सरगुजा
अम्बिकापुर,13 जून। तीस दिनों के अंदर जानकारी नहीं दिए जाने पर राज्य सूचना आयोग ने तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अंबिकापुर पर 25 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है।
डीके सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा वर्ष 24 मई 2017 को एक आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमें एसएस रात्रे मु. का. अधि. के वाहन क्रमांक सीजी 12 एजी 0624 के संबंध में निम्नलिखित दस्तावेज की मांग की गई थी। उपरोक्त वाहन का रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस की प्रमाणित प्रतिलिपि, उक्त वाहन को किराए पर लिए जाने का विज्ञापन के प्रमाणित प्रतिलिपी,को किराया लेने से आज दिनांक तक की लॉग बुक की प्रमाणित प्रतिलिपि, उक्त वाहन को किराए की राशि कितनी भुगतान की गई भुगतान बिल वाउचर की प्रमाणित प्रतिलिपि मांगी गई थी, लेकिन 30 दिवस के अंदर जानकारी नहीं दिया गया।
राज्य सूचना आयोग द्वारा शिकायत प्रकरण क्रमांक सी/1319/ 2017 पंजीबद्ध करते हुए दिनांक 12 अप्रैल 2022 को आदेश पारित करते हुए आयोग द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जारी कारण बताओ नोटिस के उपरांत तत्कालीन जन सूचना अधिकारी एसएस रात्रे के द्वारा अपना लिखित जवाब आयोग में प्रस्तुत नहीं किया गया। इससे स्पष्ट होता है कि उन्हें अपना पक्ष समर्थन में कोई तथ्य प्रस्तुत नहीं करना है।
27 नवम्बर 2019 को जारी कारण बताओ नोटिस की पुष्टि की जाकर उसमें प्रस्तावित सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 20(1) के तहत 250/- रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 25000/- रुपए का अर्थदंड आरोपित किया गया तथा उक्त राशि की कटौती एसएस रात्रे तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अंबिकापुर जिला सरगुजा के वेतन से वसूली कर राशि शासन के खाते में जमा कर आयोग में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु आदेश दिया गया है।