में चले गए और उनकी जान चली गई।
नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने घोषणा की है कि जन्म के चार साल बाद तक बच्चे का नाम जन्म प्रमाण पत्र में ‘ऑनलाइन’ जोड़ा जा सकता है और इसे स्वत: मंजूरी भी मिल जाएगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि इससे पहले ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत नाम जुड़ने में सात से 10 दिन का समय लग जाता था।
उन्होंने कहा, ‘‘अब माता-पिता व अभिभावक बच्चे के जन्म के चार साल बाद तक उसका नाम जन्म प्रमाणपत्र में ‘ऑनलाइन’ जोड़ सकते हैं और इस प्रक्रिया को स्वत: मंजूरी भी मिल जाएगी।’’
अधिकारी के मुताबिक, कई अभिभावकों ने नागरिक निकाय से शिकायत की थी कि उन्हें अपने बच्चों के दाखिले के लिए जन्म प्रमाणपत्र की जरूरत है और अधिकारियों द्वारा इसे मंजूरी देने में काफी समय लग रहा है।
एमसीडी ने एक बयान में कहा, ‘‘दिल्ली नगर निगम ने नागरिकों की सुविधा और व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जन्म के पंजीकरण की प्रक्रिया को सशक्त बनाने के लिए बच्चे के जन्म के चार साल बाद तक ऑनलाइन नाम जोड़ने व उसे स्वत: मंजूरी देने का विकल्प लाया गया है।’’
बयान के अनुसार, जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम-1949 के तहत यदि ‘‘किसी भी बच्चे का जन्म से जुड़ा पंजीकरण बिना नाम के किया गया है तो ऐसे बच्चे के माता-पिता या अभिभावक निर्धारित अवधि के भीतर रजिस्ट्रार को मौखिक या लिखित रूप से बच्चे के नाम के बारे में जानकारी देंगे। उसके बाद रजिस्ट्रार ‘रजिस्टर’ में उस नाम को दर्ज करेगा।’’
बयान में कहा गया है कि दिल्ली नगर निगम अपने उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करके नागरिकों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के सभी प्रयास कर रही है। (भाषा)
अहमदाबाद (गुजरात), 12 अक्टूबर। कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर पार्टी के शीर्ष पद के आगामी चुनाव के लिए प्रचार करने के वास्ते आज यानी बुधवार को गुजरात आएंगे।
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर के अलावा मल्लिकार्जुन खरगे भी 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के लिए मैदान में हैं। चुनाव के परिणाम की घोषणा 19 अक्टूबर को की जाएगी।
थरूर अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देकर बुधवार दोपहर अपने दौरे की शुरुआत करेंगे।
पार्टी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, थरूर इसके बाद कांग्रेस के निर्वाचक मंडल के सदस्यों (डेलीगेट) तथा पत्रकारों से बातचीत करेंगे।
खरगे कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव प्रचार के लिए पिछले सप्ताह गुजरात आए थे। उन्होंने भी पार्टी डेलीगेट से मिलने से पहले साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की थी। (भाषा)
पणजी, 12 अक्टूबर। गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रमेश तावड़कर ने कहा है कि राज्य में हाल ही में आठ कांग्रेस विधायकों के समूह का सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में विलय संवैधानिक नियमों के अनुसार हुआ।
तावड़कर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि हाल के समय में राजनीति का स्वरूप बदला है और राजनीति अब अधिक ‘जीवंत’ हो गई है।
बीते 14 सितंबर को गोवा में कांग्रेस के 11 विधायकों में से आठ भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने कांग्रेस विधायक दल के भाजपा में विलय को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया था।
पिछले महीने के राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर तावड़कर ने कहा कि विलय संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी से दो-तिहाई विधायकों का समूह अलग हो गया, जिनका भाजपा में विलय हुआ। सब कुछ नियम पुस्तिका के मुताबिक हुआ।’’
तावड़कर ने कहा कि जब कांग्रेस में यह विघटन हुआ, तब वह दिल्ली में थे, लेकिन उसी दिन वह राज्य की राजधानी पणजी लौट आए और सभी औपचारिकताओं को पूरा किया।
तावड़कर ने कहा, ‘‘यह अचानक हुआ। मैं समझता हूं कि उन्होंने भी यह फैसला अचानक ही लिया।’’
यह पूछे जाने पर क्या किसी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले विधायकों का बिना कोई चुनाव लड़े दूसरी पार्टी में चले जाना लोकतंत्र में स्वस्थ परंपरा है, तावड़कर ने कहा कि इन विधायकों को शायद लगा होगा कि उनकी पार्टी (कांग्रेस) उन्हें न्याय नहीं दे पाएगी, इसलिए वे भाजपा में आ गए।
उन्होंने कहा, ‘‘हाल के समय में राजनीति का स्वरूप बदला है। अब राजनीति अधिक जीवंत हो गई है। विधायकों को अपने कार्यकाल के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र के समग्र विकास के बारे में सोचना होगा।’’ (भाषा)
इस साल की शुरुआत में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद भारत कूटनीतिक स्तर पर काफ़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है.
पश्चिमी देश उस पर रूस की कड़ी आलोचना नहीं करने का आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन अब संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में आए एक प्रस्ताव पर भारत ने रूस के ख़िलाफ़ मतदान किया है.
हिंदी अख़बार अमर उजाला की ख़बर के मुताबिक़, अल्बानिया ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर अवैध क़ब्ज़े को लेकर रूस के ख़िलाफ़ संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक मसौदा प्रस्ताव लाया गया. इस प्रस्ताव में रूस की निंदा करने के लिए खुले मतदान की मांग की गई लेकिन पुतिन इसके लिए गुप्त मतदान की मांग पर अड़े थे जिसे भारत ने ख़ारिज कर दिया है और इसके ख़िलाफ़ जाकर वोटिंग भी कर दी है.
भारत सहित संयुक्त राष्ट्र के 107 सदस्य देशों ने रिकॉर्ड वोट के पक्ष में मतदान करने के बाद गुप्त मतदान के लिए मास्को की मांग को ख़ारिज कर दिया था. वहीं, केवल 13 देशों ने गुप्त मतदान के लिए रूस के आह्वान के पक्ष में मतदान किया जबकि 39 ने भाग नहीं लिया. रूस और चीन उन देशों में शामिल थे जिन्होंने मतदान नहीं किया. (bbc.com/hindi)
इंटरपोल ने एक बार फिर खालिस्तान अलगाववादी गुरपटवंत सिंह पन्नू के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी की भारतीय अपील को ठुकरा दिया है. ये दूसरा मौका है जब इंटरपोल ने कनाडा स्थित सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक और खालिस्तान समर्थक के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से मना किया है.
अंग्रेजी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, भारतीय अधिकारी अपने मामलों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं दे सके.
सूत्रों ने ये भी बताया कि इंटरपोल ने यह भी संकेत दिया कि यूएपीए कानून दुरुपयोग करने के लिए बनाया गया है, जिसके तहत भारत ने रेड कॉर्नर नोटिस के लिए कहा था. इंटरपोल ने कहा है कि इस कानून से सरकार के आलोचकों, अल्पसंख्यक समूहों और अधिकार कार्यकर्ताओं को टारगेट किया जा रहा है.
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि इंटरपोल ने स्वीकार किया कि पन्नू एक हाई-प्रोफाइल सिख अलगाववादी हैं और एसएफजे एक ऐसा समूह है जो एक स्वतंत्र खालिस्तान की मांग करता है. फिर भी, उन्होंने कहा कि पन्नू की गतिविधियों का एक स्पष्ट राजनीतिक आयाम है, जो इंटरपोल के संविधान के अनुसार रेड कॉर्नर नोटिस का विषय नहीं हो सकता है. (bbc.com/hindi)
केरल के पथानामथिट्टा ज़िले में कथित रूप से आर्थिक समृद्धि के लिए दो महिलाओं की बलि देने का मामला सामने आया है.
अंग्रेजी अख़बार द हिंदू में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, केरल के दो ज़िलों की पुलिस पिछले कुछ वक़्त से दो महिलाओं पद्मम और रोसली की गुमशुदगी के मामले में जांच कर रही थी.
इसी सिलसिले में कोच्चि सिटी पुलिस ने एक दंपति भगवल सिंह और लैला के साथ शफ़ी उर्फ़ रशीद को हिरासत में लिया. और इन तीनों के साथ हुई पूछताछ में पुलिस को ये चौंकाने वाली जानकारी मिली है.
कोच्चि सिटी पुलिस के पुलिस अधीक्षक सीएच नागाराजु कहते हैं, "पद्मम की हत्या सितंबर के आख़िरी हफ़्ते में हुई थी. वहीं दूसरी महिला की हत्या जून में की गयी थी. इन तीनों लोगों ने दोनों महिलाओं की बर्बर ढंग से हत्या करके उनकी लाशों को अपने ही घर में दफ़ना दिया. अभियुक्तों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है और हमने उनके बयानों की पुष्टि भी कर ली है."
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़, शफ़ी और भगवल सिंह आर्थिक तंगी से गुज़र रहे थे.
भगवल सिंह को आर्थिक संकट से निपटने के लिए इंसानी बलि देने की सलाह दी गयी जिसे शफ़ी ने बढ़ावा दिया. इसके बाद शफ़ी कुछ पैसों के बदले में महिलाओं को लेकर आए.
शफ़ी इन महिलाओं को नौकरी और आर्थिक लाभ के प्रलोभन देकर फुसलाया करता था. पुलिस अभियुक्तों के घर में दफ़नाई गयी लाशों की डीएनए जांच करके पीड़ितों की पहचान की पुष्टि करेगी. (bbc.com/hindi)
पोड़ी उपरोड़ा के वेतन घोटाला, बीईओ, लेखापाल व बाबू पर गड़बड़ी का आरोप, जांच ठंडी पड़ी
कोरबा, 12 अक्टूबर। पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड में शिक्षा अधिकारी और बाबुओं ने मिलकर लाखों रुपयों का वेतन घोटाला किया। कोविड पीड़ित की मौत के बाद ग्रेज्युटी की रकम भी हड़प ली। उच्चाधिकारियों से शिकायत हुई तो बीईओ को उनके मूल पद पर वापस भेज दिया गया पर न एफआईआर हुई न लुटाई गई रकम की वसूली की कोई कार्रवाई की गई। नए कलेक्टर ने नए सिरे से जांच का आदेश दिया पर उस पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सूचना के अधिकार के तहत पोड़ी उपरोड़ा के जनपद सदस्य प्रदीप जायसवाल ने जो जानकारी निकाली वह हैरान करने वाला है। बीईओ सहित वर्षों से जमे कर्मचारियों ने दरियादिली के साथ वर्षों से अनुपस्थित स्टाफ को वापस नौकरी पर रखा और उन्हें लाखों रुपये वेतन के रूप में भी बांट दिए। यह घोटाला अप्रैल माह में किया गया, जब विकासखंड शिक्षा अधिकारी पद एलएस जोगी पदस्थ थे। बीईओ ऑफिस के ग्रेड 2 सहायक प्रदीप कुमार मिश्रा और प्रभारी लेखापाल ग्रेड 3 सहायक छवि कुमार गहिरवार की भी इसमें मिलीभगत सामने आई है।
दस्तावेजों से मालूम होता है कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पसान के भृत्य बहादुर राम को बिना किसी सक्षम अधिकारी के बीईओ कार्यालय में संलग्न कर दिया। उक्त भृत्य 79 महीने तक यानि 2220 दिन तक ड्यूटी से गायब था। यानि लगभग नौकरी छोड़ चुका था। नियमों के खिलाफ जाकर सहायक ग्रेड 2 प्रदीप कुमार मिश्रा ने उसे ज्वाइनिंग दे दी। इसके लिए उसने 24 फर्जी आदेश तैयार किए। प्रत्येक आदेश में 89 दिन का अवकाश स्वीकृत किया गया। किसी भी कर्मचारी के इतने दिनों का अवकाश स्वीकृत करने का कोई प्रावधान नियम में नहीं होने के बावजूद ऐसा किया गया। यही नहीं सहायक लेखापाल गहिरवार ने उसे कुल 13 लाख 57 हजार 122 रुपये का भुगतान भी बकाया वेतन के नाम पर कर दिया।
इसी तरह जानकारी सामने आई है कि सहायक शिक्षक विष्णु कुमार बिंझवार प्राथमिक शाला सिकटापारा में अपनी ड्यूटी से 9 साल से गैरहाजिर था। सन् 2018 से एक शिक्षिका शिखा राय अनुपस्थित थीं। इन दोनों को जनवरी माह में ज्वाइनिंग दे दी गई। जबकि लंबे समय से अवकाश पर रहने वाले कर्मचारियों को ज्वाइनिंग दिलाने का अधिकार विकासखंड शिक्षा अधिकारी को नहीं है। इस बारे में उच्चाधिकारी राज्य स्तर पर निर्णय लेते हैं।
जानकारी यह भी सामने आई कि वीरेंद्र राठिया, विजय कुमार कुजूर, आसिफ खान, महावीर तांडिया और कई अन्य शिक्षकों का वेतन प्रभारी लेखापाल ने अनुपस्थिति के बावजूद जारी कर दिया। सेवा पुस्तिका में न तो उनके अवकाश का जिक्र है न ही उसकी स्वीकृति का। सहायक ग्रेड 2 प्रदीप कुमार मिश्रा बीईओ कार्यालय में लगभग 25 वर्ष से पदस्थ है। मिश्रा व प्रभारी लेखापाल पर कुछ कर्मचारियों की राशि अपने खाते में जमा कराने या भी स्वयं के नाम पर चेक बनाकर निकाल लेने की शिकायतें भी हैं। रामपुर में पदस्थ एक भृत्य पंकज खलखो की कोविड-19 संक्रमण से मौत हो गई थी। उनकी पत्नी प्रमिला खलखो को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। उसने पिछले जून माह में अपने पति को मिलने वाली ग्रेज्युटी की राशि नहीं मिलने की शिकायत अधिकारियों से की थी। यह राशि इन्हीं कर्मचारियों ने आहरित कर ली थी।
आरटीआई कार्यकर्ता जनपद सदस्य प्रदीप जायसवाल ने पूरे मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की तो लोक शिक्षण संचालक और संयुक्त संचालक की ओर से जांच शुरू की गई थी, पर बीईओ जोगी को उनके मूल स्कूल में भेजने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की गई। कलेक्टर संजीव झा से शिकायत की गई तो उन्होंने सितंबर माह में एसडीएम और लेखाधिकारी को जांच का निर्देश दिया, पर अब तक उसकी भी कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
रायपुर, 12 अक्टूबर। रवि नगर निवासी स. रंजीत सिंह भाटिया की धर्मपत्नी, सरदारनी नरिंदर कौर का आज (12 अक्टूबर ) प्रातःकाल को आकस्मिक निधन हो गया है. वे स.अमरजीत सिंह भाटिया(पप्पू खरोरा), महेन्द्र पाल सिंह भाटिया, इन्द्रजीत सिंह भाटिया, निर्मल सिंह भाटिया, और देवेन्द्र सिंह भाटिया की माँ थीं.
उनकी शवयात्रा 12 अक्टूबर, बुधवार को उनके निवास स्थान, रवि नगर से दोपहर 3 बजे आरम्भ होकर देवेन्द्र नगर मोक्ष धाम जाएगी.
रायपुर, 12 अक्टूबर। प्रदेश में अगले कुछ दिन रूक रूककर बारिश होते रहेंगी। मानसून धीरे धीरे वापसी की ओर है।मानसून की विदाई रेखा उत्तरकाशी, नजीबाबाद, आगरा, ग्वालियर, रतलाम, भरूच है। प्रदेश में बंगाल की खाड़ी से प्रचुर मात्रा में निम्न स्तर पर नमी आ रही है।इस वजह से प्रदेश में बुधवार को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ गाज भी गिर सकती है।
फ़िलहाल कुछ दिन और बारिश होने की सम्भावना है। मौसम विज्ञान विभाग रायपुर के अनुसार अगले पांच दिनों में प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की माध्यम बारिश होने की संभावना है। आसमान में बादल छाए रहने के साथ अधिकतम तापमान 30.0-31.0 डिग्री से. और न्यूनतम तापमान 22.0-23.0 डिग्री से., सुबह की हवा में 94-96% और शाम की हवा में 59-70% आर्द्रता तथा आने वाले दिनों में हवा पूर्व/दक्षिण-पश्चिम दिशाओं से 3.0 किमी प्रति घंटे की गति से चलने की संभावना है।
मौसम विज्ञानिकों के मुताबिक एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे उत्तर तटीय ओडिशा-तटीय पश्चिम बंगाल के ऊपर स्थित है। इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है। वहीं एक द्रोणिका निम्न दाब के क्षेत्र से दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है।
मौसम विभाग ने बस्तर और आसपास के इलाकों में बारिश की चेतावनी दी है। हालांकि बस्तर संभाग के साथ-साथ रायपुर और दुर्ग संभाग में भी कुछ स्थानों पर बारिश होगी और तेज हवाएं चलेगी। छत्तीसगढ़ से मानसून की विदाई होने वाली है, लेकिन उससे पहले लोकल सिस्टम से अभी प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। रायपुर में भी पिछले तीन दिनों से रूक रूककर बारिश हो रही है।
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान आम जनता का मुख्यमंत्री से होता है सीधा संवाद
रायपुर, 11 अक्टूबर। सीएम भूपेश बघेल अब से कुछ देर बाद जैजैपुर विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात के लिए जा रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल आमजनों से भेंट-मुलाकात कर शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी लेंगे। वहीं आमजनता की समस्याओं पर उनसे सीधे बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आमजनता को प्रदेश के मुखिया से सीधे बातचीत करने का अवसर मिलता है।
सीएम रायपुर पुलिस ग्राउंड हेलीपेड से सुबह 11.30 बजे जैजैपुर के ग्राम कांशीगढ़ के लिए प्रस्थान करेंगे। मुख्यमंत्री का वहां दोपहर 12.30 बजे से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम प्रारंभ होगा। फिर दोपहर 2.10 बजे ग्राम कांशीगढ़ से हेलीकाप्टर द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 2.25 बजे ग्राम छपोरा पहुंचेंगे। मुख्यमंत्रीग्राम छपोरा में दोपहर 3.05 बजे भेंट-मुलाकात कार्यक्रम शुरू होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ग शाम 5.05 बजे के हसौद पहुंचेंगे। जहां शाम 6.30 बजे से विभिन्न प्रतिनिधि मण्डलों से भेंट करेंगे। कार्यक्रम पश्चात रात्रि विश्राम करेंगे।
रायपुर, 12 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल ने बालोद में इलाज के दौरान मरीज की मौत की शिकायत पर डॉ. सेनगुप्ता दिपांकर को निलंबित कर दिया है। इस संबंध में आदेश जारी कर कहा गया कि डॉ. दीपांकर की निलंबन अवधि 10 जनवरी तक तीन माह के लिए होगी।
उन पर यह कार्रवाई शहीद अस्पताल दल्ली राजहरा में आलोक माथुर की मृत्यु के लिए दोषी मानते हुए श्रीमती शिरोमणि माथुर की काउंसिल में की गई शिकायत पर की गई है।
हालांकि उन पर निलंबन की कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि अतिरिक्त अहर्ता निश्चेतना का पंजीयन छत्तीसगढ़ मेडिकल कौंसिल में पंजीकृत नहीं के कारण दोषी पाए गए हैं। जारी आदेश के अनुसार 3 दिन के भीतर मेडिकल काउंसिल द्वारा जारी मूल पंजीयन प्रमाण पत्र जमा करने के निर्देश दिए हैं।
तिरुवनंतपुरम, 12 अक्टूबर। केरल पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उसने महिला पर हमले के आरोपी कांग्रेस नेता और पेरुमबावूर के विधायक एलधोसे कुन्नप्पल्ली पर मामला दर्ज किया है। महिला ने आरोप लगाया है कि विधायक ने ना केवल उसका अपहरण किया बल्कि उस पर हमला भी किया।
पुलिस ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 362 (अपहरण), धारा 323(चोट पहुंचाना), धारा 354 और 506 (एक) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह घटना 14 सितंबर की है। आज भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं मसलन अपहरण, हमला और आपराधिक धमकी के तहत मामला दर्ज किया गया।’’
यहां के एक निजी संस्थान में कार्यरत महिला ने सितंबर में शहर के पुलिस आयुक्त से विधायक के खिलाफ शिकायत की थी, जिसे उन्होंने कोवलम पुलिस के पास भेज दिया।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि महिला (विधायक की पूर्व मित्र) पर कांग्रेस विधायक ने कई बार हमला किया और बाद में धमकाया।
महिला शनिवार और रविवार को कोवलम पुलिस थाने में अपना बयान दर्ज कराने पहुंची।
महिला ने कथित तौर पर अदालत से कहा कि विधायक ने उसे मामला वापस लेने के लिए पैसे देने का लालच दिया और धमकी दी। हालांकि, विधायक ने आरोपों से इनकार किया है।(भाषा)
पटना, 12 अक्टूबर। कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर नेहरू-गांधी परिवार के प्रति ‘‘दुर्भावनापूर्ण मंशा’’ रखने और इसके योगदान और बलिदान के प्रति कम सम्मान दिखाने का आरोप लगाया।
अपने प्रचार के हिस्से के रूप में बिहार के दौरे पर आए खरगे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ी यात्रा ‘‘चुनावी लाभ के उद्देश्य से नहीं’’ है बल्कि विभाजन की राजनीति के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई है जिसका भाजपा द्वारा कथित तौर पर प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा रोती रहती है कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। यह गलत है। हमारी पार्टी में सभी निर्णय उचित परामर्श और उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद लिए जाते हैं।’’
खरगे ने भाजपा पर प्रहार जारी रखते हुए आरोप लगाया यह वे हैं जो इस तरह की बारीकियों की परवाह नहीं करते; अपनी पार्टी द्वारा शासित राज्यों में अपनी मर्जी से मुख्यमंत्री बदलते हैं, लोगों को नियुक्त करते हैं, बिना किसी स्पष्टीकरण के विस्तार देते हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने जोर देकर कहा कि उनका अभी भी विचार है कि राहुल गांधी औपचारिक रूप से पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे अच्छे विकल्प होंगे।
उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें ‘‘नामांकन पत्र दाखिल करने से बमुश्किल 18 घंटे पहले’’ इसके लिए कहा गया था।
खरगे, जो अपनी पार्टी के सबसे जुझारू सांसदों में से एक रहे हैं, ने हालांकि कहा कि वह गांधी के इस फैसले का सम्मान करते हैं कि ‘‘उनके परिवार से कोई भी पार्टी अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए।’’
भाजपा ने आरोप लगाया था कि नेहरू-गांधी परिवार के प्रति कांग्रेस नेताओं के सम्मान से संकेत मिलता है कि उक्त परिवार द्वारा पार्टी को नियंत्रित करना जारी रखा जाएगा। इस बारे में पूछे जाने पर खरगे ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘यह भाजपा-आरएसएस(राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) के दुर्भावनापूर्ण इरादे (कलुषित मानसिकता) को दर्शाता है। वे किसी के बारे में ठीक से बात नहीं कर सकते। क्या परिवार द्वारा दिए गए अपार योगदान और भारी त्याग को कोई नकार सकता है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ने पूछा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी एक साथ 20 से अधिक वर्षों से पार्टी अध्यक्ष रहे हैं, ऐसे में पार्टी के नेताओं से सलाह लेने में क्या गलत है।
खरगे जिन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर के खिलाफ एक पसंदीदा उम्मीदवार के तौर पर देखा जाता है, से जब यह पूछा गया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उनके नए सहयोगी द्वारा विपक्षी एकता के प्रयासों के बारे में वह क्या सोचते हैं तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘चुनाव प्रक्रिया पूरी होने और निर्वाचित होने के बाद मैं इस पर विचार करूंगा और अपना जवाब दूंगा।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा को चुनावी लाभांश के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसका उद्देश्य उन लोगों को पराजित करना है जो धर्म, जाति, भाषाई और क्षेत्रीय पहचान के नाम पर देश को को विभाजित करने पर तुले हुए हैं।’’
खरगे ने कहा कि राहुल गांधी के प्रयास का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के आदर्शों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया संविधान खतरे में है।
खरगे ने जोर देकर कहा कि पार्टी में संगठनात्मक चुनाव ‘‘घर की बात’’ की तरह है। लेकिन शशि थरूर के नाम का उल्लेख किए बिना उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मुझे अपने चुनाव के लिए किसी घोषणापत्र की जरूरत है...मैं बहुत सारे मीडिया साक्षात्कारों के माध्यम से प्रचार हासिल करने में विश्वास नहीं रखता।’’
हालांकि उन्होंने दोहराया कि इस साल की शुरुआत में पार्टी के ‘चितंन शिविर’ में पारित उदयपुर घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करना उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है।
उन्होंने कहा, ‘‘उदयपुर घोषणा एक ऐसी चीज है जिससे मैं और मेरे प्रतिद्वंद्वी समान रूप से बंधे हैं। मैं वादा करता हूं कि एक बार निर्वाचित होने के बाद मैं संगठन में सभी स्तरों पर 50 वर्ष से कम आयु के लोगों को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व का वादा पूरा करने का प्रयास करूंगा। इस आयु वर्ग में सभी महिलाएं, दलित, अल्पसंख्यक, सामान्य वर्ग शामिल हैं।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि समन जारी करना महज औपचारिकता भर नहीं है और मजिस्ट्रेट को आरोपी के खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार मौजूद होने का पता लगाने में अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार ने एक फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के निदेशकों के खिलाफ जारी समन को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।
पीठ ने कहा, ‘‘समन जारी करना महज औपचारिकता भर नहीं है। मजिस्ट्रेट को इस बारे में अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए कि मामले में कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार हैं, या नहीं। इस तरह के विचार बनने को आदेश में उल्लेखित करने की जरूरत है।’’
न्यायालय ने कहा, ‘‘आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनने के निष्कर्ष तक पहुंचने में यदि कोई कारण नहीं बताया जाता है तो आदेश निरस्त किये जाने का हकदार है। नि:संदेह, आदेश में विस्तृत कारणों का उल्लेख किये जाने की जरूरत है।’’
पीठ ने कहा कि महज इसलिए कि एक व्यक्ति एक कंपनी का निदेशक है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह ‘औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम,1940 के तहत जरूरतों को पूरा करता है, जिससे कि उसे जिम्मेदार ठहराया जा सके।
न्यायालय ने कहा, ‘‘यह कहा गया है कि एक व्यक्ति को तब तक जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, जब तक कि वह प्रभारी ना हो और कंपनी के कामकाज के संचालन के लिए भी जिम्मेदार नहीं हो। ’’
पीठ ने कहा कि महज इसलिए कि एक व्यक्ति कंपनी का निदेशक है, यह जरूरी नहीं है कि वह कंपनी के दिन-प्रतिदिन के कामकाज से अवगत है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर। उच्चतम न्यायालय ने रिश्वत लेने सहित आपराधिक मामलों में सरकारी अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए चार महीने के सांविधिक प्रावधान को मंगलवार को अनिवार्य करार देते हुए कहा कि भ्रष्ट व्यक्ति को अभियोजित करने में देर होने पर ‘दंडित नहीं किये जाने की संस्कृति’ पनपती है।
शीर्ष न्यायालय ने एक अहम फैसले में कहा कि इस विलंब के लिए सक्षम प्राधिकार जिम्मेदार होगा और उस पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा सीवीसी अधिनियम के तहत प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।
हालांकि, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्ह की पीठ ने 30 पृष्ठों के अपने फैसले में कहा कि मुकदमा चलाने की अनुमति देने में विलंब को उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, लेकिन यह सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामलों को रद्द करने का आधार नहीं होगा।
न्यायालय ने कहा कि अनुमति देने वाला प्राधिकार अवश्य ही यह ध्यान में रखे कि लोग कानून का शासन में विश्वास करते हैं। कानून का शासन न्याय प्रशासन में यहां दांव पर लगा हुआ है।
पीठ ने कहा, ‘‘अनुमति के अनुरोध पर विचार करने में विलंब कर अनुमति देने वाला प्राधिकार न्यायिक पड़ताल को अनुपयोगी बनाता है, इससे भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ आरोपों के निर्धारण की प्रक्रिया बाधित होती है।’’
न्यायालय ने कहा, ‘‘भ्रष्ट व्यक्ति पर मुकदमा चलाने में देर करने से दंडित नहीं किये जाने की संस्कृति पनपती है और यह सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार की मौजूदगी के प्रति एक प्रणालीगत आत्मसमर्पण है। इस तरह की अकर्मण्यता से भविष्य की पीढ़ी भ्रष्टाचार को जीवन जीने के तरीका का हिस्सा मानते हुए इसके प्रति अभ्यस्त हो जाएगी।’’
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 97 के तहत आपराधिक मामलों में लोक सेवकों को अभियोजित करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) तथा अन्य जांच एजेंसियों को तीन महीने की अवधि उपलब्ध है, जिसमें कानूनी परामर्श के लिए एक महीने का विस्तार किया गया है।
पीठ ने विजय राजामोहन नाम के एक सरकारी अधिकारी की मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए यह कहा। (भाषा)
(किशोर द्विवेदी)
सैफई (उत्तर प्रदेश), 12 अक्टूबर। समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुश्तैनी गांव सैफई पहुंचने पर सबसे पहले जिस चीज पर ध्यान जाता है, वह हैं कंक्रीट से बनी राष्ट्रीय राजमार्ग जैसी गुणवत्ता वाली इसकी सड़कें। सैफई को दो चीजों के लिए जाना जाता है। पहला, समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की जन्मभूमि और दूसरा सैफई महोत्सव, मगर ये दोनों अब गुजरे जमाने की बातें रह गयी हैं।
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में सैफई एक गाँव से ब्लॉक तक विकसित हुआ और अंततः एक तहसील का दर्जा प्राप्त किया। सैफई ने यादव के राजनीतिक उत्थान के साथ विकास की सीढ़ी को आगे बढ़ाया जो पहली बार 1989 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और बाद में दो बार फिर इस पद पर रहे। उनके बेटे मौजूदा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। यह सफर सपा के क्षेत्रीय राजनीति में अपना प्रभाव बनाये रखने की गवाही देता है।
सैफई में अब एक मेडिकल कॉलेज, अमिताभ बच्चन के नाम पर एक सरकारी इंटर कॉलेज और क्रिकेट, हॉकी और कुश्ती के लिए तीन स्टेडियम हैं। क्षेत्र में एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी बन रहा है। 2017 तक सैफई महोत्सव भी एक वार्षिक जश्न था, जिसमें शीर्ष फिल्मी सितारे और मशहूर हस्तियां यादव के निमंत्रण पर सैफई में उतरते थे।
स्थानीय निवासी अंबरीश यादव सैफई महोत्सव की चमक—दमक को याद करते हुए कहते हैं, "रंगारंग कार्यक्रम होता था हर साल। इस जश्न का सिलसिला 1996 में शुरू हुआ था और 2016 तक यादव परिवार में दरारें आने तक बेहद सफल आयोजन रहा। 2007 और 2011 में चुनाव आचार संहिता के कारण इसका आयोजन नहीं किया गया था।'
आठवीं कक्षा के छात्र अंश सैफई की उन्नति का जिक्र करते हुए कहते हैं, 'सैफई आने वाले लोग मुझसे पूछते हैं कि यह गांव है या शहर? मैं उन्हें बताता हूं कि यह एक कस्बा है।'
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने सैफई की सड़कों से बेहतर सड़कें देखी हैं, 15 वर्षीय मीत ने 'ना' में जवाब दिया।
वहीं, 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले हिमांशु ने कहा कि शिक्षा और खेल सुविधाओं से न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि आसपास के गांवों के कई अन्य लोगों को भी मदद मिल रही है।
उन्होंने कहा, "हमें स्टेडियमों तक पहुंचने में कोई समस्या नहीं होती। हम अक्सर वहां जाते हैं। आस-पास के कई अन्य युवा भी वहां प्रशिक्षण लेते हैं।" एक ही पड़ोस में रहने वाले तीनों किशोरों ने कहा कि उन्होंने जन्म से ही विकसित सैफई देखा है।
हिमांशु ने कहा, ‘‘लेकिन कभी-कभी मेरे दादाजी, जो नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ पढ़ते थे वे हमें बताते हैं कि सैफई बहुत बदल गया है। पहले सड़कें मिट्टी और ईंटों से बनी थीं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि सैफई को अब दिन में लगभग 20 घंटे बिजली मिलती है, लेकिन राज्य में समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान उन्हें चौबीसों घंटे बिजली मिलती थी।
यादव खानदान की कोठी की ओर जाने वाली आंतरिक सड़कें कंक्रीट से बनी हैं, नालियों को स्लैब से ढका गया है और फुटपाथ के लिए इंटरलॉकिंग टाइल लगायी गयी हैं। पहली बार सैफई में आए लोग हैरान हैं, जबकि लंबे अंतराल के बाद लौटने वालों ने बुनियादी ढांचे में अविश्वसनीय बदलाव पाया।
आगरा के एत्मादपुर इलाके में रहने वाले केशव देव बघेल ने भावुक अंदाज में कहा, "मैं तीन दशक पहले पहली बार जब सैफई आया था जब नेताजी पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। फिर एक बार फिर 1996 में और अब आज जब उनकी अंत्येष्टि हो रही है। नेताजी मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत मायने रखते थे।" प्रतापगढ़ के दिनेश कुमार दोस्तों के एक समूह के साथ पहली बार यहां पहुंचे थे। सभी सैफई से चकित थे।
उन्होंने कहा, "हमारे नगरपालिका क्षेत्रों और शहरों में भी हमारे पास इतनी अच्छी सड़कें नहीं हैं।" समाजवादी नेता और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे यादव का सोमवार को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को सैफई में हुआ, जिसमें विभिन्न पाटियों के राजनेताओं ने दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। (भाषा)
कराची, 12 अक्टूबर। पाकिस्तान के सिंध प्रांत की सरकार ने हैदराबाद शहर से 14 वर्षीय हिंदू लड़की के अपहरण के मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक लड़की का हाल ही में हैदराबाद के फतेह चौक इलाके से अपहरण कर लिया गया था, जब वह घर जा रही थी। लड़की के माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है लेकिन उसका पता नहीं चल पाया है।
अधिकारियों ने बताया कि सिंध सरकार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
सिंध की प्रांतीय सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है और प्रभावित परिवार के संपर्क में हैं।
हैदराबाद में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे दो अन्य हिंदू महिलाओं से जुड़ी घटना की भी जांच कर रहे हैं जो पिछले एक सप्ताह में हैदराबाद और मीरपुरखास में लापता हो गई थीं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों और महिलाओं के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में इस साल वृद्धि देखी गई है। (भाषा)
केप केनावेरल (अमेरिका), 12 अक्टूबर। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक अंतरिक्ष यान लाखों मील दूर एक हानिरहित क्षुद्र ग्रह से टकराया और इस दौरान उसकी कक्षा बदलने में सफल रहा। यह जानकारी एजेंसी ने ‘‘सेव द वर्ल्ड’ परीक्षण के नतीजों की घोषणा करते हुए दी।
पृथ्वी की ओर भविष्य में आने वाले घातक क्षुद्र ग्रहों की दिशा बदलने की कोशिश के तहत नासा ने अपने तरह का यह पहला प्रयोग दो सप्ताह पहले किया था।
नासा ने बताया कि उसके द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यान डार्ट ने डिमोरफोस नामक क्षुद्र ग्रह से टकराकर उसमें एक गड्ढा बनाया जिसकी वजह से उससे मलबा अंतरिक्ष में फैल गया और धूमकेतु की तरह हजारों मील लंबी धूल और मलबे की रेखा बन गई। एजेंसी ने बताया कि यान के असर को आंकने के लिए दूरबीन से कई दिनों तक निगरानी की गई ताकि पता चल सके कि 520 फीट लंबे इस क्षुद्र ग्रह के रास्ते में कितना बदलाव हुआ है।
यान के टकराने से पहले यह क्षुद्र ग्रह मूल क्षुद्र ग्रह का चक्कर लगाने में 11 घंटे 55 मिनट का समय लेता था। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उन्होंने इसमें 10 मिनट की कमी की लेकिन नासा के प्रशासन बिल नेल्सन का मानना है कि यह कमी 32 मिनट की है।
गौरतलब है कि वेंडिंग मशीन के आकार के यान को पिछले साल प्रक्षेपित किया गया था और यह करीब 1.10 करोड़ किलोमीटर दूर 22,500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से क्षुद्र ग्रह से टकराया। (एपी)
वाशिंगटन, 12 अक्टूबर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को यहां कहा कि आत्मनिर्भर भारत न तो ‘पृथकतावाद’ है और ना ही ‘संरक्षणवाद’, बल्कि यह इस तथ्य की स्वीकार्यता है कि भारत को जीडीपी में अपनी विनिर्माण हिस्सेदारी बढ़ानी चाहिए।
सीतारमण ने यहां प्रतिष्ठित ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में व्यापक तौर पर औद्योगिकीकरण नहीं हुआ क्योंकि इसके लिए अवसंरचना और संपर्क की कमी थी।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने पिछले आठ साल में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया है।’’
उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर’ भारत का गलत आशय निकाला जाता है जबकि वास्तव में यह इस तथ्य की स्वीकार्यता है कि भारत को कुशल और अर्द्धकुशल कामगारों के लिए रोजगार के अवसरों के सृजन के लिहाज से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अपनी विनिर्माण साझेदारी बढ़ानी चाहिए। (भाषा)
रांची, 12 अक्टूबर। झारखंड के लातेहार जिला स्थित दीवानी अदालत का ताना भगत आदिवासी समुदाय द्वारा घेराव और पुलिस पर हमले की घटना के एक दिन बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से जवाब तलब किया।
ताना भगत समुदाय के लोगों द्वारा सोमवार को दीवानी अदालत का घेराव करने और प्रधान न्यायाधीश के चेंबर को घंटों बंद रखने की घटना के बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की थी।
उनकी मांग है कि अदालत को बंद किया जाए क्योंकि जिला प्रशासन इलाके में प्रचलित संवैधानिक प्रावधानों को नजर अंदाज कर रहा है।
झारखंड उच्च न्यायालय ने मौखिक टिप्पणी की कि अदालत परिसर में हुई ऐसी घटना खुफिया विभाग की असफलता प्रतीत होती है।
मुख्य न्यायाधीश डॉ.रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का निर्देश दिया।
दोनों शीर्ष अधिकारियों के अदालत में पेश होने के बाद पीठ ने उनसे रांची से करीब 110 किलोमीटर दूर लातेहार में हुई घटना पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि अदालत की सुरक्षा में सेंध लगी और पुलिस को इस मामले में और अधिक सतर्क होना चाहिए था। अदालत ने सरकार को अदालत परिसरों की कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
उच्च न्यायालय इस मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा।
अखिल भारतीय ताना भगत संघ के प्रदर्शनकारियों और कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत लातेहार में अदालत का परिचालन और बाहरी लोगों के रोजगार एवं प्रवेश पर रोक है। उन्होंने कहा कि तबतक प्रदर्शन किया जाएगा जब तक सरकारी संस्थानों, पुलिस और न्यायपालिका को उन्हें सौंप नहीं दिया जाता।
इस बीच, सोमवार की घटना के सिलसिले में ताना भगत समुदाय के 30 लोगों को गिरफ्तार कर अदालत के आदेश पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि लातेहार हिंसा के मामले में 228 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस ने बताया कि दीवानी अदालत के प्रधान न्यायाधीश का पांच घंटे तक घेराव करने और पुलिस पर पथराव करने के मामले में 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस निरीक्षक अमित कुमार ने बताया कि अखिल भारतीय ताना भगत समिति के सचिव बहादुर ताना भगत और संगठन के नेताओं राजेंद्र ताना भगत, मनोज कुमार मिन्ज्, धरमदेव भगत, धानेश्वर टोप्पो और अजीत मिन्ह उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें प्राथमिकी में नामजद किया गया है।
उन्होंने बताया कि अदालत और जिला कलेक्ट्रेट परिसर के चारों ओर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। (भाषा)
पटना, 12 अक्टूबर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि भाजपा नेता को समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में वर्ष 1974 के ‘‘जेपी आंदोलन’’ और उसकी विरासत के बारे में न तो कोई जानकारी है और न ही उसपर टिप्पणी करने की उम्र।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता नीतीश कुमार के खिलाफ शाह ने लोक नायक जयप्रकाश नारायण के जन्मस्थान सिताब दियारा में कथित टिप्पणी की थी जिसके बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि आज जो प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) जी हैं और जब वे मुख्यमंत्री (गुजरात के) थे, उस समय वह (शाह) क्या थे?
उल्लेखनीय है कि लोक नायक जयप्रकाश नारायण जो कि जेपी के नाम से चर्चित हैं, की जन्मस्थली सारण जिले के सिताब दियारा गांव में उनकी 120वीं जयंती के अवसर पर मंगलवार को आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने जदयू नेता नीतीश कुमार द्वारा गठबंधन सहयोगियों को बार-बार बदलने का जिक्र करते हुए तीखा हमला किया था। उन्होंने कहा था कि पांच बार पाला बदलने वाले मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
महागठबंधन में शामिल कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए शाह ने कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद जो जेपी द्वारा शुरू किए गए 1974 की संपूर्ण क्रांति आंदोलन में शामिल थे, पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जिसने आपात काल थोपा ये लोगों उसी की गोद में जा बैठे हैं।
शाह के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए 71 वर्षीय कुमार ने व्यंग्यात्मक रूप से शाह के बारे पूछा कि ‘‘उन्हें क्या मालूम है जेपी आंदोलन और देश की आजादी के बारे में। उन्हें इसके बारे में कोई ज्ञान और जानकारी है? क्या उम्र है?’’
जदयू के शीर्ष नेता कुमार जिन्होंने दो महीने पहले भाजपा द्वारा अपनी पार्टी को विभाजित करने के कथित प्रयासों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को छोड़ दिया था, ने 72 वर्षीय मोदी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘उनकी पार्टी के लोग मेरे बारे में कहते रहते हैं कि उम्र बढ़ रही है। वह कितने साल के हैं। कहते हैं की मेरी उम्र हो गई है, उनकी उमर कितनी है।’’
कुमार अकसर कहते हैं कि भाजपा अब वह नहीं रही जो अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के अधीन थी। उन्होंने कहा, ‘‘पिछली पीढ़ी के नेताओं में कई अच्छे गुण थे; लेकिन इन लोगों को किसी के लिए कोई सम्मान नहीं है, किसी चीज के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’’
पार्टी द्वारा यहां जेपी पर आयोजित एक संगोष्ठी में हिस्सा लेने के बाद कुमार मीडिया के साथ बातचीत कर रहे थे ।
इससे पूर्व आज दिन में कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जेपी की 120वीं जयंती के अवसर पर उनकी जन्मस्थली सिताब दियारा की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा था, ‘‘कोई आए या जाए, हमकों कोई फर्क नहीं पडता है।’’
अपने भाषण में स्वतंत्रता आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की कथित गैर भागीदारी और महात्मा गांधी की हत्या में कथित भूमिका के अप्रत्यक्ष संदर्भ के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि इतिहास की किताबों में जो लिखा है उसे ढूंढो और अगर मैं गलत हूं तो मुझे सुधारो।
कुमार ने भाजपा का नाम लिए बिना उसके इस दावे का भी मजाक उड़ाया कि वह जेपी और उनके संघर्षों से निकटता से जुड़ी हुई है।
जदयू के शीर्ष नेता कुमार जिन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले देश भर में विपक्षी एकता बनाने की कोशिश शुरू कर दी है, अपने पूर्व सहयोगी पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए लोगों से एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के प्रयासों से सावधान रहने को कहा।
उन्होंने जेपी के साथ अपने घनिष्ठ संबंध का जिक्र करते हुए कहा कि वह 1974 के आंदोलन की अगुवाई करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं की 14 सदस्यीय समिति और आपातकाल के दौरान जेल भेजे गए लोगों में शामिल थे। (भाषा)
उज्जैन, 12 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की समृद्धि और ज्ञान का नेतृत्व किया है; आज नया भारत अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है और आस्था के साथ-साथ विज्ञान व शोध की परंपरा को पुनर्जीवित कर रहा है।
धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करने और 856 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘‘श्री महाकाल लोक’’ गलियारा परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करने के बाद मंगलवार शाम को एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह परियोजना उज्जैन की जीवंतता को बढ़ाएगी।
उन्होंने कहा कि ‘महाकाल लोक’ की भव्यता आने वाली पीढ़ियों को ‘सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेताना’ देगी।
मोदी ने ‘ हर हर महादेव’ के नारे से अपना संबोधन शुरू किया और कहा, ‘‘शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है। सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है। अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है।’’
उन्होंने कहा कि आज नया भारत जब अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, तो आस्था के साथ साथ विज्ञान और शोध की परंपरा को भी पुनर्जीवित कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ उज्जैन के क्षण-क्षण में,पल-पल में इतिहास सिमटा हुआ है, कण-कण में आध्यात्म समाया हुआ है, और कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है। उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की सम्पन्नता और समृद्धि का, ज्ञान और गरिमा का, सभ्यता और साहित्य का नेतृत्व किया है। ’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां ‘इनोवेशन’ (नवोन्मेष) है वहीं पर रिनोवेशन (जीर्णोद्धार) भी है। हमने गुलामी के काल में जो खोया, भारत उसका नवीनीकरण कर रहा है और गौरव व वैभव की पुनर्स्थापना हो रही है। इसका लाभ भारत के साथ पूरे विश्व को, मानवता को मिलेगा।
मोदी ने कहा, ‘‘ आजादी के अमृत काल में भारत ने ‘गुलामी की मानसिकता से मुक्ति’ और अपनी ‘विरासत पर गर्व’ जैसे पंचप्राण का आह्वान किया हैं। इसीलिए, आज अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम, भारत की सांस्कृतिक राजधानी का गौरव बढ़ा रहा है। सोमनाथ में विकास के कार्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उत्तराखंड में बाबा केदार के आशीर्वाद से केदारनाथ-बद्रीनाथ तीर्थ क्षेत्र में विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार चारधाम परियोजना के जरिए हमारे चारों धाम ऑल वेदर रोड्स (सभी मौसम में सुगम सड़क)से जुड़ने जा रहे हैं। इतना ही नहीं, आजादी के बाद पहली बार करतारपुर साहिब कॉरिडॉर खुला है, हेमकुंट साहिब रोपवे से जुड़ने जा रहा है।’’
कार्यक्रम से पहले मोदी ने महाकालेश्वर मंदिर में बने 900 मीटर से अधिक लंबे महाकाल लोक गलियारे का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ महाकाल लोक की ये भव्यता भी समय की सीमाओं से परे आने वाली कई-कई पीढ़ियों को अलौकिक दिव्यता के दर्शन कराएगी, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को ऊर्जा देगी।’’
मोदी ने कहा कि भगवान शिव अविनाशी हैं और महाकाल की नगरी (उज्जैन) काल गणना से परे है।
उन्होंने कहा कि ‘‘महाकाल का आशीर्वाद जब मिलता हैं तो समय की सीमाएं सिमट जाती हैं और अनंत के अवसर शुरु होते हैं। अंत से अनंत यात्रा आरंभ हो जाती है। महाकाल लोक की ये भव्यता भी समय की सीमाओं से परे आने वाली कई-कई पीढ़ियों को अलौकिक दिव्यता के दर्शन कराएगी और भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को ऊर्जा देगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इल्तुतमिश जैसे आक्रमणकारियों ने उज्जैन की ऊर्जा को भी नष्ट करने के प्रयास किए। लेकिन हमारे ऋषियों ने कहा है- महाकाल शिव की शरण में, मृत्यु भी हमारा क्या कर लेगी? और इसलिए, भारत अपनी आस्था के इन प्रामाणिक केन्द्रों की ऊर्जा से फिर पुनर्जीवित हो उठा।’’
मोदी ने कहा कि यह एक यादगार दिन है क्योंकि श्री महाकाल लोक का उद्घाटन हो रहा है जो उज्जैन की जीवंतता को बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा कि महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता पूरे विश्व के विकास के लिए नई संभावनाओं को जन्म देगी एवं भारत की दिव्यता पूरे विश्व के लिए शांति के मार्ग प्रशस्त करेगी।
मोदी ने कहा कि उज्जैन जैसे हमारे स्थान खगोल विज्ञान, ‘एस्ट्रोनॉमी’ से जुड़े शोधों के शीर्ष केंद्र रहे हैं तथा आज नया भारत जब अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, तो आस्था के साथ-साथ विज्ञान और शोध की परंपरा को भी पुनर्जीवित कर रहा है।
मोदी ने अपना भाषण समाप्त करने से पहले लोगों से ‘‘ जय महाकाल, जय महाकाल’’ के नारे लगाने की अपील की।
प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने प्रधानमंत्री के सामने मंच पर भगवान महाकाल की स्तुति में उनके द्वारा रचित गीत गाया।
संबोधन से पहले मोदी ने महाकालेश्वर मंदिर में बने 900 मीटर से अधिक लंबे महाकाल लोक गलियारे का उद्घाटन किया तथा महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 अक्टूबर। राज्य में आज रात 09.00 बजे तक 80 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सबसे अधिक 32 रायपुर जिले से है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इन आंकड़ों के मुताबिक आज रात तक किसी भी जिले में 40 से अधिक कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले हैं। आज 12 जिलों में एक भी पॉजिटिव नहीं मिले हैं।
आज कोई मौत नहीं हुई है।
राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दुर्ग 9, राजनांदगांव 6, बालोद 9 बेमेतरा 1, कबीरधाम 0, रायपुर 32, धमतरी 1, बलौदाबाजार 1, महासमुंद 5, गरियाबंद 2, बिलासपुर 4, रायगढ़ 0, कोरबा 0, जांजगीर-चांपा 2, मुंगेली 0, जीपीएम 0, सरगुजा 0, कोरिया 2, सूरजपुर 0, बलरामपुर 2, जशपुर 1, बस्तर 2, कोंडागांव 1, दंतेवाड़ा 0, सुकमा 0, कांकेर 0, नारायणपुर 0, बीजापुर 0, अन्य राज्य 0 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
सिंहदेव की अध्यक्षता में प्रबंधकारिणी एवं सामान्य सभा की बैठक में फैसला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 अगस्त। डी.के.एस. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर को एक स्वतंत्र संस्थान पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट के रूप में संचालित किया जाएगा। स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव की अध्यक्षता में स्वशासी संस्था, डी.के.एस. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेन्टर, रायपुर की प्रबंधकारिणी एवं सामान्य सभा की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने अधिकारियों को न्यूरोलॉजी एवं अन्य विभागों की कई बीमारियों के पैकेज आयुष्मान में जोड़ने के लिए निर्देशित किया। बैठक डीकेएस चिकित्सालय के बोर्ड रूम में आयोजित की गई। बैठक में चिकित्सालय के कुशल संचालन के लिये अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने डीकेएस अस्पताल का निरीक्षण कर वहां भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य का हाल-चाल भी जाना।
बैठक में चिकित्सा शिक्षकों के स्थायित्व के लिए आमलन की कार्यवाही आदर्श सेवा भर्ती नियम 2019 के तहत् स्वशासी समिति के माध्यम से करने के संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया। डी.के.एस. पी.जी.आई. रायपुर में छत्तीसगढ़ शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय द्वारा फेलोशिप एवं सर्टिफिकेट कोर्स की जो मान्यता प्राप्त हैं, उसको प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की गई। पार्किसन्स और मूवमेंटडिस ऑडर्स केन्द्र एवं डीप बेनस्टिम्युलेशन सर्जरी प्रारंभ करने के लिये उपकरण क्रय करने के लिए सी.जी.एम.एस.सी. से एन.ओ.सी. लेकर कार्यवाही करने की अनुमति दी गई।
डी.के.एस. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट और रिसर्च सेन्टर रायपुर में आर्गन ट्रॉसप्लॉट किडनी को नियमानुसार शुरू करने के लिए निर्देशित किया गया। इसके साथ ही ट्रॉसप्लांट के लिए उपकरणों के क्रय स्वशासी समिति के फंड से करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। डी.के.एस. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेन्टर रायपुर के अतंर्गत बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग में स्किन लैब स्वशासी समिति के फंड से प्रारंभ करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के रहने के लिए निवास की आवश्यकता को देखते हुये डी.के.एस. परिसर में प्लानिंग कर कार्यवाही करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने डी.के.एस. परिसर में स्थित दुकानों को निविदा के माध्यम से किराये पर देने के निर्देश भी दिए।
बैठक में स्वशासी संस्था के सदस्य विधायक सत्यनारायण शर्मा, विधायक कुलदीप जुनेजा, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग आर. प्रसन्ना, संचालक डीकेएस पीजीआई एवं आर सी रायपुर सी.आर. प्रसन्ना, संचालक सी.जी.एम.एस.सी. अभिजीत सिंह, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. विष्णु दत्त, अधिष्ठाता मेडिकल कालेज रायपुर डॉ. तृप्ति नागरिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर डॉ. मिथिलेश चौधरी, अस्पताल अधीक्षक एवं एकेडेमिक इंचार्ज डॉ. शिप्रा शर्मा और उप अधीक्षक डॉ. हेमन्त शर्मा उपस्थित थे।