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मनाली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रोहतांग र्दे के पास रणनीतिक तौर पर अहम अटल सुरंग (टनल) के उद्घाटन से एक दिन पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए सुरंग का निरीक्षण किया। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यहां पास के एसएएसई हेलीपैड पहुंचने पर रक्षा मंत्री का स्वागत किया।
राजनाथ के साथ ही केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री सिंह ने अटल सुरंग का दौरा किया।
उन्होंने सुरंग के उत्तर और दक्षिण पोर्टल्स का भी दौरा किया और व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने रक्षा मंत्री को अटल सुरंग की मुख्य विशेषताओं और रणनीतिक महत्व की इस परियोजना के उद्घाटन से जुड़ी तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने मोदी द्वारा संबोधित किए जाने वाले कुल्लू जिले के सोलांग और लाहौल-स्पीति जिले के सिसु में रैली स्थलों का दौरा किया और तैयारियों का जायजा लिया।
मोदी शनिवार को रोहतांग में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सभी-मौसम के लिए खोली जाने वाली अटल सुरंग का उद्घाटन करेंगे। यह दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि समारोह सुबह 10 बजे आयोजित किया जाएगा।
अटल सुरंग मनाली और लेह के बीच की दूरी को 46 किलोमीटर तक कम करती है और यात्रा के समय को भी चार से पांच घंटे कम कर देती है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जो कि मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इससे पहले घाटी हर साल लगभग छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण अन्य हिस्सों से कट जाती थी। सुरंग को समुद्र तल से 3,000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में आधुनिक तकनीक के साथ बनाया गया है।
इस टनल में हर रोज तीन हजार कार और डेढ़ हजार ट्रक गुजर सकेंगे। टनल के भीतर 80 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार तय की गई है। टनल के भीतर सेमी ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम होगा। यहां किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तमाम व्यवस्था भी की गई है।
टनल के भीतर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है। दोनों ओर एंट्री बैरियर रहेंगे। हर डेढ़ सौ मीटर पर आपात स्थिति में संपर्क करने की व्यवस्था होगी। हर 60 मीटर पर आग बुझाने का संयंत्र होगा। इसके अलावा हर ढाई सौ मीटर पर दुर्घटना का स्वयं पता लगाने के लिए सीसीटीवी का इंतजाम भी किया गया हैं। यहां हर एक किलोमीटर पर हवा की क्वालिटी जांचने का भी इंतजाम है।
इस टनल को बनाने का एतिहासिक फैसला तीन जून 2000 को लिया गया था, जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। 26 मई 2002 को इसकी आधारशिला रखी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को इस टनल का नाम दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल टनल रखने का फैसला किया था।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| वरिष्ठ वकील और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सत्यपाल जैन ने कहा है कि लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट, जिसने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को दोषी ठहराया था, वह निराधार और गलत तथ्यों पर आधारित थी।
जैन ने लिब्रहान आयोग से पहले आरोपी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं का प्रतिनिधित्व किया था।
जैन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी हैं। उन्होंने बाबरी विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत के फैसले के बाद आईएएनएस से एक विशेष साक्षात्कार में खुलकर बातचीत की।
लखनऊ की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया, जिनमें भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कई अन्य लोग शामिल हैं। साक्ष्यों के अभाव और अदालत के सामने घटना पूर्व नियोजित होने के संबंध में पर्याप्त तथ्य नहीं होने के चलते सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।
बाबरी ढांचे से संबंधित विवाद करीब 500 साल पुराना रहा है। जिस स्थान पर बाबरी मस्जिद का निर्माण हुआ था, उसे हिंदू भगवान राम का जन्म स्थान मानते हैं। मस्जिद को छह दिसंबर, 1992 को कार्यकर्ताओं के एक बड़े समूह की ओर से ध्वस्त कर दिया गया था। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और प्रधानमंत्री पी. वी. आर. नरसिम्हा राव थे।
संयोग से सत्यपाल जैन भी विध्वंस के दिन अयोध्या में अन्य भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेताओं के साथ मौजूद थे।
विवादित ढांचे के विध्वंस और इसके बाद अयोध्या में हुए दंगों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने दिसंबर 1992 में लिब्रहान आयोग का गठन किया था। लिब्रहान आयोग का नेतृत्व हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम. एस. लिब्रहान ने किया।
आयोग को हालांकि तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी थी, लेकिन रिपोर्ट पेश करने में हर बार देरी होती चली गई और आयोग को रिपोर्ट पेश करने के लिए 48 बार समयसीमा दी गई।
अंत में 17 साल के लंबे इंतजार के बाद एकल व्यक्ति आयोग ने जून 2009 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को रिपोर्ट सौंपी। नवंबर 2009 में संसद में पेश की गई रिपोर्ट में 68 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें से ज्यादातर भाजपा के शीर्ष नेता थे, जिन पर आरोप लगाया गया कि इन्होंने मस्जिद के विध्वंस की सुनियोजित योजना बनाई।
जैन ने तर्क देते हुए कहा, "पहली बात यह कि भाजपा और आरएसएस का पूरा शीर्ष नेतृत्व आयोग के समक्ष उपस्थित हुआ था, मगर तब किसी ने भी सवाल नहीं उठाया।"
वरिष्ठ अधिवक्ता ने आयोग के समक्ष आडवाणी, उमा भारती और अन्य का प्रतिनिधित्व किया था।
जैन ने कहा, "दूसरी बात यह है कि आयोग द्वारा 17 साल की जांच के दौरान गैर-भाजपा दलों (कांग्रेस, संयुक्त मोर्चा और कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग) 11 साल तक सत्ता में रहे। 2009 में लिब्रहान की रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस पांच साल तक सत्ता में रही।"
उन्होंने कहा, "लेकिन वे ट्रायल के दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं के खिलाफ अपने आरोप साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं कर सके।"
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह नरसिम्हा राव, देवगौड़ा, आई. के. गुजराल और मनमोहन सिंह की सरकार की जिम्मेदारी थी कि वे नेताओं के खिलाफ सबूत इकट्ठा करते, मगर वे किसी भी तरह के झूठे सबूत भी पेश करने में बुरी तरह विफल रहे।
जैन ने कहा कि लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट जारी होने के बाद भी, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार 2014 तक कोई सबूत नहीं जुटा सकी।
जैन ने कहा कि जब युवा कार्यकर्ताओं के समूह ने विध्वंस किया, तब भाजपा के सभी शीर्ष नेता बाबरी मस्जिद के गुंबदों से 1000 मीटर की दूरी पर धरने थे। उन्होंने कहा, "28 वर्षों में कोई भी संरचनाओं को ध्वस्त करने वाले किसी भी नेता की एक भी तस्वीर तक पेश नहीं कर सका है।"
उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने हिंसक भीड़ को कानून का पालन करने के लिए कई अपील की थी। जैन ने कहा, "लिब्रहान रिपोर्ट निराधार है और तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने पर आधारित है।"
चंडीगढ़ के पूर्व सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता जैन को 30 जून, 2023 तक एक और कार्यकाल के लिए केंद्र द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत केंद्रीय सतर्कता आयोग(सीवीसी) ने उन अफसरों पर सख्ती बरती है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार से लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है। अब नई व्यवस्था के तहत सभी मंत्रालयों को रिटायरमेंट से कम से कम 30 दिन पहले मुकदमे में फंसे अफसरों की फाइल सीवीसी की टेबल पर पेश करनी होगी। ताकि रिटायरमेंट से पहले ऐसे अफसरों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके।
आईएएनएस के पास सीवीसी के डायरेक्टर जे विनोद कुमार का एक अक्टूबर को जारी वह पत्र है, जिसे उन्होंने सभी मंत्रालयों के सचिवों और सतर्कता आयुक्तों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। पत्र में सेवानिवृत्त होने के करीब पहुंचे सरकारी अफसरों के खिलाफ चल रहे अनुशासनात्मक कार्रवाई के जल्द से जल्द निपटारे पर जोर दिया गया है। इस पत्र में कहा गया है कि बीते 12 मई 2020 को सीवीसी की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया था कि रिटायरमेंट से जुड़े मामले हर महीने की दस तारीख को शाम पांच बजे तक केंद्रीय सतर्कता आयोग(सीवीसी) में उपलब्ध कराए जाएं। लेकिन, अब नई व्यवस्था के तहत रिटायरमेंट की तिथि से 30 दिन पहले अफसरों के मामले को सीवीसी के सामने पेश करना अनिवार्य होगा।
आयोग ने पत्र में उदाहरण देते हुए कहा है, "अगर कोई अफसर 30 नवंबर को रिटायर हो रहा है तो फिर उसके खिलाफ हुई, जांच आदि कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट कम से कम 30 दिन पहले यानी 31 अक्टूबर तक उपलब्ध हो जानी चाहिए। ताकि केंद्रीय सतर्कता आयोग संबंधित अफसर के मामले में समय से अपना सुझाव दे सके।"
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने यह पत्र सभी मंत्रालयों के सचिवों, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग(पीएसयू) सहित सभी सरकारी विभागों और संस्थानों को भेजा है। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सभी मंत्रालयों के विजिलेंस अफसरों को भी इसको लेकर सख्त निर्देश दिए हैं।
सूत्रों का कहना है कि निर्देश के बावजूद कई बार मंत्रालयों से संबंधित अफसरों के केस की फाइल देरी से सीवीसी को मिलती थी। रिटायरमेंट वाले तमाम अफसरों की फाइल हर महीने की दस तारीख की निर्धारित तिथि के बाद मिलती थी। जिसके कारण संबंधित अफसर के मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग की सलाह शामिल नहीं हो पाती थी। जिससे अफसर रिटायर हो जाते थे और उनके खिलाफ मामलों का सही से निस्तारण नहीं हो पाता था।
दरअसल, अफसरों को सेवानिवृत्त के तुरंत बाद पेंशन आदि लाभ मिलते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ मामलों का निस्तारण होना जरूरी होता है। लिहाजा आयोग ने अब एक महीने पहले ऐसी फाइल तलब करने का निर्णय लिया है।
--आईएएनएस
पटना, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मामला भले ही सुलझने की खबर आ रही है, लेकिन अभी भी पसंदीदा सीट को लेकर महागठबंधन में पेंच फंसा हुआ है।
कांग्रेस अपनी जीती हुई सीटों के अलावा अधिकांश उन सीटों पर अपनी दावेदारी कर रही है, जिस पर पिछले चुनाव में जनता दल (युनाइटेड) जीता हुआ था या दूसरे नंबर पर था।
कांग्रेस के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि कांग्रेस अपनी मनपसंद सीटें सुल्तानगंज, हिसुआ, मटिहानी, लखीसराय, सासाराम, भभुआ सहित कुछ अन्य सीटों पर लड़ना तय कर चुकी है। इधर, सूत्रों का दावा है कि राजद ऐसी सीटों को कांग्रेस को देना नहीं चाह रही है।
सूत्रों का दावा है कि राजद ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार तक तय कर दिए हैं। सूूत्र कहते हैं कि राजद ने हिसुआ से एक अति पिछड़े और सुल्तानगंज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े एक वैश्य जाति के नेता को राजद ने प्रत्याशी तक चुन लिया है, जिसका विरोध कांग्रेस कर रही है।
इसी तरह मटिहानी जैसी कांग्रेस की कई पसंदीदा सीटें वामपंथी दलों के हिस्से चली गई हैं। सूत्र यह भी कहते हैं कि कांग्रेस को कई ऐसी शहरी सीटें भी दिए जाने की सूचना है, जहां भाजपा काफी मजबूत है। ऐसे में एकबार फिर राजद और कांग्रेस में ठन गई है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में तीन चरणों में होने वाले मतदान के लिए प्रथम चरण के नामांकन की प्रक्रिया जारी है। प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को मतदान होना है। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं।
-आईएएनएस
भोपाल 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस की असंतुष्टों ने नींद उड़ाकर रखी दी है। दोनों ही दल अपने असंतुष्टों को मनाने में लगे हैं। कांग्रेस के मुकाबले भाजपा अपने असंतुष्टों को मनाने के मामले में ज्यादा सफल होती नजर आ रही है। राज्य के 28 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उप-चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है, तीन नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। दोनों ही दल उम्मीदवारों के ऐलान के अंतिम चरण में है, कांग्रेस 24 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है, भाजपा के उम्मीदवारों की सूची जल्दी आने की बात कही जा रही है।
भाजपा में 22 तत्कालीन विधायकों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आए थे। बाद में तीन और कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा ने इन सभी 25 दल-बदल करने वाले पूर्व विधायकों को उम्मीदवार बनाने का फैसला ले लिया है। इससे पार्टी में असंतोष है। बमौरी से के एल अग्रवाल, ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार और सुरखी से पारुल साहू पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। इन तीनों को कांग्रेस ने उम्मीदवार भी बनाया है। वहीं कई अन्य नेताओं में भी नाराजगी है।
भाजपा के लिए सबसे बड़ी चिंता देवास के हाटपिपल्या विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी को लेकर थी। जोशी से कांग्रेस लगातार संपर्क बनाए हुए थी और जोशी का भी मन डांवाडोल था। बीती रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनकी मुलाकाता हुई, उनके क्षेत्र के कार्यकर्ता भी थे। चौहान ने सभी को भरोसा दिलाया कि उनके मान-सम्मान का ख्याल रखा जाएगा।
इस मुलाकात के बाद जोशी ने भी कहा कि वे कहीं नहीं जाने वाले हैं, यह बात सही है कि उनके मन में पिछले कुछ दिनों से कई विचार आ रहे थे।
वहीं भाजपा के अंदर खाने कई और नेताओं में भी असंतोष है, उन्हें भी पार्टी एक-एक कर मनाने में लगी है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में बगावत का दौर जारी है। पहले 25 विधायकों ने पार्टी छोड़ी और उसके बाद भी कांग्रेस छोड़ने वालों की सूची लगातार बढ़ती जा रही है। हाल ही में पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्घ और ग्वालियर के वरिष्ठ नेता अशोक शर्मा ने भी पार्टी छोड़ी है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्र ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में सुधार और कारोबार में सुगमता के लिए उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश को 7,106 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधार की अनुमति दी है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश 'एक देश, एक राशन कार्ड प्रणाली' का कार्यान्वयन कर पीडीएस में सुधार प्रक्रिया को लागू करने वाला छठा राज्य बन गया है। इससे राज्य मुक्त बाजार ऋण (ओएमबी) के जरिए 4,851 करोड़ रुपये की राशि जुटाने का पात्र हो गया है।
कोविड-19 से लड़ने के लिए आवश्यक अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में यह राज्य की मदद करेगा।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, कर्नाटक और त्रिपुरा ने सिस्टम के तहत पीडीएस सुधारों को सफलतापूर्वक लागू किया है।
इसके साथ ही आंध्र प्रदेश कारोबार सुगमता सुधारों को सफलतापूर्वक लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। इससे वह 2,525 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाने का पात्र हो गया है।
इससे पहले राज्य ने 'एक देश, एक राशन कार्ड प्रणाली' के अनुसार पीडीएस सुधारों को भी पूरा किया था।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने मई 2020 में राज्यों को 2020-21 के लिए राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के दो प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त कर्ज सीमा की अनुमति दी थी। इससे राज्यों के पास 4,27,302 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध होगी।
इसका एक प्रतिशत चार विशिष्ट राज्य-स्तरीय सुधारों के कार्यान्वयन के अधीन है, जहां प्रत्येक सुधार का भार जीएसडीपी का 0.25 प्रतिशत है।
इन सुधारों में 'एक देश, एक राशन कार्ड प्रणाली' का कार्यान्वयन, व्यापार सुधार करने में आसानी, शहरी स्थानीय निकाय सुधार और बिजली क्षेत्र में सुधार शामिल हैं।
इससे पहले पिछले हफ्ते मंत्रालय ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और त्रिपुरा को 'एक देश, एक राशन कार्ड प्रणाली' के तहत कार्यान्वयन की सुधार शर्तों को सफलतापूर्वक पूरा करने पर ओपन मार्केट उधार के माध्यम से 9,913 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने की अनुमति दी थी।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| महात्मा गांधी की शुक्रवार को 151वीं वर्षगांठ पर ओटीटी प्लेटफार्मों ने राष्ट्रपिता पर आधारित फिल्मों के विकल्पों को साझा किया है। आईएएनएस ने गांधी जी पर बनी कुछ कम प्रसिद्ध फिल्मों को सूचीबद्ध किया है।
'हमने गांधी को मार दिया': नईम ए सिद्दीकी द्वारा निर्देशित साल 2018 में आई फिल्म में दो अजनबियों की कहानी बताई गई है, जो कैलाश और दिवाकर हैं। वे दोनों एक ट्रेन यात्रा के दौरान मिलते हैं। फिल्म ब्रिटिश राज के अंत के बाद विभाजन की अशांत पृष्ठभूमि पर आधारित है। कहानी उन दो पात्रों की बातचीत पर है, जो महात्मा गांधी की हत्या के साथ उनके दर्शन के बारे में परस्पर विरोधी विचार रखते हैं। इस फिल्म को शेमारूमी पर देखा जा सकता है।
'रोड टू संगम' : अमित राय द्वारा निर्देशित 2009 की फिल्म में उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक कट्टर मुस्लिम हसमत की कहानी को दिखाया गया है। वह मैकेनिक रहता है हसमत को एक पुरानी लॉरी की मरम्मत करने के लिए कहा जाता है, इस बात से अनजान है कि यह वही वाहन था जो गांधी के राख के साथ जा रही है। वह अपना काम पूरा करता है, लेकिन स्थिति तब जटिल हो जाती है जब उसे कलश के पीछे की सच्चाई का पता लगाता है और गांधी के अंतिम अवशेषों को ले जाने का फैसला करता है। फिल्म में परेश रावल के साथ दिवंगत ओम पुरी और पवन मल्होत्रा हैं। यह शेमारूमी पर उपलब्ध है।"
'गांधीगिरी' : फिल्म में स्वर्गीय ओम पुरी एनआरआई राय साहब की भूमिका निभाते हैं, जो महात्मा गांधी के सिद्धांतों में ²ढ़ता से विश्वास करते हैं। भारत लौटने पर वह चार उन लोगों में खुद को पाता है जिन्होंने जीवन में गलत चुनाव किए हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि वह कैसे गांधी के उदाहरण का अनुसरण कर उन्हें सुधारने का प्रयास करते हैं। फिल्म एमेजॉन प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है।
'नन्नू गांधी' : एनआर नानजुंदे गौड़ा की साल 2008 में आई कन्नड़ फिल्म बच्चों के एक समूह के इर्द-गिर्द घूमती है, जो गांधी के सिद्धांतों और विचारों का पालन करते हुए अपने आसपास के लोगों को प्रेरित करते हैं। यह डिज्नी हॉटस्टार पर उपलब्ध है।
'रीबूटिंग महात्मा': साल 2019 में रिलीज होने वाली गुजराती फिल्म महात्मा गांधी के एक मानवीय संस्करण की अवधारणा पर आधारित है। उन्हें 21वीं शताब्दी में लाया गया है और बापू विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं जो आज की दुनिया को प्रभावित करते हैं, जैसे कि राजनीतिक प्रणाली, बॉलीवुड, सोशल मीडिया और युवा। फिल्म शेमारूमी पर देखी जा सकती है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में हाथरस में 19 साल की युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में प्रार्थना सभा रखी गई, जो कि वाल्मीकि समाज के अलग-अलग संगठनों द्वारा आयोजित हुई। वहीं इस सभा में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पीड़िता को श्रंद्धाजलि दी, इस सभा में कांग्रेस के सैंकड़ों कार्यकर्ता भी शामिल हुए। प्रियंका गांधी ने मंदिर में पहुंच कर आशीर्वाद लिया। उसके बाद पीड़िता की फोटो पर फूल चढ़ा कर श्रंद्धाजलि अर्पित की।
प्रियंका गांधी ने इस प्रार्थना सभा में कहा कि, "इस देश में हर एक महिला की आवाज उठनी चाहिए, पीड़िता के साथ पहले जो हुआ और उसके बाद जो हुआ, सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं की गई। परिवार इस वक्त अकेला महसूस कर रहा है। मैं यहां इसलिए आई हूं कि परिवार को ये न लगे कि वो अकेले हैं।"
"आप सभी आवाज उठाइये, सरकार पर नैतिक दबाब डालें। हमारे देश की परंपरा नहीं कि परिवार के बिना अंतिम संस्कार कर दिया जाए। सूरज डूबने के बाद अंतिम संस्कार नहीं होता। हम सब चुप रहें, ऐसा नहीं हो सकता। हम यहां इसलिए आए कि पीड़िता को न्याय दिलवा पाएं। जब तक न्याय नहीं होगा, हम रुकेंगे नहीं।"
-- आईएएनएस
आगरा, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| आगरा में भले ही पिछले 24 घंटे में कोरोनावायरस के 48 नए मामले आए हैं लेकिन ताजनगरी में कुल रिकवरी दर 84.81 प्रतिशत हो गई है। आगरा में कोरोना मामलों की कुल संख्या अब 5,808 है, जिनमें से 4,875 मरीज ठीक हो चुके हैं, वहीं 128 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि परीक्षण के लिए 1,92,007 नमूने एकत्र किए गए। शुक्रवार को सक्रिय मामलों की संख्या 755 थी।
आगरा जिला प्रशासन ने कहा कि मल्टीप्लेक्स के साथ ही धार्मिक स्थलों को भी 15 अक्टूबर से फिर से खोलने की अनुमति दी जाएगी। विश्वविद्यालय के छात्रों और शोधकर्ताओं को शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश करने की अनुमति होगी, लेकिन स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय एक सप्ताह के बाद लिया जाएगा। बच्चों के माता-पिता आम तौर पर आशंकित हैं और उनमें इतनी उत्सुकता नहीं हैं कि उनके बच्चे स्कूल में जाएं क्योंकि अभी भी बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं।
आगरा का एकलव्य स्टेडियम गुरुवार को लगभग 193 दिनों के बाद फिर से खुल गया, लेकिन खिलाड़ियों को अभी भी अभ्यास के लिए रिपोर्ट करना है। राज्य संक्रामक रोग नियंत्रण विभाग ने सावधानी और सुरक्षा उपायों के बारे में परिवारों के संवेदनशील सदस्यों तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर कवायद शुरू कर दी है।
जहां तक कोविड-19 के प्रसार का संबंध है, सितंबर संख्या के लिहाज से अब तक का सबसे खराब महीना साबित हुआ। 20 मौतों के साथ 2,800 से अधिक मामले सामने आए।
वार्षिक राम लीला 4 अक्टूबर से शुरू होगी, लेकिन लोगों को ऐतिहासिक रामलीला मैदान में एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी। आयोजन समिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मो और स्थानीय केबल नेटवतर्क के माध्यम से लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की है।
इस बीच, आगरा के महापौर नवीन जैन ने शुक्रवार सुबह एक स्वच्छता अभियान लॉन्च किया, जिसे शहर का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान बताया जा रहा है। अभियान 2 अक्टूबर से 30 जनवरी तक जारी रहेगा।
भाजपा के स्थानीय नेता और कॉर्पोरेटर स्वैच्छिक समूहों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करेंगे कि शहर स्वच्छता का उच्च स्तर बनाए रखे। हालांकि, सफारी कर्मचारियों द्वारा हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले के विरोध में हड़ताल करने के कराण अभियान पहले ही दिन रफ्तार नहीं पकड़ सकी।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| वेतन नहीं मिलने से नाराज उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ के सदस्यों ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि उनके तीन महीने के बकाए को नहीं दिया गया तो वे अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन करेंगे।
लगभग 109 दिनों से (जून से) अस्पतालों के डॉक्टरों और स्टाफ के सदस्यों को भुगतान नहीं किया गया है। रेजिडेंट्स वर्तमान में एक सप्ताह के लिए सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक 'पेन डाउन स्ट्राइक' (अस्पताल आकर काम नहीं करना) पर हैं। नॉर्थ एमसीडी में कम से कम 1,000 सीनियर डॉक्टर, 500 रेजिडेंट डॉक्टर और 1,500 नर्सिग ऑफिसर कार्यरत हैं।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम आयुक्त को लिखे पत्र में, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा, "हम वेतन के समय पर वितरण के लिए लगातार मांग करते रहे हैं, लेकिन पिछले 6 महीनों से कोई कदम नहीं उठाया गया है। वर्तमान में, 3 महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है।"
इसमें कहा गया है, "हम आपसे 3 महीने का वेतन जारी करने और हमें तत्काल स्थायी समाधान देने के लिए दृढ़ता से आग्रह करते हैं। हम घोषणा करने के माफी चाहते हैं कि यदि उल्लेखित मुद्दों को हल नहीं किया तो हम 'कोई वेतन नहीं, कोई काम नहीं' के आधार पर अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।"
एसोसिएशन ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश और अतीत में दोहराए गए मुद्दों के बावजूद, नॉर्थ एमसीडी के डॉक्टरों और कर्मचारियों का वेतन तीन महीने से अधर में लटका हुआ है और अब यह चौथा महीना चल रहा है। आरडीए अध्यक्ष अभिमन्यु सरदाना द्वारा लिखे गए पत्र में आगे कहा गया है कि यह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मानवाधिकारों, मानदंडों के साथ-साथ अदालत की अवमानना का बुनियादी उल्लंघन है।
डॉक्टरों के निकाय ने कहा कि एनडीएमसी अस्पतालों में समय-समय पर यह एक ट्रेंड बन गया है कि वेतन को नियमित नहीं किया जाता है, और स्वास्थ्यकर्मी महामारी के समय में काफी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
हिंदू राव अस्पताल के अलावा, महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल, गिरधारी लाल मैटरनिटी हॉस्पिटल और राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मनेरी मेडिसिन एंड ट्यबरकुलोसिस जैसे अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों और नर्सो भी बकाया भुगतान न करने का विरोध किया है।
इस बीच, इमरजेंसी को छोड़कर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ दिल्ली गवर्नमेंट के महर्षि वाल्मीकि अस्पताल ने मंगलवार सुबह से अस्पताल में सभी आवश्यक और गैर-आवश्यक सेवाएं वापस ले ली हैं।
यह तब हुआ जब अस्पताल ने एक मरीज और उसके परिचारक पर ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के लिए एफआईआर दर्ज नहीं कराई।
--आईएएनएस
बेंगलुरु, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| राज्य सरकार द्वारा संचालित कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 370 मेगावाट के गैस संयंत्र में शुक्रवार को हुए एक विस्फोट के बाद 15 लोग घायल हो गए। इनमें से दो गंभीर रूप से घायल हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
आईएएनएस से बातचीत में जिला अग्निशमन अधिकारी, किशोर ने कहा कि उन्हें तड़के 3.30 बजे प्लांट (संयंत्र) से फोन आया और दमकलकर्मी फौरन घटनास्थल के लिए रवाना हो गए।
उन्होंने कहा, "चार फायर टेंडर, दो वाटर पंप और दो फोम टेंडर को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। रेल व्हील फैक्ट्री ने तुरंत अपनी तरफ से एक फोम टेंडर भेजा, लेकिन हमने इसका इस्तेमाल नहीं किया।"
किशोर ने कहा कि विभाग ने आग बुझाने के लिए फोम टेंडर का इस्तेमाल किया। यह एक मीडियम रेंज की आग की घटना थी, लेकिन इसे समय पर नियंत्रित नहीं किया गया होता तो बड़ा नुकसान होने की आशंका थी।
उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्ट्या आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप मामूली विस्फोट हुआ था जहां तेल जमा हुआ था।
स्थानीय निवासियों ने कहा कि उन्होंने एक जोरदार धमाके जैसी आवाज सुनी और फिर दमकलकर्मियों और कई एंबुलेंस को अपने फ्लैट के सामने लाइन में खड़ा देखा, जिससे दहशत पैदा हो गई।
--आईएएनएस
लखनऊ 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में हाथरस की घटना में चल रहे बवाल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उप्र में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड दिया जाएगा, जो उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को ट्वीटर के माध्यम से लिखा कि, "उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। आपकी यूपी सरकार प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्घ है। यह हमारा संकल्प है-वचन है।"
यूपी में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध और हाथरस कांड में पुलिस और प्रशासन के रवैये पर उठ रहे सवालों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यह बयान दिया है।
ज्ञात हो कि 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में गांव चंदपा की दलित युवती अपनी मां के साथ खेत पर गई थी और आरोप के मुताबिक सासनी निवासी एक युवक ने उस पर जानलेवा हमला किया था। युवती ने सीओ सादाबाद को दिए बयान में तीन और युवक के नाम बताए थे, जिसके बाद पुलिस ने केस में गैंगरेप की धारा बढ़ा दी थी। इस मामले में पुलिस चारों आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। युवती के साथ हुई हैवानियत के बाद वह कई दिनों तक बेहोश रही। तबीयत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के एक अस्पताल में लाया गया। यहां पर इलाज के दौरान ही युवती की मंगलवार को मौत हो गई। पुलिस की मौजूदगी में युवती का शव लेकर परिजन हाथरस अपने गांव पहुंचे। आरोप है कि गांव में प्रशासन ने परिजनों को सूचित किए बगैर ही पुलिस की पहरेदारी में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया। इसको लेकर पुलिस और प्रशासन सवालों के घेरे में है।
हाथरस जिला प्रशासन ने गांव को छावनी में बदल दिया है। इसी दौरान शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन के साथ गांव में जाने का प्रयास किया। उनको रोकने के दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की भी हुई। जिसमें वह जमीन पर गिर गए।
--आईएएनएस
हाथरस, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस के बूलगढ़ी गांव में जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार को मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के बाद से ही माहौल में गर्मागरमी बढ़ गई है। गांव के आसपास शुक्रवार को पुलिसबल की भारी तैनाती की गई थी और यहां तक कि स्थानीय लोगों की आवाजाही भी प्रतिबंधित कर दी गई थी। मीडियाकर्मियों को पीड़ित के घर तक पहुंचने और उसके परिवार से मिलने से रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को खेतों में भी खड़ा पाया गया।
एक स्थानीय अधिकारी, जिन्होंने अपनी पहचान नहीं बताई, "उन्होंने कहा कि जिले में धारा 144 लागू होने के कारण प्रतिबंध लगाया गया है।"
उप्र के मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लखनऊ में कहा, "आज, तृणमूल पार्टी के लोगों ने गांव तक पहुंचने की कोशिश की और उनका उद्देश्य सिर्फ इस स्थिति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना था। यह 'मैं भी हूं ना' जैसा है।"
इससे पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस नेताओं को यमुना एक्सप्रेसवे पर गुरुवार को हाथरस जाने से रोका गया था।
भोपाल 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आईफा को तमाशा करार देते हुए कहा कि आईफा का राज्य में आयोजन नहीं होगा। गांधी जयंती के मौके पर शुक्रवार को गांधी भवन में आयोजित समारोह में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, "केारेाना फैला हुआ है, लोग संकट में हैं, आईफा की क्या जरुरत है। आईफा जैसे तमाशे को मैं पसंद नहीं करता। पता चला है कि कई उद्योगपतियों से राशि वसूली गई है। एक कंपनी से खबर आई कि उनसे चार करोड़ रूपये ले लिए गए, आईफा के नाम पर।"
उन्होंने आगे कहा कि "आईफा के नाम पर किन-किन से राशि वसूली गई है, इसका पता किया जाएगा। यह ठीक नहीं है, अगर राशि लेना ही है तो कोरोना के लिए लो। आईफा नहीं होगा, आईफा के तमाशे की जरुरत नहीं है।"
ज्ञात हो कि राज्य की पूर्ववर्ती कमल नाथ की सरकार ने इंदौर और भोपाल में आईफा के आयोजन का फैसला लिया था। यह आयोजन मार्च 2021 में प्रस्तावित था।
लखनऊ 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड और किसान बिल के खिलाफ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर मौन व्रत रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर मौजूद पुलिस ने कार्यकर्ताओं को शांत कराकर हटाने का प्रयास किया। लेकिन वह नहीं मानें, इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। सपाई फिर सड़कों पर आ गए और नारेबाजी करने लगे। हालात नियंत्रण से बाहर होते देख पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने का प्रयास किया। इस दौरान दो सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया है। सपा के सभी विधायक और एमएलसी पार्टी कार्यालय पर जुटे और पैदल मार्च शुरू किया। इस दौरान राजभवन चौराहे पर उन्हें पुलिस ने रोक दिया। उधर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर गांधी प्रतिमा की तरफ सपा विधायकों के हो रहे मार्च को रोक दिया। इस दौरान नेता विपक्ष राम गोविंद चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की काफी देर तक पुलिस से नोकझोंक होती रही।
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री चौराहे में भारी संख्या में फोर्स तैनात की गई थी। वहीं प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए विक्रमादित्य मार्ग बंद करा दिया गया। इस दौरान राजभवन जाने वाली सड़क को भी बंद कर दिया गया था।
समाजवादी पार्टी के सभी विधायक पहले राज भवन चौराहे पर धरने पर बैठे थे। कई घंटे की धक्का-मुक्की के बाद सभी विधायक हिरासत में लिए गए। इसके बाद इन्हें इको पार्क भेज दिया गया। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी हिरासत में लिए गये। वहीं कई कार्यकर्ता लाठीचार्ज में घायल हुए हैं। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल पूर्व विधायक इंदल रावत को भी हिरासत में लिया। सपाइयों का कहना है कि प्रदेश में जंगलराज है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के एडीजीपी प्रशांत कुमार ने एक दिन पहले यह दावा किया था कि फोरेंसिक रिपोर्ट में हाथरस की पीड़िता के साथ दुष्कर्म का जिक्र नहीं किया गया है, इस पर कांग्रेस ने शुक्रवार को आईपीएस अधिकारी को लॉ स्कूल में वापस जाने और खुद को 2013 में संबंधित कानून में किए गए संशोधन को लेकर अपडेट करने के लिए कहा। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, "उप्र के एडीजीपी को कानून स्कूल वापस जाने और 2013 में भारतीय दंड संहिता (दुष्कर्म) की धारा 375 में किए गए संशोधन पर खुद को अपडेट करने की सलाह दी जानी चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "उन्हें संशोधन से पहले दुष्कर्म क्या था उन्हें यह भी जानने के लिए 'उप्र राज्य बनाम बाबुल नाथ' में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पढ़ना चाहिए। वीर्य के निशान का अभाव कोई प्रासंगिकता नहीं है।"
चिदंबरम, जो सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं, उन्होंने आगे कहा, "उप्र पुलिस अपने आप में एक कानून है। एडीजीपी ने एक कोर्ट की भूमिका निभाई है और कानून के बेतुके प्रस्तावों की कलात्मक व्याख्या कर रहे हैं, जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित कानून के विपरीत हैं।"
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) ने बयान में कहा था, "फोरेंसिक रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि शरीर पर कोई वीर्य नहीं पाया गया। हमें लगता है कि कुछ लोगों ने स्थिति का फायदा उठाया, सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की और इसे जाति को लेकर संघर्ष के रूप में पेश किया। हम इसकी जांच कर रहे हैं और उन लोगों को गिरफ्तार करेंगे जो माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।"
पुलिस अधिकारी ने फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला दिया और दावा किया कि मंगलवार को आघात के कारण 19 वर्षीय युवती की मौत हो गई।
पीड़िता को मिले उपचार को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर कांग्रेस उंगली उठा रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, "इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ का एक मजबूत और उत्साहजनक आदेश। पूरा देश हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहा है। यूपी सरकार द्वारा उसके परिवार के साथ किए गए काले, अमानवीय और अन्यायपूर्ण कृत्य के बीच हाईकोर्ट का आदेश आशा की किरण की तरह है।"
वहीं गुरुवार को पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस पहुंचने की कोशिश कर रहे कांग्रेस नेताओं को आगे नहीं बढ़ने दिया गया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा दोनों पर 150 से अधिक पार्टी कार्यकतार्ओं के साथ महामारी रोग अधिनियम और अन्य कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस में 19 साल की युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में पूरे देश में आक्रोश फैला हुआ है। वहीं इस मामले पर तमाम विपक्षी पार्टियों ने यूपी सरकार को कटघड़े में खड़ा कर दिया है। भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। गांधी जयंती के मौके पर चन्द्रशेखर आजाद ने कहा, "प्रधानमंत्री जी कब तक आप चुप रहेंगे, हम आ रहें है इंडिया गेट। आपसे जवाब मांगने। चन्द्रशेखर आजाद ने एक वीडियो संदेश के जरिये प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, भारत के प्रधानमंत्री कहते हैं कि दलितों को मत मारो, चुनाव से पहले वह दलितों के पैर धोते हैं और नारा देते हैं 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ'। जिस उत्तर प्रदेश से चुनकर सदन में गए, उसी उत्तर प्रदेश के हाथरस की बेटी के साथ हैवानियत होती है। उसकी हड्डी तोड़ी जाती है, उसकी जीभ काट दी जाती है। रेप और उसका कत्ल होता है वहीं उसके शव को कचरे की तरह जलाया जाता है।
उत्तर प्रदेश में मानवता शर्मसार होती है उसके परिवार को बंधक बना लिया जाता है, प्रशासन द्वारा धमकी दी जाती है। तब प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं बोलते हैं। ना प्रधानमंत्री को उस पीड़िता के परिवार की चीखें सुनाई देती है, कब तक आप चुप रहेंगे प्रधानमंत्री जी? आपको जवाब देना पड़ेगा।
आज शाम 5:00 बजे हम लोग आ रहे हैं इंडिया गेट। आप से जवाब मांगने। आप की चुप्पी बेटियों के लिए खतरा है। आपको बोलना पड़ेगा आपको जवाब देना पड़ेगा आपको न्याय करना पड़ेगा।
हालांकि इंडिया गेट के आस पास पुलिस प्रसाशन ने धारा 144 लगा दी है। किसी तरह से लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है।
पणजी, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| गोवा में एक शख्स ने अपनी 20 साल की बेटी को इस बात के लिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उसका संबंध एक ऐसे युवक से था जो पिता को पसंद नहीं था। गोवा पुलिस ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। उत्तरी गोवा के सैंक्विलेम के निवासी आरोपी पिता 46 वर्षीय सुनील कुमार राजन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बिचोलिम पुलिस स्टेशन के एसएचओ महेश गडेकर ने कहा, आरोपी गुस्से में था कि उसकी बेटी का एक लड़के से अफेयर था। उसने गुरुवार दोपहर को कई बार उसके सिर पर क्रिकेट के स्टंप से प्रहार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। बाद में उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने शुक्रवार को लड़की की मौत के बाद इस मामले में गैर इरादतन हत्या का केस भी जोड़ दिया।
लखनऊ, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| योगी आदित्यनाथ की सरकार ने महामारी के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ दुर्गा पूजा मनाने की अनुमति आखिरकार दे दी है। दुर्गा पूजा पंडाल अब खुले में धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं, बशर्ते उन्हें कोविड के सभी दिशा-निदेशरें का पालन करना होगा, जैसे सामाजिक दूरी का पालन करना और मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
किसी सीमित स्थान में होने वाले कार्यक्रमों में लोगों की संख्या पर प्रतिबंध भी लगाया गया है। इसके मद्देनजर हॉल की क्षमता के अनुसार मात्र 50 प्रतिशत और अधिकतम 200 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।
नए दिशानिर्देश 15 अक्टूबर से लागू होंगे, वहीं नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं।
सरकार के इस फैसले से दुर्गा पूजा समितियों में खुशी की लहर दौड़ गई है, वह पहले से ही त्योहार की तैयारियों में जुट गई हैं।
जानकीपुरम इलाके में एक दुर्गा पूजा समिति के सदस्य आनंद बनर्जी ने कहा, "हमने गुरुवार की पूरी रात दुर्गा पूजा समारोहों की योजना तैयार करने में बिताई, क्योंकि हमारे पास 15 दिनों से भी कम समय है। हम दुर्गा पूजा समारोह आयोजित करने की अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री के आभारी हैं।"
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से राज्य में दुर्गा पूजा पंडालों को पूजा आयोजित करने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य विधानसभा में विपक्षी नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा था कि दुर्गा पूजा पंडालों पर प्रतिबंध 'लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर सीधा हमला था।'
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा था कि भाजपा धर्म को लेकर स्वतंत्रता की बात करते समय चयनात्मक नहीं हो सकती है और वे लोगों के बीच अंतर करने के लिए महामारी का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा, "यदि रामलीला को प्रतिबंधित दर्शकों के साथ अनुमति दी जा सकती है, तो दुर्गा पूजा के लिए क्यों नहीं?"
इस बीच, सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ 15 अक्टूबर से फिर से खोलने की अनुमति मिल गई है।
नए अनलॉक चरण के तहत नियमों की सूची में पूरी तरह से केंद्र के दिशानिदेशरें का पालन किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार रात कहा कि सभी स्कूल और कोचिंग सेंटर 15 अक्टूबर से चरणबद्ध तरीके से कक्षाएं शुरू कर सकते हैं।
हालांकि, इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा को न सिर्फ प्रोत्साहित किया जाएगा, बल्कि उसे प्राथमिकता भी दी जाएगी। यहां तक कि अगर कक्षाएं शारीरिक रूप से आयोजित कराई जाती हैं, तो जो छात्र इसमें वर्चुअल तरीके से भाग लेना चाहता है, उन्हे ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी। किसी भी बच्चे को माता-पिता की सहमति के बिना शारीरिक रूप से कक्षाओं में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। जो स्कूल शारीरिक तौर पर कक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लेंगे उनको शिक्षा विभाग द्वारा जारी एसओपी का पालन करना होगा।
सरकार द्वारा वित्त पोषित विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान गृह मंत्रालय के परामर्श से उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर खुलेंगे। निजी विश्वविद्यालय और संस्थान पीएचडी और स्नातकोत्तर छात्रों को अनुमति दे सकते हैं, जिन्हें परिसर में जाने के लिए प्रयोगशालाओं की आवश्यकता होती है।
हाथरस, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| देश को झकझोर देने वाले 2012 के निर्भया दुष्कर्म मामले की पैरवी कर चुकीं वकील सीमा कुशवाहा अब हाथरस पीड़िता का केस लड़ेंगी। सीमा ने गुरुवार को पीड़िता के परिवार से मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने से रोक दिया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मैं परिवार से मिले बिना हाथरस से नहीं जाऊंगी। उन्होंने मुझसे उनका वकील बनने का अनुरोध किया था लेकिन प्रशासन मुझे उनसे मिलने की अनुमति नहीं दे रहा है।"
सीमा ने कहा कि वह पीड़िता के भाई के संपर्क में हैं।
सीमा कुशवाहा 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा की पारिवारिक वकील थी, जिसके साथ 16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में एक किशोर सहित छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था।
बाद में सिंगापुर के एक अस्पताल में निर्भया की मौत हो गई।
2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के सभी चार दोषियों - अक्षय सिंह ठाकुर, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को इस साल मार्च में फांसी दी गई थी।
हाथरस की 19 वर्षीय लड़की ने मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया।
सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है और कहा है कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। मामले के सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अतिरिक्त महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा है कि दिल्ली में डॉक्टरों की एक टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया गया था, जिससे पता चला है कि लड़की की मौत गर्दन की चोट के कारण हुई थी और दुष्कर्म की कोई पुष्टि नहीं हुई ।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को कहा कि इसने छत्तीसगढ़ में पिछले साल भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या मामले में 33 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है। यहां एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने गुरुवार को जगदलपुर में एनआईए अदालत में 33 लोगों के खिलाफ चार्जशीट (आरोप पत्र) दायर किया, जिनमें से छह को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मामले के पांच आरोपी पहले ही मर चुके हैं, जबकि 22 अभी भी फरार हैं।
एनआईए ने मदका राम ताती, भीमा राम ताती, लिंगे ताती, लक्ष्मण जायसवाल, रमेश कुमार कश्यप और हरिपाल सिंह चौहान को गिरफ्तार किया, ये सभी दंतेवाड़ा के रहने वाले हैं।
पिछले साल 9 अप्रैल को दंतेवाड़ा के कुआकोंडा पुलिस स्टेशन के पास श्यामगिरी गांव में नक्सली हमले में दंतेवाड़ा के तत्कालीन विधायक भीमा मंडावी और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) के पुलिसकर्मियों सहित मारे गए थे।
नक्सलियों ने हमले में मारे गए सुरक्षाकर्मियों के हथियार और गोला-बारूद भी लूट लिए थे।
एनआईए ने इस साल मार्च में जांच की कमान अपने हाथ में ली थी।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रारंभिक रूप से कोई सुराग उपलब्ध नहीं होने के बाद, कई गवाहों की जांच के बाद, नक्सली कैडरों के आत्मसमर्पण और कठोर तकनीकी विश्लेषण के बाद मामले में सफलता हासिल की गई।
उन्होंने कहा, "जांच के दौरान, एनआईए ने छह आरोपियों -- मडका, भीमा, लिंगे, लक्ष्मण, रमेश और हरिपाल को गिरफ्तार किया, जिन्होंने नक्सलियों को आश्रय, भोजन, लॉजिस्टिक सहायता, बिजली के तार और स्टील के कंटेनर उपलब्ध कराए थे।"
अधिकारी ने कहा, "जांच में पाया गया कि दंतेवाड़ा के तत्कालीन विधायक को मारने का फैसला पश्चिम बस्तर में दिसंबर 2018 में आयोजित दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) की स्तर की बैठक में लिया गया था।"
बलरामपुर (उत्तर प्रदेश), 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| बलरामपुर जिले में 22 वर्षीय दलित युवती से कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक प्रमुख गवाह सामने आया है। गौरतलब है कि पीड़िता की मौत हो चुकी है। वह एक स्थानीय डॉक्टर है, जिसे दो आरोपियों ने पीड़िता के इलाज के लिए सबसे पहले बुलाया था। डॉक्टर को पास के एक बाजार में अन्य आरोपी द्वारा संचालित किराने की दुकान के पीछे एक कमरे में ले जाया गया था।
डॉक्टर ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि आरोपियों में से एक पीड़िता के इलाज के लिए मंगलवार को उनके क्लिनिक आया था और उन्हें अपने साथ घर ले गया। शाम को करीब 5 बजे पी़ड़िता को परिवार के सदस्य के रूप में पेश किया गया।
डॉक्टर ने कहा कि जब उन्होंने पीड़िता को अकेले सोफे पर लेटे हुए देखा तो उन्हें संदेह हुआ।
उन्होंने कहा, "मैं वहां से यह कहते हुए लौट आया कि मैं युवती के परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में ही उसका इलाज करूंगा और मैंने आरोपियों से युवती के पिता का नाम और फोन नंबर मांगना शुरू कर दिया। युवकों ने तब मुझे बताया कि वे पीड़िता को इलाज के लिए उसके पिता के साथ क्लिनिक ही लेकर आएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। बाद में, मुझे पता चला कि वह मर गई थी।"
पीड़िता की मां ने पहले आरोप लगाया था कि युवती कॉलेज से वापस घर आ रही थी, तभी कुछ युवकों ने उसका अपहरण कर लिया था और उसे एक कमरे में ले गए जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) देव रंजन वर्मा ने कहा, "यह घटना मंगलवार को हुई जब महिला अपने गांव के पास एक कॉलेज में दाखिला लेने के लिए गई थी, लेकिन देर शाम तक घर नहीं लौटी।"
जब युवती के परिवार वाले उसकी तलाश कर रहे थे, तभी वह रिक्शा पर वापस लौटी। उसके हाथों में ग्लूकोज ड्रिप लगा हुआ था।
वर्मा ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने कहा कि महिला की हालत ठीक नहीं थी, इसलिए वे उसे पास के अस्पताल और बाद में बलरामपुर जिला अस्पताल ले गए, जहां उसने दम तोड़ दिया।
महिला के परिवार ने आरोप लगाया कि महिला के हाथ और पैर की हड्डियां टूटी हुई थी, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पोस्टमार्टम में इस तरह की कोई चोट की पुष्टि नहीं हुई है।
पीड़िता के भाई की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज होने के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376-डी और 302 के तहत क्रमश: सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के लिए मामला दर्ज किया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट कृष्ण करुणेश और पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने परिवार के सदस्यों को आश्वासन दिया कि मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नए कृषि कानूनों पर प्रधान मंत्री पर निशाना साधा है। एक वीडियो बयान में, सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री काले कानूनों को लागू करके किसानों के साथ घोर अन्याय कर रहे हैं। महात्मा गांधी की जयंती पर, सोनिया गांधी ने गांधी और लाल बहादुर शास्त्री दोनों को याद किया और कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, जबकि शास्त्री ने 'जय जवान, किसान किसान' का नारा दिया था।
उन्होंने कहा, आज देश के प्रधान मंत्री हमारे अन्नदाता किसानों पर घोर अन्याय कर रहे हैं। उनके साथ नाइंसाफी कर रहे हैं, जो किसानों के लिए कानून बनाए गए, उनके बारे में उनसे सलाह मशविरा तक नहीं किया गया। बात तक नहीं की गई, यही नहीं उनके हितों को नजरअंदाज करके सिर्फ चंद दोस्तों से बात करके किसान विरोधी तीन काले कानून बना दिए गए।
सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी इन कानूनों का तब तक विरोध करती रहेगी, जब तक इन्हें हटा नहीं लिया जाता। उन्होंने कृषि उपज मंडी समिति एक्ट (एपीएमसी) हटाने के लिए सरकार पर हमला बोला।
सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमंदों को मु़फ्त में अनाज किसानों की मेहनत के चलते मिला। उन्होंने कहा, आज जब अनाज मंडियां खत्म कर दी जाएंगी, जमाखोरों को अनाज जमा करने की खुली छूट दी जाएगी और किसान भाइयों की जमीनें खेती के लिए पूंजीपतियों को सौंप दी जाएंगी, तो करोड़ों छोटे किसानों की रक्षा कौन करेगा?
देशभर में कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन कर रही है। पार्टी के सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि राहुल गांधी पंजाब में 3 से 5 अक्टूबर तक ट्रैक्टर रैली करेंगे।
पंजाब मामलों के प्रभारी और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ पंजाब के सभी मंत्री और कांग्रेस विधायक विरोध प्रदर्शन रैलियों में भाग लेंगे।
पार्टी ने कहा कि विरोध प्रदर्शन और किसानों के दर्द को आवाज देना है, जिसकी आजीविका और भविष्य को केंद्रीय कानून द्वारा दांव पर लगा दिया गया है।
बेंगलुरु, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया की हालिया टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन के योग्य पार्टी नहीं है क्योंकि वह गठबंधन धर्म का सम्मान नहीं करती है। कुमारस्वामी ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए कहा कि जो लोग पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के घर 2018 में गठबंधन बनाने के लिए आए थे, उन्हें चुनाव के दौरान हाथ मिलाने की बात नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने सिद्धारमैया का नाम लिए बिना कहा, "जहां तक मुझे याद है, जेडी (एस) चुनावों से पहले या कभी भी गठबंधन के लिए हाथ फैलाकर किसी अन्य के घर नहीं गई है। हर बार दूसरे हमारी मदद के लिए हमारे घर आए हैं और मैं गर्व के साथ कहता हूं कि हमने अपनी सीमा के अनुसार उनकी मदद की।"
गौरतलब है कि सिद्धारमैया शुरू से ही जेडी (एस) के साथ कांग्रेस के गठबंधन के मुखर विरोधी थे।
सिद्धारमैया ने बुधवार को 3 नवंबर को दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले जेडी (एस) के साथ हाथ मिलाने के विचार का खुलकर विरोध किया था।
कुमारस्वामी और सिद्धारमैया के बीच तभी से मनमुटाव है, जब उनके नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने पिछले साल सदन के फ्लोर टेस्ट में बहुमत खो दिया था, दोनों दलों के 17 विधायकों ने इस्तीफा देकर भाजपा का हाथ थाम लिया था।
जद (एस) और कांग्रेस दोनों के इन 17 विधायकों में से दर्जन से अधिक कथित तौर पर सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी थे।
कानपुर, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| कानपुर पुलिस ने 3 जुलाई को हुए बिकरू हत्याकांड में 36 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। गौरतलब है कि इस कांड में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे। पुलिस अधीक्षक (एसपी) बृजेश श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कहा कि जांच अधिकारी ने गुरुवार को 36 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया था, उसमें कहा गया कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या पूर्व नियोजित थी।
एसपी ने कहा कि सभी आरोपियों पर आईपीसी के तहत धारा 302 और 120 बी आरोप लगाए गए हैं और आरोप पत्र 1,600 से अधिक पृष्ठों का है।
श्रीवास्तव ने कहा, जांच अधिकारी ने अपनी जांच में सभी उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक, फोरेंसिक और वैज्ञानिक सबूत एकत्र किए थे और आरोप पत्र प्रस्तुत किया था।
आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 394, 396, 504, 506 और 120 बी और सीएलए एक्ट के 34 और 7 और 3/25 आर्म्स एक्ट और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिसकर्मियों की 3 जुलाई को घात लगाकर हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे 10 जुलाई को एक मुठभेड़ में मारा गया था। उज्जैन से गिरफ्तार किए जाने के बाद कानपुर लाने के दौरान पुलिस वाहन पलटने से कथित तौर पर भागने के प्रयास में उसका एनकाउंटर किया गया।
दुबे के पांच सहयोगी भी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए।
घटना में 44 से अधिक आरोपियों की पहचान की गई, जिनमें से 36 को गिरफ्तार कर लिया गया है।