दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 23 मई। प्रिज्म ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन द्वारा रिसर्च इन हैंरेसमेंट विषय पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अपोलो कॉलेज से बी.एड डिपार्टमेंट के प्राचार्य डॉ. सिद्धार्थ जैन उपस्थित थे तथा रिसोर्स पर्सन के रूप में रुंगटा इंस्टीट्यूट से डॉ. आर.के राठौर,आईसीएफएसआई यूनिवर्सिटी से डॉ.अर्ची दुबे तथा खूबचंद बघेल गवर्नमेंट कॉलेज भिलाई की डॉ. शीला विजय उपस्थित थी।
ईश्वरीय वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई, साथ ही उपस्थित गणमान्य अतिथि का स्वागत प्रिज्म संस्थान की डायरेक्टर, ख्याति साहू ने ग्रीन पॉट और गिफ्ट देकर किया स्वागत। प्रिज्म संस्थान के चेयरमैन रूपेश कुमार गुप्ता ने बताया कि आज के समय में हमें रिसर्च हेतु नई टेक्नोलॉजी को जानना कितना आवश्यक है, इसके उपरांत विशिष्ट अतिथि सिद्धार्थ जैन सर ने अपने संबोधन में रिसर्च को एक धर्म की तरह बताया जिसे बहुत ही पवित्रता के साथ जीना चाहिए।
तत्पश्चात आर के राठौड़ सर ने रिसर्च वर्क में एडवांस वर्जन मेंडली सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने से लेकर उसके उपयोगिता तक की जानकारी बड़ी ही सरलता के साथ ऑनलाइन और ऑफलाइन जुड़े प्रतिभागियों को दी, तथा उनके द्वारा पूछे गए समस्या का समाधान भी किया।
कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में डॉक्टर अर्ची दुबे ने टेस्टिंग आफ हाइपोथेसिस, क्यू किया जाता हैं, और कैसे किया जाता हैं, तथा रिसर्च करने हेतु इसे कैसे अप्लाई किया जाता है, उसे विभिन उदाहरण के माध्यम से प्रस्तुत किया। टी ब्रेक के बाद अंतिम सेशन में शीला ने प्लैगरिज्म क्या है, और रिसर्च फील्ड में इसकी सहायता से साहित्य चोरी को कैसे रोका जा सकता है आदि विषयों से अवगत कराया।
कार्यक्रम के अंत में प्रिज्म संस्थान की प्राचार्य डॉ अंजना शरद ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया और साथ ही बताया कि जब वो रिसर्च कर रही थी, तो इस प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। संपूर्ण कार्यक्रम आईक्यू एसी कॉर्डिनेटर डॉ. दुर्गा त्रिपाठी की देखरेख में संचालित हुआ, जिसमें डॉ. प्रियंका और उनकी टीम, मैरीना एलिजर, आईटी डिपार्टमैट के हेड प्रकाश कश्यप और उनकी टीम तथा बीएड डिपार्टमेंट की रेखा मैम, लीना मैम एवं अन्य प्राध्यापिकाओं का पूर्ण सहयोग रहा।