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नई दिल्ली, 14 सितम्बर | दुनिया भर में अफगान महिलाएं स्कूलों में तालिबान के नए हिजाब फरमान का सोशल मीडिया पर रंग-बिरंगे पारंपरिक पोशाक पहने अपनी तस्वीरें पोस्ट कर विरोध कर रही हैं। तालिबान ने कक्षाओं में लड़का, लड़की छात्रों को अलग बैठने के लिए अनिवार्य कर दिया है और कहा है कि महिला छात्रों, लेक्चरर और कर्मचारियों को शरिया कानून की समूह की व्याख्या के अनुसार हिजाब पहनना चाहिए।
तालिबान ने कक्षाओं में लिंग के अलगाव को अनिवार्य कर दिया है और कहा है कि महिला छात्रों, लेक्चरर और कर्मचारियों को शरिया कानून की समूह की व्याख्या के अनुसार हिजाब पहनना चाहिए।
काबुल में एक सरकारी विश्वविद्यालय के लेक्चरर हॉल में सिर से पैर तक काले कपड़े पहने और तालिबान के झंडे लहराते हुए छात्राओं के एक ग्रुप की तस्वीरें सामने आई हैं।
अन्य अफगान महिलाओं ने चमकीले और रंगीन पारंपरिक अफगान पोशाकों में अपनी तस्वीरें पोस्ट करके जवाब दिया, जो तालिबान द्वारा उल्लिखित काले हिजाब जनादेश के बिल्कुल विपरीत है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ट्विटर पर तस्वीरें साझा करने वाली अन्य महिलाओं के अनुसार, अपने लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, अफगानिस्तान के अमेरिकी विश्वविद्यालय के पूर्व संकाय सदस्य बहार जलाली ने तस्वीर पोस्टिंग अभियान को शुरू करने में मदद की।
जलाली ने पूरी काली पोशाक और घूंघट में एक महिला की तस्वीर ट्वीट की और कहा, "अफगानिस्तान के इतिहास में किसी भी महिला ने इस तरह के कपड़े नहीं पहने हैं। यह पूरी तरह से विदेशी और अफगान संस्कृति के लिए विदेशी है। तालिबान द्वारा प्रचारित की जा रही गलत सूचनाओं को सूचित करने, शिक्षित करने और दूर करने के लिए मैंने पारंपरिक अफगान पोशाक में अपनी तस्वीर पोस्ट की।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य अफगान महिलाओं ने जल्द ही सोशल मीडिया पर उनका साथ दिया।
डीडब्ल्यू न्यूज में अफगान सेवा के प्रमुख वासलत हसरत-नाजिमी ने पारंपरिक अफगान पोशाक और हेडड्रेस में अपनी एक तस्वीर ट्वीट की और टिप्पणी की, "यह अफगान संस्कृति है और इस तरह अफगान महिलाएं कपड़े पहनती हैं।"
पिछले महीने काबुल से भागी एक अफगान गायिका और कार्यकर्ता शकीबा तिमोरी ने सीएनएन को बताया कि "हिजाब काबुल के पतन से पहले मौजूद था। हम हिजाबी महिलाओं को देख सकते थे, लेकिन यह परिवार के फैसलों पर आधारित था ना कि सरकार पर के फैसलों पर आधारित था।"
उन्होंने कहा कि तालिबान के अफगानिस्तान आने से पहले, उनके पूर्वज "वही रंगीन अफगान कपड़े पहने हुए थे जो आप मेरी तस्वीरों में देख रहे हैं।" (आईएएनएस)
दिल्ली, 14 सितंबर | 1 लाख स्कूलों और 2 लाख छात्रों के लिए फिट इंडिया क्विज का पंजीकरण शुल्क माफ कर दिया गया है। यह घोषणा मंगलवार 14 सितंबर को की गई। स्कूल जाने वाले बच्चों के बीच अच्छे स्वास्थ्य (फिटनेस) और खेल के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए, खेल और फिटनेस पर पहला राष्ट्रव्यापी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, फिट इंडिया क्विज 1 सितंबर को लॉन्च किया जा चुका है। स्कूली बच्चों के लिए भारत की पहली फिटनेस और खेल प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, फिट इंडिया क्विज को प्रतिभागियों को अब और भी आकर्षक बनाया गया है। पूरे भारत के स्कूली छात्रों के लिए एक बड़े उपहार के तौर पर, घोषणा की है कि राष्ट्रव्यापी भारत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के लिए 1 लाख स्कूलों द्वारा नामांकित पहले 2 लाख छात्रों का पंजीकरण निशुल्क किया जायेगा। प्रत्येक स्कूल निशुल्क पंजीकरण के लिए पहले आओ, पहले पाओ के तहत अधिकतम 2 छात्रों को नामांकित कर सकता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में केंद्रीय युवा कार्य और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने 1 सितंबर को फिट इंडिया क्विज का शुभारंभ किया था, जो खेल और फिटनेस पर पहली बार आयोजित की जाने वाली एक राष्ट्रव्यापी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता है। राष्ट्रव्यापी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के लिए पुरस्कार राशि के रूप में 3.25 करोड़ रुपये निर्धारित किये गए हैं। प्रतियोगिता के राष्ट्रीय दौर का प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स पर किया जायेगा।
केंद्रीय युवा कार्य और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने स्कूली बच्चों में फिटनेस और खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस निर्णय की घोषणा की। प्रधानमंत्री द्वारा रेखांकित किये गए फिट इंडिया अभियान के हिस्से के रूप में फिट इंडिया क्विज को लॉन्च किया गया है, जिसने अच्छे स्वास्थ्य के साथ जीवन जीने के महत्व के बारे में बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि पहले 1 लाख स्कूलों और 2 लाख छात्रों के लिए फिट इंडिया क्विज का पंजीकरण शुल्क माफ कर दिया गया है।
उन्होने फिटनेस और खेल पर भारत की सबसे बड़ी प्रश्नोत्तरी में भाग लेने के लिए स्कूलों और छात्रों से बड़ी संख्या में पंजीकरण करने का अनुरोध किया है।
इस क्विज में देश के प्रत्येक राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के छात्र शामिल होंगे। इस प्रतियोगिता के प्रारूप को समावेशी तरीके से डिजाइन किया गया है, जिसमें देश भर के स्कूली छात्रों को साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने तथा अपने फिटनेस और खेल ज्ञान का परीक्षण करने का अवसर मिलेगा। फिट इंडिया क्विज में भाग लेने का विवरण फिट इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध है।(आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 14 सितम्बर | ओडिशा पुलिस ने मंगलवार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), चांदीपुर के चार संविदा कर्मचारियों को विदेशी एजेंटों को गोपनीय रक्षा रहस्य लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिरीक्षक (पूर्वी रेंज) हिमांशु लाल ने मीडियाकर्मियों को बताया,हमारे पास कुछ विश्वसनीय इनपुट हैं कि कुछ लोग कुछ संवेदनशील जानकारी साझा कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर विदेशी एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण है। बालासोर जिला पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया और पूछताछ जारी है।
पुलिस ने एक बयान में कहा, चांदीपुर थाना (केस नंबर 76) में मंगलवार को धारा 120-बी (आपराधिक साजिश के लिए सजा), 121-ए (भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश) और 34 (सामान्य इरादे से किया गया कृत्य) आईपीसी और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3, 4 और 5, के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इसमें कहा गया है कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को गंभीर नुकसान पहुंचाने के मामला दर्ज किया और सबूतों का पता लगाने के लिए इन चार आरोपीओं और कुछ अन्य से पूछताछ की जा रही है।
इस मामले में, हमें विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ व्यक्ति गलत तरीके से और जानबूझकर गुप्त रक्षा रहस्यों को विदेशी एजेंटों को बता रहे हैं, जो पाकिस्तानी एजेंट प्रतीत होते हैं, विभिन्न आईएसडी फोन नंबरों से संपर्क किया जा रहा है और बदले में उन्हें गलत तरीके से पैसे मिल रहे थे।
इन सूचनाओं के आधार पर अपराधियों को पकड़ने के लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया था। छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है।
चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) में दूसरी बार जासूसी का ऐसा मामला सामने आया है। जनवरी 2015 में डीआरडीओ के एक पूर्व कर्मचारी ईश्वर चंद्र बेहरा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें इसी साल फरवरी में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 सितंबर | केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश के सड़क और राजमार्ग बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए अमेरिकी निवेशकों, विशेष रूप से बीमा और पेंशन फंडों को आमंत्रित किया है। इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी) द्वारा आयोजित 17वें इंडो-यूएस इकोनॉमिक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "पूरी उम्मीद है कि अधिक से अधिक अमेरिकी कंपनियां आएंगी और भारत में सड़क और राजमार्ग परियोजनाओं में निवेश करेंगी जो सभी हितधारकों के लिए सोने की खान है।"
उन्होंने अमेरिका में जुटाए गए निवेशकों की तुलना में निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न का आश्वासन दिया।
उत्पादन को बढ़ावा देने और इथेनॉल जैसे वैकल्पिक परिवहन ईंधन को अपनाने और परिवहन के कई तरीकों के माध्यम से अंतिम मील कनेक्टिविटी पर जोर देने के सरकार के प्रयासों के बारे में, उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनियों के लिए देश में गतिशीलता प्रौद्योगिकी के अनुसंधान और विकास में निवेश करने के अवसर हैं।
गडकरी ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ही कोविड के बाद वैश्विक आर्थिक सुधार में एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष ललित भसीन ने कहा कि महामारी ने आर्थिक मोर्चो पर असंख्य चुनौतियां पेश की हैं, लेकिन ऐसी चुनौतियां अवसर भी हैं जो द्विपक्षीय आर्थिक मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।
उन्होंने कहा, "महामारी ने हमें व्यापार मॉडल में सुधार करना, डिजिटल स्पेस में और ऊपर जाना, अधिक समावेशी और साथ ही हमारे दृष्टिकोण में वैश्विक बनना सिखाया है।"
आईएसीसी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष रोहित कोचर ने वर्तमान अवधि को भारत-अमेरिका संबंधों के लिए 'वाटरशेड पल' के रूप में वर्णित किया।
उन्होंने कहा, "मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि हमारी साझेदारी न केवल व्यापार और अर्थशास्त्र के इर्द-गिर्द केंद्रित है, बल्कि हाल के भू-राजनीतिक विकास के मद्देनजर भी बहुत महत्व रखती है। ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां हमारी चिंताएं और हित दोनों परस्पर जुड़े हुए हैं और पूरक हैं।"(आईएएनएस)
कोलकाता, 14 सितम्बर | पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने तलब किया है और उन्हें 22 सितंबर को नारद रिश्वत का मामले में दो एजेंसियों द्वारा दायर आरोप पत्र के संबंध में उनके सामने पेश होने के लिए कहा है। विधानसभा में सूत्रों के मुताबिक, स्पीकर बिमान बनर्जी ने चार्जशीट में विधायकों के नाम के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। विधानसभा में एक अधिकारी ने कहा, "नियमों के अनुसार विधायकों के नाम अध्यक्ष से लिखित अनुमति लेने के बाद चार्जशीट में दिए जा सकते हैं। सांसदों के मामले में संसद के अध्यक्ष से अनुमति लेनी होगी। बनर्जी पूछेंगे कि यह प्रक्रिया क्यों है इस मामले में पालन नहीं किया गया है।"
दो जांच एजेंसियों ने हाल ही में पोंजी घोटाला मामलों और नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में कथित संलिप्तता के लिए मंत्रियों सहित सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई विधायकों को चार्जशीट किया और तलब किया था।
ईडी और सीबीआई दोनों के आरोपपत्र में राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम और कमरहाटी से टीएमसी विधायक मदन मित्रा के नाम शामिल हैं।
सीबीआई ने उनके खिलाफ समन जारी किया है और उन्हें 16 नवंबर को अदालत में पेश होने को कहा गया है। पत्र विधानसभा को भेजे जा चुके हैं।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, "हमें पत्र नहीं मिला है क्योंकि औपचारिकताएं पूरी नहीं की गई हैं। अधिकारियों को आने दें और अपना स्पष्टीकरण दें और फिर हम अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार कार्य करेंगे।"
सुखेंदु शेखर रॉय और कुणाल घोष जैसे टीएमसी नेताओं ने कहा था कि अगर जांच एजेंसियां सांसदों के खिलाफ चार्जशीट जैसी कोई कार्रवाई शुरू करती हैं तो लोकसभा अध्यक्ष को हमेशा लूप में रखा जाता है लेकिन बंगाल में विधायकों के संबंध में इस प्रथा का पालन नहीं किया गया।
राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, "मुझे नहीं पता कि नियमों का पालन किया गया है या नहीं, क्योंकि मैं ना तो विधायक हूं और ना ही मैं सीबीआई अधिकारी हूं, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि यह तृणमूल कांग्रेस की एक और योजना है कि वह समय खरीदकर लोगों और जांच अधिकारी का ध्यान भटकाएं।"
सीपीएम नेता समिक लहरी ने कहा, "उन्हें कैमरे में देखा गया है कि वे पैसे ले रहे हैं। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वे अभी भी जेल में क्यों नहीं हैं?।"(आईएएनएस)
अमरावती (महाराष्ट्र), 14 सितम्बर | महाराष्ट्र के अमरावती जिले में स्थित वर्धा नदी में मंगलवार की सुबह एक ओवरलोड नाव पलटने से एक बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे की शिकार नाव में 30 लोग सवार थे जिनमें से कम से कम 11 लोग लापता हैं। घटना सुबह करीब 10 बजे की है जब नाव अमरावती के बेनोदा शहीद पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में पड़ने वाले श्रीक्षेत्र झुंझ के पास नदी के दूसरी तरफ किनारे पर जा रही थी।
मदद के लिए चीख-पुकार सुनकर कई ग्रामीण पीड़ितों को बचाने के लिए नदी में कूद पड़े और स्थानीय पुलिस को भी सूचना दी।
दोपहर तक, दो साल की बच्ची सहित तीन शव बरामद कर लिए गए हैं और आठ लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, जबकि बाकी को मामूली चोटें आई हैं।
पुलिस ने गोताखोरों और ग्रामीणों की टीमों के साथ मिलकर उन लापता लोगों की तलाश में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है जिनके घटना के चार घंटे बाद तक डूबने की आशंका है।
पीड़ितों में से अधिकांश एक ही कबीले के बताए जा रहे हैं, जो एक मृतक रिश्तेदार के अंतिम संस्कार के बाद की रस्मों में शामिल होने के लिए गाड़ेगांव गए थे।
बाद में वे वारूद क्षेत्र के महादेव मंदिर गए जब वह इस हादसे का शिकार हो गए।
अब तक 45 वर्षीय नारायण मातरे, 28 वर्षीय किरण खंडारे और दो वर्षीय वंशिका शिवंकर के शव बरामद किए जा चुके हैं।
वहीं हादसे में शिकार निशा मातरे, पीयूष मातरे, अदिति खंडारे, मोहिनी खंडारे, अश्विनी खंडारे, वृषाली वाघमारे, अतुल वाघमारे और पूनम शिवंकर की तलाश जारी है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 सितंबर | क्या तालिबान के साथ रूस की दोस्ती खत्म हो गई है? जैसे-जैसे घटनाएं सामने आ रही हैं, ऐसा लग रहा है कि रूस शायद उस संगठन पर एक रियलिटी चेक चला रहा है, जो अन्य लोगों के अलावा, एक आतंकवादी समूह के रूप में सूचीबद्ध है और रूसी संघ में प्रतिबंधित है। पर्यवेक्षकों और टिप्पणीकारों ने बार-बार बताया है कि अफगानिस्तान से सोवियत वापसी कितनी अनुशासित, यहां तक कि शालीनता से, अमेरिका की अराजक और आंत-भीतर वापसी की तुलना में थी।
हालांकि, उत्सुकता यह थी कि तालिबान की 'जीत' का रूसियों ने स्वागत किया था। काबुल में रूसी दूतावास उन कुछ लोगों में से था जो तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से बिना किसी रुकावट के काम कर रहे थे। राजदूत दिमित्री जि़रनोव ने यह कहते हुए कोई समय नहीं गंवाया कि तालिबान दूतावास को बदलने के लिए सुरक्षा प्रदान कर रहे थे और सामान्य तौर पर काबुल को अब बदनाम राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार की तुलना में अधिक सुरक्षित बना दिया।
वह 17 अगस्त को काबुल में तालिबान नेतृत्व के साथ रूसी राजनयिक मिशन की भविष्य की सुरक्षा के लिए तौर-तरीकोंपर काम करने वाले पहले दूतों में से एक थे। एपी समाचार एजेंसी ने बताया कि तालिबान के प्रतिनिधियों ने कहा कि तालिबान का रूस के प्रति सबसे दोस्ताना है।
जबकि कुछ रूसी विश्लेषकों का मानना है कि सरकार के पास कोई दूरदर्शी अफगान नीति नहीं है। अफगानिस्तान के लिए विशेष रूसी दूत और रूसी विदेश मंत्रालय में एशिया के दूसरे विभाग के निदेशक जमीर काबुलोव के शब्द एक भारतीय से देखे जाने पर खुलासा करने के साथ-साथ दिलचस्प भी थे।
काबुल पर आतंकवादी समूह के कब्जे के एक दिन बाद, प्रेस को दिए गए एक विस्तृत बयान में, काबुलोव ने बताया कि वह तालिबान को अब बदनाम पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार की तुलना में कहीं अधिक परक्राम्य लोगों के रूप में मानते हैं। वे, राजनयिक के विचार में, 'काबुल सरकार' की तुलना में बातचीत करने में अधिक सक्षम थे। "हम इस तथ्य से आगे बढ़ते हैं कि वार्ता को लागू किया जाना चाहिए। अब तक, हमारे दूतावास की सुरक्षा और मध्य एशिया में हमारे सहयोगियों की सुरक्षा के मामले में, तालिबान समझौतों का सम्मान कर रहे हैं।"
काबुलोव ने सरकार के गिरने के बाद हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे काबुल में हुई अराजकता के लिए अमेरिकियों को यह कहते हुए दोषी ठहराया कि अपने (अमेरिकी) सहयोगियों को निकालने के लिए 5000 सैनिकों की जल्दबाजी के कारण, यात्री उड़ानों के आगमन और लैंडिंग को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा, जिससे गड़बड़ी हुई।
तालिबान को क्लीन चिट देते हुए उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे पर अराजकता का काबुल के अंदर की स्थिति से कोई संबंध नहीं था, ना केवल काबुल, बल्कि तालिबान द्वारा कब्जा किए गए किसी अन्य शहर को किसी भी अशांति का सामना नहीं करना पड़ा। हालांकि, तालिबान के नियंत्रण वाले कुछ क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं दोनों के खिलाफ हिंसा और हमले की खबरें आई थीं, हालांकि काबुल में नहीं आई।
अफगानिस्तान के भविष्य में तालिबान की भूमिका पर जोर देते हुए, काबुलोव ने इस तथ्य की सराहना की कि "हमने पिछले 7 वर्षों से उनके (तालिबान) के साथ संपर्क स्थापित किया था और कई बिंदुओं पर चर्चा की थी। साथ ही हमने देखा कि यह बल एक अग्रणी भूमिका निभाएगा। अफगानिस्तान में भविष्य में भूमिका, भले ही वह पूरी तरह से सत्ता में ना आए। इन सभी कारकों ने, शीर्ष नेतृत्व द्वारा हमें दी गई गारंटियों के साथ, हमें सतर्क रहने के बावजूद शांति से विकास का सामना करने का कारण दिया है।"
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या उनका मानना है कि तालिबान का सत्ता में आना रूस के लिए एक नुकसान था। इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा अब इसकी तुलना क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने हाल ही में जो कहा है, उससे करें।
"हममें से कोई भी नहीं जीता है, कम से कम कहने के लिए। अब अहम सवाल यह है कि क्या अफगानिस्तान नशीली दवाओं के खतरे का एक प्रमुख स्रोत बना रहेगा। मुख्य देश जो दुनिया को बड़ी मात्रा में अफीम की आपूर्ति करता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे देश को। अफगानिस्तान एक ऐसी जगह बना हुआ है जहां आतंकवादी संगठन सहज महसूस करते हैं? ये सभी खतरे बने रहते हैं, इसलिए, जाहिर है, हममें से कोई भी नहीं जीता है।"
रूस ने पिछले सप्ताह अनावरण की गई अंतरिम तालिबान सरकार के उद्घाटन में भाग लेने से भी इनकार कर दिया है। शायद रूस और चीन जैसी शक्तियों से समूह को जो समर्थन मिल रहा था, उसने इस तरह के उद्घाटन की घोषणा करने के लिए प्रोत्साहित किया था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि ये घोषणाएं रूसी सुरक्षा प्रमुख निकोलाई पेत्रुशेव के दिल्ली आने और अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के साथ बातचीत के बाद हुईं।
तब तक, तालिबान ने अपने पुराने अपराधियों से भरे अपने कैबिनेट की घोषणा कर दी थी। लगभग सभी पश्तून, कुछ अपवादों के साथ, पुरुष और सुन्नी, अफगानिस्तान की जनसांख्यिकी की विशेषता वाली किसी भी विविधता को नहीं दर्शाते हैं। इतने सारे कठोर अपराधियों का शामिल होना, जिनके सिर पर इनाम है, जो दुनिया भर की सरकारों के लिए चिंता का विषय है। हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के बीच गहरे बंधन पर से पर्दा हटा दिया गया है। यह हिमखंड का सिरा हो सकता है - संयुक्त राष्ट्र ने मई के अंत में चेतावनी दी थी कि तालिबान अल कायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध बनाए रखना जारी रखेगा। रूस के मुस्लिम क्षेत्र वैश्विक जिहाद से अछूते नहीं हैं। पाकिस्तान ने अपने जासूसी प्रमुख फैज हमीद की काबुल की यात्रा के साथ सरकार के गठन की सुविधा के लिए अपनी उंगलियों के निशान छोड़कर एक आत्म-गोल बनाया हो सकता है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 सितम्बर | दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सदस्य के रूप में आंदोलन पर कांग्रेस समिति ने मंगलवार को पहली बार ईंधन की कीमतों में वृद्धि और मुद्रास्फीति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि बैठक में सदस्य उदित राज ने पार्टी अध्यक्ष के लिए राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा और इसका अन्य नेताओं ने समर्थन किया। यह पहली बार नहीं है, जब पार्टी के शीर्ष पद के लिए राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया। युवा कांग्रेस और दिल्ली महिला कांग्रेस ने राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का अगला अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पहले ही पारित कर दिया है।
समिति ने विभिन्न मुद्दों पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन की योजना और क्रियान्वयन पर चर्चा की।
समिति के अन्य सदस्य उत्तम कुमार रेड्डी, बी.के. हरिप्रसाद, मनीष चतरथ, रिपुन बोरा, रागिनी नायक और जुबैर खान ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा।
बैठक में मौजूद एक कांग्रेस नेता ने कहा कि समिति ने सभी सदस्यों से सुझाव लिए और दिग्विजय सिंह ने बातों को नोट किया। सभी सदस्य इस बात पर एकमत थे कि महंगाई देश का मुख्य मुद्दा है जिसे पार्टी को उठाना चाहिए, जबकि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुद्दों के बारे में विशेष जानकारी दी।
बैठक में मौजूद एक नेता ने कहा, "सभी ने सुझाव दिए और विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।"
कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ ईंधन की कीमतों में वृद्धि, महंगाई और अन्य मुद्दों के खिलाफ 20 सितंबर से आंदोलन की योजना बना रही है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 सितम्बर | केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि हिंदी भाषा किसी अन्य क्षेत्रीय भाषा के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर रही है, यह अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की पूरक है। हिंदी दिवस पर यहां आयोजित एक समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा, "हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की सखी (मित्र) है और सभी क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।"
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हिंदी किसी भी क्षेत्रीय भाषा के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर रही है। हिंदी ने केवल अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को पूरक और मजबूत किया है। इसने कभी किसी स्थानीय भाषा के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं की है।
भारत की संस्कृति और मूल्य प्रणालियों को समझने के लिए अधिकारियों और युवाओं द्वारा हिंदी के अधिक से अधिक उपयोग पर जोर देते हुए शाह ने आगे कहा कि 2014 से अधिक से अधिक संसद सदस्य अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में बोल रहे हैं।
पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आहवान का जिक्र करते हुए, गृह मंत्री ने यह भी कहा कि देश को भाषाओं के साथ भी आत्मनिर्भर होने की जरूरत है और देश के लोगों से अपनी मातृभाषा के साथ हिंदी का उपयोग करने का संकल्प लेने का आग्रह किया।
"आत्मनिर्भर होना केवल देश के भीतर माल के व्यावसायिक उत्पादन के बारे में नहीं है। हमें भाषाओं के साथ भी आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है और तभी आत्मनिर्भर भारत की हमारी कल्पना पूरी होगी।"
सभा को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि अपनी भाषा में बोलने में संकोच नहीं करना चाहिए, यह शमिर्ंदगी की बात नहीं है। गांधी जी सहित हमारे कई स्वतंत्रता सेनानियों ने हिंदी को बढ़ावा देने की वकालत की। उन्होंने कहा, "अगर प्रधानमंत्री अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हिंदी बोल सकते हैं, तो हमें किस बात पर शर्म आती है? वो दिन गए जब हिंदी में बात करना शमिर्ंदगी का विषय था।"
गृह मंत्री ने हिंदी और राजभाषा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न व्यक्तियों, संगठनों को पुरस्कार और इनाम भी बांटे।(आईएएनएस)
उडुपी (कर्नाटक), 14 सितंबर | हजारों समर्थकों और प्रशंसकों ने मंगलवार को उडुपी जिला कांग्रेस भवन में कांग्रेस के दिग्गज नेता ऑस्कर फर्नांडीस के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। सड़क के दोनों ओर खड़े लोगों ने ऑस्कर फर्नांडीस के पार्थिव शरीर को ले जा रहे वाहन पर फूलों की वर्षा की। बता दें कि उनका 13 सितंबर को एक निजी अस्पताल में 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री के पार्थिव शरीर को फादर मुलर के अस्पताल से उडुपी के मदर ऑफ सॉरो चर्च में रखवाया गया। उडुपी डायोसीज बिशप डॉ गेराल्ड इसाक लोबो द्वारा चर्च में अंतिम संस्कार किया और उनके शव को कांग्रेस भवन में स्थानांतरित कर दिया गया।
समाज कल्याण मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी, पूर्व मंत्री विनय कुमार सोराके, प्रमोद माधवराज, यू.टी. खादर और अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उनका पार्थिव शरीर मंगलवार शाम को मंगलुरु शहर में कांग्रेस भवन ले जाया जाएगा।
बुधवार (15 सितंबर) को पार्थिव शरीर को मंगलुरु के मिलाग्रेस चर्च ले जाया जाएगा जहां प्रार्थना सभा होगी। शाम तड़के पार्थिव शरीर को बेंगलुरू ले जाया जाएगा और रात भर मुर्दाघर में रखा जाएगा।
गुरुवार (16 सितंबर) को पार्थिव शरीर बेंगलुरु में कांग्रेस मुख्यालय पहुंचेगा। दोपहर 3.30 बजे से सेंट पैट्रिक चर्च में अंतिम आशीर्वाद का आयोजन किया गया। इसके बाद और अंत्येष्टि बेंगलुरु में की जाएगी। (आईएएनएस)
कोलकाता, 14 सितंबर | भाजपा ने चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उम्मीदवारी पर आपत्ति जताने के बाद अब शिकायत की है कि उन्होंने नामांकनपत्र के साथ संलग्न अपने हलफनामे में तथ्यों को छुपाया है। इससे ताजा विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने शिकायत की है कि ममता ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ लंबित पांच आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है।
भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निग ऑफिसर को लिखे पत्र में भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के मुख्य चुनाव एजेंट सजल घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने हलफनामे में उनके खिलाफ लंबित पांच आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है।
मामलों की जानकारी देते हुए घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 153ए (शत्रुता को बढ़ावा देना) और धारा 338 (दूसरों की जान या निजी सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये मामले गीता नगर थाना, पानबाजार थाना, जगीरोड पुलिस थाना, लखीमपुर थाना और उदरबोंड थाना समेत असम के कई थानों में दर्ज हैं।
घोष ने कई अखबारों की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने अपने हलफनामे में इन मामलों का जिक्र नहीं किया है और इसलिए उनका नामांकनपत्र स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
ममता जब विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की उम्मीदवार थीं, उस दौरान भी उन्हें भाजपा उम्मीदवार की इसी तरह की आपत्तियों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने शिकायत की थी कि ममता ने हलफनामे में अपने खिलाफ लंबित छह मामलों का जिक्र नहीं किया है। छह मामलों में से पांच वही मामले हैं, जिनका उल्लेख घोष ने अपनी शिकायत में किया है।
ममता बनर्जी हालांकि नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी से चुनाव गईं। अब वह उपचुनाव में दक्षिण कोलकाता की भवानीपुर विधानसभा सीट ने उम्मीदवार हैं। वह इस सीट से 2011 और 2016 में जीत चुकी हैं।
ममता इस बात से वाकिफ हैं कि इस बार भवानीपुर में चीजें उतनी आसान नहीं हैं, जितनी 2011 में थीं। उस समय उन्होंने वामपंथी उम्मीदवार को 49,936 मतों से जीत हासिल की थी। लगभग 63.78 प्रतिशत मतदान के साथ उनकी जीत का अंतर 21.91 प्रतिशत था। लेकिन, 2016 में उनकी जीत का अंतर लगभग आधा रह गया। 66.83 प्रतिशत मतदान के साथ, ममता ने 10.21 प्रतिशत के अंतर से 25,301 मतों से जीत हासिल की थी। (आईएएनएस)
जयपुर, 14 सितंबर। देश भर से हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स हर साल NEET क्वालिफाई कर डॉक्टर बनने के लिए मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेते है. वहीं अब ये परीक्षा सवालों के घेरे में आ चुकी है. दरअसल NEET परीक्षा देश भर में पिछले रविवार को संपन्न हुई थी. वहीं जयपुर पुलिस ने खुलासा किया है कि नीट का पेपर जयपुर में लीक हुआ था. इस लीक मामले में करीब नौ लोगों की गिरफ़्तारी भी जयपुर पुलिस ने की है.
भांकरोटा इलाके के परीक्षा केंद्र पर पेपर लीक होने का दावा
इस साल नीट की परीक्षा में करीब 16 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे और जयपुर पुलिस ने जिले के भांकरोटा इलाके के एक परीक्षा केंद्र पर पेपर लीक होने का दावा किया है. ये परीक्षा रविवार को दोपहर दो बजे शुरु हुई और पेपर ओपन ही इस पेपर को व्हाट्स एप पर फोटो खींचकर सीकर जिले के एक कोचिंग सेंटर पर भेजा गया था. इस कोचिंग सेंटर पर मौजूद एक शिक्षक ने इस पेपर के दो सौ में से 172 प्रश्नों के उत्तर लिखे और उसे फिर से भांकरोटा के सेंटर पर शाम साढ़े चार बजे पहुंचा दिया. इस सेंटर पर परीक्षा दे रही एक छात्रा ने इन 172 सवालों को कॉपी कर अपनी उत्तर पुस्तिका में उतार दिया. बहरहाल पुलिस ने इस छात्रा समेत गिरोह के कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
छात्रा को पास करवाने के लिए 35 लाख में हुआ था सौदा
वहीं पुलिस ने जानकारी दी है कि इस पूरे मामले में जिस मोबाइल फोन से NEET का पेपर फोटो खींचकर व्हाट्स एप के जरिये भेजा गया था उसे बरामद कर लिया गया है. इसके अलावा छात्रा द्वारा हल किया गया पेपर,सीकर से भेजे गए सवालों के जवाब की कॉपी और दस लाख रुपए नकद भी बरामद किये गए है. छात्रा धनेश्वरी को इस परीक्षा में पास करवाने का सौदा 35 लाख में हुआ था और आधा पैसा परीक्षा के पहले और आधा बाद में देना तय हुआ था.
पुलिस ने 6 मेडिकल स्टूडेंट्स को भी गिरफ्तार किया
भांकरोटा के परीक्षा केंद्र का प्रशासक मुकेश सामोता और केंद्र का वीक्षक राम सिंह भी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके है. इसके अलावा पुलिस ने 6 ऐसे मेडिकल स्टूडेंट को भी अलग अलग परीक्षा केंद्रों से गिरफ्तार किया है जो कमजोर परीक्षर्थियों की जगह नीट की परीक्षा दे रहे थे. इस गैंग का सरगना राजन राजगुरु नाम का एक शख्स है जो साल 2010 की राजस्थान प्री मेडिकल परीक्षा का सेकेण्ड टॉपर रहा था और वो अभी चित्तौड़गढ़ में मेडिकल अफसर के पद पर लगा हुआ है.
कोचिंग सेंटर में अमीर परिवार के बच्चों की पहचान करता था आरोपी
आरोपी राजन राजगुरु पहले कोचिंग सेंटर में ऐसे बच्चों की पहचान करता जो अमीर परिवार से ताल्लुक रखते थे. फिर इन बच्चों के परिजनों से संपर्क साध कर उनसे पचीस लाख रुपए में परीक्षा में बच्चे की जगह किसी दूसरे को बैठाने का इंतज़ाम कर देता था. जिन 6 मेडिकल छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है वे ऐसे ही कमजोर बच्चों की जगह परीक्षा दे रहे थे. इनमे दो छात्रा भी शामिल है. प्राची परमार देहरादून मेडिकल कालेज में थर्ड ईयर और प्रिया चौधरी भरतपुर मेडिकल कालेज में थर्ड ईयर एम् बी बी एस की छात्रा है. इसी तरह देहरादून मेडिकल कालेज का प्रदुमन सिंह, बनारस मेडिकल कालेज का सावंर मल सुथार, इसी मेडिकल कालेज का प्रवीण मंडा और अंकित यादव भी दूसरे छात्र की जगह परीक्षा देते हुए पकड़े गये हैं.
मास्टर माइंड राजन राजगुरु ने किया चौंकाने वाला खुलासा
इस पूरे मामले में सबसे हैरानी में डालने वाली बात जो सामने आयी है वो खुद मास्टर माइंड राजन राजगुरु ने बताई. राजन का ये खुलासा उन तमाम लोगों की आंखे खोल देगा जो अपने बच्चों को डाक्टर तो बनाना चाहते है लेकिन इस तरह पैसा देकर नीट परीक्षा पास करवा कर. राजन राजगुरु ने पुलिस को बताया कि उसने झुंझुनू की एक छात्रा डिम्पल को दो साल पहले इसी तरह से फर्जीवाड़ा करके नीट परीक्षा पास करवा दी थी. डिम्पल को मेडिकल कालेज में एडमिशन भी मिल गया लेकिन वो दो साल में एम् बी बी एस का फर्स्ट ईयर पास नहीं कर सकी और उसने एमबीबीएस छोड़ दिया. ऐसे में अगर लाखों रुपए खर्च करके भी उसने नीट पास कर ली तो हासिल किया हुआ. ये बात फर्जी तरीके से NEE परीक्षा पास करने के इच्छुक बच्चो और उनके अभिभावकों को समझनी होगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति अगले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के नेताओं से मिलेंगे, क्वाड बैठक में नेता आमने सामने होंगे. अगले हफ्ते होने वाली इस बैठक की विशेष अहमियत है.
व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि अगले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिडे सुगा 24 सितंबर को जो बाइडेन से मिलेंगे. ये चारों देश क्वाड का हिस्सा हैं जो 2007 में बनाया गया था.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने एक बयान में कहा, "क्वाड नेता अपने संबंधों को और गहरा करने व व्यहारिकता में सहयोग बढ़ाने के लिए नए क्षेत्र जैसे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई, जलवायु परिवर्तन का संकट, आधुनिक तकनीकों और साइबर क्षेत्र में साझेदारी और स्वतंत्र व खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र जैसे मुद्दों पर केंद्रित होंगे."
पहली बार मिलेंगे क्वाड नेता
साकी ने इस बात पर जोर दिया कि यह बैठक दिखाती है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सक्रियता बाइडेन-हैरिस सरकार की प्राथमिकता है, जिसे वह बहुपक्षीय जरियों से अंजाम देना चाहते हैं ताकि 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटा जा सके.
अगले हफ्ते जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के नेता संयुक्त राष्ट्र की बैठक में हिस्सा लेने के लिए न्यू यॉर्क जाएंगे और तभी क्वाड की बैठक भी तय की गई है. पिछली बार क्वाड सदस्य मार्च में एक वर्चुअल बैठक में मिले थे. चारों देशों के विदेश मंत्री और अन्य आधिकारिक स्तरों पर मिलते रहे हैं.
कोविड वैक्सीन की सप्लाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए अमेरिका सरकार भारत के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए है. एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि 24 सितंबर को होने वाली बैठक में कोविड वैक्सीन की सप्लाई और निर्यात एक अहम मुद्दा होंगे.
भारत-अमेरिका संपर्क
मार्च में जब पिछली बार क्वाड बैठक हुई थी तब कोविड वैक्सीन की सप्लाई को लेकर चारों देशों ने मिलकर काम करने का वादा किया था. लेकिन उसके फौरन बाद भारत में कोरोना वायरस की एक भयानक लहर आई और लाखों लोगों की जान चली गई. इसके चलते दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक भारत ने निर्यात रोक दिया था.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि वे भारत और अन्य क्वाड सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि कोविड वैक्सीन पर सहयोग को जारी रखा जा सके. एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि वॉशिंगटन ने भारत की आपातकालीन जरूरत को देखते हुए अप्रैल में अपना कच्चा माल भारत को दे दिया था.
इस अधिकारी ने कहा, "हम दुनियाभर के लिए सुरक्षित और प्रभावशाली वैक्सीन का सबसे बड़ा उत्पादक होने के लिए हम भारत की सराहना करते हैं. हम यह भी मानते हैं कि कोवैक्स (कार्यक्रम) और दुनिया भारत के योगदान पर निर्भर है. अमेरिका के लिए अहम है कि वो अपने सारे साझीदारों और सहोगियों से संवाद करे ताकि महामारी को खत्म करने के लिए मिलकर जरूरी कदम उठाए जा सकें."
वीके/एए (रॉयटर्स, डीपीए)
बिहार के सीमांचल में नशे का कारोबार बढ़ रहा है. युवा और किशोर ड्रग्स की गिरफ्तर में आ रहे हैं और तस्करी के लिए महिलाओं का इस्तेमाल हो रहा है.
डॉयचे वेले पर मनीष कुमार की रिपोर्ट
पूर्णिया शहर के डॉक्टर, प्रोफेसर, इंजीनियर और आर्मी अफसरों समेत कई ऐसे लोग हैं जो अपने बच्चों को सफलता के शीर्ष पर देखना चाहते थे. लेकिन उन्हें आज अपने बेटों को नशे से जूझते देखना पड़ रहा है. पूर्णिया के एक नशा मुक्ति केंद्र के संचालक के अनुसार केंद्र में आने वाले लोगों में करीब 70 प्रतिशत से अधिक संख्या 20 से 25 आयुवर्ग के लड़कों की है. इनमें से लगभग आधे स्मैक के आदी हो चुके हैं तो बाकी शराब, कोकीन और गांजे के लती हैं.
पुलिस या सुरक्षा बलों का कहना है कि ऐसा कुछ नया या अचानक नहीं हो रहा है जिस पर चौंका जाए लेकिन मीडिया में आ रही खबरें बताती हैं कि पूर्णिया ही नहीं पूरे सीमांचल में किशोरों तथा युवाओं के बीच मादक पदार्थों में खासकर स्मैक की लत काफी तेजी से बढ़ी है.
कई ऐसे किशोर व युवा अपनी लत पूरी करने के लिए मोबाइल लूटने व चेन स्नैचिंग आदि के जरिए अपराधों की दुनिया में प्रवेश करते हैं और दलदल में फंसते हुए अंतत: ड्रग्स के अवैध कारोबार का हिस्सा बन जाते हैं. कई ऐसे युवा गिरफ्तार भी किए गए हैं. कई लूट कांडों की जांच के बाद भी यह बात सामने आई है.
बड़ी साजिश की आशंका
गृह मंत्रालय को हाल में भेजी गई एक रिपोर्ट में सीमांचल में फैलते ड्रग्स कारोबार के पीछे खुफिया एजेंसियों ने बड़ी साजिश के तहत राष्ट्रविरोधी ताकतों की संलिप्तता की आशंका जताई है. सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि नॉर्थ ईस्ट के रास्ते सीमांचल में स्मैक, चरस, गांजा व ब्राउन शुगर जैसी ड्रग्स की सप्लाई की जा रही है. आशंका जताई गई है कि पाकिस्तान व चीन में बैठे लोगों की मदद से नार्थ ईस्ट से सीमांचल तक का नेटवर्क संचालित किया जा रहा है.
रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गई है कि सीमांचल के सभी जिलों के किशोर व युवा तेजी से ड्रग्स के आदी होते जा रहे हैं. इसमें खास तौर पर स्मैक का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इसे इसलिए साजिशन हथियार बनाया गया है क्योंकि यह शारीरिक व मानसिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित करता है.
नेपाल के विराटनगर का गेटवे कहे जाने वाले अररिया जिले के फारबिसगंज अनुमंडल के जोगबनी स्थित इंडो-नेपाल बॉर्डर पर मादक पदार्थों की लगातार हो रही बरामदगी तथा तस्करों की गिरफ्तारी चौंकाने वाली है.
एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस महीनों में नेपाल के सुनसरी, झापा व मोरंग जिले से इस धंधे में संलिप्त दस महिलाओं समेत 280 लोगों की गिरफ्तारी तीन किलो से अधिक ब्राउन शुगर व अन्य नशीले पदार्थों के साथ की गई है. केवल बीते जुलाई माह में इंडो-नेपाल बॉर्डर से नशीले पदार्थों की तस्करी करते हुए 13 लोग गिरफ्तार किए गए. जोगबनी समेत टिकुलिया, कुशमाहा, भेरियारी, इस्लामपुर व अररिया जिले के कई युवक इस अवैध कारोबार में संलिप्त बताए जाते हैं. इनमें कई पकड़े भी गए हैं.
कैरियर बन रहीं महिलाएं
समय-समय पर भारत व नेपाल में गिरफ्तार की जा रही महिलाओं से पुलिस को इनपुट मिलता रहा है कि नशीले पदार्थों की तस्करी में ज्यादातर महिलाएं कैरियर का काम कर रहीं हैं. दरअसल सीमांचल व इसके आसपास के इलाके में तुलनात्मक रूप से गरीबी व अशिक्षा अधिक है. इसका फायदा इन तस्करों के स्थानीय मददगार उठाते हैं. वे गरीब व लाचार महिलाओं तथा बच्चों को अपना निशाना बना कर कैरियर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार ये महिलाएं अपने साथ बच्चों को रखती हैं तथा नशीले पदार्थों को उनके स्कूल बैग में रखकर सार्वजनिक वाहन से गंतव्य तक पहुंचती हैं, जहां से स्थानीय मददगार उसकी डिलीवरी ले लेते हैं.
ऐसी ही दो महिलाओं को नेपाल पुलिस ने बीती 16 जुलाई को जोगबनी सीमा से सटे नेपाल भाग के रानी मटियरवा से गिरफ्तार किया था. बीते 18 अगस्त को फारबिसगंज थाने की दारोगा मीरा कुमारी ने पूर्णिया से बस द्वारा फारबिसगंज पहुंचीं दो महिला कैरियरों को दबोच लिया था, जबकि एक अन्य फरार होने में सफल रही थी. ऐसी कई महिलाएं भारत व नेपाल पुलिस की रडार पर हैं.
पांजीपाड़ा बना ट्रांजिट रूट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वोत्तर के राज्यों सहित नेपाल व बांग्लादेश से ड्रग्स की खेप पश्चिम बंगाल पहुंचती है, जहां से उसे डिमांड के अनुसार सीमांचल व नेपाल के इलाकों में पहुंचाया जाता है. ड्रग तस्करों का मजबूत नेटवर्क पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी, इस्लामपुर व पांजीपाड़ा में काम कर रहा है. खासकर पांजीपाड़ा ड्रग्स सप्लाई का ट्रांजिट रूट बना हुआ है.
तस्करों के सिंडिकेट में स्थानीय अपराधी भी शामिल हैं जो उनके मददगार होते हैं. कहा जाता है कि महिला कैरियर का चयन स्थानीय अपराधी ही करते हैं. नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 2020 के कोविड काल में नशीले पदार्थों की तस्करी बढ़ी है. रिपोर्ट के अनुसार बिहार में त्रिपुरा, श्रीलंका, पाकिस्तान व अफगानिस्तान से नशीले पदार्थों तस्करी की जा रही है.
नशे के खिलाफ मुहिम
किशनगंज के एसपी कुमार आशीष तो बकायदा नशे के खिलाफ मुहिम चला कर युवा पीढ़ी को इसके प्रति सचेत कर रहे हैं. समय निकाल कर वह रोजाना किशनगंज जिले के सुदूरवर्ती इलाकों के किसी न किसी स्कूल या गांव में पहुंच कर लोगों का जागरूक कर रहे हैं.
वह कहते हैं, "आज युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में है. हमारा प्रयास युवा पीढ़ी को नशा त्यागने के लिए प्रेरित करना है. मैं उन्हें दोस्त बनकर समझाता हूं ताकि वे इस दलदल से निकल सकें. सही समय पर उन्हें बचाना ही मेरा ध्येय है."
कोसी पेंटिंग के जनक व महज 30 घंटे में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दुनिया की सबसे बड़ी पेंटिंग बनाने वाले चित्रकार राजीव राज ने भी सीमांचल की इस स्याह तस्वीर को अपने कैनवास पर उकेर कर समाज को जागरूक करने की कोशिश की है. वह बताते हैं, "यह बड़े खतरे का संकेत है, युवाओं व अभिभावकों को इससे सतर्क करना जरूरी है, शायद मैं कामयाब हो जाऊं." (dw.com)
होशियारपुर (पंजाब), 13 सितम्बर | पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों से तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन नहीं करने की अपील की, क्योंकि राज्य और इसके लोगों ने पहले ही इस मुद्दे पर उनके साथ एकजुटता व्यक्त की है। चब्बेवाल विधानसभा क्षेत्र के मुखलियाना गांव में 13.44 करोड़ रुपये की लागत से सरकारी कॉलेज की आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जिस राज्य की जनता जायज मुद्दों के पक्ष में उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी हो, उन्हें भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पारित इन काले कृषि कानूनों के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन करने से बचना चाहिए।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों द्वारा पंजाब में 113 स्थानों पर चल रहे ये विरोध प्रदर्शन राज्य के हित में बिल्कुल भी नहीं हैं, जिसने इसके आर्थिक विकास को काफी प्रभावित किया है और उम्मीद है कि आंदोलन पर किसानों द्वारा उनके अनुरोध को स्वीकार किया जाएगा।
हालांकि, उन्होंने कहा कि चूंकि इन कानूनों को पहले ही राज्य विधानसभा द्वारा खारिज कर दिया गया है और राज्य के अपने कृषि कानूनों द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है, जिन्हें राज्यपाल की सहमति के लिए भेजा गया था। इसके साथ ही सिंह ने अफसोस जताते हुए कहा कि हमारी निराशा इसलिए बनी हुई है, क्योंकि अभी तक इसे राष्ट्रपति को नहीं भेजा गया है।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि जो भी उनके दायरे में होता है, उस काम को उनकी सरकार तुरंत प्रभाव से कर देती है। सिंह ने उदाहरण पेश करते हुए कहा कि इन किसान यूनियनों के विभिन्न नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में चंडीगढ़ में उनसे मुलाकात की थी, ताकि गन्ने की कीमत 325 रुपये से बढ़ाकर 360 रुपये प्रति क्विंटल की जा सके। किसानों की यह मांग उनके द्वारा एक बार में स्वीकार कर ली गई।
मुख्यमंत्री ने केंद्र की उदासीनता के कारण किसानों की जायज मांगों को पूरा करने में अत्यधिक देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में विरोध प्रदर्शन करने के बजाय, उन्हें इन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।
उन्होंने इस आगामी सरकारी कॉलेज का नाम संविधान निर्माता डॉ. बी. आर. अंबेडकर के नाम पर रखने की भी घोषणा की।(आईएएनएस)
मुजफ्फरपुर, 13 सितंबर | बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर थाना क्षेत्र में सोमवार की शाम पुलिस और बैंक लुटेरों के बीच हुई मुठभेड़ में एक लुटेरा मारा गया, जबकि तीन अन्य बदमाशों को गोली लगी है, जिससे वे बुरी तरह जख्मी हो गए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पंचरुखी चौक स्थित बैंक ऑफ बड़ोदा में बाइक और वैन पर सवार होकर आधा दर्जन से अधिक की संख्या बदमाश बैंक लूटने की फिराक में यहां पहुंचे थे। इसकी भनक पुलिस को लग गई।
मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) जयंत कांत खुद अन्य पुलिसकर्मियों के साथ सिविल ड्रेस में बैंक के अंदर और बाहर ग्राहक के रूप में घूम रहे थे। इसी बीच जैसे ही चार बदमाश बैंक के अंदर पहुंचे और हथियार के बल पर कैश काउंटर से लूटपाट का प्रयास करने लगे, पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। बदमाशों खुद को फंसता देख फायरिंग प्रारंभ कर दी, पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की।
एसएसपी जयंतकांत ने आईएएनएस को बताया कि दोनों ओर से करीब डेढ़ दर्जन राउंड फायरिंग हुई, जिसमें एक लुटेरे की गोली लगने से मौत हो गई जबकि तीन अन्य बदमाश गोली लगने की घायल हो गए। मारे गए लुटेरे की पहचान प्रिंस यादव के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि कुछ लुटेरे भागने में भी सफल हुए हैं।
इस मुठभेड़ में पुलिस को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने बताया कि पुलिस फरार बदमाशों की तलाश में छापेमारी कर रही है। मौके से बदमाशों की वैन और बाइक को भी जब्त कर लिया गया है। घटनास्थल से पिस्तौल भी बरामद किया गया है।
घटना के बाद एफएसएल की टीम भी बैंक पहुंच गई है तथा साक्ष्य के तौर पर नमूने एकत्र कर रही है।
बैंक प्रबंधक सन्तोष कुमार ने बताया कि उस समय बैंक में कुल छह अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कैश पूरी तरह सुरक्षित है।
एसएसपी ने बताया कि घायल बदमाशों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा दिया गया है तथा पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 सितंबर | सुप्रीम कोर्ट सोमवार को नए कानून के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। नया कानून कथित तौर पर निर्वाचित सरकार के बजाय उपराज्यपाल (एलजी) को प्राथमिकता देता है। दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, "हम याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे।"
सिंघवी ने पीठ के समक्ष कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) अधिनियम 2021 सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के फैसले के विपरीत है। उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 239ए (जो दिल्ली की स्थिति से संबंधित है) के खिलाफ है। एलजी को दी गई अतिरिक्त शक्ति ने शासन को मुश्किल बना दिया है।
लोकसभा और राज्यसभा ने क्रमश: 22 मार्च और 24 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (जीएनसीटीडी) संशोधन अधिनियम, 2021 पारित किया था।
सिंघवी ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की याचिका को सूचीबद्ध किया जाना चाहिए, क्योंकि इसे शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री ने 19 अगस्त को मंजूरी दे दी थी।
मार्च में संसद द्वारा विधेयक को मंजूरी किए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे 'भारतीय लोकतंत्र के लिए दुखद दिन' करार दिया था।
संशोधित अधिनियम में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अधिनियम, 1991 के चार प्रावधानों को बदल दिया गया है।(आईएएनएस)
मुंबई, 13 सितम्बर | मुंबई के साकीनाका में 32 वर्षीय महिला के साथ जघन्य दुष्कर्म और हत्या के तीन दिन बाद, पुलिस जांच में उन घटनाओं के क्रम का पता चला है, जो एक मौद्रिक विवाद से उत्पन्न हुई और अपराध में परिणत हुई। पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने सोमवार को यह जानकारी दी।
महा विकास अघाड़ी सरकार ने शनिवार को गंभीर रूप से घायल पीड़िता की तीन नाबालिग बेटियों के लिए 20 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
नागराले ने विवरण प्रदान करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर के बेरोजगार चालक 45 वर्षीय आरोपी मोहन चौहान ने अपना अपराध कबूल कर लिया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में बड़े पैमाने पर राजनीतिक हंगामा देखने को मिला है।
आरोपी और पीड़ित एक-दूसरे को जानते थे और कई बार मिले थे। पैसों को लेकर हुई बहस के बाद इस अपराध को अंजाम दिया गया। पुलिस ने उस वस्तु को बरामद कर लिया है, जिसके साथ आरोपी ने पीड़िता के साथ क्रूरता की थी और बाद में उसे छिपा दिया था। दरअसल यह घटना 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड की याद दिलाती है, जिसमें पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में रॉड घुसा दी गई थी। दुष्कर्म के बाद मुंबई के इस जघन्य दुष्कर्म में भी इसी तरह की हरकत की गई।
नागराले ने कहा कि चूंकि पीड़िता अनुसूचित जाति से है, इसलिए पुलिस ने एससी/एसटी अत्याचार (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप जोड़े हैं। (आईएएनएस)
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को पेगासस जासूसी विवाद पर सुनवाई हुई. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह इस मामले पर हलफनामा दायर नहीं करना चाहती है. कोर्ट अगले 2-3 दिन में अंतरिम आदेश जारी करेगा.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित को ध्यान में रख केंद्र सरकार पेगासस जासूसी विवाद पर विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहती है. तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि इन सबकी जांच एक विशेष समिति से कराने दें. इन डोमेन विशेषज्ञों का सरकार से कोई संबंध नहीं होगा. उन्होंने कहा कि उनकी रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट के पास आएगी.
राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल मेहता ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि सरकार डोमेन विशेषज्ञों के एक पैनल के समक्ष पेगासस मामले के संबंध में सभी विवरणों का खुलासा करेगी, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से हलफनामे पर नहीं.
सोमवार को पेगासस जासूसी विवाद पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सुनवाई की. बेंच ने कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी नहीं चाहती है और वह केवल स्पाइवेयर के अवैध उपयोग के जरिए आम नागरिकों द्वारा लगाए गए अधिकारों के उल्लंघन के आरोपों से चिंतित है.
मेहता ने जोर देकर कहा कि जो आतंकवादी संगठन हैं, वो यह नहीं जानते हैं कि आतंकवाद आदि से निपटने के लिए कौन सा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने कहा, "इसके अपने नुकसान हैं."
सुप्रीम कोर्ट विभिन्न दिशा-निर्देशों की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसमें एक एसआईटी जांच, एक न्यायिक जांच और सरकार को निर्देश देना शामिल है कि क्या उसने नागरिकों की जासूसी करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था या नहीं.
"छिपाने के लिए कुछ नहीं"
केंद्र ने दोहराया कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने अपने दम पर कहा है कि वह जासूसी के आरोपों की जांच के लिए डोमेन विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगी, जो सरकार से जुड़े नहीं हैं.
सोमवार की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और अगले दो या तीन दिन में इस पर फैसला सुनाया जा सकता है. सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि इस मुद्दे में राष्ट्रीय सुरक्षा के पहलू शामिल हैं और इसलिए इस पर हलफनामे पर बहस नहीं की जा सकती है.
मेहता ने कहा, "केंद्र पेगासस का उपयोग कर रहा था या नहीं, इस तरह के मुद्दों पर हलफनामों में बहस नहीं की जा सकती है और डोमेन विशेषज्ञों द्वारा देखा जा सकता है."
सीजेआई रमन्ना ने सवाल किया कि कोर्ट यह जानना चाहती है कि सरकार क्या कर रही है और हम राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर नहीं जा रहे हैं. हम सिर्फ लोगों के अधिकारों के बारे में चिंतित हैं.
बेंच ने कहा कि वह पहले ही साफ कर चुकी है कि वह नहीं चाहती कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली किसी भी चीज का खुलासा करे. बेंच ने कहा, "हम केवल एक सीमित हलफनामे की उम्मीद कर रहे थे क्योंकि हमारे सामने याचिकाकर्ता हैं जो कहते हैं कि उनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया है."
दुनियाभर के 17 मीडिया संस्थानों ने एक साथ रिपोर्ट छापी थीं, जिनमें दावा किया गया था कि पेगासस नाम के एक स्पाईवेयर के जरिए विभिन्न सरकारों ने अपने यहां पत्रकारों, नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक करने की कोशिश की.
भारत में मीडिया संस्थान द वायर उस जांच का हिस्सा है, जिसे "पेगासस प्रोजेक्ट" नाम दिया गया है. इस जांच में फ्रांसीसी संस्था "फॉरबिडन स्टोरीज" को मिले उस डेटा का फॉरेंसिक विश्लेषण किया गया, जिसके तहत हजारों फोन नंबर्स को हैक किये जाने की सूचना थी.
रिपोर्ट में भारत में कई पत्रकारों, नेताओं और राजनीतिक कार्यकर्ता के फोन हैक करने का दावा किया गया था. (dw.com)
बेंगलुरु, 13 सितम्बर | कर्नाटक में सोमवार को मानसून सत्र की तूफानी शुरूआत हुई और विपक्षी कांग्रेस नेता बढ़ती कीमतों के मुद्दे को उठाने के लिए बैलगाड़ियों पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने सत्र में भाग लिया, लेकिन अंतिम पंक्ति में बैठे नजर आए। विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ईंधन और दैनिक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अपने समर्थकों के साथ बैलगाड़ियों पर विधान सभा पहुंच
सैकड़ों समर्थकों और कई विधायकों के बैलगाड़ी जुलूस में शामिल होने से यातायात बाधित हो गया।
शिवकुमार ने कहा कि भाजपा सरकार आम आदमी की जेब ढीली करने में लगी है। यह जेब काटने वाली सरकार है। हम चुप नहीं बैठ सकते। जब तक आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम नहीं हो जाती, हम विरोध के नए तरीके खोजेंगे।
"इतिहास में किसी भी सरकार ने सत्तारूढ़ भाजपा की तरह मुद्रास्फीति की अनुमति नहीं दी है। यहां ईंधन की दर श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और भूटान से अधिक है। भारत ईंधन पर सबसे अधिक कर लगाने वाला देश बन गया है। पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने मूल्य वृद्धि की तुलना 'आपराधिक लूट' से की थी। सत्तारूढ़ भाजपा इसमें शामिल हो गई है।"
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बैलगाड़ी के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं को सत्र में आने दो और मैं उनके सवालों का करारा जवाब देने के लिए तैयार हूं। उन्होंने पूछा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में विरोध क्यों नहीं किया, वहां भी मुद्रास्फीति थी।
सत्र में भाग लेने से पहले, बसवराज बोम्मई ने अपने पूर्ववर्ती येदियुरप्पा से लाउंज में मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। बोम्मई के साथ आए सभी मंत्रियों ने येदियुरप्पा के पैर छुए।
येदियुरप्पा ने सत्र में भाग लिया और अंतिम पंक्ति में बैठे। वह पूरे समय चुप रहे। बाद में, मीडिया से बात करते हुए, उन्होंने कसम खाई कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि सिद्धारमैया आगामी चुनावों में विपक्ष में बैठे। उन्होंने कहा कि पिछली बार बादामी निर्वाचन क्षेत्र में उनकी जीत आकस्मिक थी।
उन्होंने कहा कि मैं पार्टी अध्यक्ष नलिन कुमार कतील के साथ राज्यव्यापी दौरे पर जाने के लिए पूरी तरह तैयार हूं। बोम्मई सरकार अच्छा काम कर रही है। मैंने विधानसभा में सचेतक के बगल वाली सीट के लिए अनुरोध किया है। उन्होंने सहमति दे दी है। (आईएएनएस)
कोच्चि, 13 सितम्बर | लोकप्रिय मलयालम अभिनेता रिजाबावा 54 वर्ष के जो लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। सोमवार को इनका एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। 1990 में बेहद सफल फिल्म डॉ पसुपति के साथ शुरू हुए एक अभिनय करियर में, उन्होंने 120 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है।
रिजाबावा ने खलनायक की भूमिका निभाई, लेकिन नायक की भूमिका निभाने के साथ-साथ कॉमेडी भूमिकाओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
अभिनेता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, रिजाबावा की पहली फिल्म का निर्देशन करने वाले जाने-माने निर्देशक शाजी कैलास ने कहा कि वह एक बहुत ही शांत व्यक्तित्व के थे। और उनके साथ काम करना बहुत अच्छा लागा था।
उन्होंने कहा, हम हाल ही में भी नियमित रूप से बातबीत करते रहते थे। मैंने एक अच्छा दोस्त और सबसे बढ़कर एक बहुत अच्छा इंसान खो दिया है।
वयोवृद्ध हास्य अभिनेता और चरित्र अभिनेता, और मलयालम अभिनेता निकाय एएमएमए के पूर्व प्रमुख, इनोसेंट, जिन्होंने रिजाबावा की पहली फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उन्होंने ने कहा, भले ही हम सभी एक सहयोगी के निधन की खबर पर प्रतिक्रिया देंगे, मैं वास्तव में बहुत दुखी महसूस कर रहा हूं।
उन्होंने कहा, वह वास्तव में बहुत अच्छे इंसान थे और सबसे बढ़कर जो बहुत शांत थे और बहुत जुनून के साथ अपना काम करते थे। हम सभी उन्हें याद करेंगे।
रिजाबावा की लोकप्रिय फिल्मों में इन हरिहर नगर, मलप्पुरम हाजी महानया जोजी, पोक्किरिराजा शामिल हैं।
वह टीवी पर काई विभिन्न मलयालम टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित दो दर्जन से अधिक धारावाहिकों में अभिनय किया था।
जब वह अभिनय नहीं कर रहे थे, रिजाबावा एक लोकप्रिय डबिंग कलाकार थे, और 2010 में, उन्हें फिल्म कर्मयोगी में उनकी डबिंग के लिए उनका एकमात्र राज्य फिल्म पुरस्कार मिला।
केरल समाज के विभिन्न वर्गों से शोक संवेदनाएं आने लगी हैं।(आईएएनएस)
दक्षिण कन्नड़ (कर्नाटक), 13 सितम्बर | कांग्रेस के दिग्गज नेता ऑस्कर फर्नांडिस का सोमवार को मंगलुरु के येनेपॉय अस्पताल में निधन हो गया। जुलाई में अपने आवास पर योग का अभ्यास करने के दौरान सिर में लगी चोट के बाद ऑस्कर फर्नांडिस का इलाज चल रहा था।
उनका जन्म 27 मार्च 1941 को उडुपी में हुआ था।
डॉक्टरों ने उनके सिर में एक क्लोट (खून का थक्का जमना) निकालने के लिए उनका ऑपरेशन किया था। हालांकि, वह बेहोशी की स्थिति से कभी वापस नहीं आ पाए। फर्नांडिस का नियमित अंतराल पर डायलिसिस भी हो रहा था। उनके परिवार में पत्नी, बेटा और एक बेटी है।
फर्नांडिस को ब्रदर ऑस्कर के नाम से जाना जाता था और वे कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी के करीबी थे। उन्होंने यूपीए सरकार में केंद्रीय परिवहन, सड़क और राजमार्ग, श्रम और रोजगार मंत्री के रूप में कार्य किया था।
वह कर्नाटक के उडुपी संसदीय क्षेत्र से पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके थे और उन्हें कांग्रेस द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। एक स्कूल शिक्षक के बेटे होने के नाते, वह गांधी परिवार का विश्वास जीतकर कांग्रेस पार्टी में मान्यता के सर्वोच्च पद तक पहुंचे। उन्होंने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव के रूप में भी कार्य किया था।(आईएएनएस)
दिल्ली/अमरावती, 13 सितम्बर | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने न्यायाधीशों और न्यायपालिका के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट करने से संबंधित एक मामले में गुंटूर, आंध्र प्रदेश स्थित न्यायालय के समक्ष चार आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पिछले साल 11 सितंबर को सीबीआई ने 16 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और 2020 की रिट याचिका संख्या 9166 में आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसरण में सीआईडी, आंध्र प्रदेश राज्य से 12 प्राथमिकी की जांच अपने हाथ में ली थी। सीबीआई द्वारा सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की शिकायतों पर मूल प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
यह आरोप लगाया गया है कि आंध्र प्रदेश राज्य में प्रमुख पदों पर बैठे प्रमुख कर्मियों ने जानबूझकर न्यायपालिका को निशाना बनाकर, आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा दिए गए कुछ न्यायालय के फैसलों के बाद न्यायाधीशों और न्यायपालिका के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपमानजनक पोस्ट किए थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, पब्लिक डोमेन से आपत्तिजनक पोस्ट हटाने के लिए यह मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई द्वारा कार्रवाई भी शुरू की गई थी और ऐसे कई पोस्ट/अकाउंट को इंटरनेट से हटा दिया गया था।
जांच के दौरान आरोपियों को इसी साल 27 जुलाई और 7 अगस्त को विजयवाड़ा और हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
इस मामले के एक अन्य आरोपी के खिलाफ इससे पहले इस साल 2 सितंबर को चार्जशीट दाखिल की गई थी।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 सितम्बर | पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री और पंजाब के चुनाव प्रभारी हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा में शामिल होने के बाद सिंह ने कहा कि उनके दादा की इच्छा पूरी हुई। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम एवं राष्ट्र मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी एवं प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह भी उपस्थित थे।
पार्टी में सिंह का स्वागत करते हुए गौतम ने कहा कि वह पंजाब और देश भर में सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार के काम पर प्रकाश डालते हुए गौतम ने कहा, "मोदी सरकार ने 1984 के दंगा पीड़ितों और करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के लिए न्याय सुनिश्चित किया है।"
पुरी ने पंजाब और देश के बाकी हिस्सों में सिंह द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों की सराहना की और कहा कि वह पार्टी को मजबूत करेंगे और भाजपा उनके सामाजिक कार्यों को मजबूत करेगी।
पुरी ने उल्लेख किया कि पंजाब में कांग्रेस सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी की कई योजनाओं को लागू नहीं किया है। पुरी ने कहा, "पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना या आयुष्मान योजना लागू नहीं की है।"
सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति का इलाज नहीं करने के लिए कांग्रेस पर भी निशाना साधा। सिंह ने कहा, "मेरे दादाजी के तकलीफ में होने के बावजूद जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने उनके साथ व्यवहार किया, उससे मुझे दुख हुआ।"
उन्होंने कहा, "जब मैंने राजनीति में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की, तो मेरे दादाजी ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी से आशीर्वाद लेने के लिए कहा। जब भाजपा के वरिष्ठ नेता मदन लाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, मैंने पार्टी में शामिल हुए बिना भाजपा के लिए प्रचार किया था। आज मेरे दादा मुझे खुशी होगी कि मैंने भाजपा में शामिल होने का सही फैसला लिया।"
पार्टी नेताओं का मानना है कि सिंह के भगवा खेमे में शामिल होने से अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार को बढ़ावा मिलेगा।(आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 13 सितम्बर | ओडिशा के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटों से भारी बारिश जारी है, जिसने राजधानी भुवनेश्वर और तीर्थ शहर पुरी में पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आईएमडी ने सोमवार को यह जानकारी दी। सरकार ने 12 जिलों के स्कूलों को दो दिन के लिए बंद कर दिया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि बंगाल की खाड़ी और उससे सटे ओडिशा तट पर दबाव अब एक गहरे दबाव में तब्दील हो गया है और सोमवार सुबह भद्रक जिले के चांदबली के पास तट को पार कर गया।
इसके अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम वाडरें की ओर बढ़ने और बाद के 24 घंटों के दौरान एक डिप्रेशन में कमजोर होने की संभावना है।
इसके प्रभाव में रविवार सुबह से राज्य के तटीय, उत्तरी और आंतरिक इलाकों में भारी बारिश हुई। पुरी जिले के अस्टारंगा में सबसे अधिक 530 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद काकटपुर (525 मिमी), जगतसिंहपुर जिले में बालिकदा (440 मिमी), कटक जिले में कांटापारा (381 मिमी) और नियाली (370मिमी) में बारिश हुई।
भुवनेश्वर मौसम केंद्र के मौसम वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने कहा कि 24 घंटों में (सोमवार की सुबह 8.30 बजे तक) 341 मिमी बारिश के साथ, पुरी ने 87 साल में एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की।
इसी तरह, राजधानी शहर भुवनेश्वर ने भी इस महीने में 63 साल पुराना बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया, क्योंकि शहर में 195 मिमी बारिश हुई थी। उन्होंने कहा कि 9 सितंबर, 1958 को शहर में 163 मिमी बारिश हुई थी।
भुवनेश्वर और कटक शहरों के विभिन्न हिस्सों की अधिकांश सड़कों पर भारी बारिश के कारण जलभराव हो गया। रेलवे स्टेशन और भुवनेश्वर के केदारगौरी मंदिर सहित कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बारिश का पानी कटक के आचार्य हरिहर कैंसर अस्पताल में भी घुस गया, जिससे मरीजों को परेशानी हुई।
कटक नगर निगम (सीएमसी) की आयुक्त अनन्या दास ने कहा कि कैंसर अस्पताल में पानी की निकासी का काम चल रहा है, जबकि जलभराव वाले क्षेत्रों में लोगों के लिए सूखे भोजन की व्यवस्था की गई है। सूत्रों ने बताया कि जगतसिंहपुर जिला प्रशासन ने निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
इस बीच, स्कूल और जन शिक्षा मंत्री समीर दास ने कहा कि भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर 12 जिलों में दो दिनों (आज और कल) के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं।(आईएएनएस)