राष्ट्रीय
दतिया, 27 सितंबर मध्य प्रदेश के दतिया जिले में भगवान गणेश की मूर्ति के विसर्जन के दौरान एक तालाब में डूबने से चार नाबालिगों की मौत हो गई, जबकि तीन को बचा लिया गया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि दो नाबालिगों की हालत गंभीर है, उनका इलाज चल रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घटना निरावल बिदानिया गांव में चल रहे 10 दिवसीय गणेश उत्सव के दौरान मंगलवार शाम को हुई। कुछ बच्चे एक मूर्ति के विसर्जन के लिए तालाब पर पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि कुछ ग्रामीणों ने सात बच्चों को तालाब में डूबते देखा तो पुलिस को सूचित किया।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रदीप शर्मा ने बताया कि उनमें से चार की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य को बचा लिया गया।
उन्होंने बताया कि मृतकों में तीन लड़कियां भी शामिल हैं। मृतकों की उम्र 14 से 16 साल के बीच है।
शर्मा ने बताया कि बचाए गए तीन नाबालिगों में से दो की हालत गंभीर है और उन्हें ग्वालियर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। (भाषा)
उज्जैन (मध्य प्रदेश), 27 सितंबर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में लगभग 12 वर्षीय एक लड़की सोमवार को सड़क पर खून से लथपथ हालत में पाई गई और मेडिकल जांच में उसके साथ बलात्कार किए जाने की पुष्टि हुई है।
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच और सीसीटीवी फुटेज की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि 25 सितंबर को यहां मिली लड़की संभवत: पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की रहने वाली है, लेकिन उसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है क्योंकि वह पुलिस को अपना नाम और पता ठीक से नहीं बता पा रही है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) सचिन शर्मा ने कहा, "लगभग 12 साल की एक बच्ची सोमवार को उज्जैन के महाकाल पुलिस थाना क्षेत्र में एक सड़क पर खून से लथपथ पाई गई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सा जांच में उसके साथ बलात्कार की पुष्टि हुई है।’’ एसपी ने कहा कि चूंकि नाबालिग की हालत गंभीर है इसलिए उसे आगे के इलाज के लिए मंगलवार को इंदौर ले जाया गया।
उन्होंने बताया कि महाकाल थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और घटना की जांच जारी है।
उन्होंने कहा, "मामले की जांच और सीसीटीवी फुटेज की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।" इस बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने पीड़िता को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाने की मांग की।
कमलनाथ ने बुधवार को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर कहा, ‘‘ उज्जैन में एक छोटी बच्ची के साथ अत्यंत क्रूरतापूर्ण दुराचार का मामला देखकर रूह कांप गई। 12 साल की बेटी के साथ जिस तरह का दुष्कृत्य हुआ उससे मानवता शर्मसार हो जाती है। ऐसी जघन्य घटना प्रशासन और समाज के माथे पर कलंक है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश में कानून का राज खत्म हो गया है और अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि जनता परेशान है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 सितंबर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुलियों के साथ मुलाकात का वीडियो बुधवार को जारी कर ‘कमरतोड़ महंगाई’ एवं ‘रिकॉर्ड’ बेरोजगारी के मुद्दे उठाए और कहा कि भारत का भार उठाने वालों के कंधे आज मजबूरियों के बोझ से झुके हुए हैं।
उन्होंने पिछले सप्ताह आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर कुलियों के साथ मुलाकात की थी और उनकी समस्याओं के बारे में जाना था।
राहुल गांधी ने बुधवार को इस मुलाकात का एक वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर जारी किया।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दिनों पहले रामेश्वर जी (सब्जी विक्रेता) से मुलाकात हुई थी। इसकी खबर मिलते ही कुछ कुली भाइयों ने मुझे उनसे मिलने का अनुरोध किया। जैसे ही मुझे मौका मिला, मैं दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल पहुंच गया। उनसे मिल कर काफ़ी बातें हुईं - उनकी ज़िंदगियों को करीब से जाना और उनके संघर्षों को समझा।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का कहना था, ‘‘कुली भारत के सबसे मेहनती लोगों में हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी, करोड़ों यात्रियों के सफ़र में सहायक बन कर ये अपनी ज़िंदगी बिता देते हैं। कितनों की बांह पर लगा वो बिल्ला सिर्फ़ पहचान ही नहीं, उनको मिली विरासत भी है। ज़िम्मेदारी तो हिस्से में आ जाती है, मगर तरक्की न के बराबर।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘आज भारत में लाखों शिक्षित युवा रेलवे स्टेशन पर कुली का काम कर अपनी रोज़ी रोटी कमाने की कोशिश कर रहे हैं। कारण? रिकॉर्ड बेरोज़गारी। देश का साक्षर नागरिक दो वक़्त की रोटी कमाने को संघर्ष कर रहा है।’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘प्रतिदिन 400-500 रुपये की मामूली जीविका कमाते हैं, जिसमें घर का खर्च भी पूरा नहीं पड़ता, बचत का तो सवाल ही नहीं। कारण? कमरतोड़ महंगाई। खाना महंगा, रहना महंगा, शिक्षा महंगी, स्वास्थ्य महंगा - गुज़ारा हो भी तो कैसे!’’ उनके अनुसार, ‘‘कुली भारतीय रेलवे से वेतन पाने वाले कर्मचारी नहीं हैं, उनकी न पगार है, न पेंशन!किसी चिकित्सा बीमा या बुनियादी सुविधाओं का भी लाभ नहीं - भारत का भार उठाने वालों के कंधे आज मजबूरियों से झुके हुए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी उनकी उम्मीदें करोड़ों और हिंदुस्तानियों की तरह ही इस बात पर कायम हैं कि समय बदलेगा!’’
राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पूरी करने के बाद समाज के अलग-अलग वर्गों के लोगों से मुलाकातें कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी की यात्रा जारी है। (भाषा)
संभल (उप्र), 27 सितंबर संभल के रजपुरा क्षेत्र में मोबाइल फोन चार्ज करने के बहाने घर में घुसकर नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में एक युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी आलोक सिद्धू ने दर्ज रिपोर्ट के हवाले से बुधवार को बताया कि रजपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में मंगलवार शाम 15 साल की एक लड़की अपने घर में अकेली थी, तभी पड़ोस में रहने वाला युवक चित्रेश मोबाइल फोन चार्ज करने के बहाने घर आया और लड़की को जबरन कमरे में ले जाकर उससे दुष्कर्म किया।
उन्होंने बताया कि इस मामले में परिजन की तहरीर पर चित्रेश के खिलाफ मंगलवार देर रात मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया है। जल्द ही आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। (भाषा)
श्रीनगर, 27 सितंबर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को एक मालवाहक वाहन में विस्फोट होने से आठ लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
घटना में किसी भी आतंकी पहलू से इनकार करते हुए पुलिस ने कहा कि विस्फोट एक मालवाहक वाहन में हुआ। वाहन कंक्रीट कंपन मशीन, एक पोर्टेबल जनरेटर और तेल का एक डिब्बा लेकर जा रहा था।
कश्मीर जोन की पुलिस ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "लारकीपोरा अनंतनाग इलाके में एक मालवाहक वाहन में सीमेंट मिक्स सेटलिंग वाइब्रेशन मशीन, पोर्टेबल जनरेटर और तेल से भरा टिन का डिब्बा था। वाहन में विस्फोट हो गया। उसमें श्रमिक भी सवार थे।"
पुलिस ने बताया कि इस घटना में आठ मजदूर घायल हो गए और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
पुलिस ने 'एक्स' पर लिखा, "सभी घायलों की हालत स्थिर है। घटना में कोई आतंकी पहलू सामने नहीं आया है। जांच शुरू हो गई है।" (भाषा)
नई दिल्ली, 27 सितंबर । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कहा कि यह स्पष्ट है कि मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को हथियार बनाया गया है। उन्होंने पिछले 147 दिन से हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला किया।
राज्य सभा सांसद ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को तत्काल हटाने की भी मांग की।
खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''147 दिन से मणिपुर के लोग पीड़ित हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के पास राज्य का दौरा करने का समय नहीं है।''
उन्होंने कहा, "इस हिंसा में छात्रों को निशाना बनाए जाने की भयावह तस्वीरों ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर दिया है। अब यह स्पष्ट है कि इस संघर्ष में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को हथियार बनाया गया था।"
उन्होंने आरोप लगाया कि खूबसूरत राज्य मणिपुर को भाजपा के कारण "युद्धक्षेत्र" में बदल दिया गया है।
खड़गे ने कहा, "अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के अक्षम मुख्यमंत्री को बर्खास्त करें। आगे की किसी भी उथल-पुथल को नियंत्रित करने के लिए यह पहला कदम होगा।"
उनकी यह टिप्पणी मंगलवार को दो युवा छात्रों की हत्या की खबर सामने आने के बाद आई है।
मणिपुर सरकार ने कहा कि उसने दो युवा छात्रों की हत्या का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया है। सुरक्षा बलों ने भी अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि पीड़ितों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जिनकी पहचान फिजाम हेमजीत (20) और हिजाम लिनथोइंगंबी (17) के रूप में हुई है। दोनों जुलाई से लापता थे।
दो छात्रों की हत्या के बाद पूर्वोत्तर राज्य में छात्रों ने बड़े पैमाने पर आंदोलन किया। राज्य सरकार ने भी इंटरनेट सेवाएं बहाल करने के महज चार दिन बाद मंगलवार से एक अक्टूबर तक पांच दिनों के लिए फिर निलंबित कर दीं।
छात्रों की हत्या की जांच में तेजी लाने के लिए निदेशक प्रवीण सूद के नेतृत्व में एक विशेष सीबीआई टीम बुधवार को एक विशेष उड़ान से इम्फाल पहुंचेगी।
मणिपुर में इसी साल 3 मई को जातीय हिंसा भड़क उठी थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जून में हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा किया था, जबकि जुलाई में विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी पूर्वोत्तर राज्य गया था।
कांग्रेस ने जातीय हिंसा की निंदा करते हुये मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को तत्काल हटाने की मांग की थी, और राज्य का दौरा नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना भी की थी।
मणिपुर पुलिस महानिरीक्षक (संचालन) आई.के. मुइवा के अनुसार, राज्य में 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से कम से कम 175 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा 1,108 घायल हुए हैं जबकि 32 लापता हैं। (आईएएनएस)।
भोपाल, 27 सितंबर । मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं में विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने से उत्साह नहीं है, बल्कि उनकी बातचीत मायूसी जाहिर करने वाली है, वहीं कांग्रेस इस उम्मीदवारी पर तंज कसने से नहीं चूक रही है।
भाजपा की दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को उम्मीदवार बनाया गया है, वहीं राष्ट्रीय महासचिव भी मैदान में उतार दिए गए हैं।
उम्मीदवारी तय होने के बाद कुछ नेताओं के ऐसे बयान आए हैं जो यह जाहिर करने के लिए काफी हैं कि उनकी इच्छा विधानसभा चुनाव लड़ने की नहीं थी, मगर पार्टी का निर्देश है और वह उसका पालन करेंगे।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर विधानसभा क्रमांक एक से उम्मीदवार बनाए गए कैलाश विजयवर्गीय का साफ कहना है कि "पार्टी ने टिकट दे दिया है मुझे, मगर मैं अंदर से एक प्रतिशत भी खुश नहीं हूं, मेरी चुनाव लड़ने की इच्छा ही नहीं थी, मेरी तो एक प्रतिशत भी इच्छा नहीं थी। जैसा माइंडसेट होता है चुनाव लड़ने का वैसा नहीं है। मैं तो बड़ा नेता हो गया हूं इसलिए हांथ जोड़ने का नहीं है, अब तो भाषण देना और निकल जाना, यह सोचा था। हमने इसके लिए प्लान भी बना लिया था कि रोज आठ सभाएं करनी है जिन में पांच सभा हेलीकॉप्टर से और तीन कार से। इस प्रकार रोज आठ सभा करनी है। इस पूरे चुनाव इसका प्लान भी बन गया था। आप जो सोचते हैं, वह होता कहां है। भगवान की जो इच्छा होती है, वही होता है।"
वही दमोह लोकसभा क्षेत्र के सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी नरसिंहपुर से उम्मीदवार बनाए गए हैं। यह वह विधानसभा क्षेत्र है जहां से उनके छोटे भाई जालम सिंह पटेल अब तक विधायक हैं। प्रहलाद पटेल भी उम्मीदवारी से बहुत ज्यादा उत्साहित और खुश नजर नहीं आ रहे हैं।
पटेल का कहना है, "मैं इतने लंबे समय से राजनीतिक जीवन में हूं और पहली बार विधानसभा लडूंगा। मैं अपने गृह जिले से उम्मीदवार बनाया गया हूं। इसके लिए पार्टी के केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं।"
साथ ही पटेल ने राज्य को नई ऊंचाइयां दिलाने के लिए आपसी समन्वय पर जोर दिया है। भाजपा की सूची में बड़े नेताओं के नाम पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने तंज सका और एक्स पर कहा, भाजपा जितने सजावटी उम्मीदवार ला रही है, जनता का आक्रोश उतना ही ज़्यादा बढ़ रहा है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 27 सितंबर । उत्तर पूर्वी दिल्ली में कुछ लड़कों ने चोर होने के संदेह में 26 साल एक व्यक्ति को खंभे से बांध दिया और पीट-पीटकर उसे मार डाला। एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
मृतक की पहचान सुंदर नगरी निवासी इसार के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, मंगलवार रात 10:46 बजे एक कॉल आई, जिसमें फल विक्रेता अब्दुल वाजिद ने बताया कि जब वह शाम करीब 6:30 बजे घर पहुंचा तो उन्होंने अपने बेटे इसार को घर के बाहर पड़ा देखा।
डीसीपी (पूर्वोत्तर) जॉय टिर्की ने कहा, "ईसार के पूरे शरीर पर चोट के निशान थे और वह दर्द में था। इसार ने उसे बताया कि मंगलवार सुबह करीब 5 बजे कुछ लड़कों ने उसे जी4 ब्लॉक, सुंदर नगरी के पास पकड़ लिया था। उन्हें लगा कि वह चोर है और उसे एक खंभे से बांध दिया।"
डीसीपी ने कहा, "उन्होंने उसे कुछ देर तक लाठियों से पीटा। हमलावरों की पहचान सुंदर नगरी इलाके में जी4 ब्लॉक के पास रहने वाले कुछ लड़कों के रूप में हुई है। कुछ समय बाद, उसका पड़ोसी आमिर उसे रिक्शा में घर ले आया।"
डीसीपी ने कहा, "मंगलवार शाम करीब सात बजे इसार ने अपने घर पर दम तोड़ दिया। अब्दुल वाजिद ने पीसीआर को कॉल किया और पुलिस को सूचना दी। शव को जीटीबी अस्पताल ले जाया गया। आज पोस्टमार्टम किया जाएगा।"
डीसीपी ने कहा, “हत्या का केस दर्ज किया जा रहा है और इसार पर हमला करने वाले लड़कों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।” (आईएएनएस)।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के एक हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में लोग हर दिन डब्ल्यूएचओ द्वारा तय मात्रा से अधिक नमक का सेवन कर रहे हैं. सभी श्रेणियों के लोग पांच ग्राम के बजाय आठ ग्राम नमक का सेवन कर रहे हैं.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
नेचर जर्नल में प्रकाशित शोध में पाया गया कि नमक का सेवन पुरुषों में (8.9 ग्राम), नौकरीपेशा लोगों में (8.6 ग्राम) और तंबाकू इस्तेमाल करने वाले लोगों (8.3 ग्राम) में अधिक था. मोटे व्यक्तियों (9.2 ग्राम) और उच्च रक्तचाप (8.5 ग्राम) वाले लोगों में भी खपत औसत से अधिक थी.
यह शोध व्यवहार में बदलाव के लिए बहुत अधिक नमक खाने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता की आवश्यकता पर जोर देता है. अध्ययन के प्रमुख लेखक और आईसीएमआर-नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. प्रशांत माथुर ने कहा, "हमें प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और घर से बाहर पकाए गए खाद्य पदार्थ खाने में कटौती करने की जरूरत है."
विशेषज्ञों का कहना है कि हर रोज इस्तेमाल होने वाले नमक का अधिकांश सेवन अत्यधिक प्रोसेस्ड, पैकेज्ड फूड पदार्थों से आता है. यहां तक कि घर में बने खाद्य पदार्थों, करी और कुछ विशेष तैयारियों में भी बहुत अधिक नमक होता है, जैसे तले हुए स्नैक्स, अचार, पापड़ और चटनी भी इनमें शामिल हैं.
नमक के सेवन में कटौती है जरूरी
डॉक्टरों का कहना है कि वर्षों तक अधिक नमक का सेवन उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है. अध्ययनों से पता चला है कि दैनिक नमक का सेवन जितना अधिक होगा, सिस्टोलिक रक्तचाप उतना ही अधिक होगा, हृदय गति भी अधिक होगी.
पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमआर) के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजेश विजयवर्गीय ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "आहार में सोडियम/नमक का सेवन कम करने से न केवल रक्तचाप कम हो सकता है, बल्कि हृदय संबंधी बीमारी और मृत्यु दर, दिल के दौरे, स्ट्रोक और गुर्दे की क्षति भी कम हो सकती है."
आईसीएमआर के शोध में कहा गया है कि वयस्कों के लिए दैनिक नमक का सेवन पांच ग्राम तक सीमित करना उच्च रक्तचाप को 25 प्रतिशत तक कम करने का एक फायदेमंद और लागत बचाने वाला तरीका है. शोध 2025 तक औसत जनसंख्या में नमक के सेवन में 30 प्रतिशत की कमी की वकालत करता है.
जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन
उच्च रक्तचाप पर डब्ल्यूएचओ द्वारा हाल ही में किए गए एक वैश्विक अध्ययन में वास्तव में भारत में नमक की खपत 10 ग्राम से अधिक बताई गई है और उसमें कहा गया है कि देश में हृदय संबंधी होने वाली आधी से अधिक मौतें उच्च रक्तचाप के कारण होती हैं.
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत उच्च रक्तचाप की बीमारी पर नियंत्रण पाकर 2040 तक 46 लाख मौतों को रोक सकता है. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में 30-79 वर्ष की आयु के अनुमानित 18.83 करोड़ वयस्क हाई बीपी से पीड़ित हैं.
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि सरकारों को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जिनसे खाने में नमक की मात्रा कम हो सके और लोगों को ऐसी जानकारी दी जाए जिससे वो अपने खान पान को लेकर सही फैसले ले सकें. डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा की खाने-पीने की चीजें बनाने वाली कंपनियों को भी प्रोसेस्ड चीजों में सोडियम का स्तर कम करने की जरूरत है. (dw.com)
मांड्या, 27 सितंबर । कर्नाटक के मांड्या जिले में बेंगलुरु-मंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेल्लूर क्रॉस के पास बुधवार को तेज रफ्तार कार ने कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बस को पीछे से टक्कर मार दी, जिससे चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक इस घटना में एक महिला और तीन पुरुषों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
क्षतिग्रस्त कार से शवों को बाहर निकाला गया।
यह दुर्घटना तब हुई जब हासन से बेंगलुरु की ओर जा रही बस यात्रियों को उतारने के लिए आदिचुंचनगिरी मेडिकल अस्पताल के पास रुकी थी। तेज रफ्तार कार चालक ने वाहन पर नियंत्रण खो दिया और बस को पीछे से टक्कर मार दी।
बेलुरु पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। (आईएएनएस)।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में जस्टिन ट्रूडो के उस आरोप पर कनाडा की आलोचना की कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ था.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले पर भारतीय विदेश मंत्री ने अमेरिका में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत की ऐसी नीति नहीं है. एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क के दौरे पर थे.
न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, "हमने कनाडाई लोगों से कहा कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है. अगर आपके पास कुछ विशिष्ट या कुछ प्रासंगिक है तो हमें बताएं."
जयशंकर ने आगे कहा, "जहां तक अलगाववादी गतिविधि का सवाल है तो कनाडा में माहौल बहुत अनुकूल है." कनाडा ने अभी तक निज्जर की हत्या के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सार्वजनिक सबूत उपलब्ध नहीं कराया है.
खुफिया जानकारी पर क्या बोला भारत
जब जयशंकर से उन रिपोर्टों के बारे में सवाल किया गया कि निज्जर की हत्या के बारे में खुफिया जानकारी फाइव आईज अलायन्स के बीच साझा की गई थी और एफबीआई ने कुछ सिख नेताओं को अमेरिका में जान का खतरा बताते हुए आगाह किया था, इसके जवाब में उन्होंने कहा, "हम फाइव आईज अलायन्स का हिस्सा नहीं हैं, हम निश्चित रूप से एफबीआई का हिस्सा नहीं हैं. इसलिए मुझे लगता है आप गलत व्यक्ति से सवाल पूछ रहे हैं."
फाइव आईज अलायन्स वह समूह है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं. इस समूह के तहत यह पांचों देश खुफिया जानकारी आपस में साथ साझा करते हैं.
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कनाडा के आरोपों पर तो सीधा तो कुछ नहीं कहा लेकिन आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर भारत की बात रखी. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया तय करने में "राजनीतिक सहूलियत" को आड़े नहीं आने देने का आह्वान किया. कनाडा के साथ जारी कूटनीतिक गतिरोध के बीच इसे इशारों-इशारों में कनाडा पर परोक्ष हमला माना जा रहा है.
कनाडा और भारत के बीच गहराता विवाद
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान और अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप की कवायद चुनिंदा तरीके से नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि वे दिन बीत गये जब कुछ राष्ट्र एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे भी उनकी बातें मान लें.
18 सितंबर को कनाडा की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में एक बयान में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था, "कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां ऐसे ठोस आरोपों की जांच कर रही हैं कि एक कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के जासूसों का हाथ है. कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की भूमिका हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता."
ट्रूडो के बयान के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने आरोपों को खारिज कर दिया था. एक बयान में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, "हमने कनाडा के प्रधानमंत्री का बयान देखा है और हम उसे खारिज करते हैं. कनाडा में किसी हिंसक घटना में भारतीय सरकार की भूमिका बकवास और प्रेरित है. जी20 के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात के वक्त भी कनाडा के प्रधानमंत्री ने ऐसे आरोप लगाये थे, जिन्हें पूरी तरह खारिज कर दिया गया था."
भारत कर चुका है आरोप खारिज
भारत ने अपने मामलों में दखल को लेकर भी कनाडा से चिंता जताई थी. विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं और कानून व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्ध हैं. ऐसे निराधार आरोपों का मकसद खालिस्तानी उग्रवादियों के मामले से ध्यान हटाना है जिन्हें कनाडा में पनाह मिली है और जो भारतीय संप्रभुता के लिए लगातार खतरा बने हुए हैं."
इस बीच अमेरिका ने कहा है कि कनाडा में निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के भारत पर आरोपों की आरोपों जांच होनी चाहिए. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा, "हमें लगता है कि इस तरह के चिंताजनक आरोपों की पूर्ण और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए." (dw.com)
कानपुर, 27 सितंबर । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने फेफड़ों को स्वस्थ्य रखने के लिए "ए-कंटीन्यूअस लंग हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम" नामक एक तकनीक विकसित की है। यह दूर बैठे मरीज की न सिर्फ निगरानी करेगा, बल्कि उसकी आवाज का डेटा एकत्रित कर इलाज में सहयोग प्रदान करेगा।
इस प्राणली से डॉक्टरों को मरीजों की किसी भी स्थिति में परिवर्तन गिरावट के बारे में तत्काल जानकारी हो जायेगी।
यह तकनीक आईआईटी कानपुर ने आईआईटी खड़गपुर और आईआईआईटी रायपुर के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर विकसित की है। यह मास्क रिपोर्ट बताने के साथ डॉक्टर तक भी रियल टाइम रिपोर्ट भेज देगा।
संस्थान के कार्यवाहक निदेशक प्रो. एस गणेश ने बताया कि इस सिस्टम का नाम ए कंटीन्यूअस लंग हेल्थ मॉनीटरिंग सिस्टम रखा गया है। इसे विकसित करने के लिए इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वित्तीय सहायता दी थी। इसका पेटेंट मिल गया है।
प्रो. एस गणेश ने बताया कि शोधकर्ताओं की टीम ने एक किफायती और क्रांतिकारी रोगी निगरानी प्रणाली का आविष्कार किया है, जो विशेष रूप से फेफड़ों की देखभाल की क्षमता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह आईआईटी कानपुर की अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो मरीजों को सीधे लाभ पहुंचाती है।
उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि संक्रामक फेफड़ों की बीमारियों के कारण मरीज आमतौर पर घर पर ही रहते हैं, जिससे निरंतर चिकित्सा निगरानी के लिए चुनौतियां पैदा होती हैं। रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम एक समाधान तो प्रदान करते हैं, फिर भी उन्हें देरी और नेटवर्क समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आईआईटी कानपुर की यह तकनीक फेफड़ों की बीमारी के डेटा तक तेजी से पहुंच प्रदान करती है और मरीज की कहीं भी बैठकर बीमारी की निगरानी करने की सुविधा देती है।
इस सिस्टम में अत्यधिक संवेदनशील ध्वनि सेंसर के साथ ध्वनिक मास्क है जिसे मुंह और नाक में लगाया जाएगा। इससे श्वास की आवाज को इंटेलीजेंट कार्ड व साउंड कार्ड डिवाइस तक पहुंचेगी। यह डिवाइस में एक वाई-फाई मॉड्यूल लगा है। इसमें प्रोसेसिंग इकाई है, जिसमें इनबिल्ट मेमोरी और माइक्रोप्रोसेसर है जो रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद रियल टाइम रिपोर्ट डॉक्टर तक पहुंचाने में मदद करेगी।
प्रो.एस गणेश ने कहा कि इस उपकरण का रोगी स्वास्थ्य निगरानी बाजार पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यूएस-आधारित मार्केट्स एंड मार्केट्स की एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि 2027 तक निगरानी उपकरणों का मूल्य पूर्वानुमानित अवधि के दौरान 9.1 फीसद की सीएजीआर से बढ़कर 65.4 बिलियन डॉलर होने की संभावना है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 27 सितंबर । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बड़े तलाशी अभियान के तहत देश भर में खालिस्तानी आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ बुधवार सुबह छापेमारी शुरू की।
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली के आसपास के इलाकों में चार दर्जन से अधिक स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।
एक सूत्र ने कहा, "खालिस्तानी आतंकवादियों, समर्थकों और संबंधित प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े संदिग्धों के ठिकानों पर तलाशी अभियान जारी है।"
छापेमारी बुधवार सुबह शुरू हुई और अभी चल रही है।
फिलहाल एनआईए ने इस मामले पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है। (आईएएनएस)।
कोहिमा/ईटानगर, 27 सितंबर । गृह मंत्रालय (एमएचए) ने अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के कुछ हिस्सों में अफ्सपा यानी सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958, (एएफएसपीए) को 1 अक्टूबर से अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया है।
गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि नगालैंड के दीमापुर, न्यूलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिरे, नोकलाक, फेक और पेरेन जिलों और खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में अफ्सपा को अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
अफ्सपा का विस्तार मोकोकचुंग जिले के मंगकोलेम्बा, मोकोचुंग-I, लोंगथो, तुली, लोंगकेम और अनाकी 'सी' पुलिस स्टेशनों, लोंगलेंग जिले के यांगलोक पुलिस स्टेशन, वोखा जिले के भंडारी, चंपांग और रालन पुलिस स्टेशनों, घटाशी, पुघोबोटो, सातखाजुन्हेबोटो जिले में सुरुहुतो, जुन्हेबोटो और अघुनातो पुलिस स्टेशन में भी किया गया।
एक अलग अधिसूचना में, गृह मंत्रालय ने कहा कि अधिनियम, जो सेना और अन्य केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को छापेमारी और अभियान चलाने और बिना किसी पूर्व सूचना या गिरफ्तारी वारंट के कहीं भी किसी को भी गिरफ्तार करने की अनुमति देता है, को तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग में अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। अरुणाचल प्रदेश के जिले और नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्र।
पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति में सुधार के साथ एक ऐतिहासिक कदम में केंद्र सरकार ने अप्रैल 2022 से नागालैंड, असम और मणिपुर के कई क्षेत्रों में अफ्सपा के तहत अशांत क्षेत्रों को कम कर दिया।
इसे 2015 में त्रिपुरा से, 2018 में मेघालय से और 1980 के दशक में मिजोरम से हटा लिया गया था।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के अधिकांश राजनीतिक दल, कई गैर सरकारी संगठन और नागरिक समाज संगठन इसे पूरी तरह से रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
दिसंबर 2021 में नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षा बलों द्वारा "गलत पहचान" के एक मामले में 14 लोगों की हत्या और 30 अन्य के घायल होने के बाद मांग तेज हो गई। (आईएएनएस)।
हैदराबाद, 27 सितंबर । तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने मंगलवार को 'एक राष्ट्र एक चुनाव' को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'ध्यान भटकाने वाला हथकंडा' करार दिया और कहा कि अगर वह इस मुद्दे के प्रति ईमानदार होते तो हाल ही में बुलाए गए विशेष संसद सत्र में इस पर एक विधेयक ला सकते थे।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव ने मोदी को ध्यान भटकाने की राजनीति में माहिर बताया।
उन्होंने एक समाचार एजेंसी को बताया, "प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्र भारत के सबसे अक्षम, अयोग्य प्रधानमंत्री और शायद सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री हैं। इसलिए लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वह हर तरह के हथकंडे अपनाते रहते हैं।"
बीआरएस नेता ने कहा कि मोदी के शासन में स्वतंत्र भारत में पहली बार रुपये का मूल्य इतना गिरा है, मुद्रास्फीति उच्चतम स्तर पर चली गई है और बेरोजगारी दर चरम पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि मोदी भारत के लोगों से किए सभी वादों पर बुरी तरह विफल रहे।
केटीआर ने तेलंगाना राज्य और इसकी गठन प्रक्रिया पर बार-बार दिए गए बयानों के लिए प्रधानमंत्री पर हमला बोला। संसद में मोदी की हालिया टिप्पणियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहला उदाहरण नहीं है, जब पीएम ने तेलंगाना गठन के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की है, और यह ऐतिहासिक तथ्यों के प्रति उनकी घोर उपेक्षा को दर्शाता है।
"राज्य प्राप्ति की यात्रा दशकों से अनगिनत बलिदानों और संघर्षों का परिणाम है।"
उन्होंने कहा, "यह सुझाव देना कि तेलंगाना ने अपने राज्य गठन का जश्न नहीं मनाया, न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि अज्ञानी और अहंकारी भी लगता है।"
केटीआर ने कहा कि पीएम मोदी ने संसद के अंदर और कई अन्य मौकों पर भी इसी तरह के बयान दिए, जिससे तेलंगाना के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है और दावा किया कि प्रधानमंत्री और भाजपा को तेलंगाना से नफरत है।
उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी को तेलंगाना के लोगों की भावनाओं का लगातार अपमान करने के लिए उनसे माफी मांगनी चाहिए।
प्रधानमंत्री 1 अक्टूबर को तेलंगाना पहुंचेंगे, इस पर केटीआर ने कहा कि वह सिर्फ वोट मांगने आ रहे हैं।
मोदी के दौरे से पहले बीआरएस नेताओं ने उनसे कई सवाल पूछे। केटीआर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मोदी सरकार ने एपी पुनर्गठन अधिनियम 2014 में किए गए वादों का सम्मान नहीं किया।
उन्होंने कहा, "जब भी वे तेलंगाना आए, खाली हाथ आए और उन्हें खाली हाथ वापस जाने के लिए तैयार रहना चाहिए।"
मोदी की आगामी महबूबनगर यात्रा पर बीआरएस नेता ने कहा कि उन्होंने उस क्षेत्र के लोगों के साथ जो अन्याय किया है, उसके लिए उन्हें महबूबनगर में पैर रखने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे 2014 में सरकार बनाने के एक महीने के भीतर सीएम केसीआर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के पास पहुंचे और कालेश्वरम परियोजना या पलामुरू लिफ्ट सिंचाई योजना (पीएलआईएस) को राष्ट्रीय दर्जा देने का अनुरोध किया था।
केटीआर ने कहा, "उन्होंने कर्नाटक में ऊपरी भद्रा और आंध्र प्रदेश में पोलावरम को राष्ट्रीय दर्जा दिया, लेकिन पलामुरू परियोजना को नजरअंदाज कर दिया।" उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को कृष्णा जल विवाद को सुलझाने में कभी दिलचस्पी नहीं थी, जो तेलंगाना के साथ बहुत बड़ा अन्याय था। उन्होंने कहा, कम से कम अब, पीएम को पलामुरू परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देने की घोषणा करनी चाहिए। (आईएएनएस)।
मथुरा (उप्र), 27 सितम्बर मथुरा जिले के महावन थाना क्षेत्र में दलित समुदाय की आठ साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म किये जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) त्रिगुण बिसेन ने पीड़िता के पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के हवाले से बताया कि रविवार की रात जब साढे़ आठ बजे वह खेत में था तथा पत्नी घर के काम में व्यस्त थी, तभी बच्ची गांव में एक रिश्तेदार के यहां चली गयी थी।
बिसेन ने बताया कि शिकायत के अनुसार, वहां से लौटते समय ही कोई अज्ञात व्यक्ति बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने अपने साथ एकांत स्थान पर ले गया, और वहां वह उसके साथ दुष्कर्म कर भाग गया। काफी देर बाद बच्ची किसी तरह घर वापस लौटी। उसकी हालत बहुत खराब थी। रक्तस्राव होने की वजह से उसे तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
एसपी ने बताया कि पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है और आरोपी का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती बच्ची की हालत में भी सुधार है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 26 सितंबर अयोध्या में राम मंदिर के पहले चरण का कार्य दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाने का भरोसा जताते हुए मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा है कि श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा अगले वर्ष 22 जनवरी को होगी और 20 से 24 जनवरी के बीच किसी भी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे जुड़े समारोह में सम्मिलित होंगे।
'पीटीआई-वीडियो' को दिए एक विशेष साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव रहे मिश्रा ने राम मंदिर के निर्माण और इस दौरान आई चुनौतियों के साथ ही प्राण-प्रतिष्ठा समारोह तथा इसकी तैयारियों को लेकर विस्तार से बातचीत की।
उन्होंने खुलासा किया कि मंदिर में हर वर्ष रामनवमी के दिन दोपहर बारह बजे सूर्य की किरणें श्रीराम की मूर्ति पर पड़ें, ऐसी व्यवस्था की जा रही है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि गर्भ गृह में दो मूर्तियां होंगी - एक चल और एक अचल... एक श्रीराम की बाल्यावस्था की और दूसरी रामलला की।
मिश्रा ने कहा, "भगवान चार या पांच वर्ष की आयु के होंगे और मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच होगी।"
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के समारोह में लगभग दस हजार अति विशिष्ट आमंत्रित सदस्य होंगे, जिनमें राम मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े साधु-संत समाज के लोग और देश-विदेश व मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के जाने माने लोग शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन लगभग सवा लाख दर्शनार्थियों के अयोध्या पहुंचने का अनुमान है।
एक सवाल के जवाब में मिश्रा ने अगले वर्ष लोकसभा चुनावों से पहले हो रहे इस प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का राजनीतिक असर होने की संभावना से इनकार नहीं किया।
नवंबर 2019 में उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में फैसला देते हुए केंद्र सरकार को निर्देशित किया था कि वह तीन माह के भीतर मंदिर निर्माण के लिए एक न्यास की स्थापना करे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 5 फरवरी 2020 को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की घोषणा की। मिश्रा न्यास के सदस्य होने के साथ ही मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष भी हैं।
मिश्रा ने कहा कि मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी लेने के साथ ही मंदिर के भूतल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा कर लेने की योजना बनी थी और निश्चित ही यह कार्य तय समय में पूरा हो जाएगा।
मिश्रा ने कहा, "न्यास के फैसले के अनुसार, 14 जनवरी के बाद यानी मकर संक्रांति के बाद वहां प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित होगा और जो साधु-संत इस विद्या में निपुण हैं उन लोगों की राय से यह प्रारंभ किया जाएगा।"
उन्होंने कहा, ऐसा सोचा गया है कि "प्राण-प्रतिष्ठा का जो अंतिम दिन होगा... जिस दिन भगवान वहां पर एक तरीके से सभी के समक्ष सम्मुख होंगे, उस दिन पूजा का कार्यक्रम भी संपन्न हो। पूजा के कार्यक्रम में, जो एक तरीके से अंतिम अध्याय होगा, उसमें प्रधानमंत्री जी भी सम्मिलित हों।"
मिश्रा ने कहा, "प्रधानमंत्री प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कब शामिल होंगे, उसकी सूचना अभी प्रधानमंत्री कार्यालय से नहीं आई है। अंतिम कार्यक्रम उनका जब आएगा तो ट्रस्ट फिर उसकी घोषणा करेगा। लेकिन, यह अनुमान है कि यह 20 और 24 जनवरी के बीच में ही कोई तिथि होगी। क्योंकि प्रधानमंत्री उसके बाद गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में अति व्यस्त हो जाएंगे।"
एक सवाल के जवाब में मिश्रा ने बताया कि मंदिर निर्माण पर अब तक 900 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं और ऐसा अनुमान है कि पूरे मंदिर और परिसर के निर्माण में लगभग 1,700 से 1,800 करोड़ रुपये की लागत आयेगी।
मिश्रा ने बताया, "गर्भ गृह में दो मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। एक अचल होगी जो खड़ी मूर्ति होगी, जिसे वास्तुकार अपनी कल्पना के अनुसार बना रहे हैं। तीन वास्तुकार अलग-अलग इसे बना रहे हैं। भगवान चार से पांच वर्ष की आयु के होंगे। भगवान की मूर्ति की लंबाई 51 इंच होगी। यह बाल स्वरूप होगा भगवान का। इसी के समक्ष जो वर्तमान रामलला हैं... जो कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय में पक्षकार थे, वह रामलला वहां पर रखे जाएंगे।"
मंदिर की एक विशेष खासियत का खुलासा करते हुए पूर्व नौकरशाह ने बताया, "ऐसी योजना है कि रामनवमी के दिन 12 बजे भगवान के माथे पर सूर्य की किरणें पड़ें। जो मूर्ति है उसकी दिशा इस प्रकार से है कि वहां पर सूर्य की किरणें सीधी नहीं पड़ रही हैं। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, रुड़की और पुणे के एक एस्ट्रोनॉमिकल संस्थान ने मिलकर कम्प्यूटरीकृत कार्यक्रम बनाया है। इसमें एक छोटा सा उपकरण है जो कि मंदिर के शिखर में लगाया जाएगा। किरणें इस माध्यम से आएंगी और फिर परावर्तित होकर भगवान के ललाट पर पहुंचेंगी।"
उन्होंने बताया कि यह उपकरण बेंगलुरु में बन रहा है और इसकी डिजाइन व देखरेख रुड़की और पुणे के संस्थान तथा वैज्ञानिक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "रामनवमी के दिन यह कुछ ही सेकेंड के लिए होगा इसलिए हमें प्रयास करना है कि उस दिन वहां भारी संख्या में लोग ना पहुंच जाएं।"
उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी चुनौती होगी कि उस समय भगदड़ जैसे हालात ना हों और इस चुनौती से निपटने के लिए इस घटना को स्क्रीन पर, दूरदर्शन पर दिखा पाएं, इसका भी प्रयास किया जा रहा है।
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मिश्रा ने बताया, "न्यास ने 22 जनवरी को, जिस दिन प्राण-प्रतिष्ठा होगी, सभी श्रद्धालुओं से यह निवेदन किया है कि वे यथासंभव अपने गांव में ही इस कार्यक्रम को देखें। निश्चित रूप से दूरदर्शन के माध्यम से इसे दिखाया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि वह अपेक्षा कर रहे हैं कि लगभग सवा लाख से डेढ़ लाख लोग प्रतिदिन अयोध्या पहुंचेंगे और उनके रहने व भोजन आदि की व्यवस्था प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
मिश्रा ने कहा, "ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि कुछ स्थानों पर खाने की व्यवस्था हो। यह भी संभव है 25,000 से 50,000 लोगों के लिए बिना किसी भुगतान के खाने की व्यवस्था की जाए। इन सब पर ट्रस्ट की समिति विचार कर रही है।"
उन्होंने यह साफ किया कि "एक व्यक्ति को दर्शन करने के लिए करीब 15 से 20 सेकेंड का समय मिल पाएगा पर उन्हें संतोष इसलिए होगा क्योंकि मंदिर में भी वहां तक पहुंचने के दौरान वह कई स्थलों व मंडपों से होकर गुजरेंगे। इसलिए हम लोग नहीं समझते हैं कि यह कोई असंतोष का कारण बनेगा।"
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित लोगों के बारे में जानकारी देते हुए मिश्रा ने बताया कि ट्रस्ट की एक उपसमिति इसकी सूची बना रही है।
उन्होंने कहा, "जितने साधु-संत समाज व अलग-अलग पंथ के लोग हैं और जो राम मंदिर निर्माण के आंदोलन से जुड़े थे उन्हें बुलाने का ट्रस्ट की ओर से पूरी तरह से प्रयास किया जा रहा है। अनुमान है कि यह संख्या 2,000 तक पहुंच सकती है।"
उन्होंने कहा कि इसके अलावा देश-विदेश और मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के जाने माने लोगों को अति विशिष्ट श्रेणी में आमंत्रित करने की बात है।
उन्होंने कहा, "यह संख्या करीब 7,500 हो सकती है। प्रथम दृष्टया करीब 10,000 लोगों को आमंत्रित करने की योजना है।" (भाषा)
नयी दिल्ली, 26 सितंबर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश के खिलाफ गूगल की अपील पर 28 नवंबर को सुनवाई करेगा। प्रतिस्पर्धा नियामक ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी पर प्ले स्टोर नीतियों के संबंध में अपनी दबदबे की स्थिति के दुरुपयोग को लेकर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
इसके न्यायिक सदस्यों में से एक न्यायमूर्ति राकेश कुमार ने 17 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
यह मामला एनसीएलएटी की पीठ के समक्ष सोमवार को सूचीबद्ध था। पीठ में चेयरमैन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और आलोक श्रीवास्तव शामिल है। पीठ ने सीसीआई सहित संबंधित पक्षों से चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके अलावा पीठ ने गूगल को इसका प्रत्युत्तर दाखिल करने, यदि कोई हो, के लिए दो सप्ताह का समय भी दिया है।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने मामले को सुनवाई के लिए 28 नवंबर को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
इस साल 17 अप्रैल को न्यायमूर्ति राकेश कुमार और आलोक श्रीवास्तव की एनसीएलएटी पीठ ने गूगल की अपील को किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था।
सीसीआई ने 25 अक्टूबर, 2022 को प्ले स्टोर नीतियों को लेकर अपनी दबदबे का स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। नियामक ने कंपनी को अनुचित व्यावसायिक व्यवहार से बचने को भी कहा था।
इसे गूगल ने एनसीएलएटी के समक्ष चुनौती दी थी।
इस साल 11 जनवरी को, न्यायमूर्ति कुमार और श्रीवास्तव की एनसीएलएटी पीठ ने गूगल को इस मामले में अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। इसने गूगल को अपनी रजिस्ट्री के पास जुर्माने का 10 प्रतिशत जमा करने का निर्देश दिया था और मामले को 17 अप्रैल, 2023 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।
इसी तरह, चार जनवरी को इसी पीठ ने अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम की दबदबे की स्थिति के दुरुपयोग के लिए गूगल पर सीसीआई द्वारा लगाए गए 1,337 करोड़ रुपये जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करते हुए उसे कुल राशि का 10 प्रतिशत जमा करने के लिए कहा था।
दोनों मामलों को गूगल ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय ने 1,337 करोड़ रुपये के जुर्माने का मामला एनसीएलएटी के पास वापस भेज दिया और गूगल की अपील पर 31 मार्च तक फैसला करने को कहा था।
चेयरमैन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और आलोक श्रीवास्तव की एनसीएलएटी की पीठ ने 29 मार्च को पारित आदेश में गूगल पर जुर्माने को उचित ठहराया था। हालांकि, इसने प्ले स्टोर पर तीसरा पक्ष ऐप स्टोर को होस्ट करने की अनुमति जैसी शर्तों को हटा दिया था। बाद में गूगल ने 936.44 करोड़ रुपये के जुर्माने के मामले को एनसीएलएटी में ही आगे बढ़ाने का फैसला किया। (भाषा)
मुंबई, 26 सितंबर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जन्मदिन के अवसर पर मंगलवार को उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि भारत ने उनके नेतृत्व में आर्थिक सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ और सर्वाधिक विकास दर हासिल की।
मनमोहन सिंह आज 91 साल के हो गए। 1990 के दशक में आमूलचूल आर्थिक सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले मशहूर अर्थशास्त्री सिंह 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे।
कांग्रेस नेता सिंह का जन्म 1932 में पंजाब के गाह गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है।
पवार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को जन्मदिन की शुभकामनाएं। भारत उनके नेतृत्व में आर्थिक सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा और सर्वाधिक विकास दर हासिल की। ईश्वर उन्हें दीर्घायु और स्वस्थ जीवन दे।’’
सिंह ने 2004 से 2014 तक कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में प्रधानमंत्री के रूप में सेवाएं दीं।
उन्होंने 1991 से 1996 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया था। उन्हें सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों का प्रमुख वास्तुकार होने का श्रेय दिया जाता है।
पवार सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में कृषि मंत्री थे। (भाषा)
चंडीगढ़, 26 सितंबर पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया है, जिनके खिलाफ बठिंडा में एक संपत्ति की खरीद में अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पंजाब सतर्कता ब्यूरो के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पंजाब सतर्कता ब्यूरो की टीम ने बादल के मुक्तसर स्थित आवास पर छापा मारा था जिसके बाद बादल को पकड़ने के लिए सोमवार को उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया। बादल जनवरी में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे।
पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने बठिंडा में संपत्ति खरीद में अनियमितताओं के आरोप में बादल और पांच अन्य के खिलाफ आरोप दर्ज किया है।
बादल के अलावा बठिंडा विकास प्राधिकरण (बीडीए) के पूर्व मुख्य प्रशासक बिक्रमजीत शेरगिल, राजीव कुमार, अमनदीप सिंह, विकास अरोड़ा और पंकज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
राजीव कुमार, अमनदीप सिंह और विकास अरोड़ा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
सतर्कता ब्यूरो ने पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला की 2021 की शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू की थी, जिसमें बठिंडा में एक प्रमुख स्थान पर संपत्ति की खरीद में अनियमितता का आरोप लगाया गया था।
पूर्व में शिरोमणि अकाली दल के नेता रहे भाजपा नेता सिंगला ने आरोप लगाया था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री के रूप में बादल ने दो वाणिज्यिक भूखंडों को अपने नाम पर आवासीय भूखंड में बदलने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया था।
इस संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 468 (जालसाजी) सहित संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सतर्कता ब्यूरो के अनुसार जांच के दौरान यह पाया गया कि बादल ने मॉडल टाउन चरण-1 बठिंडा में 1,560 वर्ग गज के दो भूखंड खरीदने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया, जिससे राज्य के खजाने को लाखों रुपये की वित्तीय हानि हुई।
जांच में पता चला कि बादल ने कथित तौर पर बीडीए अधिकारियों के साथ मिलीभगत की और वर्ष 2021 में भूखंडों की बोली के दौरान आम जनता को गुमराह किया। सतर्कता ब्यूरो ने कहा कि बोली प्रक्रिया में जनता की भागीदारी को रोकने के लिए नकली नक्शे अपलोड किए गए थे। (भाषा)
जयपुर, 26 सितंबर । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर कहा है कि वह 'पद छोड़ना चाहते हैं लेकिन पद उन्हें नहीं छोड़ रहा है।' (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 26 सितंबर । भाजपा ने विपक्षी दलों के 'आईएनडीआईए' गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों पर प्रहार करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 'घमंडिया फाइल्स' की एक नई सीरीज शुरू की है। इस सीरीज के तहत मंगलवार को जारी पहले एपिसोड में भाजपा ने तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके पर निशाना साधते हुए यह आरोप लगाया है कि डीएमके आजादी के बाद से ही देश को तोड़ना चाहती है और लगातार सनातन धर्म का अपमान करती रही है।
भाजपा ने इस वीडियो को शेयर करते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लिखा, "घमंडिया फाइल्स के प्रथम एपिसोड में देखिए...कैसे आजादी के बाद से ही देश को तोड़ना चाहती है डीएमके। सनातन धर्म का लगातार अपमान करती रही है डीएमके।"
'घमंडिया फाइल्स' सीरीज के प्रथम एपिसोड में भाजपा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 6 मिनट 48 सेकंड का वीडियो जारी किया है जिसमें 15 अगस्त 1947 से लेकर अब तक के कई वाक्यों का जिक्र करने के साथ-साथ डीएमके के कई पुराने और वर्तमान नेताओं के बयानों का जिक्र करते हुए डीएमके को देश विरोधी और भ्रष्ट पार्टी करार दिया है।
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया है कि आजादी के बाद से ही डीएमके देश को तोड़ना चाहती है, भारत का विभाजन कर भारत से अलग एक देश चाहती है, सनातन से नफरत करती है।
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि डीएमके की करुणानिधि सरकार देश की पहली ऐसी राज्य सरकार थी जिसे 1976 में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण बर्खास्त कर दिया गया था। भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि डीएमके ने मनमोहन सिंह सरकार में शामिल होकर कई हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया।
यह भी आरोप लगाया गया है कि राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है और उनके नेतृत्व में डीएमके बद से बदतर स्थिति में पहुंच गई है। आज तमिलनाडु जिहादी और मिशनरी गतिविधियों का केंद्र बन रहा है।
भाजपा ने आगे कहा कि राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी देखती रही कि उनके मित्र और गठबंधन सहयोगी एमके स्टालिन ने राजीव गांधी के दोषी हत्यारों में से एक को अपने घर पर बुलाया, गले लगाया और उसका सम्मान किया लेकिन कांग्रेस ने सत्ता के लिए इसे नजरअंदाज कर दिया। भाजपा ने वीडियो में विपक्षी गठबंधन में शामिल अन्य दलों की भी आलोचना की। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 26 सितंबर । तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ विरोध मार्च निकालने का प्रयास करने पर कर्नाटक पुलिस ने मंगलवार सुबह यहां 20 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया। उन पर धारा 144 के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।
गन्ना उत्पादक संघ के अध्यक्ष और जल संरक्षण समिति के प्रमुख नेताओं में से एक कुरुबुरु शांताकुमार विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने रात में भी एहतियात के तौर पर 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया था।
सुबह की घोषणा के अनुसार, आंदोलनकारी केंद्रीय व्यापार जिले में मैसूरु बैंक सर्कल जंक्शन पर एकत्र हुए। वे विरोध मार्च में हिस्सा लेने की योजना बना रहे थे, लेकिन तभी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
कुरुबुरु शांताकुमार ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ आक्रोश जताते हुये कहा, “तमिलनाडु में जब राज्य के हित की बात आती है, तो वे प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े होंगे। जल्लीकट्टू के मुद्दे पर तमिलनाडु पुलिस ने आंदोलन का समर्थन किया। लेकिन, कर्नाटक में पुलिस दमनकारी कदम उठा रही है।”
कुरुबुरू शांताकुमार ने कहा कि पुलिस प्रदर्शनकारियों को परेशान कर रही है। उन्होंने पुलिस से पूछा, "अगर वे अपने घरों में जाएंगे तो उनके पास पीने के लिए पानी नहीं होगा तो वे क्या करेंगे?"
कुरुबुरु ने कहा, "बंद सफल है और सभी ने अपना समर्थन दिया है। हमारा आंदोलन जारी रहेगा। राज्य के किसान देख रहे हैं कि क्या हो रहा है। पूरे राज्य में संदेश जाएगा कि यहां क्या हो रहा है।'' उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि पुलिस को सावधान रहना चाहिए।
पुलिस ने मैसूरु बैंक सर्कल के पास एकत्र हुए आंदोलनकारियों के समूह को तितर-बितर कर दिया। आंदोलनकारियों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने पुलिस से बहस की और उन्हें ड्यूटी से छुट्टी लेकर विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कहा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से बार-बार पूछा कि क्या उन्हें पानी नहीं चाहिए?
बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) से जुड़ी बसें सुबह चल रही थीं। अधिकांश मुख्य सड़कों और प्रमुख जंक्शनों पर सुबह के समय यातायात कम दिखा। सोमवार को बेंगलुरु शहरी जिला कलेक्टर के.ए. दयानंद ने शहर के निजी, सहायता प्राप्त, गैर सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित करने के आदेश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि शहर में धारा 144 लागू की जाएगी जिसके तहत पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी।
बंद शाम 6 बजे तक रहेगा। निजी परिवहन के कुल 37 संगठनों और नागरिक एजेंसियों, सरकारी निगमों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों सहित 95 अन्य संगठनों ने बंद को अपना समर्थन दिया है। (आईएएनएस)।
चेन्नई, 26 सितंबर । एक महिला ने कोयंबटूर शहर के पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई है कि उसके छोटे बेटे को अवैध पुलिस हिरासत के दौरान इस तरह प्रताड़ित किया गया कि उसकी किडनी खराब हो गई।
कोयंबटूर की धनलक्ष्मी ने सोमवार को कोयंबटूर शहर के पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई कि उनके बेटे जो आर. जयकुमार (22) को पुलिस ने प्रताड़ित किया है।
उसने कहा कि पुलिस प्रताड़ना के बाद युवक को किडनी की बीमारी हो गई और उसे डायलिसिस कराना पड़ा। पुलिस ने 16 सितंबर को दो लोगों की हत्या के प्रयास से जुड़े मामले में जयकुमार और सात अन्य को हिरासत में लिया था।
दोनों फरवरी 2023 में कोयंबटूर में गोकुल की हत्या से जुड़े मामले में आरोपी थे। धनलक्ष्मी ने आरोप लगाया कि 16 सितंबर को पुलिस ने उनके बेटे को उठाया। इसके बाद उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन पूछताछ करने पर पता चला कि वह कट्टूर थाने में था।
जब परिवार वहां पहुंचा तो जयकुमार घायल अवस्था में मिला। उसके चेहरे पर चोट के निशान थे।
धनलक्ष्मी ने आरोप लगाया कि पुलिस अवैध हिरासत में उसे कई जगहों पर ले गई और उनका मुंह बंद कर लोहे की पाइप से बेरहमी से पिटाई की, जिससे उनकी किडनी खराब हो गई।
महिला ने अपनी शिकायत में कहा, "पुलिस उसे अवैध हिरासत में कई जगहों पर ले गई और लोहे की पाइप से उसे पीटा। पुलिस ने उसे पेट, जांघों और कूल्हे पर मारा। मेरे बेटे को पेशाब करते समय खून भी आ रहा था। उसे तिरुपुर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। वहां से कोयंबटूर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया और अब उनकी तबीयत खराब हो गई है और उसे डायलिसिस पर रखा गया है।''
शिकायतकर्ता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि डॉक्टरों का कहना है कि जयकुमार की किडनी खराब हो गई है।
कोयंबटूर शहर के पुलिस आयुक्त वी. बालाकृष्णन ने कहा कि सहायक आयुक्त स्तर का एक अधिकारी पुलिस के खिलाफ आरोपों की जांच करेगा। (आईएएनएस)।
रांची, 26 सितंबर । रांची जिले के मैक्लुस्कीगंज में रेलवे की एक कंस्ट्रक्शन साइट पर बीती रात नक्सलियों ने हमला किया। उन्होंने निर्माण कार्य में लगे तीन वाहनों और एक जेनरेटर को आग के हवाले कर दिया।
नक्सलियों ने कई राउंड हवाई फायरिंग भी की। बताया गया कि सोमवार देर शाम करीब एक दर्जन हथियारबंद अपराधी रांची से 70 किमी दूर मैक्लुस्कीगंज में चट्टो नदी के पास रेलवे द्वारा कराए जा रहे पुल निर्माण की साइट पर पहुंचे और हवाई फायरिंग करन लगे। इससे भयभीत वहां मौजूद मजदूर और अन्य कर्मी भाग खड़े हुए।
इसके बाद नक्सलियों ने एक डंपर, एक पोकलेन मशीन, एक एसयूवी और जेनरेटर में आग लगा दी। निर्माण कार्य करा रही एजेंसी को भारी नुकसान हुआ है। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चतरा के टंडवा स्थित एनटीपीसी के सुपर थर्मल पावर स्टेशन में कोयले की आपूर्ति की सुविधा बढ़ाने और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन फीडर लाइन तैयार करने के लिए पतरातू से सोननगर के बीच थर्ड रेल लाइन का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण कार्य का ठेका केईसी इंटरनेशनल कंपनी का है।
बताया जा रहा है कि हमलों के पीछ नक्सलियों का मकसद निर्माण कार्य कर रही कंपनी से लेवी (रंगदारी) वसूल करना है। इस महीने के भीतर झारखंड में रेलवे की साइट पर यह दूसरा हमला है। इसके पहले 1 सितंबर को सिमडेगा जिले में कनरवा रेलवे स्टेशन के पास रेलवे की कंस्ट्रक्शन साइट पर प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई ने हमला कर एक पोकलेन मशीन को आग के हवाले कर दिया था।
गत 23 अगस्त को पलामू में भी नक्सलियों ने एक रोड कन्स्ट्रक्शन साइट पर हमला कर आठ गाड़ियों को फूंक डाला था। इसी तरह मई महीने में चतरा के टंडवा थाना क्षेत्र शिवपुर-कठौतिया रेलवे लाइन में भी कन्स्ट्रक्शन साइट पर हमला कर एक पोकलेन मशीन में आग लगा दी गई थी।
पूर्व में रेलवे रेलवे विकास निगम लिमिटेड रांची ने हमलों की लगातार हो रही घटनाओं पर राज्य सरकार के गृह विभाग को हाल में पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। पत्र में ऐसी कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा गया था कि इस वजह से रेलवे की कई परियोजनाएं बाधित हो रही हैं। (आईएएनएस)।