राष्ट्रीय
हैदराबाद, 29 अक्टूबर राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शनिवार को तेलंगाना के महबूबनगर कस्बे के धर्मपुर से फिर से शुरू हुई और इसके 20 किलोमीटर की दूरी तय करने की उम्मीद है।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी के साथ अभिनेत्री पूनम कौर और उस्मानिया विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने भी पदयात्रा की।
राज्य में यात्रा का यह चौथा दिन है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल शनिवार की यात्रा की समाप्ति से पहले शाम को जडचेरला एक्स रोड जंक्शन पर एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, यात्रा सुबह साढ़े छह बजे शुरू हुई और राहुल के साथ कांग्रेस के कई नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि अभिनेत्री पूनम कौर और उस्मानिया विश्वविद्यालय के कई छात्र भी राहुल के साथ पदयात्रा में शामिल हुए।
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को महबूबनगर में रात्रि विश्राम से पहले ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने दिनभर में 23.3 किलोमीटर की दूरी तय की थी।
यात्रा तेलंगाना के नौ लोकसभा और 19 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए कुल 375 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जिसके बाद सात नवंबर को महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी।
चार नवंबर को यात्रा एक दिन का विराम लेगी।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल खेल, व्यवसाय और मनोरंजन क्षेत्र की हस्तियों के साथ-साथ विभिन्न समुदायों के बुद्धिजीवियों और नेताओं से मुलाकात करेंगे।
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने कहा कि राहुल पूरे तेलंगाना में प्रार्थना स्थल, मस्जिद और मंदिर जाकर वहां पूजा-अर्चना भी करेंगे।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी।
यात्रा का तेलंगाना चरण आरंभ करने से पहले राहुल ने केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में पदयात्रा की थी।
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस ने यात्रा के समन्वय के लिए 10 विशेष समितियों का गठन किया है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था उन देशों को आगाह करने के लिए प्रभावी है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है।
दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आतंकवाद रोधी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने आतंकवाद को मानवता के लिए ‘‘सबसे गंभीर खतरों में से एक’’ बताया।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, खासतौर से एशिया और अफ्रीका में।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले दो दशकों में आतंकवाद से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आसपास निर्मित महत्वपूर्ण संरचना विकसित की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह उन देशों को आगाह करने के लिए बहुत प्रभावी रही है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘इसके बावजूद आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, खासतौर से एशिया और अफ्रीका में, जैसा कि 1267 प्रतिबंध समिति निगरानी रिपोर्टों में बार-बार उल्लेख किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए किया जा रहा है।
विदेश मंत्री ने आतंकवादी समूहों द्वारा नयी प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया मंच ‘‘आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों की टूलकिट’’ में प्रभावशाली उपकरण बनकर उभरे हैं।
जयशंकर ने कहा, ‘‘हाल के वर्षों में, खासतौर से खुले और उदार समाज में आतंकवादी समूहों, उनके वैचारिक अनुयायियों और अकेले हमला करने वाले लोगों ने इन प्रौद्योगिकियों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए प्रौद्योगिकी और पैसा तथा सबसे जरूरी खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल करते हैं।’’
जयशंकर ने कहा कि आतंकवादी समूहों और संगठित आपराधिक नेटवर्कों द्वारा मानवरहित हवाई प्रणालियों के इस्तेमाल ने दुनियाभर में सरकारों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘रणनीतिक, बुनियादी और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी उद्देश्यों के लिए हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल की आशंकाओं पर सदस्य देशों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।’’ (भाषा)
मंदसौर, 29 अक्टूबर मध्य प्रदेश पुलिस ने मंदसौर जिले में लहसुन से लदे ट्रक में छिपायी गई करीब 1.5 करोड़ रुपये मूल्य की 1.5 किलोग्राम स्मैक जब्त करने के साथ ही दो कथित मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार किया। यह जानकारी एक अधिकारी ने शनिवार को दी।
अधिकारी ने बताया कि मादक पदार्थ मणिपुर से लायी गई थी और उसे राजस्थान ले जाया जा रहा था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर शुक्रवार को अभियान चलाया गया।
पिपलिया मंडी थाने के प्रभारी राकेश चौधरी ने कहा, ‘‘सूचना मिलने के बाद पुलिस दल ने गुडभेली रोड पर एक ट्रक को रोका और प्लास्टिक के एक थैले में रखा 1.5 किलोग्राम स्मैक बरामद किया। इस थैले को ट्रक में एक गुप्त जगह छिपाया गया था।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले भगवती लाल (37) और छोटे खान (26) के तौर पर पहचाने गए दो अंतर राज्यीय तस्करों को एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है।
चौधरी ने कहा कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे स्मैक इंफाल (मणिपुर) से लाए थे और प्रतापगढ़ ले जा रहे थे। चौधरी ने बताया कि मामले में आगे जांच जारी है। (भाषा)
मंगलुरु, 29 अक्टूबर कर्नाटक के सामाजिक और सांस्कृतिक हलकों में इस बात पर बहस छिड़ गई है कि राज्य के तटीय इलाकों में प्रचलित अनुष्ठान ‘भूतअराधने’ हिंदू संस्कृति का हिस्सा है या नहीं।
यह बहस ऋषभ शेट्टी की कन्नड़ फिल्म 'कांतारा' की शानदार सफलता के बाद छिड़ी है, जो दक्षिण कन्नड़ क्षेत्र में 'भूत कोला' की पूजा सहित परंपराओं और मान्यताओं पर आधारित है।
एक साक्षात्कार के दौरान, शेट्टी से सवाल किया गया था कि क्या फिल्म में जंगली सूअर ‘पंजुरली’ को एक हिंदू देवता के रूप में चित्रित किया गया है। इसपर शेट्टी ने अपने जवाब दिया कि वे देवता ‘‘हमारी परंपरा और हिंदू संस्कृति व रीति-रिवाजों का हिस्सा हैं।’’
उन्होंने कहा, “चूंकि मैं एक हिंदू हूं, इसलिए मैं अपने धर्म में आस्था रखता हूं और इसका सम्मान करता हूं। लेकिन मैं यह नहीं कहता दूसरे गलत हैं। हमने जो (फिल्म में) कहा है वह हिंदू धर्म में मौजूद तत्व के माध्यम से कहा है।”
इसका विरोध करते हुए कन्नड़ अभिनेता एवं कार्यकर्ता चेतन कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम 'हिंदू' शब्द का प्रयोग कैसे करते हैं।’’
उन्होंने कहा, “यह कहना गलत है कि 'भूत कोला' हिंदू धर्म का हिस्सा है। आदिवासी यह अनुष्ठान करते हैं और भूत कोला में कोई 'ब्राह्मणवाद' नहीं है।”
कुमार ने प्राचीन 'मूलवासी' संस्कृति को हिंदू धर्म से जोड़ने के प्रति आगाह करते हुए कहा कि यह आदिवासियों की संस्कृति है। आदिवासी संस्कृति को हिंदू धर्म से न जोड़ें।”
दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया है।
'भूत कोला' एक अनुष्ठान है जिसके तहत स्थानीय आत्माओं और देवताओं की पूजा की जाती है।
दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों के तुलु भाषी इलाकों में कई भूतों की पूजा की जा रही है। अनुष्ठान ज्यादातर छोटे स्थानीय समुदायों और ग्रामीण इलाकों तक ही सीमित होते हैं जहां माना जाता है कि “देव” ग्रामीणों को सभी बुराइयों से बचाते हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती का चार साल तक इंतजार करने के बाद लाखों युवाओं की उम्र भर्ती के लिए निर्धारित आयु से अधिक हो गई है।
वरुण ने ट्वीट किया, ‘‘चार साल से उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती का इंतजार कर रहे लाखों छात्र ‘ओवर-एज’ (निर्धारित सीमा से अधिक आयु) हो चुके हैं। न भर्ती मिली, न कोई उम्मीद। वे सोशल मीडिया पर लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है। यही छात्र जब सड़क पर आएंगे, तब उन पर ‘उपद्रवी’ होने का आरोप लगेगा। क्या यह अन्याय नहीं है?’’
पीलीभीत से लोकसभा सांसद वरुण उत्तर प्रदेश और केंद्र में कई मुद्दों को लेकर भाजपा नीत सरकार की आलोचना करते रहे हैं। (भाषा)
मेरठ, 29 अक्टूबर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में धर्म परिवर्तन के आरोपों के बाद नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके जांच के आदेश दिए गए हैं। यह जानकारी पुलिस ने यहां शनिवार को दी।
मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि धर्म परिवर्तन को लेकर पुलिस को शिकायत मिली थी, जिसकी जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी ब्रह्मपुरी को दी गई थी। सजवाण ने बताया कि उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर थाना ब्रह्मपुरी में तीन महिलाओं समेत नौ लोगों को नामजद करते हुए मामला दर्ज कराया गया और फिलहाल जांच जारी है।
शिकायत मंगतपुरम बस्ती के कुछ व्यक्तियों द्वारा दी गई थी।
पुलिस ने बताया कि शिकायकर्ताओं के अनुसार कुछ लोगों ने क्षेत्र में रहने वाले गरीबों को कोरोना काल के दौरान कुछ वित्तीय सहायत दी थी। पुलिस ने बताया कि शिकायकर्ताओं के अनुसार इसके बाद आरोपियों ने इन लोगों पर धर्म अपनाने का दबाव डाला।
पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ताओं के अनुसार, ‘‘आरोपियों द्वारा मंगतपुरम कालोनी के लोगों के घरों से हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर भी बाहर फेंकी जा रही है। विरोध करने पर अथवा घटना की शिकायत किसी अधिकारी से करने पर आरोपी चाकू-डन्डे लेकर घर आकर जान से मारने की धमकी देते हैं।’’
हालांकि तहरीर में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि कुल कितने लोंगो का धर्म परिवर्तन कराया गया है। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेता दीपक शर्मा का कहना है कि मंगतपुरम बस्ती में रहने वाले 100 से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह काम पिछले तीन साल से चल रहा है। कोरोना काल में बस्ती के लोगों को राशन और पैसा देकर धर्म परिवर्तन के लिए तैयार किया गया था। अब बाकी लोगों पर भी दबाव बनाया जा रहा है और धमकी दी जा रही है।’’
प्राथमिकी में उत्तर प्रदेश विधि विरुध्द सपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की धारा 3,5(1) के तहत छबीली उर्फ शिव, बिनवा, अनिल, सरदार, निक्कू, बसंत, प्रेमा, तितली और रीना के नाम हैं। पुलिस ने अभी किसीको गिरफ्तार नहीं किया है। (भाषा)
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर । दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कुछ हफ़्ते बाद गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की सरकार बनने का दावा करते हुए 'अपना मुख्यमंत्री चुनें' अभियान की शुरुआत की है.
शनिवार को उन्होंने गुजरात के सूरत में कहा, ''जो भी हमारा सीएम उम्मीदवार होगा, वही गुजरात का अगला सीएम होगा. तो आज हम जनता से पूछते हैं, आप बताइए कौन हो आपका सीएम.''
उन्होंने कहा कि इस नंबर और ईमेल पर 3 नवंबर की शाम 5 बजे तक अपनी राय भेजी जा सकती है, जिसके नतीजे 4 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
अरविंद केजरीवाल ने जनता की राय जानने के लिए एक मोबाइल नंबर जारी किया है. इस पर एसएमएस या व्हाट्सऐप मैसेज या वॉयस मैसेज के ज़रिए अपनी पसंद बताई जा सकती है. उन्होंने इसके लिए एक नंबर भी जारी किया है.
पार्टी ने पंजाब चुनाव में भी ऐसा ही किया था. पंजाब में चलाए गए ऐसे अभियान के बाद ही भगवंत मान का नाम उभरकर सामने आया था.
केजरीवाल ने दावा किया है कि गुजरात के लोग महंगाई और बेरोज़गारी से तंग हो चुके हैं, इसलिए वे बदलाव चाहते हैं.
उन्होंने बीजेपी पर बार-बार मुख्यमंत्री बदलने के लिए निशाना साधते हुए कहा कि इनके सीएम दिल्ली से तय होते हैं, जबकि लोकतंत्र में फ़ैसला जनता करती है.
उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी में हम जनता से पूछकर तय करते हैं कि वे किसे मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. (bbc.com/hindi)
इंदौर, 29 अक्टूबर मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में स्कूल में पढ़ने वाली तीन छात्राओं ने अलग अलग कारणों से इंदौर में जहर खा लिया जिससे दो लड़कियों की मौत हो गई जबकि उनकी एक सहपाठी की हालत गंभीर है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि यह घटना शुक्रवार को इंदौर में हुई जब सीहोर के आष्टा कस्बे में रहने वाली तीन लड़कियां स्कूल की कक्षा छोड़कर बस से यहां पहुंची। एक लड़की कथित रूप से अपने प्रेमी से यहां मिलने यहां पहुंची थी, क्योंकि उसने उसका फोन उठाना बंद कर दिया था।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त प्रशांत चौबे ने पीटीआई भाषा को बताया कि दो लड़कियों की मौत हो गई जबकि सरकारी एम वाई अस्पताल में एक लड़की का उपचार चल रहा है और उसकी हालत नाजुक है।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में बच गई लड़की के बयान से पता चला है कि तीनों आष्टा के एक स्कूल में पढ़ती थीं और करीबी दोस्त थीं। शुक्रवार की सुबह अपनी कक्षा छोड़कर कर वे बस से इंदौर पहुंची थीं।
उन्होंने कहा कि तीनों ने आष्टा की एक दुकान से जहर खरीदा और इंदौर पहुंचकर एक लड़की ने अपने प्रेमी को फोन किया। जब भंवरकुआं इलाके में एक पार्क में वे लड़के का इंतजार कर रही थीं तो वह नहीं आया। इससे प्रेमिका का दिल टूट गया और उसने जहर खा लिया।
उन्होंने कहा कि इसके तुरंत बाद दूसरी लड़की ने भी अपने परिवार की गंभीर समस्याओं का हवाला अपनी मित्र को देते हुए जहर खा लिया। इसके बाद तीसरी लड़की ने भी जहर खा लिया क्योंकि वह अपनी दोनों दोस्तों के बहुत करीब थी। हालांकि तीसरी लड़की बच गई।
उन्होंने कहा कि आसपास के लोगों ने जब लड़कियों को देखा तो उन्हें एक निजी अस्पताल में ले गए जहां से उन्हें एम वाई अस्पताल में भेजा गया, जहां दो लड़कियों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि लड़कियों के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। हम उपचाराधीन लड़की के बयान के आधार पर जांच कर रहे हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि लड़कियों के माता-पिता इंदौर पहुंच गए हैं और उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। (भाषा)
सहारनपुर, 29 अक्टूबर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के थाना जनकपुरी इलाके में एक युवक ने शनिवार को अपनी पत्नी और सास के उपर कथित रूप से पेट्रोल छिडक कर उन्हें आग के हवाले कर दिया, जिससे इस घटना में तीनों झुलस गये और सास की मौत हो गयी । पुलिस ने इसकी जानकारी दी ।
पुलिस ने बताया कि तीनों को झुलसी अवस्था मे जिला चिकित्सालय मे भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान सास ने दम तोड़ दिया।
सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिमन्यु मांगलिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शामली निवासी नितिन (26) राजमिस्त्री का काम करता है। उसकी ससुराल थाना जनकपुरी के अन्तर्गत गढीमलूक में है। उन्होंने बताया कि नितिन की पत्नी रीतिका (22) का नितिन से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था जिसके बाद वह 15 दिनों से मायके में रह रही थी ।
मांगलिक ने बताया कि नितिन पत्नी को लेने अपनी ससुराल आया था ओर उसे वापस ले जाना चाहता था लेकिन रीतिका उसके साथ जाने को तैयार नही थी और उसकी मां पायल (45) भी अपनी बेटी का ही साथ दे रही थी।
अधिकारी ने बताया कि शनिवार सुबह पांच बजे नितिन ने गुस्से मे आकर अपनी सास और पत्नी के उपर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। उन्होंने बताया कि पेट्रोल के कारण आग भड़क गयी और नितिन भी इस आग की चपेट मे आ गया, जिससे उसकी सास पायल, पत्नी रीतिका और खुद नितिन झुलस गये।
उन्होंने बताया कि तीनों की आवाज सुनकर पास पड़ोस के लोग आ गये ओर आग बुझाने का प्रयास करते हुए उन्हे जिला चिकित्सालय ले जाया गये जहां उपचार के दौरान पायल की मौत हो गई जबकि उसकी पत्नी रीतिका की हालत गम्भीर है। रीतिका ने पुलिस को बताया कि छह माह पहले ही उसकी शादी हुई थी।
उन्होंने कहा कि रीतिका और नितिन का उपचार जिला चिकित्सालय मे चल रहा है। पुलिस मामले में आवश्यक कार्रवाई करेगी। (भाषा)
भुवनेश्वर, 29 अक्टूबर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक सरकारी अधिकारी के पास से 1.75 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी बरामद की गयी है। अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि सतर्कता विभाग ने भ्रष्टाचार के एक मामले में अतिरिक्त मुख्य इंजीनियर के आवास पर छापा मारा, जहां से क्रिप्टोकरेंसी बरामद की गयी।
उन्होंने बताया कि अधिकारी सोमवार को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, और उनके आवास पर छापा शुक्रवार को मारा गया और शनिवार सुबह तक तलाशी जारी रही।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जैसे ही अधिकारी और उनके परिवार ने जांचकर्ताओं को दरवाजे पर खड़ा देखा तो उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी के सबूत नष्ट करने की कोशिश की। इसमें कहा गया है कि क्रिप्टोकरेंसी का आंकड़ा बढ़ सकता है।
जांचकर्ताओं ने एक न्यायाधीश द्वारा तलाशी वारंट जारी होने के बाद खुर्दा, संबलपुर और बारगढ़ जिलों में भी अधिकारी के संपत्तियों की तलाशी ली।
बयान में कहा गया है कि उन्हें संबलपुर में 1.27 करोड़ रुपये के आठ प्लॉट, 64.42 लाख रुपये का बीमा, 39 लाख रुपये के दो चार पहिया वाहन, तीन लाख रुपये के दो दुपहिया वाहन, 10 लाख रुपये के सोने के आभूषण, 15.55 लाख रुपये के घर के कीमती सामान और 1.7 लाख रुपये नकद मिले।
जांचकर्ताओं ने बताया कि अधिकारी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। (भाषा)
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी बैठक में कहा है कि वह मुंबई का हमला कभी नहीं भूलेगा. भारत का कहना है कि आतंकियों को प्रतिबंधित करने के कुछ मामले में यूएन विफल रहा है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
मुंबई में बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मुंबई का 26/11 हमला कभी भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा, "यह हमला सिर्फ मुंबई पर नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर था. हमले के बाद से हमने इस हमले के मास्टरमाइंड और आतंकियों को न्याय के कठघरे में लाने की कोशिश की है, लेकिन यह काम अधूरा है और इसलिए इस यूएनएसी आतंकवाद रोधी समिति का एक साथ आना विशेष और महत्वपूर्ण है."
मुंबई हमले के 14 साल पूरे हो जाएंगे
शुक्रवार से शुरू हुई दो दिवसीय बैठक से पहले यूएनएससी के सदस्यों ने हमलों मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की. आतंकवाद रोधी बैठक मुंबई के उसी होटल ताज महल पैलेस में हो रही है जो आतंकियों के निशाने पर था. बैठक से पहले प्रतिनिधियों ने होटल में 26/11 स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. अगले महीने मुंबई हमले की 14वीं बरसी है. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे.
जयशंकर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 26/11 के आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता को अब तक सजा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में यूएनएससी आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में असफल रही है. उन्होंने कहा, "जब इन आतंकवादियों में से कुछ को प्रतिबंधित करने की बात आती है, तो सुरक्षा परिषद कुछ मामलों में राजनीतिक कारणों से कार्रवाई करने में असमर्थ रही है. यह हमारी सामूहिक विश्वसनीयता और हमारे सामूहिक हितों को कमजोर करता है."
आतंकियों को वैश्विक सूची में डालने से बचाता है चीन?
दरअसल कुछ पिछले कुछ महीनों चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ऐसे पाकिस्तानी आतंकियों को वैश्विक आतंकियों की सूची में डाले जाने के अमेरिका और भारत के उन प्रस्तावों को बाधित किया जिससे उन पर प्रतिबंध लग जाता. चीन ने हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद, शाहिद महमूद, अब्दुल रहमान मक्की, अब्दुल रऊफ अजहर और साजिद मीर को यूएनएसी में बचाया है. हाफिज सईद मुंबई हमलों का प्रमुख अभियुक्त है.
इस बैठक में जयशंकर ने समिति के प्रतिनिधियों से कहा, "आतंकवाद का मुकाबला करने का एक प्रमुख पहलू आतंकवाद के वित्त पोषण को प्रभावी ढंग से रोकना है. आज आतंकवाद विरोधी समिति स्थानीय और क्षेत्रीय संदर्भ में आतंकवाद के फाइनेंसिंग का मुकाबला करने पर विशेषज्ञों से भी चर्चा करेगी."
उन्होंने इस बैठक में पाकिस्तान का बिना नाम लिए कहा, "आतंकवाद ने दुनिया के कई क्षेत्र को त्रस्त कर दिया है. भारत दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा बेहतर समझता है. दशकों से सीमा पार घुसपैठ से लड़ने की हमारी प्रतिबद्धता कमजोर नहीं हुई है और न ही होगी."
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस समिति के अध्यक्ष और गेबॉन के विदेश मंत्री मिशेल मौस्सा एडेमो ने इस बैठक में कहा कि आतंकवादियों को संसाधनों की आपूर्ति बंद होनी चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति के अगले दिन की बैठक दिल्ली में होगी और इसमें चीन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. बैठक में ड्रोन तकनीक और अन्य उभरती हुई प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. पिछले सात वर्षों में यह पहला मौका है जब यूएनएससी की आतंकवाद रोधी समिति की विशेष बैठक इसके मुख्यालय से बाहर आयोजित की जा रही है. यूएन ने इस आयोजन के पहले कहा था कि इस तरह की बैठक का लक्ष्य आतंकी इरादों और कार्रवाइयों को रोकने के लिए सदस्य देशों को नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जानकारी देना है ताकि आतंकियों को कानून के दायरे में लाए जा सके.
अल्बानिया, ब्राजील, चीन, फ्रांस, गेबॉन, घाना, भारत, आयरलैंड, केन्या, मेक्सिको, नॉर्वे, रूस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), यूनाइटेड किंग्डम (यूके) और अमेरिका के प्रतिनिधि इस विशेष बैठक में भाग ले रहे हैं. (dw.com)
कथित तौर पर भारत में बने कफ सिरप पीने से कुछ दिनों पहले गाम्बिया के दर्जनों बच्चों की मौत हो गई. यह पहला मामला नहीं है जिसने भारतीय दवा उद्योग से जुड़े स्याह पक्ष को उजागर किया है.
डॉयचे वैले पर मुरली कृष्णन की रिपोर्ट-
गाम्बिया में हाल ही में 69 बच्चों की मौत के बाद भारतीय दवा कंपनियां फिर से सुर्खियों में आ गई हैं. कई रिपोर्ट में कहा गया कि बच्चों को भारत में निर्मित कफ सिरप दी गई थी. इसे पीने के बाद से ही बच्चों की हालत बिगड़ी और आखिरकार उनकी मौत हो गई. इस सिरप का निर्माण भारतीय कंपनी मेडन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने किया था और चार अलग-अलग ब्रांडों के तहत इसे अफ्रीकी देश में निर्यात किया गया था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि मेडन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा बनाई गईं चार दवाओं में डाइथाइलीन ग्लाइकोल और इथाइलीन ग्लाइकोल की मात्रा सुरक्षित मानकों से ‘अस्वीकार्य स्तर तक' ज्यादा है, जो घातक हो सकता है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ये उत्पाद ‘दूषित' थे और इन्हें इस्तेमाल करने की वजह से ‘पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब में परेशानी, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में बदलाव जैसे वे लक्षण दिखने शुरू हुए जिनसे मौत हो सकती है.'
इस पूरे मसले पर मेडन फार्मास्युटिकल्स ने कहा कि वह उत्पादन की प्रक्रिया में ‘स्वास्थ्य अधिकारियों के प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन कर रहा था'. वह इस घटना से ‘हैरान' और ‘काफी दुखी' है.
गाम्बिया की घटना को लेकर भारत सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए विशेष पैनल गठित किया है. फिलहाल, पैनल ने अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है. हालांकि, इस स्कैंडल ने पहले ही भारत के विशाल दवा उद्योग को लेकर दर्दनाक सवाल खड़े कर दिए हैं.
भारत टीकों के निर्माण के मामले में दुनिया का अग्रणी देश है और जेनेरिक दवाओं का भी बड़ा उत्पादक है. जेनेरिक दवाएं कीमत के लिहाज से सस्ती होती हैं. साथ ही, गुणवत्ता के मामले में ब्रैंडेड दवाओं की तरह ही प्रभावी होती हैं.
वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवाओं की 20 फीसदी आपूर्ति भारत करता है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स का अनुमान है कि बढ़ती निर्यात हिस्सेदारी के साथ भारत का दवा उद्योग बढ़ता रहेगा और अगले साल तक यह उद्योग लगभग 60.9 अरब डॉलर मूल्य का हो जाएगा.
हालांकि, एक विशाल दवा बाजार में नकली दवाओं के उत्पादन और वितरण का भी खतरा होता है, क्योंकि कई लोग भारत के नियम-कानूनों के कड़ाई से पालन पर सवाल उठाते हैं.
दवा बाजार के स्कैंडल
भारत निर्मित कफ सिरप से जुड़ी गाम्बिया की घटना इस तरह की पहली घटना नहीं है. दो साल पहले, डिजिटल विजन नामक कंपनी के बनाए गए सिरप के सेवन से जम्मू और कश्मीर में 17 बच्चों की मौत हो गई थी.
इस घटना की जांच में पाया गया कि सिरप में डाइथाइलीन ग्लाइकोल की मात्रा काफी ज्यादा थी. गाम्बिया में हुई मौत के बाद डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में भी पाया गया कि वहां भेजे गए कफ सिरप में डाइथाइलीन ग्लाइकोल और इथाइलीन ग्लाइकोल की मात्रा सुरक्षित मानकों से ‘अस्वीकार्य स्तर तक' ज्यादा थी.
जम्मू-कश्मीर की घटना के बाद भारत सरकार ने इस कफ सिरप के इस्तेमाल पर रोक लगा दी और उन उत्पादों के इस्तेमाल का निर्णय लिया गया जिनमें ये दो विषैले पदार्थ डाइथाइलीन ग्लाइकोल और इथाइलीन ग्लाइकोल शामिल नहीं किए जाते.
कुछ साल पहले 2016 में, दो भारतीय दवा कंपनियों पर डायबिटीज के नकली दवाओं के निर्यात का आरोप लगा था.
भारत के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने फार्मास्यूटिकल प्रॉडक्ट ऑफ इंडिया लिमिटेड और वेनवरी की जांच की. इसमें पाया गया कि इन दोनों के बीच निर्माण और निर्यात को लेकर समझौता था. दोनों कंपनियां डायबिटीज की दवा मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की अवैध रूप से रीब्रांडिंग कर रही थीं और उन्हें बांग्लादेश, ब्राजील, मेक्सिको और पाकिस्तान को निर्यात कर रही थीं. यह अवैध गतिविधि कई वर्षों से चल रही थी.
2013 में रैनबैक्सी लैबोरेटरीज नामक कंपनी को मिलावटी दवाओं के निर्माण और वितरण के लिए दोषी ठहराया गया था. अमेरिकी न्याय विभाग के साथ एक समझौते के तहत कंपनी 50 करोड़ डॉलर की जुर्माना राशि का भुगतान करने के लिए तैयार हुई.
बात यहीं तक सीमित नहीं है. पिछले साल जब दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत भी कोरोना वायरस की लहर से जूझ रहा था, तब काफी संख्या में रेमडेसिविर की नकली शीशियां ज्यादा कीमतों पर बाजार में बेची गई और निर्यात भी की गई. कोविड के इलाज के लिए इस एंटीवायरल दवा की मांग उस समय काफी ज्यादा बढ़ गई थी.
सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाले दिनेश ठाकुर ने डीडब्ल्यू को बताया, "भारत में 1940 में बने ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत दवा से जुड़े नियमों का पालन किया जाता है. हालांकि, बाद में इसमें थोड़े-बहुत बदलाव किए गए हैं, लेकिन भारत जैसे बड़े बाजार जो राज्यों का एक संघ है उसे सही तरीके से संचालित करने के लिए ये नियम पर्याप्त नहीं हैं."
दिनेश ठाकुर दवा उद्योग के क्षेत्र में बतौर अधिकारी काम कर चुके हैं. वह आगे कहते हैं, "दवा के निर्माण और वितरण से जुड़े नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी जिस नौकरशाही पर है वह बेकार, अक्षम और भ्रष्ट है."
सुरक्षा जांच में असफल रहीं हजारों दवाएं
यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (यूएसटीआर) की एक रिपोर्ट में पाया गया कि भारतीय बाजार में बिकने वाले सभी दवा उत्पादों में से 20 फीसदी नकली हैं. आधिकारिक सरकारी रिकॉर्ड से पता चलता है कि 2007 और 2020 के बीच, भारत के मात्र तीन राज्य और तीन केंद्र शासित प्रदेशों से जांच के लिए इकट्ठा किए गए नमूने में से 7500 से अधिक दवाएं गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गईं.
2018 में, सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने जानकारी दी कि भारतीय बाजार में मौजूद कुल जेनेरिक दवाओं में लगभग 4.5 फीसदी दवाएं घटिया थीं.
इसके अलावा, भारत में मौजूद 12,000 से अधिक विनिर्माण इकाइयों में से महज एक चौथाई ही डब्ल्यूएचओ के मानकों के मुताबिक कार्य करती हैं.गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत, भारतीय कफ सिरप की जांच में जुटा डब्ल्यूएचओ
भारत के फॉर्मा सिक्योर के अध्यक्ष और सीईओ नकुल पसरीचा कहते हैं, "भारत में दवा से जुड़े कानून का पालन कराने वाले नियामकों के पास कम संसाधन हैं." फॉर्मा सिक्योर दवा बनाने वाली प्रमुख कंपनियों के साथ काम करती है, ताकि उनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं को ट्रैक किया जा सके और उनकी दवाओं की प्रमाणिकता की पुष्टि की जा सके.
नकुल पसरीचा ने डीडब्ल्यू से कहा, "हमें दवा से जुड़ी प्रणालियों को मजबूत करने की जरूरत है. अगर इस तरह की हाई-प्रोफाइल घटनाओं (गाम्बिया) से हमारे निर्यात पर किसी भी तरह का असर पड़ता है, तो यह स्पष्ट रूप से भारत के दवा उद्योग की प्रतिष्ठा के लिए अच्छी बात नहीं है."
पसरीचा का यह भी मानना है कि दवा कंपनियों को गुणवत्तापूर्ण दवा का निर्माण करना चाहिए. साथ ही, किसी भी तरह की जालसाजी को रोकने के लिए समय-समय पर जांच करनी चाहिए. उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी कंपनी से बाहर जाने वाली दवा ‘घटिया' न हो.
खतरा ‘शून्य' होना चाहिए
भारत के दवा उद्योग से जुड़े हाल के स्कैंडल पर टिप्पणी करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कोच्चि चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष राजीव जयदेवन ने कहा कि मरीजों और डॉक्टरों को फिलहाल कोई खतरा नहीं है. उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "हालांकि, अगर गाम्बिया जैसी घटनाएं होती हैं, तो प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है. नकली दवा के लिए माफी की गुंजाइश नहीं है. यह शून्य होना चाहिए.”
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने डीडब्ल्यू को बताया कि नकली दवा तस्करों पर लगाम लगाने के लिए स्वास्थ्य आपूर्ति श्रृंखला के सभी चरणों की ‘उच्च स्तर की निगरानी और मूल्यांकन' होना चाहिए.
स्वास्थ्य कार्यकर्ता दिनेश ठाकुर भी कुछ ऐसा ही चाहते हैं. वह ‘कानून के तहत ज्यादा पारदर्शिता और जवाबदेही' की मांग करते हैं. ठाकुर कहते हैं, "हमें कानून में बुनियादी बदलाव करने की जरूरत है. साथ ही, यह भी तय किया जाना चाहिए कि इनका अनुपालन कड़ाई से हो.” (dw.com)
असम में मिया म्यूजियम के खुलने के दो दिनों के भीतर ही सील करने और इस मामले से जुड़े पांच लोगों की गिरफ्तारी का मामला भले अभी सुर्खियों में है, लेकिन स्थानीय असमिया लोग और मिया समुदाय के बीच टकराव का इतिहास काफी लंबा है.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
बीजेपी के सत्ता में आने के बाद यह टकराव और तेज हुआ है. अब पुलिस ने दावा किया है कि म्यूजियम का संबंध अल-कायदा से है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि म्यूजियम में रखी वस्तुओं में सिर्फ लुंगी ही उनकी थी, बाकी चीजें असमिया थी. असम सरकार पर पहले भी अल्पसंख्यकों को निशाने पर लेने के आरोप लगते रहे हैं.
कौन है मिया समुदाय
मिया समुदाय पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश ) से असम में आये मुस्लिम प्रवासियों की पीढ़ियां हैं. इन्हे आम तौर पर मिया (मियां) कहा जाता है. इस समुदाय के लोगों ने कई चरणों में असम में प्रवेश किया. इसकी शुरुआत उस समय हुई जब तत्कालीन ब्रिटिश शासकों ने इस तबके के लोगों को 1890 के दशक के उत्तरार्ध में असम में ब्रह्मपुत्र नदी के दोनों किनारों पर खेती और दूसरे कामों के लिए बसाया था. इस तबके के लोगों की आबादी बढ़ने के कारण राज्य की जनसांख्यिकीय संरचना में काफी बदलाव हुए हैं.
इसी मुद्दे पर वर्ष 1979 से 1985 तक लगातार छह वर्षों तक असम आंदोलन भी चला था. असम के मूल निवासियों ने इन लोगों पर उनके रोजगार छीनने, भाषा और संस्कृति को खराब करने का आरोप लगाया था. उसके बाद हाल के वर्षों में मिया समुदाय और राज्य के मूल निवासियों के बीच टकराव लगातार बढ़ा है. राज्य में इस तबके के लोगों को सम्मान की निगाह से नहीं देखा जाता.
मिया म्यूजियम
मिया म्यूजियम स्थापित करने का प्रस्ताव सबसे पहले कांग्रेस विधायक शरमन अली अहमद ने वर्ष 2020 में किया था जिसे सरकार ने खारिज कर दिया था. 28 अक्टूबर 2020 को हिमंता बिस्वा सरमा, जो तब सर्बानंद सोनोवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे, ने कहा था, "असम में जब तक बीजेपी सत्ता में है, वो मिया म्यूजियम ना खुलने देगी और ना रहने देगी."
अब असम के ग्वालपाड़ा जिले में मुस्लिम समुदाय से जुड़े मिया म्यूजियम के उद्घाटन और फिर सील करने वाले मामले ने राज्य की सियासत में उबाल ला दिया है. इसका उद्घाटन रविवार को किया गया था. लेकिन मंगलवार को ही इसे सील कर दिया गया. असम मिया परिषद के अध्यक्ष मोहर अली ने प्रधानमंत्री आवास योजना यानी पीएमएवाई के तहत आवंटित घर के परिसर में म्यूजियम की स्थापना की थी.
पीएमएवाई के तहत आवंटित घर में म्यूजियम के खुलने से विवाद पैदा हो गया और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने इसे तत्काल बंद करने की मांग की. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य अब्दुर रहीम जिब्रान ने घर में म्यूजियम बनाए जाने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. खेती और मछली पकड़ने में काम आने वाले कुछ औजारों और लुंगी आदि को म्यूजियम में प्रदर्शित किया गया था. अली ने दावा किया कि ये वस्तुएं मिया समुदाय की पहचान हैं.
म्यूजियम को सील करने के बाद पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया है. पुलिस का दावा है कि इस म्यूजियम के तार अल-कायदा से जुड़े हैं. इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
असम की पहचान
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा था कि मिया समुदाय के कुछ सदस्यों की ऐसी गतिविधियों से असमिया पहचान के लिए खतरा पैदा हो गया है. उनका सवाल था कि वे (मिया समुदाय) कैसे दावा कर सकते हैं कि हल उनकी पहचान है? राज्य के सभी किसान सदियों से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. वे सिर्फ लुंगी पर अपना दावा कर सकते हैं. सरमा ने कहा कि मिया म्यूजियम में जो कुछ भी प्रदर्शित किया गया था, वह दरअसल असमिया संस्कृति से संबंधित हैं.
बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सत्ता में लौटने और सरकार की कमान हिमंता बिस्वा सरमा के हाथों में जाने के बाद इस तबके के प्रति अपने रवैए को लेकर सरकार अक्सर कठघरे में रही है. बीते विधानसभा चुनाव में हिमंता ने साफ कहा था कि उनको मिया मुसलमानों के वोट नहीं चाहिए. राज्य के बहुत से लोगों का मानना है कि प्रवासी मुस्लिमों की वजह से असम ने अपनी पहचान, संस्कृति और भूमि खो दी है. सरकार ने सत्ता में आने के बाद कई विवादास्पद कानून तो बनाए ही, बड़े पैमाने पर अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान भी चलाया. यह अभियान कई मौकों पर काफी हिंसक साबित हुआ. लेकिन सरकार अपने रुख पर अडिग रही.
निशाने पर अल्पसंख्यक
बीते साल जुलाई में मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री सरमा ने पशुओं की कटाई और ढुलाई के नियमन के लिए एक विधेयक सदन में पेश किया था. इसी तरह राज्य में सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए दो बच्चों वाला नियम अनिवार्य किया गया है. हालांकि अनुसूचित जाति, जनजाति और चाय बागान के आदिवासी मजदूरों को इससे छूट दी गई है.
इस फैसले पर भी काफी विवाद हुआ था. माना गया था कि सरकार के निशाने पर राज्य के अल्पसंख्यक हैं. उससे पहले मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यकों से जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन उपायों को अपनाने की सलाह दी थी. राज्य में चलने वाले मदरसे भी सरकार का कोपभाजन रहे हैं. सरकार जिहादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में कई मदरसों पर बुलडोजर भी चला चुकी है. सरकार ने हाल ही में प्रदेश में चल रहे करीब 700 सरकारी मदरसों को सामान्य स्कूलों में बदल दिया था.
बारपेटा के कांग्रेस सांसद अब्दुल खालेक कहते हैं, "लोगों को अपने घर में सांस्कृतिक म्यूजियम या पुस्तकालय खोलने का अधिकार है, लेकिन किसी सामुदायिक म्यूजियम की कोई जरूरत नहीं है. साथ ही किसी व्यक्ति को म्यूजियम स्थापित करने के लिए गिरफ्तार करना और आतंकवाद-निरोधी धाराओं में मामला दर्ज करना भी अन्याय है."
दक्षिणी असम में करीमगंज उत्तर के कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ सामुदायिक म्यूजियम का समर्थन करते हुए कहते हैं, "असम में मतदान करने वाले बंगालियों की संस्कृति और पहचान को संरक्षित करना जरूरी है." (dw.com)
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर | देश में सेल्फी का क्रेज और शॉर्ट-फॉर्म वीडियो का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, जिसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसके प्रति आगाह किया है। उनका कहना है कि इससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे 'फैंटम पॉकेट वाइब्रेशन सिंड्रोम' पैदा हो सकती हैं। फैंटम पॉकेट वाइब्रेशन सिंड्रोम तब होता है जब कोई व्यक्ति अपनी जेब में फोन की वाइब्रेशन महसूस करता है, जबकि ऐसा नहीं है। इस सिंड्रोम का मुकाबला करने का सबसे अच्छा तरीका है कि मोबाइल फोन के उपयोग को कम करें और कभी-कभी फोन के वाइब्रेशन को बंद कर दें।
नई दिल्ली स्थित तुलसी हेल्थकेयर के वरिष्ठ सलाहकार, मनोचिकित्सक गौरव गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के अत्यधिक प्रयोग से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इससे अवसाद, चिंता, अकेलापन और आत्मघाती विचार भी आ सकते हैं।
सोशल मीडिया कभी-कभी किसी के बारे में गलत व अपर्याप्त जानकारी देकर नकारात्मकता को भी बढ़ावा देने का कारण होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सेल्फी का क्रेज वर्तमान पीढ़ी को आगामी पीढ़ी से अलग-थलग कर सकता है।
व्यवहार विशेषज्ञों ने सेल्फी को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है। पहली, जो दोस्तों के साथ ली गई हैं, दूसरी, जो कुछ गतिविधियों या घटनाओं के दौरान ली गई हैं और तीसरी, जो शारीरिक बनावट पर ध्यान केंद्रित करती है।
'साइकोलॉजी ऑफ पॉपुलर मीडिया कल्चर' नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग बहुत अधिक सेल्फी पोस्ट करते हैं, वे अपने आत्म-सम्मान को लेकर बहुत संवेदनशील होते हैं।
विशेषज्ञ कहते हैं कि हमें बच्चों के डिजिटल इंटरफेस की प्रकृति और तीव्रता के बारे में चिंतित होना चाहिए।
फोर्टिस हेल्थकेयर के मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज के निदेशक समीर पारिख ने आईएएनएस को बताया कि सेल्फी के प्रति अत्यधिक क्रेज से व्यक्ति जीवन में बहुत महत्वपूर्ण चीजों को खो देता है। इससे व्यक्ति की मौलिकता खत्म हो जाती है।
उन्होंने कहा कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आपके पास जितना अधिक डिजिटल इंटरफेस होगा, उतना ही शारीरिक गतिविधि, सामाजिक जुड़ाव, शिक्षा, खेल और रचनात्मकता से दूर जाने की संभावना होगी।
पारिख ने कहा कि अगर आप घर के अंदर अधिक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपकी एकाग्रता और आपके सामाजिक जीवन को प्रभावित करेगा।
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि माता-पिता को बच्चों को संतुलित जीवन जीने और शारीरिक गतिविधियों और खेलों में शामिल होने और दोस्तों से मिलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
कोविड की शुरुआत के बाद से और उससे भी पहले भारत में मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, खासकर इसके उपभोक्ताओं में बच्चों की संख्या में भी हर साल वृद्धि हो रही है।
माता-पिता के लिए इस समस्या से बाहर निकलने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि वह अपने बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के इस्तेमाल को सीमित करें। बच्चों या नवजात शिशुओं को गेम खेलने या वीडियो देखने के लिए फोन देने से बचें। देर रात मोबाइल फोन का इस्तेमाल अनिद्रा का कारण बन सकता है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर । केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नोटों पर लक्ष्मी-गणेश की फ़ोटो छापने की मांग को प्रोपेगेंडा बताया है.
उन्होंने शनिवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि ‘जिन्होंने राम मंदिर का विरोध किया, हिंदू देवी-देवाओं का अपमान किया उन मंत्री को बर्ख़ास्त करना पड़ा, अरविंद केजरीवाल अराजकता का प्रतीक बन गए हैं. उन्होंने अब एक नया प्रोपेगेंडा शुरू किया है ताकि उनके भ्रष्टाचार पर चर्चा न हो.’
अनुराग ठाकुर ने केजरीवाल से सवाल किया कि ‘आप दिल्ली में मुस्लिम इमामों को हर साल 18,000 रुपये देते हैं. क्या आप पंडितों, गुरुद्वारे के ग्रंथियों और पादरियों को भी 18,000 की वही रक़म देंगे? आप यह क्यों नहीं कर सकते?’
केंद्रीय मंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनकी सरकार महंगाई को काबू में लेकर आई और तेल के दाम घटाए.
उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में तेल के दाम घटाए गए जबकि कांग्रेस शासित राज्यों ने ऐसा नहीं किया, कांग्रेस ने किसानों की क़र्ज़ माफ़ी का वादा किया था लेकिन वो पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं कर सकी, उन्होंने झूठे वादे किए. (bbc.com/hindi)
बिहार, 29 अक्टूबर । भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को 'एनडीए का सहयोगी' बताते हुए कहा है कि अगले हफ़्ते विधानसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार करेंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शुक्रवार को राजधानी पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में संजय जायसवाल ने यह जानकारी दी.
विधानसभा की गोपालगंज और मोकामा सीटों पर 3 नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव में एनडीए की ओर से बीजेपी के उम्मीदवार खड़े हुए हैं. वहीं महागठबंधन की ओर से राजद ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी दिए हैं.
संजय जायसवाल ने कहा, ''गठबंधन में रहते हुए हमारे साथ चुनाव लड़ने वाले और राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने वाले सभी दलों को हम एनडीए के सहयोगी मानते हैं. चिराग पासवान इस दायरे में फिट बैठते हैं और वे 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को प्रचार करेंगे.''
भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को 'एनडीए का सहयोगी' बताते हुए कहा है कि अगले हफ़्ते विधानसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार करेंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शुक्रवार को राजधानी पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में संजय जायसवाल ने यह जानकारी दी.
विधानसभा की गोपालगंज और मोकामा सीटों पर 3 नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव में एनडीए की ओर से बीजेपी के उम्मीदवार खड़े हुए हैं. वहीं महागठबंधन की ओर से राजद ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी दिए हैं.
संजय जायसवाल ने कहा, ''गठबंधन में रहते हुए हमारे साथ चुनाव लड़ने वाले और राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने वाले सभी दलों को हम एनडीए के सहयोगी मानते हैं. चिराग पासवान इस दायरे में फिट बैठते हैं और वे 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को प्रचार करेंगे.''
प्राग, 29 अक्टूबर | देश की राजधानी में शुक्रवार को प्राग शहर के वेंसस्लास स्क्वायर में हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए। उन्होंने मुद्रास्फीति और यूक्रेन में संघर्ष पर सरकार की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त कर विरोध प्रदर्शन किया। सितंबर के बाद से चेकिया फस्र्ट नाम से यह तीसरा ऐसा विरोध प्रदर्शन है। रैली में जाने वाले लोग यूक्रेन में संघर्ष पर अपनी सरकार की स्थिति के बारे में परेशान थे।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आयोजकों ने रूस के खिलाफ आगामी प्रतिबंधों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया, जो वे कहते हैं कि अनजाने में चेक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं और व्यवसायों और श्रमिकों को धमका रहे हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, देश के दूसरे सबसे बड़े शहर ब्रनो में, इसी तरह के प्रदर्शन में लगभग 2,000 लोग थे।
चेक गणराज्य के प्रधान मंत्री पेट्र फियाला ने शुक्रवार को ट्वीट किया, मैं समझता हूं कि कई नागरिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं। पिछले कुछ साल किसी के लिए भी आसान नहीं रहे हैं। उनकी सरकार इन चिंताओं को दूर करने की पूरी कोशिश कर रही है।"
चेक गणराज्य में मुद्रास्फीति सितंबर में साल-दर-साल 18 प्रतिशत बढ़ी। स्थानीय मीडिया के अनुसार, दिसंबर 1993 के बाद से यह सालाना आधार पर उच्चतम दर थी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर | दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गैंगस्टरों के खिलाफ जारी अभियान में पाकिस्तान के आईएसआई समर्थित आतंकी मॉड्यूल के चार शार्पशूटरों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 31 वर्षीय लखविंदर सिंह उर्फ मटरू, 21 वर्षीय गुरजीत उर्फ गुरी, 26 वर्षीय हरमंदर सिंह और 28 वर्षीय सुखदेव सिंह उर्फ सुखा के रूप में हुई है। ये अपराधी कनाडा के गैंगस्टर से आतंकी बने लखबीर सिंह 'लांडा' और पाकिस्तान के खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह 'रिंडा' के इशारे पर काम कर रहे थे।
रिंडा और लांडा दोनों का अंतिम उद्देश्य उन कार्यों को अंजाम देना है जिनसे पंजाब में आतंकवाद का पुनरुत्थान हो सके, जिसके लिए आईएसआई ने उन्हें चीनी हथगोले, एके-47 और एमपी -5 राइफल और चीन के पूर्व सेना स्टॉक स्टार पिस्तौल दी थी
डीसीपी स्पेशल सेल मनीषी चंद्रा के मुताबिक, पहली गिरफ्तारी 24 सितंबर को हुई थी, जब दिल्ली के सराय काले खां से कट्टर अपराधी मटरू को पकड़ा गया था। उन्होंने कहा, उससे पूछताछ के बाद, 13 अक्टूबर को, गुरजीत उर्फ गुरी को दिल्ली के आईएसबीटी कश्मीरी गेट के पास से पकड़ लिया गया था। गुरी ने खुलासा किया कि हरमेंडर और सुखदेव सुखा दोनों ही लांडा और रिंडा के लिए सीमा पार के एक बड़े हिस्से की देखरेख कर रहे थे। डीसीपी ने कहा, हरमेंद्र और सुखदेव दोनों को 18 अक्टूबर को पंजाब के मोगा से गिरफ्तार किया गया था।
कुछ दिन पहले इसी सिंडिकेट के एक और खूंखार सदस्य दीपक उर्फ टीनू को राजस्थान के अजमेर से गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से पांच अत्यधिक विस्फोटक चीनी हथगोले मिले थे। इस बीच, गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ में पता चला कि हरमिंदर और सुखा ने आईएसआई के इशारे पर सीमा पार से ड्रोन के जरिए हथियार और गोला-बारूद गिराने का समन्वय किया।
डीसीपी ने कहा, ड्रोन के जरिए गिराए गए एके, एमपी-5, ग्रेनेड और स्टार/बेरेटा पिस्तौल को जब्त कर लिया गया है, जबकि काफी मात्रा में अभी भी बरामद किया जाना बाकी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, हाइड्रा आईएसआई समर्थित रिंडा-लांडा नेटवर्क था। जबकि दोनों प्रतिद्वंद्वी आपराधिक समूह भारत में खूनी युद्ध लड़ रहे हैं, ये दोनों अपने हथियार और ड्रग्स रिंडा और लांडा से मंगवा रहे हैं।
इन प्रतिद्वंद्वी गिरोहों द्वारा न केवल हथियार बल्कि कई नए युवा अपराधियों का इस्तेमाल भाड़े के रूप में किया जा रहा है, जिनका किसी एक समूह से कोई संबंध नहीं है। अधिकारी ने कहा कि आईएसआई और आईएसआई समर्थित आतंकवादियों रिंडा और लांडा की बड़ी साजिश धार्मिक और सांप्रदायिक आधार पर लोगों के बीच अशांति पैदा करना है। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 28 अक्टूबर | पुडुचेरी की उपराज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने शुक्रवार को कहा कि बंद शांतिपूर्ण विरोध का एक लोकतांत्रिक साधन है, जैसा कि उन्होंने 31 अक्टूबर को तमिलनाडु के कोयंबटूर में बढ़ते आतंकवाद के खिलाफ और इसे कुचलने के लिए भाजपा द्वारा घोषित विरोध प्रदर्शन का उल्लेख किया। कोयंबटूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि कार विस्फोट में मारे गए जमीशा मुबीन से 2019 में एनआईए ने पूछताछ की थी और एजेंसी द्वारा निगरानी की गई थी, और तमिलनाडु पुलिस उसकी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को करीब से देख सकती थी।
उन्होंने तमिलनाडु सरकार से लोगों में यह विश्वास पैदा करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया कि वह एक सुरक्षित वातावरण में रह रहे हैं। सुंदरराजन ने कहा कि एनआईए के सत्ता में आने से जांच पूरी तरह से निष्पक्ष होगी। उन्होंने राजनेताओं से एक-दूसरे के खिलाफ कठोर भाषा का इस्तेमाल नहीं करने और कोयंबटूर विस्फोट मामले की निष्पक्ष जांच की सराहना करने का भी आह्वान किया। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर | टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने शनिवार को कहा कि प्लेटफॉर्म पर जरुरी मॉडरेशन निर्णय लेने के लिए ट्विटर की अपनी कंटेंट मॉडरेशन काउंसिल होगी। नए ट्विटर मालिक ने कहा कि काउंसिल के बुलाने से पहले कोई बड़ा कंटेट डिसिजन या अकाउंट की बहाली नहीं होगी।
मस्क ने कहा, ट्विटर व्यापक रूप से डिवर्स व्यूप्वाइंट्स के साथ एक कंटेंट मॉडरेशन काउंसिल का गठन करेगा।
उन्होंने कहा, हमने अभी तक ट्विटर के कंटेट मॉडरेशन पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया है।
मस्क ने ट्विटर को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मंच बनाने का लक्ष्य रखते हुए कहा कि वह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मंच पर वापस आने देने पर विचार करेंगे।
हालाँकि, अब ऐसा प्रतीत होता है कि कंटेंट मॉडरेशन काउंसिल बैन किए गए अकाउंट को बहाल करने पर फैसला लेगी।
मेटा का एक समान ओवरसाइट बोर्ड है जो फेसबुक के प्लेटफॉर्म और मॉडरेशन निर्णयों पर शासन करता है।
यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) के साथ एक नई फाइलिंग के अनुसार, मस्क ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट को प्राइवेट ले लिया है। कंपनी के स्टॉक को 8 नवंबर को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज से हटा दिया जाएगा।
ट्विटर डीलिस्टिंग उसी दिन होगी जिस दिन अमेरिकी मध्यावधि चुनाव होंगे।
एसईसी फाइलिंग के अनुसार, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज एसईसी को 08 नवंबर, 2022 को एक्सचेंज पर सूचीबद्ध सिक्यूरिटिज के पूरे वर्ग को लिस्टिंग और पंजीकरण से हटाने के बारे में सूचित करेगा।
निजी तौर पर आयोजित फर्मों को अपने प्रदर्शन के बारे में तिमाही सार्वजनिक करने की आवश्यकता नहीं है।
मस्क का ट्विटर पर कड़ा नियंत्रण होगा।
मौजूदा सदस्यों के हटाने के बाद ट्विटर संभवत: एक नया बोर्ड बनाएगा। मस्क के फिलहाल ट्विटर के सीईओ के रूप में पदभार संभालने की संभावना है। (आईएएनएस)|
सुकांत दीपक
चंडीगढ़, 29 अक्टूबर | कहा जाता है कि उड़ान पंखों से से नहीं, हौसलों से होती है। इस कहावत को सच साबित कर दिखाया है शहर के सेक्टर 25 में तंग गलियों में स्थित एक छोटे से कमरे में रहने वाली सफाई कर्मचारी की बेटी प्रिया ने। बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखने वाली प्रिया ने अपनी मेहनत व लगन से मेडिकल की प्रवेश परीक्षा को उतीर्ण कर अपने सपनों को साकार करने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है।
एक सरकारी पॉलीक्लिनिक में सफाई कर्मचारी की बेटी प्रिया (19) ने मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में नौवां स्थान हासिल कर सेक्टर- 32 स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त किया है।
छठवीं से 12वीं कक्षा तक जवाहर नवोदय विद्यालय, सेक्टर 25 में पढ़ने वाली प्रिया ने बताया कि वह वह छठवीं कक्षा से ही डॉक्टर बनने का सपना देखने लगी थी।
प्रिया के पिता हनुमान प्रसाद बताते हैं कि वह अक्सर मेरे साथ पॉलीक्लिनिक में जाती थी और डॉक्टरों को देखकर हमेशा पूछती थी कि वे कौन हैं। उसी समय से उसने डॉक्टर बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था।
12वीं कक्षा के बाद वह नीट की कोचिंग लेना चाहती थी, लेकिन शहर में स्थित कोचिंग संस्थानों की फीस बहुत अधिक थी। आखिर में उसका प्रवेश पुणे में स्थित दक्षिणा फाउंडेशन में कराया।
प्रिया ने बताया कि वहां उसकी कक्षाएं सुबह 7 बजे शुरू होती थीं और शाम 5 बजे समाप्त होती थीं। इस बीच खाली समय के दौरान वह अपने संदेहों को दूर करती थी।
प्रिया ने बताया कि दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के अन्य सदस्यों का रवैया बहुत सहयोगात्मक रहा, सभी ने उसे प्रोत्साहित किया। विशेष रूप से स्कूल में मेरी पीटी प्रशिक्षक मुक्ता मैडम ने।
मार्शल आर्ट में स्वर्ण पदकधारी और राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी प्रिया जीएमसीएच से मिले बैज को दिखाती है और मां सरोज कुमारी के हाथों से बनी नूडल्स खाने की तैयारी करती है। (आईएएनएस)|
बेंगलुरू, 29 अक्टूबर | कर्नाटक के सीएमओ द्वारा दीवाली पर पत्रकारों को कथित रूप से नकद उपहार देने के विवाद ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की छवि को धूमिल किया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने यह दावा किया है। सूत्रों के मुताबिक बोम्मई के करीबी सहयोगियों ने राज्य के वरिष्ठ पत्रकारों को कथित तौर पर मिठाई का डिब्बा और 1-2.50 लाख रुपये नकद बांटे। इस घटना के बाद, सोशल मीडिया पर मीम्स और प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है, जो मीडियाकर्मियों को रिश्वत देने के लिए मुख्यमंत्री को ट्रोल कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पोस्ट में यूजर्स ने पत्रकारों को नकद वापस करने के लिए कहा है।
विवाद बढ़ने पर कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने उपहार लौटा दिए।
दो संपादकों ने भी मुख्यमंत्री बोम्मई को पत्र लिखकर इस कृत्य की निंदा की है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वह घटना से अनजान हैं। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने संपादकों को भी फोन किया और माफी मांगी।
जनाधिकार संघर्ष परिषद संगठन ने लोकायुक्त में पत्रकारों को घूस देने की कोशिश करने के आरोप में सीएमओ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
इस बीच, विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है और इसकी जांच की मांग की है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर| कोयंबटूर विस्फोट मामले की जांच अपने हाथ में लेने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोयंबटूर विस्फोट में मारे गए जमीशा मुबिन के घर से आपत्तिजनक दस्तावेज और बम बनाने की सामग्री बरामद की है। एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि मृतक जमीशा मुबीन के घर पर तलाशी अभियान चलाया गया, इस दौरान नोटबुक सहित 109 सामान जब्त किए गए, जिसमें जिहाद के संबंध में उनके मिशन का उल्लेख किया गया था। अधिकारी ने कहा कि हमने काला पाउडर, पोटेशियम नाइट्रेट, काला पाउडर नाइट्रोग्लिसरीन, पीईटीएन पाउडर, एल्यूमीनियम पाउडर, सल्फर पाउडर, बांझ सर्जिकल बरामद किया।
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को एनआईए को जांच अपने हाथ में लेने का आदेश दिया था जिसके बाद उसने प्राथमिकी दर्ज की थी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मामले की एनआईए जांच की सिफारिश की थी। 25 वर्षीय इंजीनियरिंग स्नातक मुबीन की 23 अक्टूबर को कार विस्फोट में मौत हो गई थी।
इससे पहले एनआईए ने 2019 में मुबीन से श्रीलंका में ईस्टर डे बम विस्फोटों के मुख्य आरोपी के साथ सोशल मीडिया संपर्क के संबंध में पूछताछ की थी। जांच एजेंसी इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या सी.ए. प्रतिबंधित इस्लामी संगठन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के केरल राज्य सचिव रऊफ, जो संगठन पर प्रतिबंध लगाने के बाद से छिपे हुए थे, मुबीन सहित युवाओं को आतंकवादी कदम उठाने के लिए प्रेरित करने में उनकी कोई भूमिका थी।
एनआईए ने गुरुवार देर रात रऊफ को केरल के पलक्कड़ जिले में स्थित पट्टांबी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया। कार विस्फोट के तुरंत बाद, तमिलनाडु पुलिस ने मुबीन के पांच साथियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें नवाब खान का बेटा मोहम्मद थल्का शामिल है, नवाब खान जो अल-उम्मा के संस्थापक का भाई है और 14 फरवरी 1998 को कोयंबटूर सीरियल बम विस्फोट का मुख्य अपराधी है। जिस धमाके में 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 लोग घायल हो गए थे।
गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में मोहम्मद अजहरुद्दीन, मोहम्मद रियाज, फिरोज इस्माइल और मोहम्मद नवास इस्माइल शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। (आईएएनएस)
फरीदाबाद, 28 अक्टूबर | हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार को साइबर अपराध के मामले में छुट्टी के दौरान भी बैंक खातों को ब्लॉक करने के लिए वित्तीय संस्थानों को निर्देश जारी करना चाहिए। उन्होंने सूरजकुंड में चिंतन शिविर के दूसरे दिन बोलते हुए कहा कि कभी-कभी जब कोई व्यक्ति साइबर अपराध की रिपोर्ट करता है, तो सप्ताहांत या सार्वजनिक छुट्टियों के कारण तत्काल कार्रवाई नहीं की जाती है। ऐसे अपराधों पर रोक लगाने के लिए बैंकिंग प्रणाली को चौबीसों घंटे सक्रिय रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय चिंतन शिविर के अंतिम दिन के प्रथम सत्र के दौरान चर्चा किए गए साइबर अपराध के विषय पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि वर्तमान में छुट्टियों के दौरान समय पर सूचना मिलने के बावजूद बैंक खातों को ब्लॉक न करने के कारण धोखाधड़ी के शिकार पीड़ितों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। चिंतन शिविर के दूसरे दिन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्चुअल संबोधन से हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सूरजकुंड में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया।
राज्य के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, गृह मंत्रियों, पुलिस महानिदेशकों और अन्य प्रतिनिधियों ने देश की कानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा से संबंधित चर्चा की। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद साइबर क्राइम के विषय पर चर्चा हुई। जिसके बाद अपने संबोधन में खट्टर ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के युग में साइबर अपराधों के मामले भी बढ़े हैं। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हर थाने में साइबर डेस्क स्थापित किए गए है। राज्य भर में 29 नए साइबर पुलिस स्टेशन खोले जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, इसके अलावा हम हेल्पलाइन नंबर 1930 और साइबरक्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पोर्टल के माध्यम से लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए कई जागरूकता शिविर भी चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में साइबर अपराध से संबंधित लगभग 46,000 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें 22,000 मामलों का समाधान किया गया है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाया गया है।
मुख्यमंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 70 में संशोधन कर साइबर अपराधों में शिकायतों की जांच का दायरा बढ़ाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में केंद्रीय पुलिस बलों के लिए 10 केंद्र खोले गए हैं और तीन नए केंद्र स्थापित करने का काम प्रगति पर है। पुलिस आधुनिकीकरण कोष के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस कोष का पूरा उपयोग किया है। इसके साथ ही केंद्र को हरियाणा पुलिस के आधुनिकीकरण और आवश्यक संसाधनों के लिए विशेष पैकेज भी देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में सुरक्षा एजेंसी नशीली दवाओं की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए लगातार काम कर रही है। पड़ोसी देशों के माध्यम से तस्करी रोकने के लिए अन्य पड़ोसी राज्यों के सहयोग से सराहनीय कार्य किया गया है। नशीली दवाओं की तस्करी में शामिल अपराधियों को सलाखों के पीछे डालने के साथ ही उन्हें आर्थिक दंड देने का भी काम किया जा रहा है। हरियाणा में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क्स एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) प्रोजेक्ट भी लागू किया गया है।
सीएम ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए राज्य में उपमंडल स्तर पर 33 नए थाने और 239 हेल्पडेस्क स्थापित किए गए हैं। महिलाओं को मुफ्त कानूनी सहायता भी प्रदान की जा रही है। साथ ही, महिला हेल्पलाइन को भी डायल 112 के साथ जोड़ा गया है। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 28 अक्टूबर| 'विधायकों की खरीद-फरोख्त' मामले में शुक्रवार को मुख्य आरोपी और टीआरएस के एक विधायक के बीच टेलीफोन पर बातचीत का एक ऑडियो सामने आया है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा उर्फ स्वामीजी और विधायक पायलट रोहित रेड्डी के बीच कथित बातचीत का ऑडियो लीक कर दिया है। इस मामले में साइबराबाद पुलिस ने 3 कथित बीजेपी एजेंटों को गिरफ्तार किया है, रेड्डी और 3 अन्य विधायकों को खरीदने का कोशिश करने के आरोप में।
विधायकों को खरीदने के सौदे के बारे में टेलीफोन पर हुई बातचीत में भाजपा महासचिव बी.एल.संतोष और 'नंबर दो' के नाम सामने आए। बातचीत, जिसमें दूसरा आरोपी नंदा कुमार उर्फ नंदू भी शामिल था, यह बातचीत बुधवार को हैदराबाद के पास एक फार्महाउस पर टीआरएस के चार विधायकों से मिलने से पहले हुई थी।
बातचीत के दौरान स्वामीजी रोहित रेड्डी से कहते सुनाई देते हैं कि एक बार बुलबुल तैयार हो जाने के बाद, संतोष इसे अंतिम रूप देने के लिए हैदराबाद आ सकते हैं। स्वामीजी ने रोहित को यह भी बताया कि संतोष 'नंबर टू' के साथ अहमदाबाद गए थे।
जब रोहित रेड्डी वफादारी (पार्टी) बदलने के लिए तैयार अन्य विधायकों के नाम साझा करने के लिए अनिच्छुक थे तो स्वामीजी ने पूछा- क्या आप नंबर दो के साथ नाम साझा कर सकते हैं। स्वामी जी ने विधायक को आश्वासन भी दिया कि केंद्र से पूरी सुरक्षा दी जाएगी। विधायक से कहा गया, आपकी देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है। आप हमारी जांच के दायरे में होते हैं, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, जिसमें ईडी से लेकर आयकर तक शामिल है। बंगाल में हमारा अच्छा अनुभव है।
दिल्ली के रामचंद्र भारती, हैदराबाद के नंदा कुमार और सिम्हायाजी स्वामी को पुलिस ने बुधवार रात हैदराबाद के पास मोइनाबाद के एक फार्महाउस पर छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया। आरोप है कि कुछ शीर्ष भाजपा नेताओं के करीबी टीआरएस के चार विधायकों को बड़ी रकम, महत्वपूर्ण पदों और अनुबंधों के साथ लुभाने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में, रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया कि उन्होंने उन्हें 100 करोड़ रुपये और तीन अन्य विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की। इस घटना ने मुनुगोड़े विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी। टीआरएस दावा कर रही है कि भाजपा द्वारा उसकी सरकार को गिराने की साजिश को नाकाम कर दिया गया है।
हालांकि, बीजेपी ने आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मुनुगोड़े में चुनावी लाभ के लिए बीजेपी की छवि खराब करने के लिए एक नाटक किया। पुलिस ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने की याचिका के साथ गुरुवार रात एक न्यायाधीश के समक्ष पेश किया।
न्यायाधीश ने हालांकि सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने की पुलिस की याचिका खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मामले पर लागू नहीं होता क्योंकि रिश्वत के पैसे का कोई सबूत नहीं है। न्यायाधीश ने पुलिस से कहा कि वह आरोपी को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के तहत पूछताछ के लिए नोटिस जारी करे।
जज के आदेश पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को रिहा कर दिया। बाद में उन्हें नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर पुलिस के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया। निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए पुलिस ने तेलंगाना उच्च न्यायालय का भी रुख किया। (आईएएनएस)