बेमेतरा
राम सीता की झांकी रहा आकर्षक का केंद्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 25 फरवरी। विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भरचट्टी रेवे में आयोजित राम कथा के चौथे दिन कथा व्यास इन्द्रदेश्वरानंद महराज ने श्री राम विवाह कथा का वर्णन अपनी सुरीली व मधुर वाणी से किया। सुबह श्री राम बारात निकाली गई। रथ पर दशरथ के चारों पुत्र विराजमान थे। वहीं इस बारात में शामिल बाराती ढोल नगाड़ों की धुन पर थिरकते आए। राम बारात का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। भगवान राम की कई झांकियां भी पेश की गईं। इन्हें देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे। कथा व्यास के मार्गदर्शन में भगवान श्री राम और जनकनंदिनी सीता का विवाह हिदु परंपरा के अनुसार करवाया तत्पश्चात कथावाचक ने दशरथ के चारों पुत्र और राजा जनक की चारों पुत्रियों को आशीर्वाद दिया। मंदिर में प्रसाद वितरित हुआ।
राम-सीता के विवाह का विस्तार से वर्णन
कथा व्यास महराज ने श्रीराम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे।
इस अवसर पर समिति के सदस्य किसान नेता योगेश तिवारी, दिलीप निषाद, पिंटू सिन्हा, नीतू पांडे, गोवर्धन यादव, कुलदीप जोशी, सोनू दाउ, पप्पू निषाद, महेश सिन्हा, पगलू राम सिन्हा, संजय सिंह राजपूत, सुधा शर्मा, छत्रपाल वर्मा देवेंद्र दाउ राहुल राजपूत जगन्नाथ निषाद दीपक निषाद, चेतन सिंह राजपूत, माखन गोड, दुर्गा प्रसाद, उपस्थित थे।