राजनांदगांव
प्रशासनिक अफसरों ने अपमान की आशंका को लेकर झंडा उतारने की अपील
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 15 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आजादी की 75वीं वर्षगांठ को पूरे भारत में आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाने और हर घर तिरंगा अभियान का शुभारंभ 13 से 17 अगस्त तक किया था।
इस अभियान में नागरिकों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया और अपनी सहूलियत के हिसाब से अपने घरों और छतों पर तिरंगा लगाया था, परन्तु लगभग एक माह बीत जाने के बाद भी अधिकांश लोगों ने अपने घरों पर लगाए झंडे नहीं उतारा है। झंडे को 17 तारीख के बाद उतार लिया जाना चाहिए था। लंबे समय ततक बरसात और धूप को सहने के बाद तिरंगे का रंग फीक हो सकता है एवं उसमें लगे लकड़ी सडक़र टूट कर गिर सकता है। जिससे झंडे का अपमान हो सकता है। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने तिरंगा झंडा के अपमान की आशंका को लेकर झंडा उतारने की अपील की।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शासन ने तिरंगा फहराने के लिए गाईड लाइन जारी किए थे। नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायतों में झंडे बांटे भी गए थे, परन्तु झंडा उतारने को लेकर कोई गाईड लाइन जारी नहीं किया था। जिसके चलते अधिकांश लोगों ने आज भी झंडा नहीं उतारा है, जो भविष्य में गंभीर मामला बन सकता है।
थाना प्रभारी राजेश देवदास ने बताया कि ग्राम पंचायतों में झंडा उतारा लिए जाने को लेकर मौखिक तौर पर बोला गया है। झंडा का अपमान संबंधी अगर शिकायत मिलती है तो संवैधानिक कार्रवाई किया जाएगा। गंडई सीएमओ प्रमोद शुक्ला ने बताया कि हमने 2 हजार झंडे नगर में वितरण किए थे और 17 तारीख के बाद झंडे उतार लिए जाने को लेकर लोगों को आग्रह किए थे। अभी वर्तमान में भी इस ओर कर्मचारियों को निर्देशित किए हैं। गंडई के एक व्यापारी जैकी सिंघानिया ने लोगों से अपील करते कहा कि घरों एवं दुकानों में लगे झंडे को ससम्मान उतार लेना चाहिए, झंडा भारत की शान है।