सरगुजा

भारत में डायबिटीज बहुत तेजी से बढऩे के कारण छोटी उम्र में हार्ट अटैक- प्रो.मधुकर
28-Apr-2024 7:39 PM
भारत में डायबिटीज बहुत तेजी से बढऩे के कारण छोटी उम्र में हार्ट अटैक- प्रो.मधुकर

 सरगुजा एपीआई कॉन्फ्रेंस में जुटें 300 चिकित्सकों ने साझा किया अनुभव 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 28 अप्रैल। अंबिकापुर नगर के सरगंवा पैलेस रिसॉर्ट में सरगुजा एपीआई कॉन्फ्रेंस में पहुंचे काशी यूनिवर्सिटी के सीनियर रिटायर्ड प्रो. डॉ. मधुकर राय ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि खानपान में गड़बड़ी के कारण भारत देश में डायबिटीज बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण छोटी उम्र में ही लोगों को हार्ट अटैक आ जा रहा है। 

हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण व्यायाम करने की व्यवस्था नहीं होना और स्ट्रेस के कारण शरीर का तंत्र बिगड़ जाना है। स्ट्रेस के कारण ब्रेन हेमरेज, हार्ट अटैक, किडनी की बीमारी हो रही है। डायबिटीज के कारण 15-20 साल पहले ही लोगों को हार्ट अटैक आ जा रहा है। इस बीमारी से बचने के लिए डॉक्टर ही महत्वपूर्ण नहीं है पूरे समाज की भागीदारी होगी तभी इससे बचाव हो सकता है।

डॉ. श्री राय ने बताया कि आज बच्चे पढ़ाई के बोझ तले खेल नहीं पा रहे हैं, हमें पेरेंट्स और स्कूल के टीचर को यह सब बताना पड़ेगा कि उन्हें खेलने की भी आवश्यकता है। जवान लडक़े सुसाइड कर रहे हैं इन सब का कारण स्ट्रेस है। यह साइलेंट किलर है हम सबको मिलकर लड़ाई लडऩी होगी तभी स्वस्थ समाज इस देश को हम दे पाएंगे।

कॉन्फ्रेंस में पहुंचे डॉ.आशुतोष ने बताया कि डायबिटीज व हार्ट अटैक के कई कारण है। इसका एक कारण जेनेटिक भी हो सकता है, लेकिन पारिवारिक परंपरा पर इसे छोड़ देना गलत होगा और भी इसके कई कारण है। सबसे बड़ा कारण स्ट्रेस व मोटापा है। हाइट के हिसाब से आपका वजन कितना होना चाहिए, आपके खाने की थाली में क्या-क्या होना चाहिए यह लोगों को नहीं पता है। 

उन्होंने बताया कि रात में देर तक जागने का चलन हो गया है, जबकि हमें रात 10 बजे के बाद सो जाना चाहिए और 6.30 से 7 घंटे तक का नींद पूरा करके सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। छोटे-छोटे क्लब्स बनाकर एक्सरसाइज कंपटीशन करना चाहिए, साइकिल चलाना चाहिए और खेलकूद के कई एक्टिविटी में शामिल होकर इससे बचा जा सकता है। 

डॉ. आशुतोष ने बताया कि अब बदलाव आने का समय आ गया है डायबिटीज बहुत बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रही है। जो पैसा इस देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में खर्च होनी चाहिए वह विदेशी महंगी दवाइयां में चली जा रही है, ऐसे में भारत का विकास कैसे हो पाएग।

डॉ. तरुण ने बताया कि स्वस्थ शरीर में ही सुंदर मानसिकता का विकास हो सकता है। बच्चों को खेलने प्रोत्साहित करें,आज बच्चे इंटरनेट जैसे नशे की चपेट में है, इससे बच्चों को जितना दूर रखें उतना ही बेहतर है। बचपन से ही हेल्दी लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज करें तो यह बीमारी काफी दूर रहेगी। रायपुर से पहुंचे डॉक्टर अरुण केडिया ने बताया कि हार्ट अटैक से बचने का एकमात्र तरीका डिसिप्लिन के साथ रहना होगा,यह बचपन से आपके माता-पिता और विद्यालय में भी इसे बताने और इस पर काम करने और जागरूकता की आवश्यकता है।

डॉ. अरुण ने कहा कि मोटापा केवल बीमारी है और इसे डब्लूएचओ ने भी सत्यापित किया है, इसका उपचार घर के खान-पान और एक्सरसाइज से ही दूर होगा। जिस तरह धार्मिक प्रवचन होता है उसी तरह स्वास्थ्य का भी प्रवचन होना चाहिए तभी लोगों में जागरुकता आएगी।

रविवार को सरगुजा एपीआई कॉन्फ्रेंस में देश के विख्यात 300 चिकित्सकों ने किया अपने अनुभव को साझा किया। इस कॉन्फ्रेंस में नई तकनीक व दवाइयों पर भी मंथन किया गया। सम्मलेन में सर्वहारा वर्ग को सुविधा जनक तरीके से सस्ता एवं सुलभ इलाज कैसे उपलब्ध हो इस विषय पर विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा नई बीमारियों, नई तकनीक एवं नई दवाओं के बारे में अपनी जानकारी एक दूसरे से साझा किया।

इस संबंध में ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. हर्षप्रीत टूटेजा ने बताया कि आयोजन का उद्देश्य सरगुजा में स्वास्थ्य सुविधा को अधिक से अधिक सस्ता, सुलभ और मितव्ययी बनाने के साथ नई-नई तकनीक और दवाइयों के उपयोग कि जानकारी को साझा किया गया। 

इस दौरान बीमारियों के उपचार और नई दवाइयां और उसका उपयोग और किस तरीके से मरीजों को सस्ता एवं सुलभ इलाज उपलब्ध किया जा सकता है। इस पर चर्चा की गई। इस आयोजन के अध्यक्ष डाक्टर लखन, सेक्रेटरी हर्षप्रीत टूटेजा थे।

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