राष्ट्रीय
सेंट एंड्रयूज (स्कॉटलैंड), 25 अगस्त भारत के अनिर्बान लाहिड़ी और वीर अहलावत ने यहां पहली सेंट एंड्रयूज बे गोल्फ चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए पहले दिन छह अंडर 66 के स्कोर के साथ संयुक्त बढत बना ली है ।
लिव सीरिज में दूसरे स्थान पर रहे लाहिड़ी के साथ अहलावत, चिली के मिटो परेरा, स्पेन के डेविड पुइग, दक्षिण अफ्रीका के जाको अहलेर्स , आस्ट्रेलिया के एंड्रयू डॉट शीर्ष पर हैं ।
भारत के विराज मडप्पा संयुक्त सातवें, एसएसपी चौरसिया और गगनजीत भुल्लर संयुक्त 23वें , राहिल गंगजी, राशिद खान और अजितेष संधू संयुक्त 34वें स्थान पर हैं । वहीं एस चिक्कारंगप्पा संयुक्त 52वें स्थान पर हैं ।
खालिन जोशी (संयुक्त 110वें), हनी बैसोया और ज्योति रंधावा (संयुक्त 124वें), कार्तिक शर्मा (संयुक्त 136वें) और करणदीप कोचर (संयुक्त 144वें) को कट में प्रवेश के लिये दूसरे दौर में बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा । (भाषा)
एथेंस, 25 अगस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से यूनान के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत के लिए शुक्रवार को यूरोपीय देश पहुंचे। पिछले 40 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूनान की यह पहली यात्रा है।
मोदी दक्षिण अफ्रीका से यहां यूनान की राजधानी पहुंचे। दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया और विश्व के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं ताकि उनके देशों के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूनान की अपनी पहली यात्रा के लिए ऐतिहासिक शहर एथेंस में पैर रखे। विदेश मंत्री जॉर्ज गेरापेट्रिटिस ने हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।’’
मोदी यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस के निमंत्रण पर यहां आए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी संबंधों को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री मित्सोताकिस के साथ बातचीत करेंगे। उनके राष्ट्रपति कैटरीना सकेलारोपोलू से भी मिलने की उम्मीद है।
पोस्ट के साथ साझा किए गए एक वीडियो में बागची ने कहा, ‘‘एथेंस में प्रधानमंत्री का व्यस्त कार्यक्रम है। वह एक अज्ञात सैनिक के मकबरे पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वह यूनान के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और यूनान के प्रधानमंत्री से बातचीत करेंगे।
वह अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के उद्योगपतियों के साथ-साथ यूनान में भारतीय समुदाय के लोगों से भी बातचीत करेंगे।
बागची ने कहा, ‘‘वह दोनों पक्षों के उद्योगपतियों से भी मुलाकात करेंगे। रवाना होने से पहले वह उन समुदाय के लोगों से बातचीत करेंगे जो चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद उन्हें देखने के लिए उत्साहित हैं। कुल मिलाकर आगे का दिन काफी उपयोगी होने वाला है।’’
यूनान में भारतीय समुदाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत के लिए उत्साहित दिखा।
उन्होंने ‘मोदी जी की जय’ के नारे लगाए और बॉलीवुड के गानों ‘चक दे’ और ‘जय हो’ पर डांस किया।
समुदाय के एक सदस्य ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में यूनान और भारत के संबंध मजबूत होंगे। इसलिए हम प्रधानमंत्री से इसकी उम्मीद कर रहे हैं।’’
मोदी ने कहा था, ‘‘मुझे 40 साल बाद यूनान का दौरा करने वाला पहला भारतीय प्रधानमंत्री होने का सम्मान मिला है।’’
यूनान की आखिरी उच्च-स्तरीय यात्रा सितंबर 1983 में हुई थी जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश की यात्रा की थी।
भारत और यूनान की सभ्यताओं के बीच संबंध रहे हैं, जो हाल के वर्षों में समुद्री परिवहन, रक्षा, व्यापार एवं निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग और लोगों के बीच आपसी संबंधों के माध्यम से मजबूत हुए हैं। (भाषा)
पुणे (महाराष्ट्र), 25 अगस्त राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी में कोई फूट नहीं है और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पार्टी के नेता बने रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ नेताओं ने ‘‘अलग राजनीतिक रुख’’ अपनाकर राकांपा छोड़ दी है, लेकिन इसे पार्टी में फूट नहीं कहा जा सकता।
शरद पवार ने कोल्हापुर रवाना होने से पहले पुणे जिले में अपने गृहनगर बारामती में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह कहा। वह कोल्हापुर में एक रैली को संबोधित करेंगे।
शरद पवार की बेटी और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने एक दिन पहले कहा था कि अजित पवार पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक हैं।
बारामती से लोकसभा सदस्य सुले ने अजित पवार के बारे में कहा था, ‘‘अब, उन्होंने एक ऐसा रुख अपनाया है जो पार्टी के खिलाफ है और हमने विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत दी है और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।’’
‘‘राकांपा में कोई फूट नहीं होने और अजित पवार के पार्टी के नेता होने’’ संबंधी सुले के बयान के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा, ‘‘हां, इसमें कोई संशय नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोई कैसे कह सकता है कि राकांपा में फूट है? इसमें कोई संशय नहीं है कि अजित पवार हमारी पार्टी के नेता हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी राजनीतिक दल में फूट का मतलब क्या है? फूट तब होती है जब किसी पार्टी का एक बड़ा समूह राष्ट्रीय स्तर पर अलग हो जाता है, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ है। कुछ लोगों ने पार्टी छोड़ दी, कुछ ने अलग रुख अपना लिया... लोकतंत्र में निर्णय लेना उनका अधिकार है।’’
अजित पवार और आठ अन्य राकांपा विधायक दो जुलाई को राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में शामिल हो गए थे।
एक प्रश्न का जवाब में शरद पवार ने यह भी कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बेहतर प्रदर्शन करेगी। एमवीए में राकांपा, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस शामिल हैं।
एक सर्वेक्षण में लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) को राजग के खिलाफ अच्छी प्रतिक्रिया मिलने का अनुमान लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, ‘‘मैंने अब तक सर्वेक्षण नहीं देखा है। लेकिन हां, हम कुछ सर्वेक्षण संगठनों के साथ बात कर रहे हैं जिसमें स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि एमवीए आगामी लोकसभा चुनाव में अधिकतम सीटें जीतेगा।”
‘इंडिया’ गठबंधन की तीसरी बैठक 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में होने वाली है।
प्याज निर्यात शुल्क मुद्दे पर वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘सरकार को प्याज निर्यात पर लगाए गए 40 फीसदी शुल्क को कम करना चाहिए। इससे प्याज उत्पादकों को कोई फायदा नहीं होगा। हर कोई जानता है कि प्याज एक कृषि योग्य फसल मानी जाती है, इसलिए सरकार को इस संवेदनशील मामले पर गौर करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने केंद्र में कुछ मंत्रियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। केंद्र सरकार द्वारा चीनी निर्यात को सीमित करने के बारे में भी बातचीत हो रही है।’’ (भाषा)
कौशांबी (उप्र), 25 अगस्त कौशांबी जिले के मंझनपुर थाना क्षेत्र में पड़ोसी युवक द्वारा अपनी निजी तस्वीरें सार्वजनिक करने से आहत 17 वर्षीय किशोरी ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
किशोरी ने बृहस्पतिवार को अपने कमरे में साड़ी के सहारे फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
पुलिस ने बताया कि नाबालिग के परिजनों की शिकायत पर आरोपी युवक समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
परिजनों ने आरोप लगाया कि जब बृहस्पतिवार की दोपहर को परिवार के सदस्य युवक द्वारा आपत्तिजनक तस्वीरें सार्वजनिक करने की शिकायत करने उसके घर गए तो उसने और उसके परिवार के सदस्यों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और जान से मारने की धमकी दी।
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) समर बहादुर सिंह ने बताया कि किशोरी के परिजनों ने इस संबंध में पहले भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा कि आरोपी की पहचान जय सिंह के रूप में हुई है जो किशोरी से छेड़छाड़ भी करता था।
पुलिस ने बताया कि जब किशोरी के परिवार ने जय सिंह के परिवार से इसका विरोध किया तो उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और जान से मारने की धमकी भी दी।
उन्होंने बताया कि परिवार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी युवक और उसके परिवार के सदस्यों सहित छह लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा करना), 354 (सी) (ताक-झांक), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी), 509 (किसी महिला की गरिमा को भंग करने से इरादे से शब्द, इशारे का इस्तेमाल) और यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने किशोरी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आरोपियों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। (भाषा)
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों लद्दाख के दौरे पर हैं.
राहुल गांधी ने शुक्रवार को कारगिल में जनसभा की और अपने अनुभव साझा किए. राहुल गांधी ने इस दौरान बीजेपी और आरएसएस पर हमला बोला.
राहुल ने आरएसएस-बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, ''कुछ महीने पहले कन्याकुमारी से कश्मीर तक हम चले थे. हमारा लक्ष्य था कि बीजेपी-आरएसएस देश में जो नफ़रत और हिंसा फैला रहे हैं, उसके ख़िलाफ़ खड़े होना.''
राहुल गांधी बोले- ''देश में भाईचारा, मोहब्बत फैलाने की कोशिश की. भारत जोड़ो यात्रा का संदेश था- नफ़रत के बाज़ार में हम मोहब्बत की दुकान खोलने निकले हैं. यात्रा श्रीनगर में नहीं रुकनी थी, यात्रा को लद्दाख आना था. उस समय बर्फ, सर्दी थी तो प्रशासन ने मना किया. हमने बात मान ली.''
राहुल ने कहा, ''एक बात एकदम साफ़ है. चीन ने हिंदुस्तान की हज़ारों किलोमीटर ज़मीन हमसे ली. दुख की बात है कि पीएम मोदी ने विपक्ष की बैठक में कहा कि हिंदुस्तान की एक इंच ज़मीन नहीं ली गई. लद्दाख के लोग जानते हैं कि चीन ने भारत की ज़मीन ली है और पीएम मोदी सच नहीं बोल रहे हैं.'
राहुल गांधी ने और क्या कुछ कहा?
लद्दाख यात्रा में लोगों ने बताया कि हम केंद्र शासित प्रदेश भले ही बन गए हों पर सुविधाएं नहीं मिलीं.
रोज़गार लद्दाख के लोगों को नहीं मिला. यहां बेरोज़गारी काफी ज़्यादा है.
लद्दाख के लोगों ने बताया कि जो कम्युनिकेशन का सिस्टम होना चाहिए, वो नहीं है. लोगों ने स्थानीय एयरपोर्ट की बात बताई कि एयरपोर्ट तो है पर हवाई जहाज उतरने नहीं आते.
सब जानते हैं कि यहां बहुत सारे प्राकृतिक संसाधन हैं. यहां सौर ऊर्जा की कोई कमी नहीं है. बीजेपी के लोग ये जानते हैं कि अगर आपको प्रतिनिधित्व दिया तो वो आपसे आपकी ज़मीन नहीं छीन पाएंगे. मामला ज़मीन का है. बीजेपी के लोग आपकी ज़मीन आपसे लेना चाहते हैं. अडानी जी के प्रोजेक्ट लगाना चाहते हैं. हम ये कभी होने नहीं देंगे. (bbc.com)
बेंगलुरु, 25 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद वैज्ञानिकों को बधाई देने के लिए 26 अगस्त को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का दौरा करेंगे।
इस मौके पर भाजपा एक मेगा रोड शो भी करेगी।
पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक आर. अशोक ने कहा कि रोड शो बेंगलुरु में जलाहल्ली सर्कल से इसरो मुख्यालय के बीच आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ''मैं लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से वैज्ञानिकों और पीएम मोदी को बधाई देने के लिए रोड शो में शामिल होने का अनुरोध करता हूं।''
इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसट्रैक) में पीएम मोदी के दौरे की पृष्ठभूमि में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील, भाजपा विधायक एस.आर. विश्वनाथ और एस. मुनिराजू ने केंद्र का दौरा किया और परिसर का निरीक्षण किया।
अशोक ने कहा, “कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए निमंत्रण सभी के लिए खुला है। अगर लोग 26 अगस्त को सुबह 5.45 बजे आ सकते हैं, तो वे पीएम मोदी और इसरो वैज्ञानिकों को देख सकते हैं।”
नलिन कुमार कतील ने कहा कि पीएम मोदी सुबह 5 बजे एचएएल पहुंचेंगे और उनका भव्य स्वागत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों को मुख्य रूप से बेंगलुरु शहरी जिले से आमंत्रित किया गया है।
इस बीच, बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त दयानंद ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्तों, संयुक्त पुलिस आयुक्तों और डीसीपी के साथ सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। एचएएल हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद पीएम मोदी सड़क मार्ग से इसरो पहुंचेंगे और सड़क के हिस्से पर बेंगलुरु में यातायात को डायवर्ट करने का निर्णय लिया गया है।
पुलिस विभाग ने बेंगलुरु शहर में सुबह 4 बजे से 11 बजे के बीच मालवाहक वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है।
चेन्नई, 25 अगस्त । भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि चंद्रमा लैंडर के पेलोड चैस्टे, आईएलएसए और रंभा को चालू कर दिया गया है, ये काम करने लगे हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ट्वीट में कहा, "लैंडर मॉड्यूल पेलोड आईएलएसए, रंभा और चेस्टे आज (गुरुवार) चालू हो गए हैं।"
इसरो ने कहा, “रोवर गतिशीलता संचालन शुरू हो गया है। सभी गतिविधियां निर्धारित समय पर हैं। सभी प्रणालियां सामान्य हैं।”
अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, रविवार को प्रोपल्शन मॉड्यूल पेलोड SHAPE को चालू किया गया।
बुधवार शाम को, भारत का चंद्रमा लैंडर - चंद्रयान -3 मिशन का हिस्सा - चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतरा।
चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रणोदन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है।
लैंडिंग के साथ, 600 करोड़ रुपये के चंद्रयान -3 मिशन का एक बड़ा हिस्सा पूरा हो गया है। शेष भाग चंद्रमा रोवर है जो लैंडर से नीचे लुढ़क रहा है, चारों ओर घूम रहा है और प्रोग्राम किए गए प्रयोग कर रहा है।
इसरो के अनुसार, चंद्रमा रोवर में लैंडिंग स्थल के आसपास मौलिक संरचना प्राप्त करने के लिए अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) है।
अपनी ओर से, लैंडर भी अपने पेलोड के साथ उसे सौंपे गए कार्यों को पूरा करेगा: तापीय चालकता और तापमान को मापने के लिए चंद्रा का सतह थर्मोफिजिकल प्रयोग (ChaSTE); लैंडिंग स्थल के आसपास भूकंपीयता को मापने के लिए चंद्र भूकंपीय गतिविधि उपकरण (आईएलएसए); प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने के लिए रंभा लैंगमुइर जांच (एलपी)। नासा के एक निष्क्रिय लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे को चंद्र लेजर रेंजिंग अध्ययन के लिए समायोजित किया गया है।
इसरो ने कहा कि लैंडर और रोवर का मिशन जीवन 1 चंद्र दिवस या 14 पृथ्वी दिवस है।
इससे पहले इसरो ने एक अन्य ट्वीट में कहा था, "चंद्रयान-3 रोवर: मेड इन इंडिया मेड फॉर मून! सीएच-3 रोवर लैंडर से नीचे उतरा और भारत ने चंद्रमा पर सैर की!"
“गुरुवार को लगभग 12.30 बजे रोवर लैंडर से चंद्रमा की सतह पर लुढ़क गया। यह चारों ओर घूम रहा है. विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन नायर ने आईएएनएस को बताया, "यह चंद्रमा की सतह पर अपनी छाप छोड़ रहा है।"
इसरो का लोगो और राष्ट्रीय प्रतीक रोवर के पहियों पर उकेरा गया है ताकि जब यह घूमता है तो अपनी छाप छोड़ सके।
उन्नीकृष्णन के अनुसार, रोवर के सौर पैनल और लैंडर के सौर पैनल तैनात किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि रोवर चंद्रमा के नमूने एकत्र करेगा और प्रयोग करेगा और डेटा लैंडर को भेजेगा। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 25 अगस्त । सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्याय के बेहतर प्रशासन के लिए गौहाटी उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नानी टैगिया को पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की 23 अगस्त की अपनी पिछली सिफारिश दोहराई है।
न्यायमूर्ति टैगिया ने एससी कॉलेजियम से उन्हें गौहाटी उच्च न्यायालय की किसी भी पीठ में बनाए रखने या त्रिपुरा उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था।
कॉलेजियम ने गुरुवार को शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक प्रस्ताव में कहा, “हमने न्यायमूर्ति नानी टैगिया द्वारा किए गए अनुरोध पर विचार किया है। कॉलेजियम को उनके द्वारा किए गए अनुरोध में कोई दम नजर नहीं आ रहा है। इसलिए, कॉलेजियम अपनी सिफारिश को दोहराने का संकल्प लेता है।”
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने कहा कि इसने शीर्ष अदालत के अन्य न्यायाधीशों से परामर्श किया है जो गौहाटी उच्च न्यायालय के मामलों से परिचित हैं और इस मामले में गौहाटी उच्च न्यायालय और पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों से भी परामर्श किया है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 25 अगस्त । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को टिप्पणी की कि बिलकिस बानो मामले के दोषी, जिनकी सजा माफी के आवेदन पर शीर्ष अदालत के पहले के आदेश के अनुसार गुजरात सरकार ने विचार किया था, वे यह तर्क नहीं दे सकते कि सजा माफी के आदेश पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।
एक दोषी की ओर से पेश वकील को जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा, "आप यह नहीं कह सकते कि (सर्वोच्च न्यायालय के) पहले के आदेश के कारण छूट आदेश पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। वह आदेश (छूट की) प्रक्रिया का प्रारंभिक बिंदु था। वह शुरुआत थी, अंत नहीं। चुनौती अंत को दी गई है।“
पहले के एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को राज्य की 1992 की नीति में छूट के संदर्भ में दो महीने के भीतर समयपूर्व रिहाई के आवेदन पर विचार करने और निर्णय लेने का निर्देश दिया था।
पीठ ने कहा कि उसका पिछला आदेश इस हद तक सीमित था कि गुजरात सरकार दोषियों की सजा माफी की अर्जी पर फैसला करने के लिए उपयुक्त सरकार है और उसके बाद पारित सजा माफी आदेश 'प्रशासनिक आदेश' की श्रेणी में आएगा।
एक दोषी की ओर से पेश वकील ऋषि मल्होत्रा ने दलील दी कि 1992 की गुजरात छूट नीति के लिए सर्वसम्मत निर्णय की जरूरत नहीं थी, बल्कि केवल विभिन्न हितधारकों के विचारों का मिलान जरूरी था।
उन्होंने उचित ठहराया कि छूट आदेश की वैधता को केवल इस आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता कि महाराष्ट्र में सत्र न्यायाधीश द्वारा प्रतिकूल राय दी गई थी।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने दोषियों को "चुनिंदा" छूट नीति का लाभ देने के लिए गुजरात सरकार से सवाल किया था और कहा था कि तब तो सुधार और समाज के साथ फिर से जुड़ने का अवसर प्रत्येक कैदी को दिया जाना चाहिए।
बचाव में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा था कि 11 दोषी सुधार के अवसर के हकदार हैं और सजा माफी की मांग करने वाले उनके आवेदनों पर सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसले के अनुसार विचार किया गया था।
दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई चल रही है, जिसमें बिलकिस बानो द्वारा दायर याचिका भी शामिल है।
मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोगों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था। गुजरात सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत उनकी रिहाई की अनुमति दी थी और तर्क किया था कि दोषियों ने जेल में 15 साल पूरे कर लिए थे। (आईएएनएस)।
पणजी, 25 अगस्त । उत्तर गोवा के असोनोरा में एक रिसॉर्ट में एक महिला से बलात्कार के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
आरोपी की पहचान 47 वर्षीय लक्ष्मण शियार के रूप में हुई है, जो गुजरात का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि उसे गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जिवबा दलवी ने कहा कि 23 अगस्त को पीड़िता की ओर से एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें कहा गया था कि एक फ्लाइट में यात्रा करते समय वह गुजरात के लक्ष्मण शियार नाम के एक व्यक्ति के संपर्क में आई, जो बाद में दोस्ताना हो गया। व्यक्ति ने महिला का मोबाइल नंबर भे ले लिया।
पुलिस ने बताया कि जब महिला टूर पर गोवा में थी, तब आरोपी भी गोवा में था। उसने उसे मोबाइल फोन पर कॉल करना शुरू कर दिया और गोवा दिखाने के बहाने उसे असोनोरा के रिसॉर्ट में चलने के लिए राजी कर लिया।
उसके अकेलेपन का फायदा उठाकर आरोपी उसे अपने रिसॉर्ट के कमरे में ले गया और उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे घटना के बारे में किसी को नहीं बताने की धमकी दी।
कोलवेले पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है। (आईएएनएस)।
हैदराबाद, 25 अगस्त । तेलंगाना के भद्राद्रि कोठागुडेम जिले के कुछ हिस्सों में शुक्रवार तड़के 3.5 तीव्रता का भूकंप आया।
भूकंप के झटके सुबह करीब 4.43 बजे महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई।
भूकंप के झटके महसूस होने के बाद कुछ जगहों पर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। उन्होंने बताया कि उन्होंने कुछ अजीब आवाजें सुनीं। अधिक झटकों के डर से उन्होंने कुछ समय खुले में बिताया।
अधिकारियों ने कहा कि किसी नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, सुबह 4.43 बजे रिक्टर स्केल पर 3.6 तीव्रता का भूकंप आया। इसकी गहराई 30 किमी और स्थान वारंगल से 127 किमी पूर्व में था। इसके केंद्र का अक्षांश 18.04 और देशांतर 80.80 था।
भूकंप के झटके मनुगुरु, शेषगिरी नगर, बापनकुंटा, शिवलिंगपुरम, विट्ठल नगर, राजूपेट, पुजारीनगर, सुंदरय्यानगर, कोठाकोंडापुरम और आदर्श नगर जैसे इलाकों में भी महसूस किए गए।
एक हफ्ते में यह दूसरी बार है जब मनुगुरु मंडल में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। 19 अगस्त को हल्का झटका दर्ज किया गया था।
लोगों का कहना है कि झटके क्षेत्र में कोयला खनन गतिविधि से जुड़े हो सकते हैं। सिंगरेनी कोयला खदानों में ब्लास्टिंग आमतौर पर दोपहर में की जाती हैं। (आईएएनएस)।
इंदौर, 25 अगस्त । मध्य प्रदेश की पुलिस को आतंकी संगठन को हथियारों की सप्लाई करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को दबोचने में सफलता मिली है। ये पांचो आरोपी इंदौर पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 25 अगस्त । शुक्रवार को एथेंस पहुंचते ही नरेंद्र मोदी 40 वर्षों में ग्रीस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधान मंत्री बन गए।
यह मोदी की ग्रीस की पहली यात्रा भी है।
एक्स पर प्रधान मंत्री ने कहा: "एथेंस पहुंचा हूं। भारत-ग्रीस मित्रता को गहरा करने के मकसद से यह एक उपयोगी ग्रीस यात्रा होगी। मैं प्रधानमंत्री कैरियाकोस मितसोताकिस के साथ बातचीत करूंगा। साथ ही भारतीय समुदाय के लोगों के साथ भी बातचीत करूंगा।"
साथ ही एक ट्वीट में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मोदी ने "ग्रीस की अपनी पहली यात्रा के लिए ऐतिहासिक शहर एथेंस में कदम रखा है। हवाई अड्डे पर वित्त मंत्री जॉर्ज गेरापेत्रिटिस ने गर्मजोशी से स्वागत किया"।
प्रधानमंत्री अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान व्यापारिक समुदाय, भारतीय प्रवासियों और प्रमुख हस्तियों के साथ भी बातचीत करेंगे। (आईएएनएस)।
भारत में लिंग और लैंगिक पहचान में परिवर्तन कराने की स्वतंत्रता को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा समर्थन मिला है. अदालत ने सर्जरी की मदद से अपना लिंग बदलने को संवैधानिक अधिकार बताया है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
मामला उत्तर प्रदेश पुलिस के एक कांस्टेबल का है जिन्होंने अदालत से लिंग परिवर्तन की अनुमति दिलाने की अपील की थी. कांस्टेबल को जन्म पर महिला लिंग का घोषित किया गया था लेकिन उन्होंने अदालत को बताया कि वो महसूस एक पुरुष जैसा करते हैं.
यहां तक कि उन्हें महिलाओं के प्रति आकर्षण भी महसूस होता है. उन्होंने अदालत को बताया कि वो जेंडर डिस्फोरिया (लैंगिक असंतोष) महसूस करते हैं और इन कारणों से 'सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस)' करवा कर एक पुरुष के रूप में अपनी पहचान को पूरी तरह से अपना लेनाचाहते हैं.
ताकि समस्या घातक रूप ना ले ले
कांस्टेबल ने 11 मार्च, 2023 को अपने विभाग में एसआरएस कराने के लिए अनुमति का आवेदन दिया था, लेकिन उस पर फैसला नहीं लिया गया. इसके बाद उन्होंने अनुमति के लिए अदालत के दरवाजे खटखटाए.
हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति अजीत कुमार की एक-सदस्यीय पीठ ने कहा, "अगर कोई व्यक्ति जेंडर डिस्फोरिया से पीड़ित है और शारीरिक बनावट को छोड़ कर उसकी भावनाएं और गुण सब विपरीत लिंग के हैं, और ऐसा इस हद तक है कि व्यक्ति अपने शरीर और अपने व्यक्तित्व में सम्पूर्ण मिसअलाइंमेंट महसूस करता/करती है, तो ऐसे व्यक्ति को सर्जिकल हस्तक्षेप के जरिये अपने लिंग को बदलवाने का संवैधानिक अधिकारप्राप्त है."
अदालत ने आगे कहा कि अगर इस अधिकार को ना माना गया तो इससे "लैंगिक पहचान विकार सिंड्रोम" के बने रहे को बढ़ावा मिलेगा. अदालत ने यह भी कहा, "कभी कभी यह समस्या घातक रूप ले सकती है क्योंकि ऐसे व्यक्ति को विकार, एंजायटी, डिप्रेशन, नकारात्मक सेल्फ इमेज और अपनी सेक्सुअल शरीर रचना से नफरत हो सकती है."
कांस्टेबल के वकील ने अदालत में नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसे ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों के मामले में एक ऐतिहासिक फैसला माना जाता है.
आसान नहीं है सर्जरी
वकील ने कहा कि इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने लैंगिक पहचान को एक व्यक्ति के आत्मा-सामान के बेहद आवश्यक बताया था. सभी दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) को आदेश दिया की इस मामले में फैसला रोक के रखने का कोई औचित्य नहीं है.
हालांकि अदालत ने डीजीपी को कांस्टेबल के आवेदन को स्वीकार करने का आदेश नहीं दिया. अदालत ने बस इतना कहा कि इस मामले में जिन पूर्व अदालती फैसलों का हवाला दिया गया है डीजीपी उनके मद्देनजर इस आवेदन पर फैसला लें.
भारत में ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत सरकार को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का इंतजाम करना चाहिए. इसमें एसआरएस, हार्मोनल थेरेपी और सर्जरी के पहले और बाद में काउंसलिंग भी शामिल है.
लेकिन असलियत यह है कि अधिकांश ट्रांसजेंडर इस तरह की सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं. ज्यादातर लोग सरकारी प्रक्रिया के डर की वजह से आवेदन देने की हिम्मत ही नहीं उठा पाते हैं और जो उठाते हैं वो लंबे समय तक इसमें फंसे रह जाते हैं. (dw.com)
भोपाल, 25 अगस्त । मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक दलों में असंतोष और नाराजगी को दबाना बड़ी चुनौती बना हुआ है। भाजपा सत्ता में है और वह अपने नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे रही है।
राज्य शासन द्वारा लगातार विभिन्न बोर्ड और निगमों के पदाधिकारियों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा रहा है। उसी क्रम में मध्यप्रदेश कुश कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह एवं मध्यप्रदेश तेल घानी बोर्ड के अध्यक्ष रविकरण साहू को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है।
इसी प्रकार एक अन्य आदेश में अध्यक्ष राज्य स्तरीय दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम समिति रामपाल सिंह को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
ज्ञात हो कि राज्य में लंबे अरसे से शिवराज मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चाएं चल रही हैं। वर्तमान में चार मंत्रियों के पद रिक्त हैं और इसे भरने के भी प्रयास जारी हैं।
संभावना जताई जा रही है कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होने वाला है। कई विधायक ऐसे हैं जो पूर्व मंत्री रह चुके हैं और उनकी दावेदारी भी बढ़ सकती है। लिहाजा इन दावेदारों को पहले ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा रहा है, ताकि अन्य को समायोजित करने में कोई दिक्कत न आए। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 25 अगस्त । कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में भाजपा को हराने का दावा किया है।
राहुल गांधी के दावे पर पलटवार करते हुए भाजपा ने एक बार फिर से वंशवाद की याद दिलाते हुए गांधी परिवार और कांग्रेस को मजबूर करार दिया है।
भाजपा ने अपने आधिकारिक एक्स (पहले ट्विटर ) अकाउंट पर शेयर किए गए एक पोस्टर में एक तरफ इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तस्वीर लगाकर उन्हें वंशवाद से प्रेरित और मजबूर बताया है तो वहीं इसी पोस्टर के दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाकर उन्हें राष्ट्रवाद से ओतप्रोत और मजबूत बताया है।
भाजपा ने इस पोस्टर के जरिए गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा है कि, "मजबूर बनाम मजबूत। कांग्रेस के लिए वंशवाद प्रथम, जबकि भाजपा के लिए राष्ट्रवाद सर्वोपरि।" (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 25 अगस्त । मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य की स्थिति पर चर्चा की, जहां जातीय हिंसा हुई थीं।
यह बैठक गुरुवार रात को हुई। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को मौजूदा स्थिति से अवगत कराया और संघर्षग्रस्त राज्य से संबंधित कई मुद्दों पर भी चर्चा की।
सूत्रों ने बताया कि सिंह ने शाह को विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों से भी अवगत कराया।
सिंह ने बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा, "राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हो रहा है। मैं यहां गृह मंत्री से सलाह लेने आया हूं।" अधिकारियों ने बताया कि सिंह अपने कुछ कैबिनेट सहयोगियों और पार्टी विधायकों के साथ गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे।
सूत्रों ने यह भी बताया कि शाह जल्द ही राज्य के नागरिक समाज संगठनों के साथ बैठक कर सकते हैं।
मणिपुर में 3 मई को जातीय संघर्ष भड़क उठा और तब से अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है जबकि हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
विपक्षी कांग्रेस मौजूदा स्थिति के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है और बीरेन सिंह को बर्खास्त करने की मांग कर रही है। (आईएएनएस)।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने मुलाकात की. मोदी ने क्षेत्र में शांति और एलएसी का मुद्दा उठाया.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
दक्षिण अफ्रीका में 15वें ब्रिक्स सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति ने मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच क्षेत्र में शांति और एलएसी पर तनाव कम करने जैसे मुद्दे पर बातचीत हुई.
भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर "अनसुलझे" मुद्दों के संबंध में भारत की चिंताओं से अवगत कराया.
क्वात्रा ने इसे द्विपक्षीय बैठक नहीं बताया लेकिन कहा कि बुधवार को हुई बातचीत में मोदी ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है.
एलएसी पर तनाव कम करने के लिए राजी
मोदी और जिनपिंग के बीच लद्दाख में एलएसी पर तेजी से तनाव घटाने को लेकर सहमति बन गई है. दोनों देश सैनिकों की जल्द वापसी के लिए अपने देशों के अधिकारियों को निर्देश देने पर सहमत हुए हैं.
क्वात्रा ने दिल्ली में कहा कि मोदी ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर विवादित मुद्दों को लेकर भारत की चिंता चीन के राष्ट्रपति के सामने रखी. मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर शांति कायम रखना और एलएसी का सम्मान करना, दोनों देशों के बीच संबंधों के सामान्य होने के लिए बेहद जरूरी है.
चीन ने क्या कहा
चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं की मुलाकात मोदी के अनुरोध पर हुई.
नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने बाद में चीनी विदेश मंत्रालय के बयान को ट्वीट किया जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत के संबंध में सुधार उनके साझा हितों को पूरा करते हैं और विश्व और क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए सहायक है.
बयान में आगे कहा गया, "दोनों पक्षों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को ठीक से संभालना चाहिए ताकि संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति की रक्षा की जा सके."
दोनों नेताओं के बीच ऐसे समय में मुलाकात हुई है जब दिल्ली में अगले महीने जी20 शिखर सम्मेलन होना है और उसमें चीनी राष्ट्रपति के भी आने की उम्मीद है. इससे पहले दोनों के बीच बाली में जी20 समिट में मुलाकात हुई थी. बाली में मुलाकात के बाद दक्षिण अफ्रीका में दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी अनौपचारिक बातचीत थी.
तीन साल से तनाव
मई 2020 में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. यह झड़प लद्दाख की गलवान घाटी में हुई थी जहां से चीन के कब्जे वाला तिब्बत पठार बहुत पास है. गलवान घाटी की झड़प में भारत के 20 सैनिक मारे गये थे. इस घटना में चीन के भी कई सैनिक मारे गये लेकिन चीन की सरकार ने उनकी सही संख्या को सार्वजनिक नहीं किया. इस घटना के बाद दोनों देशों ने इलाके में सैनिकों और हथियारों की भारी तैनाती कर दी.
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों पर अब भी गतिरोध बना हुआ है, जबकि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है.
भारत और चीन के बीच 13-14 अगस्त को कोर कमांडर स्तर की 19वें दौर की वार्ता हुई थी. उसके बाद भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता भी हो चुकी है, देपसांग और डेमचोक क्षेत्र में काफी समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए यह सैन्य वार्ता हुई थी. (dw.com)
बीबीसी मॉनिटरिंग रूस के संपादक विटाली शेवचेंको ने बताया है कि जिस प्लेन में येवगेनी प्रिगोज़िन थे उसकी दुर्घटना के बारे में कई अटकलें फैल रही हैं.
उन्होंने बताया, “मुझे कई चश्मदीदों ने वीडियो क्लिप दिखाए हैं, उनका कहना है कि उन्होंने दुर्घटना के समय धमाके की आवाज़ सुनी. उनके मुताबिक़ एयरक्राफ्ट को आसमान से मार गिराया गया.”
“हालांकि ये अटकलें हैं इन्हें लेकर कोई पक्की जानकारी नही है.”
बुधवार को मॉस्को के उत्तर-पश्चिम इलाके में वागनर आर्मी का एक विमान क्रैश हुआ. रूस का कहना है कि विमान में वागनर आर्मी प्रमुख येवगेनी प्रिगोज़िन की मौत हो गई है.
उनके साथ विमान में नौ और लोग सवार थे और रूस की विमानन एजेंसी के मुताबिक़ सभी की मौत हो गई है. सभी शवों को बरामद कर लिया गया है और उनकी पहचान की जा चुकी है.
इस साल जून में प्रिगोज़िन के नेतृत्व में वागनर सेना ने रूस में विद्रोह की असफल कोशिश की थी. (bbc.com)
भारत अपने चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ़्ट लैंडिंग करने में कामयाब हो गया है.
इस ऐतिहासिक मौक़े पर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. नासा से लेकर ऑस्ट्रेलियाई स्पेस एजेंसी और दुनियाभर के नेता भारत और इसरो को शुभकामनाएं दे चुके हैं.
भारती की इस कामयाबी की चर्चा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी ख़ूब हो रही है. पाकिस्तान के लोग अपने मुल्क की सरकार और व्यवस्था को कोस रहे हैं.
भारत की इस उपलब्धि की पाकिस्तान के लोग तारीफ़ भी कर रहे हैं.
कई पाकिस्तानियों का कहना है कि मुल्क बनने के बाद पाकिस्तान अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत से आगे था लेकिन अब वो काफ़ी पिछड़ गया है.
पाकिस्तान के लोगों का मानना है कि भारत उनसे बहुत आगे है. इसके पीछे पाकिस्तान की राजनीतिक उठापटक, बदहाली और लगातार गिरती अर्थव्यवस्था को लोग ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं.
क्या कह रहे हैं पाकिस्तानी?
चंद्रयान मिशन पर सबसे ज़्यादा चर्चा पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फ़वाद चौधरी के ट्वीट की थी. फ़वाद चौधरी इमरान ख़ान की सरकार में सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री थे.
फ़वाद चौधरी ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग को पाकिस्तान में लाइव दिखाने की बात कही. उन्होंने इसे मानव जाति के लिए ऐतिहासिक पल भी बताया.
लेकिन साल 2019 में जब भारत ने चंद्रयान-2 मिशन चांद पर भेजा था, तब फ़वाद चौधरी ने इसका मज़ाक बनाया था. उस समय फ़वाद चौधरी ने कहा था कि भारत को चंद्रयान जैसे फालतू मिशन पर पैसे बर्बाद करने की बजाय देश में ग़रीबी पर ध्यान देना चाहिए.
हालांकि, इस्लामाबाद के आम लोगों की राय इस पर स्पष्ट है. इन लोगों का मानना है कि पाकिस्तान अब काफ़ी पीछे रह गया है.
पाकिस्तान की न्यूज़ वेबसाइट फ्राइडे टाइम्स ने चंद्रयान-3 की कामयाबी से पहले विज्ञान के प्रोफ़ेसर डॉ सलमान हामीद का एक लेख 'चंद्रयान-3 और पाकिस्तान' शीर्षक से छापा है.
इस लेख में सलमान हामीद ने लिखा है कि 1960 के दशक में पाकिस्तान का अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम था लेकिन चीज़ें ख़राब होती गईं और भारत कहाँ से कहाँ चला गया.
सलमान ने लिखा है, ''मुझे याद है कि 2019 में भारत का चंद्रयान-2 नाकाम रहा था तो पाकिस्तान के तत्कालीन विज्ञान मंत्री फ़वाद चौधरी ने मज़ाक उड़ाया था. उन्हें पता होना चाहिए कि विज्ञान में नाकामी अहम हिस्सा है और इसी से कामयाबी की राह खुलती है. पाकिस्तान में मून मिशन को लेकर कोई ज़िक्र तक नहीं होता है.''
एक स्थानीय शख्स ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, "इंडिया हमसे थोड़ा नहीं, बहुत आगे है. पहले इंडिया हमसे पीछे था. बांग्लादेश को आप देख लें. इनके सेटेलाइट हमसे बहुत आगे हैं. हम लोग बहुत पीछे रह गए हैं."
कराची में एक शख्स ने भारत की तारीफ़ करते हुए बीबीसी से कहा, "एक पाकिस्तानी होने के नाते हमें सिखाया गया है कि इंडिया से नफ़रत करनी चाहिए. ये विवादित लग सकता है लेकिन मैं भारत के लिए ख़ुश हूँ. हमारा रहन-सहन, खाना, त्योहार और भाषा एक सी है. लेकिन फिर भी हमें भारत से नफ़रत करना सिखाया गया है. मुझे नहीं पता क्यों, लेकिन मैं भारत के लिए खुश हूं कि उसने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है."
वहीं कुछ लोग पाकिस्तान की बदहाली के लिए वहां की सरकारों की ख़राब नीतियों को वजह बताते हैं.
एक स्थानीय बुज़ुर्ग ने पीटीआई से कहा, "इंडिया की सैटेलाइट चाँद तक तो क्या, मरीख़ (मंगल ग्रह) तक भी पहुँच सकती है. उनकी नीतियां ऐसी हैं कि उनका जो भी हुक्मरां होते हैं वो मुल्क के लिए सोचते हैं जबकि हमारे यहाँ हुक्मरां अपने लिए, अपने परिवार के लिए सोचते हैं."
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने एक लंबे से ट्वीट में लिखा है, "पाकिस्तानियों को ये समझने की ज़रूरत है कि भारत और पाकिस्तान में असल फ़र्क़ क्या है. हम आमतौर पर एक जैसी सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक समस्याओं से जूझते हैं लेकिन जो वाक़ई अलग है वो है लेवल.''
''उदाहरण के लिए इसरो का सालाना बजट 1.5 अरब डॉलर है. ये भारत के कुल बजट में 0.3 फ़ीसदी से भी कम है.सुपरको को दस सालों के लिए एक अरब डॉलर दीजिए और वो भी आपको वहां ले जाएंगे, जहाँ आप जाना चाहें. भले ही उसका प्रमुख कोई जनरल (सैन्य अधिकारी) हो. लेकिन ये भारत की तुलना में बहुत ही छोटी अर्थव्यवस्था और आबादी वाले देश के लिए बड़ी लागत है."
वक़ास ने एक्स पर खुद को पत्रकार बताया है. वो लिखते हैं, "अगर आपका लक्ष्य उससे प्रतियोगिता करने का है, तो आपको अपनी अर्थव्यवस्था 10 गुना बढ़ानी होगी. हर पाकिस्तानी को औसत भारतीय की तुलना में कम से कम 10 गुना अधिक काम करना होगा."
एक पत्रकार ने पाकिस्तान की ख़राब हालत पर तंज़ करते हुए लिखा है, "चांद पर गैस, बिजली, पानी, न्याय, क़ानून व्यवस्था, संविधान, मानवाधिकार वगैराह कुछ भी नहीं है. पाकिस्तान में भी नहीं है. तो फिर ये तुलना किस बात की? हम बराबर हैं. पाकिस्तान का स्कोर 1 और भारत भी 1. खल्लास."
चंद्रयान-3 की लागत 615 करोड़ रुपये बताई गई है. जो दुनिया के दूसरे मून मिशन की तुलना में काफ़ी कम है. अगर हाल ही में रूस के लूना-25 की लागत ही देखी जाए तो ये करीब 1600 करोड़ रुपये थी. हालांकि, ये स्पेसक्राफ़्ट लैंडिंग से पहले ही क्रैश हो गया.
एक पाकिस्तानी यूज़र ने लिखा है, "लाहौर ऑरेंज लाइन ट्रेन का बजट 1.64 अरब डॉलर, भारत के चंद्रयान मिशन का बजट 7.5 करोड़ डॉलर. जो लोग कह रहे हैं कि सिर्फ़ पैसों का गेम है मून मिशन, उनके लिए ये फै़क्ट काफ़ी है."
गंभीर आर्थिक संकट से जूझते पाकिस्तान को बीते महीने ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर मंज़ूरी दी थी. इसके अलावा चीन, सऊदी अरब, यूएई जैसे कई देश भी पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देते रहे हैं.
अब चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद कुछ पाकिस्तानी यूज़र मुल्क की माली हालत को लेकर सरकार पर भी निशाना साध रहे हैं.
पाकिस्तान के अर्थशास्त्री डॉक्टर कैसर बंगाली ने एक्स पर लिखा है, "भारत चांद पर पहुँच गया. और हम अपने कटोरे आगे करने की कला में निपुण हो गए हैं. ये हमारे उन सारे शासकों के लिए काली श्रद्धांजलि है जिन्होंने राष्ट्रीय हितों की क़ीमत पर अपने ख़ज़ाने भरे."
पाकिस्तानियों को है, इस बात का मलाल
भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश और चांद पर सॉफ़्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले रूस, चीन और अमेरिका ने चंद्रमा पर सॉफ़्ट लैंडिंग की है.
विक्रम लैंडर ने दक्षिणी ध्रुव के क़रीब सॉफ़्ट लैंडिंग की है जो भारत के लिए बहुत गर्व की बात है.
'द इकोनॉमिक टाइम्स' के एक लेख में बताया गया है कि कैसे भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही 1960 के दशक में अपने स्पेस प्रोग्राम को शुरू किया था.
लेकिन पाकिस्तान 1962 में अपना रॉकेट लॉन्च कर के भारत से कहीं आगे निकल गया था. पूरे एशिया भर में पाकिस्तान ऐसा करने वाला तीसरा देश था.
पाकिस्तान ने सन् 1961 में अपना अंतरिक्ष एजेंसी स्पेस एंड अपर एटमॉसफ़ेयर रिसर्च कमिशन (SUPARCO) बनाया था. पाकिस्तान के अंतरिक्ष अभियान के जनक कहे जाने वाले नोबल पुरस्कार विजेता अब्दुस सलाम इसके प्रमुख थे.
पाकिस्तान को उस समय अमेरिका से क़रीबी का फ़ायदा भी हो रहा था. उसने अमेरिका के साथ मिलकर ही पहला रॉकेट रहबर-1 भी लॉन्च किया था.
इस लेख के अनुसार चांद पर लैंडिंग से जुड़े अपने अभियानों को शुरू करने के लिए अमेरिका को पाकिस्तान स्टडी के सही जगह लगी. पहले रॉकेट की लॉन्चिंग के बाद शुरुआती दस सालों में सुपरको ने कई रॉकेट लॉन्च किए और अमेरिका-चीन की मदद से अन्य स्पेस प्रोग्राम पर भी काम किया. हालांकि, 1970 के दशक में पाकिस्तान की ये चमक फीकी पड़नी शुरू हो गई थी.
इसी का मलाल चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के बाद पाकिस्तानियों की बात में भी देखने को मिल रहा है.
कराची में रहने वाले एक शख्स ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "पाकिस्तान की हक़ीक़त अलग है. 1947 में दोनों ने साथ शुरू किया था लेकिन अब वो हमसे काफ़ी आगे निकल गए. मुझे लगता है कि हमारी प्राथमिकताएं अलग रहीं. हम हमेशा इस राजनीतिक उठापटक में फंसे रहे. लेकिन दूसरी तरफ विज्ञान, तकनीक हर क्षेत्र में भारत हमसे आगे निकल गया."
"अगर आप बाहर के मुल्कों में भी देखें तो भारत के कई प्रतिभाशाली लोग मिलेंगे. अधिकतर आईटी कंपनियों में वो शीर्ष भूमिका में हैं. अगर पीछे जाकर देखें तो पता लगेगा कि हमने विज्ञान, शिक्षा को कभी प्राथमिकता नहीं बनाया."
एक यूज़र ने एक्स पर लिखा है, "एक समय था जब वाकई पाकिस्तान ने डॉक्टर सलाम की निगरानी में अपने रहबर-1 रॉकेट को लॉन्च कर के चांद पर पहुंचने में अमेरिका को मदद की थी. अब हम इस दौड़ में कहीं नहीं ठहरते. अगर हमने सलाम को इस तरह बेदखल न किया होता. अगर हमने इतिहास की ग़लत तरफ़ खड़े रहना न चुना होता..."
अब्दुस सलाम 1979 में भौतिकी में नोबेल पाने वाले पहले पाकिस्तानी भी बने थे. लेकिन पाकिस्तान ने उनकी धार्मिक पहचान को लेकर हमेशा उन्हें हाशिए पर रखा.
देश के पहले नोबेल विजेता अब्दुस सलाम को अहमदिया होने के कारण भुला दिया गया था. अहमदिया समुदाय को पाकिस्तान में मुसलमान नहीं माना जाता है.
पाकिस्तान ने सितंबर, 1974 में संविधान में संशोधन कर अहमदिया संप्रदाय को ग़ैर मुस्लिम घोषित किया था. (bbc.com)
सहारनपुर (उप्र), 24 अगस्त सहारनपुर जिले में एक ट्रैक्टर—ट्रॉली के अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरने से उस पर सवार नौ लोगों की मौत हो गयी तथा छह अन्य घायल हो गये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजन को चार—चार लाख रुपये की सहायता की घोषणा की है।
अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिमन्यु मांगलिक ने बृहस्पतिवार को बताया कि थाना देहात कोतवाली ओर बेहट कोतवाली सीमा पर स्थित ताजपुरा में रेढीबोदकी गांव के पास बुधवार को भारी वर्षा होने से सड़क पर पानी भर गया था। तभी एक ट्रैक्टर—ट्रॉली सड़क पर बने गड्ढे में जाने से बचने की कोशिश में अनियंत्रित हो गयी और पास में ही बह रही ढमोला नदी में जा गिरी।
उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर—ट्रॉली में सवार सभी 50 लोग नदी में जा गिरे। इस घटना में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। चार लोगों सुलोचना (58), मंगलेश (50), अदिति (पांच), और अंजू (12) के शव बुधवार रात को ही नदी से निकाल लिये गये थे। बाकी पांच अन्य शव आज निकाले गये हैं। उनकी शिनाख्त की जा रही है। नदी में डूबे अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
मांगलिक ने बताया कि गागलहेडी थाना क्षेत्र के बलेली गांव की रहने वाली 50 से ज्यादा महिलाएं, पुरूष और बच्चे जाहरवीर गोगा तीर्थस्थल से ट्रैक्टर—ट्रॉली पर सवार होकर थाना देहात कोतवाली क्षेत्र के रण्डौल गांव जा रहे थे।
उन्होंने बताया कि हादसे की सूचना मिलने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू कराया।
मांगलिक ने बताया कि हादसे में घायल छह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस बीच, राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना में लोगों की मौत पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने जिला प्रशासन को मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता तत्काल देने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। (भाषा)
मेदिनीनगर (झारखंड), 24 अगस्त झारखंड के पलामू जिले में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्यों ने एक निजी सड़क निर्माण कंपनी के दो कर्मचारियों पर हमला किया और कम से कम छह वाहनों को आग लगा दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि यह घटना बुधवार शाम को राजधानी रांची से लगभग 220 किलोमीटर दूर छतरपुर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत हल्दिया घाटी इलाके में हुई।
छतरपुर के उपमंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अजय कुमार ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि करीब 15 नक्सली सड़क निर्माण स्थल पर पहुंचे और कंपनी के दो कर्मचारियों के साथ मारपीट की।
उन्होंने कहा, "माओवादियों ने सड़क निर्माण में लगे ट्रकों सहित छह वाहनों को भी आग लगा दी।"
अधिकारी को संदेह है कि माओवादियों ने 'लेवी' के लिये निर्माण स्थल पर हमला किया।
उन्होंने बताया, "हम मामले की जांच कर रहे हैं और अपराध में शामिल माओवादियों को पकड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है।" (भाषा)
चंडीगढ़, 24 अगस्त प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु और कुछ अन्य लोगों से संबंधित ठिकानों पर बृहस्पतिवार को छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी अधिकारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सुरक्षा दस्ते के साथ मिलकर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत लुधियाना और आसपास के लगभग 10 ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह छापेमारी पूर्व मंत्री के कुछ करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर भी की जा रही है, जिनमें लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष रमन सुब्रमण्यम और पूर्व नगर निगम पार्षद सनी भल्ला शामिल हैं।
ईडी कांग्रेस नेता के खिलाफ खाद्य सामग्री की खरीद एवं परिवहन के ठेके में बिचौलियों के माध्यम से कथित तौर पर रिश्वत लेने, खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और शर्तों में कथित अनियमितताओं के आरोपों की जांच कर रही है।
पंजाब सतर्कता ब्यूरो की प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आशु को पूर्व में गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने उन्हें बाद में जमानत दे दी थी।
ब्यूरो ने लुधियाना में अनाज उठाने के लिए श्रम, ढुलाई और परिवहन संबंधी निविदाओं के आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में आशु के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
आशु पंजाब में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के पूर्व मंत्री और कांग्रेस की पंजाब इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। (भाषा)
तिरुवनंतपुरम, 24 अगस्त भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से प्रसन्न भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों की पगार विकासित देशों के वैज्ञानिकों के वेतन का पांचवां हिस्सा है और शायद यही कारण है कि वे अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए किफायती तरीके तलाश सके।
नायर ने अन्य देशों की तुलना में बेहद कम कीमत वाले साधनों के जरिए अंतरिक्ष में खोज के भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के इतिहास के बारे में ‘पीटीआई-भाषा’’ से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘ इसरो में वैज्ञानिकों, तकनीशियनों और अन्य कर्मियों को जो वेतन भत्ते मिलते हैं वे दुनिया भर में इस वर्ग के लोगों को मिलने वाले वेतन भत्तों का पांचवा हिस्सा है। इसका एक लाभ भी है।’’
उन्होंने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों में कोई भी लखपति नहीं है और वे बेहद सामान्य जीवन जीते हैं।
नायर ने कहा, ‘‘ हकीकत यह है कि वे धन की कोई परवाह भी नहीं करते, उनमें अपने मिशन को लेकर जुनून और प्रतिबद्धता होती है। इस तरह हम ऊंचा मुकाम हासिल करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि इसरो के वैज्ञानिक बेहतरीन योजना बना कर और दीर्घ कालिक दृष्टिकोण के जरिए ये उपलब्धि हासिल कर सके।
इसरो के पूर्व प्रमुख के अनुसार, ‘‘ हम एक-एक कदम से सीखते हैं। जो हमने अतीत में सीखा है, हम अगले मिशन में उसका इस्तेमाल करते हैं। हमने करीब 30 वर्ष पहले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के लिए जो इंजन बनाया था उसी का इस्तेमाल भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान में भी किया जाता है।’’
उन्होंने कहा कि भारत अपने अंतरिक्ष अभियानों के लिए घरेलू तकनीक का उपयोग करता है और इससे उन्हें लागत को काफी कम करने में मदद मिली है। भारत के अंतरिक्ष मिशन की लागत अन्य देशों के अंतरिक्ष अभियानों की तुलना में 50 से 60 प्रतिशत कम है।
नायर ने कहा,‘‘ हमने अच्छी शुरुआत की है और बड़ी उपलब्धि हासिल की है।’’
पूर्व इसरो प्रमुख ने कहा कि देश के पास पहले से ही यूरोप और अमेरिका के साथ कई वाणिज्यिक अनुबंध हैं और अब चंद्रयान-3 की सफलता के साथ ये बढ़ेंगे।
इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 की कुल लागत केवल 615 करोड़ रुपये है जो देश में एक बॉलीवुड फिल्म के निर्माण बजट के लगभग बराबर है।
अंतरिक्ष अभियान में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत का चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा, जिससे देश चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।
भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में यह ऐतिहासिक उपलब्धि ऐसे समय मिली है जब कुछ दिन पहले रूस का अंतरिक्ष यान ‘लूना 25’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के मार्ग में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। (भाषा)
नई दिल्ली, 24 अगस्त । कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने गुरुवार को चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई देते हुए कहा कि 'इसकी उत्कृष्ट क्षमताएं दशकों में विकसित हुई हैं।'
इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ को लिखे अपने बधाई पत्र में सोनिया गांधी ने कहा, "यह आपको बताने के लिए है कि कल (बुधवार) शाम इसरो की शानदार उपलब्धि से मैं कितनी रोमांचित हूँ। यह सभी भारतीयों, विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए बहुत गर्व और उत्साह की बात है।"
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "इसरो की उत्कृष्ट क्षमताएं दशकों में बनी हैं। इसके पास उल्लेखनीय नेतृत्व और सामूहिक प्रयास की भावना ने इसे हमेशा प्रेरित किया है।"
उन्होंने कहा कि 60 के दशक की शुरुआत से आत्मनिर्भरता पर "टिके रहने" का इसकी बड़ी सफलताओं में योगदान है।
उन्होंने कहा, "मैं पूरी इसरो बिरादरी को शुभकामनाएं देती हूं और इस महत्वपूर्ण अवसर पर इसके प्रत्येक सदस्य को हार्दिक बधाई देती हूं।"
उनकी टिप्पणी तब आई जब भारत के चंद्रमा लैंडर ने योजना के अनुसार बुधवार शाम को सफलतापूर्वक चंद्रमा की धरती पर अपने चार पैर आसानी से और सुरक्षित रूप से स्थापित कर दिए। यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया।
चालीस दिन से अधिक समय में लगभग 3.84 लाख किमी की यात्रा करने के बाद लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा।
लैंडिंग के साथ, 600 करोड़ रुपये के चंद्रयान -3 मिशन का एक बड़ा हिस्सा पूरा हो गया है। (आईएएनएस)।