सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 15 जून। राष्ट्रीय ओबीसी महासभा प्रदेश इकाई छत्तीसगढ़ के आह्वान पर सरगुजा संभाग के संभागीय प्रवक्ता आनंद सिंह यादव के नेतृत्व में कलेक्टर सरगुजा के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष विधानसभा छत्तीसगढ़ रायपुर के नाम ज्ञापन सौंपा।
आज का यह ज्ञापन विभिन्न मुद्दों को लेकर दिया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य में सर्वदलीय बैठक बुलाकर बिहार के तर्ज पर ओबीसी की जातिगत जनगणना हेतु प्रस्ताव पारित, अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को वन पट्टा अधिकार पत्र दिए जाने के प्रावधान में निर्धारित अवधि को कम कर सरलीकरण, देश के अन्य राज्यों की भांति छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी से संबंधित लोक कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सुव्यवस्थित संचालन हेतु पृथक से विभाग (मंत्रालय) संचालित किए जाने का अनुरोध है, छत्तीसगढ़ के शालेय शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रमों में संविधान के अनुच्छेद 340 से तहत गठित मंडल आयोग के 40 बिन्दुओं के अनुशंसा को शामिल, अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए क्रीमी लेयर के मापदंडों में संशोधन तथा एकजाइकरण के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गये है।
शासन के निर्देशानुसार कृषि अथवा वेतन के आय को शामिल नहीं करने का उल्लेख है, जिसे तहसील स्तर पर सख्ती से लागू करने किसी भी तहसीलदार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र बनाने में वेतन अथवा कृषि आय को क्रीमीलेयर के मापदंड हेतु जोड़ते हैं तो उस पर सख्ती से कार्यवाही किए जाने, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग छत्तीसगढ़ को संवैधानिक दर्जा प्रदान, छत्तीसगढ़ राज्य के वनांचल क्षेत्रों में हाथी के उत्पात के अनेक परिवार को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
वन विभाग के माध्यम से हाथी के उप्पातों से बचने हेतु समुचित कार्यवाही किये जाने तथा अन्य परंपरागत वन निवासी (ओबीसी/एस.सी) को पेशा अधिनियम के तहत् वन अधिकार पत्र एवं 5वीं अनुसूची में शामिल करने आदि विषयों पर ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन सौंपने के दौरान संभागीय प्रवक्ता सरगुजा संभाग आनंद सिंह यादव, पंकज गुप्ता, एन.पी. गुप्ता, संजय यादव, योगेश गुप्ता एवं अन्य उपस्थित थे।