बीजापुर
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चीता प्रोजेक्ट आई चर्चा में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 16 सितंबर। देश से लगभग विलुप्त हो चुके चीते एक बार फिर से देश में दिखने लगेंगे। केंद्र सरकार ने चीता प्रोजेक्ट के तहत आठ चीते नामीबिया से भारत मंगवाएं हैं। जिन्हें मध्यप्रदेश के कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में रखा जाएगा।
भैरमगढ़ स्थित एकलव्य संस्था में वन परिक्षेत्र अधिकारी योगेश रात्रे की अगुवाई में चीता प्रोजेक्ट को लेकर प्रकृति प्रेमियों सर्पमित्रों की टीम प्रकृति और हम( ए जेड एन) ने बच्चों को जानकारी देते उन्हें जागरूक किया।
बताया गया है कि 17 सितंबर को केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया से 8 चीते भारत लाये जाएंगे। इन्हें मध्यप्रदेश के कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में रखा जाएंगे। इस राष्ट्रीय उद्यान को चुनने के पीछे एक मात्र वजह थी कि कूनो उद्यान ऐसी जगह थी, जहां भारत की बड़ी बिल्लियों की चारों प्रजातियां बाघ, शेर, चिता व तेंदुआ साथ रहते थे। सब कुछ ठीक रहा तो भारत के जंगल में फिर से चीते दिखने लगेंगे।
बताया गया है कि अभी फिलहाल 8 चीतों को लाये जाएंगे। यहां चीतों के ढलने की काबिलियत व संख्या को देख आने वाले सालों में चीते मंगवाएं जाएंगे।
जानकारी में बताया गया कि सन 1948 में भारत की बड़ी बिल्ली का अंतिम बार शिकार हुए था। वहीं सन 1952 के सर्वे में यह विलुप्त घोषित किये गए। इसके बाद चीता के पुनर्वास का लगातार प्रयास किया गया। लेकिन लंबी अवधि के बाद यह वर्तमान में केंद्र सरकार के कार्यकाल में संभव हो पाया। शनिवार 17 सितंबर को अफ्रीका महाद्वीप के नामीबिया से 8 चीते भारत पहुंच रहे हैं। जिससे देश में उत्सुकता का माहौल हैं।
इस अवसर पर भैरमगढ़ परिक्षेत्र अधिकारी योगेश रात्रे, पर्यावरण कार्यकर्ता अमित मिश्रा, अक्षय मिश्रा, मनोज हलधर, दीपक ठाकुर, मनोज कश्यप व कमल किशोर रावत ने व्याख्यान दिया।