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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों और उनके परिजनों की समस्याओं के निराकरण के लिए अलग से सेल का गठन किया गया है। सेल के प्रभारी एआईजी मनीष शर्मा बनाए गए हैं। सेल पांच कर्मचारियों की पदस्थापना की गई है।
पिछली सरकार में पुलिस कर्मचारियों के परिवार के लोग आंदोलित रहे हैं। जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। विभाग में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों और मृत कर्मियों के परिजनों की विभागीय समस्याओं के निराकरण के लिए डीजीपी डीएम अवस्थी ने अलग से सेल का गठन किया है।
बताया गया कि एआईजी मनीष शर्मा को सेल का प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा एसआई आरके तिवारी, पोरस शुक्ला, दुर्गेश चंद्राकर, दीपक देवांगन और नितिन दीक्षित की पदस्थापना की गई है। ये सभी एआईजी श्री शर्मा के मातहत काम करेंगे। सेल द्वारा पुलिस बल के अधिकारियों-कर्मचारियों के अलावा रिटायर्ड कर्मियों के प्रस्तुत आवेदन पर कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली, 16 जुलाई। माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर ढेरों बड़े सिलेब्रिटीज के अकाउंट हैक होने का मामला सामने आया है। ना सिर्फ ढेरों सिलेब्स के अकाउंट हैक हुए बल्कि स्कैमर्स ने हैक किए गए अकाउंट्स की मदद से सोशल मीडिया यूजर्स से क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन भी उन्हें भेजने को कहा। हैक किए गए अकाउंट्स एक के बाद एक बढ़ते गए और ऐपल, एलन मस्क, जेफ बेजोस के बाद जॉन बिडेन, बराक ओबामा, उबर, माइक्रोसॉफ्ट को-फाउंडर बिल गेट्स और कई बिटकॉइन स्पेशलिटी फम्र्स के अकाउंट हैक हो गए।
माइक्रोब्लॉगिंग सर्विस ने एक ट्वीट कर कहा, हमें ट्विटर अकाउंट्स के साथ हुए एक सिक्यॉरिटी इंसीडेंट के बारे में पता चला है। ट्विटर ने कहा कि हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और इसे फिक्स करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सभी को जल्द ही अपडेट देते रहेंगे। बताया कि ट्विटर ने हैक किए गए अकाउंट्स फौरन लॉक कर दिए और हैकर्स की ओर से किए गए फर्जी ट्वीट्स को भी फौरन डिलीट कर दिया गया।
ट्विटर सपॉर्ट टीम ने एक ट्वीट में कहा कि हो सकता है कि इस हैकिंग इवेंट का अड्रेस पता लगने तक आप अपने अकाउंट का पासवर्ड रिसेट ना कर सकें या फिर ट्वीट ना कर पाएं। अकाउंट्स हैक किए जाने के बाद स्कैमर्स की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि अगले आधे घंटे में अगर कोई यूजर 1000 डॉलर बिटकॉइन में भेजते हैं, तो उन्हें दोगुनी कीमत की क्रिप्टोकरंसी भेजी जाएगी। जेमिनी क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज को फाउंडर ने कहा, यह एक स्कैम है, इसमें हिस्सा ना लें।
क्रिप्टोकरंसीज में होने वाले ट्रांसफर को मॉनीटर करने वाली साइट ने बताया कि करीब 12.58 बिटकॉइन स्कैमर्स की ओर से बताए गए ईमेल अड्रेसेज पर भेजे गए और इनकी वैल्यू 116,000 डॉलर ( करीब 87.2 लाख रुपये) होती है। लगभग हर ट्वीट में स्कैमर्स ने लिखा कि अकाउंट होल्डर अपने फॉलोअर्स को बिटकॉइन दे रहे हैं और इसके लिए उन्हें बताए गए अड्रैस पर बिटकॉइन भेजने होंगे। कई ट्वीट्स में यूजर्स को दिए गए लिंक पर क्लिक करने को भी कहा गया। (navbharattimes.indiatimes.com)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। आखिरकार सरकार के निगम-मंडलों में कांग्रेस नेताओं की नियुक्ति शुरू हो गई है। इस कड़ी में 32 नेताओं को पद बांटे गए हैं, जिनमें से चार विधायक भी हैं। इसमें पूर्व मंत्री देवेन्द्र बहादुर सिंह को वन विकास निगम, शैलेष नितिन त्रिवेदी पाठ्य पुस्तक निगम, कुलदीप जुनेजा हाऊसिंग बोर्ड और राजेन्द्र तिवारी को खादी ग्रामोद्योग बोर्ड और गिरीश देवांगन को खनिज निगम का चेयरमैन बनाया गया है। वरिष्ठ नेता सुभाष धुप्पड़ को आरडीए की जिम्मेदारी की गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद निगम-मंडलों में पार्टी नेताओं की नियुक्ति के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। सूची में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और अन्य नेताओं की सिफारिशों को महत्व दिया गया है।
निगम-मंडलों में चार विधायकों को भी जगह मिली है। पूर्व मंत्री देवेन्द्र बहादुर सिंह, कुलदीप जुनेजा के साथ-साथ चौथी बार के विधायक अरूण वोरा को भी निगम चेयरमैन बनाया गया है। अरूण वोरा को राज्य वेयर हाऊसिंग कॉर्पोरेशन का चेयरमैनशिप दिया गया है। नारायणपुर के विधायक चंदन कश्यप को छत्तीसगढ़ राज्य हस्तशिल्प विकास बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है।
मुख्यमंत्री के करीबी गिरीश देवांगन को छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम, रामगोपाल अग्रवाल को राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम का चेयरमैन बनाया गया है। जबकि संचार विभाग के चेयरमैन शैलेष नितिन त्रिवेदी को छत्तीसगढ़ राज्य पाठ्य पुस्तक निगम की जिम्मेदारी दी गई है। उनके लिए सभी नेता सहमत थे। इसी तरह विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के करीबी सुभाष धुप्पड़ को रायपुर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
इसी प्रकार श्रीमती करूणा शुक्ला को समाज कल्याण बोर्ड, श्रीमती किरणमयी नायक को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग, राजेन्द्र तिवारी को छत्तीसगढ़ राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, बलौदाबाजार के किसान नेता सुरेन्द्र शर्मा को राज्य कृषक कल्याण परिषद का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। जबकि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की पसंद पर बालकृष्ण पाठक को छत्तीसगढ़ राज्य वनौषधि पादप बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
इसी तरह सिंहदेव के एक अन्य करीबी शफी अहमद को छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। गुरप्रीत बामरा को राज्य खाद्य आयोग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि विधानसभा टिकट से वंचित महंत राम सुन्दर दास को राज्य गौ-सेवा आयोग, बैजनाथ चंद्राकर को राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के करीबी थानेश्वर साहू को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष और पूर्व मंत्री धनेश पाटिला को छत्तीसगढ़ अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम, एमआर निषाद को मछुआ कल्याण बोर्ड और जगदलपुर के नेता मिथिलेश स्वर्णकार को छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
सुश्री राजकुमारी दीवान को राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का उपाध्यक्ष, अजय अग्रवाल को राज्य बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति का उपाध्यक्ष, सुश्री नीता लोधी अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम का उपाध्यक्ष, छविन्द्र कर्मा को छत्तीसगढ़ राज्य वनौषधि पादप बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
इसी प्रकार महेश शर्मा और सतीश अग्रवाल को छत्तीसगढ़ राज्य भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल का सदस्य, नितिन सिन्हा को छत्तीसगढ़ राज्य पाठ्य पुस्तक निगम का सदस्य, श्रीमती पद्मा मनहर को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य, महेश चंद्रवंशी को छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य, नितिन पोटाई को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का सदस्य और श्रीमती कल्पना सिंह को छत्तीसगढ़ राज्य समाज कल्याण बोर्ड का सदस्य बनाया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 जुलाई। राज्य सरकार के नवनियुक्त संसदीय सचिव इंद्रशाह मंडावी का गुरुवार को राजनांदगांव आगमन पर उनका जोशीला स्वागत किया गया। कोरोना काल की वजह से श्री मंडावी मुंह में मास्क और सिर में साफा पहनकर पहुंचे। हालांकि कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का जमकर माखौल उड़ाया।
संसदीय सचिव नियुक्त होने के बाद उनका यहां पहला दौरा था। शहर पहुंचने पर उनका पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोशीला स्वागत किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में नारे लगाए। स्थानीय चौक-चौराहों में कार्यकर्ताओं ने मंडावी को फूल-मालाओं से लाद दिया। बाद में वह कांग्रेस भवन में कार्यक्र्ताओं से भेंट करने के लिए पहुंचे। इससे पहले इमाम चौक में पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर श्री मंडावी को बधाई दी। स्वागत करने वालों में ज्यादातर पूर्व जिलाध्यक्ष नवाज खान के समर्थक नजर आए।
स्वागत करने वाले प्रमुख नेताओं में महापौर हेमा देशमुख, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य हफीज खान, पूर्व जिलाध्यक्ष नवाज खान, राजगामी संपदा अध्यक्ष विवेक वासनिक, पूर्व पार्षद अशोक फडनवीस, आसिफ अली, शहर महिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रोशनी सिन्हा, पार्षद राजा तिवारी, मनीष गौतम, सूर्यकांत जैन, विकास गजभिये, विपिन गोस्वामी समेत अन्य कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। आरडीए के नवनियुक्त चेयरमैन सुभाष धुप्पड़ ने कहा कि रायपुर को प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से झुग्गी मुक्त करने का प्रयास किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के करीबी सुभाष धुप्पड़ को आरडीए की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आरडीए की माली हालत काफी खराब है और दिवालिया होने के कगार पर है। इस पर नवनियुक्त चेयरमैन श्री धुप्पड़ ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि सबसे मार्गदर्शन लेकर आरडीए की स्थिति बेहतर करने की कोशिश रहेगी। और समस्याओं को निपटाएंगे।
उन्होंने कहा कि रायपुर की जनता की सेवा करना पहला कर्तव्य है। आरडीए में लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। रायपुर के सर्वांगीण विकास की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आरडीए के माध्यम से रायपुर में एक भी झुग्गी न रहे, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष रायपुर उत्तर विधायक कुलदीप जुनेजा ने कहा है कि प्रदेश में हाउसिंग बोर्ड की छोटी-बड़ी कई कॉलोनियां हैं और यहां की आम समस्याओं को दूर करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। खासकर नाली-सडक़ों के साथ सीवर लाइनों की सफाई तेजी के साथ करायी जाएगी, ताकि इन कॉलोनियों में किसी भी तरह से कोई बीमारी का डर ना रहे।
श्री जुनेजा ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा- मैं एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुझे यहां तक पहुंचाया है। इसके लिए उन्हें बार-बार धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाउसिंग बोर्ड की कई छोटी-बड़ी कॉलोनियां हैं और यहां नाली, सडक़, बिजली, साफ-सफाई से लेकर कई समस्याएं भी हैं। वे, इन्हीं सभी समस्याओं को प्राथमिकता के साथ दूर करने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा कॉलोनियों की बाकी सभी समस्याओं को भी दूर करने की दिशा में काम करेंगे।
एक सवाल के जवाब में नवनियुक्त अध्यक्ष श्री जुनेजा ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड में छोटे से लेकर बड़े वर्ग तक के लोगों के लिए नए-नए प्रोजेक्ट लाए जाएंगे और उनका यह प्रयास होगा कि सभी वर्ग की खरीदी के लायक हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनियों में मकान हो। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे वे बेहतर ढंग से निभाते हुए जनहित में काम करने का पूरा प्रयास करेंगे। कामकाज संभालने के बाद अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा कराते हुए अफसरों से और नई योजनाओं पर चर्चा होगी।
बीचबचाव करती मां घायल, आरोपी फरार
छत्तीसगढ़ संवाददाता
कसडोल/बलौदाबाजार, 16 जुलाई। सिमगा थाना क्षेत्र के केसदा में घर में 4 नकाबपोशों ने घुसकर 25 वर्षीय युवक पर रॉड-डंडे से ताबड़तोड़ वार कर दिया। जिससे युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। बीचबचाव कर रही मां की भी पिटाई की, जिससे वह भी घायल हो गई। कल युवक ने मेकाहारा में दम तोड़ दिया। आरोपी फरार हैं। घटना 14 जुलाई की रात की है।
सिमगा थाना प्रभारी रामशरण सिंह ने बताया कि 14 जुलाई की रात को रितेश कुमार वर्मा अपनी माता, भाई बहनों के साथ बिलाड़ी स्थित फार्म हाउस वाले घर में था। रात करीब 10.30 बजे 4 नकाबपोश सीधे घर में घुसे और सिर पर लाठी से वार किया, जिससे वह जमीन पर खून से लथपथ गिर गया। इस बीच मां शकुन बाई वर्मा पुत्र को बचाने आई, जिसे भी घायल कर फरार हो गए। घटना की सूचना पुलिस थाना सिमगा की दी गई तथा गम्भीर रितेश और घायल मां को सिमगा शासकीय अस्पताल ले जाया गया। रितेश की गम्भीर हालत को देखते हुए प्रारम्भिक उपचार के तुरंत बाद रायपुर अम्बेडकर अस्पताल भेज दिया गया। जहां बुधवार को मौत हो गई पुलिस ने हत्या का मामला 302 कायम कर नकाबपोशों की तलाश में जुट गई है। मृतक की मां के हाथ में चोटें आई है, जिसका इलाज चल रहा है।
रमन सिंह से हस्तक्षेप करने आग्रह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 जुलाई। राजनांदगांव भाजपा संगठन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पिछले दिनों पार्टी दफ्तर में गाली-गलौज और झूमाझटकी की घटना के बाद जिला संगठन के कोर कमेटी के सदस्यों की चाय-पार्टी के बहाने लंबी बैठक हुई। करीब दो घंटे चली बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता संगठन की साख को धक्का लगने से आहत हैं। साथ ही इस पर कोई कार्रवाई नहीं होने से खफा भी हैं। बैठक में एक सुर में सभी ने घटना की जवाबदेही तय करने पर जोर दिया है।
पिछले दिनों जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव और महिला नेत्री पारूल जैन के बीच कथित मारपीट के अलावा खैरागढ़ में मंडल अध्यक्ष कमलेश कोठले की चिटफंड मामले में गिरफ्तारी व नांदगांव निगम के एक पूर्व नेता द्वारा भाजपा के गु्रप में अश्लील वीडियो जैसे गंभीर विषयों पर आला नेताओं ने चर्चा की। सभी घटनाक्रम से दिग्गज नेता क्षुब्ध है। नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद से राजनांदगांव भाजपा में खींचतान और गुटीय राजनीति चरम पर है। हाल के दिनों में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर वरिष्ठ नेताओं ने 13 जुलाई की शाम ‘एक जगह’ इकत्रित होकर नांदगांव संगठन को लेकर मंत्रणा की।
बताया जाता है कि पूर्व सांसद अशोक शर्मा, खूबचंद पारख, लीलाराम भोजवानी, सुरेश एच. लाल, सांसद संतोष पांडे, पूर्व जिलाध्यक्ष भरत वर्मा और दलित नेता पवन मेश्राम ने बैठक में नांदगांव जिले के सियासी हालत को लेकर गहन चर्चा की। बताया जाता है कि संगठन की छवि धूमिल होने से सभी को गहरा धक्का लगा है। बैठक की यह अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सभी नेता सालों बाद एक मेज पर सामने-सामने आए है। सांसद पांडे तय कार्यक्रमों को निरस्त कर बैठक में शरीक होने पहुंचे।
दिग्गज इस बात पर हैरान है कि प्रदेश नेतृत्व नांदगांव की सियासी उठापटक पर लगाम कसने के लिए पहल नहीं कर रहा है। नतीजतन जिले में पार्टी का विवादों से पीछा नही छूट रहा है। बैठक में जुटे नेताओं में सांसद संतोष पांडे और पवन मेश्राम को छोडक़र शेष जिलाध्यक्ष रह चुके है। बताया जाता है कि पूर्व में भी एक मसले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सामने संगठन के कई नेताओं और पूर्व विधायको ने विरोध जताया था। पार्टी कार्यालय में हुए विवाद को नांदगांव के नेताओं की बात को अनसुना करने का प्रतिफल माना जा रहा है। राजनीतिक रूप से भाजपा की प्रभावी छवि को पिछले दिनों हुए कुछ घटनाक्रमों से गहरा नुकसान हुआ है। पार्टी में दबे स्वर पर कार्यकर्ताओं के जुबां पर ऐसे घटनाओं पर लगाम नही कसने पर भी सवालिया निशान लगाए जा रहे है।
बताया जाता है कि सभी नेता एकमत पर सहमत हुए है कि ऐसी घटनाओं की पुनर्रावृति को रोकने के लिए ठोस फैसला लिया जाना चाहिए। खबर है कि बैठक में लिए गए निर्णय से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को अवगत कराया गया है। पूर्व सीएम ने भी बैठक पर हुई चर्चाओं को गंभीर माना है। कहा जा रहा है कि नांदगांव के दिग्गज नेताओं के साथ पूर्व सीएम जल्द ही एक अहम बैठक कर सकते है। बताया जाता है कि भाजपा नेताओं ने ऐसे मामलों पर पार्टी द्वारा कार्रवाई करने का आपसी निर्णय लिया है। दिग्गजों को राय है कि केंद्र और राज्य नेतृत्व के समक्ष घटनाक्रमों को रखने पर भी विचार हुआ है।
बैठक के संबंध में पूर्व सांसद अशोक शर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि पार्टी की मौजूदा हालत को लेकर चर्चा हुई है। सभी रजामंद है कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम करना जरूरी है। तमाम घटनाक्रम बेहद ही गंभीर है। इसलिए सभी ने एकमत होकर केंद्र और राज्य के शीर्ष नेताओं के समक्ष जानकारी देने का विचार किया है। बताया जाता है कि दिग्गजों ने हालिया के घटनाक्रमों पर कड़ा रूख अख्तियार किया है। पूर्व सीएम डॉ. सिंह के साथ जल्द होने वाली बैठक में नांदगांव संगठन को लेकर फैसला हो सकता है।
By एशियाविल डेस्क
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जाने से पहले सभी नाविकों का कोरोना टेस्ट किया गया था और सब के सब निगेटिव आए थे. साथ ही उन्हें उशवाया शहर के एक होटल में 14 दिनों तक क्वारंटीन भी किया गया था.
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अब तक यही कहा जाता रहा है कि यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर ही फैलता है. जबकि कुछ स्टडी में संक्रमितों द्वारा इस्तेमाल में ली गई चीजों को छूने से भी संक्रमित होने की बात सामने आई. लेकिन अब कोरोना वायरस के कई मामलों को सुलझाने में वैज्ञानिकों के भी पसीने छूट रहे हैं. एक नया रहस्यमय मामला अर्जेंटीना से सामने आया है जहां 35 दिनों से समुद्र में रह रहे 57 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जबकि समुद्र में जाने से पहले सभी लोगों की जांच की गई थी और सभी निगेटिव आए थे.
डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी लोग एक कंपनी के लिए काम करने वाले मछुआरे हैं. कुछ दिन पहले जब कुछ मछुआरों में लक्षण मिलने लगे तो जहाज को वापस बुलाया गया. अब अर्जेंटीना के स्वास्थ्य अधिकारी इस रहस्यमय मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.
अर्जेंटीना के Tierra del Fuego के स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, जहाज पर रहने वाले 61 लोगों में से 57 पॉजिटिव निकले हैं. दो लोग निगेटिव आए हैं और दो के रिजल्ट आने बाकी हैं. संक्रमित मिले नाविकों में से दो ही हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया है. वहीं बाकी के नाविकों को अभ जहाज पर ही आइसोलेशन में रखा गया है.
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जाने से पहले सभी नाविकों का कोरोना टेस्ट किया गया था और सब के सब निगेटिव आए थे. साथ ही उन्हें उशवाया शहर के एक होटल में 14 दिनों तक क्वारंटीन भी किया गया था.
अर्जेंटीना की स्वास्थ्य अधिकारी अलेजैंद्रा अल्फारो ने कहा कि यह पता लगाना काफी मुश्किल भरा है कि ये लोग कैसे संक्रमित हुए जबकि 35 दिनों ये लोग किसी के संपर्क में नहीं आए. वहीं एक टीम ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मछुआरों में लक्षण आने का क्रम क्या था ताकि संक्रमण के स्रोत का पता लगाया जा सके.
उशवाया रीजनल हॉस्पिटल में संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख लिंड्रो बल्लटोर ने कहा कि यह ऐसा मामला है जिस पर अभी तक कोई अध्ययन नहीं किया गया है. इसके अलावा विशेषज्ञों ने भी इस संबंध में कोई चेतावनी या सलाह जारी नहीं की है.
अर्जेंटीना में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 1 लाख 6 हज़ार 910 मामले सामने आ चुके हैं और अबतक 1968 लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत, अमेरिका, ब्राजील और रूस में कुल मिलाकर इस समय 72 लाख से अधिक केस हैं. यह दुनिया के कुल केस का 53% से ज्यादा है. सबसे ज्यादा 35.80 लाख केस अमेरिका में हैं. ब्राजील में बुधवार देर रात तक 19.40 लाख केस हो चुके थे. भारत 9.68 लाख और रूस 7.46 लाख केस के साथ क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर हैं. पेरू 3.33 लाख केस के साथ पांचवें नंबर पर है. दुनिया में अब तक 1.36 करोड़ केस आ चुके हैं
जिले को 4 लालबत्ती
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 जुलाई। डेढ़ दशक तक प्रदेश की राजनीति का केंद्र रहा राजनांदगांव जिले का सियासी रूतबा कांग्रेस सरकार ने बरकरार रखा है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की वजह से जिले की गिनती वीआईपी श्रेणी में होती थी। वही भाजपा सरकार में आधा दर्जन ‘लालबत्ती’ भी सडक़ों में दौड़ती थी। राज्य की कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल ने तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए एकमुश्त चार लालबत्ती की सौगात देकर नांदगांव का मान बतौर वीआईपी जिला रखा है।
सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोहला-मानपुर विधायक इंद्रशाह मंडावी को संसदीय सचिव, डोंगरगांव और डोंगरगढ़ विधायक को क्रमश: पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति प्राधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त कर राजनीतिक रूप से उपकृत किया है। वही डोंगरगढ़ के पूर्व विधायक धनेश पटिला को अंत्यावसायी वित्त विकास निगम में अध्यक्ष मनोनीत किया है। बताया जाता है कि सभी को मंत्री का दर्जा रहेगा। मंत्री स्तर के होने की वजह से सभी का प्रोटोकॉल भी रहेगा।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री बघेल ने पूर्व मंत्री धनेश पटिला को कांग्रेस के प्रति निष्ठा रखने की वजह से यह नियुक्ति की है। जबकि दलेश्वर साहू क्षेत्रीय एंव जातीय समीकरण की वजह से संसदीय सचिव बनने से चूक गए। सरकार ने उन्हें प्राधिकरण में नियुक्त कर पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश की है। इसी तरह डोंगरगढ़ विधायक भुनेश्वर बघेल को भी जातीय आधार पर अजा विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष मनोनीत किया है।
बताया जाता है कि जिले मे हुई सभी नियुक्तियों का आधार विशुद्ध रूप से क्षेत्रीयता और जातिगत कारणों से की गई है। राज्य सरकार की पहली और दूसरी सूची में मिले प्रतिनिधित्व से यह साफ हो गया कि नांदगांव की सियासी साख अब भी बेहतर है।
सत्ता-संगठन में पटिला परिवार का तरजीह
प्रदेश में हुई राजनीतिक नियुक्तियों में पूर्व मंत्री धनेश पटिला इकलौते चेहरे है जिन्हें सत्ता से जुडऩे का मौका दिया गया है। वही उनके पुत्र थानेश्वर पटिला प्रदेश संगठन में बतौर महासचिव कार्य कर रहे है। पटिला परिवार के दो सदस्यों की नियुक्ति से यह साफ हो गया कि प्रदेश की सियासत में उनका महत्व बढ़ा है। बताया जाता है कि पटिला अविभाजित मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में मंत्री रहे है। माना जा रहा है पटिला और उनके पुत्र को मिली जिम्मेदारी से डोंगरगढ़ की राजनीति में नए समीकरण बनेंगे। पटिला पिछली हार को भूलकर अब भी कांग्रेस के हर कार्यक्रम में बढ़-चढक़र हिस्स लेने में पीछे नहीं है।
एसपी ने किया आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित
ये वीडियो मप्र के अलीराजपुर का है।घटना दो दिन पहले की है।
इस वीडियो में एक पुलिसकर्मी अपने दो साथियों के साथ एक युवक की बेरहमी से बेल्ट से पिटाई करता दिख रहा है।
पीड़ित का कहना है कि वह उमराली से अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अपनी ससुराल बोडेली जा रहा था।
वहां उसका किडनी का इलाज चल रहा है।
छकतला बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मी ने उसे रोका। किसी बात पर दोनों में बहस हुई और पुलिसकर्मी ने उसे बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। किसी राहगीर ने घटना का वीडियो बना लिया।
घायल युवक अपने परिवार वालों के साथ एसपी ऑफिस पहुंच कर गुहार लगाई।
वीडियो देखने के बाद एसपी विपुल श्रीवास्तव ने आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। एम्स रायपुर को अमरीकी मदद से 10 पोर्टेबल वेंटिलेटर मिले हैं। यूएस-एड नामक संस्था ने ये वेंटिलेटर भेजे हैं जो कि पोर्टेबल होने की वजह से मरीज को एक जगह से दूसरी जगह लाते-ले जाते इस्तेमाल किए जा सकते हैं। उनको एम्बुलेंस में भी चलाया जा सकता है। इनसे मरीजों के इलाज में और उनकी प्राणरक्षा में मदद मिलेगी। इन वेंटिलेटर में कई तरह की सेटिंग और खूबियां हैं। इनके बारे में सुनें एम्स रायपुर के डायरेक्टर, डॉ. नितिन एम. नागरकर को-
मौतें-20, एक्टिव-1212, डिस्चार्ज-3324
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। प्रदेश में कोरोना मरीज साढ़े 45 सौ पार कर चुके हैं। बीती रात प्रदेश में एक साथ मिले 154 नए पॉजिटिव को मिलाकर इनकी संख्या 45 सौ 56 हो गई है। इसमें 20 लोगों की मौत हो चुकी है। 12 सौ 12 एक्टिव हैं, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज जारी है। 33 सौ 24 ठीक होने पर डिस्चार्ज होकर अपने घर चले गए हैं। सैंपलों की जांच जारी है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी के साथ फैलता जा रहा है और नए-नए मरीज सामने आते जा रहे हैं। इसमें कोरोना मरीजों के प्रायमरी कांटेक्ट में आने वाले लोग भी शामिल हैं। उनके संपर्क में आने वाले और लोगों की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा सडक़ों, भीड़ वाली जगहों और बाजारों में रेंडम जांच भी किए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक बीती रात रायपुर जिले में एक साथ 77 नए मरीजों की पहचान की गई। नारायणपुर से 19, बिलासपुर से 11, सरगुजा से 10, जांजगीर-चांपा, कोंडागांव व दंतेवाड़ा से 6-6, दुर्ग व कांकेर से 3-3, नांदगांव, बेमेतरा, धमतरी, गरियाबंद से 2-2 एवं बालोद, बलौदाबाजार, कोरबा, कोरिया व सुकमा से 1-1 मरीज मिले हैं। इन सभी मरीजों को आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है।
स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि प्रदेश में डॉक्टर-नर्स, पुलिस, छात्र के बाद अब कोरोना मरीजों के प्रायमरी कांटेक्ट में आने वाले संक्रमित पाए जा रहे हैं। इसमें परिजन, आसपास के लोग और उनके संपर्क में आने वाले शामिल हैं। दूसरी तरफ अस्पतालों में भर्ती मरीज ठीक होकर अपने घर भी लौट रहे हैं। बीती रात 49 कोरोना मरीज ठीक होने पर डिस्चार्ज किए गए। उनका कहना है कि प्रदेश में जिस तरह से कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं, उसके हिसाब से जांच का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। दो लाख से अधिक लोगों की जांच पूरी कर ली गई है। बाकी और सैंपलों की जांच चल रही है। माना जा रहा है कि जांच में और लोग भी संक्रमित मिल सकते हैं।
कर्नाटक में कोरोना के मामले 47 हजार को पार कर गए जबकि 900 से ज्यादा मौतें दर्ज की गई है।
देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच कर्नाटक में अब हालात बेकाबू होते दिख रहे है। बुधवार को राज्य में रिकॉर्ड मामले दर्ज किए गए। कर्नाटक, गुजरात को पीछे छोड़ देश का चौथा सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्य बन गया है। वहीं मौतों के आंकड़ों में महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। ऐसे में कर्नाटक सरकार की चिंता भी बढ़ गई है।
शायद इसीलिए कर्नाकट के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब केवल भगवान ही हमें बचा सकते है। वहीं एक सवाल का जवाब देते हुए श्रीरामुलु ने कहा, प्रसार को रोकना किसी के हाथ में नहीं था।
कर्नाटक में पिछले 4 दिनों से हर रोज रिकॉर्ड कोरोना मामले दर्ज हो रहे है।
बुधवार को राज्य कोरोना से कैसे निपट रहा है इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामुलु ने कहा, अब भगवान ही हमें बचा सकते है और हमें खुद भी सावधानियां बरतनी होगी। उन्होंने आगे कहा, ये वायरस किसी को नहीं छोड़ता, ये अमीर-गरीब में फर्क करता है ना हि किसी एक समुदाय या किसी एक क्षेत्र को देखता है। 100 प्रतिशत आने वाले दिनों में ये संक्रमण और बढ़ेगा।
श्रीरामुलु यहीं नहीं रूके, उन्होंने आगे कहा, आप इसे सरकार की उदासीनता समझिए या लापरवाही या फिर मंत्रियों के बीच समन्वय की कमी को दोष दे। लेकिन इस पर काबू पाना किसी के हाथ में नहीं।
हालांकि देर शाम ही वो अपने बयान से पलट गए और कहा कि वो भगवान का आर्शीवाद लेना चाहते थे। श्रीरामुलु ने कहा कि वो हताशा से नहीं भरे है बल्कि कर्नाटक सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध है।
2-3 दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री ने आशंका जताई थी कि यहां अगले 15-30 दिनों में संक्रमितों की संख्या दो गुनी हो सकती है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, कर्नाटक में अगले 15 से 30 दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दोगुना हो सकते हैं और आने वाले दो महीने इस महामारी से निपटने को लेकर सरकार के लिए बड़ी चुनौती होंगे। वहीं संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का हवाला देते हुए श्रीरामुलु ने कहा था कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
कर्नाटक में बुधवार को कोरोना के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए गए। बुधवार को राज्य में रिकॉर्ड 3176 केस मिले। जिसके बाद राज्य में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 47 हज़ार 253 पर पहुंच गई है। कर्नाटक में कोरोना से 928 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की सूची में कर्नाटक चौथे स्थान पर पहुंच गया है। (asiavillenews)
‘छत्तीसगढ़’ न्यूज डेस्क
मुम्बई में फैशन और मॉडलिंग की दुनिया में लड़कियों का किस तरह शोषण होता है इसके कुछ मामले एक सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने अभी ट्विटर पर उठाए हैं। वहां होने वाली एक मिस्टर एंड मिस एशिया ग्लैमर 20-20 के आयोजकों में से एक, सनी वर्मा के बताए जा रहे कुछ ऑडियो कॉल और कुछ चैट स्क्रीनशॉट सामने रखकर योगिता ने राष्ट्रीय महिला आयोग से कार्रवाई की अपील की है। योगिता खुद लगातार बलात्कार और महिलाओं पर हिंसा के खिलाफ सामाजिक काम करती हैं, और उन्होंने यह सवाल भी उठाया है कि इस कार्यक्रम के प्रमोशन में सोनू सूद जैसे लोग भी जुड़े हुए हैं जिन्हें अपने को इससे अलग करना चाहिए। उन्होंने जो वीडियो बनाकर पोस्ट किया है, उसकी किसी बात को इस अखबार ने परखा नहीं है, उनके ट्विटर अकाऊंट से लेकर इसे यहां पोस्ट कर रहे हैं।
Huge shoutout to u @yogitabhayana for doing this. Appalled looking at WA chats. Also, it's just really sad that Bollywood celebs do absolutely no basic background check about events they promote. @SonuSood plz clear urself on this. Hope this man is behind bars & event shut https://t.co/4XcL5wX1jn
— Deepika Narayan Bhardwaj (@DeepikaBhardwaj) July 15, 2020
सीएम ने कलेक्टर, एसपी हटाए
भोपाल/गुना, 16जुलाई (भाषा) । मध्य प्रदेश के गुना में दलित दंपति को निर्दयता से पीटे जाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार रात को गुना के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।
मध्य प्रदेश जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम पी खाडे ने बताया, च्गुना की घटना को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री ने गुना के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।ज् उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
खाडे ने बताया, च्मुख्यमंत्री ने गुना मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं और कहा है कि जो भी इस घटना में दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गुना शहर के जगनपुर क्षेत्र में एक सरकारी मॉडल कॉलेज के निर्माण के लिये निर्धारित सरकारी जमीन के अतिक्रमण से जबरन निकाले गये एक दलित दंपति ने मंगलवार को इस मुहिम के विरोध में कीटनाशक पी लिया।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि अतिक्रमणकारी दंपति और उनके परिवार के लोगों द्वारा अतिक्रमण हटाने की मुहिम का विरोध करने पर पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिये मजबूर होना पड़ा। कीटनाशक पी लेने के बाद पुलिस द्वारा दंपति को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां फिलहाल उनकी हालत में सुधार है।
कांग्रेस ने इस मुहिम की आलोचना करते हुए घटना के लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले, जिलाधिकारी एस विश्वनाथन ने कहा था, च्शहर की सीमा में सरकारी मॉडल कॉलेज के लिये एक जमीन आरक्षित थी। इस जमीन पर राजकुमार अहिरवार (36) और उसकी पत्नी सावित्री (34) खेत पर काम कर रहे थे। इन्हें वहां एक अतिक्रमणकर्ता गब्बू पारदी द्वारा बटाई पर काम दिया गया था।
उन्होंने बताया कि जब अधिकारियों ने इन्हें जमीन खाली करने के लिये कहा तो इन्होंने विरोध किया और गब्बू के इशारे पर दंपति ने कीटनाशक पी लिया और उपचार के लिये अस्पताल जाने से भी इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे दंपति की जान जा सकती थी।
उन्होंने कहा कि दंपति जगह छोडऩे के लिये तैयार नहीं थे और स्थिति गंभीर हो रही थी तो पुलिस ने उन्हें व अन्य लोगों को वहां से हटाने के लिये बल प्रयोग किया। इसके बाद दंपति को उपचार के लिये अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनकी हालत अब स्थिर है।
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक कथित वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पुलिस लाठी से एक आदमी को कथित तौर पर पीट रही है और उसकी पत्नी और अन्य लोग उसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें महिला भी अपने पति के ऊपर लेट जाती है और महिला पुलिसकर्मी उसे मौके से हटाते हुए नजर आ रही हैं।
पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट में कहा, च्ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है? ये कैसा जंगल राज है? गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया।
उन्होंने कहा, च्यदि पीडि़त युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे कानूनी ढंग से हल किया जा सकता है लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की, परिजनों की और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है?
उन्होंने कहा, च्क्या यह सब इसलिए कि वो एक दलित परिवार से हैं, गरीब किसान हैं? क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों और रसूखदारों द्वारा कब्जा की गई हजारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिये भी शिवराज सरकार दिखायेगी? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो, अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।ज्
-रवीश कुमार
गुना के कलेक्टर और एस एस पी को डिसमिस कर देना चाहिए। ये बीमारी ऐसे ठीक नहीं होगी। सदियों से घुसी हुई है और आज़ादी के बाद भी बढ़ती जा रही है। ये अफ़सर कुर्सी पर जाकर करते क्या हैं? क्यों नहीं तंत्र को सत्ता के ग़ुरूर से मुक्त करते हैं, वहाँ पहुँच कर भी इसकी सेवा उठाने लगते हैं। इसलिए इन दोनों अफ़सरों को नौकरी से निकालने की माँग करनी चाहिए। कोई तबादला नहीं कोई निलंबन नहीं। सीधे बर्खास्त करना चाहिए दोनों को। वैसे भी लोगों को फ़र्ज़ी केस में फँसाने के अलावा इनका कोई काम तो होता नहीं। तबादला धोखा है। इन्हें बर्खास्त करना चाहिए। इन अफ़सरों को शर्म भी नहीं आती होगी। न आएगी।
गुना का यह वीडियो और अपने मृत पिता को गोद में लेकर चीखते बच्चों से आपकी आत्मा नहीं परेशान होती है तो आप इस लोकतंत्र के मरे हुए नागरिक हैं। आप एक लाश है। वैसे मुर्दा कहने और कहलाने से भी आपको फर्क नहीं पड़ता।
दलित राम कुमार अहिरवार और सावित्री देवी ने तीन लाख का लोन लेकर एक खेत में फसल उगाई। जब फसल बोई गई और उगाई गई तब क्या किसी ने नहीं देखा? इनके साथ किसी ने सरकारी ज़मीन बताकर धोखा किया तो कार्रवाई उस पर होनी थी या इन गरीब पर?
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खड़ी फसल पर जे सी बी मशीन चलाई गई। राम कुमार ने रोका तो नहीं माने। कीटनाशक ज़हर पी ली। बचाने के लिए राम के भाई आगे आए तो पुलिस लाठियाँ मारने लगी। राम कुमार मर गए। उनके बच्चे अपने पिता को गोद में लेकर बिलख रहे हैं।
आप कैसा सिस्टम चाहते हैं? ऐसा कि किसी को फँसा दो, किसी के साथ ये इंसाफ़ करो ? क्या भारत इस तरह का विश्व गुरु बनेगा? और ये विश्व गुरु होता क्या है? एक थाना इस देश में बेहतर तरीक़े से नहीं चलता है। शर्म आनी चाहिए कि आप ख़ुद को जनता कहते हैं। शर्म आनी चाहिए। शर्म आनी चाहिए।
एक ही माँग होनी चाहिए। कलेक्टर और एस एस पी को नौकरी से निकालो। नहीं तो आप ख़ुद को जनता कहलाना छोड़ दें।
तेजी से उठ रही कर्ज चुकाने में राहत की मांग
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडेनॉम ने 13 जुलाई को मीडिया को दिए गए अपने संबोधन में कहा है "इस वायरस का एक ही मकसद है और वह है लोगों को संक्रमित करना। मेरा कहना शायद अच्छा न लगे लेकिन कई देश गलत दिशा में मुड़ चुके हैं।" उन्होंने यह बात लगातार फैल रहे कोविड-19 के संदर्भ में कही। टेड्रोस ने कहा कि सरकारें इसके नियंत्रण को लेकर उचित प्रयास नहीं कर रही हैं। 12 जुलाई, 2020 को दुनिया भर में 230,000 नए कोरोना संक्रमण के मामले एक ही दिन में सामने आए। यह मार्च में महामारी के ऐलान के बाद से एक ही दिन में सर्वाधिक संक्रमण का आंकड़ा यानी रिकॉर्ड रहा है।
लेकिन उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा "मैं जानता हूं कि अन्य स्वास्थ्य, आर्थिक और सांस्कृतिक चुनौतियों को भी संतुलित करने की जरूरत है।" इसी के समानांतर दुनिया का आर्थिक अंत शुरु हो गया है, खासतौर से विकसित देश कर्ज के पहाड़ तले दबे हैं और समय से कर्ज की वापसी कर सकने में असक्षम हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जो कभी नहीं देखी गई। कोविड-19 की महामारी से पहले भी उनके ऊपर काफी बड़ा कर्ज था जिसकी वापसी होनी थी। इस महामारी ने एक आपात स्थिति खड़ी कर दी है जो सभी उपलब्ध संसाधनों का डायवर्जन जारी है। अब विकसित देशों के सामने सिर्फ दो विकल्प बचे हैं कि ऋण सेवा को जारी रखा जाए, जिसका आशय होगा कि स्वास्थ्य के आपातकाल में नाजायज तरीके से खर्च होना या ऋण को चुकाया ही न जाए। दोनों विकल्प ठीक नहीं प्रतीत होते हैं। लेकिन बाद में इस बात की बड़ी संभावना है कि ऋण सेवा का अस्थायी तौर पर निलंबन कर दिया जाए। आसान शब्दों में कहें तो ऋण के भुगतान में थोड़े समय के लिए राहत दे दी जाए।
इस बाद वाली स्थिति यानी विकल्प के लिए काफी कोलाहल है, जिसे प्रायः "वैश्विक ऋण सौदा" (ग्लोबल डेब्ट डील) कहा जा रहा। ऋण सेवा निलंबन यानी कर्ज भुगतान की अवधि में राहत की मांग विश्व बैंक और आईएमएफ जैसे बहुपक्षीय विकास वित्तपोषण निकायों से शुरू होकर संयुक्त राष्ट्र और दोनों विकसित और विकासशील देशों के प्लेटफार्मों तक तेजी से उठ रही है।
विकासशील और गरीब देशों की आबादी कुल वैश्विकआबादी में 70 फीसदी हैं और वैश्विक जीडीपी में इनकी हिस्सेदारी करीब 33 फीसदी है। महामारी के कारण पहली बार वैश्विक गरीबी अपने पांव पसार रही है। विश्व खाद्य कार्यक्रम का कहना है कि यह महामारी भूख से पीड़ित लोगों की संख्या में करीब दोगुनी वृद्धि (26.5 करोड़) कर सकती है। इसके अलावा ओईसीडी का नीतिगत पेपर कहता है कि इस वैश्विक आर्थिक संकट के चलते 2019 के स्तर की तुलना में 2020 में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में बाहरी निजी वित्तपोषण 700 अरब यूएस डॉलर तक सिकुड़ सकता है। यह 2008 की वैश्विक वित्तीय मंदी से करीब 60 फीसदी ज्यादा हो सकता है। ओईसीडी का कहना है, "इस तरह की बिगड़ती स्थिति कई झटके दे सकती है जो कि जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक सार्वजनिक खराबियों के लिए भविष्य की और महामारियों को और बढ़ा सकती है"।
यूएनसीटीएडी और आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि विकासशील देशों को अपनी आबादी को आर्थिक सहायता और सुविधा के मामले में महामारी और इसके दुष्प्रभावों से निपटने के लिए तुरंत 2.5 खरब (ट्रिलियन) अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है। यूएनसीटीएडी ने विकासशील देशों के लिए इस राहत पैकेज की मांग की। पहले ही, 100 देशों ने आईएमएफ से तत्काल वित्तीय मदद मांगी है। अफ्रीकी वित्त मंत्रियों ने हाल ही में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज की अपील की। इसमें से 40 प्रतिशत से अधिक अफ्रीकी देशों के लिए ऋण राहत के रूप में था। उन्होंने अगले साल के लिए भी ब्याज भुगतान पर रोक लगाने की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव मुखिसा कित्युई ने कहा कि विकासशील देशों पर कर्ज का भुगतान बढ़ रहा है, क्योंकि उन्हें कोविड-19 के साथ काफी आर्थिक झटके लगें हैं ऐसे में इस बढ़ते वित्तीय दबाव को दूर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तुरंत और कदम उठाने चाहिए।
यूएनसीटीएडी के एक अनुमान के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष और 2021 में, विकासशील देशों को 2.6 खरब यूएस डॉलर से 3.4 खरब यूएस डॉलर के बीच सार्वजनिक बाह्य ऋण चुकाना है। वहीं, कोविड -19 महामारी से प्रेरित वित्तीय संकट ऐसे समय में सामने आया जब दुनिया पहले से ही भारी कर्ज में डूबी हुई थी। 2018 में, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में सार्वजनिक ऋण ने अपने सकल घरेलू उत्पाद का 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी की थी। वहीं, 2016 के उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, कम आय वाले देशों ने अपने ऋण का 55 प्रतिशत तक गैर-रियायती स्रोतों से लिया था जिसका अर्थ है विश्व बैंक जैसे विशेष ऋण के विपरीत बाजार दरों पर लिया गया ऋण है।
हाल ही के महीनों में कई ऋण निलंबन यानी ऋण चुकाने की अवधि में राहत की गई है। 13 अप्रैल को आईएमएफ ने अक्टूबर, 2020 तक 25 सबसे गरीब विकासशील देशों द्वारा ऋण चुकौती को निलंबित कर दिया। 15 अप्रैल को, जी-20 देशों ने मई से इस वर्ष के अंत तक सबसे गरीब देशों में से 73 के लिए समान निलंबन की घोषणा की।
लेकिन इस तरह की राहतें भले ही तात्कालिक रूप से मदद कर सकती हों, लेकिन फिर भी यह विकासशील देशों को महामारी से लड़ने के लिए बिलों को लेने में मदद नहीं करेगी, और इस तरह उन्हें शिक्षा और अन्य टीका कार्यक्रमों जैसे अन्य सामाजिक क्षेत्र के खर्चों से वित्तीय संसाधनों को हटाने के लिए मजबूर करेगी। यूएनसीटीएडी के वैश्वीकरण प्रभाग के निदेशक रिचर्ड कोज़ुल-राइट के निदेशक ने कहा, "हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता की बात सही दिशा में है," लेकिन विकासशील देशों के लिए अब तक बहुत कम समर्थन प्राप्त हुआ है क्योंकि वे महामारी के और इसके आर्थिक नतीजों के तात्कालिक प्रभावों से निपटते हैं।
यूएनसीटीएडी ने भविष्य में संप्रभु ऋण पुनर्गठन को निर्देशित करने के लिए एक अधिक स्थायी अंतरराष्ट्रीय ढांचे के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय विकासशील देश ऋण प्राधिकरण (आईडीसीडीए) की स्थापना का सुझाव दिया है। यह "वैश्विक ऋण सौदे" का एक हिस्सा है जो अब कईयों द्वारा समर्थित है।
यूएन ने सुझाव दिया है कि "सभी विकासशील देशों के लिए सभी ऋण सेवा (द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और वाणिज्यिक) पर पूर्ण दृष्टिकोण होना चाहिए"। अत्यधिक ऋणी विकासशील देशों के लिए, यूएन ने अतिरिक्त ऋण राहत का सुझाव दिया है ताकि वे चुकौती पर डिफ़ॉल्ट न हों और एसडीजी के तहत कवर की गई अन्य विकास आवश्यकताओं को निधि देने के लिए भी संसाधन हों। वहीं, उच्च ऋण भार के बिना विकासशील देशों के लिए, महामारी से लड़ने के लिए आपातकालीन उपायों को वित्त देने के लिए नए ताजे ऋण की मांग भी की गई है।(downtoearth)
किस जिले , किस जाति से कौन -कौन
रायपुर। आखिरकार निगम-मंडलों में कांग्रेस नेताओं की नियुक्ति शुरू हो गई है। इस कड़ी में पूर्व मंत्री देवेन्द्र बहादुर सिंह को वन विकास निगम, शैलेश नितिन त्रिवेदी को पाठ्य-पुस्तक निगम और सुभाष धुप्पड़ को आरडीए का चेयरमैन बनाया गया है। जबकि गिरीश देवांगन को खनिज निगम का चेयरमैन बनाया गया है
सूची इस प्रकार हैं-
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी
कोरोना वायरस महामारी के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रहीं एयर लाइंस कंपनियां खर्च कम करने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रही हैं. एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों की संख्या कम करने की योजना बनाई है. इसके तहत कर्मचारियों को बिना वेतन के लंबी छुट्टी पर भेजा जा सकता है. यह छुट्टी छह महीने से लेकर पांच साल तक हो सकती है.
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक एयर इंडिया की इस योजना को हाल में हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 102वीं बैठक में मंजूरी दी गई है. बैठक में कंपनी के चेयरमैन राजीव बंसल को यह अधिकार दिया गया है कि वह कुछ कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से बिना वेतन के छह महीने से लेकर पांच साल तक की छुट्टी पर भेज सकते हैं. हालांकि, कर्मचारियों की दक्षता, क्षमता, प्रदर्शन की गुणवत्ता और उनके स्वास्थ्य आदि के आधार पर ही उन्हें छुट्टी भेजने का फैसला लिया जा सकता है. खबर के मुताबिक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी मिलने के बाद एयर इंडिया के हेडक्वार्टर और रीजनल हेड को कहा गया है कि वे इस योजना के तहत कर्मचारियों के नाम मुख्यालय को भेजें.
कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देशभर में लंबे समय तक लॉकडाउन लागू रहा. इस दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी प्रतिबंध रहा. हालांकि, सरकार ने बीती 25 मई से घरेलू यात्री उड़ानें शुरू कर दीं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर अभी भी प्रतिबंध जारी है. यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध के चलते विमानन क्षेत्र की कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. अब ये सभी कंपनियां आर्थिक संकट से उभरने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रही हैं.(satyagrah)
नई दिल्ली, 16 जुलाई। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी को अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि या तो संगठन के आदेश का पालन कीजिए या इस्तीफा दे दीजिए.
उन्होंने हाल में भारतीय सेना द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम समेत 87 एप्लीकेशन और सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल सशस्त्र बल के कर्मियों के लिए प्रतिबंधित किए जाने को चुनौती दी है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, लेफ्टिनेंट कर्नल पीके चौधरी, जो वर्तमान में जम्मू कश्मीर में तैनात हैं. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि वे एक सक्रिय फेसबुक यूजर हैं और इसका इस्तेमाल विदेशों में रह रहे अपने परिजनों, खासकर अपनी बेटी से संपर्क में रहने के लिए करते हैं.
याचिका में उन्होंने रक्षा मंत्रालय के जरिये केंद्र सरकार को छह जून की नीति को वापस लेने का निर्देश देने का आग्रह किया है. साथ में यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि मनमाने तरीके से कार्यकारी कार्रवाई के जरिये सशस्त्र बलों के कर्मियों के मौलिक अधिकार खत्म नहीं हों या संशोधित न हों.
याचिका में दावा किया गया है कि यह कार्यकारी कार्रवाई कानून व सेना अधिनियम के प्रावधानों और इसके तहत बनाए गए नियमों के अनुरूप नहीं हैं और असंवैधानिक हैं.
ज्ञात हो कि छह जून की नीति के मुताबिक भारतीय सेना के सभी कर्मियों को आदेश दिया गया है कि वे फेसबुक, इंस्टाग्राम और 87 अन्य ऐप पर अपने एकाउंट बंद करें.
याचिका में दावा किया गया है कि नीति के प्रावधान याचिकाकर्ता की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता का अधिकार समेत संविधान के तहत दिए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.
याचिका में चौधरी ने अदालत से आग्रह किया था कि उन्हें उनका फेसबुक एकाउंट रखने के लिए अंतरिम राहत दी जाए.
जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और जस्टिस आशा मेनन की पीठ ने कहा कि याचिका पर विचार करने का जब एक भी कारण नहीं मिला है ‘तो अंतरिम राहत देने का सवाल ही नहीं उठता है.’
पीठ ने कहा, ‘खासकर तब जब मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.’ लेफ्टिनेंट कर्नल चौधरी ने कहा कि जब वह एकाउंट बंद कर देंगे तो उनके फेसबुक एकाउंट में सभी डेटा, संपर्क और दोस्तों से संपर्क टूट जाएगा जिसे फिर ‘बहाल करना मुश्किल’ होगा.
उच्च न्यायालय ने कहा कि उनके पास विकल्प है और उनसे फेसबुक एकाउंट बंद करने के लिए कहा क्योंकि सैन्यकर्मियों के लिए सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल प्रतिबंधित करने का निर्णय देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है.
पीठ ने कहा, ‘नहीं, नहीं. माफ कीजिएगा. आप कृपया इसे बंद कीजिए. आप कभी भी नया एकाउंट बना सकते हैं. ऐसे नहीं चलता है. आप एक संगठन का हिस्सा हैं. आपको इसके आदेशों को मानना होगा.’
अदालत ने यह भी कहा, ‘अगर आपको फेसबुक ज्यादा पसंद है तो इस्तीफा दे दीजिए. देखिए आपके पास विकल्प है, आप चाहे जो करें. आपके पास दूसरे विकल्प भी हैं, जिन्हें बाद में बदला नहीं जा सकता है.’
पीठ ने उनसे कहा कि वह बाद में नया सोशल मीडिया एकाउंट बना सकते हैं.
अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वे इस नीति के दस्तावेज पीठ को सीलबंद लिफाफे में जमा करवाएं और इस फैसले को लेने की वजहें भी बताएं. मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी.(thewire)
इस महीने दुनिया में रोज 2 लाख नए केस
भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9 लाख 70 हजार 179 हो गई है. 24 घंटे में संक्रमण के अब तक के सबसे ज्यादा 32,607 नए मरीज मिले हैं. मंगलवार को 29 हजार 917 मरीज और सोमवार को 28 हजार 178 केस सामने आए थे. एक दिन में 615 मरीजों की जान भी गई है. वहीं, मुंबई में बुधवार को 1390 केस मिले और 62 लोगों की मौत हुई. शहर में संक्रमितों की संख्या 96,253 हो गई है और 67,830 डिस्चार्ज हो चुके हैं. यहां 22,959 एक्टिव केस हैं. अब तक 5464 लोगों की मौत हो चुकी है.
देश में 24 घंटों में कोरोना से 20,646 लोग रिकवर हुए हैं. रिकवर मामलों की कुल संख्या अब 6 लाख 13 हजार 669 हो गई है. रिकवरी रेट अब 63.24% हो गई है.
भारत, अमेरिका, ब्राजील और रूस में कुल मिलाकर इस समय 72 लाख से अधिक केस हैं. यह दुनिया के कुल केस का 53% से ज्यादा है. सबसे ज्यादा 35.80 लाख केस अमेरिका में हैं. ब्राजील में बुधवार देर रात तक 19.40 लाख केस हो चुके थे. भारत 9.68 लाख और रूस 7.46 लाख केस के साथ क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर हैं. पेरू 3.33 लाख केस के साथ पांचवें नंबर पर है. दुनिया में अब तक 1.36 करोड़ केस आ चुके हैं
कोरोना वायरस की रफ्तार जुलाई में और तेज हो गई है. इस महीने दुनिया में रोज तकरीबन 2 लाख नए केस आ रहे हैं. अमेरिका में पिछले 24 घंटे में 67 हजार केस आए हैं. वर्ल्डोमीटर के मुताबिक भारत में पिछले 24 घंटे में 30 हजार केस आए. यह भारत में एक दिन में आए सबसे अधिक केस हैं. अधिक केस आने के मामले में अमेरिका के बाद ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे नंबर पर है. रूस में जुलाई के महीने में केस कुछ घटे हैं. हालांकि, वह सबसे अधिक केस के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर बना हुआ है.
नई दिल्ली, 16 जुलाई। अरबपति कारोबारी एलन मस्क, जेफ़ बेज़ोस और बिल गेट्स समेत दुनिया के कई बड़े कारोबारियों और नेताओं के ट्विटर अकाउंट हैक कर लिए गए हैं.
ये है किंग बिटकॉइन स्कैम है. हैक किए गए अकाउंटों पर किए गए पोस्ट में बिटकॉइन में दान मांगा गया है.
बिल गेट्स के अकाउंट से किए गए ट्वीट में कहा गया, "हर कोई मुझसे समाज को वापस लौटाने के लिए कहता रहा है, अब वो समय आ गया है. आप मुझे एक हज़ार डॉलर भेजिए मैं आपको दो हज़ार डॉलर वापस भेजूंगा."
टेस्ला और स्पेस एक्स के प्रमुख एलन मस्क के अकाउंट से पोस्ट किए गए ट्वीट में भी कहा गया कि अगले एक घंटे तक बिटकॉइन में भेजे गए पैसों को दोगुना करके वापस लौटाया जाएगा.
बिटकॉइन के पते के लिंक के साथ ट्वीट में लिखा गया, "मैं कोविड महामारी की वजह से दान कर रहा हूं."
पोस्ट किए जाने के चंद मिनट के भीतर ही ये ट्वीट डिलीट हो गए.
अमरीका के मशहूर रैपर कानये वेस्ट, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन के अलावा दुनिया की बड़ी कंपनियों में शामिल उबर और एपल के अकाउंट भी हैक किए गए.
कुछ ही देर में हैकरों को सैकड़ों लोगों ने एक लाख डॉलर से अधिक भेज दिए. जिन अकाउंट को निशाना बनाया गया उन सबके दसियों लाख फॉलोअर्स हैं.
ट्विटर ने कहा है कि वो इस घटना की जांच कर रहा है और जल्द ही बयान जारी किया जाएगा.
एक और ट्वीट में ट्विटर ने कहा है कि जब तक इस घटना की जांच की जा रही है, पासवर्ड रीसेट नहीं किए जा सकेंगे और ट्वीट भी नहीं किए जा सकेंगे.
कई यूज़र्स ने लिखा है कि वो ट्विटर पर ट्वीट नहीं कर पा रहे हैं.
आम आदमी पार्टी से जुड़े सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अंकित लाल ने फ़ेसबुक पर लिखा, "हैकिंग के बाद ट्विटर डाउन है. कई बार पोस्ट करने की कोशिश की लेकिन ट्विटर काम नहीं कर रहा है."
एथिकल हैकर रिज़वान शेख़ का कहना है, "ऐसा लगता है कि हैकर को ट्विटर के रूट का ऐक्सेस मिल गया है. इसका मतलब है कि वो किसी भी अकाउंट से कुछ भी ट्वीट कर सकता है और पैसे बना सकता है. ऐसे में वेरिफ़ाइड अकाउंट से किए गए ट्वीट पर भी यकीन न करें."
एफ़बीआई के सेन फ्रांसिस्को फ़ील्ड ऑफ़िस ने एक बयान जारी कर कहा है कि "ऐसा लग रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड के लिए अकाउंट को हैक किया गया है. हम लोगों को आगाह करते हैं कि इस तरह के किसी मैसेज के झांसे में न पड़ें और क्रिप्टोकरेंसी या पैसे किसी को न भेजें."(bbc)
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 15 जुलाई। हाईकोर्ट ने आज पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी के जाति मामले में जाति छानबीन समिति की रिपोर्ट को शासन द्वारा वापस लेने के खिलाफ लगाई गई नंदकुमार साय व संतकुमार नेताम की याचिका को खारिज कर दिया है।
जोगी के खिलाफ एक उच्च-स्तरीय छानबीन समिति ने हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में 22 अप्रैल और 22 जून 2013 को एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया था। जोगी ने तब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि छानबीन समिति ने उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया था। इसके बाद इस रिपोर्ट में खामियों का हवाला देते हुए तत्कालीन राज्य सरकार ने यह रिपोर्ट वापस ले ली थी।
राज्य सरकार के इस निर्णय को धोखा करार देते हुए संतकुमार नेताम और नंदकुमार साय की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी और मांग की गई थी उस रिपोर्ट को मान्य किया जाये। याचिकाकर्ताओं ने इस सम्बन्ध में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 11 अक्टूबर 2019 को लिखे गये पत्र को भी आधार बनाया था, जिसमें रिपोर्ट वापस लेने की प्रक्रिया को गलत बताया गया था।
इस मामले की सुनवाई आज जस्टिस आरसीएस सामंत की अदालत में हुई। कोर्ट ने कहा कि शासन के बदल जाने से पूर्व के आदेशों, निर्णयों को समाप्त नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सरकार को पूर्ववर्ती सरकार के आदेशों का सम्मान करना चाहिये।
एक प्रेस नोट में कोर्ट के इस फैसले का डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी ने स्वागत करते हुए कहा है कि जोगी के आदिवासी होने के गौरव पर कभी आंच नहीं आ सकती।