राजनांदगांव
कांकेतरा में दो साल पूर्व हुए घटना में आरोपी को स्थानीय अदालत से मिली थी फांसी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 जून। कांकेतरा गांव में करीब दो साल पूर्व एक 4 वर्षीय मासूम का रेप और जघन्य हत्या के आरोपी को स्थानीय अदालत से मिली फांसी की सजा को बिलासपुर हाईकोर्ट ने ताउम्र उम्रकैद में बदल दिया है।
अगस्त 2020 में कांकेतरा गांव में 4 साल की अबोध बच्ची एकाएक लापता हो गई। बच्ची की तलाश में पूरा गांव जुट गया। गांव के बाहर एक खंडहरनुमा मकान में बच्ची मृत हालत में मिली। इस घटना की जांच करते पुलिस ने शेखर कोर्राम नामक युवक को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने चालाकी दिखाने की कोशिश की, लेकिन वह पुलिस की नजरों से बच नहीं पाया।
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी ने गांववालों के साथ बच्ची को ढंूढने का नाटक किया। पुलिस ने शेखर कोर्राम को वारदात के कुछ घंटों के भीतर गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के सामने आरोपी ने अपने बचाव में कई कोशिशें की, लेकिन ठोस सुराग के आधार पर आरोपी को पुलिस ने धरदबोचा।
राजनांदगांव की फास्ट ट्रेक पास्को अदालत ने कुछ महीनों में ही आरोपी के कृत्य को गंभीर मानते हुए लोक अभियोजक की मांग पर फांसी की सजा सुनाई। इसके बाद आरोपी ने निर्णय को चुनौती देते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट में उम्रकैद में बदलने की मांग की। जिस पर हाईकोर्ट की जस्टिस रजनी दुबे की डबल बेंच ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। आरोपी इन दिनों रायपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है। जेल में रहते हुए आरोपी ने विधिक सेवा प्राधिकरण में फांसी की सजा पर पुर्नविचार करने की मांग की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन के रिपोर्ट के आधार पर, उसके उचित बर्ताव को दृष्टिगत रखते हुए फांसी की सजा को निरस्त कर दिया।