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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 सितंबर। एलायंस एयर कंपनी 3 अक्टूबर से बिलासपुर से इंदौर के लिए हवाई सेवा शुरू कर रही है। कंपनी की वेबसाइट पर टिकटों की बुकिंग शुरू हो गई है। फ्लाइट सप्ताह में 4 दिन सोमवार बुधवार, शुक्रवार और रविवार को बिलासपुर से उड़ान भरेगी। फ्लाइट सुबह 7:30 बजे दिल्ली से रवाना होकर 9:30 बजे जबलपुर पहुंचेगी और सुबह 10:00 बजे उड़ान भरकर 11:05 बजे बिलासपुर पहुंचेगी। सुबह 11:35 बजे बिलासपुर से रवाना होकर फ्लाइट दोपहर 1:25 बजे भोपाल पहुंचेगी। शेष 3 दिन यह फ्लाइट दिल्ली भोपाल जबलपुर के बीच उड़ान भरेगी।
कंपनी ने शुरुआती किराया भी कम रखा है। अभी टिकटों की बुकिंग 27 सौ रुपए में हो रही है। मध्य भारत की आर्थिक राजधानी इंदौर के लिए फ्लाइट सुविधा शुरू होने से छत्तीसगढ़ से पढ़ाई और इलाज के लिए इंदौर जाने वालों काफी सुविधा मिलेगी। वर्तमान में बिलासपुर से ट्रेन के जरिए इंदौर की यात्रा कम से कम 18 घंटे में पूरी होती है।
ज्ञात हो कि हाल ही में बिलासपुर से भोपाल की हवाई सेवा रिलायंस शेयर कंपनी ने बंद कर दी। इसका विरोध हो रहा है। बिलासपुर एयरपोर्ट से महानगरों के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू करने की मांग पर भी आंदोलन जारी है।
पीली धातु से फैली मां का स्वर्णिम रूप का दर्शन करने श्रद्धालुओं का तांता
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 29 सितंबर। डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के नीचे स्थित मंदिर में सोने की सजावट से मां का रूप खास हो गया है। पीली धातु से बनी मां के स्वर्णिम रूप का दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता लगा है। मंदिर ट्रस्ट ने तकरीबन मां के समूचे गर्भगृह को सोने से सजा दिया है। एक जानकारी के मुताबिक ट्रस्ट ने दानदाताओं से मिले तकरीबन 3 करोड़ रुपए कीमत की सोने की सजावट की है। मंदिर ट्रस्ट नीचे मंदिर के जीर्णोद्वार को लेकर काफी खर्च कर रहा है। वहीं मां बम्लेश्वरी का आकर्षक रूप बनाने के लिए सोने की कारीगरी गर्भगृह में की गई है। वहीं मां के दरबार में एक चमकदार झालर भी मंदिर की शोभा बढ़ा रहा है। रात को मंदिर की खूबसूरती में पीली धातु की चमक चार चांद लगा रही है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ समेत समूचे देश के अलग-अलग राज्यों से आने वाले भक्तों ने सोने के आभूषण और गर्भगृह को स्वर्ण से लैस करने के लिए दान किए। पिछले 5-6 सालों में नीचे मंदिर का रूप काफी आकर्षक हो गया है। मंदिर की पुराने स्वरूप को बदलने के लिए ट्रस्ट द्वारा कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। जिसमें मंदिर के सामने में भगवान गणेश और कालभैरव मंदिर का भी निर्माण किया गया है। फिलहाल क्वांर नवरात्रि में सीमावर्ती राज्यों के अलावा समूचे छत्तीसगढ़स से दर्शनार्थी पहुंच रहे हैं। उनकी आर्थिक सहायता से मंदिर को आगे भी बेहतर रूप दिया जाएगा।
ठाणे (महाराष्ट्र), 29 सितंबर। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने ठाणे शहर में एक दुर्गा पंडाल का दौरा किया और कहा कि उन्होंने देवी से राज्य को ‘‘विश्वासघात व दलबदल’’ से छुटकारा दिलाने की प्रार्थना की है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का समर्थन करने वाले दानवे यहां पार्टी के बागी धड़े द्वारा आयोजित एक नवरात्रि कार्यक्रम में बुधवार शाम पहुंचे।
ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार इस साल जून में पार्टी के विधायक एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों द्वारा शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह के बाद गिर गई थी। बाद में शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
नवरात्रि पंडाल का दौरा करने के बाद दानवे ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ यह छत्रपति शिवाजी महाराज और वफादारी के सिद्धांतों पर चलने वाला राज्य है। मैंने देवी से विश्वासघात और दलबदल की स्थिति से छुटकारा दिलाने की प्रार्थना की।’’
उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में राज्य की जनता ने दिखाया है कि ‘‘असली’’ शिवसेना कौन है।
उन्होंने दावा किया कि शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के विचारों और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को जनता का समर्थन मिल रहा है। (भाषा)
उधमपुर/जम्मू, 29 सितंबर। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर शहर में बस स्टैंड पर खड़ी एक बस में बृहस्पतिवार सुबह विस्फोट हो गया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कुछ घंटों के अंतराल में शहर में दो विस्फोट होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने ‘हाई अलर्ट’ घोषित कर दिया है।
सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह करीब पांच बजकर 40 मिनट पर यह विस्फोट हुआ। किसी के हताहत होने की अभी कोई खबर नहीं है। विस्फोट में वाहन की छत और पीछे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
यह घटनाएं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चार अक्टूबर से शुरू होने वाले दौरे से कुछ दिन पहले हुई हैं। उन्हें 30 सितंबर को जम्मू-कश्मीर की तीन दिवसीय यात्रा पर जाना था और एक अक्टूबर को राजौरी में और दो अक्टूबर को बारामूला में जनसभाएं करनी थीं। हालांकि, बाद में यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव किया गया।
उधमपुर शहर में कुछ घंटों के भीतर हुआ यह दूसरा विस्फोट है। दोमेल चौक पर एक पेट्रोल पंप के पास खड़ी एक बस में बुधवार रात विस्फोट होने से दो लोग घायल हो गए थे।
सूत्रों ने बताया कि जिस बस में दूसरा धमाका हुआ वह उधमपुर जिले के बसंतगढ़ से आई थी और रात में बस स्टैंड पर रुकी थी। इसे सुबह बसंतगढ़ के लिए रवाना होना था।
उधमपुर-रियासी (रेंज) के पुलिस महानिरीक्षक सुलेमान चौधरी ने बताया कि विस्फोटों से दो से तीन बसों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, ‘‘विस्फोटकों की प्रकृति और अन्य चीजों की जांच की जा रही है। इसकी विस्तृत जांच की जरूरत है।’’
पुलिस अधिकारी ने बताया कि घायलों से पूछताछ की गई है और घटना के आतंकवाद से जुड़े होने के पहलू को भी नकारा नहीं जा सकता है। पुलिस ने ‘अलर्ट’ जारी किया है और लोगों से अपने वाहनों का ध्यान रखने को कहा है, ताकि उनमें कुछ भी संदिग्ध होने पर समय पर इसकी जानकारी मिल पाए।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस व अन्य सुरक्षा बलों के कर्मियों ने बस स्टैंड को घेर लिया है और वाहन सेवा शुरू करने की अनुमति देने से पहले पूरी तरह से जांच की जा रही है। सुबह विस्फोट होने से पहले बस स्टैंड से निकले सभी वाहनों को भी जांच चौकियों पर रोक कर उनकी तलाशी ली जाएगी।(भाषा)
पालघर (महाराष्ट्र), 29 सितंबर। महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक औद्योगिक इकाई में हुए विस्फोट में तीन श्रमिकों की मौत और आठ अन्य के घायल होने के बाद पुलिस ने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री रवींद्र चव्हाण, जो पालघर के संरक्षक मंत्री भी हैं, ने बुधवार को घटना के बाद इकाई का दौरा किया और अधिकारियों को यहां उद्योगों में काम करने वाले लोगों के लिए सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि उद्योगों को सुरक्षा मानदंडों और विनियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
वसई शहर के चंद्रपाड़ा इलाके में बिजली के उपकरण बनाने वाली एक कंपनी में बुधवार दोपहर हाइड्रोजन गैस सिलेंडर में विस्फोट और आग लगने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई और आठ अन्य गंभीर रूप से झुलस गए।
वसई के वलिव पुलिस थाना के एक अधिकारी ने बताया कि घायलों में से एक की हालत गंभीर है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने फिलहाल दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर लिया है और घटना की जांच कर रही है।
अधिकारी ने कहा कि मृतकों की पहचान अजय बद्र (27), संदीप मिश्रा (25) और अश्विन पटेल (28) के रूप में हुई। घटना दोपहर करीब ढाई बजे हुई जब फैक्ट्री में 40 से 50 कर्मचारी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि विस्फोट की तेज आवाज सुनकर कर्मचारी परिसर से बाहर भागने लगे।
पालघर के संरक्षक मंत्री चव्हाण ने विस्फोट स्थल और अस्पताल का दौरा किया जहां घायल श्रमिकों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आशंका है कि मरम्मत कार्य के दौरान सिलेंडर में विस्फोट हुआ और पुलिस जांच टीम इसकी पुष्टि कर रही है।
उन्होंने इस तरह की घटनाओं का कारण बनने वाली तकनीकी गलतियों से बचने के लिए कार्यबल की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नए और संविदा कर्मियों को भी स्थायी कर्मचारियों की तरह सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाए।
मंत्री ने कहा कि कंपनी प्रबंधन द्वारा मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने के अलावा सरकार भी उन्हें मुआवजा देने का प्रयास करेगी। उन्होंने घायलों को सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। (भाषा)
नैनीताल, 28 सितंबर। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से बुधवार को पूछा कि राजस्व पुलिस प्रणाली को छह माह में समाप्त करने के उसके द्वारा पूर्व में पारित आदेश के अनुपालन के लिए उसने क्या किया।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे की खंडपीठ ने मुख्य सचिव को इस संबंध में तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा ।
अदालत ने ये निर्देश राज्य में राजस्व पुलिस प्रणाली समाप्त करने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए।
उत्तराखंड के कुछ भागों में अब भी चल रही इस प्राचीन प्रणाली की खामियां हाल में हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड के दौरान भी उजागर हुईं, जब कथित रूप से पटवारी के कारण मामले की जांच समय से शुरू नहीं हो चुकी।
अदालत ने राज्य सरकार से 2018 में उसके द्वारा दिए गए फैसले के बाद उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए शपथपत्र दाखिल करने को कहा है ।
जनहित याचिका में कहा गया है कि अदालत द्वारा 13 जनवरी 2018 को राजस्व पुलिस के संबंध में सरकार को दिए आदेशों में कहा गया था कि प्रदेश में 157 साल पुरानी राजस्व पुलिस प्रणाली को छह माह में समाप्त कर अपराधों की जांच सिविल पुलिस के हवाले की जाए, प्रदेश में पुलिस थानों की संख्या और सुविधाओं के बारे में छह महीने के अंदर जानकारी दी जाए ।
आदेश में कहा गया था कि सिविल पुलिस की नियुक्ति होने के बाद राजस्व पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं करेगी और अपराधों की जांच सिविल पुलिस करेगी। (भाषा)
ओडिशा निवासी बाड़ी में परिवार के साथ रहकर काम करता था
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
भिलाई नगर, 29 सितंबर। दुर्ग जिले के कुम्हारी थाना अंतर्गत ग्राम अकोला में पति-पत्नी व दो बच्चों की हत्या हो गई है। घटना की जानकारी मिलते ही दुर्ग पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव मौके पर पहुंच गए हैं। डॉग स्क्वॉड टीम के अलावा फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी मौके पर पहुंचे हैं।
कुम्हारी के पास अकोला गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या हुई है। सिर पर कुल्हाड़ी मारकर एक ही परिवार के 4 लोगों की जान लेने की खबर से आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची कुम्हारी पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।
यह घटना मुरमुंदा के समीप स्थित ग्राम अकोला की है जहां ओडिशा के मूल निवासी भोलानाथ बाड़ी किराए में लेकर परिवार समेत निवास करता था।
बताया जा रहा है कि भोलानाथ यादव (28 वर्ष), उसकी पत्नी नैना (25 वर्ष), उनके दो बच्चे मुक्ता और प्रमोद की कुल्हाड़ी से निर्मम हत्या की गई है। घटना कल देर रात की है।
कपसदा के सरपंच भोज प्रसाद ध्रुव ने बताया कि आज सुबह ग्रामीणों ने चार लाशें देखीं और पुलिस को सूचना दी गई। भोला खेत में मजदूरी का काम करता था। सभी की हत्या कुल्हाड़ी जैसे धारदार हथियार से की गई है। घटनास्थल पर फॉरेंसिक की टीम, डॉग स्कॉड, एसपी अभिषेक पल्लव समेत पुलिस के अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
प्रारंभिक जानकारी में एसपी दुर्ग डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि ग्राम कपसदा अकोला रोड पुनाराम टंडन की बाड़ी में पिछले 12 वर्ष से भोलानाथ यादव पिता राजभोज यादव (34 वर्ष) निवासी ग्राम देरगा सिंधी कला जिला बालंगीर ओडिशा हाल मुकाम पूना राम टंडन बड़ी कपसदा, पत्नी नैना यादव (30 वर्ष), पुत्र प्रमोद यादव (12 वर्ष), पुत्री मुक्ता यादव (7 वर्ष) के साथ बाड़ी में अपने परिवार के साथ रहकर काम करता था। बुधवार-गुरूवार की दरमियानी रात किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा हत्या कर दी गई है। मौके पर जांच जारी है।
नगांव (असम), 29 सितंबर। असम के नगांव जिले में एक व्यक्ति को अपनी 11 वर्षीय बेटी से कई बार बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बलात्कार की आखिरी घटना 20 सितंबर को कचुआ थाना क्षेत्र के लोंगजाप स्थित आरोपी के घर पर हुई थी।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अपराध करने के बाद आरोपी पिता अपने घर से भाग गया। पूरी घटना सुनकर लड़की की मां ने जब स्थानीय लोगों से संपर्क किया तो किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया।’’ उन्होंने बताया कि महिला ने 27 सितंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस तुरंत हरकत में आई और उसी दिन आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया।’’ लड़की की मां ने पुलिस को बताया कि उसके पति ने पहले भी उसकी बेटी से बलात्कार किया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह जमानत पर जेल से बाहर था। आरोपी को बुधवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। (भाषा)
हैदराबाद, 29 सितंबर। तेलंगाना सरकार की ‘मिशन भागीरथ’ योजना को एक बार फिर ‘जल जीवन मिशन पुरस्कार’ दिए जाने की घोषणा की गई है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बुधवार को कहा गया कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के विचारों से प्रेरित ‘मिशन भागीरथ’ योजना के तहत दूरस्थ, वनीय और पहाड़ी क्षेत्रों में एक भी आदिवासी आवास को छोड़े बिना राज्य की हर बस्ती में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। नल के माध्यम से हर घर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराकर पूरे देश के लिए यह एक आदर्श योजना बनकर उभरी है।
केंद्र ने हाल में योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की थी। एक राष्ट्रीय स्तर के स्वतंत्र संगठन ने तेलंगाना के 320 गांव में एक निरीक्षण भी किया था। साथ ही, पानी की गुणवत्ता व आपूर्ति तंत्र की जांच के अलावा लोगों से बातचीत कर उनकी राय भी जानी और मिली जानकारी का विश्लेषण किया।
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘यह पाया गया कि ‘मिशन भागीरथ’ के तहत प्रत्येक घर में प्रति व्यक्ति 100 लीटर स्वच्छ पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। इस आकलन से यह निष्कर्ष निकला कि तेलंगाना की ‘मिशन भगीरथ’ योजना ने गुणवत्ता व मात्रा के मामले में देश में एक मिसाल पेश की है। साथ ही यह भी पाया गया कि सभी गांवों में रोजाना नल के जरिए निर्बाध स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।’’
तेलंगाना ‘रेग्युलेरिटी’ की श्रेणी नंबर एक पर रहा और इसे ‘जल जीवन मिशन पुरस्कार’ के लिए चुना गया। केंद्र ने एक पत्र के माध्यम से तेलंगाना सरकार को दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर दिल्ली में आयोजित किए जा रहे पुरस्कार समारोह के लिए आमंत्रित किया है।
राज्य सरकार ने तेलंगाना के प्रयासों को मान्यता देने और पुरस्कार के लिए योजना को फिर से चुनने के लिए केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन को धन्यवाद दिया।
वहीं, तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी व उद्योग मंत्री के टी. रामाराव ने पुरस्कार के लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा किया। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व वाली सरकार से परियोजना के लिए 19,000 करोड़ रुपये देने की नीति आयोग की सिफारिश पर गौर करने का आग्रह भी किया। (भाषा)
बिहार के चाहें नेता हों या अफसर उनके बेतुके बयान अकसर सामने आते रहते हैं। कई बार तो वे इसके लिए जमकर ट्रोल भी हो जाते हैं। एक बार फिर ऐसा ही एक मामला बिहार में सामने आया है। दरअसल, हुआ यूं कि एक कार्यक्रम में एक छात्रा ने एक सीनियर महिला आईएएस अधिकारी से सेनेटरी नैपकिन को लेकर एक साधारण सवाल किया था, इसके जवाब में आईएएस अधिकारी ने बेतुका जवाब दे दिया। जिसके बाद उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है।
सीनियर आईएएस अधिकारी ने दिया बेतुका बयान
दरअसल, राजधानी पटना में महिला एवं बाल विकास निगम, यूनिसेफ, सेव द चिल्ड्रेन और प्लान इंटरनेशनल ने 'सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार: टुवर्ड्स एन्हान्सिंग द वैल्यू ऑफ गर्ल चाइल्ड' विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसका उद्देश्य बिहार में लड़कियों और महिलाओं से जुड़े मुद्दों और उनके लिए किए जा रहे कामों के बारे में लड़कियों को जानकारी देना और उन्हें जागरुक करना था। कार्यक्रम के दौरान एक छात्रा ने सवाल किया कि क्या सरकार 20-30 रुपये का सेनेटरी पैड नहीं दे सकती? इस पर महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बम्हरा ने बेतुका जवाब दिया।
कल करेंगे कंडोम की मांग
सीनियर आईएएस अधिकारी हरजोत कौर बम्हरा ने जवाब देते हुए कहा कि,'20-30 रुपये का सेनेटरी पैड दे सकते हैं। कल को जींस-पैंट दे सकते हैं, परसों जूते क्यों नहीं दे सकते हैं? आईएएस अधिकारी आगे कहती हैं कि जब परिवार नियोजन की बात आएगी तो कल को कंडोम भी लोग मांगने लगेंगे, तो वो भी देंगे।' उनके इस जवाब को काटते हुए जब छात्रा ने कहा कि लोगों के वोट से ही सरकार बनती है। इस पर महिला अधिकारी ने कहा कि 'यह मूर्खता की पराकाष्ठा है। वोट मत करो। पाकिस्तान चली जाओ।' पाकिस्तान को लेकर की गई महिला की टिप्पणी पर छात्रा ने आगे कहा कि मैं भारतीय हूं। मैं पाकिस्तान क्यों जाऊं? तो महिला अधिकारी बोली कि 'क्या आप पैसे और सेवाओं के लिए वोट करते हैं?'
लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट पर भी दिया विवादित जवाब
सीनियर आईएएस अधिकारी के बेतुके जवाबों का दौर आगे भी जारी रहा। जब एक अन्य छात्रा ने कहा कि उसके स्कूल का शौचालय बदहाल हालत में है। अकसर लड़के भी उसमें घुस आते हैं। इस पर अधिकारी हरजोत कौर बम्हरा ने छात्रा से ही बेतुका सवाल कर दिया। उन्होंने पूछा कि क्या तुम्हारे घर में अलग से शौचालय है? उन्होंने छात्राओं से कहा कि अगर आप लोग ऐसे ही अलग-अलग चीजें मांगती रहोगी तो कैसे चलेगा। उन्होंने आगे कहा कि सोच में बदलाव करने की जरूरत है। यह तुम्हें ही तय करना होगा कि भविष्य में खुद को कहां देखना चाहती हो। सरकार आपके लिए यह नहीं कर सकती।
छात्रा और सीनियर आईएएस अधिकारी हरजोत कौर बम्हरा के बीच का ये सवाल जवाब अब इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। वहीं, अपने जवाबों के कारण सीनियर आईएएस अधिकारी हरजोत कौर बम्हरा को लोग जमकर ट्रोल कर रहे हैं। (amarujala.com)
चार दिनों की पदयात्रा के बाद तड़के पहुंचे थे
रायपुर, 28 सितंबर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में शीतला मंदिर कोंडागाँव से निकलकर 161 किमी की मनोकामना पदयात्रा आज दंतेश्वरी धाम पहुँची। छत्तीसगढ़ राज्य की सुख-समृद्धि की कामना को लेकर यह यात्रा की गयी थी।आज सुबह की पदयात्रा में मोहन मारकम के साथ उनकी धर्मपत्नी मैना मरक़ाम,उनके सुपुत्र ,दंतेवाड़ा विधायक देवती महेंद्र कर्मा,प्रदेश और ,ज़िला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों की संख्या में माता दंतेश्वरी के उपासको ने भी पूजा-अर्चना कर माता के दर्शन किए।
रायपुर, 28 सितंबर। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हो रही चक्कर बाजी को लेकर बड़ा हमला किया है। उन्होंने एक वीडियो बयान में कहा कि जिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से बड़ा मुख्यमंत्री का पद हो जाए ऐसे लोगों का तो भगवान ही मालिक है। अग्रवाल ने कहा कि
छत्तीसगढ़ के लोग जानना चाहते हैं कि आखिर मुख्यमंत्री केरल किस लिए गए हैं?
पूरा बयान सुने
एनसीबी इंदौर की कार्रवाई
रायपुर, 28 सितंबर। राजधानी के प्रवेश द्वार कुम्हारी टोल नाके पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो टीम की बड़ी कार्रवाई की है। गांजा तस्करी की सूचना पर कुम्हारी थाना पुलिस के साथ मिलकर नाकेबंदी में गाँजे से भरी 2 बोलेरो को जब्त किया गया है। इनमें सवार 2 तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। ब्यूरो के इंदौर की 12 सदस्यीय टीम ने यह कार्रवाई की है।टीम छत्तीसगढ़ आई हुई है। जो तस्करों से पूछताछ कर रही है। इन्हें आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।
आश्चर्यजनक है कि इंदौर की टीम को इस तस्करी के इनपुट मिल जाते हैं और यहां आकर कार्रवाई कर जाती है। लेकिन दुर्ग और छत्तीसगढ़ पुलिस को पता ही नहीं चलता। इससे समझा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ के रास्ते नशीले पदार्थों की कितनी खेप में तस्करी होती है। यह तस्करों के सुरक्षित रोड मैप सा हो गया है। यहां से नशा ही नहीं हथियारों की भी तस्करी हो रही है। पिछले दिनों सरोना के पास डी आर आई की टीम ने राजस्थान के हथियार तस्करों को पीछा कर पकड़ा था।
रायपुर, 28 सितंबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और भाजपा के पूर्व महासचिव राम माधव ने पीएफआई और आरएसएस की तुलना पर कहा कि पीएफआई का आरएसएस से तुलना करना बड़ी भूल है। यह वैसी ही तुलना है जैसे मुस्लिम लीग और कांग्रेस की होती थी।मुस्लिम लीग और कांग्रेस की तुलना का दुष्परिणाम विभाजन के रूप में हुआ।उन्होंने कहा, आरएसएस देश को साथ लेकर चलने वाला संगठन है।पीएफआई देश मे आतंकी गतिविधि को प्रोत्साहित करने वाला संगठन है।
राम माधव ने कहा, पीएफआई का आरएसएस के साथ तुलना करना उसी प्रकार की गलती है, जिस प्रकार हम मुस्लिम लीग की तुलना आजादी के पहले किए थे।उनको कांग्रेस के बराबर का मानकर राजनीति करने की कोशिश किए थे और उसी का बुरा परिणाम हुआ कि देश का विभाजन हो गया। आरएसएस देश को एक रखने के लिए एकता लाने के लिए संवैधानिक संगठन है। पीएफआई इसका एकदम विपरीत देश के अंदर आतंकी गतिविधि अशांति और विद्रोह को प्रोत्साहित करने वाला संगठन है। पीएफआई की गतिविधि से कभी एक बड़ा वर्ग सहमत नहीं है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत के मदरसा जाने को लेकर राम माधव ने कहा, संघ का प्रारंभ से विचार रहा है कि हम इस देश के सभी वर्ग को इस देश का अंग मानते हैं इसलिए हम सभी से संवाद रखते हैं। मोहन भागवत का मदरसा जाने का बात बहुत वायरल हो रहा है। हम किसी को अछूत नहीं मानते हैं। इस देश को एक रखने के लिए संघ हमेशा आगे रहता है और इसी इतिहास को बनाए रखने के लिए हम मुस्लिम वर्ग के लोगों से संवाद करते हैं।
आरएसएस इतिहास बदल रहा, कांग्रेस के इस आरोप पर माधव ने कहा, हम ना कोई नया इतिहास लिख रहे हैं और ना ही इतिहास को अपने हिसाब से लिख रहे हैं. इतिहास के कई अध्याय को कांग्रेस ने छुपाने का प्रयास किया है, उसी अध्याय को हम देश के सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं. हम सभी महापुरुषों के योगदान को सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं.
राम माधव के ‘पार्टीशंड फ्रीडम’ पुस्तक का हुआ विमोचन
रायपुर में राम माधव की लिखी पुस्तक ‘पार्टीशंड फ्रीडम’ का विमोचन किया गया। विमोचन के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल मौजूद रहे। इस मौके पर राम माधव ने कहा, देश के विभाजन की त्रासदी को हमेशा याद कर सीख लेना चाहिए इसलिए हर साल हम 14 अगस्त को देश के विभाजन के काले इतिहास को याद करते रहे हैं। हमने इसी में एक किताब लिखी पार्टीशंड इंडिया के नाम से लिखा है।
खिलाड़ियों को ट्रॉफी और चेक देकर किया गया सम्मानित
रायपुर, 28 सितंबर। छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट में जर्जिया के ग्रैंड मास्टर पेनसुलिया लेवन विजेता का खिताब पाया। दूसरे नम्बर पर रूस के सवचेंको बोरिस रहे। राजधानी रायपुर में 19 सितंबर से 28 सितंबर तक चली इस प्रतियोगिता देश-विदेश से आये अंतर्राष्ट्रीय ग्रैंड मास्टरों के साथ छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों के लिए यादगार बन गई।
ऑल इंडिया चेस फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ. संजय कपूर ने कहा कि अभी भारत में 75 ग्रैंड मास्टर हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई की अगले तीन सालों में भारत में ग्रैड मास्टर की संख्या 100 होगी और अगले 5 सालों में भारत टॉप रेटिंग पर होगा। उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकारों से मिलकर स्कूल के करिकूलम ‘‘चेस इन स्कूल‘‘ शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रतियोगिता के समापन में गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, महापौर एजाज ढेबर, प्रदेश शतरंज संघ के अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंघानिया, छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के अध्यक्ष की उपाध्यक्ष सुश्री किरण अग्रवाल सहित शतरंज खिलाड़ी एवं आयोजन समिति के लोग मौजूद थे।
राजधानी में हुई छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट में जर्जिया के गै्रंड मास्टर पेनसुलिया लेवन (रेटिंग 2596) का प्रदर्शन शानदार रहा। ग्रैंड मास्टर लेवन 8.50 पाइंट हासिल कर प्रतियोगिता के विजेता बने। उन्हेें पुरस्कार स्वरूप छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी और 3 लाख 31 हजार की राशि प्रदान की गई। दूसरे स्थान पर रहे रूस के सवचेंको बोरिस (रेटिंग 2547) पाइंट 7.50 को ट्राफी, के साथ ही 2 लाख 31 हजार का चेक एवं तीसरे स्थान पर रहे पोलेंड के क्रासेनको माइकल (रेटिंग 2545), पाइंट 7.50 को ट्राफी और 1 लाख 75 हजार का चेक प्रदान किया गया। इस टूर्नामेंट में तीन भारतीय खिलाड़ी उत्सव चटर्जी, आर्यन वैष्णांे एवं एल.श्री हरि को अंतर्राष्ट्रीय मास्टर दर्जा मिला। तीनों खिलाड़ियों को 10 में से 6 अंक प्राप्त हुए।
रूस के सवचेंको बोरिस ने कहा टूर्नामेंट में शामिल होना गौरव की बात
दूसरे नंबर पर रहे रूस के सवचेंको बोरिस ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को उनके निवास स्थल पर कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे टूर्नामेंट में शामिल होना गौरव की बात है। यह टूर्नामेंट काफी रोचक था। हर मुकाबला कठिन था। आगे भी ऐसा आयोजन होता है तो वे जरूर शामिल होंगें। तीसरे नंबर पर रहे पोलेंड के क्रासेनको माइकल ने कहा कि वे यहां पर पहली बार आ रहे है। यहां आकर उन्हें काफी अच्छा लगा। यहां के लोग काफी मिलनसार है। यहां पर खेलकर उन्हें अच्छा अनुभव मिला। इस तरह के टूर्नामेंट का आयोजन हर साल होना चाहिए
टूर्नामेंट के परिणाम
रेटिंग 2300 से 2201 तक- पहला स्थान दिल्ली के आर्यन वार्सेने, दूसरा स्थान तमिलनाडु के मोहम्मद अनिश एवं तीसरा स्थान तमिलनाडु के ही इम्पार्थी को मिला।
रेटिंग 2200 से 2101 तक- पहले स्थान पर पश्चिम बंगाल के पार्लेय साहू दूसरे स्थान पर हरियाणा के आदित्य ढिंगरा एवं तीसरे स्थान पर देल्ही के हर्षल शाही रहे।
रेटिंग 2100 से 2000 तक- पहला स्थान आसाम के मयंक चक्रवर्ती, दूसरे स्थान पर तमिलनाडु के चिविलास साई एवं तीसरे स्थान पर देल्ही के गौरव राय रहे।
बेस्ट वूमेन मास्टर- पहले स्थान पर एम.महालक्ष्मी, दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र की दिव्या देशमुख एवं तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र की सृष्टि पांडे रही।
बेस्ट विदेशी चेस मास्टर का खिताब श्रीलंका के लियांगे दिलशान को प्राप्त हुआ।
पटना/नयी दिल्ली, 29 सितंबर। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को एक ‘‘हिंदू चरमपंथी संगठन’’ बताते हुए बुधवार को कहा कि इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस्लामिक चरमपंथी संगठन ‘पीएफआई’ पर प्रतिबंध के बारे में पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की।
इस बीच, भाजपा ने लालू की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पर वोट बैंक और छद्म धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने का आरोप लगाया।
दिल्ली में अपनी पार्टी के शीर्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद 70 वर्षीय राजद प्रमुख ने कहा, ‘‘वे पीएफआई के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। यह आरएसएस है जो कि कट्टरपंथी है जिस पर पहले प्रतिबंध लगना चाहिए।’’
प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘‘पीएफआई की तरह नफरत और द्वेष फैलाने वाले जितने भी संगठन हैं, सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें आरएसएस भी शामिल है। सबसे पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लगाइए। यह उससे भी बदतर संगठन है। आरएसएस पर दो बार पहले भी प्रतिबंध लग चुका है। सनद रहे, सबसे पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था।’’
लालू प्रसाद को राजद का अध्यक्ष चुना गया क्योंकि बुधवार को नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद वह मैदान में एकमात्र उम्मीदवार थे।
वहीं, भाजपा की बिहार इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने एक बयान जारी कर कहा कि लालू पीएफआई का समर्थन करके अपने मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी कारण से लालू आरएसएस और उसके सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के आदर्श के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया रखते हैं।
लालू प्रसाद ने यह भी दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का ‘‘सफाया’’ हो जाएगा।
गौरतलब है कि लालू ने 1990 में लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा को रोक दिया था और भाजपा के दिग्गज नेता को गिरफ्तार कर लिया था।
यादव से यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें उम्मीद है कि उनके बेटे तेजस्वी यादव एक दिन राज्य पर शासन करेंगे, राजद नेता ने जोर देकर कहा, ‘‘बिल्कुल।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश की कमान संभालेंगे, राजद प्रमुख ने कहा, ‘‘सब लोग मिल कर संभालेंगे।’’
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी के कट्टर समर्थक रहे लालू प्रसाद ने कुमार के साथ पिछले रविवार को गांधी से मुलाकात की थी।
संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी के साथ हमारी बातचीत सार्थक रही है। आगे और भी बैठकें होंगी।’’
भाजपा के कई नेताओं के यह सवाल उठाये जाने पर कि सोनिया गांधी के साथ बैठक की तस्वीरें क्यों जारी नहीं की गईं और क्या नीतीश और वह उनसे मिले बिना लंबे इंतजार के बाद लौट आए, राजद सुप्रीमो ने कहा कि वे सोनिया गांधी से मिलने गए थे और यह कोई ‘फोटो सेशन’ नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने करीब एक घंटे तक बात की और उनका दावा है कि कोई मुलाकात नहीं हुई थी।’’ (भाषा)
-सुचित्र मोहंती
गुजरात हाई कोर्ट ने रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार को अंतरिम ज़मानत दे दी है.
ज़किया जाफ़री मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद गुजरात के पूर्व डीजीपी रहे आरबी श्रीकुमार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के साथ गिरफ्तार किया गया था.
ये अंतरिम ज़मानत गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस इलेश जे वोरा ने दी है. इसकी पुष्टि खुद उनकी बेटी दीपा श्रीकुमार ने बीबीसी से की है.
बीबीसी से बात करते हुए दीपा श्रीकुमार ने कहा कि वे लोग भी आदेश की कॉपी का इंतज़ार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "हां, गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस इलेश जे वोरा ने मेरे पिता को ज़मानत दे दी है. अब हमें राहत मिली है."
गुजरात की अहमदाबाद सत्र अदालत ने इस साल 30 जुलाई को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता और गुजरात के पूर्व डीजीपी श्रीकुमार की ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज कर दी थी.
उन पर गुजरात दंगों की जांच को गुमराह करके ‘निर्दोष लोगों’ को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने की कथित साज़िश का आरोप है.
गुजरात दंगे और आरबी श्रीकुमार की भूमिका
गुजरात दंगे भड़कने के दो महीने बाद आरबी श्रीकुमार ने राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (गुप्तचर) का कार्यभार संभाला था.
फ़रवरी 2002 में गोधरा में एक रेलगाड़ी को आग लगाए जाने की घटना के बाद बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे जो कई महीने तक जारी रहे थे. दंगों में 2000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे.
साल 2004 में दो सदस्यों वाला एक आयोग उन दंगों की जाँच कर रहा था.
श्रीकुमार ने आयोग को बताया था कि कुछ पुलिस अधिकारियों ने उनके विभाग को यह बताया था कि दंगों के दौरान वह निस्सहाय और अक्षम महसूस कर रहे थे क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के ही निर्देश माने जा रहे थे.
उन्होंने बताया कि पुलिस अपनी कार्रवाई मई में ही शुरू कर सकी जबकि दंगे फ़रवरी में भड़के थे. (bbc.com/hindi)
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बुधवार सुबह एक बस और ट्रक की टक्कर में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई. घटना में 25 से ज्यादा लोग घायल हैं.
लखनऊ की डिविजनल कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब अस्पताल में घायलों से मिलने पहुंचीं. एक बच्चे से मिलते हुए वे भावुक हो गईं और उनकी आंखों में आंसू आ गए.
उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि बच्चा हिल नहीं पा रहा है और उसे अभी तक क्यों नहीं देखा गया है.
उन्होंने कहा, "अगर रेफर करना है तो यहां रखे रहने से क्या होगा. परिवार गरीब है, क्या हम इलाज के लिए डॉक्टर को यहां पर बुला सकते हैं? इलाज की व्यवस्था कहां हो सकती है?"
कुछ दिन पहले लखनऊ में भारी बारिश के चलते दीवार गिरने से कुछ लोगों की मौत हो गई थी. उस समय भी रोशन जैकब स्थिति का जायजा लेते हुए नजर आईं थीं.
रोशन जैकब केरल की रहने वाली हैं. उनका जन्म त्रिवेंद्रम में हुआ है. रोशन जैकब, 2004 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान के शहर कराची में एक डेंटल क्लिनिक पर हुए हमले में एक चीनी नागरिक की मौत और दो अन्य घायल हो गए हैं.
पुलिस का कहना है कि ये घटना टारगेट किलिंग का नतीजा है.
एसएस साउथ असद रजा ने बीबीसी को बताया कि ये घटना बुधवार दोपहर, कराची के व्यस्त इलाके एम्प्रेस मार्केट में पारसी डिस्पेंसरी के पास हुई है.
असद रजा ने बताया कि वो अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे तभी उसने काम करने वालों पर गोलियां चला दीं, जिसमें एक कर्मचारी की मौत हो गई.
एसएसपी अली राजा के मुताबिक मृतक की पहचान रोनाल्ड रेमंड चाउ के रूप में हुई है, जिनके पास पाकिस्तान का राष्ट्रीय पहचान पत्र भी था.
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान मूल के चीनी नागरिक को सिर में गोली मारी गई.
पुलिस का कहना है कि हमलावर ने वहां मौजूद किसी भी स्थानीय पाकिस्तानी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया है. हमलावर उर्दू में बोल रहा था.
पुलिस ने हमलावर के बलूच होने की संभावना जाहिर की है. पुलिस ने पास में लगे एक कैमरे से फुटेज को अपने कब्जे में लिया है. फुटेज में महिलाएं और कुछ अन्य लोग गोली चलने के बाद डेंटल क्लिनिक से बाहर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं.
इससे पहले भी कराची में चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया था, जिसमें बलूच चरमपंथियों ने जिम्मेदारी ली थी, लेकिन इस हमले में अभी तक किसी भी ग्रुप ने जिम्मेदारी नहीं ली है.
कराची के सदर इलाके में दशकों से चीनी डेंटिस्ट रह रहे हैं, जो दांतों की सफाई के एक्सपर्ट हैं. उनकी फीस दूसरे दांत ठीक करने वाले डॉक्टरों से कम है. कुछ सूत्रों के मुताबिक ये चीनी डेंटिस्ट 1940 से पाकिस्तान के इस हिस्से में मौजूद हैं. (bbc.com/hindi)
भारत सरकार ने वरिष्ठ वकील आर. वेंकटरमानी को अटॉर्नी जनरल ऑफ़ इंडिया नियुक्त किया है.
वो इस पद पर तीन सालों तक रहेंगे.
क़ानून मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट करके उनकी नियुक्ति की पुष्टि की है.
देश के अटॉर्नी जनरल पद पर फ़िलहाल केके वेणुगोपाल हैं जिनका कार्यकाल 30 सितंबर कोख़त्म हो रहा है. (bbc.com/hindi)
मोहम्मद सरताज आलम
26 साल के राम मिलन के शव का इंतज़ार उत्तर प्रदेश के कौशांबी के 'अमुरा' गांव में उनके परिवार को कई हफ़्तों से है.
राम मिलन की मौत 18 अगस्त 2022 को सऊदी अरब के दम्माम शहर में हो गई थी जहां राम मिलन 'प्रिंस मोहम्मद बिन फ़हद यूनिवर्सिटी' में सफ़ाई कर्मचारी थे.
"बेटे की मौत की ख़बर के बाद घर में दस दिन तक चूल्हा नहीं जला. पास-पड़ोस व रिश्तेदार दो वक़्त के खाने की व्यवस्था करते थे. लेकिन ये कब तक चलता क्योंकि बेटे का शव न आने के कारण शोक की अवधि बढ़ती जा रही थी." ये कहना है राम मिलन की 65 साल की मां नत्थी देवी का.
जब उनसे राम मिलन की मौत के बारे में पूछा गया तो उनके आंसू रुक नहीं रहे थे और वो एक ही वाक्य दोहराती जा रही थीं कि "किसी तरह मेरे बेटे का चेहरा एक बार मुझे दिखा दें."
राम मिलन की दो बेटियां हैं, संजना की उम्र महज़ छह महीने है तो बड़ी बेटी संध्या तीन साल की है.
राम मिलन की पत्नी राजवंती ने बताया कि दोनों बेटियों को बेहतर शिक्षा मिल सके, ये सपना आंखों में संजोए ही उनके पति सऊदी अरब गए थे.
भर्राती हुई आवाज़ में उन्होंने बताया, "अरब जाने से पहले वह कभी ईंट भट्ठे में काम करते तो कभी खेतों में, कभी दिल्ली तो कभी मुम्बई जाकर मज़दूरी करते. इस तरह साल में 20 से 30 हज़ार रुपये ही बचा पाते. इसका एक बड़ा हिस्सा मेरी सास व ससुर के इलाज में ख़र्च हो जाता. इसलिए राम मिलन ने अरब का रुख़ किया."
उनकी मां नत्थी देवी ने कहा कि बेटे को अरब भेजने में एक लाख तीस हज़ार रुपये ख़र्च हुए थे. वे कहती हैं, "इनमें से लगभग 85 हज़ार रुपये मैंने रिश्तेदारों से क़र्ज़ लिया, जो अभी तक अदा नहीं हो सका है. जबकि कुछ रक़म मेरी बहू ने अपने गहने बेचकर जुटाई."
बात सरहद पार
राजवंती ने कहा, "मैंने गहने बेच दिए कि कल जब पैसे होंगे तब वापस गहने ख़रीद लूंगी, लेकिन भविष्य कौन जानता है. अब वो इस दुनिया में नहीं हैं. दो बेटियों और सास-ससुर की ज़िम्मेदारी मुझ पर है, जीविका चलाने के लिए अब वह गहने भी नहीं हैं जिन्हें बेच सकूं."
राम मिलन के 70 वर्षीय पिता इंद्रजीत सरोज दमा के मरीज़ हैं. वह बताते हैं, "मैंने चार बेटों को रिक्शा चला कर पाला-पोसा. दमा के कारण आठ वर्षों से घर पर हूं. तीन बेटे अलग रहते हैं. मैं राम मिलन के परिवार के साथ रहता हूं. पांच वर्ष पहले मुझे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ये घर मिला, तब जाकर सर ढकने को छत नसीब हुई. जब बेटा अरब गया तो लगा कि हालात बदल जाएंगे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था."
बेटे के बारे में पिता बताते हैं, "इस साल 27 फ़रवरी को मैन पावर सप्लाई कंपनी के एक हज़ार रियाल के वेतन पर मेरा बेटा जेद्दाह गया. पहले महीने उसे सिर्फ़ पंद्रह दिनों तक काम मिला जिसकी सैलरी भी मिली. लेकिन फिर तीन महीने तक उसका काम बंद रहा. हालांकि इस दौरान कंपनी उन्हें खाने के लिए तीन सौ रियाल देती रही. वे फ़ोन करके कहते थे कि परेशान न हों, काम शुरू होते ही क़र्ज़ चुकता कर दूंगा."
मुआवजे़ की प्रक्रिया क्या है?
"जून में राम मिलन की कंपनी ने उनको दम्माम भेज दिया. 18 अगस्त को उन्होंने कहा कि जून, जुलाई, अगस्त की पेमेंट पांच सितंबर को एक साथ भेजूंगा ताकि क़र्ज़ का कुछ हिस्सा अदा हो जाए."
अब सवाल ये भी है कि बेटे की मौत के बाद उसकी पेमेंट कब और कैसे मिलेगी.
राम मिलन के बक़ाया वेतन पर दम्माम में मौजूद उनके सुपरवाइज़र सूर्या नारायण ने बताया कि उनकी कंपनी ने पेमेंट की प्रक्रिया पूरी कर दी है. जो जल्द ही राम मिलन के परिवार को भेज दी जाएगी.
प्रवासी मज़दूरों को लेकर काम करने वाले एक्टिविस्ट्स के मुताबिक़, मुआवज़े की प्रक्रिया मौत की परिस्थितियों के आधार पर भिन्न-भिन्न होती हैं. जैसे- काम के दौरान दुर्घटना पर अलग मुआवज़ा है जबकि नैचुरल मौत पर बहुत कम है. जबकि मुआवज़े के दावे को निपटाने में लगने वाला समय मामला-दर-मामला बदलता रहता है जो मामले की जटिलता पर निर्भर करता है.
विदेश मंत्रालय के अनुसार वेबलिंक के माध्यम से आवेदन दाख़िल करने के बाद, संबंधित भारतीय दूतावास नश्वर अवशेषों को भारत वापस लाने और मृत्यु मुआवज़ा प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक क़दम उठाता है.
मानक पद्धति के अनुसार, यह दूतावास के ज़रिए भारत में संबंधित ज़िलाधिकारी के माध्यम से भेजा जाता है. वैकल्पिक रूप से, यह राशि नियोक्ता सीधे परिवार को भी हस्तांतरित कर सकता है.
कैसे हुई मौत, बेटे ने आखिरी बार क्या बताया था?
राम मिलन से अंतिम बार क्या बात हुई, इस प्रश्न पर राम मिलन की माता नत्थी देवी ने कहा कि 18 अगस्त की सुबह बेटे से अंतिम बार बात हुई. उस दिन ड्यूटी पर जाने से पहले राम मिलन ने वीडियो कॉल की थी. बातचीत के दौरान उसने कहा कि "अम्मा मुझे सीने में दर्द हो रहा है. उसके बाद उसने अपनी शर्ट उतार कर दिखाया कि अम्मा देखिए कितना पसीना आ रहा है."
नत्थी देवी ने बताया कि राममिलन से मैंने कहा कि आज तुम काम पर मत जाओ. अपने कमरे में आराम करो. ज़रूरत पड़े तो डॉक्टर को दिखा दो. इसके बाद राममिलन ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी.
राजवंती ने कहा, "पति के सीने में दर्द वाली बात से मैं बहुत परेशान थी. इसलिए खाना बनाने के बाद लगभग 11 बजे से मैंने उनको कॉल लगाना शुरू किया. लेकिन उनसे बात नहीं हुई. उसके बाद पुणे में रहने वाले मेरे भाई ने शाम को कॉल कर के बताया कि राम मिलन की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. ये ख़बर उन्होंने फ़ेसबुक पर उनके किसी मित्र की टाइमलाइन पर पढ़ी."
राजवंती ने बताया, "हम सभी को यक़ीन नहीं हुआ क्योंकि छह वर्षों के अपने वैवाहिक जीवन में राम मिलन को कभी बीमार पड़ते नहीं देखा. बहरहाल ख़बर मिलते ही मैंने जेठ उमेश कुमार को बताया. उन्होंने राम मिलन के सुपरवाइज़र सूर्या नारायण को दम्माम कॉल लगाई."
राम मिलन के 28 वर्षीय भाई उमेश कुमार सरोज कहते हैं, "मैंने फ़ौरन सुपरवाइज़र से संपर्क करते हुए कहा कि आपने मेरे भाई का इलाज डॉक्टर से क्यों नहीं कराया. उन्होंने कहा कि राम मिलन ने इतना समय ही नहीं दिया कि हम कुछ कर पाते."
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बताया गया कि हार्ट अटैक से हुई मौत
दम्माम में मौजूद राममिलन के सुपरवाइज़र सूर्या नारायण ने राम मिलन के बारे में बताया, "हादसे के दिन यूनिवर्सिटी में ड्यूटी पर जाने के लिए राम मिलन तैयार थे. बस पर बैठने से पहले उन्हें चेस्ट पेन महसूस हुआ, तो उन्होंने साथी चंद्र बाबू को बताया कि काम पर नहीं जा सकेंगे. बीस मिनट बाद चंद्रबाबू ने यूनिवर्सिटी पहुंचकर मुझे बताया कि राम मिलन की तबीयत ख़राब है, वह रेस्ट करेगा. इसके फौरन बाद राम मिलन के रूम पार्टनर मोहम्मद ग़ालिब ने मुझे फ़ोन कर के बताया कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई."
राम मिलन की मौत को 40 दिन गुज़र चुके हैं. लेकिन उनका शव अभी तक भारत नहीं आया. राममिलन के गांव 'अमुरा' की आबादी मिश्रित है. 20 घर यादव, 45 घर लोधी समाज के हैं, 20 घर मुस्लिमों के होंगे, जबकि एससी समाज के पचास घर हैं. इस गांव के सभी समाजों के युवा खाड़ी के देशों में काम करते हैं.
लिहाजा राम मिलन के परिवार के इस ग़म में गांव के हर समाज के लोग उनके साथ हैं. हर सुबह राम मिलन के घर पर ये इस उम्मीद से आते हैं कि आज शव आने की ख़बर ज़रूर मिलेगी.
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अमान रिज़वी उनके शव भारत मंगवाने की लगातार कोशिश में जुटे हैं.
अमान रिज़वी ने बीबीसी से बताया, "20 अगस्त को मैं मृतक के परिवार को लेकर कौशांबी डीएम के आवास गया. वहां वे नहीं थे, फ़ोन पर उन्होंने एसडीएम से मिलने को कहा. एसडीएम ने जो कहा हमने उसी प्रकार सारा पेपर वर्क किया."
आखिर अब तक क्यों नहीं आया शव?
"दस दिनों बाद सऊदी अरब स्थित इंडियन एम्बेसी से कॉल आई कि एनओसी बनाकर भेजिए. हम अगले दिन एनओसी बनवाकर एडीएम ऑफिस गए. लेकिन वहां से जवाब मिला कि "अगर उनको एनओसी चाहिए तो मेरे भेजे हुए लेटर का जवाब देते हुए एनओसी के लिए लिखें, ऐसे फ़ोन पर बोलने से हम एनओसी नहीं भेज सकते."
अमान रिज़वी ने बताया, " इसके बाद रियाद स्थित भारतीय दूतावास को कॉल कर मामले की जानकारी दी. उन्होंने एक ईमेल दी, जिसपर एनओसी और आवेदन मेल कर दिया. फिर हफ्ते गुज़र गए."
"मैं स्थानीय सांसद विनोद सोनकर से मिला. उन्होंने विदेश सचिव से मेल के ज़रिए राम मिलन से संबंधित सभी जानकारी मांगी. वहां से जवाब आया कि एनओसी से संबंधित सभी डॉक्युमेंट मिल गए हैं, कंपनी की ओर से कुछ फॉर्मलिटीज़ बाक़ी हैं, आगे की प्रक्रिया के बारे में सूचित किया जाएगा. ग्यारहवां दिन है लेकिन अभी आगे कोई अपडेट नहीं है."
40 दिनों बाद भी उनका शव न आने पर कौशांबी के डीएम सुजीत कुमार ने कहा, "मैं पता कर के बताऊंगा." लेकिन अब तक कोई अपडेट मिला नहीं.
जब कौशांबी ज़िला प्रशासन से सूचना नहीं मिली तब बीबीसी ने रियाद स्थित भारतीय दूतावास के कम्युनिटी वेलफेयर के काउंसिलर एमआर संजीव से संपर्क किया.
उन्होंने बताया कि "स्वर्गीय श्री राम मिलन की मृत्यु 18/08/2022 को हुई थी और दूतावास ने मृत्यु संबंधी अनिवार्य रिपोर्ट प्राप्त होने पर 14/09/2022 को भारत को पार्थिव शरीर भेजने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया था. अब यह सूचित किया गया है कि कार्गो बुकिंग प्रक्रियाधीन है और दो से तीन दिनों के भीतर पार्थिव शरीर भेजे जाने की उम्मीद है."
अगर विदेश में हो गई हो मौत
भारत शव पहुंचने का मामला सिर्फ राम मिलन का नहीं है. दरअसल ऐसे मामले लगातार अंतराल पर भारत के अलग-अलग क्षेत्रों से सुर्ख़ियों में आते रहते हैं.
यही कारण हैं कि अमान रिज़वी सवाल उठाते हैं, "सऊदी अरब से किसी भारतीय मज़दूर का शव आने में इतना वक़्त क्यों लगता है."
खाड़ी देशों की जेलों में विभिन्न कारणों से बंद कई भारतीय मज़दूरों को वापस भारत लाने में अहम भूमिका निभाने वाले सैयद आबिद हुसैन बताते हैं, "जब कोई भारतीय रोज़गार के लिए विदेश जाता है, तब गारंटी देने वाले के साथ हुए उनके एग्रीमेंट में मेडिकल से लेकर अन्य बिंदुओं का ज़िक्र होता है."
"किसी की मौत हो गई, तो दो रास्ते होते हैं, एक ये कि उसी मुल्क में मृतक के धर्म के रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार हो जाए. दूसरा ये कि परिवार शव भारत मंगवाए, ऐसा होने पर गारंटर की ज़िम्मेदारी है कि वह प्रवासी मज़दूर का शव भारत भेजे. इस प्रक्रिया में पांच लाख रुपये तक का ख़र्च आता है, ये ख़र्च गारंटी देने वाले को वहन करना पड़ता है."
शव लाने की क्या है प्रक्रिया?
"अगर गारंटर शव को भारत नहीं भेजता तब दूतावास को सूचित करते हुए मृतक से संबंधित सारे डॉक्युमेंट भारत से भेजे जाते हैं. इनमें एनओसी भी होती है जो एमप्लॉयर या गारंटर व एम्बेसी को पावर ऑफ अटॉर्नी बनने में सहायता करती है. उसके बाद शव आने की प्रक्रिया उस मुल्क में आरंभ होती है."
"कभी-कभी पैसे के अभाव में एंप्लायर सक्षम नहीं होता या किसी और कारण से मृतक का शव भेजने में वह रूचि नहीं लेता, तब भारतीय दूतावास से संपर्क करना चाहिए, इसके बाद हमारी सरकार अपने ख़र्च पर मृतक के शव को भारत मंगवा लेती है. लेकिन इस प्रक्रिया में एम्बेसी को बहुत फॉलो करना पड़ता है क्योंकि एम्बेसी दूसरे कार्यों में भी बहुत व्यस्त होती है. इसके लिए सरकारी 'मदद' ऐप का इस्तेमाल ही करना चाहिए."
विदेश मंत्रालय के आईएफ़एस मोहम्मद अलीम बताते हैं, "सऊदी में होने वाली प्रक्रिया में समय लगता है. इन प्रक्रिया में सबसे पहले मृतक की मेडिकल रिपोर्ट चाहिए, उसके बाद पुलिस का क्लीयरेंस चाहिए, मृतक के शव पर पर कोई क्रिमिनल एक्टिविटी है तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट चाहिए, उसके बाद संबंधित विदेशी मुल्क के स्थानीय गवर्नर का अप्रूवल चाहिए, इसके बाद ट्रांस्पोर्टेशन की प्रक्रिया होती."
"उपरोक्त प्रक्रिया में उनको (विदेशी सरकार) को 'पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी' चाहिए कि एम्पलायर या एम्बेसी को ऑथराइज़ कीजिए कि मृतक का शव भारत भेजें. शव को भारत भेजने और इसके खर्च की ज़िम्मेदारी एंप्लायर (नियोक्ता) पर होती है. यदि वह नहीं तैयार होते हैं तब एम्बेसी से गुजारिश करने पर भारतीय दूतावास सहायता करेगी."
आईएफ़एस मोहम्मद अलीम कहते हैं, "क़तर सिंगल सिटी कंट्री है, वहां सारे ऐक्सेस एक साथ हैं. इसलिए वहां शव लाने की प्रक्रिया आसान है, जो कम समय लेती है. जबकि सऊदी अरब में मान लीजिए जहां मृत्यु हुई है वहां से गारंटर या एंप्लायर (नियोक्ता) सौ-दो सौ किलोमीटर दूर किसी दूसरी जगह बैठा हो, फिर आप कुछ भी कर लीजिए प्रॉसेस तब तक शुरू नहीं होगा जब तक वह पूरी प्रक्रिया को फॉलो नहीं करेगा. क्योंकि वही कंसर्न पर्सन है. यही कारण है कि सऊदी अरब से शव लाने में समय लग जाता है."
गांधी जयंती से प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में सिकल सेल केंद्र की होगी शुरुआत
कोविड टीकाकरण में उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित हुए स्वास्थ्य योद्धा
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने ली स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक
रायपुर, 28 सितंबर / स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि राज्य में सिकलसेल की जांच एवं उपचार की सुविधा सभी जिला अस्पतालों में आगामी 02 अक्टूबर से शुरूआत होगी। उन्होंने कहा कि आगामी माह से लोगों को सस्ते दर पर पैथोलॉजी लैब की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सभी हमर लैब के आस-पास के क्षेत्रों से सैंपल एकत्र किए जाएंगे जिससे लोगों को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पैथोलॉजी की सुविधा मिल सके। श्री सिंहदेव आज यहां स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने बैठक में स्वास्थ्य अधिकारियों से सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों के संबंध में की जा रही आवश्यक तैयारियों की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, वेलनेस सेंटर, बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को बैठक में सभी अस्पतालों में आने वाले अधिक से अधिक मरीजों को उपचार एवं परामर्श सुविधा उपलब्ध कराने कहा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री भोसकर विलास संदीपन, संचालक महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा तथा सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन भी मौजूद थे।
स्वास्थ्य योद्धा हुए सम्मानित
स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कोविड वैक्सीनेशन में उल्लेखनीय योगदान के लिए बीजापुर जिले के उसूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तीन स्वास्थ्य अधिकारी (त्भ्व्) श्रीमती ज्योति सिदार, श्रीमती नागमणी चिलमुल और श्री रमेश गड्डेम को प्रशस्ति पत्र एवं शाल भेंट कर सम्मानित किया। इन तीनों स्वास्थ्य योद्धाओं ने कोविड वैक्सीनेशन के लिए घुटने तक पानी से भरे तीन नदियों को पैदल पार कर ग्राम मारूड़बाका पहुंच लोगों का वैक्सीनेशन किया था।
टी.बी. नियंत्रण के लिए बढ़ेगी जांच सुविधा
स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने भी प्रदेश में टीबी के बढ़ते मामले के मद्देनजर सभी जिलों के साथ तीन जिले कोरबा, जशपुर व जगदलपुर में विशेष रूप से टीबी मरीज़ों की जाँच हेतु हर सीएचसी में लैब टेक्नीशियन की उपलब्धता सुनिश्चित कर टीबी मरीज़ों की जांच बढ़ाने को कहा। उन्होंने लेप्रोसी मरीज़ों की पहचान सभी जिलों में गृह भ्रमण कर सुनिश्चित करने करने के निर्देश दिए। उन्होंने परिवार कल्याण के सभी संसाधनों की उपलब्धता प्रदेश के सभी सीएचसी स्तर पर विशेष रूप से करने के निर्देश दिए। श्री प्रसन्ना ने सभी जिला अस्पतालों में विशेष रूप से रात के समय जिला अस्पतालों में आईपीडी सर्विसेज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 सितंबर। राज्य में आज रात 09.00 बजे तक 65 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सबसे अधिक 19 रायपुर जिले से हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इन आंकड़ों के मुताबिक आज रात तक किसी भी जिले में 20 से अधिक कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले हैं। आज 10 जिलों में एक भी पॉजिटिव नहीं मिले हैं।
आज एक भी मौत नहीं हुई है।
राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दुर्ग 4, राजनांदगांव 5, बालोद 1 बेमेतरा 5, कबीरधाम 0, रायपुर 19, धमतरी 1, बलौदाबाजार 4, महासमुंद 4, गरियाबंद 2, बिलासपुर 2, रायगढ़ 3, कोरबा 2, जांजगीर-चांपा 1, मुंगेली 1, जीपीएम 0, सरगुजा 6, कोरिया 0, सूरजपुर 0, बलरामपुर 3, जशपुर 1, बस्तर 0, कोंडागांव 1, दंतेवाड़ा 0, सुकमा 0, कांकेर 0, नारायणपुर 0, बीजापुर 0, अन्य राज्य 0 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
कोविड टीकाकरण में उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित हुए स्वास्थ्य योद्धा
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने ली स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक
रायपुर, 28 सितंबर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि राज्य में सिकलसेल की जांच एवं उपचार की सुविधा सभी जिला अस्पतालों में आगामी 02 अक्टूबर से शुरूआत होगी। उन्होंने कहा कि आगामी माह से लोगों को सस्ते दर पर पैथोलॉजी लैब की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सभी हमर लैब के आस-पास के क्षेत्रों से सैंपल एकत्र किए जाएंगे जिससे लोगों को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पैथोलॉजी की सुविधा मिल सके। श्री सिंहदेव आज यहां स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने बैठक में स्वास्थ्य अधिकारियों से सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों के संबंध में की जा रही आवश्यक तैयारियों की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, वेलनेस सेंटर, बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को बैठक में सभी अस्पतालों में आने वाले अधिक से अधिक मरीजों को उपचार एवं परामर्श सुविधा उपलब्ध कराने कहा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री भोसकर विलास संदीपन, संचालक महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा तथा सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन भी मौजूद थे।
स्वास्थ्य योद्धा हुए सम्मानित
स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कोविड वैक्सीनेशन में उल्लेखनीय योगदान के लिए बीजापुर जिले के उसूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तीन स्वास्थ्य अधिकारी (त्भ्व्) श्रीमती ज्योति सिदार, श्रीमती नागमणी चिलमुल और श्री रमेश गड्डेम को प्रशस्ति पत्र एवं शाल भेंट कर सम्मानित किया। इन तीनों स्वास्थ्य योद्धाओं ने कोविड वैक्सीनेशन के लिए घुटने तक पानी से भरे तीन नदियों को पैदल पार कर ग्राम मारूड़बाका पहुंच लोगों का वैक्सीनेशन किया था।
टी.बी. नियंत्रण के लिए बढ़ेगी जांच सुविधा
स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने भी प्रदेश में टीबी के बढ़ते मामले के मद्देनजर सभी जिलों के साथ तीन जिले कोरबा, जशपुर व जगदलपुर में विशेष रूप से टीबी मरीज़ों की जाँच हेतु हर सीएचसी में लैब टेक्नीशियन की उपलब्धता सुनिश्चित कर टीबी मरीज़ों की जांच बढ़ाने को कहा। उन्होंने लेप्रोसी मरीज़ों की पहचान सभी जिलों में गृह भ्रमण कर सुनिश्चित करने करने के निर्देश दिए। उन्होंने परिवार कल्याण के सभी संसाधनों की उपलब्धता प्रदेश के सभी सीएचसी स्तर पर विशेष रूप से करने के निर्देश दिए। श्री प्रसन्ना ने सभी जिला अस्पतालों में विशेष रूप से रात के समय जिला अस्पतालों में आईपीडी सर्विसेज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (रिटायर्ड) भारत के नए सीडीएस नियुक्त किए गए हैं. लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (रिटायर्ड) सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे.
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से यह पद खाली था. बीते वर्ष 8 दिसंबर को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत के क़रीब साढ़े नौ महीने बाद यह नियुक्ति की गई है.
लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान अब देश के दूसरे सीडीएस होंगे.
जाने लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के बारे में 12 बातें
1. 40 सालों से अधिक के अपनी सैन्य सेवा के दौरान लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कई कमांड संभाले हैं. उन्हें जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में आतंक निरोधी ऑपरेशन का व्यापक अनुभव है.
2. 18 मई 1961 को जन्मे लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान 1981 में भारतीय सेना के 11 गोरखा राइफ़ल्स में शामिल हुए थे.
3. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) खड़गवासला और भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून से पढ़े हैं.
4. मेजर जनरल के पद पर रहते हुए उन्होंने जम्मू-कश्मीर के बारामूला सेक्टर में नॉर्दर्न कमांड में इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली.
5. बाद में लेफ़्टिनेंट जनरल के पद पर रहते हुए उन्होंने पूर्वोत्तर कोर का नेतृत्व किया. भारतीय सेना में कुल 14 कोर हैं.
उत्तराखंड से ही हैं लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान
6. उसके बाद वे सितंबर 2019 से मई 2021 तक अपने रिटायरमेंट तक ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ़ रहे.
7. इसके अलावा वे डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन के पद पर भी रह चुके हैं.
8. लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने संयुक्त राष्ट्र के अंगोला मिशन में भी अपनी सेवाएं दी हैं.
9. 31 मई 2021 को लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान सेना से रिटायर हुए थे.
10. सेना से रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मसलों पर अपना योगदान देना जारी रखा.
11. सेना में उनके विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (रिटायर्ड) को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है.
12. देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की तरह ही नए सीडीएस लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भी उत्तराखंड से ही हैं.
जनरल रावत समेत 11 फ़ौजियों का निधन
बीते वर्ष दिसंबर में देश के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का एक हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया था.
जनरल बिपिन रावत एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर में अपनी पत्नी और 12 अन्य सैन्य कर्मियों के साथ हादसे का शिकार हुए थे.
उस दुर्घटना में ब्रिगेडियर लखबिंदर सिंह लिड्डर, लेफ़्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार (जनरल रावत के पीएसओ), लांस नायक बी साई तेजा, जूनियर वारंट ऑफिसर दास, जूनियर वारंट ऑफिसर ए प्रदीप और हवलदार सतपाल सवार थे. इन सभी की मौत हो गई थी.
सीडीएस की अहम ज़िम्मेदारियां
सीडीएस की मुख्य ज़िम्मेदारियों में सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल बिठाना और देश की सैन्य ताक़त को और मज़बूत करना है.
केंद्र सरकार के मुताबिक सीडीएस की ज़िम्मेदारी रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के तौर पर है. सीडीएस के अधीन तीनों सेनाओं के मामले आते हैं.
सीडीएस की डिफ़ेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) और डिफ़ेंस प्लानिंग कमीशन (डीपीसी) जैसे महत्वपूर्ण रक्षा मंत्रालय समूहों में जगह होगी.
जब जनरल बिपिन रावत को सीडीएस के पद पर नियुक्त किया गया था तो वो सेना प्रमुख थे और अपने रिटायरमेंट के क़रीब थे.
सीडीएस के पद पर उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी और रिटायरमेंट की आयु सीमा बढ़ा कर 65 वर्ष कर दी गई थी.
लिहाज़ा जानकारों की नज़र में सीडीएस पद के लिए आयु सीमा 65 साल की है और कार्यकाल तीन साल का हो सकता है.
नए सीडीएस लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (रिटायर्ड) फ़िलहाल 61 वर्ष के हैं. अगर उनका कार्यकाल तीन साल का होता है तो वे अगले तीन साल इन तीन ज़िम्मेदारियों को संभालेंगे:-
पहला, सीडीएस की ज़िम्मेदारी.
दूसरा, चेयरमैन, चीफ़ ऑफ़ स्टॉफ़ कमेटी.
तीसरा, सचिव, डीएमए की ज़िम्मेदारी. डीएमए यानी डिपार्टमेंट ऑफ़ मिलिट्री अफ़ेयर्स. ये रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला सैन्य मामलों का विभाग है. (bbc.com/hindi)
-चंदन कुमार जजवाड़े
अपने बेटे को ज़िंदा साबित करने के लिए उन्होंने एक नहीं तीन बार, तीन अलग-अलग कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया.
तीन कोर्ट, कई पन्नों के दस्तावेज़ और सात साल लंबी क़ानूनी लड़ाई के बाद माँ ने ये साबित तो कर दिया कि उसका बेटा ज़िंदा है.... लेकिन माँ की ये जीत अधूरी है क्योंकि माँ-बेटे के बीच फिलहाल डीएनए टेस्ट की दीवार खड़ी है.
मामला बिहार के गया का है. मुन्नी देवी एक ऐसी माँ हैं जिनका बेटा उनकी आंखों के सामने तो है, लेकिन काग़जों पर पिछले कई सालों से मृत है.
क्या है पूरा मामला?
मुन्नी देवी पर अपने ही पति के क़त्ल का आरोप है. 24 मई 2015 को पति का शव मिलने के कुछ ही घंटों के भीतर पुलिस ने मुन्नी देवी को गिरफ़्तार कर लिया था.
गिरफ़्तारी से पाँच महीने पहले ही मुन्नी देवी ने एक बच्चे को जन्म दिया था. इस वजह से गिफ़्तारी के बाद उनका पांच महीने का बच्चा अपनी मां से बिछड़ गया.
आठ महीने जेल में रहने के बाद, जनवरी 2016 में मुन्नी देवी को ज़मानत मिल गई. उसके बाद मुन्नी देवी अपना बच्चा मांगने ससुराल पहुँचीं.
ससुराल पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि उसके बच्चे को डायरिया हो गया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
बच्चे को मृत साबित करने के लिए मुन्नी देवी को सरकारी दस्तावेज़ों के अलावा गांव के मुखिया और सरपंच की तरफ से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिखाया गया.
लेकिन एक मां को इन सरकारी काग़ज़ों पर यक़ीन नहीं हुआ.
मुन्नी देवी को उसी घर में एक बच्चा खेलते हुए दिखता था. उसकी उम्र भी मुन्नी देवी के बच्चे जितनी ही थी.
बीबीसी से बातचीत में मुन्नी देवी ने बताया, "जब मैंने इस बच्चे को खेलते हुए देखा तो मेरे मन ने कहा कि ये मेरा बच्चा है. पांच महीने के बच्चे को छोड़कर गई और अब वो सात साल का हो चुका था. फिर कुछ गांव वालों और मेरे एक चचेरे देवर ने चुपके से बताया कि ये मेरा ही बच्चा है."
एक तरफ़ सरकारी दस्तावेज़, लगभग पूरा गांव और ससुराल वाले तो दूसरी तरफ़ अकेली मुन्नी देवी.
मुन्नी देवी छिप-छिपकर अपने ससुराल पर नज़र रखने लगी और वहां घर के बाहर खेलने वाले एक बच्चे पर भी ग़ौर करने लगी.
फिर 2017 में मुन्नी देवी ने गया ज़िला कोर्ट में अर्ज़ी दी कि उनका बच्चा उन्हें वापस दिलाया जाए.
मुन्नी देवी ने अपने बच्चे के अपहरण का आरोप लगाकर अपने ससुराल वालों पर भी केस किया था, लेकिन गया ज़िला अदालत ने उनके ससुराल वालों को ज़मानत दे दी.
एक ही बच्चे को दो बार मृत घोषित किया
इस जाँच में एक बात अच्छी हुई. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस जांच में एक पुलिस अधिकारी ने रिपोर्ट दी कि कुछ गांव वालों के मुताबिक़ बच्चा जीवित है, जबकि कुछ कहते हैं कि बच्चे की मौत हो गई है.
यही वो वक़्त था जब मुन्नी देवी की आस बंधी. पूरे मामले में आगे की जाँच दूसरे पुलिस अधिकारी ने की.
लेकिन कुछ दिन पहले जो मामला मुन्नी देवी के पक्ष में लग रहा था, नए पुलिस अधिकारी ने जाँच रिपोर्ट को पूरी तरह पलट दिया.
दूसरी जांच के बाद पुलिस ने मुन्नी देवी के बच्चे की मौत की रिपोर्ट दे दी, यानी सरकारी तौर पर भी बच्चे को एक बार जीवित बताया गया, फिर मृत.
उसके बाद मुन्नी देवी पूरी तरह टूट गईं.
लेकिन माँ तो माँ होती है. बच्चा सामने हो और सीने से ना लगा सके तो दिल तो कचोटेगा ही.
2019 में दूसरी बार मुन्नी देवी ने बच्चा पाने के लिए कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया. इस बार मामला फ़ैमिली कोर्ट में पहुँचा जिसके पास सीमित अधिकार थे.
गया एसएसपी की तरफ़ से मामले की जांच में एक सब इंस्पेक्टर ने बताया कि बच्चा जीवित है.
लेकिन तभी मामले में तीसरी बार नया ट्विस्ट आया.
उसके बाद कोर्ट ने बच्चे को सामने लाने का आदेश दिया तो दूसरे सब इंस्पेक्टर ने रिपोर्ट दी कि बच्चे की मौत हो चुकी है.
फ़ैमिली कोर्ट ने बच्चे की मौत की रिपोर्ट देखते हुए मामले को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया.
एक ही बच्चा दो बार मरा हुआ है और फिर दो बार पुलिस की जाँच में ज़िंदा कैसे हो सकता है?
ये जानने के लिए बीबीसी ने पूरे मामले में गया की एसएसपी हरप्रीत कौर से बात की.
हरप्रीत कौर ने पूरे मामले पर पुलिस का पक्ष रखा.
गया की एसएसपी हरप्रीत कौर ने बीबीसी को बताया, "हमारे सामने पटना नगर निगम की तरफ़ से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र था. इसपर QR कोड भी लगा था. इसके अलावा मुखिया और सरपंच की तरफ से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र भी था."
फिर बीबीसी ने मुन्नी देवी के गांव की उस वक़्त की मुखिया (2016) से बात की. उस वक़्त गांव की मुखिया इंदु देवी थीं. बीबीसी ने फ़ोन पर जब उनसे सम्पर्क किया तो उनके पति अजीत ने बीबीसी को बताया, "मुन्नी देवी के ससुराल वालों ने बच्चे की मौत के शोक में सर मुंडवा रखा था और 100 से ज़्यादा लोगों के साथ हमारे पास आए थे. सबने उस वक़्त गवाही दी थी कि बच्चे की मौत हो गई है."
अजीत के मुताबिक़, "अब जाकर हमें पता चला है कि मुन्नी देवी के ससुर चुपचाप बच्चे को लेकर रांची चले गए थे."
गांव के मुखिया और सरपंच के लेटर हेड पर ही बच्चे का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुआ था.
फ़ैमिली कोर्ट से अपने पक्ष में फ़ैसला न मिलने के बाद अपने बच्चे को पाने और ससुराल वालों को मिली ज़मानत के ख़िलाफ़ मुन्नी देवी पटना हाई कोर्ट पहुंचीं.
यहां अपने वकील अविनाश कुमार सिंह की मदद से मुन्नी देवी ने हेबियस कॉरपस के तहत एक याचिका दायर की. यानी किसी को ज़बरन बंदी बनाये जाने के ख़िलाफ़ कोर्ट में अपील की.
मुन्नी देवी के वकील अविनाश कुमार से बीबीसी हिंदी ने सम्पर्क किया.
अविनाश कुमार ने कहा, "मुन्नी देवी को ससुराल वालों पर शक़ पहले से ही था. ससुराल वालों ने पहले पति के क़त्ल के झूठे आरोप में जेल भिजवाया और फिर बच्चे की मौत का बहाना बनाया ताकि पति की संपत्ति में हिस्सा ना देना पड़े. जब पूरे मामले की एक-एक कड़ी जोड़ी गई तो मामला हमें पूरी तरह समझ आया."
अविनाश कुमार ने बताया कि जाति-बिरादरी और गांव का समर्थन ससुराल वालों के साथ होने की वजह से मुन्नी देवी बहुत हिम्मत नहीं जुटा पाईं.
अविनाश कुमार आगे कहते हैं, "हमारे सामने समस्या यह थी कि बच्चे की मौत का प्रमाण पत्र पटना म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ने जारी किया था. लेकिन इस रिपोर्ट पर मुझे संदेह था. जब मैंने वहां संपर्क किया तो बताया गया कि इस तरह की जानकारी सूचना के अधिकार के क़ानून से बाहर है, इसलिए कोई सूचना नहीं मिल सकती. लेकिन मुन्नी देवी को इस तरह हारते देख मुझ से रहा नहीं गया. मैंने अपने स्तर पर और छान-बीन की.''
नगर निगम के किसी परिचित अधिकारी ने अविनाश कुमार को बताया कि यह मृत्यु प्रमाण पत्र जाली नज़र आ रहा है.
अविनाश कुमार ने इस जानकारी पर आगे खोज जारी रखी.
दलअसल देश में हर जन्म और मृत्यु की जानकारी सिविल रजिस्ट्री सिस्टम की वेबसाइट crsorgi.gov.in पर होती है.
अविनाश कुमार ने बताया, "जब मैंने इसके QR कोड को स्कैन किया तो मैं उस वेब पेज पर पहुंच गया, जहां यह प्रमाण पत्र पड़ा हुआ था. फिर मुझे निराशा हुई कि पीएमसी के अधिकारी बता रहे थे कि यह जाली दस्तावेज़ है."
लेकिन ग़ौर से देखने पर अविनाश कुमार चौंक पड़े क्योंकि वह वेबसाइट असल में फ़ेक थी.
"QR कोड को स्कैन करने के बाद वो इससे मिलते-जुलते एक वेबसाइट पर पहुंचे थे, न कि असली वेबसाइट पर. असल में किसी ने ऐसा एक फ़ेक वेब पेज भी बना रखा था."
ये जानकारी मिलने पर अविनाश कुमार थोड़े आश्वस्त हो गए थे.
8 सिंतबर 2022 को मामले की अगली सुनवाई थी.
मुन्नी देवी अपने वकील अविनाश कुमार के साथ सारी जानकारी जुटा कर पटना हाई कोर्ट में जज के सामने पेश हुईं.
पटना हाई कोर्ट ने इस मामले में PMC (पटना म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन) कमिश्नर; गया और पटना के एसएसपी को 12 सितंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा.
कोर्ट ने इस दिन 48 घंटे के अंदर बच्चे को रिकवर करने का आदेश दिया, लेकिन बच्चे को 16 घंटे के अंदर ही रिकवर कर लिया गया.
अब गांव वाले भी मान रहे हैं कि बच्चा मुन्नी देवी का ही है.
उधर, गया के मगध मेडिकल पुलिस थाने ने धोख़ाधड़ी, दस्तावेज़ों से छेड़छाड़ करने सहित कई मामलों में मुन्नी देवी के ससुर को गिरफ़्तार कर लिया है जबकि उनका जेठ (पति का बड़ा भाई) फ़रार है.
गया एसएसपी हरप्रीत कौर ने बीबीसी को बताया, "कोर्ट के आदेश पर बच्चे को चाइल्ड केयर सेंटर में रखा गया है और उसकी अच्छी देखभाल की जा रही है. फ़िलहाल हम मुन्नी देवी के फ़रार जेठ की तलाश कर रहे हैं ताकि इस तरह के फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बनाने वाले गिरोह का पता लगाया जा सके."
मुन्नी देवी के वक़ील के मुताबिक़, अब इस बच्चे की वैज्ञानिक आधार पर पुष्टि के लिए डीएनए जांच की जाएगी और उम्मीद है कि सात साल के बाद मां को उसका बेटा मिल जाएगा.