अंतरराष्ट्रीय
काबुल, 22 अक्टूबर| अफगानिस्तान के उत्तरी तखार प्रांत में एक मस्जिद पर हवाई हमला हुआ, जिसमें कम से कम 12 बच्चे मारे गए हैं और कई लोग घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। प्रांतीय पार्षद मोहम्मद आजम अफजाली ने बताया कि यह हमला 21 अक्टूबर को बहरैक जिले में हुआ, जहां तालिबान लड़ाकों ने पहले ही 40 से अधिक अफगान सुरक्षा बलों को मार डाला था। प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता ने भी इस खबर की पुष्टि की है।
अफजाली ने कहा कि एक विमान ने मस्जिद पर बमबारी की। इसमें तालिबान लड़ाके शामिल थे, जो सुरक्षा बलों पर किए गए खूनी हमले में भी शामिल थे।
अफजाली और एक सुरक्षा सूत्र ने कहा कि आतंकवादी पहले ही मस्जिद छोड़ चुके थे।
गांधार आरएफई ने बताया कि सरकार और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच चल रही शांति वार्ता के बावजूद यह हिंसा हुई है।
बता दें कि विद्रोहियों ने अब तक संघर्ष विराम को नहीं स्वीकारा है, विशेषज्ञों का अनुमान है कि संघर्ष विराम पर सहमति बनने से पहले लंबी और सख्त बातचीत होगी। इस बीच पूरे देशभर में संघर्ष जारी है। एक सप्ताह से दक्षिणी अफगानिस्तान में चल रही लड़ाई में 100 से अधिक नागरिक मारे गए हैं और कई हजार लोगों को उनके गांवों से निकाला गया है। (आईएएनएस)
अबूजा, 22 अक्टूबर| बुधवार को एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, नाइजीरिया के सुरक्षा बलों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की दो बड़ी सभाओं पर गोलीबारी की, जिसमें लागोस में 12 लोगों की मौत हो गई। लोग पुलिस की बर्बरता का विरोध कर रहे थे। कई प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अनिश्चितकालीन कर्फ्यू की अवहेलना में नाइजीरिया के सबसे बड़े शहर में एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों पर सैनिकों ने गोलीबारी की।
शूटिंग के समय घटनास्थल पर सैकड़ों लोग मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि यह लगभग स्थानीय समय के अनुसार 7 बजे हुआ।
हैशटैगइन्डसार्स नाम से विरोध प्रदर्शन नाइजीरिया की सरकार के उस आह्वान के बाद शुरू हुआ जिसमें एंटी-डकैती दस्ते को बंद करने का फैसला लिया गया। इसी दस्ते को सार्स (एसएआरएस) के रूप में जाना जाता है। नाइजीरिया में बेहतर प्रशासन के लिए लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि उसे लागोस में लेकी टोल गेट सुरक्षा बलों के अत्यधिक बल प्रयोग करने के साक्ष्य मिल हैं।
एक ट्विटर पोस्ट में, नाइजीरियाई सेना ने कहा कि कोई भी सैनिक मंगलवार रात को शूटिंग के समय घटनास्थल पर मौजूद नहीं था।
सरकार ने पहले कहा कि वह शूटिंग की जांच करेगी। नाइजीरियाई सेना के प्रवक्ता ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। (आईएएनएस)
काठमांडू, 22 अक्टूबर| जब नेपाली सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी एक नए संकट में घिरी है, तभी भारत की एक्सरटनल स्पाय एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल ने काठमांडू की एक अनौपचारिक यात्रा की। गोयल बुधवार को नेपाल की राजधानी में थे और गुरुवार को नई दिल्ली वापस आने वाले हैं। नेपाल की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 9 सदस्यीय टीम का नेतृत्व करते हुए गोयल ने प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्रियों पुष्पा कमल दहल, शेर बहादुर देउबा, माधव कुमार नेपाल समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की।
पार्टी के 2 वरिष्ठ नेताओं दहल और नेपाल ने ओली की प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के तौर पर काम करने की शैली को चुनौती दी है। इसके बाद से ओली एक नए संकट का सामना कर रहे हैं।
हालांकि ओली और दहल के बीच 8 महीने से चल रहा विवाद अगस्त में खत्म हो गया था, फिर भी दहल के करीबी करनाली प्रांत के मुख्यमंत्री महेन्द्र बहादुर शाही को पिछले हफ्ते ओली के अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। इस अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे के साथ ही पार्टी के अंदर की दरारें खुल कर सामने आ गईं।
नई दिल्ली की सरकार को यह भी आशंका है कि काठमांडू का मौजूदा शासन चीन की ओर झुक रहा है, जिसकी जांच नई दिल्ली अपने अलग तंत्र के जरिए करना चाहती है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि ओली भारतीय समर्थन की मदद से अपने और दहल के बीच विवाद को दूर करना चाहते हैं इसलिए गोयल ने यह यात्रा की थी।
हालांकि प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने ओली और गोयल के बीच किसी भी बैठक से इनकार किया है। गोयल की यात्रा का मिशन अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि गोयल को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के एक वर्ग ने वहां आमंत्रित किया था जो आंतरिक तनाव का सामना कर रहा है।
गौरतलब है कि गोयल की यात्रा भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की यात्रा से ठीक पहले हुई है। नरवणे 3 नवंबर को 3 दिवसीय यात्रा के लिए नेपाल में रहेंगे।
गोयल की इस यात्रा से नेपाल में विवाद छिड़ गया है। ओली के किसी जासूसी एजेंसी के प्रमुख से मिलने की खासी आलोचना हो रही है। एक मीडिया ने लिखा है, "नेपाल एक स्वतंत्र और संप्रभु देश है और गोयल की यात्रा देश की संप्रभुता को प्रभावित करती है।"
काठमांडू के दैनिक नयापत्रिका ने सनसनीखेज शीर्षक दिया, राष्ट्रवाद ने रॉ बॉस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। वहीं समाचार में लिखा गया है, "रॉ के प्रमुख वायु सेना के विमान से काठमांडू आए। प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री से मुलाकात की। यह दर्शाता है कि देश राजनयिक रूप से बर्बाद हो गया है और यह शर्मनाक है।" (आईएएनएस)
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विपक्ष के एक नेता की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक संकट गहराता हुआ नजर आ रहा है. अर्धसैनिक बलों पर आरोप लगा है कि उन्होंने जबरन नेता की गिरफ्तारी करवाई.
अब एक प्रांतीय पुलिस अधीक्षक के अपहरण की खबर आ रही है, सेना ने जिसकी जांच के हुक्म दे दिए हैं. सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को जांच का हुक्म मजबूर हो कर देना पड़ा, जब कुछ स्थानीय नेताओं ने यह आरोप लगाया कि सिंध प्रांत के पुलिस के मुखिया मुश्ताक अहमद महर को अर्धसैनिक बलों ने पहले तो विपक्ष के एक नेता को गिरफ्तार करने पर मजबूर किया और फिर उनका अपहरण कर लिया.
विपक्षी पार्टी पीएमएलएन के नेता मोहम्मद सफ्दर को सिंध की राजधानी कराची में आयोजित हुई एक रैली के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. सफ्दर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज के पति हैं. पिछले सप्ताह पीएमएलएन ने दूसरी विपक्षी पार्टियों के साथ मिल कर इमरान खान की सरकार के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत की थी. पुलिस ने सफ्दर को पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्नाह की कब्र पर नारे लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
सिंध की सरकार ने कहा था कि उसने सफ्दर की गिरफ्तारी का आदेश नहीं दिया था और सिंध की पुलिस पर दबाव डाल कर उन्हें गिरफ्तार करवाया गया था. सफ्दर की पत्नी मरियम नवाज ने मीडिया से कहा, "पुलिस प्रमुख के फोन जब्त कर लिए गए थे. उन्हें सेक्टर कमांडर के दफ्तर ले जाया गया और गिरफ्तारी के आदेश पर हस्ताक्षर करने को कहा गया." खबरों में कहा गया था कि आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद महर को जाने दिया गया था.
मीडिया से बात करते पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी.
सिंध में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) की सरकार है जो इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी का विरोध करती है. पीपीपी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने सार्वजनिक रूप से सेना और देश की खुफिया सेवा के मुखियाओं से कहा कि मामले की जांच की जाए क्योंकि इस घटना ने सारी हदें पार कर दी हैं.
एक अभूतपूर्व घटना में, महर के कथित अपहरण के विरोध में सिंध के दर्जनों पुलिस अधिकारियों ने छुट्टी की अर्जी दे दी थी. लेकिन सेना प्रमुख द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद सिंध पुलिस ने कहा कि महर ने अपनी छुट्टी की अर्जी को टालने का फैसला किया है और अपने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे जांच के नतीजे आने तक अपनी अपनी अर्जियां टाल दें. सीके/एए (रॉयटर्स)
कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन के परीक्षण में शामिल एक व्यक्ति की मौत हो गई है. हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि इसके बावजूद परीक्षण चलता रहेगा.
ब्राजील में इस वॉलंटियर की मौत की सूचना देश के स्वास्थ्य प्राधिकरण ने दी. एस्ट्राजेनेका ने घटना पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं दी. ट्रायल में कंपनी का साथ दे रहे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि काफी सावधानी से आकलन करने के बाद वो इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि इस मौत के बावजूद "क्लीनिकल ट्रायल की सुरक्षा के बारे में कोई चिंताएं उभर कर नहीं आई हैं."
विश्वविद्यालय ने परीक्षण जारी रखने की योजना की भी पुष्टि की. मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि अगर उस वॉलंटियर को कोविड-19 वैक्सीन दी गई होती तब तो परीक्षण स्थगित कर दिया जाता. इसका मतलब है कि मृतक उस कंट्रोल ग्रुप का हिस्सा था जिसे मेनिन्जाइटिस का इंजेक्शन दिया गया था.
ब्राजील में साओ पाउलो फेडरल विश्वद्यालय इस वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के समन्वय में मदद कर रहा है. उसने भी कहा कि एक स्वतंत्र समीक्षा समिति ने भी कहा है कि ट्रायल चलते रहना चाहिए. विश्वविद्यालय ने मृतक के ब्राजील के नागरिक होने की पुष्टि की लेकिन उसके बारे में और कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी.
ब्राजील के साओ पाउलो की पेडिएट्रिक डॉक्टर मोनिका लेवि जो वैक्सीन के ट्रायल में शामिल होने वाले 5000 व्यक्तियों में से एक हैं.
विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, "सब कुछ उम्मीद के अनुसार ही चल रहा है और हिस्सा लेने वाले किसी भी व्यक्ति के संबंध में वैक्सीन से जुड़ी कोई भी गंभीर समस्या अभी तक सामने नहीं आई है." 10,000 लोगों को इसमें शामिल करने की योजना थी, जिनमें से 8,000 को भर्ती कर लिया गया है. उन्हें ब्राजील के छह शहरों में पहली खुराक दे दी गई है. कइयों को तो दूसरी खुराक भी दे दी गई है.
मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया कि मृतक 28 साल का पुरुष था, रियो दे जनेरो में रहता था और उसकी मृत्यु कोविड-19 से संबंधित परेशानियों की वजह से हुई. इस बीच एस्ट्राजेनेका के शेयर 1.8 प्रतिशत गिर गए. ब्राजील की सरकार की योजना है कि वो इस वैक्सीन को खरीद कर रियो दे जनेरो में एक बायोमेडिकल रिसर्च केंद्र फियोक्रूज में उसका उत्पादन करेगी.
इसके साथ साथ ही चीनी कंपनी सिनोवैक बायोटेक द्वारा बनाई जा रही एक और वैक्सीन का परीक्षण साओ पाउलो सरकार के रिसर्च केंद्र बुटांतां इंस्टीट्यूट में चल रहा है. लेकिन देश के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने बुधवार को कहा की केंद्र सरकार सिनोवैक वैक्सीन को नहीं खरीदेगी.
ब्राजील अमेरिका के बाद कोरोना वायरस महामारी से दूसरा सबसे बुरी तरह से प्रभावित देश है. ब्राजील में कोविड-19 से अभी तक 1,54,000 से भी ज्यादा लोग मारे गए हैं. संक्रमण के कुल मामलों में ब्राजील अमेरिका और भारत के बाद तीसरे नंबर पर है. वहां संक्रमण के 50 लाख से भी ज्यादा मामले सामने आए हैं.
सीके/एए (रॉयटर्स)
जर्मन कैबिनेट ने बच्चों के साथ यौन दुर्व्यहार करने वालों और बाल पोर्नोग्राफी की सामग्री रखने वालों को सख्त सजा दिए जाने का फैसला लिया है. हाल के सालों में जर्मनी में बाल यौन दुराचार के कई बड़े मामले सामने आए हैं, जिनके मद्देनजर इसकी मांग उठ रही थी.
कानूनी भाषा में अब तक जिसे "यौन दुर्व्यवहार'' कहा जाता था, उसे "बच्चों के खिलाफ यौन अपराध'' कहा जाएगा. भाषा में कड़ाई लाने के साथ साथ ऐसे अपराधों के लिए सुनाई जाने वाली सजा को भी और सख्त बनाया गया है. अब बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के दोषी पाए जाने पर एक साल से लेकर 15 साल तक की जेल की सजा सुनाई जा सकती है. अब तक इसकी न्यूनतम सजा केवल छह महीने और अधिकतम 10 साल होती है.
चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी सामग्री को फैलाने का अपराध करने वालों को एक से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा. फिलहाल ऐसे मामलों में तीन महीने से लेकर पांच साल की सजा का ही प्रावधान है. केवल कुछ अपवाद मामलों में ही 15 साल की अधिकतम सजा हो सकती है. चाइल्ड पोर्नोग्राफी की सामग्री खरीदने और उसे अपने पास रखने के अपराध में किसी दोषी को एक से पांच साल की जेल हो सकती है. फिलहाल इसके लिए अधिकतम तीन साल की ही सजा का प्रावधान है.
भविष्य में बच्चों जैसी सेक्स डॉल बनाने और उसके वितरण के लिए जुर्माना या फिर पांच साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है. वहीं ऐसी सेक्स डॉल को खरीदने और अपने पास रखने के जुर्म में दोषी को तीन साल तक जेल की सजा काटनी पड़ सकती है.
बच्चों के साथ होने वाले यौन दुर्व्यवहार के मामलों की सुनवाई के लिए ऐसे जजों की व्यवस्था करने की बात कही गई है, जिनके पास ऐसे मामलों से जुड़ी कोई विशेष योग्यता हो. जर्मनी की न्याय मंत्री क्रिस्टीने लाम्ब्रेष्ट ने इस बारे में जारी बयान में कहा है, "अपराधियों को पकड़े जाने से ज्यादा डर किसी और बात का नहीं होता. इसलिए हमें भी उनका पता लगाने के लिए दबाव बढ़ाना होगा. ऐसे घृणित अपराधों की सजा भी उतनी ही गंभीर होनी चाहिए.'' अभी इस कानून को संसद की मंजूरी मिलना बाकी है.
त्बिलिसी, 22 अक्टूबर (स्पूतनिक)। जॉर्जिया के जुगदिदि शहर में सुरक्षा बलों ने बंदी बनाए गए 40 से ज्यादा बंधकों को सुरक्षित रिहा कराया है जबकि सुरक्षा अभियान अभी भी जारी है। गृह मंत्रालय ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
बुधवार को एक बंदूकधारी ने जुगदिदि में बैंक ऑफ जॉर्जिया के दफ्तर में लोगों को बंधक बना लिया था। आरोपी ने हालांकि बाद में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।
मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "मंत्रालय बताया चाहता है कि सुरक्षा बलों ने घटना स्थल पर गतिविधियां अभी खत्म नहीं की है और बचाव अभियान जारी है। एजेंसी एक बार फिर लोगों को आगाह करती है कि वे किसी भी तरह के भ्रम में ना आएं जो चल रहे अभियान में बाधा पैदा कर सकती है।"
बयान में कहा, "इस वक्त 43 बंधकों को बैंक की इमारत से बाहर निकाला जा चुका है और पुलिस ने इन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। घटना स्थल पर जांच जारी है।"
न्यूयॉर्क, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को कहा कि अगले सप्ताह नई दिल्ली में भारत और अमेरिका के शीर्ष विदेशी मामलों की दो प्लस दो मंत्रिस्तरीय बैठक में चीन से उत्पन्न खतरों पर चर्चा होगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें यकीन है कि अगले मंगलवार की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि कैसे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा उत्पन्न खतरों को विफल करने के लिए हम मिलकर काम कर सकते हैं।
पोम्पियो ने कहा कि वह विशेष रूप से उस बैठक का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें वह और रक्षा सचिव माइक ओस्लो भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक करेंगे।
कोविड-19 महामारी की वजह से दोनों देशों के बीच हर साल होने वाली टू प्लस टू (दो जमा दो) बैठक में देरी पर उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि हम उनसे मिलने जा रहे हैं।"
चीन के साथ बिगड़ते रिश्तों के बीच नई दिल्ली 27 अक्टूबर को तीसरी भारत-अमेरिका 'टू-प्लस-टू' मंत्री स्तरीय चर्चा की मेजबानी करेगा।
अमेरिका-भारत की 'टू-प्लस-टू' वार्ता अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से कुछ हफ्ते पहले ही आयोजित होनी है। इसके अलावा यह वार्ता ऐसे समय पर हो रही है, जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास तनाव चल रहा है। इस शीत युद्ध जैसे तनाव के मद्देनजर अमेरिका और भारत के बीच होने वाली वार्ता महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
वहीं भारत में विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर वार्ता के लिए 26 और 27 अक्टूबर को भारत का दौरा करेंगे। वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।
भारतीय पक्ष से राजनाथ और यशंकर अपने-अपने मंत्रालयों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
प्रथम 'टू-प्लस-टू' वार्ता सितंबर 2018 में दिल्ली में हुई थी, जिसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस तंत्र को मंजूरी दी थी। वार्ता का दूसरा संस्करण पिछले साल दिसंबर में वाशिंगटन में हुआ था। मंत्री स्तरीय वार्ता का नया ढांचा, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के लिए आगे की ओर सोच रखने वाली दूरदृष्टि मुहैया करने को लेकर तैयार किया गया।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्वीकार किया है कि एक चीनी बैंक में उनका खाता है.
इस बैंक खाते को ट्रंप इंटरनेशनल होटल्स मैनेजमेंट नियंत्रित करता है और वर्ष 2013 से 2015 के बीच इस बैंक खाते से स्थानीय करों का भुगतान भी किया जाता रहा.
डोनाल्ड ट्रंप के प्रवक्ता के अनुसार, एशिया में होटल इंडस्ट्री से जुड़े सौदों की संभावनाएं तलाशने के लिए यह बैंक खाता खोला गया था.
राष्ट्रपति ट्रंप चीन में व्यापार करने वाली अमरीकी कंपनियों की आलोचना करते रहे हैं और उन्होंने चीन के ख़िलाफ़ व्यापारिक युद्ध छेड़ रखा है.
न्यूयॉर्क टाइम्स अख़बार ने डोनाल्ड ट्रंप के टैक्स रिकॉर्ड से उनके इस बैंक खाते के बारे में पता लगाया, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप के व्यक्तिगत और कंपनी, दोनों के वित्तीय विवरण शामिल थे.
अख़बार ने अपनी पिछली रिपोर्ट में दावा किया था कि साल 2016-2017 में जब ट्रंप अमरीका के राष्ट्रपति बने थे, तब अमरीकी फ़ेडरल टैक्स के तौर पर उन्होंने सिर्फ़ 750 अमरीकी डॉलर का भुगतान किया था.
ट्रंप चीन के मामले में बाइडन के नज़रिये की आलोचना करते हैं
हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप उस रिपोर्ट पर यह सफ़ाई दे चुके हैं कि उन्होंने टैक्स बचाने के तमाम नियमों का फ़ायदा उठाया, इस वजह से उन्हें इतना कम टैक्स देना पड़ा.
अख़बार की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के चीनी बैंक खाते से स्थानीय करों में 1,88,561 अमरीकी डॉलर का भुगतान किया गया.
अमरीका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है और इसके लिए प्रचार करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप अपने प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन और चीन को लेकर उनकी नीतियों की आलोचना करते रहे हैं.
अपनी बात में दम फूँकने के लिए ट्रंप प्रशासन की ओर से कई बार ऐसे संकेत भी दिए गए हैं कि डेमोक्रैट पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन के बेटे हंटर और चीन के बीच व्यापारिक संबंध हैं.
विदेशी बैंकों में खाते
ट्रंप की कंपनी के वकील एलन गार्टन ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया है कि 'ट्रंप इंटरनेशनल होटल्स मैनेजमेंट ने अमरीका में स्थित एक चीनी बैंक में अपना खाता इसलिए खोला था ताकि स्थानीय करों का भुगतान करना आसान हो जाए.'
गार्टन ने दलील दी कि '2015 के बाद से इस चीनी बैंक खाते से ट्रंप की टीम की ओर से कोई सौदा, लेन-देन या अन्य व्यावसायिक गतिविधियाँ नहीं की गईं. हालांकि, यह बैंक खाता खुला रहा, पर इसका उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए कभी नहीं किया गया.'
डोनाल्ड ट्रंप अमरीका के राष्ट्रपति बनने से पहले एक अंतरराष्ट्रीय व्यापारी रहे हैं जिनके रियल-एस्टेट के अलावा कई काम-धंधे हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप के चीन के अलावा, ब्रिटेन और आयरलैंड के बैंकों में भी खाते हैं.
'चीन पर हमारी निर्भरता ख़त्म'
अगस्त में, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि वे उन अमरीकी कंपनियों को टैक्स क्रेडिट देना चाहेंगे जो अपने कारखानों को चीन से बाहर स्थानांतरित करने को तैयार हैं.
उन्होंने उन अमरीकी कंपनियों से सरकारी अनुबंध छीनने की धमकी भी दी थी जो चीन के लिए काम करना जारी रखेंगी.
अपने एक भाषण में डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा कि हम 10 महीने में (10 मिलियन) एक करोड़ नौकरियाँ पैदा करेंगे. इसके साथ उन्होंने कहा कि "हम चीन पर अपनी निर्भरता को समाप्त करेंगे."
मगर इसके विपरीत, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि कैसे डोनाल्ड ट्रंप चीन में व्यापार करने की संभावनाएं तलाशते रहे हैं. साल 2012 में शंघाई में एक कार्यालय खोलने के साथ ही उनके प्रयासों में तेज़ी आयी.
टैक्स रिकॉर्ड बताते हैं कि ट्रंप ने बीते कुछ वर्षों में, विशेष रूप से चीन में अपनी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए बनाई गई पाँच छोटी कंपनियों में कम से कम 1,92,000 अमरीकी डॉलर का निवेश किया.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, चीन में अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप की योजनाओं को मोटे तौर पर ट्रंप इंटरनेशनल होटल्स मैनेजमेंट संचालित करता है.
यह न्यूज़ रिपोर्ट और इससे सामने आईं जानकारियाँ क्या चुनाव को प्रभावित कर पाएंगी, यह वक़्त बताएगा.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग में अब सिर्फ़ दो हफ़्ते शेष हैं. गुरुवार को राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन के बीच एक बार फिर सीधी बहस होने वाली है.
अब तक ओपीनियन पोल्स में डेमोक्रैट पार्टी की स्पष्ट बढ़त बनी हुई है.
राष्ट्रपति ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप अब भी प्रचार अभियान से बाहर हैं. बताया गया है कि वे अब भी कोरोना संक्रमण से जुड़े कुछ लक्षणों का सामना कर रही हैं.
बुधवार को पहली बार, अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन के लिए प्रचार में उतरने वाले हैं. वहीं राष्ट्रपति ट्रंप बुधवार को नॉर्थ कैरोलाइना के गैसटोनिया में एक चुनावी सभा करेंगे.(bbc)
नई दिल्ली/इस्लामाबाद, 21 अक्टूबर | पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद और पीएमएल (एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज शरीफ के पति को गिरफ्तार करना इमरान सरकार और पाकिस्तानी सेना के लिए भारी पड़ गया है। इस बीच सिंध पुलिस प्रमुख को कथित तौर पर अगवा किए जाने के बाद कराची में पुलिस अधिकारियों ने सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी दी है।
इस मुद्दे पर पाकिस्तान में इन दिनों सियासी भूचाल मचा हुआ है और यहां सेना और पुलिस आमने-सामने आ गए हैं।
इस्लामाबाद के सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दलों और सेना के बीच चल रही तनातनी के साथ ही पाकिस्तान तेजी से गृहयुद्ध जैसी स्थिति की ओर बढ़ रहा है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह की अध्यक्षता में सिंध प्रांत के कराची में, सिंध पुलिस ने पाकिस्तान सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी और पीएमएल (एन) की उपप्रमुख मरियम के पति सफदर अवान की गिरफ्तारी के लिए सेना की ओर से दबाव डाले जाने पर कड़ा विरोध जताते हुए छुट्टी पर जाने की धमकी दे दी है।
सूत्रों ने कहा कि सिंध पुलिस महानिरीक्षक मुश्ताक महर और कम से कम दो एआईजी, सात डीआईजी और सिंध पुलिस के छह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) ने मंगलवार को छुट्टी पर जाने के लिए आवेदन किया है।
सूत्रों ने कहा कि इन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कैप्टन (रिटायर्ड) सफदर के खिलाफ 'एफआईआर दर्ज करने के प्रकरण' के कारण यह फैसला लिया है।
सिंध पुलिस ने सोमवार को मरियम नवाज शरीफ के पति और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद सफदर अवान को कराची के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया था।
दरअसल, पीएमएल (एन) की उपाध्यक्ष ने 11 विपक्षी दलों के महागठबंधन पीपुल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की विशाल रैली में इमरान खान सरकार पर जमकर निशाना साधा था। इसके कुछ घंटों के बाद ही उनके पति को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद सियासी संग्राम छिड़ गया और इमरान खान सरकार की चहुंओर किरकिरी हुई। हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो-जरदारी ने एक ट्वीट करते हुए इस घटनाक्रम पर सेना और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से सफदर की गिरफ्तारी को लेकर सवाल पूछा, जिसके बाद पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने सफदर अवान की गिरफ्तारी की जांच के आदेश दिए।
पाकिस्तानी मीडिया ने बिलावल के हवाले से कहा कि सिंध पुलिस प्रमुख को सफदर की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले ही पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया विंग ने अगवा कर लिया था। बिलावल ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान सेना ने सिंध पुलिस पर सफदर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव डाला।
डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पीएमएल (एन) नेता और सिंध के पूर्व गवर्नर मुहम्मद जुबैर की ओर से एक कथित ऑडियो संदेश एक पत्रकार द्वारा साझा किया गया है। इसमें जुबैर ने आरोप लगाया कि सिंध के पुलिस महानिरीक्षक मुश्ताक का अपहरण कर लिया गया है और उन पर मरियम, उनके पति सफदर और 200 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का दबाव डाला गया था। पुलिस प्रमुख पर मोहम्मद अली जिन्ना के मकबरे की पवित्रता के कथित उल्लंघन के लिए यह कार्रवाई करने का दबाव डाला गया।
सफदर की गिरफ्तारी से उत्पन्न तनाव के कारण सिंध के पुलिस अधिकारियों की ओर से आईजीपी महर को दी गई छुट्टी की अर्जी में कहा है कि उनके लिए "पेशेवर तरीके से कर्तव्य निभाना" मुश्किल हो गया है।(आईएएनएस)
ढाका, 21 अक्टूबर | बांग्लादेश की शिक्षा मंत्री दीपू मोनी ने बुधवार को कहा कि देश में स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए नंवबर में खोले जाने की संभावना नहीं है। पहले इस बारे में संकेत दिए गए थे कि स्कूलों को नवंबर में खोला जा सकता है। स्कूलों को खोले जाने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, "मौजूदा परिस्थितियों में, जहां ये शैक्षणिक संस्थान दोबारा खोले गए थे, उन अधिकतर जगहों पर ये संस्थान बंद करने की प्रक्रिया में हैं।"
उन्होंने कहा, "सभी जगह कोरोनावायरस के दूसरी लहर को लेकर चिंता है। इसलिए हमने कोरोना की स्थिति को लेकर राष्ट्रीय सलाकहार समिति में चर्चा करेंगे।"
उन्होंने कहा, "हम तभी स्कूलों को खोल सकते हैं, जब हमें लगेगा कि हमारे छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को स्वास्थ्य के लिहाज से कोई खतरा नहीं है। इस समय यह कहना मुश्किल है कि वास्तव में स्कूलों को कब खोला जाएगा।"
बांग्लादेश में अबतक कोरोनावायरस के 3,90,206 मामले दर्ज किए गए हैं और इस महामारी से 5699 लोगों की मौत हुई है।(आईएएनएस)
काबुल, 21 अक्टूबर| अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में बुधवार को पाकिस्तान के लिए वीजा लेने में लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी और इस दौरान अचानक मची भगदड़ में कम से कम 12 महिलाओं की पैरों से कुचलकर मौत हो गई है, जबकि 12 अन्य घायल हो गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, नंगरहार प्रांत में सरकार की ओर से एक प्रवक्ता अत्ताउल्लाह खोगयानी के हवाले से टोलो न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह घटना यहां पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास के करीब हुई है।
हर रोज की तरह दूतावास के बाहर हजारों की संख्या में लोग जमा हुए थे, कुछ तो यहां रात से ही लाइन में लगकर अपनी पारी का इंतजार कर रहे थे।
इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुए अफगानिस्तान में पाकिस्तान के दूतावास ने ट्वीट किया, "पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास से 5 किलोमीटर दूर जलालाबाद के एक स्टेडियम में अफगान प्रांतीय अधिकारियों द्वारा वीजा आवेदकों के लिए किए गए आयोजन में हताहतों की मिली जानकारी पर गहरा दुख हुआ। हम पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति रखते हैं।"(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 21 अक्टूबर| मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी की तुर्की की रहने वाली मंगेतर हैटिस सेनगिज ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर हत्या का आदेश देने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया है। बीबीसी के मुताबिक, हैटिस सेनगिज और खशोगी द्वारा मौत के पहले गठित डेमोक्रेसी फॉर द अरब वर्ल्ड नाउ (डॉन) ने वाशिंगटन डीसी में मंगलवार को मुकदमा दायर किया।
मुकदमे में, सेनगिज ने खशोगी की मौत से हुए व्यक्तिगत नुकसान और वित्तीय नुकसान का दावा किया, जबकि अधिकार समूह ने आरोप लगाया कि इसके संचालन में बाधा उत्पन्न हुई।
बीबीसी ने मुकदमे के हवाले से कहा, "हत्या का उद्देश्य स्पष्ट था, अरब दुनिया में लोकतांत्रिक सुधार लाने के लिए अमेरिका में पैरवी कर रहे खशोगी को रोकना।"
इसमें कहा गया है कि सऊदी सरकार के प्रमुख आलोचक खशोगी की मोहम्मद बिन सलमान के निर्देश पर हत्या कर दी गई।
मुकदमा दायर करने के बाद, सेंगिज और अधिकार निकाय के वकीलों ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि इसका फोकस अमेरिकी कोर्ट द्वारा क्राउन प्रिंस को हत्या का उत्तरदायी ठहराने और सच्चाई को उजागर करने वाले दस्तावेजों को प्राप्त करने पर है।
सेंगिज ने एक बयान में कहा, "जमाल का मानना था कि अमेरिका में कुछ भी संभव है और मैं न्याय और जवाबदेही प्राप्त करने के लिए अमेरिकी सिविल जस्टिस सिस्टम में अपना भरोसा रखती हूं।"
जानेमाने पत्रकार खशोगी की 2 अक्टूबर, 2018 को इस्तांबुल में सऊदी काउंसलेट की यात्रा के दौरान सऊदी एजेंटों की एक टीम ने हत्या कर दी थी। सेनगिज से शादी करने के लिए वह वहां जरूरी कागजात लेने गए थे।
क्राउन प्रिंस ने हत्या में अपना हाथ होने से इनकार किया है। (आईएएनएस)
अमेरिकी सरकार ने गूगल के कथित व्यापार एकाधिकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. गूगल पर ऑनलाइन खोज में प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है.
दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल के खिलाफ मुकदमा अमेरिकी न्याय विभाग और 11 अलग-अलग अमेरिकी राज्यों द्वारा देश के एंटीट्रस्ट कानून के कथित उल्लंघन के मामले में दायर किया गया है. गूगल पर आरोप है कि वह ऑनलाइन खोज में प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग कर रही है. गूगल के खिलाफ मुकदमे को वॉशिंगटन डीसी की संघीय अदालत में दाखिल किया गया है. मुकदमा दाखिल करने की कयास लंबे अरसे से लगाई जा रही थी.
करीब 20 साल पहले इसी तरह का मुकदमा सरकार ने माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ किया था और इस नए मुकदमे को ग्राहकों के हित के लिए बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि यह मामला जमीनी स्तर पर प्रतिस्पर्धा को बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाया गया जरूरी कदम है.
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च और विज्ञापन में अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल प्रतिस्पर्धा को खत्म करने और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने में किया है. गूगल ने फिलहाल इस मुकदमे पर टिप्पणी से इनकार किया है.
गूगल की मालिक अल्फाबेट इंक है और जब कभी भी इंटरनेट का जिक्र होता है तो गूगल का ही नाम आता है. सर्च इंजन के रूप में यही सबसे एक्टिव भी है. यूजर गूगल के माध्यम से किसी भी ऑनलाइन खोज को अंजाम देते हैं और इसका फायदा गूगल को होता है. सर्च इंजन के रूप में गूगल को हर साल साल अरबों डॉलर का मुनाफा होता है. मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि गूगल फोन निर्माता कंपनी को यह सुनिश्चित करने के लिए पैसे देता है कि डिफॉल्ट सर्च इंजन उसका ही हो.
एकाधिकार को चुनौती
गूगल का कारोबार इतना सफल है कि 2019 में उसका राजस्व 162 अरब डॉलर था. गूगल की मूल कंपनी एल्फाबेट इंक है और इसका बाजार मूल्य 1,000 अरब डॉलर से अधिक है. गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा दायर मुकदमे को राजनीतिक चाल कहा जा रहा है. कुछ विशेषज्ञ यह कदम राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के राजनीतिक चुनावी वादों का भी हिस्सा कह रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपने समर्थकों को अतीत में बार-बार आश्वासन दिया था कि वे बड़ी कंपनियों को जवाबदेह ठहराएंगे.
जिस तरह अब अमेरिका में गूगल के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है, उसी तरह पिछले समय विदेश में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. उदाहरण के लिए 2019 में यूरोपीय संघ ने विभिन्न वेबसाइटों के माध्यम से अपने प्रतिद्वंद्वियों को विज्ञापन देने वाली कंपनियों की खोज में बाधा डालने के लिए गूगल पर जुर्माना लगाया था. एए/सीके (रॉयटर्स, एपी)
कराची, 21 अक्टूबर| पाकिस्तान में कराची के गुलशन-ए-इकबाल इलाके में बुधवार को एक बहुमंजिला इमारत में विस्फोट होने से कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई है और 20 लोग घायल हो गए हैं। समाचार एजेंसी डॉन की खबर के अनुसार, दूसरी मंजिल पर हुए इस विस्फोट के कारण का अभी पता नहीं लगा है लेकिन एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि यह 'सिलेंडर ब्लास्ट का मामला लगता है'।
टीवी फुटेज से पता चलता है कि मसकन चौरंगी के पास स्थित इस इमारत का बुनियादी ढांचा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट के कारण आसपास की इमारतों की खिड़कियां और कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।
सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने कराची के आयुक्त को मामले की एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
डॉन न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इससे एक दिन पहले ही शहर की शीरिन जिन्ना कॉलोनी के पास एक बस टर्मिनल के गेट पर बम फटने से 5 लोग घायल हो गए थे।
जांचकर्ताओं ने कहा कि एक तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (आईईडी) को टर्मिनल के गेट पर लगाया गया था। (आईएएनएस)
काबुल, 21 अक्टूबर। अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के बाहर मंगलवार को भगदड़ मचने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गये।
जलालाबाद के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि भगदड़ उस समय मची जब करीब 3,000 अफगानिस्तानी वीजा के लिए आवेदन करने के लिए पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के बाहर खुले मैदान में एकत्रित हुये थे।
प्रांतीय परिषद के सदस्य सोहराब कादरी ने बताया कि समस्या उस समय शुरू हुई जब दूतावास के बाहर खड़े लोग वीजा वावेदन के लिए टोकन पाने के लिए एक दूसरे को धक्का देने लगे और इसके तुरंत बाद भीड़ के अनियंत्रित हो जाने के कारण भगदड़ मच गई।
उन्होंने बताया कि भगदड़ में मरने वाले 15 लोगों में से 11 महिलाएं हैं और घायलों में कई वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं।
हजारों अफगानिस्तानी हर वर्ष बेहतर चिकित्सा उपचार, शिक्षा और नौकरियां पाने के लिए पड़ोसी देश पाकिस्तान की यात्रा करते हैं। दोनों देश करीब 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। (univarta.com)
मास्को, 21 अक्टूबर (स्पूतनिक)। रूस में पिछले 24 घंटों के दौरान 23 जंगलों के करीब 800 एकड़ क्षेत्र पसरी आग को काबू में किया गया है।
यह जानकारी रूस के एरियल फॉरेस्ट प्रोटेक्शन सर्विस ने दी है। विभाग ने कहा, वानिकी निगरानी सेवाओं के अनुसार रूस में पिछले 24 घंटों (20 अक्टूबर 2020) में 23 वन क्षेत्र के 803 एकड़ में फैली आग को बुझा दिया गया। इससे एक दिन पहले 28 जंगलों के 1,416 एकड़ क्षेत्री में फैली आग को बुझाया गया था। (univarta.com)
वाश्ंिागटन, 21 अक्टूबर (स्पूतिनक)। अमेरिका में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की वास्तिवक संख्या मौजूदा समय के आधिकारिक आंकड़ों से लगभग दोगुनी हो सकती है।
अमेरिका के रोक नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें यह अनुमान लगाया है। केंद्र ने देश में पहले आठ महीनों में हुई मौतों के आधार पर यह आकलन किया है। केंद्र ने अपनी रिपोर्ट वर्ष 2015-2019 के डाटा का इस्तेमाल कर सभी तरह के कारणों से होने वाली मौतों का औसत निकाल कर तैयार किया है।
केंद्र ने कहा, जनवरी 2020 के अंत से तीन अक्टूबर 2020 के बीच देश में लगभग 299,028 लोगों की मौत हुयी है और इनमें से 198,081 यानी 66 प्रतिशत मौतें कोविड-19 के कारण हुयी है। 25 साल से 44 वर्ष आयु के व्यक्तियों की मृत्यु में काफी बढ़ोतरी हुयी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 अक्टूबर तक कोरोना वायरस से आधिकारिक तौर पर 216,025 लोगों की कोरोना के कारण मौत हुयी थी, लेकिन हकीकत में यह संख्या इससे अधिक रही होगी। (univarta.com)
कराची, 21 अक्टूबर। पाकिस्तान के कराची में बुधवार को गुलशन-ए-इकबाल के मसकन चौरंगी में दो मंजिला इमारत में विस्फोट हुआ है जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है और 15 घायल हो गए।
डान न्यूज के अनुसार धमाके से आसपास की इमारतों की खिड़कियां भी चकनाचूर हो गई हैं। अधिकारियों के अनुसार सभी घायलों और मृतकों को पटेल अस्पताल ले जाया गया है। विस्फोट के कारण का हालांकि अभी तक पता नहीं चला है। मुबीना टाउन पुलिस थानाध्यक्ष ने कहा कि यह एक सिलेंडर विस्फोट लगता है।
थानाध्यक्ष ने कहा कि बम निरोधक दस्ता विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए घटनास्थल पहुंच रहा है।
कानून प्रवर्तन एजेंसियां और बचाव अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। एलएएएस ने इस क्षेत्र को बंद कर दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट से आसपास की इमारतों की खिड़कियों के साथ-साथ कुछ वाहनों को भी नुकसान हुआ है। (univarta.com )
इस्लामाबाद, 21 अक्टूबर| पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की संभावना फिलहाल नहीं है क्योंकि यह ग्लोबल वॉचडॉग एक्शन प्लान के अनुपालन में 27 में से छह बिंदुओं का पालन करने में नाकाम रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में राजनयिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में मंगलवार को सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि पाकिस्तान "अगले साल जून तक ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में सफल होगा।"
यह रिपोर्ट ग्रुप के वर्चुअल प्लेनरी सेशन से एक दिन पहले आई है, जो 27 पॉइंट एक्शन प्लान पर पाकिस्तान की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा करेगी।
सत्र का समापन शुक्रवार को होगा।
मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक वित्तपोषण के खिलाफ पर्याप्त कदम उठाने में विफल रहने के लिए पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था।
इसके बाद एक चेतावनी के साथ 27-सूत्रीय कार्य योजना दी गई और अगर पाकिस्तान इसका अनुपालन करने में विफल रहता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है।
कोरोनावायरस महामारी के कारण पाकिस्तान को अपनी 27 सूत्रीय कार्ययोजना को पूरा करने के लिए तीन महीने का और समय मिल गया है।
इस साल की समय सीमा जून थी लेकिन एफएटीएफ ने अपनी प्लेनरी सेशन के स्थगन के कारण इसे बढ़ा दिया था। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, दुनिया में कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या बढ़कर 40.7 मिलियन यानि कि 4 करोड़ से अधिक हो गई है और मृत्यु संख्या बढ़कर 11 लाख से अधिक हो गई है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक बुधवार की सुबह तक दुनिया में कोविड के कुल मामलों की संख्या 4,07,28,371 और मृत्यु संख्या 11,23,967 हो गई थी।
इसके साथ ही दुनिया में कोरोना का सबसे अधिक प्रकोप झेलने वाले देश अमेरिका में 82,72,427 मामले और 2,20,992 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। 75,97,063 मामलों और 1,15,197 मौतों के साथ भारत दूसरे स्थान पर है। वहीं मौतों की संख्या में ब्राजील दुनिया में दूसरे नंबर पर है, यहां अब तक 1,54,837 मौतें हो चुकी हैं।
मामलों की संख्या में अमेरिका और भारत के बाद ब्राजील (52,73,954), रूस (14,22,775), अर्जेंटीना (10,18,999), स्पेन (9,88,322), कोलंबिया (9,74,139), फ्रांस (9,73,275), पेरू (8,70,876), मेक्सिको (8,60,7144), यूके (7,65,487), दक्षिण अफ्रीका (7,06,304), ईरान (5,39,670), चिली (4,94,478), इराक (4,34,598), इटली (4,34,449) और बांग्लादेश (3,90,206) हैं।
वहीं 10 हजार से ज्यादा मौतों वाले देशों में मेक्सिको (86,893), यूके (44,057), इटली (36,705), स्पेन (34,210), फ्रांस (33,928), पेरू (33,820), ईरान (31,034), कोलम्बिया (29,272), अर्जेंटीना (27,100), रूस (24,473), दक्षिण अफ्रीका (18,656), चिली (13,702), इंडोनेशिया (12,734), इक्वाडोर (12,404), बेल्जियम (10,489) और इराक (10,366) हैं।
नासा ने एक टेस्ट अंतरिक्ष यान ओसिरिस रेक्स अंतरिक्ष में भेजा है. वह मंगलवार को छुद्र ग्रह बेनू के अत्यंत करीब पहुंच रहा है और वहां अपनी जांच शुरू करेगा. बाद में वह वहां से रोबोट से इकट्ठा किए जाने वाले सैंपल को धरती पर भेजेगा.ओसिरिस रेक्स ओरिदिन, स्पेक्ट्रल इंटरप्रेटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन और सिक्योरिटी रेगोलिथ एक्प्लोरर का छोटा रूप है और उसका काम बेनू छुद्र ग्रह से सैंपल लाना है. बेनू को 500,000 छुद्र ग्रहों में से चुना गया है.
बेनू स्याह कचरे का ढेर है जो धरती से 29 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित है. करीब 550 मीटर व्यास का बेनू अगले 150 साल में धरती के बहुत करीब पहुंच सकता है. भले ही उस समय धरती से टक्कर का जोखिम बहुत कम है लेकिन नासा इस ग्रह को इस समय सबसे खतरनाक छुद्रग्रह मान रहा है. ओसिरिस रेक्स को 2016 में अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था और वह बड़े वैन के आकार का है. उसे बेनू तक पहुंचने में दो साल लगे. तब से छह मीटर लंबा और 2,100 किलो भारी टेस्ट यान छुद्र ग्रह के चक्कर काट रहा है.
छुद्र ग्रह की सतह से सैंपल
जब ओसिरिस रेक्स बेनू के करीब पहुंचेगा तो उसकी रोबोट वाली बांह बाहर निकलेगी, जिसका नाम टागसैम है. वह ग्रह की सतह को पांच सेकंड के लिए छुएगा, नाइट्रोजन गैस छोड़ेगा ताकि सतह पर धूल उड़े और उसके बाद 60 से 2,000 ग्राम धूल इकट्ठा करेगा और उसके बाद आगे बढ़ जाएगा.
नासा की वेबसाइट पर लिखा है कि जीएमटी के अनुसार 21 बजे अंतरिक्ष टेस्ट यान के बेनू ग्रह के नजदीक पहुंचने काऑनलाइन प्रसारण किया जाएगा. यह अंतरिक्षयान तीन साल बाद सितंबर 2023 में धरती पर वापस लौटेगा. इस परियोजना पर 1 अरब डॉलर का खर्च आया है और नासा को उम्मीद है कि उसके लाए सैंपल से 4.5 अरब साल पुराने सौरमंडल की उत्पत्ति के राज खुलेंगे. छुद्र ग्रहों को सौरमंडल की उत्पत्ति के दौरान पैदा हुआ माना जाता है.
पहले भी हुई है कोशिश
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इससे पहले दो बार अंतरिक्ष यान के छुद्र ग्रह तक पहुंचने की कोशिश का सफल परीक्षण किया है. चूंकि टेस्ट यान ओसिरिस रेक्स धरती से 29 करोड़ किलोमीटर दूर है नासा से भेजे जाने वाले सिग्नल को वहां तक पहुंचने में 16 मिनट लगते है.
ओसिरिस रेक्स पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान है जो किसी छुद्रग्रह को भेजा गया है. 2005 में जापान ने अपना हायाबूसा टेस्ट यान एक छुद्रग्रह को भेजा था. वह 2010 में वहां की सतह से जमा सैंपल लेकर आया था. बाद में और भी यान भेजे गए लेकिन कोई सैंपल लेकर नहीं आया. (DW)
वाशिंगटन 21 अक्टूबर (स्पूतनिक)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीबीएस न्यूज चैनल के साथ अपने साक्षात्कार को अचानक समाप्त कर दिया।
श्री ट्रम्प ने मंगलवार को न्यूज चैनल के '60 मिनट्स' कार्यक्रम के लिए साक्षात्कार को लगभग 45 मिनट में ही समाप्त कर दिया। सीएनएन न्यूज ने सूत्रों के हवाले बताया कि सीबीएस न्यूज चैनल की होस्ट लेस्ली स्टाहल का मानना है कि उनके पास इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त मात्रा में सामग्री है। इस कार्यक्रम को मंगलवार को व्हाइट हाउस में शूट किया गया गया तथा इसे रविवार को प्रसारित किया जाएगा।
सीएनएन के अनुसार ट्रम्प को उपराष्ट्रपति माइक पेंस, अपने प्रतिद्वंदी एवं पूर्व उपराष्ट्रपति जोए बिडेन तथा उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कैलीफोर्निया सेन के साथ ही प्रोग्राम को शूट करवाना था, लेकिन वह दोबारा नहीं लौटे।
इस्लामाबाद, 21अक्टूबर (आईएएनएस)| जबरन धर्मातरण पर पाकिस्तानी संसदीय समिति के प्रमुख सीनेटर अनवर उल हक काकर ने एक चौंकाने वाले बयान में कहा कि सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण को जबरन घोषित नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें लड़कियों की कुछ हद तक इच्छा थी।
सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मातरण की घटनाओं के बारे में समिति के निष्कर्षो पर समिति के सदस्य एमएनए लाल चंद मल्ही और सिविल सोसाइटी कार्यकर्ता कृष्ण शर्मा के साथ हाल ही में हुई एक प्रेस वार्ता के दौरान काकर ने ये भयावह टिप्पणी की।
काकर ने कहा, "जबरन धर्म परिवर्तन की कई परिभाषाएं हैं और इस विषय पर समिति की ओर से बहस की गई है।"
उन्होंने कहा, "हालांकि बेहतर जीवनशैली की तलाश में किए जाने वाले धर्मांतरण को भी मजबूरन धर्मांतरण माना जाता है। काकर ने कहा कि आर्थिक कारणों को शोषण माना जा सकता है और बल नहीं, जैसा कि अंतत: सहमति के बाद होता है।"
काकर ने कहा कि एक पतली रेखा सहमति और शोषण को अलग करती है, सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों के धर्मातरण को जबरन नहीं माना जा सकता है।
उन्होंने कहा, "समिति, जिसमें अन्य धर्मों के सदस्य भी शामिल हैं, उन्हें हिंदू लड़कियों के अपहरण का कोई निशान नहीं मिले, जिन्होंने इस संबंध में बाद में अदालत में बयान भी दिए हैं।"
समिति के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने सिंध की अपनी यात्रा के दौरान एक पूर्ण सर्वेक्षण किया, जिसके दौरान उन्होंने सिंध सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों और यहां तक कि अभियुक्त समूहों के साथ सार्वजनिक बैठकें कीं, जो कथित रूप से धर्मांतरण के पीछे हैं।
समिति ने पीड़ितों के परिवारों से भी जबरन धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को बेहतर ढंग से समझने के लिए मुलाकात की।
काकर ने कहा, "स्थिति का सबसे खराब हिस्सा यह था कि परिवारों के दर्द और शर्म को ध्यान में नहीं रखा गया था। अगर हम सभी परिवारों को विश्वास में लेना शुरू कर देते हैं और उन्हें सांत्वना देने के लिए एक तंत्र तैयार करते हैं, तो जबरन धर्मांतरण के मामलों में कमी आएगी।"
उन्होंने कहा कि समिति ने पाया कि जबरन धर्म परिवर्तन के अधिकांश या सभी मामलों में लड़की की इच्छा और कुछ हद तक सहमति थी।
उन्होंने कहा, "हमने जो देखा वह यह है कि अधिकांश लड़कियों और लड़कों ने छिपकर शादी करने का फैसला किया। लेकिन ऐसा इसलिए था, क्योंकि दोनों के परिवार उन्हें जीवन साथी के रूप में स्वीकार नहीं करने वाले थे।"
लाल चंद मल्ही ने कहा कि राज्य को ऐसे जोड़ों को आश्रय और सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए जो स्वेच्छा से भाग जाते हैं, अपने धर्मो को स्वेच्छा से बदलते हैं और शादी करते हैं।
उन्होंने कहा, "जो लोग अपने घरों से भाग जाते हैं, उन्हें कुछ समय के लिए राज्य सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए, ताकि लड़की अपने फैसले को अंतिम रूप दे सके।"
कार्यकर्ता कृष्ण शर्मा ने जबरन धर्मातरण और अपहरण के मामलों में देश की संपूर्ण व्यवस्था, जिसमें पुलिस से लेकर अदालतें भी शामिल हैं, उन पर कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यही इस तरह के धर्मातरण की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "जब माता-पिता इस बात का प्रमाण पत्र पेश करते हैं कि लड़की की उम्र 18 साल से कम है, तो पुलिस आमतौर पर इस दस्तावेज को एफआईआर में शामिल नहीं करती है, लेकिन हमारे पास देश में महिला सुरक्षा कानून हैं और हमें उसे लागू करने की जरूरत है।"
संसदीय समिति उन मामलों पर चर्चा करने के लिए इस्लामिक विचारधारा की परिषद के साथ भी बैठक करेगी, जहां एक हिंदू लड़की एक मुस्लिम के साथ अदालत में शादी की सहमति व्यक्त करने के बाद अपने परिवार में वापस लौटना चाहती है।
न्यूजीलैंड, 20 अक्टूबर | आम चुनावों में जीत हासिल कर प्रधानमंत्री के रूप में देश की नई संसद का गठन करने जा रही जेसिंडा आर्डर्न यहां भी इतिहास रचने जा रही हैं. उनके नेतृत्व वाली सत्ताधारी लेबर पार्टी को इन चुनावों में भारी बहुमत मिला है. इस जीत का श्रेय कोरोना काल में प्रधानमंत्री आर्डर्न के बेहतरीन प्रदर्शन को दिया जा रहा है. गौर करने वाली बात यह है कि आर्डर्न के पास अपनी बहुमत वाली सरकार बनाने का विकल्प होने के बावजूद वह पूर्व सहयोगी दल ग्रीन पार्टी को अपने साथ लेकर चलना चाहती हैं.
उनकी लेबर पार्टी ने 120 में से 64 सीटें जीती हैं और विजयी सांसदों में भी आधी से ज्यादा महिलाएं हैं. उसके अलावा, मूल माओरी समुदाय के 16 सांसद चुन कर आए हैं. नई संसद के लिए पहली बार अफ्रीकी मूल के एक नेता इब्राहीम ओमार और श्रीलंकाई मूल की वानुषी वॉल्टर्स ने जीत हासिल की है.
देश की मासे यूनिवर्सिटी में ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज विभाग में प्रोफेसर पॉल स्पूनली का कहना है, "यह हमारी आज तक की सबसे विविधता वाली संसद होगी. लैंगिक विविधता के मामले में, सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के मामले में और मूल निवासियों के प्रतिनिधित्व के मामले में भी."
विश्व स्तर पर देखा जाए तो भी इस संसद में रेनबो समुदाय (एलजीबीटीक्यू समूह) से आने वाले सबसे ज्यादा सदस्य होंगे. न्यूजीलैंड की 120 सीटों वाली संसद के करीब 10 फीसदी सदस्य घोषित रूप से लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल या ट्रांसजेंडर हैं. देश के वित्त मंत्री ग्रांट रॉबर्टसन भी घोषित तौर पर समलैंगिक हैं.
हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में ग्रीन पार्टी के 10 सदस्य संसद में पहुंचे हैं. इनमें से भी अधिकतर महिलाएं, स्थानीय समुदाय के नेता या फिर एलजीबीटीक्यू समूह के लोग हैं. प्रोफेसर स्पूनली बताते हैं कि नई संसद में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा युवा नेता हैं, जिनमें कई मिलेनियल भी हैं. मिलेनियल मोटे तौर पर उस पीढ़ी के लोगों को कहते हैं जो सन 1980 की शुरुआत से लेकर सन 2000 के बीच पैदा हुए हैं. प्रोफेसर स्पूनली बताते हैं कि इस बार देश ने संसद से ऐसे कई "बुजुर्ग और श्वेत सांसदों की विदाई देखी है जो 30 सालों से लंबे समय से संसद में बने हुए थे."
खुद प्रधानमंत्री आर्डर्न की विश्व पटल पर पहचान 2017 में ही बनी जब 37 साल की उम्र में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री बनने वाली वह विश्व की सबसे युवा राष्ट्रप्रमुख बनीं. अब दूसरे कार्यकाल में उनसे उम्मीद लगाई जा रही है कि वह इतनी विविधता भरी संसद के साथ देश को और भी प्रगतिशील बनाएंगी. आर्डर्न को दुनिया भर में और खासकर उनके अपने देश में महिला अधिकारों की समर्थक, बराबरी और अलग अलग किस्म के लोगों को साथ लेकर चलने वाली आधुनिक नेता माना जाता है.(DW.COM)