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नई दिल्ली, 23 जुलाई : AGR मामले में भारती एयरटेल, वोडा, आइडिया और टाटा को राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने AGR बकाया की फिर से गणना कराने से इनकार कर दिया है. सोमवार को AGR मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारती एयरटेल, वोडा, आइडिया और टाटा की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था. टेलीकॉम कंपनियों ने कहा है कि एजीआर बकाया की गणना गलत तरीके से की गई है इसलिए इसकी सही गणना करने के आदेश दिए जाएं.
जानें इस केस से जुड़ी अहम बातें
पिछले साल सितंबर में एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दे दी थी. कोर्ट ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए कंपनियों को 10 साल का समय दिया है. कोर्ट ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को बकाया राशि का 10 फीसदी एडवांस में चुकाना होगा. फिर हर साल समय पर किस्त चुकानी होगी.
इसके लिए कोर्ट ने 7 फरवरी समय तय किया था.कंपनियों को हर साल इसी तारीख पर बकाया रकम की किस्त चुकानी होगी.
ऐसा न करने पर ब्याज देना होगा. बता दें कि कुल एजीआर बकाया 1.69 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि अभी तक 15 टेलीकॉम कंपनियों ने सिर्फ 30,254 करोड़ रुपये चुकाये हैं.
टेलीकॉम कंपनियों ने एजीआर बकाए के लिए 15 साल का समय मांगा था. AGR की बकाया रकम पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना पहला फैसला 24 अक्टूबर 2019 को सुनाया था.
इसके बाद वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि अगर उसे बेलआउट नहीं किया गया तो उसे भारत में अपना कामकाज बंद करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कंपनियां इन 10 साल के दौरान पेमेंट पर डिफॉल्ट करती हैं तो इंटरेस्ट और पेनल्टी देनी होगी
वहीं टेलीकॉम कंपनियों को AGR की बकाया रकम चुकाने का हलफनामा जमा करना होगा.एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूजेज और लाइसेंसिग फीस है. इसके दो हिस्से होते हैं- स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस. एयरटेल पर 35 हजार करोड़, वोडाफोन आइडिया पर 53 हजार करोड़ और टाटा टेलीसर्विसेज पर करीब 14 हजार करोड़ का बकाया है.
टेलीकॉम डिपार्टमेंट का कहना है कि AGR की गणना किसी टेलीकॉम कंपनी को होने वाले कुल आय के आधार पर होनी चाहिए, जिसमें डिपॉजिट इंट्रेस्ट और एसेट बिक्री जैसे गैर टेलीकॉम स्रोत से हुई आय भी शामिल हो. वहीं टेलीकॉम कंपनियों का कहना था कि AGR की गणना सिर्फ टेलीकॉम सेवाओं से होने वाली आय के आधार पर होनी चाहिए, लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ फैसला दिया था.
मुंबई, 23 जुलाई : महाराष्ट्र में भारी बारिश और नदियों में उफान आने से लोग बुरी फंस गए हैं. एनडीआरएफ की टीमों के साथ नौसेना को भी बचाव अभियान में लगाया गया है. मुंबई से सटे रायगढ़ जिले के महाड में कुल तीन जगहों पर भूस्खलन हुआ है. पुलिस के मुताबिक- सात लोगों के शव मिले हैं और 9 लोगों की तलाश जारी है. मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. महाड में सावित्री नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बहकर सब कुछ डुबा रही है. महाड और खेड में NDRF और कोस्टगार्ड की मदद ली जा रही थी.अब बचाव के लिए नौसेना की टीम भी पहुंची है. महाड से थोड़ा पहले दासगांव, टोल नाके के पास नौसेना की टीम अपने साथ लाए बोट पानी में उतारकर मदद कर रही है. इसके आगे सड़क पर भी पानी भरा है.
वहीं फिलहाल रातभर से बारिश रुकी होने की वजह से रत्नागिरी के खेड़ में जहां बाढ़ का पानी जमा हुआ था वह अब उतरने लगा है. चिपलूण में अब भी पानी भरा है. हजारों लोग अब भी फंसे हैं. उनके रिश्तेदार जो चिपलूण से बाहर हैं, वे सोशल मीडिया के जरिये अपनों को वहां से सुरक्षित निकालने की गुहार लगा रहे हैं. इगतपुरी में कसारा घाट पर चट्टान खिसकने और तेज बारिश से मध्य रेल की पटरी तक बह गई, मुंबई से सटे कल्याण और भिवंडी को भी बारिश के पानी ने अपनी आगोश में ले लिया. सांगली में भी कृष्णा नदी में भी पानी तेजी से भर रहा है. नदी का पानी खतरे के निशान के करीब कभी भी पहुंच सकता है इसलिए आसपास के इलाकों में लोगों को घर खाली कर सुरक्षित जाने की चेतावनी दी गई है.
उधर, महाराष्ट्र के कोंकण रेलवे मार्ग पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हो गई और करीब छह हजार यात्री फंस गए है. भारी बारिश की वजह से मुंबई सहित राज्य के कई अन्य हिस्सों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ है. कोल्हापुर जिले में भारी बारिश के चलते सड़कों के जलमग्न हो जाने पर करीब 47 गांवों का संपर्क टूट गया है और 965 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा. बारिश से हालात इतने खराब है कि एक महिला सहित दो लोग पानी में बह गए.
कोंकण रेलवे मार्ग प्रभावित होने की वजह से अबतक नौ रेलगाड़ियों का मार्ग परिवर्तन किया गया है या रद्द किया गया है या उनके मार्ग को छोटा किया गया है.भारी बारिश की वजह से कोंकण क्षेत्र की प्रमुख नदियां रत्नागिरि और रायगढ़ जिले में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और सरकारी अमला प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में जुटा है. मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लगातार हो रही बारिश से इन दो तटीय जिलों में उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की है. वहीं भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने तटीय क्षेत्रों के लिए अगले तीन दिन तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने और नदियों के जलस्तर पर नजर रखने एवं लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है. (भाषा)
नई दिल्ली, 22 जुलाई कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को गणेश गोदियाल को उत्तराखंड इकाई का नया प्रमुख नियुक्त किया। प्रीतम सिंह को विधायक दल का नेता बनाया गया है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अगले साल होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख होंगे।
जीत राम, भुवन कापड़ी, तिलक राजबिहार और रंजीत रावत को भी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
पूर्व मंत्री नवप्रभात को मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष, प्रदेश के पूर्व प्रमुख किशोर उपाध्याय को समन्वय समिति का अध्यक्ष और प्रकाश जोशी को चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रचार समिति के अध्यक्ष सुमित हृदयेश होंगे। (आईएएनएस)|
हैदराबाद, 23 जुलाई राज्य में भारी बारिश और बाढ़ के बीच गुरुवार को तेलंगाना के 16 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और मिनट दर मिनट स्थिति पर नजर रखने के साथ ही यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए सभी विभागों को निवारक उपाय करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री के अनुसार, महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट, जहां महाबलेश्वर में 70 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई, में भारी बारिश से कृष्णा नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बढ़ेगी।
उन्होंने देखा कि तेलंगाना की आधिकारिक मशीनरी को बाढ़ की स्थिति के प्रबंधन के बारे में जागरूकता प्राप्त करनी चाहिए और उन्हें स्थायी आधार पर एक संपूर्ण बाढ़ प्रबंधन प्रणाली बनाने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, सात अधिकारियों के साथ एक प्रभावी बाढ़ प्रबंधन टीम का गठन करें, जो बाढ़ के दौरान लोगों के लिए सुरक्षा उपाय करना जानते हों। हर साल बाढ़ का रिकॉर्ड रखें। पिछली बाढ़ के रिकॉर्ड के आधार पर बाढ़ के दौरान निवारक उपाय करें।
मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने स्थिति का जायजा लेने के लिए कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों के साथ टेलीकांफ्रेंस की।
उन्होंने उन्हें जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर राहत और बचाव के उपाय करने के निर्देश दिए। (आईएएनएस)|
26 जनवरी को किसान रैली के दौरान हुई हिंसा के करीब 6 महीने बाद किसान एक बार फिर दिल्ली में दाखिल होने के लिए तैयार हैं. वे जंतर-मंतर पर "किसान संसद" का आयोजन करेंगे.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट
किसानों को दिल्ली में इस शर्त के साथ प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है कि संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों की संख्या 200 से अधिक नहीं होगी और किसान मजदूर संघर्ष समिति के छह से अधिक लोग शामिल नहीं होंगे. हर रोज सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक किसान प्रदर्शन करेंगे. पुलिस ने लिखित रूप से संगठनों से लिया है कि वे शांतिपूर्ण रहेंगे और कोरोना नियमों का पालन करेंगे.
गुरुवार से लेकर 9 अगस्त तक किसान रोजाना जंतर-मंतर पर जुटेंगे और तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करेंगे. संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा और किसानों को शर्तों के साथ प्रदर्शन की इजाजत मिली है. शनिवार और रविवार को किसान विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे.
दिल्ली में इस समय आपदा प्रबंधन कानून लागू है, जिसके चलते कहीं भी कोई जमावड़ा नहीं हो सकता. लेकिन किसानों के आंदोलन के लिए दिल्ली सरकार ने दिशा निर्देशों में संशोधन किया और इसकी इजाजत दी है.
26 जनवरी को हुई थी हिंसा
पिछले साल नवंबर से किसान सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, बीच में उनका आंदोलन थोड़ा धीमा तो जरूर हुआ था लेकिन संसद के सत्र चलने के साथ इसको गति मिली है. इसी साल 26 जनवरी को किसान रैली के दौरान हिंसा हुई थी और यह पहला मौका है जब किसानों को दिल्ली में दाखिल होकर प्रदर्शन की इजाजत मिली है.
दिल्ली की सीमाओं पर तैनात किसानों को जंतर-मंतर पर लाने के लिए पुलिस बस और एसयूवी गाड़ियों का इस्तेमाल करेगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने इस प्रदर्शन का नाम "किसान संसद" दिया है.
दिल्ली के जंतर-मंतर पर गुरुवार सुबह से ही भारी पुलिस की तैनाती की गई है. 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद और संसद सत्र के दौरान पुलिस कोई भी अप्रिय घटना होना नहीं देना चाहती. प्रदर्शन पर बैठने वाले किसानों की एक सूची भी पुलिस को सौंपी गई है.
किसान संसद के जरिए प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी समेत अन्य मांगों के समर्थन में अपनी आवाज उठाएंगे.
आठ महीने से जारी आंदोलन
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट दी है कि अमेरिका ने भारत में रह रहे अपने नागरिकों को प्रदर्शन को देखते हुए अलर्ट जारी किया है. सुरक्षा चेतावनी में कहा गया है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाके, महत्वपूर्ण स्थलों और प्रदर्शन वाली जगहों से दूरी बनाए रखें.
अमेरिकी दूतावास ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा, "अमेरिकी दूतावास 21 और 22 जुलाई को किसानों और उनके विरोधियों द्वारा दिल्ली और उसके आसपास संभावित प्रदर्शनों की मीडिया रिपोर्टों से अवगत है. पहले इस तरह के विरोध प्रदर्शनों में कभी कभार हिंसा हुई थी."
सरकार और किसानों के बीच 10 दौर से अधिक की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कृषि कानूनों के मुद्दे पर अभी भी गतिरोध बना हुआ है. संयुक्त किसान मोर्चा 40 से अधिक किसान संघों का एक मोर्चा है.
किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की अलग-अलग सीमाओं पर तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उसे निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. केंद्र सरकार का कहना है कि तीन नए कृषि कानून किसानों की भलाई के लिए लाए गए हैं और यह लंबे समय में उन्हें फायदा पहुंचाएंगे. (dw.com)
पुडुचेरी, 21 जुलाई| पुडुचेरी कांग्रेस अध्यक्ष ए.वी. सुब्रमण्यम ने कहा है कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने इजरायली निगरानी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए मंत्रियों, न्यायिक अधिकारियों, पत्रकारों, वरिष्ठ विपक्षी नेताओं, वकीलों, कार्यकर्ताओं और भारतीय सुरक्षा बलों के पूर्व प्रमुखों के मोबाइल फोन पर जासूसी की थी।
बुधवार को एक बयान में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा सरकार ने कानून के शासन की 'हत्या' की है और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है। उन्होंने कहा कि निजता के मौलिक अधिकार और संवैधानिक कर्तव्यों का भी केंद्र सरकार सम्मान नहीं करती है।
सुब्रमण्यम ने आरोप लगाया कि स्पाइवेयर पेगासस फोन के कैमरे के साथ-साथ माइक्रोफोन को भी चालू कर देता है ताकि फोन के सभी सुरक्षा फीचर को हैक करने के अलावा फोन के पास की सभी गतिविधियों को कैप्चर किया जा सके।
कांग्रेस नेता ने कहा, यह देशद्रोह है और सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा का पूर्ण त्याग है, खासकर जब एक विदेशी कंपनी के पास डेटा तक पहुंच है।
उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके कर्मचारियों के फोन भी हैक किए गए। (आईएएनएस)
कोलकाता, 21 जुलाई | पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बजाते हुए अपने वर्चुअल शहीद दिवस भाषण में न केवल भगवा पार्टी के खिलाफ चौतरफा हमला किया, बल्कि यह भी संकेत दिया कि तृणमूल राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है, क्योंकि उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपने संकीर्ण स्वार्थों को भूलकर एक मंच पर एकजुट होने का आग्रह किया। 1993 में कोलकाता में युवा कांग्रेस की रैली में मारे गए 13 लोगों को याद करने के लिए तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती है। हाल के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद, तृणमूल ने बुधवार को बनर्जी के भाषण को देश भर में विभिन्न भाषाओं में प्रसारित किया।
देश के वरिष्ठ विपक्षी नेताओं से बात करते हुए बनर्जी ने कहा, "हमें एक मोर्चा बनाने और एक सामान्य कारण के लिए लड़ने की जरूरत है। इसलिए कृपया जाएं और अपने नेताओं को मनाएं ताकि हम अपने संकीर्ण स्वार्थों और मतभेदों को छोड़कर एक साथ आ सकें। एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ें, तभी हम इस देश को बचा सकते हैं।"
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि बहुत देर हो जाएगी यदि अन्य बातों पर और समय बर्बाद किया गया, तो मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारा एक ही हित है, जो देश और उसके लोगों को बचाना है। देश के हित संघीय ढांचे और अन्य राज्यों को बचाना है। तो जाओ और अपने नेताओं को मनाओ ताकि हम अभी से ही मोर्चे पर काम करना शुरू कर सकें।"
यह स्पष्ट करते हुए कि वह प्रस्तावित मोर्चे पर एक आम कार्यकर्ता के रूप में काम करना चाहेंगी, बनर्जी ने कहा कि वह 27 जुलाई को दिल्ली जाएंगी और वहां तीन दिनों तक रहेंगी, जैसा कि उन्होंने वरिष्ठ विपक्षी नेताओं से पूछा जो वर्चुअल मीटिंग में मौजूद थे। दिल्ली में एक बैठक आयोजित करने के लिए ताकि बातचीत शुरू हो सके।
उन्होंने कहा, "मैं हमेशा संसद सत्र के दौरान दिल्ली जाती हूं ताकि नेताओं से मिल सकूं। इस बार मुझे कुछ वरिष्ठ नेताओं से मिलने की उम्मीद है।"
बनर्जी शरद पवार, पी. चिदंबरम, जया बच्चन, सुप्रिया सुले, दिग्विजय सिंह, राम गोपाल जादव जैसे वरिष्ठ नेताओं और डीएमके, टीआरएस, आप, राजद और अकाली दल के प्रतिनिधियों का जिक्र कर रही थीं, जो बनर्जी की बात सुनने के लिए नई दिल्ली में कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में मौजूद थे।
न केवल दिल्ली में, बल्कि तमिलनाडु, पंजाब, त्रिपुरा और चुनाव वाले गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में मुख्यमंत्री के भाषण का प्रसारण किया गया।
बंगाल में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान लोगों की नसों पर चोट करने वाले लोकप्रिय 'खेला होबे' (खेल होगा) के नारे को मजबूत करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा, "जब तक भाजपा को हटा नहीं दिया जाता तब तक सभी राज्यों में खेला जाएगा। हम 16 अगस्त को 'खेला दिवस' मनाएंगे। हम गरीब बच्चों को फुटबॉल देंगे।"
पेगासस स्पाईवेयर विवाद के विरोध में अपने मोबाइल फोन के कैमरे के साथ आने वाली बनर्जी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि भगवा पार्टी मुड़ना चाहती है। भारत को एक लोकतांत्रिक देश रखने के बजाय एक निगरानी राज्य में बदल दिया।
बनर्जी ने कहा, "मैं किसी से बात नहीं कर सकती। आप जासूसी के लिए बहुत अधिक पैसे दे रहे हैं। मैंने अपना फोन प्लास्टर कर दिया है। हमें केंद्र को भी प्लास्टर करना चाहिए अन्यथा देश तबाह हो जाएगा। भाजपा ने देश के संघीय ढांचे को ध्वस्त कर दिया है। केंद्र द्वारा ईंधन पर करों के माध्यम से एकत्र किया गया धन जासूसी पर खर्च किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा, "पेगासस खतरनाक और क्रूर है। कभी-कभी मैं किसी से बात नहीं कर सकती। मैं दिल्ली या ओडिशा के मुख्यमंत्रियों से भी बात नहीं कर सकती।"
बनर्जी ने कहा, "स्पाइगिरी चल रही है और भाजपा ने हमारे संघीय ढांचे को ध्वस्त कर दिया है। मंत्रियों और न्यायाधीशों के फोन टैप किए जा रहे हैं। उन्होंने देश के लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म कर दिया है। पेगासस ने चुनाव प्रक्रिया, न्यायपालिका, मंत्रियों और मीडिया घरानों की जासूसी की।"
देश में चार लाख कोविड मौतों के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर मोदी सरकार की स्मारकीय विफलता को चिह्न्ति करती है।
"जब देश टीकों, दवाओं और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा था, वे (नरेंद्र मोदी और अमित शाह) चुनाव के दौरान रोजाना यात्रियों के रूप में बंगाल आ रहे थे। उन्होंने अपनी सारी शक्तियों - धन, बाहुबल, माफिया और एजेंसियों का उपयोग किया था - - लेकिन इस राज्य के लोगों ने उन्हें एहसास दिलाया है कि वे बंगाल नहीं जीत सकते। मैं अपने भाइयों और बहनों, अपने सभी बूथ कार्यकर्ताओं और उन सभी का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने इस काम में हमारा साथ दिया।(आईएएनएस)
चंडीगढ़, 21 जुलाई | हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को फोन टैपिंग को लेकर संसद में हंगामा करने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि उसे विकास के मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय आरोप लगाने की आदत है। खट्टर ने यहां मीडिया से कहा, हमारी पार्टी का जासूसी या फोन टैपिंग से कोई लेना-देना नहीं है। अगर किसी भी पार्टी को जासूसी की साजिश रचने और लोकप्रिय सरकारों को अस्थिर करने की आदत है, तो वह निश्चित रूप से कांग्रेस है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कांग्रेस को मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया और इस बार भी उसने लोकतंत्र को बदनाम करने की साजिश रची है।
खट्टर ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैसे कांग्रेस विकास के मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और वामपंथी संगठनों का समर्थन कर रही है। भारत की छवि खराब करने के लिए इन छोटी-छोटी चीजों को करने से कांग्रेस को कुछ हासिल नहीं होने वाला है। देश उन्हें देख रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, कांग्रेस ने कभी भी देश को लोकतांत्रिक तरीके से चलाने में विश्वास नहीं किया। आज वे सिर्फ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और एक वामपंथी पोर्टल में प्रकाशित रिपोटरें पर विश्वास करके फोन टैपिंग के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि जब कांग्रेस केंद्र में थी तो उसने खुद अपने ही नेताओं की जासूसी करने के लिए सर्विलांस का इस्तेमाल एक उपकरण के रूप में किया था।
एक उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया रिपोटरें के साथ सबूत हैं कि कैसे कांग्रेस ने पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी सहित अपनी ही पार्टी के नेताओं की जासूसी की थी।
खट्टर ने कहा, पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उनसे तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ उनकी जासूसी करने को लेकर जांच करने के लिए कहा गया था, जो कि किसी से भी छिपा हुआ तथ्य नहीं है। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 21 जुलाई | कर्नाटक सरकार 164 करोड़ रुपये की लागत से विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जोग जलप्रपात को नया रूप देने की योजना बना रही है, जिसमें जलप्रपात, नौका विहार व्यवस्था, जल क्रीड़ा सुविधाओं और जलप्रपातों के दौरान प्रकाश व्यवस्था को करीब से देखने के लिए एक रोपवे बनाया जाएगा। कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में पश्चिमी घाट में शरवती नदी पर, यह भारत का दूसरा सबसे ऊंचा जलप्रपात है और दुनिया भर के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है।
शिवमोग्गा हवाई अड्डे पर काम तेज कर दिया गया है और यह जोग फॉल्स तक आसान पहुंच प्रदान कर सकता है।
मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा 24 जुलाई को शिलान्यास समारोह में वस्तुत: भाग लेंगे।
भाजपा विधायक हराताल हलप्पा ने कहा कि जोग जलप्रपात को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं और बुनियादी ढांचा तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा उसी दिन उसी तालुक में 777 एकड़ भूमि में बने कृषि और बागवानी विश्वविद्यालय का भी उद्घाटन करेंगे। (आईएएनएस)
गुवाहाटी, 21 जुलाई | असम के तीन दिवसीय दौरे पर आए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) से मुसलमान को किसी भी तरह कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी का हिंदू-मुस्लिम विभाजन से कोई लेना-देना नहीं है और इन मुद्दों के इर्द-गिर्द सांप्रदायिक लोगों के एक वर्ग द्वारा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए फैलाया जा रहा है।
मंगलवार शाम गुवाहाटी पहुंचे भागवत ने कहा कि नए नागरिकता कानून से एक भी मुसलमान को नुकसान नहीं होगा।
आरएसएस प्रमुख ने 'एनआरसी और सीएए पर नागरिकता बहस: असम और इतिहास की राजनीति' नामक एक पुस्तक को लॉन्च करने के बाद कहा, "1930 के बाद से मुस्लिम आबादी को आतंकवाद और अर्थव्यवस्था के संबंध में नहीं बल्कि एक प्रमुख ताकत बनने के लिए संगठित योजनाएं हैं। यह पंजाब, बंगाल और असम में हुआ। इन क्षेत्रों को अपने बहुमत में बदलने की योजना है ताकि चीजें अपनी शर्तों पर काम करें। यह पाकिस्तान और बांग्लादेश में हुआ। फिर भी हम आत्मसात करना चाहते हैं और एक साथ रहना चाहते हैं।"
पुस्तक गुवाहाटी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नानी गोपाल महंत द्वारा लिखी गई है और गुवाहाटी में प्रसिद्ध श्रीमंत शंकरदेव अंतर्राष्ट्रीय सभागार, कलाक्षेत्र में एक समारोह में जारी की गई थी।
समारोह में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी बात की।
"विभाजन के बाद हमने अपने अल्पसंख्यकों का ख्याल रखा है, भले ही पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया। एनआरसी केवल यह पता लगाने की एक प्रक्रिया है कि एक वास्तविक नागरिक कौन है और कुछ नहीं। मामला (एनआरसी) सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। लोगों का एक वर्ग एनआरसी और सीएए दोनों को शामिल करके सांप्रदायिक आख्यान बनाकर राजनीतिक लाभ प्राप्त करना चाहता है।"
उन्होंने कहा, "महाभारत काल के बाद से, असम में प्रवास का इतिहास रहा है, लेकिन अवैध घुसपैठ से इतना डर कभी नहीं रहा। सभी समुदायों को आत्मसात करना चाहिए, लेकिन अन्य समुदायों में कोई डर नहीं होना चाहिए।"
'अखंड भारत' (अविभाजित भारत) की आवश्यकता की वकालत करते हुए, आरएसएस प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान जैसे देश जो भारत से अलग हो गए थे, अब संकट में हैं।
"अखंड भारत ब्रह्मांड के कल्याण के लिए आवश्यक है। भारत में कई चुनौतियों को दूर करने की क्षमता है और दुनिया उन चुनौतियों और कठिनाइयों को दूर करने की ओर देखती है। 'वसुधैव कुटुम्बकम' (दुनिया एक परिवार है) विश्वास के साथ, भारत फिर से रख सकता है दुनिया में सुख और शांति को आगे बढ़ाएं।"
भागवत ने कहा, "जब हम 'अखंड भारत' के बारे में बात करते हैं, तो हमारा उद्देश्य इसे शक्ति के साथ प्राप्त करना नहीं है, बल्कि 'धर्म' (नीति) के माध्यम से एकजुट होना है, जो कि 'सनातन' (शाश्वत) है, यही मानवता है और इसे हिंदू धर्म कहा जाता है।"
आरएसएस के सूत्रों ने कहा कि गुवाहाटी में अपने प्रवास के दौरान, भागवत असम के विभिन्न हिस्सों और अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा सहित अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के 2021 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने के बाद भागवत का असम का यह पहला दौरा है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 जुलाई | भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर ट्विटर ट्रोल के रूप में कार्य करने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने कहा है कि वायरस के कारण दु:ख हुआ ही है, लेकिन कांग्रेस के भ्रम के कारण लोगों को बहुत दु:ख हुआ है। चाहे महामारी या वैक्सीन का विषय हो, हर विषय में झूठ बोलना, भ्रम फैलाना और लोगों को बरगलाना। ये राहुल गांधी ने एक ट्विटर ट्रोल के रूप में काम करते हुए किया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सदन में कल ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत पर सवाल पूछा गया था। इस पर उत्तर जो दिया , उस पर तीन चीजें ध्यान देने योग्य हैं। केंद्र कहता है कि स्वास्थ्य राज्यों का विषय है। केंद्र कहता है कि हम सिर्फ राज्यों के भेजे डेटा को संग्रहित करते हैं। हमने एक गाइडलाइन जारी किया है, जिसके आधार पर राज्य अपने मौत के आंकड़ों को रिपोर्ट कर सकें।
उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर हुई मृत्यु पर कोई आंकड़ा नहीं भेजा। किसी ने ये नहीं कहा कि उनके राज्य में ऑक्सीजन की कमी को लेकर मौत हुई है। न्यायाधीशों के सामने महाराष्ट्र सरकार ने माना है कि किसी प्रकार से कोई मृत्यु ऑक्सीजन के कारण नहीं हुई है। छत्तीसगढ़ जहां कांग्रेस की सरकार है वो खुद कह रही है कि हमारे राज्य में एक भी मृत्यु ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई है।(आईएएनएस)
चेन्नई, 21 जुलाई | तमिलनाडु कांग्रेस ने राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, मंत्रियों, न्यायपालिका और देश के अन्य प्रमुख व्यक्तियों पर इजरायली फर्म एनएसओ के स्पाईवेयर पेगासस के जरिए की गई अवैध निगरानी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है। चिदंबरम में मीडिया से बात करते हुए, तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, के.एस. अलागिरी ने कहा कि शाह ने 'राष्ट्रीय सुरक्षा' से समझौता किया है और उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में प्रमुख व्यक्तियों पर पेगासस के माध्यम से की गई अवैध निगरानी पर संसद में एक श्वेत पत्र प्रस्तुत करें।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इजराइल की फर्म एनएसओ ने स्पष्ट किया है कि यह केवल राष्ट्रीय सरकारों को डेटा प्रदान करता है। यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने राजनीतिक नेताओं और पत्रकारों की जासूसी करने में मिलीभगत की थी।
टीएनसीसी ने स्नूपिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है।
अलागिरी ने दावा किया कि जासूसी के मामले में देश की तीन एजेंसियों- इंटेलिजेंस ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग और केंद्रीय जांच ब्यूरो को अंधेरे में रखा गया था।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ये तीनों एजेंसियां रोजाना प्रधानमंत्री को रिपोर्ट कर रही हैं।
अलागिरी ने पीएम मोदी से पूछा कि अगर अवैध निगरानी बेरोकटोक हो रही है तो वह देश के लोगों को सुरक्षा की गारंटी कैसे दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि टीएनसीसी अवैध निगरानी के खिलाफ गुरुवार को राजभवन तक एक विरोध मार्च शुरू करेगी।
उन्होंने कहा कि देश में प्रमुख व्यक्तियों के आवासों पर गतिविधियों को चीन, इजरायल और पाकिस्तान के सामने उजागर किया जा रहा है।
अलागिरी ने आईएएनएस से फोन पर बात की और कहा, "जासूस की घटना हमारे लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री को कैसे दोषमुक्त किया जा सकता है, उन्हें इस देश के असहाय नागरिकों पर इस अवैध निगरानी के लिए अपने कागजात देने होंगे। समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है और केंद्रीय गृह मंत्री कुछ नहीं कह रहे हैं। टीएनसीसी तत्काल प्रभाव से उनके इस्तीफे की मांग करता है।"(आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 21 जुलाई | ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा के तहत विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने पिछले एक साल के दौरान 15 तेंदुए की खाल जब्त की है। अधिकारियों ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी। पिछले एक साल के दौरान एसटीएफ ने वन्यजीव अपराधियों/शिकारियों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया है और 15 तेंदुए की खाल, 9 हाथी दांत, दो हिरण की खाल, तीन जीवित पैंगोलिन और 10 किलो पैंगोलिन तराजू जब्त किया है। अधिकारी ने बताया कि इस दौरान कम से कम 28 ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
वन्यजीव व्यापार रैकेट पर कार्रवाई के बारे में मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए, एसटीएफ के एसपी तेजेश्वर पटेल ने कहा कि एक विशेष अभियान के दौरान, टीम ने शिकारियों द्वारा तेंदुए की खाल की बिक्री के बारे में एक गुप्त सूचना के बाद बौध जिले के मनमुंडा थाना अंतर्गत कापासीरा गांव के पास बुधवार को छापा मारा गया। उन्होंने कहा कि एक शिकारी हारा राणा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पटेल ने कहा, "तलाशी के दौरान उनके कब्जे से एक तेंदुए की खाल, एक देशी एसबीएमएल (सिंगल बैरल थूथन लोडिंग) गन, 12 बड़े साइज की सीसा बॉल गोला बारूद, 17 सीसा, 25 छोटे खाली पेटी, दो प्लास्टिक कंटेनर जिसमें काला बारूद और अन्य सामग्री जब्त की गई।"
इस संबंध में एक मामला (एसटीएफ पीएस मामला संख्या 25 दिनांक 21.07.2021) दर्ज किया गया है। जब्त तेंदुए की खाल को रासायनिक जांच के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून भेजा जाएगा।
एसटीएफ राज्य में संगठित अपराध पर अंकुश लगाने के लिए गठित ओडिशा पुलिस की विशेष शाखा है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 जुलाई | भारतीय नंबरों का चयन बड़े पैमाने पर 2017 में नरेंद्र मोदी की इजरायल यात्रा के समय शुरू हुआ, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा देश की पहली यात्रा और दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों का प्रतीक है। द गार्जियन ने बताया कि दिल्ली और इजरायली रक्षा उद्योगों के बीच अरबों डॉलर के सौदे शामिल हैं। यात्रा के दौरान मोदी और तत्कालीन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक समुद्र तट पर नंगे पैर एक साथ चलते हुए चित्रित किया गया था। द गार्जियन ने कहा कि कुछ दिन पहले ही भारतीय ठिकानों को चुना जाने लगा था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके एनएसओ ग्रुप क्लाइंट द्वारा संभावित लक्ष्यीकरण के लिए चुने गए 1,000 से अधिक ज्यादातर भारतीय फोन नंबरों का विश्लेषण किया गया। इस ग्रुप ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को भी हैक किया था। यह दृढ़ता से संकेत देता है कि टारगेट चुनने के पीछे भारत सरकार के भीतर खुफिया एजेंसियां थीं।
रिकॉर्ड में पहचाने गए अन्य नंबर देश की सुरक्षा एजेंसियों की ज्ञात प्राथमिकताओं में शामिल हैं, जिनमें कश्मीरी अलगाववादी नेता, पाकिस्तानी राजनयिक, चीनी पत्रकार, सिख कार्यकर्ता और व्यवसायी शामिल हैं, जिन्हें पुलिस जांच का विषय माना जाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लाइंट ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा पंजीकृत या एक बार उपयोग किए जाने वाले दो नंबरों की भी पहचान की।
भारत में स्थित यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के कम से कम दो कर्मचारियों की पहचान की गई, जिनमें एक अमेरिकी नागरिक भी शामिल है, साथ ही गगनदीप कांग, जो प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट और यूके की रॉयल सोसाइटी में स्वीकार की जाने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के भारतीय संचालन के निदेशक एम. हरि मेनन को भी एक लक्ष्य के रूप में चुना गया था, साथ ही तंबाकू विरोधी गैर सरकारी संगठनों के लिए काम करने वाले कई शोधकर्ताओं और प्रचारकों को भी चुना गया था।
द गार्जियन ने कहा कि जांच का मकसद स्पष्ट नहीं है, हालांकि मोदी सरकार ने चैरिटी, शोध संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों के लिए विदेशी फंडिंग का संदेह व्यक्त किया है और विदेशों से पैसा लाने के लिए प्रतिबंधों को कड़ा करने की मांग की है।
एनएसओ ने कहा कि वह दुरुपयोग के सभी विश्वसनीय दावों की जांच करना जारी रखेगा और उचित कार्रवाई करेगा।
एनएसओ पेगासस को आतंकवाद और अपराध से लड़ने के लिए एक उपकरण के रूप में पेश करता है, लेकिन रिकॉर्ड में एक प्रमुख भारतीय विपक्षी नेता को शामिल करता है। इसके अलावा, राजनीतिक कर्मचारियों, श्रमिक संघवादियों, तिब्बती बौद्ध मौलवियों, सामाजिक न्याय प्रचारकों और एक महिला को शामिल करता है, जिसने भारत के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न आरोप लगाया है। इस तरह यह भारत में हैकिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के तरीके के बारे में परेशान करने वाले प्रश्न उठाता है।(आईएएनएस)
पटना, 21 जुलाई | बिहार पुलिस ने रोहतास में एक अंतरराज्यीय सेक्स रैकेट का भंडाफोड़करते हुए इस सिलसिले में सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने 6 नाबालिग लड़कियों को भी छुड़ाया, जिन्हें मुंबई के डांस बार में सप्लाई किया जाना था।
अधिकारी ने बताया कि गिरोह का रोहतास और मुंबई के अलावा मुजफ्फरपुर, पटना, रक्सौल में नेटवर्क बना हुआ था।
पुलिस ने कहा कि वे विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को भी नाबालिग लड़कियों की आपूर्ति करते थे।
घटना का पता 19 जुलाई को तब चला जब 14 साल की एक बच्ची गैंग की सरगना रेखा देवी उर्फ बुआ की कैद से फरार हो गई और पटना में बाल कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंची।
पीड़िता ने अधिकारियों के सामने अपनी आपबीती सुनाई जिन्होंने तुरंत पटना पुलिस को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
चूंकि मामला देह व्यापार और मानव तस्करी से जुड़ा है, इसलिए बिहार पुलिस (कमजोर वर्ग) के एडीजी अनिल कुमार ने तुरंत एक बचाव दल का गठन किया, जिसने सोमवार तड़के छापेमारी की।
बिहार पुलिस की कमजोर वर्ग शाखा की एसपी बीना कुमारी ने कहा, "छापे के दौरान, हमें पता चला कि आरोपी ने शिकायतकर्ता की 12 वर्षीय नाबालिग बहन की भी हत्या कर दी है।"
एसपी ने कहा, "हमने रेखा देवी उर्फ बुआ, गोपाल नट, शंकर नट, विकाश और सोनू को गिरफ्तार किया है। रेखा बिक्रमगंज में उस घर में कड़ी सुरक्षा करती थी, जहां नाबालिग लड़कियों को बंदी बनाकर रखा जाता था।"
अधिकारी ने कहा, "रेखा अच्छी तनख्वाह के साथ ऑर्केस्ट्रा में नौकरी देने के आकर्षक ऑफर देती थी। एक बार एक लड़की जाल में फंस गई, तो उसने उसे घर में बंदी बना लिया और उसे मुंबई ले गई। आरोपी के पास मुंबई में एक घर भी है और वह लड़कियों की सप्लाई करता था। लड़कियों को डांस बार में ले जाया जाता था और आरोपी देह व्यापार में शामिल थी।"
उन्होंने आगे कहा, "हमने आईपीसी की संबंधित धाराओं - हत्या, मानव तस्करी, अपहरण और पॉक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस टीम ने घर से गर्भावस्था और गर्भपात की गोलियों के अलावा 1.71 लाख रुपये नकद भी जब्त किए हैं। पीड़ितों को रोहतास जिले में एक आश्रय गृह में भेज दिया गया था।"(आईएएनएस)
समाजवादी पार्टी ने कहा है कि यूपी में बड़ी पार्टियों के साथ गठबंधन नहीं होगा. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्नाव में पार्टी की भारी जीत का दावा भी किया. अखिलेश के मुताबिक यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी 350 सीटें जीतने जा रही है.
उन्नाव में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ''समाजवादी पार्टी ने ये फैसला किया है कि बड़े दलों के साथ गठबंधन नहीं होगा जिसको भी सपा के साथ आना है हमारे दरवाजे खुले हैं. आगामी चुनाव में समाजवादी पार्टी अपने गठबंधनों के साथ 350 सीटें जीतने जा रही है.'' उन्होंने कहा कि ''पार्टी छोटे दलों को साथ लेकर चलने का काम करेगी और जिसको भी बीजेपी को हराना है उसके लिए समाजवादी पार्टी के दरवाज़े खुले हैं.''
अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि ''जब लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे थे तब लोगों को ऑक्सीजन पहुंचाने में सरकार फेल हुई थी. अब बीजेपी झूठ बोल रही है. उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी सबको साथ लेकर चलेगी.''
सरकार ने न दवा दी, न ऑक्सीजन- अखिलेश
सपा अध्यक्ष ने कहा कि ''जब जरूरत थी तो सरकार ने न दवा दी, न ऑक्सीजन दी. इसके लिए पूरी तरह से सरकार दोषी है. अगर सरकार समय पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करती तो लोगों की जान बचाई जा सकती थी. कई लोगों को सरकार ने अनाथ बना दिया. भाजपा शासन में सस्ती और आसानी से मिलने वाली दवाओं की भी कालाबाजारी हुई.'' उन्होंने आरोप लगाया कि ''भाजपा जासूसी कर रही है ये अपराध है इसके लिए सजा मिलनी चाहिए.''
एक नए और विस्तृत अध्ययन के बाद शोधकर्ता दावा कर रहे हैं कि भारत में मौतों की संख्या सरकारी आंकड़ों से दस गुना ज्यादा हो सकती है.
यह रिपोर्ट उन आधिक्य मौतों के बारे में है जो समान अवधि में पिछले बरसों में हुई मौतों से तुलना करके गिनी जाती हैं. हालांकि यह कहना मुश्किल है कि इन आधिक्य मौतों में से कितनी सीधे-सीधे कोविड से हई हैं लेकिन ये कोविड महामारी के देश पर हुए विस्तृत असर का अनुमान है. भारत ने आधिकारिक तौर पर कोविड-19 से 4 लाख 14 हजार लोगों के मरने की पुष्टि की है.
लेकिन आधिक्य मौतों का यहां कोई आंकड़ा नहीं दिया गया है. अमेरिका स्थित सेंटर फॉर ग्लोबल डिवेलपमेंट ने अपने इस विस्तृत अध्ययन के लिए तीन अलग-अलग स्रोतों से आंकड़े लिए हैं. इसके आधार पर बताया गया है कि भारत में जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच हुई मौतों की संख्या 34 से 47 लाख के बीच हो सकती है. इसी अवधि में बीते बरसों की तुलना में यह संख्या दस गुना ज्यादा है.
विस्तृत अध्ययन
शोधकर्ताओं ने सात राज्यों में मौतों के आंकड़ों का अध्ययन किया है. इन सात राज्यों में कुल मिलाकर भारत की आधी से ज्यादा आबादी रहती है. भारत हर साल मौत के आंकड़ों का सर्वेक्षण तो करता है लेकिन अब तक 2019 तक के आंकड़े ही सार्वजनिक किए गए हैं. अमेरिकी शोधकर्ताओं ने सीरो सर्वेक्षण के आंकड़ों का भी अध्ययन किया है. सीरो सर्वेक्षण देशभर में हुए दो एंटिबॉडी टेस्ट के आंकड़े हैं.
इनकी तुलना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या से की गई. इसके अलावा भारत के एक लाख 77 हजार घरों में रहने वाले आठ लाख 68 हजार लोगों के बीच हुए उपभोक्ता सर्वेक्षण से आंकड़े लिए गए. इस सर्वेक्षण में यह भी पूछा जाता है कि पिछले चार महीने में घर के किसी सदस्य की मौत हुई है या नहीं. वैज्ञानिकों ने इस बात का भी ध्यान रखा है कि सीरो सर्वेक्षणों के आधार पर संक्रमण दर का इस्तेमाल मौतों का अनुमान लगाने के लिए किया जाए.
भारत के पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन के नेतृत्व में यह शोध हुआ था. इस साल अप्रैल और मई में भारत से भयावह तस्वीरें देखी गई जब कोरोना वायरस महामारी ने भारत पर ऐसा कहर बरपाया कि न सिर्फ अस्पताल और ऑक्सीजन सिलेंडर कम पड़ गए बल्कि श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार के लिए शवों की कतारें नजर आईं.
असल तस्वीर कहीं ज्यादा भयानक
रिपोर्ट कहती है कि "यह एक त्रासद सच्चाई है कि मरने वालों की संख्या हजारों में नहीं बल्कि लाखों में है.” हालांकि रिपोर्ट लिखने वालों ने स्पष्ट किया कि जरूरी नहीं आधिक्य मौतें सिर्फ कोविड से ही हुई हों. उन्होंने कहा, "हम मरने की सभी वजहों की गणना कर रहे थे. और हमने महामारी से पहले की मौतों के औसत से तुलना के आधार पर अनुमान लगाया है.” भारत सरकार ने इस रिपोर्ट पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है.
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 से हुई मौतों का सही अनुमान लगाने के लिए आधिक्य मौतें सबसे सही तरीका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने ट्विटर पर कहा, "हर देश के लिए यह जरूरी है कि आधिक्य मौतों का अनुमान लगाए. भविष्य में अधिक मौतें रोकने और अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को झटकों के लिए तैयार रखने का यही रास्ता है.”
न्यू यॉर्क टाइम्स अखबार ने एक रिपोर्ट में कहा है कि यदि भारत में बहुत तंग अनुमान भी लगाया जाए तो छह लाख मौतें हुई हैं और बुरी से बुरी स्थिति का अनुमान तो कई गुना ज्यादा है. भारत सरकार इन आंकड़ों को खारिज कर चुकी है. देश में अब तक सिर्फ आठ फीसदी वयस्कों को ही वैक्सीन की दोनों खुराक मिली हैं, जिस कारण कोरोना की तीसरी लहर को लेकर डर जाहिर किया जा रहा है.
वीके/सीके (रॉयटर्स)
पणजी/नई दिल्ली, 20 जुलाई | सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गोवा सरकार और एक शीर्ष खनन कंपनी द्वारा दायर समीक्षा याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें 2018 के फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी, जिसमें राज्य में प्रक्रियात्मक अनियमितताओं को देखते हुए 88 खनन पट्टों के नवीनीकरण को रद्द कर दिया गया था। अपनी प्रतिक्रिया में, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि उन्हें समीक्षा याचिका दायर करने में देरी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि उन्होंने मार्च 2019 में सीएम के रूप में कार्यभार संभाला था, जब एक समीक्षा याचिका की बाहरी सीमा पहले ही समाप्त हो चुकी थी। विपक्ष ने हालांकि, सावंत पर खनन उद्योग को फिर से शुरू करने का लगातार वादा करके गोवा के मतदाताओं को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाया।
न्यायमूर्ति धनंजय चंद्रचूड़ और एम.आर. शाह ने पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ताओं को भी फटकार लगाई। ये याचिकाएं न्यायमूर्ति मदन लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की सेवानिवृत्ति के बाद दायर की गई थी, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट की उस बेंच की अध्यक्षता की थी, जिसने 2018 में अपने आदेश में तटीय राज्य में अयस्क के सभी नए उत्खनन को रोकते हुए नवीनीकरण प्रक्रिया को समाप्त कर दिया था।
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा, उपरोक्त चीजों को ध्यान में रखते हुए, हम केवल सीमा के आधार पर इन समीक्षा याचिकाओं को खारिज करने के इच्छुक हैं। हालांकि, किसी भी घटना में, हम यह भी पाते हैं कि गोवा फाउंडेशन-2 में फैसले की समीक्षा के लिए कोई वैध आधार नहीं बनाया गया है और इन समीक्षा याचिकाओं को योग्यता के आधार पर भी खारिज कर दिया गया है।
2018 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला गोवा में स्थित एक प्रसिद्ध ग्रीन एनजीओ, गोवा फाउंडेशन द्वारा दायर एक याचिका के बाद सामने आया था।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान गोवा सरकार और एक अन्य याचिकाकर्ता, वेदांत लिमिटेड को दो न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति के बाद समीक्षा याचिकाओं का गुच्छा दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। इसने यह भी कहा कि याचिकाएं दायर करने में देरी को सही ठहराने के लिए अदालत को कोई ठोस आधार नहीं दिया गया है।
अदालत ने कहा, किसी निर्णय की समीक्षा के लिए एक आवेदन निर्णय या आदेश की समीक्षा की तिथि के 30 दिनों के भीतर दायर किया जाना चाहिए। दोनों द्वारा 20 और 26 महीनों के बीच देरी के लिए कोई ठोस आधार प्रस्तुत नहीं किया गया है।
अदालत ने कहा, गोवा राज्य ने न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की सेवानिवृत्ति के बाद नवंबर 2019 के महीने में अपनी चार समीक्षा याचिकाओं को प्राथमिकता दी, जबकि वेदांत लिमिटेड ने न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की सेवानिवृत्ति के ठीक बाद अगस्त 2020 के महीने में अपनी चार समीक्षा याचिकाओं को प्राथमिकता दी।
फैसले में यह भी कहा गया, इस न्यायालय के निर्णय लेने की संस्थागत पवित्रता को बनाए रखने के लिए इस तरह की प्रथा को ²ढ़ता से अस्वीकार किया जाना चाहिए। समीक्षा याचिकाकर्ता इस न्यायालय के फैसले से अवगत थे।
इस फैसले से चुनावी गोवा में राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है, जहां 2022 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले खनन गतिविधि को फिर से शुरू करना एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन रहा है।
राज्य कांग्रेस प्रमुख गिरीश चोडनकर ने मंगलवार को सावंत पर राज्य में खनन उद्योग को फिर से शुरू करने के लिए लगातार झूठे वादों के साथ गोवा के लोगों को लगातार बेवकूफ बनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, भाजपा सरकार ने जानबूझकर गोवा के लोगों को चुनाव से पहले खनन फिर से शुरू करने के झूठे वादे देकर बेवकूफ बनाया। लोगों को अब भाजपा की असली गेम प्लान को समझना चाहिए और उन्हें सबक सिखाना चाहिए।
वहीं सावंत ने हालांकि कहा है कि समीक्षा याचिका दायर करने में देरी के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
एक साल से अधिक समय से बीमार तत्कालीन सीएम मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद सावंत ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 जुलाई | सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि सहकारी समितियां एक विषय के रूप में विशेष रूप से राज्य विधानसभाओं से जुड़ी हुई हैं और जब कोई नागरिक किसी संवैधानिक संशोधन को चुनौती देता है, तो यह अदालत का कर्तव्य है कि वह इस पर विचार करे। भले ही मामले से जुड़ी राज्य सरकारें इस मुद्दे पर आगे नहीं आई हों। शीर्ष अदालत ने बहुमत के फैसले में घोषित किया कि संविधान के 97वें संशोधन का भाग 9बी, जो सहकारी समितियों के प्रभावी प्रबंधन से संबंधित है। ये सहकारी समितियां विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित हैं।
अदालत ने कहा, यह देखते हुए कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि संविधान को अर्ध-संघीय के रूप में वर्णित किया गया है, जहां तक विधायी शक्तियों का संबंध है, संघीय वर्चस्व को देखते हुए राज्यों की तुलना में केंद्र के पक्ष में झुकाव है। सिद्धांतों को रेखांकित किया गया है, फिर भी अपने स्वयं के क्षेत्र में, राज्यों के पास विशेष रूप से उनके लिए आरक्षित विषयों पर कानून बनाने की विशेष शक्ति है।
अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि कोई भी राज्य सरकार 97वें संविधान संशोधन को चुनौती देने के लिए आगे नहीं आई है, इसलिए वह इस मामले को आगे नहीं ले जाती है।
हालांकि, जस्टिस आर.एफ. नरीमन और बी.आर. गवई ने अपने बहुमत के फैसले में कहा, "जब भारत का नागरिक संवैधानिक संशोधन को प्रक्रियात्मक रूप से कमजोर होने के रूप में चुनौती देता है, तो अदालत का यह कर्तव्य है कि वह योग्यता के आधार पर इस तरह की चुनौती की जांच करे, क्योंकि भारत का संविधान शासन का एक राष्ट्रीय चार्टर है जो नागरिकों और संस्थानों को समान रूप से प्रभावित करता है।"(आईएएनएस)
चेन्नई, 21 जुलाई| मशहूर अभिनेत्री और भाजपा नेत्री खुशबू सुंदर ने तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक सिलेंद्र बाबू से उनका आधिकारिक ट्विटर अकाउंट हैक होने की शिकायत की है। उन्होंने कहा कि मंगलवार सुबह से ही अकाउंट हैक हो गया था और अकाउंट का नाम बदलकर ब्रायन कर दिया गया था। अभिनेता ने यह भी कहा कि फोटो और वीडियो को छोड़कर उनके सभी ट्वीट हटा दिए गए थे।
अभिनेता ने यह भी कहा कि वह पिछले तीन दिनों से अपने खाते तक नहीं पहुंच पा रही थी और ट्वीट भी गायब पाए गए थे।
खुशबू ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उनका ट्विटर हैंडल उपलब्ध नहीं होने के बाद उन्होंने एक ऑनलाइन शिकायत दर्ज की थी और मंगलवार को डीजीपी से उनके कार्यालय में मुलाकात की थी और शिकायत दर्ज कराई थी।
अभिनेता ने कहा कि डीजीपी ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने का वादा किया है और कहा कि कुछ बदमाश राजनीति में उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। (आईएएनएस)
काईद नाजमी
मुंबई, 20 जुलाई | मुंबई पुलिस ने मंगलवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया कि गिरफ्तार कारोबारी राज कुंद्रा और उनके बहनोई प्रदीप बख्शी भारत और यूनाइटेड किंगडम में स्थित उनकी सामग्री निर्माण कंपनियों के माध्यम से संचालित एक अंतर्राष्ट्रीय पोर्न फिल्म रैकेट के कथित मास्टरमाइंड हैं।
बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति, कुंद्रा वियान इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मालिक हैं, जिसे दोनों ने मिलकर संयुक्त रूप से प्रमोट किया है, जबकि ब्रिटिश नागरिक बख्शी, जो कुंद्रा की बहन से विवाहित हैं, लंदन स्थित केनरिन लिमिटेड के अध्यक्ष हैं।
मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भारम्बे ने कहा कि दोनों कंपनियों के पास केनरिन लिमिटेड द्वारा विकसित 'हॉटशॉट्स डिजिटल एंटरटेनमेंट' नामक एक मोबाइल ऐप है।
हॉटशॉट्स ऐप को 'दुनिया का पहला 18 प्लस ऐप' के रूप में वर्णित किया गया है, जो विशेष फोटो, लघुफिल्मों और हॉट वीडियो में विश्व स्तर पर कुछ सबसे हॉट मॉडल और सेलेब्स को प्रदर्शित करता है, जिसमें सॉफ्ट-टू-हार्ड पोर्न शामिल है।
भारम्बे ने कहा, "फ्री टू डाउनलोड ऐप को ऐपल और गूगल प्लेस्टोर दोनों ने इसकी सामग्री के प्रकार कारण बंद कर दिया था। मुंबई पुलिस ने जांच के दौरान कई हॉटशॉट फिल्मों, वीडियो क्लिप, व्हाट्सएप चैट आदि जैसे आपत्तिजनक सबूत बरामद किए हैं।"
उन्होंने कहा कि कुंद्रा के पूरे मामले की जांच फरवरी 2021 में शुरू हुई थी, जब मालवणी पुलिस स्टेशन ने उत्तर-पश्चिम मुंबई के मलाड, मड द्वीप और उसके आसपास के तटीय क्षेत्रों में कुछ बंगलों पर अश्लील सामग्री के उत्पादन और शूटिंग के बारे में शिकायत दर्ज किया था।
पुलिस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए कि कैसे पूरे भारत से मुंबई आने वाली नई या महत्वाकांक्षी अभिनेत्रियों को लघु फिल्मों, वेबसीरीज और अन्य फिल्मों में काम के प्रस्तावों का लालच दिया गया।
भारम्बे ने कहा, "उन्हें ऑडिशन के लिए बुलाया गया था और बोल्ड दृश्यों के लिए चयन के बाद वे अर्धनग्न और फिर पूर्णनग्न शूटिंग पर चले गए। उनमें से कुछ ने इसका कड़ा विरोध किया और पुलिस से संपर्क किया।"
सामग्री बनाने के बाद दो कंपनियों - वियान और केंड्रिन ने उन्हें मोबाइल ऐप पर उपलब्ध कराया, मुख्यधारा के ओटीटी प्लेटफार्मो के समान सदस्यता की पेशकश की, सोशल मीडिया पर उनका विज्ञापन किया, जो सभी अवैध थे, क्योंकि भारत में किसी भी रूप में अश्लील साहित्य प्रतिबंधित है।
मालवानी पुलिस और बाद में अपराध शाखा-सीआईडी और संपत्ति प्रकोष्ठ द्वारा जांच के बाद कुंद्रा, उनके तकनीकी सहयोगी रयान जे थारपे सहित अब तक कम से कम 12 गिरफ्तारियां की गई हैं और एक मुंबई मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें 23 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 जुलाई | शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपनी पार्टी के अन्य सांसदों के साथ संसद परिसर के अंदर नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि वे प्राइम मिनिस्टर द्वारा सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करेंगे। जब वे नारे लगा रहे थे, कृषि मंत्री एन.एस. तोमर उनके पास से गुजरे।
शिअद सांसद हरसिमरत कौर बादल, जो अपनी पार्टी के बाहर होने से पहले एनडीए सरकार में मंत्री थीं, उन्होंने नारे लगाए, "किसानों का अपमान करना बंद करो।"
बादल ने कहा कि वे कोविड-19 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शाम छह बजे बुलायी गयी बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं।
बादल ने आईएएनएस से कहा, "जब तक प्रधानमंत्री किसानों के लिए बैठक नहीं बुलाते, हम बैठक में शामिल नहीं होंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों के मुद्दों पर भी बैठक बुलानी चाहिए थी।
उन्होंने कहा, "किसान बाहर बैठे हैं, वे संघर्ष कर रहे हैं। बारिश में और सरकार को परवाह नहीं है। यह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे प्रधानमंत्री को उठाना चाहिए था।"
मोदी ने देशभर में कोविड-19 प्रबंधन पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
कौर ने सोमवार को स्थगन प्रस्ताव पेश कर कानूनों पर चर्चा की मांग की, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया।
कौर ने रविवार को सभी विपक्षी राजनीतिक दलों से किसान हित के प्रस्ताव का समर्थन करने का आह्वान किया था।(आईएएनएस)
श्रीनगर, 20 जुलाई | जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले में सुरक्षा बलों ने 30 किलोग्राम का एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बरामद किया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस सूत्रों ने कहा, "कल देर शाम श्रीनगर के बाहरी इलाके में तंगपुरा बांध के पास 30 किलोग्राम आईईडी का पता चलने पर सुरक्षा बलों ने एक बड़ा आतंकी हमला होने से बचा लिया।"
"समय पर बरामदगी ने घाटी में सुरक्षा स्थिति को अस्थिर करने के लिए आतंकवादियों और उनके कुछ समर्थकों के नापाक मंसूबों को विफल कर दिया।"
"सेना के विश्वसनीय इनपुट के आधार पर, 24 आरआर और स्थानीय पुलिस द्वारा तलाशी अभियान शुरू किया गया, जिसके कारण राजमार्ग से 700 मीटर दूर 30 किलोग्राम आईईडी बरामद किया गया।"
सूत्रों ने कहा, "आज सुबह सेना के बम दस्ते ने आईईडी को सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया। तंगपुरा में तलाशी अभियान जारी है।"(आईएएनएस)
चेन्नई, 20 जुलाई | महिला मोर्चा (भाजपा महिला विंग) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और कोयंबटूर की विधायक वनथी श्रीनिवासन ने तमिलनाडु सरकार से अपने शहर के निजी अस्पतालों में टीकों के डायवर्जन की विस्तृत जांच करने का आह्वान किया है। मंगलवार को कोयंबटूर में मीडिया से बात करते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा कि जमीनी स्तर पर काम कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें सूचित किया है कि केंद्र सरकार द्वारा आपूर्ति किए गए टीकों को कोयंबटूर के निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है।
भाजपा नेता ने लगाए आरोपों की विस्तृत जांच की मांग की।
उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने जिले को पर्याप्त टीका आवंटित किया है और राज्य सरकार से जांच करने का आह्वान किया है कि टीके कहां गए हैं।
वह कोयंबटूर जिले के कई हिस्सों में टीकों की कमी और रात भर कतारों में खड़े रहने के बाद लोगों को बिना टीका लगाए घर लौटने की बात कह रही थीं।
'कोंगु नाडु' मुद्दे को लेकर हुए विवाद पर भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी राज्य को विभाजित करने के पक्ष में नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी इस बात पर विस्तृत रूप से विचार करेगी कि राज्य सरकार पश्चिमी तमिलनाडु के लोगों के जीवन की बेहतरी के लिए क्या कर रही है।
वनथी श्रीनिवासन ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार पेगासस स्पाइवेयर द्वारा कथित जासूसी के संबंध में जानकारी देगी।
श्रीनिवासन ने 2021 के चुनावों में सुपरस्टार से नेता बने और मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) के अध्यक्ष कमल हासन को 1,728 मतों के अंतर से हराकर कोयंबटूर दक्षिण विधानसभा सीट जीती थी।(आईएएनएस)
पेनुबल्ली (तेलंगाना), 20 जुलाई | वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) की संस्थापक वाई.एस. शर्मिला तेलंगाना के खम्मम जिले के पेनुबल्ली गांव में बेरोजगार युवाओं की खातिर मंगलवार को 10 घंटे के अनशन पर बैठीं। इस दौरान शर्मिला ने कहा कि वह सत्तुपल्ली निर्वाचन क्षेत्र में स्थित गांव में सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खाना नहीं खाएगी।
तेलंगाना में सबसे नई राजनीतिक ताकत बनकर उभरी शर्मिला बेरोजगारी पर खास जोर दे रही हैं।
हाल ही में, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को आगामी हुजुराबाद उपचुनाव में यह तर्क देकर लड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है कि चुनाव लड़ने से बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा या दलितों को तीन एकड़ जमीन मिलेगी।
वाईएसआरटीपी की संस्थापक शर्मिला, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की बहन और पूर्व संयुक्त एपी सीएम वाई.एस. राजशेखर रेड्डी (वाईएसआर) की बेटी है। उन्होंने पहले कहा था कि उन्हें अकेले राजनीतिक मैदान में जाने का कोई डर नहीं है।
उन्होंने कहा, "वाईएसआरटीपी की स्थापना महान नेता (वाईएसआर) की आकांक्षाओं के लिए की गई है। मुझे कभी बुरा नहीं लगा या मुझे इस बात का डर नहीं था कि मैं अकेली हूं। मैं वाईएसआर के करोड़ों प्रशंसकों में से एक हूं।"
शर्मला ने 'तेलंगाना के लोगों की खातिर' वाईएसआरटीपी की स्थापना की, जिसमें कहा गया था कि राज्य में एक नई पार्टी स्थापित करने की आवश्यकता है। उनका सवाल है कि क्या बेरोजगार लोगों और एससी, एसटी और पिछड़ा समुदायों को न्याय मिला है। (आईएएनएस)