राष्ट्रीय
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को पद्मविभूषण से सम्मानित करके बीजेपी सपा को पसोपेश में डाल दिया है. पर सवाल यह भी है कि बीजेपी का यह कदम कहीं उसके लिए आत्मघाती तो साबित नहीं हो जाएगा.
डॉयचे वैले पर समीरात्मज मिश्र की रिपोर्ट-
1990 के दशक में जब मंडल-कमंडल की राजनीति का दौर था, तब से लेकर अब तक भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी एक-दूसरे की धुर विरोधी रही हैं. भारतीय जनता पार्टी ने जहां अपने राजनीतिक अस्तित्व को न सिर्फ बचाने, बल्कि यहां तक पहुंचाने के लिए अयोध्या में राम मंदिर का सहारा लिया. वहीं बीजेपी मुलामय सिंह यादव को इस बात के लिए कोसती रही कि उन्होंने विवादित बाबरी मस्जिद को बचाने और वहां मंदिर बनने से रोकने के लिए कारसेवकों पर गोलियां तक चलवाईं. यहां तक कि मुलायम सिंह यादव को परोक्ष रूप से 'मुल्ला मुलायम' तक की संज्ञा दे डाली.
भारतीय जनता पार्टी के मोदी दौर में भी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी उसकी सबसे बड़ी विरोधी पार्टी है. लेकिन, पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव के साथ बीजेपी, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तालमेल कुछ इस तरह रहा है कि कई बार समाजवादी पार्टी के लोग ही नहीं, बल्कि मुलायम सिंह के बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी हैरान रह जाते हैं.
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जिन छह लोगों को पद्मविभूषण देने की घोषणा हुई, उनमें समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का भी नाम था. उन्हें मरणोपरांत यह सम्मान देने का एलान हुआ. मुलायम सिंह यादव का पिछले साल 10 अक्टूबर को निधन हो गया था. पद्मविभूषण सम्मान की घोषणा ने सभी को हैरान कर दिया, समाजवादी पार्टी को भी. सपा के सामने स्थिति यह आ गई कि वे इस सम्मान के लिए बीजेपी का आभार जताए या न जताए. विरोध का तो खैर सवाल ही पैदा नहीं होता.
बहरहाल, पार्टी ने आधिकारिक तौर पर तो इस पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन पार्टी के कई नेताओं ने इस सम्मान पर खुशी जताई और नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव को भारत रत्न देने की मांग की.
नरेंद्र मोदी और मुलायम सिंह यादव के रिश्ते
यह पहला मौका नहीं है, जब मुलायम सिंह यादव के साथ बीजेपी के संबंधों को लेकर राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म है. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की चुनावी सभा में भावुक होकर उन्हें याद किया, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके पैतृक गांव सैफई गए. अभी कुछ दिनों पहले ही बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में भी मुलायम सिंह यादव को कुछ इस तरह याद किया गया, मानो वह बीजेपी के ही कोई बड़े नेता रहे हों.
दरअसल विपक्षी दलों के नेताओं को सम्मान देने या फिर उनके योगदान को महत्व देते हुए उन्हें पुरस्कार देना कोई नई परंपरा नहीं है और न ही इस पर हैरानी होनी चाहिए. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से राजनीति में विपक्षी दलों और उनके नेताओं को सिर्फ राजनीतिक विरोधी न मानते हुए जिस तरह दुश्मन सरीखा व्यवहार करने की परंपरा चल निकली है, उसे देखते हुए ऐसी घटनाएं हैरान करती हैं.
अतीत में कैसी रही हैं परंपराएं
राजनीतिक विरोधियों का सार्वजनिक सम्मान करना एक आम चलन रहा है. लोकसभा में अपने विरोध में चुनाव लड़ने और हराने के बावजूद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की कोशिश रहती थी कि समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया संसद में जरूर पहुंचें. इसकी वजह यह थी कि वह लोहिया जैसे विपक्षी नेताओं की जरूरत समझते थे, जो उन्हें गलतियों के प्रति आगाह करते थे. अटल बिहारी वाजपेयी और चंद्रशेखर सरीखे नेताओं का संसद और संसद के बाहर सभी दलों के नेता आदर करते थे. यह सूची बहुत लंबी है.
अब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में ऐसी स्थिति आ गई है कि लोकतंत्र में विपक्ष के योगदान को सिर्फ इसलिए स्वीकार नहीं किया जा रहा है, क्योंकि वे सरकार का विरोध कर रहे हैं. सत्ताधारी पार्टी विचारों की प्रतिस्पर्धा के बदले विपक्ष को कमजोर करने में लगी हैं और संदेह का माहौल इतना गहरा है कि अपनी पार्टी के लोग भी सम्मान स्वीकार करने में घबरा रहे हैं.
बीजेपी के कौन से फायदे गिनाते हैं जानकार
जहां तक मुलायम सिंह यादव को सम्मान देने का सवाल है, तो बीजेपी एक तीर से दो निशाने साधने में लगी है. एक ओर वह बचे-खुचे अन्य पिछड़े वर्गों को अपनी ओर मिलाने में लगी है, तो दूसरी ओर यूपी में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को एक ऐसी स्थिति में डाल देना चाहती है कि वह बीजेपी सरकार के कार्यों की प्रशंसा करने पर विवश हो जाए. हालांकि, इससे पहले भी बीजेपी कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं का सम्मान करके और कांग्रेस पार्टी से जुड़े महापुरुषों का सम्मान करके उन पर अधिकार जताने की कोशिश कर चुकी है.
लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ कलहंस कहते हैं, "मुलायम सिंह यादव को सम्मान देकर बीजेपी ने यादवों का तुष्टिकरण करने की कोशिश नहीं की है, बल्कि पिछड़े वर्गों का तुष्टिकरण करने का प्रयास किया है. मुलायम सिंह यादव लंबे समय तक पिछड़ी जातियों के सर्वमान्य नेता रहे हैं. अखिलेश यादव की वह स्थिति नहीं है. बीजेपी ने इससे बड़ा संदेश देने का काम किया है. सबसे बड़ी बात यह भी है कि कैसे अखिलेश यादव को धर्म संकट में डाला जाए. चुनाव से पहले बीजेपी अक्सर ऐसा करती है कि संदेश भी चला जाए और भ्रम भी बना रहे. इस एक कदम से उसके दोनों मकसद सिद्ध हो गए."
बीजेपी पर सपा के साथ सांठ-गांठ के आरोप
हालांकि, समाजवादी पार्टी, खासकर मुलायम सिंह यादव पर अक्सर ऐसे आरोप लगते रहे कि उनका बीजेपी के साथ कोई 'छिपा गठबंधन' है. कई मौकों पर ऐसे आरोपों की पुष्टि भी होती रही और साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान ये आरोप काफी मुखरता से लगे. इसके अलावा साल 2019 में संसद भवन में मुलायम सिंह द्वारा नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने की शुभकामनाएं देना और एक मौके पर अखिलेश यादव की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कान में कुछ कहना, अब तक रहस्य बना हुआ है.
मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज कराने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी कहते हैं, "बीजेपी और सपा के बीच सांठ-गांठ का इसी से पता चलता है कि जो बीजेपी सपा शासन के दौरान उस पर इतने घोटालों के आरोप लगाती रही, सरकार बनने के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश भी की, लेकिन आज तक सारी कार्रवाई ठंडे बस्ते में पड़ी है. जबकि राज्य में बीजेपी सरकार का दूसरा कार्यकाल चल रहा है. दरअसल यूपी में समाजवादी पार्टी को विपक्ष के तौर पर बनाए रखना बीजेपी को राजनीतिक लाभ देता है और बीजेपी इस लाभ को हाथ से क्यों जाने देगी."
बीजेपी को नुकसान होने की सूरत
हालांकि, इसका एक दूसरा पक्ष भी है. बीजेपी ने मुलायम सिंह यादव की जो छवि गढ़ी है और जिस तरह से उन्हें कथित तौर पर हिन्दू विरोधी और मुस्लिम समर्थक नेता के तौर पर प्रचारित किया है, अब उनके प्रति यह सम्मान और इतनी हमदर्दी दिखाना कहीं बीजेपी के लिए ही आत्मघाती न बन जाए.
यूपी में बीजेपी के एक बड़े नेता नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं, "जब आम कार्यकर्ता और बीजेपी समर्थक बीजेपी नेताओं से मुलायम सिंह को दिए इस सम्मान के बारे में पूछेगा, तो हम क्या जवाब देंगे? क्या हम यह बताएंगे कि उन्हें यह सम्मान कारसेवकों पर गोलियां चलवाने के लिए दिया गया, दंगे करवाने के लिए दिया गया या फिर राममंदिर का विरोध करने के लिए दिया गया? आखिर हमारी पार्टी ही तो अब तक इन सबके लिए मुलायम सिंह को कोसती थी?"
पार्टी के अंदरखाने क्या है हाल
लेकिन सिद्धार्थ कलहंस कहते हैं कि बीजेपी का मौजूदा नेतृत्व यूपी और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में लगातार मिल रहे विशाल जनसमर्थन के चलते इतने आत्मविश्वास में है कि उसे इन सब बातों की परवाह ही नहीं है. वह कहते हैं, "बीजेपी ऐसे बिंदु पर पहुंच गई है, जहां उसे नुकसान होता नहीं दिख रहा है. उसे लगता है कि हिन्दू समुदाय उन्हें बहुमत देता रहेगा और इसलिए देता रहेगा, क्योंकि उसके पास बीजेपी के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. दूसरी ओर, बीजेपी को अपना आधार बढ़ाना है, तो अब और कहां बढ़ाएंगे. जिन्हें वे अपनी तरफ कर चुके हैं, उनके छोड़ने का डर बीजेपी को शायद नहीं है, क्योंकि उसे यह लगता है कि ये लोग बीजेपी को छोड़कर जाएंगे कहां?"
हालांकि, नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले यूपी बीजेपी के नेता इस मुगालते में नहीं हैं. वे चाहते हैं कि उनकी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी इस गफलत में न रहे. वे कहते हैं, "यूपी में एक बार आधार खिसका था, तो दोबारा सत्ता में आने में चौदह साल लग गए. तब भी कुछ लोग यही मानते थे कि अब हमें कोई हटा ही नहीं सकता है. लेकिन इतना आत्मविश्वास भी ठीक नहीं है. जिस दिन मजबूत और स्थाई आधार को नजरअंदाज कर दिया गया, तो नए आधार पर इमारत खड़ी करना तो दूर, उसे बचाना मुश्किल हो जाएगा." (dw.com)
कोलकाता, 28 जनवरी | करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2016 में पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों के पदों के लिए लिखित परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों का चयन करने के लिए प्रश्न पत्रों के लीक होने की ओर इशारा करने वाले व्हाट्सएप चैट का पता लगाया है। सूत्रों ने कहा कि चुनिंदा प्रश्न पत्रों को लीक करने का काम मुख्य रूप से तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता कुंतल घोष ने किया था, जिन्हें ईडी ने 21 जनवरी को उनके आवास से गिरफ्तार किया था।
जांच एजेंसी ने व्हाट्सएप चैट भी बरामद किया है, जो दर्शाता है कि घोष को राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी का संरक्षण प्राप्त था।
घोष के आवास से जब्त दस्तावेजों से केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने 2016 में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले कुछ उम्मीदवारों के प्रवेश पत्रों की प्रतियां भी बरामद की हैं।
ईडी के जासूसों को 35 व्यक्तियों के नाम मिले हैं, जिन्होंने गिरफ्तार युवा नेता को पैसे देकर सरकारी स्कूलों में शिक्षक के रूप में नौकरी हासिल की और ये सभी वर्तमान में विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं। जांच को आगे बढ़ाने के लिए उनमें से हर एक से पूछताछ की जाएगी।
तथ्य यह है कि चुनिंदा उम्मीदवारों के लिए प्रश्न पत्र लीक किए गए थे, जब ईडी के अधिकारियों ने पाया कि उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड के अनुसार, भर्ती परीक्षा में कुछ अत्यंत निचले-औसत उम्मीदवारों ने अत्यधिक स्कोर किया था।
सूत्रों ने कहा कि उनकी शैक्षणिक परीक्षाओं में प्राप्त अंक उनकी ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट में उनके अंकों को सही नहीं ठहराते हैं। (आईएएनएस)|
ग्रेटर नोएडा, 28 जनवरी | ग्रेटर नोएडा में पुलिस के द्वारा तस्करों से पकड़ी गई शराब को न्यायालय के आदेश के बाद नष्ट किया जा रहा है। शुक्रवार को दादरी पुलिस ने भी मालखाने में रखी हुई शराब को नष्ट किया। इस दौरान 7 करोड़ रुपए की अवैध शराब को जेसीबी चलाकर नष्ट किया गया। गौतमबुद्ध नगर पुलिस द्वारा अवैध शराब के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया था। इस दौरान शराब तस्करों की धरपकड़ हुई। उनसे अवैध शराब बरामद की गई। जिले में न्यायालय के आदेश के बाद मालखानों में रखी अवैध शराब को नष्ट किया जा रहा है। दादरी पुलिस ने 2015 से 2022 तक पकड़ी गई शराब को नष्ट किया। दादरी पुलिस ने आबकारी अधिनियम के तहत 290 मुकदमे दर्ज किए थे। करीब 500 शराब तस्करों से 1,27,000 लीटर अवैध शराब बरामद की थी। तस्करों से बरामद की गई 1 लाख 27 हजार लीटर शराब दादरी थाने के मालखाने में रखी थी, जिसे लेकर न्यायालय ने आदेश दिया कि शराब को नष्ट किया जाए। न्यायालय के आदेश के बाद शुक्रवार को पुलिस ने शराब को मालखाने से निकालकर जेसीबी से नष्ट करा दिया। करीब 1,27000 लीटर शराब नष्ट की गई। कुल नष्ट की गई शराब की कीमत करीब 7 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
दादरी थाना प्रभारी उमेश बहादुर सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश के बाद करीब 7 करोड़ रुपये की शराब को नष्ट किया गया है। यह शराब करीब 290 मामलों में पकड़ी गई थी। उन्होंने बताया कि यह शराब 2015 से लेकर 2022 के बीच पकड़ी गई है।
ग्रेटर नोएडा, 28 जनवरी (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा में पुलिस के द्वारा तस्करों से पकड़ी गई शराब को न्यायालय के आदेश के बाद नष्ट किया जा रहा है। शुक्रवार को दादरी पुलिस ने मालखाने में रखी हुई शराब को नष्ट किया। इस दौरान 7 करोड़ रुपए की अवैध शराब को जेसीबी चलाकर नष्ट किया गया।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस द्वारा अवैध शराब के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया था। इस दौरान शराब तस्करों की धरपकड़ हुई। उनसे अवैध शराब बरामद की गई। जिले में न्यायालय के आदेश के बाद मालखानों में रखी अवैध शराब को नष्ट किया जा रहा है। दादरी पुलिस ने 2015 से 2022 तक पकड़ी गई शराब को नष्ट किया। पुलिस ने 290 मुकदमे दर्ज किए थे। करीब 500 शराब तस्करों से 1,27,000 लीटर अवैध शराब बरामद की थी। शराबोस्करों से बरामद की गई 1 लाख 27 हजार लीटर शराब दादरी थाने के मालखाने में रखी थी, जिसे लेकर न्यायालय ने आदेश दिया कि शराब को नष्ट किया जाए। न्यायालय के आदेश के बाद शुक्रवार को पुलिस ने शराब को मालखाने से निकालकर जेसीबी से नष्ट करा दिया। करीब 1,27000 लीटर शराब नष्ट की गई। नष्ट की गई शराब की कीमत करीब 7 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
दादरी थाना प्रभारी उमेश बहादुर सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश के बाद करीब 7 करोड़ रुपये की शराब को नष्ट किया गया है। यह शराब करीब 290 मामलों में 2015 से लेकर 2022 के बीच पकड़ी गई है। (आईएएनएस)|
यरूशलम, 28 जनवरी | पूर्वी यरूशलम में एक बस्ती में शुक्रवार रात हुई गोलीबारी में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। इजराइल की मैगन डेविड एडोम आपातकालीन सेवा के अनुसार घायलों का उपचार किया जा रहा है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार इजरायली मीडिया ने बताया कि हमला एक आराधना स्थल में शुरू हुआ और पड़ोस की एक सड़क तक फैल गया।
यह घटना गाजा पट्टी से फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा इजरायल में रॉकेट दागे जाने के घंटों बाद हुई। राकेट हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
इसके पहले गुरुवार को कब्जे वाले वेस्ट बैंक में जेनिन शरणार्थी शिविर में एक छापे में इजरायली बलों ने 61 वर्षीय एक महिला सहित नौ फिलिस्तीनियों को मार डाला था, तब से तनाव अधिक है। इजराइल ने कहा कि आतंकवादी दस्ते को विफल करने के लिए छापे मारे गए, जिसने इजराइलियों के खिलाफ हमले की योजना बनाई थी। (आईएएनएस)|
अदन (यमन), 28 जनवरी | दक्षिणी प्रांत लहज में हौथी लड़ाकों द्वारा शुक्रवार को यमन के सरकारी बलों के सैन्य ठिकानों पर किए गए हमले में कम से कम आठ लोग मारे गए। एक स्थानीय सैन्य अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, हौती लड़ाकों के एक समूह ने हमला किया और लहज प्रांत के उत्तरी हिस्से में सरकारी बलों द्वारा नियंत्रित प्रमुख स्थलों पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़ने का प्रयास किया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार हौथी हमले ने भीषण लड़ाई छेड़ दी। इसमें कम से कम पांच विद्रोही और तीन सरकारी सैनिक मारे गए। घंटों संघर्ष के बाद विद्रोहियों को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
गौरतलब है कि संघर्ष के समाधान की दिशा में ठोस प्रयास के अभाव में दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ कमर कस रहे हैं।
हाल के दिनों में यमन के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय युद्धरत गुटों के बीच छिटपुट सशस्त्र टकराव होते रहे हैं।
2014 के अंत से यमन एक गृहयुद्ध में घिर गया, जब हौथी मिलिशिया ने कई उत्तरी शहरों पर धावा बोल दिया और यमनी सरकार को राजधानी सना से बाहर कर दिया। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 28 जनवरी | दिल्ली पुलिस को बहुसंख्यक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और दो पत्रिकाओं के खिलाफ शिकायत मिली है। हालांकि पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है। संदीप देव, जो एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं और इंडिया स्पीक्स डेली के एडिटर-इन-चीफ हैं, ने अपनी शिकायत में कहा है कि भागवत के हाल ही में दो पत्रिकाओं को दिए इंटरव्यू में महाभारत की हस्तियों का हवाला देकर समलैंगिकता का समर्थन किया गया।
देव ने अपने बयान में कहा, आरएसएस प्रमुख ने एक सवाल के जवाब में महाभारत काल के शास्त्रों, ऐतिहासिक व्यक्तित्व हम्सा और दिंबक के समलैंगिक संबंध होने, एक दूसरे के प्रति आकर्षण होने का हवाला दिया, जो तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है।
देव ने आगे कहा कि गीता प्रेस से छपे पृष्ठ संख्या 1303 से 1366 तक श्री हरिवंश पुराण में इसी ऐतिहासिक घटना का सही उल्लेख है। उन्होंने आईपीसी की धारा 295 ए (जानबूझकर किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
शिकायत में कहा गया है, भागवत की टिप्पणी से हिंदू समुदाय के एक बड़े वर्ग की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्हें महाभारत हरवंशपुराण जैसे ग्रंथ की गलत व्याख्या के लिए लिखित माफी मांगी जानी चाहिए। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 28 जनवरी | कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे ने राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक के मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा, भारत जोडो यात्रा के दौरान जम्मू और कश्मीर में राहुल गांधी की सुरक्षा ने चूक बेहद निराशाजनक है। सुरक्षा प्रदान करना केंद्र की प्रमुख जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि भारत पहले ही दो प्रधानमंत्री और सैकड़ों नेताओं को खो चुका है और हम यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा की मांग करते हैं। भारत जोड़ो यात्रा को सुरक्षाकर्मियों द्वारा दिए सुझाव के बाद इसे निलंबित कर दिया गया था। हम इसकी समाप्ति पर राजनीतिक दलों के नेताओं सहित एक विशाल सभा के होने उम्मीद कर रहे हैं। इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है।
खड्गे ने पत्र में लिखा कि हम जम्मू-कश्मीर पुलिस की सराहना करते हैं और उनके बयान का स्वागत करते हैं। यह कहते हुए कि वे यात्रा के समापन तक पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करना जारी रखेंगे।
बहरहाल, आप इस बात की सराहना करेंगे कि प्रतिदिन भारत जोड़ो यात्रा में आम लोगों की भारी भीड़ शामिल हुई है। आयोजकों के लिए यह बताना मुश्किल है कि पूरे दिन में कितने लोगों के आने की उम्मीद ह,ै क्योंकि यात्रा में शामिल होने के लिए आम लोगों में सहज भाव है।
हम अगले दो दिनों में यात्रा में शामिल होने के लिए एक विशाल सभा की उम्मीद कर रहे हैं और 30 जनवरी को श्रीनगर में होने वाले समारोह में भी भीड़ हो सकती है। 30 जनवरी को समापन समारोह में कांग्रेस तमाम वरिष्ठ नेता और अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे।
उन्होंने गृह मंत्री से अपील करते हुए कहा, यदि आप व्यक्तिगत रूप से इस मामले में हस्तक्षेप कर सकते हैं और सलाह दे सकते हैं, तो मैं आभारी रहूंगा। संबंधित अधिकारियों को यात्रा की समाप्ति और 30 जनवरी को श्रीनगर में होने वाले समारोह तक पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा गया है।
इससे पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कहा था कि 15 मिनट तक भारत जोड़ो यात्रा के साथ कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था, और ये एक गंभीर चूक है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर में यात्रा के अपने अंतिम चरण में है। 7 सितंबर को कन्याकुमारी में शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा 3,970 किलोमीटर, 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करने के बाद 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त होगी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 28 जनवरी | फिनटेक प्लेटफॉर्म भारत पे ने वित्त वर्ष 2022 में कंपनी के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर को 1.69 करोड़ रुपए का वेतन दिया, जबकि उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर, जो कंपनी में पूर्व नियंत्रण प्रमुख थीं, ने 63 लाख रुपए का वेतन लिया। वर्तमान में कंपनी 88.6 करोड़ रुपए के धन की हेराफेरी के मामले में अशनीर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी के पास दायर वित्तीय विवरण के अनुसार, इसके पूर्व सीईओ सुहैल समीर ने वर्ष 2022 में 2.1 करोड़ रुपए लिए।
भारत पे के अध्यक्ष रजनीश कुमार को 21.4 लाख रुपए मिले, जबकि बोर्ड के सदस्य शाश्वत नकरानी को 29.8 लाख रुपए का भुगतान किया गया।
मनी कंट्रोल ने सबसे पहले भारत पे के शीर्ष अधिकारियों को पारिश्रमिक के बारे में रिपोर्ट किया था।
इस बीच, वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत पे को 5,610.7 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ। वर्ष 2021 में, कंपनी ने 1,619.2 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा दर्ज किया था।
इस महीने की शुरुआत में कंपनी ने स्पष्ट किया था कि सीसीपीएस से संबंधित आइटम वन-ऑफ है और अगले साल से नहीं होगा, क्योंकि हमने अब देयता से इक्विटी के लिए अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय वरीयता शेयरों को पुनर्वगीर्कृत किया है।
इस बीच, वित्त वर्ष 2011 में परिचालन से इसका राजस्व 3.8 गुना बढ़कर 456.8 करोड़ रुपए हो गया, जो कि ऋण संवितरण पर भुगतान की मात्रा में वृद्धि के कारण था। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 28 जनवरी | एलन मस्क द्वारा संचालित ट्विटर ने शनिवार को घोषणा की है कि वह अपने नियमों को तोड़ने वाले उपयोगकर्ता खातों के खिलाफ कम गंभीर कार्रवाई करेगा और उनसे विवादास्पद ट्वीट हटाने और आगे बढ़ने के लिए कहेगा। कंपनी ने कहा कि वह केवल उन ट्विटर खातों को निलंबित करेगी जो उसके नियमों के गंभीर चल रहे हैं।
माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने कहा, हम कम गंभीर कार्रवाई करेंगे, जैसे नीति-उल्लंघन करने वाले ट्वीट्स की पहुंच को सीमित करना या आपको अपने खाते का उपयोग जारी रखने से पहले ट्वीट्स को हटाने के लिए कहना शामिल है।
इसमें कहा गया है कि हमारी नीतियों के गंभीर या जारी, बार-बार उल्लंघन के लिए खाता निलंबन आरक्षित रहेगा।
गंभीर उल्लंघनों में अवैध सामग्री या गतिविधि में शामिल होना, हिंसा या नुकसान के लिए उकसाना या धमकी देना, गोपनीयता का उल्लंघन, प्लेटफॉर्म में हेरफेर या स्पैम, और उपयोगकर्ताओं के लक्षित उत्पीड़न में शामिल होना शामिल है।
ट्विटर ने कहा कि वह पहले से निलंबित खातों को सक्रिय रूप से बहाल कर रहा है।
ट्विटर ने कहा, "1 फरवरी से, कोई भी खाता निलंबन की अपील कर सकता है और बहाली के लिए हमारे नए मानदंडों के तहत मूल्यांकन किया जा सकता है।"
कंपनी ने कहा कि उसने उन खातों को बहाल नहीं किया जो अवैध गतिविधि, नुकसान या हिंसा की धमकी, बड़े पैमाने पर स्पैम और प्लेटफॉर्म हेरफेर में शामिल थे या जब खाते को बहाल करने के लिए हाल ही में कोई अपील नहीं की गई थी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 28 जनवरी | एलन मस्क द्वारा संचालित ट्विटर ने शनिवार को घोषणा की है कि वह अपने नियमों को तोड़ने वाले उपयोगकर्ता खातों के खिलाफ कम गंभीर कार्रवाई करेगा और उनसे विवादास्पद ट्वीट हटाने और आगे बढ़ने के लिए कहेगा। कंपनी ने कहा कि वह केवल उन ट्विटर खातों को निलंबित करेगी जो उसके नियमों के गंभीर चल रहे हैं।
माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने कहा, हम कम गंभीर कार्रवाई करेंगे, जैसे नीति-उल्लंघन करने वाले ट्वीट्स की पहुंच को सीमित करना या आपको अपने खाते का उपयोग जारी रखने से पहले ट्वीट्स को हटाने के लिए कहना शामिल है।
इसमें कहा गया है कि हमारी नीतियों के गंभीर या जारी, बार-बार उल्लंघन के लिए खाता निलंबन आरक्षित रहेगा।
गंभीर उल्लंघनों में अवैध सामग्री या गतिविधि में शामिल होना, हिंसा या नुकसान के लिए उकसाना या धमकी देना, गोपनीयता का उल्लंघन, प्लेटफॉर्म में हेरफेर या स्पैम, और उपयोगकर्ताओं के लक्षित उत्पीड़न में शामिल होना शामिल है।
ट्विटर ने कहा कि वह पहले से निलंबित खातों को सक्रिय रूप से बहाल कर रहा है।
ट्विटर ने कहा, "1 फरवरी से, कोई भी खाता निलंबन की अपील कर सकता है और बहाली के लिए हमारे नए मानदंडों के तहत मूल्यांकन किया जा सकता है।"
कंपनी ने कहा कि उसने उन खातों को बहाल नहीं किया जो अवैध गतिविधि, नुकसान या हिंसा की धमकी, बड़े पैमाने पर स्पैम और प्लेटफॉर्म हेरफेर में शामिल थे या जब खाते को बहाल करने के लिए हाल ही में कोई अपील नहीं की गई थी। (आईएएनएस)|
हसन, 28 जनवरी | कर्नाटक पुलिस ने हसन जिले में एक चोर को कथित तौर पर पीटने और उसे उल्टा लटकाने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, कित्तावारा गांव की रहने वाले मंजू को बेलूर तालुक के बेलवार में एक बागान से कॉफी के बीज चुराने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान केपी राघवेंद्र, बेलावर गांव के केपी उमेशा, मल्लिगानुरू गांव के कीर्ति, डोनानामाने के सैमुअल और कित्तावारा गांव के नवीन राज के रूप में हुई है।
आरोपियों ने युवक को पकड़ने के बाद उसके हाथ-पैर बांध दिए और पूरी रात मारपीट करते रहे।
अगली सुबह उन्होंने उसे पेड़ से उल्टा लटका दिया और डंडों से पीटा और गाली-गलौज की। पुलिस ने कहा कि सूचना मिलने पर टीम पहुंची और चोर को छुड़ाया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
हासन के एसपी हरिराम शंकर ने पुष्टि की है कि घटना के सिलसिले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है।
हुबली, 28 जनवरी | मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा, ''केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी कर्नाटक की यात्रा राज्य में भाजपा की चुनावी तैयारियों को गति दे रही है।'' पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि शाह पूरे राज्य का दौरा करेंगे। जब भी कोई चुनाव होता है तो वह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इससे पहले, वह दक्षिण कर्नाटक में मांड्या गए थे और अब कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में हैं।
गृह मंत्री शुक्रवार रात शहर पहुंचे। अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान, वह धारवाड़ और बेलगावी शहरों में एक मेगा रोड शो और सार्वजनिक रैलियों सहित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र भाजपा पार्टी का मजबूत आधार है। मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि अमित शाह अगले महीने हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र का दौरा करेंगे और केंद्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
उन्होंने कहा, पार्टी राज्य में वरिष्ठ राष्ट्रीय नेताओं के दौरे के इस अवसर का उपयोग अपने लाभ के लिए करना चाहती है। हम राज्य की भलाई के लिए उनके प्रभाव का उपयोग करेंगे।
इस सवाल पर कि क्या भाजपा की राज्य इकाई आंतरिक कलह का सामना कर रही है, सीएम बोम्मई ने कहा, भाजपा में कोई असंतोष नहीं है। पार्टी के संबंध में किसी भी नेता द्वारा असंतोष का एक शब्द नहीं बोला जा रहा है।
पार्टी का विकास सबसे महत्वपूर्ण है और सभी को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। पार्टी को प्रदेश के सभी क्षेत्रों में विकास करना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता बीजेपी से डर रहे हैं और बयान जारी कर रहे हैं।
विशेष रूप से, गृह मंत्री शाह कर्नाटक लिंगायत सोसाइटी (केएलई) के बीवीबी इंजीनियरिंग कॉलेज के इनडोर स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे। बाद में वह केएलई के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित अमृत महोत्सव में भी हिस्सा लेंगे।
बाद में, वह धारवाड़ में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की आधारशिला रखेंगे।
वह कुंडागोल में 'विजया संकल्प यात्रा' में हिस्सा लेने के अलावा वहां के 300 साल पुराने प्राचीन शंभूलिंग मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे। वह बसवन्ना मठ भी जाएंगे।
पार्टी ने डेढ़ किलोमीटर तक मेगा रोड शो का आयोजन किया है। वह एमके में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। कित्तूर विधानसभा क्षेत्र के हुबली और भाषण देते हैं। वह संघ परिवार के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे और क्षेत्र में भाजपा पार्टी के लिए रणनीति बनाने के लिए पार्टी नेताओं के साथ तीन बैठकें करेंगे। (आईएएनएस)|
जोशीमठ, 28 जनवरी । उत्तराखंड के जोशीमीठ में जमीन धंसने की घटनाओं के बाद चारधाम यात्रा को लेकर चिंता शुरू हो गई है. छह महीने के विराम के बाद इस साल चारधाम यात्रा 22 अप्रैल शुरू हो जाएगी. 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल जाएंगे.
इस बीच, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाओं का इस यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की ख़बर के मुताबिक़ सीएम धामी ने कहा, "यात्रा शुरू होने में अभी 100 दिन बाकी हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे कि यात्रा से पहले सभी तैयारियां पूरी हो जाएं. हमें यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना है. पिछले साल रिकार्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने तीर्थयात्रा की थी और इस साल भी उम्मीद है कि भारी संख्या में लोग आएंगे."
दरअसल जोशीमठ में ज़मीन धंसने के बाद लोगों के विरोध और विशेषज्ञों की सलाह के बाद हेलांग बाईपास रोड का काम रुक गया है. इस रास्ते से जोशीमठ में घुसे बिना लोग बद्रीनाथ जा सकते थे. चूंकि अब ये काम रुक गया है. इसलिए इस यात्रा को लेकर चिंता जताई जा रही थी.
(bbc.com/hindi)
मुंबई, 27 जनवरी | वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के साथ शिवसेना (यूबीटी) के गठबंधन के बमुश्किल पांच दिन बाद शुक्रवार को दो नए सहयोगियों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने वीबीए अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार के बारे में बात करते हुए शब्दों पर ध्यान रखने की सलाह दी।
वह अंबेडकर की इस टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे कि पवार अभी भी भाजपा के साथ हैं। 23 जनवरी को वीबीए-सेना (यूबीटी) साझेदारी की घोषणा के तुरंत बाद अंबेडकर ने उक्त टिप्पणी की जिससे एक नया राजनीतिक विवाद छिड़ गया।
संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम शरद पवार पर अम्बेडकर के बयान से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं। संजय राउत ने कहा, कांग्रेस और राकांपा महा विकास अघाड़ी (एमवीए) विपक्षी गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी) की सहयोगी हैं। हम अंबेडकर से अनुरोध करेंगे कि वह अब से शरद पवार के बारे में बोलते हुए अपने शब्दों पर ध्यान रखें।
उन्होंने कहा कि अतीत के मतभेदों को दूर रखते हुए सभी को एमवीए में मिलकर काम करना चाहिए और आगे की राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए एक मजबूत संयुक्त मोर्चा तैयार करना चाहिए।
राउत की फटकार से प्रभावित अंबेडकर ने यह कहते हुए पलटवार किया कि अगर यही सलाह शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से आती तो वे बाध्य होते।
वीबीए प्रमुख ने दोहराया कि राजनीति में कोई भी दल एक-दूसरे का दुश्मन नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट है कि उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के साथ फिर से गठजोड़ नहीं करेगी।
अम्बेडकर ने यह भी कहा कि यदि भाजपा अपनी 'मनुस्मृति' को खारिज करती है तो उनके साथ चर्चा होगी क्योंकि तानाशाही को रोकना और लोकतंत्र को बचाना समय की मांग है जिसके लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आना चाहिए।
23 जनवरी को दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की 97वीं जयंती पर, सेना (यूबीटी)-वीबीए ने औपचारिक रूप से आगामी निकाय चुनावों के लिए अपने बहुप्रतीक्षित 'शिव शक्ति-भीम शक्ति' राजनीतिक गठबंधन की घोषणा की। हलांकि, कांग्रेस और एनसीपी ने सावधानी से नई साझेदारी का स्वागत किया था। हालांकि, वे कथित तौर पर इसकी प्रभावकारिता पर आपत्ति जताते हैं। (आईएएनएस)|
बेंगलुरु, 27 जनवरी | कर्नाटक की एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को एक व्यक्ति को अपनी पत्नी की हत्या करने और उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बेंगलुरु ग्रामीण जिले के डोड्डाबल्लापुर के रहने वाले आरोपी राजेश की शादी लक्ष्मी से हुई थी। हालांकि इस जोड़े ने शुरू में एक सामंजस्यपूर्ण जीवन व्यतीत किया, बाद में उसने अपनी पत्नी की निष्ठा पर संदेह किया और 2018 में उसकी हत्या कर दी।
उसने लक्ष्मी की हत्या करने के बाद उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उन्हें एक सरोवर के पास गाड़ दिया।
बाद में प्रारंभिक जांच में राजेश पर उंगली उठी और पुलिस मामले को सुलझाने में सफल रही। इंस्पेक्टर सिद्दाराजू ने मौके से शरीर के अंगों को बरामद किया था और राजेश को गिरफ्तार कर लिया था। अभियोजन पक्ष ने उसके खिलाफ कोर्ट में पुख्ता सबूत पेश किए थे।
लंबी कार्यवाही के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया।
पीड़िता के परिजनों ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा देने के लिए पुलिस और न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया है। (आईएएनएस)|
श्रीनगर, 27 जनवरी | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर बनिहाल सुरंग में 'बड़ी सुरक्षा चूक' का आरोप लगाया। अनंतनाग जिले के खानबल इलाके में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जब भारत जोड़ो यात्रा ने बनिहाल सुरंग को पार किया, तो उसके स्वागत के लिए आई भारी भीड़ को संभालने के लिए एक भी पुलिसकर्मी नहीं था।
उन्होंने कहा कि उनके सुरक्षा गाडरें ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके भविष्य के कार्यक्रमों के लिए सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त होगी, जिसमें श्रीनगर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) कार्यालय में यात्रा का समापन भी शामिल है। वो यहां 30 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मीडिया को बताया कि राहुल गांधी को आज 16 किमी पैदल चलना था, लेकिन सुरक्षा में चूक के कारण वह केवल 4 किमी ही चल पाए।
उन्होंने कहा कि प्रशासन को आने वाले दिनों में विशेष रूप से श्रीनगर पहुंचने पर यात्रा के लिए उचित सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस की गलत नीतियों के कारण एक राष्ट्र के रूप में भारत टूट रहा है और यात्रा लोगों को एक साथ लाने का एक प्रयास है। (आईएएनएस)|
हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर पूंजी और कंपनी के आंकड़ों से जुड़ी अनियमितताओं के कई आरोप लगाए हैं. अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट को दुर्भावनापूर्ण बताकर खारिज कर दिया है. लेकिन इसके कई असर होने निश्चित हैं.
अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की. फर्म के मुताबिक इस रिपोर्ट को 2 साल की रिसर्च के बाद तैयार किया गया है. इस रिपोर्ट में अडानी समूह पर गैरकानूनी तरीके से अपनी कंपनी के शेयर के दाम बढ़ाने और खातों में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं. रिपोर्ट का टाइटल कहता है कि अडानी समूह के मुखिया गौतम अडानी कॉरपोरेट दुनिया की सबसे बड़ी ठगी की ओर बढ़ रहे हैं. इसके बाद अडानी ग्रुप के कई शेयरों में तेज गिरावट आई और कई निवेशकों को भारी घाटा उठाना पड़ा.
अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया गया. अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी भी कर रहा है. हिंडनबर्ग रिसर्च की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड कंपनी का एफपीओ यानी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर आने वाला है. फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर के जरिए किसी कंपनी के कुछ शेयर फिर से मार्केट में लाए जाते हैं.
कुल मिलाकर इस पूरे प्रकरण में पांच पक्ष हैं. दो मुख्य पक्ष अडानी और हिंडनबर्ग रिसर्च हैं. तीसरा पक्ष समूह शेयर बाजार नियामक सेबी है. चौथे पक्ष वो बैंक हैं, जिन्होंने अडानी को कर्ज दिया है. और पांचवें आम निवेशक.
बैंकों की चिंता बढ़ेगी
अडानी एंटरप्राइजेज अपने जारी एफपीओ के जरिए 2 खरब रुपये जुटाना चाहती है. अडानी ग्रुप की ओर से कहा जा चुका है कि इससे हुई कमाई का करीब पांचवा हिस्सा अडानी ग्रुप की कंपनियों की ओर से लिए गए कर्ज को चुकाने में लगाया जाएगा. अडानी ग्रुप पर कर्ज ही एक बड़ी समस्या है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अडानी की 5 मुख्य कंपनियों पर करीब 20 खरब रुपये का कर्ज है, जिसमें से 7 से 8 खरब रुपये का कर्ज सिर्फ बैंकों से लिया गया है. यानी कंपनी कर्ज लेकर घी पीने वाली कहावत चरितार्थ कर रही है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का असर इस एफपीओ पर भी होना तय है. अगर ऐसा होता है तो बैंकों का कर्ज चुकाने में अडानी समूह को मुश्किल हो सकती है. इसे लेकर बैंक चिंता में रहेंगे.
निवेशक और सेबी उठाएंगे नुकसान
इसके अलावा अगर अडानी समूह मुश्किलों में आता है तो पूरे के पूरे भारतीय शेयर बाजार पर इसका असर होना तय है. हालांकि पहले की तरह ही इस बार भी अडानी ग्रुप की कंपनियों पर लगे आरोपों का असर ज्यादा दिनों तक रहेगा, ऐसा नहीं लगता. विदेशी निवेशकों को थोड़ी चिंता हो सकती है लेकिन उनके पास भी रिसर्च की क्षमता और ज्यादा जानकारियों की उपलब्धता होती है, तो उनपर भी अडानी ग्रुप की खबरों का कुछ खास असर होगा, ऐसा नहीं लगता.
लेकिन अन्य दो पक्षों को इसका नुकसान जरूर उठाना होगा. ऐसी खबरें जब भी सामने आती हैं, भारत के स्टॉक मार्केट नियंत्रक सेबी पर कुछ सवाल जरूर खड़े होते हैं. अडानी समूह पर लगे आरोपों के बाद से अब तक सेबी ने किसी भी तरह की जांच की बात नहीं कही है. वहीं सामान्य निवेशक बड़ी कंपनी में होने वाले बदलावों से ज्यादातर अंजान होते हैं और इससे आर्थिक खामियाजा उठाते हैं.
पहले भी आई खबरों पर कुछ नहीं हुआ
अडानी ग्रुप पर पिछले कुछ सालों में कई बार अनियमितता के आरोप लगे हैं. हर्षद मेहता के दौर में स्टॉक मार्केट में हुए घोटाले को सामने लाने में अहम भूमिका निभाने वाली पत्रकार सुचेता दलाल के साल 2021 में किए एक ट्वीट को भी अडानी ग्रुप की कंपनी में अनियमितताओं से जोड़ा गया था. इस ट्वीट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट आई थी. जुलाई, 2021 में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भी संसद में बताया था कि सेबी नियम अनुपालन के मामले में अडानी समूह की कई कंपनियों की जांच कर रहा है.
इस तरह की खबरें कुछ ही दिनों में आई गई हो जाती हैं. भारत में अडानी समूह के तेजी से बढ़ते शेयर अक्सर राष्ट्रीय गर्व का विषय रहते हैं. और विश्व के पांच सबसे धनी लोगों में शामिल होना भी गर्व का ही विषय माना जाता है. अडानी समूह भारत में कोयला, बंदरगाह, एयरपोर्ट और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे आम से लेकर खास बिजनेस तक हर जगह अपनी पहुंच रखता है. इसलिए ऐसे किसी खुलासे से कंपनी का हाल फिलहाल मुश्किल में आना नामुमकिन लगता है.
एक ओर जहां हिंडनबर्ग अपने शेयर शॉर्ट सेल करके मुनाफा कमा लेगी. वहीं अडानी के शेयर के दाम पर भी लंबे समय में कोई फर्क पड़ेगा, ऐसा नहीं लगता. लेकिन बैंक, मार्केट रेगुलेटर सेबी और सामान्य निवेशक इसका असली खामियाजा भुगतेंगे.
नयी दिल्ली, 27 जनवरी दोस्ती करने के बाद एक नाबालिग लड़की का कथित रूप से पीछा करने और इंस्टाग्राम पर उसे परेशान करने व निर्वस्त्र तस्वीरें साझा करने के लिए बाध्य करने को लेकर यहां 17 साल के एक कॉलेज छात्र को पकड़ा गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उसने बताया कि यहां मुक्त विद्यालय से स्नातक कर रहा है। उन्होंने बताया कि आरोपी ने 14 साल की लड़की से दोस्ती की और फिर उसे निर्वस्त्र तस्वीरें साझा करने व उसकी यौन इच्छाओं की पूर्ति करने की मांग की। आरोपी ने धमकी दी कि ऐसा नहीं करने पर सोशल मीडिया मंचों पर पहले से मौजूद उसकी निजी तस्वीरें प्रसारित कर देगा।
पीड़िता के पिता द्वारा पुलिस से संपर्क किये जाने के बाद यह मामला सामने आया। उसके पिता ने पुलिस से कहा कि उसकी बेटी ने इंस्टाग्राम चैट के दौरान किसी के साथ अपनी निजी तस्वीरें एवं वीडियो साझा किये थे और अब उसे इस बात की चिंता है कि कहीं ये वीडियो प्रसारित न कर दिए जाएं।
पुलिस के मुताबिक पीड़िता का पिता कोई कानूनी कार्रवाई करने के पक्ष में नहीं है। पुलिस ने बताया कि पीड़िता को जब उचित परामर्श दिया गया तब उसने बताया कि इंस्टाग्राम पर उसने एक दोस्त से अपनी निजी तस्वीरें एवं वीडियो साझा किये थे जिसके बाद वह उसपर और अनपयुक्त चैट करने के लिए दबाव डालने लगा तथा उसने उसे ऐसी और तस्वीरें भेजेने के लिए मजबूर किया।
पुलिस ने बताया कि नाबालिग लड़की के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) सागर सिंह कलसी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने कथित इंस्टाग्राम प्रोफाइल के आईपी एड्रेस, संबद्ध मोबाइल नंबर एवं अन्य संबंधित विवरण हासिल किये। संबंधित मोबाइल संचालक (कंपनी) से इस आईपी एड्रेस का ब्योरा हासिल किया एवं कथित व्यक्ति की पहचान की गयी।
उन्होंने बताया कि जब पुलिस उस पते पर पहुंची तब यह पता चला कि यह सिमकार्ड उसके पिता के नाम पर दर्ज है। उनके मुताबिक चूंकि उस वक्त लड़का (आरोपी) घर पर नहीं था , इसलिए उसके पिता को उसे पुलिस के सामने पेश करने को कहा गया है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ जांच के दौरान आरोपी ने दावा किया कि लड़की की कुछ निजी तस्वीरें उसके पास आने के बाद वह इंस्टाग्राम पर उसका पीछा करने लगा। उसने अपने मोबाइल फोन पर इन निजी तस्वीरों को रख लिया और ऑनलाइन उसका पीछा करने लगा। दोस्ती करने के बाद उसने उससे और तस्वीरें भेजने को कहा और जब लड़की ने ऐसा करने से मना कर दिया तो उसने उससे कहा कि उसके पास पहले से ही उसकी निजी तस्वीरें हैं।’’
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब लड़के के फोन को खंगाला गया तब पता चला कि वह इसी तरीके से अन्य लड़कियों को भी परेशान कर रहा था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 जनवरी दिल्ली की एक अदालत ने एअर इंडिया के विमान में एक महिला सहयात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को 30 जनवरी तक स्थगित कर दी।
मिश्रा पर आरोप है कि उसने पिछले साल नवंबर में विमान में एक महिला सहयात्री पर पेशाब कर दिया था। उसने नियमित जमानत का अनुरोध करते हुए नयी जमानत याचिका दायर की है।
अदालत ने जांच अधिकारी के उपस्थित नहीं रहने के कारण मामले में सुनवाई स्थगित कर दी। अदालत ने यह भी पाया कि शिकायतकर्ता के वकील को जमानत याचिका की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई थी।
घटना 26 नवंबर, 2022 को न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रहे एअर इंडिया के विमान में हुई थी। मिश्रा कथित रूप से नशे की हालत में था। (भाषा)
बलिया (उत्तर प्रदेश), 27 जनवरी जिले के बलिया शहर कोतवाली क्षेत्र में एक सिनेमा हॉल के अंदर फिल्म ‘पठान’ देखने के दौरान दो समूहों में मारपीट का वीडियो सामने आया है। पुलिस ने बताया कि वह मामले में नियमानुसार कार्रवाई कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, सोशल मीडिया पर शुक्रवार की शाम एक वीडियो प्रसारित हुआ, जिसमें जिला मुख्यालय के एक सिनेमा हॉल के अंदर ‘पठान’ फिल्म देखने के दौरान दो समूहों के लोग मारपीट करते दिख रहे हैं।
पुलिस विभाग ने शुक्रवार की रात ट्वीट कर प्रभारी निरीक्षक कोतवाली के हवाले से बताया कि वीडियो 25 जनवरी का है और शाम के छह बजे से नौ बजे के शो में दो समूहों के लोगों में कुर्सी पर बैठने व पान खाकर कुर्सी पर थूकने को लेकर विवाद हुआ था।
उन्होंने बताया कि मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। (भाषा)
हैदराबाद, 27 जनवरी दिग्गज एन टी रामाराव और गुजरे दौर के कई अन्य प्रमुख सितारों की नायिका के तौर पर काम कर चुकीं तेलुगु अभिनेत्री जमुना का शुक्रवार को वृद्धावस्था के कारण निधन हो गया। वह 87 वर्ष की थीं।
परिवार के सदस्यों ने संवाददाताओं को बताया कि उम्र संबंधी समस्याओं के चलते शुक्रवार को सुबह उनका निधन हो गया।
पौराणिक फिल्मों में ‘सत्यभामा’ के किरदार को शानदार तरीके से पर्दे पर उतारने वाली जमुना ने कम उम्र में ही नाटकों के मंचन के साथ अपने अभिनय के सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।
मुख्य रूप से तेलुगु फिल्मों में काम करने वाली जमुना ने कुछ तमिल, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी काम किया। उन्होंने हिंदी फिल्म ‘मिलन’ के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता था। उनकी कुछ चर्चित फिल्मों में ‘मिस्सम्मा’, ‘गुंडाम्मा कथा’ और ‘श्री कृष्ण तुलाभारम’ प्रमुख हैं।
जमुना ने 1989 में कांग्रेस के टिकट पर आंध्र प्रदेश के राजामुंदरी सीट से लोकसभा चुनाव जीता था।
पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी, अभिनेता से नेता बने और जन सेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण ने जमुना के निधन पर शोक व्यक्त किया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि माता-पिता को सामाजिक स्थिति के कारण बच्चों पर दबाव नहीं डालना चाहिए। साथ ही उन्होंने छात्रों को, अपेक्षाओं के किसी भी बोझ से बाहर निकलने के लिए अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
‘‘परीक्षा पे चर्चा’’ वार्षिक संवाद के छठे संस्करण के दौरान छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि छात्रों को अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करनी चाहिए। प्रधानमंत्री इस संवाद के दौरान छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करते हैं और तनाव तथा परीक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
मोदी ने परीक्षाओं में अनुचित प्रथाओं के इस्तेमाल के खिलाफ भी दृढ़ता से बात की। उन्होंने कहा कि नकल से किसी को एक या दो परीक्षा में मदद मिल सकती है लेकिन जीवन में लंबे समय में इसका लाभ नहीं मिलता। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे कभी भी ‘‘शॉर्टकट’’ रास्ता ना अपनाएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों की कड़ी मेहनत हमेशा उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि छात्रों को कई बार उन पर पड़ रहे दबाव का विश्लेषण करना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि कहीं वे अपनी ताकत को कम तो नहीं आंक रहे हैं।
मोदी ने कहा कि परिवार के सदस्यों की अपेक्षाएं होना स्वाभाविक है लेकिन अगर यह सामाजिक वर्ग या स्थिति से जुड़ा होता है तो गलत है।
उन्होंने कहा कि जैसे एक बल्लेबाज दर्शकों के चौके और छक्के की मांग वाली आवाजों को नजरअंदाज करते हुए फेंकी गई गेंद पर ध्यान केंद्रित करता है उसी प्रकार छात्रों को भी अपने काम पर ध्यान देना चाहिए।
‘‘परीक्षा पे चर्चा’’ में भाग लेने के लिए इस वर्ष रिकॉर्ड 38 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार, छात्रों का पंजीकरण पिछले साल की तुलना में कम से कम 15 लाख अधिक है। (भाषा)
शिलांग, 27 जनवरी निर्वाचन अधिकारियों ने मेघालय में वेस्ट गारो हिल्स जिले में आठ लाख रुपये नकद और शराब जब्त की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी एफ आर खरकोंगोर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मेघालय में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है और राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू है।
खरकोंगोर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वेस्ट गारो हिल्स जिले में बृहस्पतिवार को 8.96 लाख रुपये की अघोषित नकदी और 8,000 रुपये मूल्य की शराब जब्त की गई।’’
सीईओ ने बताया कि इसके साथ ही अधिकारियों ने राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 29 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं।
जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि नकदी एक व्यक्ति के पास से जब्त की गई जो एक वाहन से असम से राज्य में आ रहा था। चूंकि व्यक्ति ने नकदी के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और वैध दस्तावेज नहीं दिखाए इसलिए रकम को जब्त कर लिया गया है।
सीईओ के अनुसार, राज्य भर में कम से कम 34 विधानसभा क्षेत्रों की ‘‘अति संवेदनशील क्षेत्र’’ के तौर पर पहचान की गई है और उड़न दस्ते इन क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। (भाषा)
मोरबी, 27 जनवरी गुजरात के मोरबी शहर में पिछले साल अक्टूबर में एक झूला पुल टूटने की घटना में पुलिस ने शुक्रवार को आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इस हादसे में 135 लोग मारे गए थे।
पुलिस उपाधीक्षक पी एस जाला ने मोरबी सत्र अदालत में 1,200 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया। जाला मामले के जांच अधिकारी हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मोरबी में झूला पुल गिरने की घटना के सिलसिले में जेल में बंद नौ आरोपियों के अलावा ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल को आरोप पत्र में दसवें आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।
अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) मोरबी में मच्छू नदी पर बने ब्रिटिश काल के इस झूला पुल का संचालन करती थी।
मजिस्ट्रेट अदालत 30 अक्टूबर 2022 को हुए इस हादसे को लेकर जयसुख पटेल के खिलाफ पहले ही गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुकी है। पटेल की अग्रिम जमानत याचिका पर एक फरवरी को सुनवाई होगी। (भाषा)
सिक्किम घटती प्रजनन दर से जूझ रहा है. भाषा और संस्कृति के संरक्षण के मकसद से राज्य सरकार ने एक अनोखी पहल की है.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
पश्चिम बंगाल से सटे छोटे से पर्वतीय राज्य सिक्किम में प्रजनन दर घट रही है. इस पर अंकुश लगाने के लिए और आबादी बढ़ाने की दिशा में सूबे की सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) सरकार ने अनूठी पहल की है. इस योजना के तहत जो सरकारी कर्मचारी महिलाएं एक से ज्यादा बच्चा पैदा करेंगे, उन्हें वेतनवृद्धि समेत अन्य कई सुविधाएं दी जाएंगी.
ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह भारत में किसी भी राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई अपने किस्म की पहली योजना है. वहीं सरकार उन आम लोगों को भी कई सुविधाएं देगी, जिनके एक से ज्यादा बच्चे हैं या होंगे.
फिलहाल सिक्किम की अनुमानित आबादी सात लाख से भी कम है. इसमें 80 फीसदी स्थानीय जनजातियों के लोग शामिल हैं. राज्य की प्रजनन दर 1.1 फीसदी है. स्थानीय आदिवासियों में लगातार घटती प्रजनन दर सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई है.
क्यों हो रही है चिंता?
एक अध्ययन के मुताबिक सिक्किम की 52 फीसदी ग्रेजुएट महिलाओं का एक ही बच्चा है, जबकि 36 फीसदी गैर-ग्रेजुएट महिलाओं के दो या तीन बच्चे हैं. सरकार का कहना है कि इस असंतुलन को पाटने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी था ताकि राज्य की भाषा व संस्कृति पर खतरा न पैदा हो.
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा है कि दूसरे बच्चे को जन्म देने के बाद महिला कर्मचारियों के वेतन में एक अतिरिक्त इन्क्रीमेंट जोड़ा जाएगा. तीसरा बच्चा पैदा होने पर उन्हें दो अतिरिक्त इन्क्रीमेंट मिलेंगे. इससे पहले 14 नवंबर, 2021 को सरकार ने महिला कर्मचारियों को 365 दिनों यानी एक साल का मातृत्व अवकाश और पुरुषों को 30 दिनों का पितृत्व अवकाश देने का एलान किया था.
तमांग बताते हैं, "हमारी प्राथमिकता राज्य में घटते प्रजनन दर पर अंकुश लगाना है. इसके लिए स्थानीय लोगों को कई सहूलियतें दी जाएगी, ताकि वे एक से ज्यादा बच्चे पैदा कर सकें. फिलहाल राज्य में प्रजनन दर प्रति महिला एक बच्चे की है."
और क्या सुविधाएं देगी सरकार?
तमांग का कहना था कि सरकार राज्य में IVF तकनीक को भी बढ़ावा दे रही है, ताकि चिकित्सीय वजहों से मां बनने में अक्षम महिलाएं भी मातृत्व का सुख हासिल कर सकें. ऐसी महिलाओं को IVF तकनीक के जरिए इलाज के लिए सरकार की ओर से एकमुश्त तीन लाख रुपए की सहायता दी जाएगी. अब तक 38 महिलाओं ने सरकार की इस योजना का लाभ उठाया है.
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि राज्य में रहने वाले उन आम लोगों को भी ऐसी कई सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, जिनके एक से ज्यादा बच्चे हैं. फिलहाल इस योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
महिलाओं को मिलेगा काम
मुख्यमंत्री के मुताबिक सरकार 40 साल या उससे अधिक उम्र वाली एक महिला को सरकारी महिला कर्मचारियों के घर में एक साल के लिए तैनात करेगी, ताकि वे नवजात बच्चे की देखभाल कर सकें. कई महिलाओं ने सवाल उठाया था कि दूसरे बच्चे का जन्म होने पर उनकी देखभाल कौन करेगा. इसे ध्यान में रखते हुए ही यह फैसला किया गया है. तैनात की जाने वाली महिलाओं को सरकार की ओर से 10 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री तमांग बताते हैं, "पहले हमने राज्य के विभिन्न स्थानों पर चाइल्ड केयर यूनिट खोलने पर विचार किया था, लेकिन विभिन्न वजहों से व्यवहारिक तौर पर ऐसा करना संभव नहीं था. इसलिए अब इसके बजाय हम सरकारी कर्मचारियों के घरों में बच्चों की देखरेख के लिए महिला कर्मचारियों को तैनात करेंगे." (dw.com)