सरगुजा

‘ये रामायण है राम कथा श्री राम की’ भजन के शुरू होते ही हुई झमाझम बारिश...
16-Jun-2022 8:20 PM
‘ये रामायण है राम कथा श्री राम की’ भजन के शुरू होते ही हुई झमाझम बारिश...

अमरजीत बोले-प्रभु श्री राम का आशीर्वाद सदैव हम सब पर ऐसा ही बने रहे, 5 लाख की स्वीकृति दी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,16 जून।
दो दिवसीय रामगढ़ महोत्सव का भव्य समापन आज रामगढ़ में खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत में तेज धूप थी, लेकिन शाम ढलते ही जैसे ही ये रामायण है राम कथा श्री राम की भजन के शुरू हुई झमाझम बारिश शुरू हो गई या यूं कहे कि सरगुजा में आषाढ़ के प्रथम दिवस और बारिश का स्वागत प्रभु श्री राम के भजनों से किया गया। मनोरम प्रस्तुतियों को देखकर आम जनता मंत्रमुग्ध हो गई और न सिर्फ उदयपुर बल्कि पूरा सरगुजा राममय हो गया।

 झमाझम बारिश को देखते हुए मंत्री अमरजीत बोले-प्रभु श्री राम का आशीर्वाद सदैव हम सब पर ऐसा ही बना रहे, वहीं इस मौके पर जनप्रतिनिधियों ने मंत्री अमरजीत भगत को बताया कि रामगढ़ महोत्सव के लिए उनके पास फंड नहीं रहता है, जिस पर मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के होते हुए छत्तीसगढ़ को कभी फंड की कमी नहीं हो सकती। उन्होंने तुरंत ही स्टेज से रामगढ़ महोत्सव के लिए 5 लाख की स्वीकृति दी, साथ ही वहां पर प्रस्तुति दे रहे समस्त कलाकारों को अपनी तरफ से 11 हजार का इनाम देने की घोषणा की।

आषाढ़स्य प्रथम दिवसे के अवसर पर आयोजित रामगढ़ महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को संस्कृति मंत्री  अमरजीत भगत के मुख्य आतिथ्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सर्वप्रथम अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यालयीन एवं आमंत्रित कलाकारों के द्वारा सरगुजिहा और छत्तीसगढ़ी गीत, संगीत एवं नृत्य की सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। पारंपरिक व आधुनिक गीत-संगीत से रामगढ़ झंकृत हो उठा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री भगत ने कहा कि रामगढ़ भगवान श्री राम के वनवास काल का एक महत्वपूर्ण पड़ाव रहा है। रामगढ़ की भूमि भगवान श्री राम के चरण धूलि से पवित्र है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राम वन गमन परिपथ के माध्यम से वनवास काल में प्रभु श्री राम जिन स्थलों से होकर गुजरे थे उन स्थलों को संरक्षित व विकसित करने का काम कर रही है। इस परिपथ के माध्यम से पूरे प्रदेश के ऐतिहासिक और धर्मिक स्थलों का ऐसा सौंदर्यीकरण किया जा रहा है जिसे देख कर देश दुनिया के लोग श्री राम के चरणों मे शीश झुकायेंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष से रामगढ़ महोत्सव का दोनों दिनों का आयोजन रामगढ़ में ही हो रहा है यह अच्छा निर्णय है। रामगढ़ की भव्यता दिनों दिन बढ़ती जाएगी।

छत्तीसगढ़ खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा ने कहा कि रामगढ़ भगवान श्री राम के चरण कमल से पावन धरा है। इसको सहेजने और विकसित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।

 कार्यक्रम को बीस सूत्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री अजय अग्रवाल, जिला पंचायत सदस्य श्री राजनाथ सिंह ने भी संबोधित किया।

कलेक्टर संजीव कुमार झा ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि रामगढ़ महोत्सव को इस बार बेहतर बनाने का प्रयास किया गया है।

शोध संगोष्ठी के अध्यक्ष डॉ. निलिम्प त्रिपाठी ने कहा कि सरगुज़ा अंचल में फैले ऐतिहासिक एवं पुरातत्विक स्थलों के संबंध में प्रामाणिक जानकारी के लिए डाटाबेस तैयार करना चाहिए। इसके साथ ही यहां कालिदास शोध अकादमी की स्थापना भी होनी चाहिए जिससे कि इस क्षेत्र के शोधार्थियों को नई पहचान मिले।

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