बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 26 फरवरी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा जिले में कुपोषण की दर कम करने कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा के मार्गदर्शन में पो_ लइका अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान के क्रियान्वयन के लिए अनुविभागीय अधिकारी सुरुचि सिंह ने ग्राम जेवरी के आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर गांव की शिशुवती एवं गर्भवती माताओं को पो_ लइका अभियान एवं आंगनबाड़ी केन्द्र में दी जा रही सुविधाओं व पौष्टिक आहार की जानकारी दी। पो_ लइका अभियान के तहत शासन द्वारा आंगनबाड़ी के बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जबकि मिड-डे-मील योजना स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत अंडे और केले का भी वितरण किया जा रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के साथ इन योजनाओं ने भोजन की उपलब्धता की समस्या को समाप्त कर दिया है। कुपोषण दूर करने की दिशा में ये बड़े कदम हैं।
हालांकि, अभी भी एक अंतर मौजूद है जिसमें कब और क्या खाना चाहिए, इसके बारे में ज्ञान सभी परिवारों के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं है। पायलट प्रोजेक्ट में बेमेतरा अनुभाग के 40 गांवों को कवर किया जाएगा। मुख्य उद्देश्य जिले में कुपोषण को खत्म करना है।
मिशन के तहत होने वाली गतिविधियां
प्रत्येक शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग व बिहान के कार्यकर्ता द्वारा 40 गांवों के प्रत्येक घर में जाकर बच्चों के माता-पिता को समझाएंगे कि क्या खाएं और कब खाएं। इसके साथ ही उन्हें तिरंगा भोजन के बारे में भी बताया जाएगा, खाना खाने से पहले हमेशा हाथ धोना चाहिए, रेडी-टू-ईट कैसे इस्तेमाल करना चाहिए। बच्चों को दिन में कम से कम 3 बार कैसे खिलाना चाहिए। उन्हें जंक फूड को न कहने के लिए भी प्रोत्साहित करेंगे और प्रोटीन (अंडे, दूध, मांस, मछली, दाल, सोयाबीन, आदि) के महत्व को भी समझाएंगे। यह गांव के सभी घरों के लिए होगा लेकिन कुपोषित बच्चों के घरों पर विशेष ध्यान होगा। हमें उस समय पर ध्यान देना चाहिए जब बच्चा ठोस आहार खाना शुरू करता है क्योंकि उस समय में कुपोषण की संभावना अधिक होती है इसलिए माताओं को इस बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।