राष्ट्रीय
लखनऊ, 8 अप्रैल । उत्तर प्रदेश की राजनीति में फिल्मी सितारों की धमक से लोकतंत्र को नई ऊंचाई मिलने लगी है। चाहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हो या समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस, हर पार्टी में सिने अभिनेता और अभिनेत्री अपने अपने भाग्य आजमाते रहे हैं और कुछ तो अभी आजमा भी रहे हैं।
राजनीति में इनके पदार्पण ने लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की है। अभिनेता से नेता बने कलाकारों में हिंदी और भोजपुरी दोनों क्षेत्र के कलाकार हैं।
भोजपुरी के दिग्गज कलाकार रवि किशन शुक्ला हों या आजमगढ़ से सांसद दिनेश लाल निरहुआ, या फिर हिंदी फिल्मों की अभिनेत्रियां हेमा मालनी और काजल निषाद तथा अभिनेता से नेता बने कांग्रेस के दिग्गज (अब नेता) राजबब्बर, सबने खूब भीड़ जुटाई है।
इस लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने यूपी से दो दिग्गज भोजपुरी स्टार रवि किशन को गोरखपुर से और आजमगढ़ से दिनेश लाल निरहुआ को उम्मीदवार बनाया है। बॉलीवुड में बड़ा नाम हेमा मालिनी का मथुरा लोकसभा सीट से लगातार कई चुनावों से उम्मीदावार होना भी इसका जीता जागता उदाहरण है।
इतना ही नहीं, रामानंद सागर के रामायण' में श्रीराम का किरदार अदा करने वाले अरुण गोविल भी चुनावी समर में उतर चुके हैं और मेरठ लोकसभा क्षेत्र से चुनावी योद्धा बनकर न सिर्फ राजनीति में पदार्पण कर चुके हैं बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और स्वस्थ राजनीति के गवाह बनने की ओर कदम बढ़ा चुके हैं।
भोजपुरी अभिनेता रवि किशन गोरखपुर से पहले ही अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर चुके हैं। वर्ष 2014 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले रवि किशन शुक्ला ने वर्ष 2014 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर अपने गृह जनपद जौनपुर की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन उनकी राजनीतिक इच्छा और बलवती हुई तथा वर्ष 2017 में भाजपा का दामन थामा और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में संसद तक का सफर तय किया।
भोजपुरी फिल्मी दुनिया के अमिताभ बच्चन कहे जाने वाले रवि किशन शुक्ला पर भाजपा ने एक बार फिर दांव लगाया है।
इधर, इंडिया गठबंधन ने शुक्ला के खिलाफ टीवी कलाकार काजल निषाद को चुनाव मैदान में उतारा है।
भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव ने 2019 में भाजपा के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। भाजपा के टिकट पर उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा। तब वह हार गए थे। 2022 के चुनाव में अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव लड़ा और लोकसभा सीट छोड़ दी। उनके इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव हुआ और निरहुआ ने अखिलेश के भाई और सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को हरा दिया। 2024 में उनका सामना एक बार फिर सपा मुखिया अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव से ही है।
वरिष्ठ अभिनेत्री हेमा मालिनी उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा चुनाव से तीसरी बार मैदान में हैं। वह लगातार दो बार यहां से सांसद रह चुकी हैं। हेमा मालिनी भले ही फिल्मी दुनिया में अब न दिख रही हों, लेकिन वह राजनीति में काफी सक्रिय हैं। अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने पसंद किया है।
रामानंद सागर के दूरदर्शन पर प्रसारित हुए शो 'रामायण' में श्रीराम का किरदार अदा कर अरुण गोविल ने घर-घर में अपनी पहचान बनाई। सालों तक इसी किरदार के साथ जीने वाले अरुण गोविल ने अपना राजनीतिक करियर भाजपा से शुरू किया है। भाजपा ने उन्हें मेरठ से राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काट कर अपना उम्मीदवार बनाया है। शुरुआती दौर में उन्होंने कई फिल्मों में साइड हीरो का किरदार निभाया और फिर राजश्री प्रोडक्शन ने अरुण गोविल को फिल्म 'सावन को आने दो' में ब्रेक दिया। धारावाहिक 'रामायण' में राम की भूमिका में लोगों ने अभिनेता को काफी पसंद किया। आलम ये था कि लोग उन्हें असल में भगवान राम मानने लगे।
भाजपा की वरिष्ठ नेता और मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ धारावाहिक में ‘तुलसी’ का किरदार निभाकर हर घर में लोकप्रिय हो गईं। वे उन चंद कलाकारों में शामिल हैं जिन्होंने अपनी स्क्रीन लोकप्रियता को राजनैतिक सफलता में बदल दिया। हालांकि अब वो टीवी की दुनिया से अलग एक बड़ी राजनेता के रूप में जानी जाती हैं। उन्होंने 2019 के चुनाव में अमेठी से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को हरा कर सबको चौंका दिया था। वह अपने क्षेत्र अमेठी में लगातर सक्रिय हैं। भाजपा ने उन्हें एक बार फिर अमेठी से ही अपना प्रत्याशी बनाया है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल कहते हैं कि पिछले कुछ सालों से देखने को मिला है कि फिल्मी कलाकार अपनी राजनीतिक राय खुलेआम देने से हिचकते नहीं है। इसके पहले उनकी लोकप्रियता के आधार पर टिकट दिया जाता था। चाहे विनोद खन्ना हों, धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा हों, लेकिन उसके बाद देखने को मिला कि जिस प्रकार से पॉलिटिकल फिल्में बनने का चलन शुरू हुआ, जो लोग उन फिल्मों में रहते हैं वो लोग राजनीति से प्रेरित बयान ऑफ द स्क्रीन भी देते हैं। चाहे वो विवेक अग्निहोत्री हों, कंगना रनौत हों या फिर अनुपम खेर। उनकी फिल्मी अपील और राजनीतिक झुकाव उनको एक आईडियल उम्मीदवार बनाता है।
(आईएएनएस)
मुंबई, 8 अप्रैल । लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व मंत्री और राकांपा विधायक एकनाथ खडसे के लिए रेड कार्पेट बिछाने का भाजपा का कदम ओबीसी कार्ड खेलने और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय की नाराजगी से बचने के लिए एक सोचा-समझा कदम है। गौरतलब है कि मनोज जारांगे-पाटिल मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
खडसे की "घर वापसी" को केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी का उद्देश्य खडसे को सम्मान देना है, जो ओबीसी के बड़े नेता हैं। इससे एनडीए गठबंधन का लोकसभा में मिशन 45 प्लस व महाराष्ट्र विधानसभा में 200 प्लस के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय नेतृत्व ने खडसे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और राज्य मंत्री गिरीश महाजन के बीच के मतभेदों के बजाय पार्टी की जीत को प्रमुखता और प्राथमिकता दी है।
खडसे के जल्द ही पूरे महाराष्ट्र में पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल होने की उम्मीद है।
प्रमुख ओबीसी नेताओं में से एक खडसे ने गोपीनाथ मुंडे के साथ महाराष्ट्र में भाजपा के उत्थान के लिए चार दशकों से अधिक समय तक संघर्ष किया था। वह 2020 में पार्टी के राज्य नेतृत्व की आलोचना करते हुए राकांपा में शामिल हो गए थे। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि खडसे के भाजपा में आने से मराठा वोटों के संभावित नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी।
पार्टी ने अपना पुराना गौरव हासिल करने के लिए खडसे के अलावा बीड से वंजानी समुदाय से एक अन्य ओबीसी नेता पंकजा मुंडे और परभणी से पार्टी सहयोगी राष्ट्रीय समाज पक्ष के संस्थापक महादेव जानकर को भी संतुष्ट रखने व टिकट देने का समझदारी भरा निर्णय लिया।
धनगर समुदाय से आने वाले जानकर को परभणी सीट से अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के कोटे से महायुति की सीट-बंटवारे की व्यवस्था में समायोजित किया गया है।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ''खडसे की एंट्री से पार्टी का मानना है कि महाराष्ट्र में मराठा वोटों के नुकसान की भरपाई की जा सकती है। पार्टी में खडसे की मौजूदगी से न केवल उत्तर महाराष्ट्र, बल्कि मराठवाड़ा और अन्य हिस्सों में भी पार्टी की संभावनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, खडसे मुक्ताईनगर, भुसावल, जलगांव और रावेर विधानसभा क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
खडसे के आने का समय महत्वपूर्ण है। पुणे जिले में उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े एक भूमि सौदे से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में राजस्व मंत्री रहे खडसे को भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद 2016 में इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने खुले तौर पर सीएम पद पर दावा किया था।
इसके अलावा, खडसे को महाराष्ट्र सरकार द्वारा पिछले साल उनके और उनके परिवार के सदस्यों को बिना अनुमति के लघु खनिजों का उत्खनन करने के लिए जुर्माने के रूप में 137 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान के निर्देश से भी राहत मिला है।
(आईएएनएस)
नोएडा, 8 अप्रैल। यूट्यूबर एल्विश यादव समेत अन्य 8 सहयोगियों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में तमाम आरोपों को सिद्ध करने के लिए पुलिस ने साक्ष्य होने की बात की है। इन साक्ष्यों में चाहे तो इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस हों, एफएसएल रिपोर्ट हो या फिर 24 गवाहों के दर्ज बयान हों, सबका जिक्र 1,200 पन्ने की चार्जशीट में है।
कोर्ट सोमवार को एल्विश यादव सहित 8 अन्य सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट का संज्ञान लेगा। चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद कोर्ट सभी आरोपियों पर चार्ज फ्रेम करेगा और उसके बाद मामले की सुनवाई शुरू होगी। चार्ज फ्रेम होने के साथ-साथ सभी आरोपियों को नोटिस भेजा जाएगा। जिसके जारी होने के बाद हर तारीख पर एल्विश यादव और अन्य सहयोगियों को कोर्ट पहुंचना होगा।
पुलिस पहले ही एल्विश समेत दो अन्य लोगों के फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज चुकी है। शक है कि तीनों फोन से कई जरूरी चैट और वीडियो डिलीट किए गए हैं। इनको रिकवर करने के लिए उन्हें गाजियाबाद की निवाणी स्थित फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक डिलीट वीडियो और चैट में रेव पार्टी और सांपों के जहर से जुड़े कई वीडियो और बातें शामिल थी, जिनके रिकवर हो जाने से पुलिस की चार्जशीट को और भी बल मिलेगा। साथ ही आरोपियों पर दर्ज किए गए वन्य जीव संरक्षण मामले को भी पुलिस पुख्ता कर सकेगी।
गौरतलब है कि बीते साल पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के पदाधिकारी ने एल्विश यादव और उसके साथियों पर सांपों के जहर का इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए सेक्टर-49 थाने में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने जब पार्टी वाली जगह पर रेड की थी तो पांच सेपेरों के पास से कोबरा समेत नौ सांप और 20 एमएल जहर मिला था। सभी को जेल भेज दिया गया था।
इसके बाद संस्था के पदाधिकारी का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें मुख्य आरोपी राहुल संस्था के पदाधिकारी से बात कर रहा है। इसमें राहुल कह रहा है कि वह एल्विश की ओर से आयोजित होने वाली पार्टियों में शामिल हो चुका है। राहुल पार्टियों में अपने अन्य सपेरे दोस्तों के साथ गया था। हालांकि, बाद में सभी को जमानत मिल गई थी।
पुलिस टीम ने एल्विश यादव के कॉल डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला, जब उसके खिलाफ नोएडा पुलिस को पर्याप्त सबूत मिल गए तो पुलिस ने उसे नोटिस देकर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया। पूछताछ के बाद उसे नोएडा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वह पांच दिन तक जेल में रहा। होली के पहले उसे मामले में जमानत मिल गई थी।
(आईएएनएस)
पटना, 8 अप्रैल । भाजपा ने राजद को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने सोमवार को कहा कि लोकसभा चुनाव भी राजद के लिए पैसा अर्जित करने का जरिया रह गया है।
पटना के मीडिया सेंटर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अजय आलोक ने राजद को 'राष्ट्रीय जंगल राज' बताते हुए कहा कि उनके सर्वेसर्वा बुजुर्ग हो गए हैं, इस कारण पार्टी में परेशानियां उत्पन्न हो गई है।
उन्होंने एक चीनी मिल के एमडी के राजद में शामिल होने और टिकट दिए जाने पर कहा कि इस चुनाव में 'चीनी का चक्कर' ज्यादा हो रहा है। उन्होंने तेजस्वी यादव को नसीहत देते हुए कहा कि ज्यादा चीनी खाने से मधुमेह हो जायेगा। तेजस्वी कहते हैं कि जब उनका मूंछ नहीं आया था तब उन्हें मुकदमा में फंसाया गया। वे तो क्रिकेट खेलते थे, लेकिन, हकीकत है कि वह क्रिकेट खेलते नहीं थे, खिलाड़ियों के लिए पानी ढोते थे।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि तेजस्वी को बताना चाहिए कि 29 साल की उम्र में वे 52 संपत्ति के मालिक कैसे बन गए। जब वे बिना मूंछ के थे, तब उनके पास इतनी संपत्ति कहां से आ गई। ईडी ने उनकी कई संपत्ति जब्त कर ली है, जिसका रिकॉर्ड सार्वजनिक है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जरूरी नहीं कि पढ़ा-लिखा आदमी ही आए, कोई भी भारत का नागरिक आ सकता है और कार्य कर सकता है। लेकिन, आम जनता चाहती है कि पदधारक पढ़ा-लिखा हो, उसका विजन हो, जिससे लोकतंत्र की महिमा बढ़ती है। आज दुर्भाग्य है कि जब तेजस्वी जी को पढ़ने का मौका मिला, तब भी वे नहीं पढ़ पाए।
उन्होंने कहा कि वही तेजस्वी आज कहते हैं कि वे नौकरी और रोजगार बांट रहे हैं। आप तो नौकरी के लिए जमीन लिखवाते हैं। उन्हें ना प्रदेश समझ आ रहा है, ना देश समझ आ रहा है। लालू परिवार ने बिहार को मजाक बनाकर रख दिया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 अप्रैल । आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को अपना चुनावी कैंपेन लॉन्च किया। पार्टी ने अपने मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनावी कैंपेन के केंद्र में रखा है। आम आदमी पार्टी के चुनावी कैंपेन का स्लोगन ‘जेल का जवाब वोट से’ रखा गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाले के आरोप में जेल में हैं। चुनावी कैंपेन लॉन्च करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल भेजने से दिल्ली की जनता नाराज है। इसका जवाब वोट के जरिए दिया जाएगा।
आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने कहा कि हम दिल्ली की जनता से निवेदन करते हैं कि मतदान वाले दिन जेल का जवाब वोट से दें।
आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी कैंपेन वाले पोस्टर में भी सीएम अरविंद केजरीवाल को ही सामने रखा है। इस पोस्टर में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को जेल की सलाखों के पीछे दिखाया गया है।
सोमवार को केजरीवाल की गैरमौजूदगी में कैंपेन लॉन्च किया गया। इस दौरान आम आदमी पार्टी दिल्ली के संयोजक व दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय, राज्यसभा सांसद संदीप पाठक और संजय सिंह समेत कई नेता मौजूद रहे।
संजय सिंह ने दिल्ली के मतदाताओं से अपील की है कि वोट डालने से पहले वे केजरीवाल द्वारा मुफ्त किए गए बिजली के बिल जरूर देखें। दिल्ली में बनाए गए अच्छे स्कूलों को देखें। दिल्ली में लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े मोहल्ला क्लीनिक को वोट डालने से पहले एक बार देखें।
पार्टी महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि सभी दिल्ली वालों ने देखा है कि कैसे अरविंद केजरीवाल ने संघर्ष किया। उन्होंने दिल्ली वासियों को अपना परिवार माना और हर परिवार के हर एक बच्चे की शिक्षा के लिए अच्छी व्यवस्था की, बीमार लोगों के लिए दवाई की व्यवस्था की, स्वास्थ्य व्यवस्था में बदलाव किया। दिल्ली में पहले पानी के लिए त्राहि-त्राहि थी। लेकिन, केजरीवाल ने पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बेहतर इंतजाम किए।
इसके साथ आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए बसों में फ्री यात्रा का इंतजाम किया। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों की सेवा की है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 अप्रैल। कांग्रेस ने एक बार फिर कहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा सियासी मोर्चे पर कमजोर साबित हो रही है और 180 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी।
कांग्रेस ने यह दावा ऐसे वक्त में किया है, जब बीते दिनों कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कांग्रेस के मैनिफेस्टो में मुस्लिम लीग की छाप के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोप के बाद उनकी आलोचना की थी।
श्रीनेत ने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी को बहुमत नहीं मिलेगा, इसलिए प्रधानमंत्री अपने सियासी हित के लिए विभाजनकारी बयान दे रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी के हालिया बयान पार्टी की चुनावी संभावनाओं के बारे में घबराहट और आशंका की भावना को दर्शाते हैं।
कांग्रेस के नैरेटिव का सबसे प्रमुख केंद्रबिंदु अगर कुछ है तो वो इसका घोषणापत्र है, जिसे पार्टी ने लोगों द्वारा झेली जा रही तमाम चुनौतियों के समाधान के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा, "10 साल सत्ता में रहने के बाद अब जब देश चुनाव के मुहाने पर खड़ा है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने काम के आधार पर जनता से वोट मांगना चाहिए, लेकिन वो ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि वह घबराए हुए हैं। वह इस बार फिर वही घिसी पिटी हिंदू-मुस्लिम वाली पटकथा खोलकर ले आए हैं।"
श्रीनेत ने कहा कि प्रधानमंत्री काफी घबराए हुए हैं, काफी डरे हुए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री इसलिए डरे हुए हैं, क्योंकि उन्हें इस बार हार की संभावना प्रबल दिख रही है, इसलिए वो एक बार फिर से इस तरह का बयान दे रहे हैं, जिसका कोई मतलब या तुक नहीं बनता।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में चौतरफा चर्चा हो रही है। मीडिया में विशेषज्ञ इसकी चर्चा कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ हमारे विरोधी भी इस बात को मान रहे हैं कि न्याय पत्र में भारत के विकास की पूरी रूपरेखा है। दरअसल, इसमें समाज के हर तबके के विकास की रूपरेखा को व्यापक स्तर पर शामिल किया गया है। यह, वह व्यापक दृष्टिकोण है, जिसकी आज की तारीख में देश को जररूरत है।"
श्रीनेत ने कहा कि जब से कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी किया है, तब से बीजेपी के खेमे में भय का माहौल है।
उन्होंने कहा, "दूसरी सबसे बड़ी वास्तविकता यह है कि बीजेपी की सीटें काफी तेजी से घट रही हैं। हाल ही सामने आए सर्वे से स्पष्ट हुआ है कि वर्तमान में बीजेपी के लिए 180 सीट का आंकड़ा भी पार करना मुश्किल है। ऐसे में न्याय पत्र पिछले 10 वर्षों में मौजूदा सरकार के कुशासन की वजह से पैदा हुई सभी समस्याओं का निराकरण है, जैसे - बेरोजगारी, महंगाई, अर्थव्यवस्था, विषमता, महिलाओं के विरोध में अपराध और किसानों की दुर्दशा।"
(आईएएनएस)
इंदौर (मध्यप्रदेश), 8 अप्रैल इंदौर में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रही 20 वर्षीय छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में शहडोल जिले के एक मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) को गिरफ्तार किया गया है। एमआईजी पुलिस थाने के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 30 वर्षीय सीएमओ को शहडोल जिले से जब रविवार को गिरफ्तार किया गया, तब वह क्रिकेट खेल रहे थे।
पुलिस अफसर ने बताया कि सीएमओ और पीड़ित छात्रा एक-दूसरे से पहले से परिचित हैं।
उन्होंने बताया कि इंदौर में नीट की तैयारी कर रही छात्रा ने सीएमओ के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में शहर के एमआईजी पुलिस थाने में 23 मार्च को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
पुलिस अफसर ने बताया कि इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। (भाषा)
मुंबई, 8 अप्रैल लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक आशीष शेलार ने बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।
शेलार ने स्वास्थ्य देखभाल और जरुरतमंद व्यक्तियों की सहायता के क्षेत्र में अभिनेता और परिवार द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों पर चर्चा की।
शेलार ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में सलमान खान और उनके परिवार से मुलाकात करने की जानकारी साझा की।
पश्चिम बांद्रा के विधायक ने एक तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें वह अभिनेता और प्रसिद्ध पटकथा लेखक सलीम खान के साथ नजर आ रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने 'एक्स' पर पोस्ट में कहा, ''दोपहर के भोजन पर सलीम खान, हेलेन, सलमान खान और परिवार से मिलकर खुशी हुई। स्वास्थ्य देखभाल और जरूरतमंदों की सहायता के क्षेत्रों में उनके द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों पर चर्चा की। सलीम जी ने इसे शुरू किया था और दो दशकों से पूरी ईमानदारी के साथ यह सामाजिक कार्य अब भी जारी है।''
मुंबई की सभी छह लोकसभा सीटों पर आखिरी चरण में 20 मई को मतदान होगा
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं। इसके बाद महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर हैं और यहां 48 लोकसभा सीटें हैं। (भाषा)
ठाणे, 8 अप्रैल महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने एक व्यक्ति और उसके परिवार के चार अन्य सदस्यों को उसकी पत्नी के साथ क्रूरता करने के आरोप से यह कहते हुए बरी कर दिया कि महिला अपने बयान से “मुकर” गई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित एम. शेते ने तीन अप्रैल को पारित अपने आदेश में आरोपियों को संदेह का लाभ दिया और माना कि अभियोजन पक्ष उन सभी के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा है, इसलिए उन्हें बरी किया जाना चाहिए।
आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई।
बरी किए गए लोगों में महिला का 34 वर्षीय पति, उसके सास-ससुर, ननद और सेना में कार्यरत एक देवर शामिल है।
उन पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए, जिनमें 498-ए (क्रूरता), 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (सामान्य इरादा) शामिल हैं।
अभियोजक ने अदालत को बताया कि महिला की शादी तीन अगस्त 2013 को हुई थी। अभियोजन के अनुसार उसके पति और ससुराल वालों ने घरेलू काम, चार लाख रुपये दहेज की मांग और अन्य कारणों से उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया। शिकायत के मुताबिक, आरोपी उसे भूखा रखते थे और मारपीट व धमकी देकर प्रताड़ित करते थे।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि जब शिकायतकर्ता (पीड़िता) गर्भवती थी, तब उसके पति ने उसके पेट पर चोट पहुंचाई जिसके कारण उसका गर्भपात हो गया।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, “पीड़िता मुकर गई और अपने ही बयान का समर्थन नहीं किया। शिकायत अप्रमाणित रही।”
अदालत ने कहा कि पंचनामा केवल आरोपी की गिरफ्तारी दिखाता है और कुछ नहीं।
इसमें कहा गया है कि चिकित्सा प्रमाणपत्र को देखने से पता चलता है कि सूचना देने वाले (पीड़िता) को कोई बाहरी चोट नहीं लगी थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 अप्रैल दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) में हुई कथित अनियमितताओं के संबंध में सोमवार को चर्चा की मांग कर रहे भाजपा विधायकों को मार्शल की मदद से दिल्ली विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया।
सदन की कार्यवाही विधानसभा सदस्यों द्वारा अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों के मुद्दे उठाने के साथ शुरू हुई।
भाजपा विधायक जल बोर्ड में हुई कथित अनियमितताओं पर चर्चा की मांग करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया और विपक्षी सदस्यों को बैठने के लिए कहा।
जब भाजपा विधायक अपनी मांग पर अड़े रहे तो गोयल ने मार्शलों को उन्हें सदन से बाहर निकालने का निर्देश दिया।
सदन से निकाले जाने के बाद भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दिया। (भाषा)
भोपाल, 8 अप्रैल । मध्य प्रदेश में चुनाव होने से पहले ही इंडिया गठबंधन के हाथ निराशा लगी है। समझौते के तहत समाजवादी पार्टी को दी गई खजुराहो सीट से उम्मीदवार का नामांकन खारिज हो जाने के बाद सबसे ज्यादा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में निराशा है। इस क्षेत्र में कांग्रेस का अपना जन आधार रहा है।
राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं, इनमें से कांग्रेस को 28 पर चुनाव लड़ना है और उसके उम्मीदवार भी घोषित किए जा चुके हैं।
समझौते के तहत कांग्रेस ने खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी को दी थी। यहां से सपा की उम्मीदवार मीरा दीपक यादव ने नामांकन भी दाखिल किया, मगर वह निरस्त हो गया।
सपा और कांग्रेस के नेता जिला निर्वाचन अधिकारी को घेरने में लगे हैं, मगर कांग्रेस के जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ता इस पूरे घटनाक्रम से निराश हैं।
खजुराहो में भाजपा की ओर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा लगातार दूसरी बार उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। पिछला चुनाव उन्होंने लगभग पौने पांच लाख वोटो के अंतर से जीता था।
अब सपा और कांग्रेस के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है कि आखिर वह किसका साथ दे, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर के दल के तौर पर बहुजन समाज पार्टी के कमलेश पटेल ही मैदान में हैं।
भोपाल और दिल्ली में बैठे कांग्रेस के नेता एक ऐसे उम्मीदवार की तलाश में जुटे हैं जिसका उनकी पार्टी समर्थन कर सके। उनकी कोशिश है कि ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक के प्रत्याशी पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजा भैया प्रजापति को समर्थन दिया जाए।
इस बात से खजुराहो संसदीय क्षेत्र के नेता इत्तेफाक नहीं रखते और वह चुनाव प्रचार के लिए ही तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि खजुराहो संसदीय सीट वह सीट है जहां किसी दौर में कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव जीतते रहे हैं, मगर दिल्ली में बैठे हुए नेताओं ने बड़ा अजब फैसला कर यह सीट समाजवादी पार्टी को दे दी। अब समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार का ही पर्चा खारिज हो गया है। यह चुनाव तो कांग्रेस मतदान से पहले ही हार गई है। ऐसे में अगर किसी को नुकसान सबसे बड़ा होगा तो वह कांग्रेस को। लोकसभा चुनाव में जब हम जनता के बीच जाएंगे नहीं, तो आने वाले समय में जो भी चुनाव होंगे, उसमें हम जनता के बीच कैसे जाएंगे। कुल मिलाकर कांग्रेस ने अपना बड़ा नुकसान कर लिया है बुंदेलखंड में।
(आईएएनएस)
रांची, 8 अप्रैल । लोहरदगा जिले के सेन्हा बाजार में सोमवार सुबह एक युवक की गोली मारकर हत्या दी गई। उस वक्त वह एक सैलून में बाल कटवा रहा था।
बाइक पर सवार होकर आए अपराधियों ने उसे कई गोलियां मारीं। वारदात के बाद इलाके में दहशत है।
मारे गए युवक की पहचान नरेश साहू उर्फ शिबू के रूप में हुई है। वह जमीन और प्रॉपर्टी के कारोबार से जुड़ा था।
अपराधियों की गोली से सैलून संचालक भी बाल-बाल मचा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अपराधियों की संख्या तीन थी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे को पुलिस की टीम खंगाल रही है। आशंका जताई जा रही है कि नरेश साहू की हत्या के पीछे जमीन विवाद है।
(आईएएनएस)
पाटलिपुत्र, 8 मार्च । लालू प्रसाद की बड़ी बेटी और पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से राजद की उम्मीदवार मीसा भारती ने कहा है कि अयोध्या में बने भगवान श्री राम के दर्शन को हम लोग जाएंगे, तो हम लोगों को कोई रोक देगा क्या? अभी हम लोग थोड़ा चुनाव कार्यक्रम में व्यस्त हैं, इसलिए नहीं जा पा रहे हैं।
मीसा भारत सोमवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रही थीं।
वहीं, नवादा में प्रधानमंत्री के खुले मंच से पैर छूने के मामले को लेकर मीसा भारती ने कहा कि इसमें कोई तकलीफ की बात नहीं होनी चाहिए, यह तो हमारे संस्कार हैं। अब देखने वाली बात यह है कि क्या हमारे मुख्यमंत्री उम्र में प्रधानमंत्री से बड़े हैं या प्रधानमंत्री हमारे मुख्यमंत्री से बड़े हैं।
वहीं दूसरी तरफ एनडीए के नेताओं द्वारा '400 पार' और बिहार में '40 की 40' सीटों पर जीत के दावे पर मीसा भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या बोलते हैं, सम्राट चौधरी क्या बोलते हैं, चिराग क्या बोलते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारे मुख्यमंत्री क्या कहते हैं, इस पर गौर कीजिए। इस बार चार लाख के पार, 4000 के पार।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 अप्रैल। आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि सात साल में करीब एक लाख करोड़ रुपये का घाटा उठाने वाली 33 कंपनियों ने टैक्स में छूट हासिल करने के लिए चुनावी बाॅन्ड के जरिए या अन्य तरीके से भाजपा को 450 करोड़ रुपये का चंदा दिया।
राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनावी बाॅॅन्ड व टैक्स में छूट देने के नाम पर भ्रष्टाचार किया और उसे जनता से छुपाया।
चुनावी बॉन्ड का डेटा जनता के सामने लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते हुए संजय सिंह ने कहा कि सात साल में एक लाख करोड़ की घाटे वाली 33 कंपनियाें ने भाजपा को दान में 450 करोड़ रुपये दिए। इसका उन्होंने सिलसिलेवार ब्यौरा दिया।
संजय सिंह ने कहा कि 17 कंपनियों ने या तो एक पैसा भी टैक्स नहीं दिया या टैक्स में छूट प्राप्त की। छह कंपनियों ने भाजपा को 600 करोड़ रुपये का चंदा दिया। एक कंपनी ने अपने मुनाफे से तीन गुना ज्यादा दान दिया। एक अन्य कंपनी ने अपने मुनाफे से 93 गुना ज्यादा दान दिया। तीन कंपनियों ने 28 करोड़ रुपये का दान दिया और एक भी पैैैसा टैक्स नहीें दिया।
आप नेता ने कहा, "भारती एयरटेल ने भाजपा को 200 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जबकि 2017-23 के दौरान उसे 77 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ। कंपनी को टैक्स में 8,200 करोड़ रुपये की छूट मिली। कुछ छूट अदालत के आदेश पर मिली थीं।"
सिंह ने कहा,“डीएलएफ ने भाजपा को 25 करोड़ रुपये दिए, लेकिन सात साल में उसे 130 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। उसे 20 करोड़ रुपये की टैक्स छूट मिली। स्टील स्टेटिक इंजीनियरिंग ने दान में 12 करोड़ रुपये दिए। सात वर्षों में उसे 150 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और 160 करोड़ रुपये की टैक्स छूट प्राप्त की।”
सिंह ने आगे दावा किया, "धालीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर ने 115 करोड़ रुपये के बाॅॅन्ड खरीदे और भाजपा को 25 करोड़ रुपये दिए। लेकिन टैक्स एक पैैसा भी नहीं दिया। सात वर्षों में उसे 299 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।"
आप सांसद ने कहा,“पीआरएल डेवलपर्स ने 20 करोड़ रुपये के बाॅॅन्ड में से 10 करोड़ रुपये भाजपा को दिए, 4.7 करोड़ रुपये की टैक्स छूट प्राप्त की और कंपनी को 1,550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसी तरह शरत रेड्डी की कंपनी उज्वला फार्मा ने भाजपा को 15 करोड़ रुपये का चंदा दिया। कंपनी को 28 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और 7.20 करोड़ की टैक्स छूट प्राप्त की।”
उन्होंने कहा कि मैत्रा एनर्जी ने भाजपा को 19 करोड़ रुपये के बाॅॅॅन्ड में से लगभग 10 करोड़ रुपये दिए। लेकिन सात साल में उसे 86 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और 126 करोड़ रुपये की टैक्स छूट मिली।
(आईएएनएस)
चेन्नई, 8 अप्रैल । तमिलनाडु के श्रीविल्लीपुत्तूर में एक निर्माणाधीन पुल के पास एक तेज रफ्तार बस दुर्घटना का शिकार हो गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, वहीं 19 लोगों के घायल होने की खबर है।
यह दुर्घटना रविवार देर रात हुई। मृतकों की पहचान चेन्नई के के. कार्तिक (20) और कोयंबटूर के वलपराई के एम. मुथुसेल्वी (46) के रूप में हुई।
जानकारी के मुताबिक 19 घायलों में से सात को गंभीर चोटें आईं हैंं। बताया जा रहा है कि दुर्घटना में महेश्वरी (37) नाम की महिला का हाथ कट गया। वह मदुरै सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती हैं।
श्रीविल्लीपुत्तूर के पुलिस उपाधीक्षक, मुहेश जयकुमार ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ''ड्राइवर को यह ध्यान नहीं रहा कि कृष्णनकोइल के पास सड़क पर निर्माण कार्य चल रहा है। ड्राइवर ने निर्माणाधीन पुल की बाईं ओर अस्थायी सड़क पर जाने के बजाय बस को सीधे पुल पर चढ़ा दिया।
अधिकारी ने कहा कि ड्राइवर ने पूछताछ के बाद बताया कि अपनी गलती का एहसास होने के बाद उसने तेज रफ्तार बस को बाईं ओर मोड़ने का प्रयास किया, लेकिन उसने बस से नियंत्रण खो दिया।
नियंत्रण खोने के बाद बस पुल और अस्थायी सड़क के बीच गिर गई। स्थानीय लोग घायलों को बचाने के लिए दौड़े और उन्हें खिड़कियों से बाहर निकाला। पुलिस, अग्निशमन विभाग और बचाव सेवा कर्मी भी मौके पर पहुंचे।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 अप्रैल । देश के तमाम राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए लगातार चुनावी रैली और रोड शो कर रहे हैं। चुनाव प्रचार जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक दल एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं।
'एनडीए - 400 पार' के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी भाजपा ने एक बार फिर से तुष्टिकरण और धर्म के आधार पर आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस की तुलना मुस्लिम लीग से करते हुए देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को एक बार फिर से कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस सत्ता के लिए फिर से देश को बांटने की कोशिश कर रही है।
जेपी नड्डा ने कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस का घोषणा पत्र देखा जिसे देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ कि यह कांग्रेस का घोषणा पत्र है या मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र है। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को जनता ने बार-बार नकारा है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति से बाज नहीं आ रही है।
उन्होने कहा कि देश को बांटने के लिए और सत्ता को पाने के लिए कांग्रेस किस हद तक जा सकती है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। राहुल गांधी को भी इसका जवाब देना चाहिए कि केरल के वायनाड से उनके नामांकन के समय कांग्रेस के झंडे क्यों गायब थे,आखिर यह तुष्टिकरण की राजनीति कहां तक जाएगी?
उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ मुस्लिम लीग के लिए कांग्रेस ने अपने झंडे तक हटा दिए थे। मुस्लिम लीग ने वर्ष 1929 में धर्म के आधार पर जिस आरक्षण की बात कही थी, आज उसी बात को कांग्रेस पार्टी दोहरा रही है। आज अल्पसंख्यक के लिए जिस तरह से धर्म के आधार पर आरक्षण की बात की जा रही है और जो 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की बात है, वह किसके लिए की जा रही है, कांग्रेस को यह स्पष्ट करना पड़ेगा।
जेपी नड्डा ने कहा कि देश को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में इन्होंने बहुसंख्यक समुदाय के खिलाफ एक ऐसा कानून बनाया था, जो संसद से पारित नहीं हो पाया था लेकिन इससे कांग्रेस की मंशा सामने आ गई थी। तुष्टिकरण की राजनीति के लिए देश की जनता ने कांग्रेस को माफ नहीं किया है और आगे भी माफ नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जिस तरह तुष्टिकरण और आरक्षण के विषय में कहा है, उसका स्पष्टीकरण इन्हें देना पड़ेगा, देश की जनता को बताना पड़ेगा।
दरअसल, कांग्रेस के घोषणा पत्र ने भाजपा को एक बड़ा राजनीतिक अवसर दे दिया है जिसे बार-बार उठाकर भाजपा के आला नेता एक तरफ जहां अपने कैडर बहुसंख्यक वोट बैंक को मजबूती से पार्टी के साथ बनाए रखना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे के सहारे युवा मतदाताओं खासकर फर्स्ट टाइम वोटर्स को भी कांग्रेस के इतिहास और उसकी मंशा को लेकर बड़ा राजनीतिक संदेश देना चाहते हैं।
( आईएएनएस)
रांची, 8 अप्रैल । झारखंड में इस बार चुनावी जंग में महिला नेताओं का बड़ा इम्तिहान है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में पहली बार तीन महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। “इंडिया” गठबंधन की ओर से भी एक महिला प्रत्याशी मैदान में उतर चुकी हैं, जबकि दो अन्य सीटों पर महिला नेताओं की उम्मीदवारी पर विचार चल रहा है।
अन्नपूर्णा देवी कोडरमा से भाजपा की सांसद हैं और केंद्र में शिक्षा राज्यमंत्री भी। उन्हें पार्टी ने दूसरी बार इस सीट पर प्रत्याशी बनाया है। अन्नपूर्णा देवी राजनीति में 26 सालों से सक्रिय हैं। सियासी मैदान में उनकी एंट्री पति रमेश प्रसाद यादव के साल 1998 में निधन के बाद हुई थी। रमेश प्रसाद यादव कोडरमा से राजद के विधायक थे। उनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ तो वो पहली बार बिहार विधानसभा पहुंचीं। उन्हें बिहार की राबड़ी देवी सरकार में मंत्री बनाया गया।
इसके बाद उन्होंने राजद के टिकट पर साल 2000, 2005 और 2009 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। झारखंड में साल 2013 में बनी हेमंत सोरेन की सरकार में भी अन्नपूर्णा देवी को मंत्री बनाया गया था। साल 2014 में उन्हें कोडरमा विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा। 2019 में वह भाजपा में शामिल हुईं और पार्टी ने उन्हें कोडरमा सीट पर लोकसभा का प्रत्याशी बनाया। जीत के बाद उन्हें केंद्र की सरकार में राज्य मंत्री के तौर पर जगह मिली।
इस बार उनका मुकाबला सीपीआई एमएल के प्रत्याशी विनोद सिंह से होने की संभावना है। विनोद सिंह बगोदर इलाके के विधायक हैं।
उधर सिंहभूम सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद गीता कोड़ा को प्रत्याशी बनाया है। वह झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी हैं और उन्होंने पिछला चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीता था। करीब दो महीने पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। उनका मुकाबला इस बार झामुमो के उम्मीदवार से होगा। झामुमो ने अब तक अपना प्रत्याशी तय नहीं किया है। महीने भर पहले उम्मीदवारी घोषित होने के साथ ही वह क्षेत्र में प्रचार अभियान में पसीना बहा रही हैं।
भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतारी गईं तीसरी महिला हैं - सीता सोरेन। उन्हें दुमका सीट पर प्रत्याशी बनाया गया है। वह झामुमो के प्रमुख शिबू सोरेन की बड़ी बहू हैं। दुमका लोकसभा के अंतर्गत आने वाली जामा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुकी हैं। उन्होंने करीब महीना भर पहले परिवार और झामुमो से बगावत कर दी और भाजपा में शामिल हो गईं।
दुमका सीट पर उनका मुकाबला झामुमो के वरिष्ठ नेता नलिन सोरेन से होगा। नलिन सोरेन दुमका लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली शिकारीपाड़ा सीट से लगातार सात बार विधायक चुने गए हैं। जाहिर है, यहां कांटे का मुकाबला है।
उधर, राजद ने पलामू सीट पर ममता भुइयां को प्रत्याशी बनाया है। वह महीने भर पहले तक भाजपा में थीं। उनका ताल्लुक भी सियासी परिवार से है। वह जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक रहे दुलाल भुइयां के भाई की पत्नी हैं। यहां उनका मुकाबला भाजपा के दो टर्म के सांसद बीडी राम से होगा।
“इंडिया” गठबंधन की ओर से राज्य की 14 में से सात सीटों पर प्रत्याशी का ऐलान अब तक नहीं हुआ है। इनमें से दो सीटों पर महिला प्रत्याशी उतर सकती हैं। गोड्डा में कांग्रेस की ओर से दीपिका पांडेय सिंह और जमशेदपुर में झामुमो की ओर से स्नेहा महतो की उम्मीदवारी पर विचार चल रहा है। ऐसा हुआ तो राज्य के इतिहास में पहली बार होगा, जब दो प्रमुख सियासी गठबंधनों की ओर से तीन-तीन महिला प्रत्याशी मैदान में होंगी।
इतिहास की बात करें तो झारखंड बनने के बाद अब तक तीन महिलाएं लोकसभा पहुंच पाईं हैं। वर्ष 2004 में कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा ने खूंटी लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद वर्ष 2019 में कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी और सिंहभूम से गीता कोड़ा विजयी हुई थीं।
(आईएएनएस)
बेंगलुरू, 8 अप्रैल। तटीय कर्नाटक के गांवों में माओवादी गतिविधियों का पता चलने के बाद नक्सल विरोधी बल (एएनएफ) और पुलिस हाई अलर्ट पर हैं। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि जांच में पता चला कि छह माओवादियों की एक टीम हथियार के साथ गुरुवार और रविवार के बीच एक घर में गई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि माओवादी जूते व वर्दी पहने हुए थे और उनके पास बड़े बैग थे, इनमें हथियार होने की आशंका है।
अधिकारियों ने बताया कि माओवादी हाल ही में दक्षिण कन्नड़ जिले के कदबा तालुक के बिलिनेले गांव में चेरू के पास एक घर में घुस गए। इसके बाद उन्होंने लाइट बंद कर दी और घर के लोगों से अपने सेल फोन भी बंद करने को कहा।
उन्होंने परिवार से टेलीविजन की आवाज़ बढ़ाने के लिए भी कहा। इस दौरान टीम के कुछ सदस्य घर के आगे- पीछे नजर रख रहे थे। माओवादियों ने परिवार को चावल और चिकन करी पकाने के लिए कहा।
भोजन के दौरान उन्होंने टेलीविजन धारावाहिक भी देखा था। उन्होंने अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य उपकरण चार्ज किए। वे कन्नड़, हिंदी और अन्य भाषाओं में बात कर रहे थे। सूत्रों ने बताया कि रात का खाना खाने और अपने उपकरणों को चार्ज करने के बाद वे जंगल में गायब हो गए।
मामले की जानकारी होने पर एएनएफ ने क्षेत्र में और दक्षिण कन्नड़, उडुपी और चिक्कमगलुरु जिलों के जंगलों में तलाशी अभियान चलाया।
सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक में 10-12 साल बाद मोआवादियों की सक्रियता देखी जा रही है। पुलिस ने इलाके में गश्त और निगरानी बढ़ा दी है। हाल ही में पड़ोसी उडुपी जिले में भी माओवादियों की आवाजाही की सूचना मिली थी।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 अप्रैल । दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कथित शराब नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत राष्ट्र समिति की एमएलसी के. कविता को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने अपने बेटे की परीक्षा के आधार पर अंतरिम जमानत के लिए आवेदन दिया था।
कविता पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत में सक्रिय रूप से शामिल होने का आरोप है। वो 9 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं।
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सोमवार को उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उन्हें अंतरिम जमानत देने का यह सही समय नहीं है।
पिछले हफ्ते, उन्होंने तिहाड़ जेल में पूछताछ करने और बयान दर्ज करने की मांग की सीबीआई याचिका का विरोध किया था और अदालत का रुख किया था। अदालत ने 5 अप्रैल को सीबीआई को तिहाड़ जेल में कविता से पूछताछ करने की अनुमति दी थी।
कविता की याचिका पर जवाब देने के लिए सीबीआई द्वारा समय मांगे जाने के बाद अदालत अब इस मामले की सुनवाई 10 अप्रैल को करेगी।
6 अप्रैल को, कविता के वकील नितेश राणा ने अदालत को बताया था कि जांच एजेंसी ने "उनकी पीठ पीछे" याचिका दायर कर कानून की प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।
दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में ईडी ने कविता को 15 मार्च को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।
(आईएएनएस)
हाजीपुर, 8 अप्रैल। बिहार में सभी राजनीतिक दल चुनावी प्रचार में अब अपनी पूरी ताकत से जुट गए हैं। इस बीच, राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने एनडीए के समर्थन की घोषणा की है। इसके बावजूद लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान से उनका मनमुटाव कम होता नहीं दिख रहा है। चिराग ने कहा कि अब वे इन सभी चीजों से आगे निकल चुके हैं।
चिराग ने कहा कि इन चीजों को पीछे छोड़ चुका हूं। आज की तारीख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार की सभी 40 सीटें जीत कर देनी है। चिराग रविवार शाम अपने चुनावी क्षेत्र हाजीपुर पहुंचे।
उन्होंने यहां पत्रकारों द्वारा चाचा पारस के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि उन्होंने आशीर्वाद का हाथ मेरे सिर से क्यों हटा लिया, यह मुझे नहीं पता। मुझे घर और परिवार से बाहर कर दिया, इसका कारण मुझे नहीं पता था। क्या कारण था कि आप लोग बार-बार पूछते थे चिराग पासवान के साथ कोई समझौता हो सकता है, तब उनका बार-बार कहना कि सूरज पश्चिम से निकल जाएगा, लेकिन चिराग से मेरा कोई रिश्ता नहीं रहेगा।
चिराग ने कहा, " आप लोगों द्वारा परिवार एक होने की बात पर उनका ' नेवर - नेवर ' कहना मुझे नहीं पता। ये सारी बातें सारी घटना क्यों घटी? बहरहाल मैं अभी इन चीजों से बहुत आगे निकल चुका हूं। मुझे बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट की लड़ाई के साथ आगे बढ़ना है। तमाम चीजों को पीछे छोड़ चुका हूं।"
उन्होंने हाजीपुर से अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि यहां के लोगों का प्यार जरूर मिलेगा।
(आईएएनएस)
नोएडा, 8 अप्रैल । नोएडा पुलिस ने यूट्यूबर एल्विश यादव मामले में 1200 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, एफएसएल रिपोर्ट और 24 गवाहों के बयान भी हैं। इसके साथ-साथ यह भी पता चला है कि एल्विश और उसके दो अन्य साथियों ने अपने मोबाइल से कई चैट और वीडियो डिलीट किए हैं। इनमें कई राज छुपे हुए हैं। इनको लेकर एल्विश और उसके साथी विनय और ईश्वर के मोबाइल को गाजियाबाद के निवाड़ी स्थित फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक तीनों ने मोबाइल से कुछ ऐसे डाटा डिलीट किए हैं, जो सांपों के जहरीले खेल के मामले में काफी अहम है। चैट के अलावा मोबाइल से कई तस्वीरें और वीडियो भी डिलीट किए गए हैं। डाटा रिकवर होते ही कई ऐसे खुलासे होंगे, जो फिर से एल्विश समेत अन्य की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
डाटा रिकवर होने की रिपोर्ट मिलने के बाद नोएडा पुलिस उसका अध्ययन करेगी। इसके बाद रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाएगी। चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि ईश्वर के गांव में एक पार्टी हुई थी, इसमें विनय और पांच सपेरों के अलावा एल्विश भी आया था। सभी की मोबाइल लोकेशन उस समय ईश्वर के गांव की मिली है। ईश्वर के गांव में एल्विश के कई रिश्तेदार भी रहते हैं।
अटकलें यह भी हैं कि एल्विश वर्चुअल नंबर के लिए जिस सर्वर का प्रयोग करता था, वह चीन का था। हालांकि इस पर पुलिस ने कुछ भी बोलने से इनकार किया है। एल्विश को जब पार्टी आयोजित करनी होती थी और उसे सांपों और जहर की आवश्यकता होती थी, तो वह अपने साथी विनय को वर्चुअल नंबर से कॉल करता था।
एल्विश की गिरफ्तारी के बाद नोएडा पुलिस ने उसके साथी विनय और ईश्वर को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। तीनों को बाद में जमानत मिल गई थी। ईश्वर के बैंक्वेट हाल में सांपों का जहर निकालने का जिक्र भी नोएडा पुलिस ने आरोप पत्र में किया है।
चार्जशीट में नोएडा पुलिस की ओर से बताया गया है कि एल्विश का जहरीले खेल में जेल भेजे गए सपेरों से संपर्क था। एल्विश के खिलाफ लगी एनडीपीएस की धाराओं का आधार भी पुलिस ने इसमें बताया है। बीते साल पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के पदाधिकारी ने एल्विश यादव और उसके साथियों पर सांपों के जहर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए सेक्टर-49 थाने में केस दर्ज कराया था।
पुलिस ने जब पार्टी वाली जगह पर रेड की, तो कोबरा समेत नौ सांप और 20 एमएल सांपों का जहर पांच सपेरों के पास मिला था। सभी को जेल भेज दिया गया था। इसके बाद संस्था के पदाधिकारी का एक ऑडियो वायरल हुआ, इसमें मुख्य आरोपी राहुल संस्था के पदाधिकारी से बात कर रहा है। इसमें राहुल कह रहा है कि वह एल्विश की ओर से आयोजित होने वाली पार्टियों में शामिल हो चुका है। राहुल पार्टियों में अपने अन्य सपेरे दोस्तों के साथ गया था। हालांकि, बाद में सभी को जमानत मिल गई थी।
पुलिस ने एल्विश के कॉल डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला। जब उसके खिलाफ नोएडा पुलिस को पर्याप्त सबूत मिल गए, तो पुलिस ने उसे नोटिस देकर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया। पूछताछ के बाद उसे नोएडा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वह पांच दिन तक जेल में रहा। होली के पहले उसे जमानत मिल गई थी।
(आईएएनएस)
उत्तर प्रदेश के रामपुर में आधे से अधिक मतदाता मुसलमान हैं, लेकिन इसके संसद सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी से आते हैं, जिस पर हिंदू-राजनीति करने का आरोप है.
उत्तर प्रदेश के रामपुर में आधे से अधिक मतदाता मुसलमान हैं, लेकिन इसके संसद सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी से आते हैं. यह स्थिति पूरे हिंदू-बहुल भारत में दोहराई जाती दिख रही है, जहां कई लोग आगामी आम चुनावों में नरेंद्र मोदी की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की जीत को लगभग निश्चित मानते हैं और मुसलमान उम्मीदवारों की हार करीब-करीब तय मानते हैं.
भारत की कुल 1.4 अरब आबादी में मुसलमानों की आबादी 22 करोड़ है, लेकिन 1970 के दशक के बाद से संसद में मुस्लिम प्रतिनिधियों की संख्या लगभग आधी होकर पांच प्रतिशत से भी कम हो गई है.
रामपुर से सांसद घनश्याम सिंह लोधी कहते हैं, "हर कोई बीजेपी से जुड़ना चाहता है." 2022 में हुए उप चुनाव में लोधी ने यह सीट जीती थी. लोधी कभी समाजवादी पार्टी में हुआ करते थे लेकिन उन्होंने बाद में बीजेपी का दामन थाम लिया.
मुसलमान नेता संसद में प्रतिनिधित्व की कमी से चिंतित हैं. संसद के 543 सीटों वाले निचले सदन में सिर्फ 27 मुस्लिम सांसद थे और उनमें से कोई भी बीजेपी के 310 सांसदों में से नहीं था.
नहीं उभरा कोई मुस्लिम नेता
'मुस्लिम्स इन इंडिया' के लेखक जिया उस सलाम कहते हैं कि समुदाय के सदस्यों ने दशकों से धर्मनिरपेक्ष पार्टियों पर भरोसा जताया है और यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसने "मुस्लिम नेतृत्व की तेज अनुपस्थिति" पैदा की.
आज एक खुले तौर पर मुस्लिम नेता को सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने के रूप में चुनौती दी जाएगी, फिर भी जब मोदी संवैधानिक रूप से धर्मनिरपेक्ष भारत को "हिंदू राष्ट्र" या हिंदू राज्य के रूप में प्रचारित करते हैं तो कुछ ही लोग सवाल उठाते हैं.
सलाम कहते हैं, "कोई भी (मोदी के) केवल हिंदुओं का नेता होने की बात नहीं करता." वो यह भी दलील देते हैं कि पर्याप्त मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों को विभाजित करने के लिए चुनावी सीमाओं को फिर से परिभाषित किया गया.
मुसलमान सांसद कम चुने जा रहे हैं
1952 से अब तक रामपुर से 18 में से 15 बार मुसलमान सांसद चुने गए हैं. लेकिन शहर के 71 साल के एक्टिविस्ट और लेखक कंवल भारती कहते हैं कि बीजेपी के प्रभुत्व का मतलब है कि किसी मुस्लिम उम्मीदवार के लिए रामपुर जीतना "अब संभव नहीं लगता."
रामपुर के आखिरी मुसलमान सांसद कद्दावर नेता मोहम्मद आजम खान थे, लेकिन उनके खिलाफ जमीन हड़पने से लेकर सरकारी अधिकारियों को डराने-धमकाने तक के 80 से अधिक मामले आने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.
उनके समर्थकों का कहना है कई आरोप वर्षों पुराने थे और 2017 में बीजेपी के राज्य चुनाव जीतने के बाद ही आरोप देर से लगाए गए थे. आजम खान को 2023 में हेट स्पीच के मामले में सजा हुई थी.
पिछले चुनाव में यह आरोप लगे थे कि सुरक्षा बलों ने मुसलमानों को मतदान करने से रोक दिया था. इस बार रामपुर के कुछ मुस्लिम मतदाता वोट डालने को लेकर चिंतित हैं. 75 साल के मोहम्मद सलाम खान कहते हैं, "अगर पिछले चुनाव के दौरान की स्थिति दोहराई गई, तो मैं फिर से वोट नहीं डाल पाऊंगा."
एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं कि यह एक व्यावक बदलाव का हिस्सा है. ओवैसी का मानना है कि धर्मनिरपेक्ष दल भी मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने से बचते हैं क्योंकि उन्हें डर होता है कि वे हिंदू मतदाताओं को आकर्षित नहीं कर पाएंगे.
सत्ताधारी दल पर मुसलमानों के खिलाफ डर पैदा करने का आरोप लगाते हुए ओवैसी ने कहा, "वे एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देने से भी डरते हैं."
ओवैसी कहते हैं, "किसी भी राजनीतिक दल के मुस्लिम उम्मीदवारों के लिए जीतना बहुत मुश्किल है."
बीजेपी का भेदभाव से इनकार
बीजेपी धर्म के आधार पर "सीधे भेदभाव" से इनकार करती है और कहती है कि टिकट देना चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों पर निर्भर करता है.
पिछले दो आम चुनावों में बीजेपी द्वारा मैदान में उतारे गए मुट्ठी भर मुस्लिम उम्मीदवार हार गए थे. आलोचक पार्टी पर उनके चुनाव प्रचार में उदासीनता दिखाने का आरोप लगाते हैं.
बीजेपी के प्रवक्ता महोनलुमो किकोन कहते हैं, "आदर्श रूप से हमारी यह उम्मीद है कि हर समुदाय के लोग इसमें शामिल हों."
लेकिन लेखक सलाम को लगता है कि मुसलमानों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है. वह कहते हैं, "इसलिए, आप मुसलमानों को एक जगह से टिकट नहीं देते हैं, आप किसी अन्य स्थान पर निर्वाचन क्षेत्र दोबारा बनाते हैं... या आप मुसलमानों को वोट देने की अनुमति नहीं देते हैं."
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि "यह सिर्फ डराना-धमकाना नहीं है. यह उन्मूलन भी है."
एए/वीके (एएफपी)
पटना, 8 अप्रैल। बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा कि चुनाव में अब मुद्दे की बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से काम कर रहे हैं, उससे तो लगता है कि 400 तो दूर की बात, भाजपा 100 भी पार नहीं कर पाएगी।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, "मोदी जी लगातार 400 पार की बात करते हैं, लेकिन वे न नौकरी की बात करते हैं, न रोजगार की बात करते हैं। ना छात्र-नौजवान, किसान और मजदूर की बात करते हैं। ना गांव और गरीब की बात करते हैं। मोदी जी ना शिक्षा और स्वास्थ्य और ना स्कूल और अस्पताल की बात करते हैं। फिर जनता किस बात पर 400 पार कराएगी।"
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री अगर मुद्दे पर बात नहीं करेंगे तो एनडीए 400 क्या 100 भी पार नहीं करेगी। इसलिए, अब मुद्दे की बात होनी चाहिए।
(आईएएनएस)
चंडीगढ़, 8 अप्रैल । हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) को बड़ा झटका देते हुए इसके प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने सोमवार को पार्टी छोड़ दी।
निशान सिंह के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जेजेपी के कई विधायक भी उनके साथ जाएंगे।
2018 में जेजेपी के गठन के बाद निशान सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी।
हरियाणा में भाजपा के साथ साढ़े चार साल का गठबंधन तोड़ने के बाद, अजय चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
हरियाणा की सभी 10 सीटों पर लोकसभा चुनाव 25 मई को होंगे। भाजपा ने पहले ही सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 अप्रैल। मध्य एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने में फिर तेजी आई।
5 जून, 2024 को मैच्योर होने वाला सोना वायदा एमसीएक्स पर 70,981 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था, जो 70,636 रुपये के पिछले स्तर से 345 रुपये या 0.49 प्रतिशत ज्यादा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना हाजिर 2,353.79 डॉलर प्रति औंस की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद 2,343.89 डॉलर प्रति औंस पर है।
इस साल अब तक सोने की कीमत में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय बैंकों ने बड़ी मात्रा में सोना खरीदा है और इजराइल-हमास संघर्ष के कारण बढ़ते तनाव के बीच इसकी मांग बढ़ गई है।
यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती के संकेत से भी सोने की खरीददारी में वृद्धि हुई है।
सोमवार को दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 71,430 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास है, जबकि मुंबई में यह 71,280 रुपये प्रति 10 ग्राम, चेन्नई में 72,150 रुपये प्रति 10 ग्राम है।
(आईएएनएस)