राष्ट्रीय
लखनऊ, 14 सितम्बर | उत्तर प्रदेश में मुस्लिम केंद्रित पार्टियां अब एक अभियान शुरू करेंगी और मदरसों के सर्वेक्षण का विरोध करने के लिए लोगों को एकजुट करेंगी।
इस पहल का हिस्सा बनने वाली पार्टियों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), पीस पार्टी और राष्ट्रीय उलेमा परिषद शामिल हैं।
एआईएमआईएम की राज्य इकाई के अध्यक्ष शौकत अली पहले से ही इस मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को जुटाने और पार्टी कैडर को तैयार करने के लिए विभिन्न जिलों में बैठकें कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मदरसों के सर्वेक्षण को 'मिनी-एनआरसी' करार दिया है और आरोप लगाया है कि यूपी सरकार एक सर्वेक्षण के नाम पर मुस्लिम समुदाय को 'परेशान' कर रही है।
पीस पार्टी के प्रमुख मोहम्मद अयूब ने कहा कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मदरसा सर्वेक्षण पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के आदेश पर समुदाय को जागरूक करने के लिए पूर्वी यूपी के जिलों में जागरूकता अभियान शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि यह इस मुद्दे पर हिंदू और मुस्लिम समुदायों का 'ध्रुवीकरण' करने की योजना है।
उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार जानती है कि मुस्लिम समुदाय के कमजोर वर्ग के लोग अपने बच्चों को नियमित स्कूलों में प्रवेश देने के लिए वित्तीय स्थिति में नहीं हैं। दान की मदद से, मदरसा प्रबंधन छात्रों को मुफ्त शिक्षा, भोजन और आवास की सुविधा देता है। मुफ्त शिक्षा हर बच्चे के लिए सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। सरकार अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के बजाय मदरसों को बंद करने की कोशिश कर रही है।"
राष्ट्रीय उलेमा परिषद (आरयूसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशदी मदनी ने कहा कि राज्य भर के मदरसों के सर्वेक्षण को लेकर मुस्लिम समुदाय में बेचैनी है।
उन्होंने कहा, "मदरसा चलाने वाले मुस्लिम निकायों और संगठनों को राज्य सरकार के आदेश का विरोध करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक साजिश है और हमें मदरसों को बंद करने की सरकारी योजना को चुनौती देने के लिए एक कार्य योजना तैयार करनी होगी।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 14 सितम्बर । दिल्ली में एक अक्टूबर से केवल उन्हीं उपभोक्ताओं को बिजली पर सब्सिडी मिलेगी, जो इसके लिए बकायदा आवेदन कर सब्सिडी की मांग करेंगे। दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्लीवालों की मांग पर यह फैसला लिया गया है। सीएम अरविंद केजरीवाल के मुताबिक कुछ लोगों की मांग थी कि वह बिजली का बिल दे सकते हैं, ऐसे में उन्हे सब्सिडी क्यों दी जा रही है। ऐसे लोगों को अब सब्सिडी छोड़ने का विकल्प दिया जाए।
बिजली पर सब्सिडी के लिए 14 सितंबर से आवेदन चालू हो रहा है। आवेदन करने के लिए सभी उपभोक्ताओं के पास बिल के साथ एक फार्म भेजा जाएगा। इसके अलावा, 7011311111 नंबर पर मिस्ड कॉल कर या वाट्सएप पर संदेश भेजकर भी फार्म प्राप्त कर सकते हैं। यह फार्म भर कर सब्सिडी की मांग की जा सकती हैं।
दिल्ली में करीब 58 लाख घरेलु उपभोक्ता हैं। जिसमें से 47 बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलती है। वहीं, इन 47 लाख उपभोक्ताओं में से 30 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके बिजली के बिल जीरो आते हैं। करीब 16 से 17 लाख उपभोक्ता हैं, जिनके बिजली के बिल आधे आते हैं। क्योंकि दिल्ली में 200 यूनिट तक तो फ्री बिजली है और 201 से 400 यूनिट तक आधा रेट है।
अब आवेदन करने वाले सब लोगों को एसएमएस या ई-मेल के जरिए सूचना दी जाएगी कि आप पंजीकृत हो गए हैं और आपकी सब्सिडी जारी रहेगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 31 अक्टूबर तक आवेदन करने वालों को एक अक्टूबर से सब्सिडी जारी रहेगी। वहीं, जो लोग जिस महीने में आवेदन करेंगे, उनको उसी महीने से सब्सिडी मिलेगी। साथ ही, सबको हर साल एक बार फार्म भरकर सब्सिडी मांगनी पड़ेगी, ताकि जिनको सब्सिडी नहीं चाहिए, उनको सब्सिडी छोड़ने का एक मौका मिल सके। सीएम ने कहा कि मैं करता हूं कि जो लोग बिजली का बिल दे सकते हैं, वो बिल देंगे और जिनको जरूरत नहीं है, वो अपनी सब्सिडी छोड़ देंगे।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने एक ईमानदार सरकार बनाई। पहले दिल्ली में बिजली बहुत कटती थी। हम लोगों ने मेहनत कर दो-तीन साल के अंदर सारा इंफ्रास्ट्रक्च र ठीक किया और दिल्ली में 24 घंटे बिजली आने लगी। अब कहीं पर लोकल फाल्ट की वजह से थोड़ी देर के लिए बिजली चली जाए, तो यह अलग बात है, लेकिन अमूमन पूरी दिल्ली 24 घंटे बिजली हर जगह आती है। दिल्ली में बिजली फ्री हो गई। हमने भ्रष्टाचार को खत्म कर किया और जो पैसे की लीकेज थी, उसको रोक कर खूब सरकारी पैसा बचाया और उस पैसे से हमने दिल्ली के लोगों को सुविधाएं दी। दिल्ली के लोगों को अब 24 घंटे बिजली मिलती है और फ्री बिजली मिलती है। यह केवल और केवल एक ईमानदार सरकार की वजह से हुआ।
केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की यह बिल्कुल सही मांग थी कि हम बिजली का बिल दे सकते हैं, तो हमें क्यों बिजली की सब्सिडी दी जा रही है। हमें विकल्प दिया जाए कि हम बिल का भुगतान कर सकते हैं, तो करें और अगर भुगतान नहीं करना चाहें, तो न करें। हम पर बिजली की सब्सिडी थोपी जा रही है। यह बहुत सही बात है कि सबको जबरदस्ती सब्सिडी क्यों दी जाए। सब्सिडी उसी को दी जाए, जिसको जरूरत है। इसलिए कुछ महीने पहले दिल्ली सरकार ने फैसला लिया था कि हम उन्हीं को सब्सिडी देंगे, जो आवेदन कर मांगेगा। जो सरकार से कहेगा कि हमें सब्सिडी चाहिए, तो उसको देंगे। उस स्कीम को अब हम लागू करने जा रहे हैं। हमने कहा था कि 30 सितंबर तक यह पुरानी स्कीम लागू रहेगी, जिसमें सबको सब्सिडी दी जा रही है। लेकिन एक अक्टूबर से उन्हीं को सब्सिडी मिलेगी, जो मांगेंगे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने सब्सिडी मांगने के लिए आवेदन करने के तरीके के बारे में बताते हुए कहा कि एक यह तरीका है कि जो अगला बिजली का बिल आएगा, उसके साथ एक फार्म भी आएगा। आप उस फार्म को भर कर जहां बिजली के बिल जमा कराने जाते हैं, वहीं फार्म जमा करा सकते हैं और फिर एक अक्टूबर के बाद भी सब्सिडी जारी रहेगी।
दूसरा इलेक्ट्रिक तरीके से भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए हम 7011311111 नंबर जारी कर रहे हैं। इस नंबर मिस्ड कॉल कर सकते हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज से दिल्ली के निवासी जारी मोबाइल नंबर नंबर मिस्ड कॉल कर लिखकर अपना पंजीकरण शुरू कर सकते हैं। 31 अक्टूबर तक जो लोग अपना पंजीकरण कर लेंगे, उनको एक अक्टूबर से बिजली पर सब्सिडी जारी रहेगी। नवंबर में जो लोग पंजीकरण करेंगे, उनको अक्टूबर का बिल भरना पड़ेगा और नवंबर से सब्सिडी मिलेगी। इसी तरह दिसंबर में जो फार्म भरेंगे, उनको अक्टूबर और नवंबर में बिजली का बिल भरना पड़ेगा और दिसंबर से सब्सिडी मिलेगी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 14 सितम्बर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के वंशज और सतारा के पूर्व मेयर छत्रपति शिवाजीराजे भोसले के निधन पर शोक व्यक्त किया। भोसले का मंगलवार को सतारा में 75 वर्ष की आयु से संबंधित बीमारियों के कारण निधन हो गया था।
नरेंद्र मोदी ने कहा, "श्रीमंत छत्रपति शिवाजीराजे भोसले जी के निधन से दुखी। वह एक गतिशील और बहुमुखी व्यक्तित्व थे, जिन्होंने लोगों के बीच बड़े पैमाने पर काम किया। उन्होंने सतारा की प्रगति के लिए एक समृद्ध योगदान दिया। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 14 सितंबर | याचिकाकर्ताओं ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस्लामी धार्मिक ग्रंथ के मुताबिक हिजाब पहनना 'फर्ज' (कर्तव्य) है और अदालतें इसकी अनिवार्यता अदालतें नहीं समझ सकतीं। कुछ याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष कहा कि बिजो इमैनुएल मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला देते हुए एक बार जब यह बताया गया कि हिजाब पहनना एक वास्तविक प्रथा है, तब इसकी अनुमति दी गई थी।
धवन ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट का यह निष्कर्ष हैरान करने वाला है कि चूंकि न पहनने पर दंड का प्रावधान नहीं है, इसलिए हिजाब अनिवार्य नहीं है।
पीठ ने धवन से सवाल किया कि अगर अदालतें ऐसे मामलों को समझ नहीं सकतीं, तब कोई विवाद पैदा होगा तो कौन सा मंच इसका फैसला करेगा?
धवन ने कहा कहा कि हिजाब पूरे देश में पहना जाता है और जब तक यह वास्तविक और प्रचलित है, इस प्रथा की अनुमति दी जानी चाहिए और इससे धार्मिक पाठ को संदर्भित करने की कोई जरूरत नहीं है।
धवन ने तर्क दिया कि आस्था के सिद्धांतों के अनुसार, यदि कुछ का पालन किया जाता है, तो इसकी अनुमति भी दी जानी चाहिए। अगर इसमें किसी समुदाय की आस्था साबित हो जाती है तो एक न्यायाधीश उस आस्था को स्वीकार करने के लिए बाध्य होता है।
उन्होंने केरल हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कुरान के आदेशों और हदीसों के विश्लेषण से पता चलता है कि सिर ढकना एक 'फर्ज' है। पीठ ने पूछा, इसे फर्ज कहने का आधार क्या है?
जस्टिस गुप्ता ने धवन से कहा, "आप चाहते हैं कि हम वो न करें जो केरल हाईकोर्ट ने किया है?"
उन्होंने जवाब दिया, "यदि धार्मिक पाठ की व्याख्या की जाए तो इसका उत्तर मिलेगा कि यह फर्ज है, और यदि यह एक अनुष्ठान है जो प्रचलित है और प्रामाणिक है, तो यह आपके प्रभुत्व में है कि इसकी अनुमति दें।"
धवन ने आगे कहा कि केरल मामले में बोर्ड द्वारा दिया गया तर्क था कि यह 2016 में अखिल भारतीय प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) में कदाचार को रोकने का एक उपाय था, लेकिन कर्नाटक मामले में कोई तर्क नहीं दिया गया था।
उन्होंने कहा कि जब सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने की अनुमति थी, तो यह कहने का आधार क्या था कि कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती?
धवन ने अपनी दलील खत्म करते हुए कहा कि सरकार के आदेश में जिस तरह हिजाब का विरोध किया गया है, उसकर कोई आधार नहीं है। यह अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है और संविधान इसकी अनुमति नहीं देता।
शीर्ष अदालत कर्नाटक हाईकोर्ट के 15 मार्च के फैसले के खिलाफ पांचवें दिन सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा गया है। (आईएएनएस)|
हाजीपुर, 14 सितम्बर | बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक अजीबोगरीब बयान दे दिया। उन्होंने वैशाली के जंदाहा में सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर कहा कि बिहार बड़ा राज्य है। ऐसी कुछ घटनाएं (बात) होती रहती हैं।
बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख मंगलवार को वैशाली पहुंचे थे। इस दौरान जब पत्रकारों ने जंदाहा के सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा के जंगलराज और गुंडा राज कहे जाने के विषय में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि कहने को कुछ भी कहा जा सकता है।
यहां कोई एक करोड़ या आधा करोड़ आबादी नहीं है। यहां की आबादी 12 करोड़ है।
उन्होंने कहा कि गांव में कहावत है कि जहां ज्यादा बर्तन होता है, वहां बजता ही है। ऐसे में कुछ न कुछ बात होती रहती है। ऐसे में यह देखा जाना चाहिए कि जो घटनाएं हुई हैं, उन पर सरकार की ओर से क्या कार्रवाई की गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। उन्होंने कहा ऐसी घटनाएं साजिश भी हो सकती है, सरकार को बदनाम करने के लिए भी हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले वैशाली जिले के जंदाहा में एक सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया था।
वीडियो वायरल होने के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा पीड़ित परिवार से मिलने गए थे। इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि बिहार में जंगल राज आ गया है। पुलिस व्यवस्था पूरी तरह फेल है। (आईएएनएस)|
नोएडा, 14 सितंबर | एक आईपीएस महिला अधिकारी साइबर ठगों का शिकार हुई हैं, मामला नोएडा का है। उत्तर प्रदेश की सीनियर आईपीएस अधिकारी का फर्जी इंस्टाग्राम एकाउंट बनाकर उनकी तस्वीर और नाम का दुरुपयोग किया गया है। महिला आईपीएस मंजिल सैनी नोएडा के सेक्टर-78 स्थित एक सोसाइटी में रहती हैं। मंजिल सैनी की शिकायत पर अज्ञात साइबर अपराधी के खिलाफ सेक्टर-113 थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। साइबर ठग ने महिला आईपीएस अधिकारी का फर्जी इंस्टाग्राम बना लिया है। आरोपी उनके नाम से लोगों को आपत्तिजनक पोस्ट और मैसेज कर रहा है। मंजिल सैनी ने शिकायत में लिखा है कि उनके नाम से इंस्टाग्राम अकाउंट का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
अपनी शिकायत में मंजिल सैनी ने बताया कि जालौन के रहने वाले ऋषि सैनी नाम के व्यक्ति ने उनका फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बना लिया है। आरोपी ने अकाउंट की डीपी पर वर्दी पहने महिला अधिकारी की फोटो लगा रखी है। आईपीएस अधिकारी ने इस मामले में पुलिस को शिकायत कर दी है। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 14 सितंबर | उत्तर प्रदेश सरकार 1 अक्टूबर से संक्रामक रोगों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान शुरू करेगी जो एक महीने तक चलेगा। सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि इंसेफेलाइटिस और वेक्टर जनित रोग रोकथाम कार्यक्रम 11 विभागों द्वारा चलाया जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शहरी विकास, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास, शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा विभाग, कृषि एवं सिंचाई, पशुपालन, नि:शक्तजन अधिकारिता विभाग, उद्यानिकी एवं सूचना विभाग को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
साथ ही दस्तक अभियान 7 अक्टूबर से 21 अक्टूबर के बीच चलाया जाएगा।
अभियान के तहत, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित कार्यकर्ता घर-घर जाकर टीबी, फ्लू, बुखार, कुपोषण और अन्य इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों की पहचान करेंगे।
राज्य स्तर पर प्रत्येक विभाग से नोडल अधिकारी चुने जाएंगे।
प्रेस वक्तव्य ने कहा, कार्यक्रम का एक प्रमुख फोकस वेक्टर नियंत्रण, स्वच्छता, कचरा निपटान, जल-जमाव को रोकने और स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
अभियान के तहत डायरिया के गंभीर मामलों को ध्यान में रखते हुए पानी को शुद्ध करने के लिए घर-घर जिंक टैबलेट, ओआरएस पैकेट और क्लोरीन टैबलेट का वितरण किया जाएगा।
वेक्टर जनित रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, शिक्षा विभाग पोस्टर, चर्चा और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता की मेजबानी करेगा, जबकि विकलांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग एक सर्वेक्षण करेगा।
योजना के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 23 सितंबर को 15 सितंबर से आयुष्मान पखवाड़ा मनाया जाएगा।
पखवाड़े भर चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र लोगों को उनके आयुष्मान कार्ड मिलें।
राज्य के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि गांवों में शिविर लगाए जाएंगे और शिविरों की जानकारी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा पात्र परिवारों के साथ साझा की जाएगी। (आईएएनएस)|
प्रयागराज, 14 सितंबर | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिरोजाबाद और मथुरा जिलों में दर्ज कुछ आपराधिक मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया है, जिन पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और अनुसूचित जाति (एससी) आयोग ने नोटिस लिया था। आरोप लगाया गया है कि पुलिसकर्मी याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों, जो दलित हैं, के खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर रहे हैं, ताकि उन पर 35 पुलिस अधिकारियों को झूठे मामलों का प्रबंधन करने का प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने के मामले वापस लेने का दबाव डाला जा सके।
कोर्ट ने यूपी के प्रमुख सचिव (गृह) को केस नं. 108/2022, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363, 366 (अपहरण) के तहत फिरोजाबाद जिले के रसूलपुर में दर्ज और अन्य संबंधित मामले सीबीआई, नई दिल्ली में दर्ज किए गए।
इससे जुड़ा एक मामला 2014 से मथुरा जिले के थाना हाईवे पर भी लंबित है।
एक सुनीत कुमार और एक अन्य द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुनीत कुमार और सैयद वाइज मियां की खंडपीठ ने सीबीआई को मामला दर्ज करने और जांच आगे बढ़ाने का निर्देश दिया।
अदालत ने इस मामले को 11 नवंबर को सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए निर्देश दिया कि इस तारीख को सीबीआई अदालत को जांच में हुई प्रगति से अवगत कराए।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, कम से कम 35 पुलिसकर्मियों को याचिकाकर्ताओं और उनके परिवार के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने और सबूत गढ़ने में शामिल होने का दोषी ठहराया गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन अधिकारियों के खिलाफ एससी आयोग के विशिष्ट निर्देश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
अदालती कार्यवाही के दौरान राज्य के वकील यह बताने में असमर्थ थे कि क्या दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है।
इसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने कहा, "यह स्पष्ट है कि पुलिसकर्मी याचिकाकर्ताओं के परिवार के सदस्यों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का प्रबंधन कर रहे हैं, जिसका नोटिस एनएचआरसी और एससी आयोग द्वारा लिया गया है।"
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि मथुरा जिले के पुलिस अधिकारियों ने या तो याचिकाकर्ताओं और उनके भाई के खिलाफ पहले के मामलों में समझौता करने का दबाव बनाने के लिए कई और झूठे मामले दर्ज किए हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 14 सितंबर | 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की तरफ से कई प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के मौके पर कहा कि हिंदी राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोती है। अमित शाह ने कहा कि भारत की सभी भाषाएं महत्वपूर्ण हैं। सभी का अपना अपना समृद्ध इतिहास है। सभी भाषाओं के साथ समन्वय स्थापित कर हिंदी ने जनमानस के बीच विशेष स्थान हासिल किया है। यही वजह है कि आजादी के आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानियों ने हिंदी को संपर्क की भाषा बनाकर आंदोलन को गति देने का काम किया था।
अमित शाह ने आगे कहा कि आज जब आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और हम हर जगह तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में हिंदी को भी आगे बढ़ाने के लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए। किसी भी देश में सरकारी कामकाज की भाषा तभी साकार हो सकती है, जब वो जनसामान्य से जुड़ी हो। कोई भी नीति और कानून तभी लोगों के भले के लिए हो सकते हैं, जब वो स्थानीय भाषा में हों।
इसी को ध्यान में रखते हुए 14 सितंबर को हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राजभाषा की इस यात्रा में हमने कई पड़ाव पूरे किए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। पिछले 3 सालों में हिंदी का विकास हो, इसके लिए गृह मंत्रालय का राजभाषा विभाग लगातार कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज गृह मंत्रालय में ज्यादातर काम हिंदी में किया जाता है।
अमित शाह ने बताया कि अधिकांश मंत्रालयों ने भी हिंदी में ज्यादा काम करना शुरू किया है। 2019 में सरकार गठन के बाद 57 मंत्रालय में से 53 मंत्रालय में हिंदी सलाहकार समितियों का गठन हो चुका है। इसकी लगातार बैठकें भी हो रही है। अलग अलग शहरों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए 527 नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का भी गठन हो चुका है। यही नहीं विदेशों जैसे लंदन, सिंगापुर, फिजी और दुबई में भी राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है।
अमित शाह ने कहा कि राजभाषा विभाग ने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल एप भी बनाया है। जिससे लोग आसानी से हिन्दी सीख सकते हैं। सोशल मीडिया के जरिये भी हिंदी को बढ़ावा दिया जा रहा है। हिंदी से हिंदी के लिए एक शब्दकोश बनाने पर भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदी इस देश की मिट्टी से उपजी है। हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की प्रतिस्पर्धी नहीं है। हिंदी समेत सभी भाषाओं का विकास जरूरी है। यही वजह है कि सभी अपने दैनिक कामों और कार्यालय में हिंदी का उपयोग करें। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी दिवस पर बधाई देते हुए कहा है कि हिंदी ने विश्वभर में भारत को एक विशिष्ट सम्मान दिलाया है। हिंदी को सरल, सहज और संवेदनशील भाषा बताते हुए प्रधानमंत्री ने इसे समृद्ध और सशक्त बनाने में अपना अथक योगदान देने वाले लोगों का अभिनंदन भी किया है। हिन्दी दिवस के अवसर पर सभी को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, "हिन्दी ने विश्वभर में भारत को एक विशिष्ट सम्मान दिलाया है। इसकी सरलता, सहजता और संवेदनशीलता हमेशा आकर्षित करती है। हिन्दी दिवस पर मैं उन सभी लोगों का हृदय से अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने इसे समृद्ध और सशक्त बनाने में अपना अथक योगदान दिया है।"
आपको बता दें कि, 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। आगे चलकर राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने की सिफारिश भी की और उसके बाद से ही 14 सितंबर की तारीख को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
महोबा (उत्तर प्रदेश), सितंबर 14 | महोबा जिले में बुधवार सुबह तेज रफ्तार डंपर के स्कूल बस से टकरा जाने से 28 स्कूली बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनमें से ज्यादातर को फ्रैक्चर हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए जिला अधिकारियों को घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित करने और मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया है।
जानकारी के मुताबिक, स्कूल बस बच्चों को स्कूल ले जा रही थी, तभी तेज रफ्तार डंपर ने टक्कर मार दी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 14 सितंबर | टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ट्विटर पर 'नॉटियस मैक्सिमस' बन गए, साथ ही उन्होंने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म खरीदने के लिए 44 अरब डॉलर की बोली को लेकर चल रही लड़ाई के बीच अपनी प्रोफाइल पिक्चर बदल दी। मस्क के अपडेटेड ट्विटर बायो में अब लिखा है, 'सेंचुरियन इन जेरूसलम गैरीसन' और उनकी डिस्प्ले इमेज उनके बचपन की है।
नॉटियस मैक्सिमस को किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में वर्णित किया गया है जो हिंसक या असामाजिक व्यवहार प्रदर्शित करता है, खासकर एक बच्चे के रूप में।
यह नॉटी टू द मैक्सिमम शब्द का अंग्रेजी पर्याय है, जिसका अर्थ है कि कोई व्यक्ति, जो विशेष रूप से एक बच्चे की तरह बहुत ज्यादा बुरी हरकत करता है।
1971 में दक्षिण अफ्रीका में जन्मे मस्क के पास ब्रिटिश और पेंसिल्वेनिया डच वंश है।
उनकी मां माये मस्क हैं, जो एक मॉडल और आहार विशेषज्ञ हैं, जो कनाडा में पैदा हुईं और दक्षिण अफ्रीका में पली-बढ़ी।
उनके पिता एरोल मस्क एक दक्षिण अफ्रीकी इलेक्ट्रोमैकेनिकल इंजीनियर और पायलट हैं। एलन मस्क का एक छोटा भाई किम्बल और एक छोटी बहन तोस्का है।
नाम परिवर्तन तब आया जब ट्विटर के शेयरधारकों ने टेस्ला के सीईओ की 44 अरब डॉलर की अधिग्रहण बोली को मंजूरी देने के लिए मतदान किया।
ट्विटर ने कथित तौर पर डील एग्रीमेंट का उल्लंघन करने के लिए एलन मस्क पर मुकदमा दायर किया है।
कानूनी लड़ाई अक्टूबर के मध्य में शुरू होने की उम्मीद है। (आईएएनएस)|
जम्मू, 14 सितंबर | जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में बुधवार को एक सड़क दुर्घटना में नौ लोगों की मौत हो गई और 27 अन्य घायल हो गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुंछ जिले के सौजियां इलाके में बरारी बल्ला के पास एक मिनी बस चालक के नियंत्रण से बाहर हो गई।
मिनी बस खाई में जा गिरी। इस दुर्घटना में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 अन्य घायल हो गए।
पुलिस और नागरिकों की सहायता से सेना के बचाव दल ने घायलों को मंडी शहर के उप-जिला अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया।
पुलिस सूत्रों ने कहा, "उपस्थित डॉक्टरों ने कहा कि 11 घायल यात्रियों की हालत गंभीर है।"
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, मनोज सिन्हा ने दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
सिन्हा ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर कहा, "पुंछ के सौजियां में एक सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना।"
उन्होंने आगे कहा, "घायल शीघ्र स्वस्थ हों। मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये दिए जाएंगे। पुलिस और नागरिक अधिकारी घायलों को सर्वोत्तम संभव उपचार प्रदान करें।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 13 सितंबर | दिल्ली की जेलों में बंद दस में से नौ कैदी अपने मुकदमे की सुनवाई पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में बंद 91 प्रतिशत कैदियों के मामले लंबित हैं। यह बात इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (आईजेआर) कही गई है। विचाराधीन कैदियों में जेल की आबादी का 77 प्रतिशत हिस्सा है - जो राष्ट्रीय स्तर पर 76 प्रतिशत से अधिक है। 2010 से उनकी संख्या लगभग दोगुनी होकर 2021 में 2.4 लाख से 4.3 लाख हो गई है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और त्रिपुरा को छोड़कर अन्य सभी राज्यों की जेलों में 60 प्रतिशत से अधिक विचाराधीन कैदी हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित, भारत की जेलों और उनके कैदियों के नवीनतम आधिकारिक आंकड़े प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया (पीएसआई) द्वारा जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक के डेटा का खुलासा किया गया था।
आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, 2021 में 1.47 करोड़ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो 2020 में 1.39 करोड़ से 7.7 लाख अधिक है।
1319 जेलों में कैदियों की आबादी 488,511 (दिसंबर 2020) से 13 प्रतिशत बढ़कर 554,034 (दिसंबर 2021) हो गई। संख्या में वार्षिक वृद्धि विशेष रूप से चिंताजनक है।
वर्ष के दौरान जेलों में प्रवेश करने और छोड़ने वाले लोगों की कुल संख्या भी 2020 में 16.3 लाख से 10.8 प्रतिशत बढ़कर 2021 में कुल 18.1 लाख हो गई।
विश्लेषण से पता चलता है कि कैदियों की अदालतों का दौरा 2020 में 15.5 लाख से बढ़कर 2021 में 20.9 लाख हो गया। कैदियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, चिकित्सा उपस्थिति के लिए कैदियों द्वारा की गई यात्राओं की संख्या, 2020 में 3.6 लाख से बढ़कर 4.4 लाख हो गई।
इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के मुख्य संपादक माजा दारूवाला ने कहा, "पुनर्वास की दिशा में ²ढ़ता से आगे बढ़ने की सरकारों की मंशा को देखते हुए बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन और उनके प्रशिक्षण के साथ-साथ विकासशील जेल उद्योग में बहुत अधिक निवेश करना होगा और कौशल निर्माण और भीड़भाड़ की समस्या को प्राथमिकता के रूप में हल करना होगा।"
राष्ट्रीय स्तर पर जेलों की कुल संख्या 118 से बढ़कर 130 हो गई है। महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के साथ जेलों में भीड़ कम करने के लिए जारी निर्देश पर मार्च-जुलाई, 2021 के बीच 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 93,526 कैदियों को रिहा किया गया था।
दिसंबर 2021 तक छत्तीस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में की जेलों में कैदियों की भीड़ 185 प्रतिशत से अधिक रही। राजस्थान में सबसे अधिक 100.2 प्रतिशत। केंद्र शासित प्रदेशों में दादरा, नगर हवेली और दमन और दीव, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर की जेलों में कैदियों की भीड़ 100 प्रतिशत से अधिक है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 13 सितंबर | दिल्ली की जेलों में बंद दस में से नौ कैदी अपने मुकदमे की सुनवाई पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में बंद 91 प्रतिशत कैदियों के मामले लंबित हैं। यह बात इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (आईजेआर) कही गई है। विचाराधीन कैदियों में जेल की आबादी का 77 प्रतिशत हिस्सा है - जो राष्ट्रीय स्तर पर 76 प्रतिशत से अधिक है। 2010 से उनकी संख्या लगभग दोगुनी होकर 2021 में 2.4 लाख से 4.3 लाख हो गई है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और त्रिपुरा को छोड़कर अन्य सभी राज्यों की जेलों में 60 प्रतिशत से अधिक विचाराधीन कैदी हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित, भारत की जेलों और उनके कैदियों के नवीनतम आधिकारिक आंकड़े प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया (पीएसआई) द्वारा जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक के डेटा का खुलासा किया गया था।
आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, 2021 में 1.47 करोड़ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो 2020 में 1.39 करोड़ से 7.7 लाख अधिक है।
1319 जेलों में कैदियों की आबादी 488,511 (दिसंबर 2020) से 13 प्रतिशत बढ़कर 554,034 (दिसंबर 2021) हो गई। संख्या में वार्षिक वृद्धि विशेष रूप से चिंताजनक है।
वर्ष के दौरान जेलों में प्रवेश करने और छोड़ने वाले लोगों की कुल संख्या भी 2020 में 16.3 लाख से 10.8 प्रतिशत बढ़कर 2021 में कुल 18.1 लाख हो गई।
विश्लेषण से पता चलता है कि कैदियों की अदालतों का दौरा 2020 में 15.5 लाख से बढ़कर 2021 में 20.9 लाख हो गया। कैदियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, चिकित्सा उपस्थिति के लिए कैदियों द्वारा की गई यात्राओं की संख्या, 2020 में 3.6 लाख से बढ़कर 4.4 लाख हो गई।
इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के मुख्य संपादक माजा दारूवाला ने कहा, "पुनर्वास की दिशा में ²ढ़ता से आगे बढ़ने की सरकारों की मंशा को देखते हुए बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन और उनके प्रशिक्षण के साथ-साथ विकासशील जेल उद्योग में बहुत अधिक निवेश करना होगा और कौशल निर्माण और भीड़भाड़ की समस्या को प्राथमिकता के रूप में हल करना होगा।"
राष्ट्रीय स्तर पर जेलों की कुल संख्या 118 से बढ़कर 130 हो गई है। महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के साथ जेलों में भीड़ कम करने के लिए जारी निर्देश पर मार्च-जुलाई, 2021 के बीच 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 93,526 कैदियों को रिहा किया गया था।
दिसंबर 2021 तक छत्तीस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में की जेलों में कैदियों की भीड़ 185 प्रतिशत से अधिक रही। राजस्थान में सबसे अधिक 100.2 प्रतिशत। केंद्र शासित प्रदेशों में दादरा, नगर हवेली और दमन और दीव, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर की जेलों में कैदियों की भीड़ 100 प्रतिशत से अधिक है। (आईएएनएस)|
कोलकाता, 13 सितंबर (आईएएनएस)| कोलकाता से सटे हावड़ा जिले के विभिन्न हिस्सों में, विशेष रूप से संतरागाछी इलाके में मंगलवार को उस समय हिंसा भड़क उठी, जब भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर पश्चिम बंगाल सचिवालय तक भाजपा के मार्च के दौरान पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हो गई। पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद सुकांत मजूमदार और भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल के नेतृत्व में मार्च कर रहे भाजपा समर्थक जैसे ही संतरागाछी से राज्य सचिवालय नबन्ना की ओर बढ़ने लगे, पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इससे हावड़ा क्षेत्र में हालात तनावपूर्ण हो गए।
पुलिस ने आक्रोशित भाजपा समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारों का सहारा लिया। भाजपा समर्थकों ने जब ईंट-पत्थर और बांस के डंडे फेंकने लगे, तब पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे।
मार्च को आगे बढ़ने से रोके जाने पर सुकांत मजूमदार और अग्निमित्र पॉल तुरंत हावड़ा मैदान के पास अपने समर्थकों के साथ सड़क पर बैठ गए और धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। दोनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उनके समर्थकों पर अकारण हमले किए। बाद में सुकांत मजूमदार को भी जेल वैन में बिठाया गया।
संतरागाछी रेलवे स्टेशन पर भाजपा समर्थकों और पुलिस बलों के बीच अलग-अलग झड़पें हुईं। भजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव के बाद रेलवे ट्रैक पर पथराव करना शुरू कर दिया। हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसूगैस के गोले दागे। झड़प में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
झड़पों के बाद निकटवर्ती कोना एक्सप्रेसवे पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया, गंभीर रोगियों को ले जाने वाली कुछ एम्बुलेंस सहित बड़ी संख्या में वाहन फंस गए।
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया। उन्होंने कहा, "भाजपा नेता जानते हैं कि उनके पास पश्चिम बंगाल में जनाधार और समर्थन की कमी है। इसलिए वे इस तरह की हिंसक रणनीति के जरिए ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।"
सुकांत मजूमदार ने कहा कि पुलिस ने रैली शुरू होने से काफी पहले मंगलवार की सुबह से ही राज्यभर में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। उन्होंने आरोप लगाया, "हमारे कई समर्थकों को आज सुबह कोलकाता आने वाली ट्रेनों में चढ़ने तक नहीं दिया गया।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 13 सितम्बर | जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के जहाजों आर एडम हिरता तोशीयुकी और भारतीय नौसेना के जहाजों का नेतृत्व आरएडम संजय भल्ला, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट द्वारा किया गया।
भारतीय नौसेना के जहाजों ने जेएमएसडीएफ के जहाजों, एक हेलीकॉप्टर वाहक और ताकानामी, एक निर्देशित मिसाइल का बंगाल की खाड़ी में स्वागत किया। भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व तीन स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित युद्धपोतों द्वारा किया गया है। फ्लीट टैंकर ज्योति, अपतटीय गश्ती पोत सुकन्या, पनडुब्बी, एमआईजी 29 के लड़ाकू विमान, लंबी दूरी की समुद्री गश्ती विमान औरजहाज से चलने वाले हेलीकॉप्टर भी अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स 2022 दो भागों में शामिल हैं।
यह एक्सरसाइज जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के 10वीं वर्षगांठ का प्रतीक है, जो 2012 में जापान में शुरू हुआ था। यहभारत और जापान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ के साथ भी मेल खाता है। एक्सरसाइज जापान मैरी टाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स वायु डोमेन में जटिल अभ्यासों के माध्यम से, दोनों देशों के समुद्री बलों के बीच मौजूद उच्च स्तर की ट्रेनिंग को मजबूत करने का प्रयास करती है। (आईएएनएस)|
मुंबई, 13 सितंबर | नवंबर-दिसंबर में भुवनेश्वर में होने वाले तीसरे 'मेक इन ओडिशा' सम्मेलन से पहले मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों से मुलाकात करने मुंबई आ रहे हैं। पटनायक अपने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अगले कुछ दिनों में मुंबई आएंगे और देश की वाणिज्यिक राजधानी में ओडिशा इन्वेस्टर्स मीट के हिस्से के रूप में उद्योग जगत के शीर्ष उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे।
मुंबई में, ओडिशा सरकार रसायन, पेट्रोकेमिकल, धातु, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन, विनिर्माण और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने पर जोर देगी।
चूंकि मुंबई देश का वित्तीय केंद्र है, इसलिए ओडिशा सरकार पारंपरिक क्षेत्रों के अलावा फिनटेक, निवेश और वाणिज्यिक बैंकों, वित्तीय एजेंसियों, शेयर बाजारों आदि के लिए और अधिक निवेश को लुभाने का प्रयास करेगी। ओडिशा उद्योग विभाग के प्रधान सचिव हेमंत शर्मा ने ये जानकारी दी।
पटनायक के साथ मुंबई की बैठक में अंबानी, अदाणी, टाटा, गोदरेज, महिंद्रा जैसे प्रमुख कॉरपोरेट घरानों के शीर्ष उद्योगपतियों के शामिल होने की उम्मीद है।
इससे पहले पटनायक ने अगस्त में नई दिल्ली में दो दर्जन से अधिक देशों के राजदूतों और शीर्ष व्यवसायियों से मुलाकात की थी। पटनायक इस साल 3 नवंबर से 4 दिसंबर तक भुवनेश्वर में तीसरे 'मेक इन ओडिशा' सम्मेलन की मेजबानी करेंगे।
मुंबई के बाद बाद बेंगलुरु और हैदराबाद में भी इसी तरह की निवेशक बैठक होने की संभावना है।
2018 में, दूसरी 'मेक इन ओडिशा' वैश्विक निवेशकों की बैठक से पहले, पटनायक ने मुंबई में एक रोड शो किया था, जिसमें अपने राज्य को समृद्ध संसाधनों के साथ निवेशकों के लिए अनुकूल दिखाया था।
ओडिशा धातु, रसायन और पेट्रोकेमिकल, कपड़ा और परिधान सहित विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई आकर्षित करने वाले प्रमुख निवेश स्थलों में उभर रहा है, जिसमें वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, समुद्री भोजन प्रसंस्करण, लॉजिस्टिक और स्वच्छ ऊर्जा शामिल हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 13 सितम्बर | पूर्व विश्व कप विजेता आस्ट्रेलियाई कोच जॉन बुकानन और लालचंद राजपूत को 16 सितंबर को कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में लीजेंड्स लीग क्रिकेट के मैच के लिए क्रमश: भारत महाराजाओं और विश्व दिग्गजों का कोच नियुक्त किया गया है। एक बेनिफिट मैच पहली बार भारत में लीग के सीजन की शुरूआत करेगा और खेल की आय कपिल देव की खुशी फाउंडेशन को दी जाएगी, जो बालिका शिक्षा का समर्थन करती है।
दुनिया के शीर्ष कोचों में से एक के रूप में माने जाने वाले बुकानन ने आस्ट्रेलिया का कई सफलताओं के लिए मार्गदर्शन किया था, जिसमें दो बार वनडे विश्व कप जीतना, 2006 में पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी जीतना और 2000 के दशक की शुरूआत में एशेज का वर्चस्व शामिल था।
भारत के पूर्व बल्लेबाज ने अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे जैसी अंतरराष्ट्रीय टीमों को सफलतापूर्वक कोचिंग दी है। वह 2007 में ऐतिहासिक टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर भी थे।
राजपूत और बुकानन लीग में क्रमश: एलएनजे भीलवाड़ा किंग्स और मणिपाल टाइगर्स के कोच होंगे।
भारत महाराजाओं का नेतृत्व वीरेंद्र सहवाग करेंगे जबकि दक्षिण अफ्रीका के महान जैक्स कैलिस टीम वल्र्ड जायंट्स की कप्तानी करेंगे।
10 देशों के दिग्गज क्रिकेटर एक्शन में दिखाई देंगे, सहवाग की गुजरात जायंट्स और गौतम गंभीर की इंडिया कैपिटल्स 17 सितंबर को कोलकाता में होने वाले लीग ओपनर मैच में आमने-सामने होंगे। मणिपाल टाइगर्स और भीलवाड़ा किंग्स भी चार-टीम लीग का हिस्सा होंगे।
लीजेंड्स लीग क्रिकेट के आगामी सीजन के लिए लखनऊ, नई दिल्ली, कटक और जोधपुर अन्य स्थान हैं, जो 5 अक्टूबर तक चलेगा। (आईएएनएस)|
लॉस एंजेलिस, 13 सितंबर | 'सक्सेशन' के शोरनर जेसी आर्मस्ट्रांग ने सोमवार रात अपने एम्मीज स्वीकृति भाषण के दौरान किंग चार्ल्स थर्ड पर कटाक्ष किया। उत्कृष्ट नाटक सीरीज के लिए एमी अवार्ड स्वीकार करने के लिए ब्रायन कॉक्स, जेरेमी स्ट्रॉन्ग, सारा स्नूक, मैथ्यू मैकफैडेन और निकोलस ब्रौन सहित शो के निष्पादन और कलाकारों के साथ मंच पर ले जाते हुए आर्मस्ट्रांग ने कहा, "सक्सेशन के लिए बड़ा सप्ताह। यूके में नया राजा, और यह हमारे लिए।"
आर्मस्ट्रांग, जो ब्रिटिश हैं और शाही खानदान को नहीं मानते, ने कहा, "जाहिर तौर पर प्रिंस चार्ल्स की तुलना में हमारी जीत में थोड़ा अधिक मतदान हुआ।" इसके बाद लोग हंसने लगे।
"इसे रॉयलिस्ट ही रखें, इसे रॉयलिस्ट रखें," स्कॉटलैंड में जन्मे कॉक्स ने चुटकी ली, जो शो के संरक्षक लोगन रॉय की भूमिका निभा रहे थे।
आर्मस्ट्रांग ने आगे कहा, "नहीं, मेरा मतलब है, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हम अपनी स्थिति में उनसे अधिक वैध हैं, हम इसे लोगों पर छोड़ देंगे"।
"नाजुक संतुलन," कॉक्स ने उत्तर दिया, जिससे दर्शकों में हंसी की लहर दौड़ गई। इसके बाद आर्मस्ट्रांग ने अपना शेष स्वीकृति भाषण दिया।
यह 'सक्सेशन' के लिए एक शानदार रात थी, जिसमें आर्मस्ट्रांग को सीजन 3 के समापन के लिए एक ड्रामा सीरीज के लिए सर्वश्रेष्ठ लेखन का पुरस्कार भी मिला, और मैकफैडेन को एक ड्रामा सीरीज में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए सम्मानित किया गया। (आईएएनएस)|
गांधीनगर, 13 सितम्बर | केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा एक बार फिर गुजरात में 2/3 बहुमत के साथ सत्ता में आएगी।
मतदाताओं पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि लोग झूठे वादों के बहकावे में नहीं आएंगे बल्कि भाजपा द्वारा अब तक किए गए विकास कार्यो पर अपना फैसला करेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की पहली वर्षगांठ के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए, शाह ने याद किया कि जब भूपेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तो लोग थोड़ा आशंकित थे, लेकिन उन्होंने सभी को गलत साबित कर दिया और सफलतापूर्वक एक वर्ष पूरा कर लिया।
हाल ही में नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात कई पहलुओं में सुशासन में नंबर एक है, चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य या अन्य क्षेत्रों में हो। उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए विकास कार्यो को जारी रखा।
भाजपा शासन में, राज्य ने प्रगति देखी है क्योंकि कानून और व्यवस्था लागू है, कांग्रेस के शासन के दौरान, दंगे और कर्फ्यू आम थे, विस्फोट आम थे और इसलिए गुजरात ने कभी विकास और प्रगति नहीं देखी।
इससे पहले दिन में, वेदांत समूह ने गुजरात में फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट में 1,54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए राज्य सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। (आईएएनएस)|
जिनेवा, 13 सितंबर | जिनेवा स्थित अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 2021 में 5 अरब लोग आधुनिक गुलामी में जी रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी की नवीनतम रिपोर्ट, 'आधुनिक दासता के वैश्विक अनुमान' के अनुसार, इनमें से 2.8 करोड़ लोग जबरन मजदूरी में हैं और 2.2 करोड़ जबरन विवाह में फंस गए।
पिछले पांच वर्षो में आधुनिक गुलामी में रहने वाले लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है - 2016 के वैश्विक अनुमानों की तुलना में 2021 में 1 करोड़ अधिक लोग आधुनिक गुलामी में हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाएं और बच्चे अनुपातहीन रूप से असुरक्षित रहते हैं।
आधुनिक गुलामी दुनिया के लगभग हर देश में है और जातीय, सांस्कृतिक और धार्मिक रेखाओं से परे है। आधे से अधिक (52 प्रतिशत) बंधुआ मजदूरी हैं और जबरन विवाह में फंसे एक चौथाई लोग उच्च-मध्यम आय या उच्च आय वाले देशों में पाए जाते हैं।
जबरन मजदूरी के संबंध में अधिकांश मामले (86 प्रतिशत) निजी क्षेत्र में पाए जाते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्यिक यौन शोषण के अलावा अन्य क्षेत्रों में जबरन श्रम सभी बंधुआ श्रमिकों का 63 प्रतिशत है, जबकि जबरन व्यावसायिक यौन शोषण सभी बंधुआ श्रम का 23 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है।
पांच में से लगभग चार महिलाएं या लड़कियां जबरन व्यावसायिक यौन शोषण में फंसी हैं।
जबरन मजदूरी में राज्य सरकार द्वारा लगाए गए बंधुआ मजदूरों की संख्या 14 प्रतिशत है।
बंधुआ मजदूरी करने वालों में से आठ में से लगभग एक बच्चे (33 लाख) हैं। इनमें से आधे से अधिक व्यावसायिक यौन शोषण में फंसे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमानित 2.2 करोड़ लोग जबरन विवाह में फंसे हैं। इनकी संख्या में 2016-2021 के बीच वैश्विक स्तर पर 66 लाख की वृद्धि हुई।
आईएलओ के महानिदेशक गाय राइडर ने कहा, "यह चौंकाने वाला है कि आधुनिक गुलामी की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। मानवाधिकारों के इस मौलिक दुरुपयोग को कोई उचित नहीं ठहरा सकता।"
आईओएम के महानिदेशक, एंटोनियो विटोरिनो ने कहा, "यह रिपोर्ट यह सुनिश्चित करने की तात्कालिकता को रेखांकित करती है कि सभी प्रवास सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित हैं। प्रवासियों की जबरन श्रम और व्यक्तियों की तस्करी की भेद्यता को कम करना राष्ट्रीय नीति और कानूनी पर सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसे ढांचे जो प्रवासन प्रक्रिया के सभी चरणों में सभी प्रवासियों और संभावित प्रवासियों के मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान, रक्षा और पूरा करते हैं, चाहे उनकी प्रवास स्थिति कुछ भी हो।" (आईएएनएस)|
अहमदाबाद, 13 सितंबर | आम आदमी पार्टी के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को वादा किया कि अगर उनकी पार्टी गुजरात में सत्ता में आती है तो वो भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देंगे। यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, सरकार में कोई भी व्यक्ति जो भ्रष्ट आचरण में लिप्त होगा, चाहे वह आप का हो या अन्य दलों का, उसे जेल भेजा जाएगा।
केजरीवाल ने पंजाब सरकार के एक फैसले का भी हवाला दिया जब वहां के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भ्रष्ट आचरण के लिए एक मंत्री को बर्खास्त कर दिया।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि पब्लिक फंड का इस्तेमाल विकास के लिए ही किया जाएगा, इसे न तो कॉपोर्रेट मित्रों को वितरित किया जाएगा और न ही विदेश भेजने की अनुमति दी जाएगी।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में लोगों को सरकारी विभागों में अपना काम करवाने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है।
कांग्रेस नेता अजय कुमार की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि पंजाब सरकार विज्ञापनों पर पैसा बर्बाद कर रही है, वो भी तब जबकि कॉलेज प्रोफेसरों को भुगतान करने के लिए पैसे नहीं है, केजरीवाल ने कहा, कांग्रेस खत्म हो गई है, कांग्रेस पार्टी का सवाल लेना बंद करो।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता और कार्यकर्ता मेधा पाटकर को गुजरात विधानसभा चुनाव में आप की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार के तौर पर पेश किए जाने के भाजपा के दावों पर केजरीवाल ने कहा : यह कहना कि आप पार्टी गुजरात में मेधा पाटकर को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना रही है, यह वैसे ही है जैसे भाजपा सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाने जा रही हो। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 13 सितम्बर | सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता राष्ट्रीय अदालतों द्वारा बताई जाने वाली सबसे पुरानी अवधारणाओं में से एक है, और किशोरों को वयस्क जेलों में बंद करना कई पहलुओं पर उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करना है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अवधारणा को कहीं अधिक व्यापक व्याख्या मिली है और आज स्वीकार की गई धारणा यह है कि स्वतंत्रता में वे अधिकार और विशेषाधिकार शामिल हैं, जिन्हें लंबे समय से एक स्वतंत्र व्यक्ति द्वारा खुशी की व्यवस्थित खोज के लिए आवश्यक माना जाता है।
पीठ ने सोमवार को दिए एक फैसले में कहा, यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि किशोरों को वयस्क जेलों में बंद करना कई पहलुओं पर उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करना है।
पीठ ने कहा कि किशोर न्याय प्रणाली के पदाधिकारियों में बच्चे के अधिकारों और संबंधित कर्तव्यों के बारे में जागरूकता कम है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक बार बच्चा वयस्क आपराधिक न्याय प्रणाली के जाल में फंस जाता है, तो बच्चे के लिए इससे बाहर निकलना मुश्किल होता है।
शीर्ष अदालत ने एक हत्या के दोषी की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिसने उम्रकैद की सजा काट रहे अपराध के समय नाबालिग होने का दावा किया था। याचिकाकर्ता, जिसकी सजा को 2016 में शीर्ष अदालत ने बरकरार रखा, उसने कोर्ट से उत्तर प्रदेश सरकार को उसकी सही उम्र के सत्यापन के लिए निर्देश देने की मांग की।
याचिकाकर्ता विनोद कटारा की ओर से पेश अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा ने कहा कि उनके मुवक्किल ने किशोर होने की दलील नहीं दी थी, फिर भी कानून उन्हें किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2011 के प्रावधानों के संबंध में इस समय भी इस तरह की याचिका दायर करने की अनुमति दे रहा है।
याचिकाकर्ता को परिवार रजिस्टर प्रमाण पत्र भी प्राप्त हुआ, जहां उसका जन्म वर्ष 1968 दिखाया गया था, और दावा किया कि अपराध के समय वह 14 वर्ष का था।
पीठ ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ समय बाद, रिट आवेदक यूपी पंचायत राज (परिवार रजिस्टरों का रखरखाव) नियम, 1970 के तहत जारी परिवार रजिस्टर दिनांक 02.03.2021 के रूप में एक दस्तावेज प्राप्त करने की स्थिति में था। फैमिली रजिस्टर सर्टिफिकेट, रिट आवेदक का जन्म वर्ष 1968 के रूप में दिखाया गया है।
कोर्ट ने कहा कि यह रिकॉर्ड पर रखे गए दस्तावेजी सबूत हैं जो कानून के संघर्ष में एक किशोर की उम्र निर्धारित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
शीर्ष अदालत ने चिकित्सा आयु निर्धारण परीक्षण का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह का परीक्षण तीन डॉक्टरों की एक टीम द्वारा किया जाएगा, जिनमें से एक डॉक्टर को रेडियोलॉजी विभाग का प्रमुख होना जरुरी है।
आगे कहा गया, हम आगरा के सत्र न्यायालय को इस आदेश के संचार की तारीख से एक महीने के भीतर कानून के संबंध में रिट आवेदक के किशोर होने के दावे की जांच करने का निर्देश देते हैं।
शीर्ष अदालत ने सत्र अदालत को याचिकाकर्ता द्वारा उद्धृत परिवार रजिस्टर को सत्यापित करने का निर्देश दिया। (आईएएनएस)|
कलबुर्गी (कर्नाटक), 13 सितंबर | कर्नाटक पुलिस ने मंगलवार को यहां एक आवासीय छात्रावास के प्रिंसिपल और कंप्यूटर ऑपरेटर को यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार किया है। चिंचोली तालुक में कुंचावरम पुलिस स्टेशन की सीमा में स्थित यह सुविधा समाज कल्याण विभाग द्वारा उत्पीड़ित वर्गों के लिए चलाई जाती है। माध्यमिक कक्षाओं की 100 से अधिक छात्राएं यहां रहती हैं और पढ़ती हैं।
इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक प्रभुलिंग वली ने शिकायत दर्ज कराई थी।
पीड़ित छात्राओं ने प्राचार्य और स्टाफ सदस्यों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया।
पुलिस के अनुसार, पीड़ितों ने तब तक खाना खाने से इनकार कर दिया जब तक कि मामले में कार्रवाई शुरू नहीं की गई।
सोमवार को छात्राओं के माता-पिता ने स्कूल परिसर में घुसकर स्टाफ सदस्यों की पिटाई कर दी।
कलबुर्गी की एसपी ईशा पंत मौके पर पहुंची और छात्राओं को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।
उन्होंने खुद बच्चियों को खाना परोसा और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया। (आईएएनएस)