राजनांदगांव
महकमे के फैसले पर नाराज हैं शिक्षक संघ, अद्र्धवार्षिक की तैयारी पर पड़ेगा असर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 दिसंबर। शिक्षा महकमे के एक अजीबो-गरीब फरमान से गांव-देहातों में आयोजित होने वाले रामायण मंडली प्रतियोगिता में शिक्षकों को जिम्मा दिया गया है। प्रतियोगिता में स्कूली शिक्षक उद्घोषक और निर्णायक की भूमिका में रहेंगे। शिक्षा विभाग ने ऐसे वक्त पर शिक्षकों को अध्यापन कार्य से परे होकर गैर शिक्षकीय कार्य का जिम्मा दिया है, जब स्कूलों में अद्र्धवार्षिक परीक्षा की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा रामायण मंडली प्रतियोगिता का आयोजन जोन स्तर में करने का आदेश दिया गया है। यह प्रतियोगिता जोन के बाद ब्लॉक, जिला और फिर राज्य स्तर पर आयोजित होगी। 10 और 11 दिसंबर को राजनांदगांव जिले में जोन स्तर पर शिक्षकों को रामायण मंडली प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए लिखित आदेश जारी किया है। जिसमें कुछ शिक्षकों को उद्घोषक और निर्णायक नियुक्त किया गया है।
बताया जा रहा है कि राज्य सरकार सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। जबकि शिक्षकों का कहना है कि स्कूलों का अध्यापन कार्य इससे प्रभावित हो रहा है। पहले से ही शिक्षकों की कमी से अध्यापन बुरी तरह से प्र्रभावित हुआ है। ऐसे में सरकार के इस फैसले से विद्यार्थियों को नुकसान होगा। बताया जा रहा है कि जोन स्तर में संकुलों के द्वारा मानस मंडली की जानकारी तैयार की गई है। बकायदा शिक्षकों का नाम और मोबाइल नंबर सूची में अंकित किया गया है। कई शिक्षक इस बात से हैरान हैं कि मानस मंडली कार्यक्रम में उनकी उपयोगिता नहीं होने के बावजूद सरकार के निर्देश पर विभाग ने जवाबदारी दी है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी राजेश सिंह ने च्छत्तीसगढ़’ से कहा कि शासन के निर्देश पर शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। जिला प्रशासन के देखरेख में रामायण मंडली प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस बीच कई स्कूलों के शिक्षकों ने इस पर आपत्ति जाहिर की है। शिक्षकों से मूल कार्य लेने के बजाय महकमा उल-जुलूल तरीके से काम कर रहा है। स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था पर इसका प्रतिकूल असर पडऩा भी तय है।