दुर्ग

किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहिए
30-Apr-2024 1:50 PM
किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहिए

कन्हारपुरी किसान बईठका में उठा मुद्दा

दलहन, तिलहन व सब्जी की फसल लेने वाले किसानों को आदान सामाग्री देने मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 30 अप्रैल। पांच सौ रुपए का सम्मान नहीं किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहिए कन्हारपुरी में आयोजित किसान बईठका में किसानों ने यह मुद्दा जोर से उठाया उन्होंने धान के अलावा दलहन, तिलहन व सब्जी की फसल लेने वाले किसानों को भी आदान सामाग्री देने मांग की।

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन द्वारा आयोजित इस किसान बईठका में शामिल किसानों का कहना था कि उनके लिए कृषि उपजों का सी 2 लागत पर 50 प्रतिशत  लाभ जोडक़र न्यूनतम समर्थन मूल्य और इसकी कानूनी गारंटी अहम है। भाजपा ने 2014 में इसे लागू करने का वायदा किया था जिसे आज तक पूरा नहीं किया है भाजपा के 2024 के चुनाव घोषणापत्र में इसका कोई जिक्र नहीं है।

किसानों ने कहा कि उन्हें 500 रुपए प्रति माह का सम्मान नहीं एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहिए बईठका में शामिल किसानों ने प्रदेश के विष्णुदेव साय सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कृषक उन्नति योजना में लाखों किसानों को जो धान के बजाय दलहन, तिलहन, सब्जी आदि की फसल लेते हैं आदान राशि से वंचित कर दिया है सिर्फ सरकार को धान बेचने वाले किसान को ही प्रति एकड़ 19257 रुपए की आदान राशि दी जा रही है। सरकार के इस भेदकारी नीति का पुरजोर विरोध किया जाएगा।

लोकसभा चुनाव में मोदी  की गारंटी की बड़ी चर्चा हो रही है लेकिन मोदीजी के पास किसानों के लिए कोई गारंटी नहीं है इससे ऐसा लगता है कि किसान  उनकी प्राथमिकता में नहीं है, भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में कृषि उपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पूर्व की तरह हर साल बढ़ाने की बात कही गई है लेकिन किसानों की आय दोगुनी करने के मामले में घोषणापत्र में चुप्पी है।

इसमें शामिल किसानों ने कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र पर चर्चा करते हुए कहा कि एमएसपी की गारंटी लागू करने, किसानों का कर्ज माफ करने और खाद बीज दवा, कृषि यंत्रों से जीएसटी समाप्त करने का वायदा स्वागत योग्य है लेकिन सी 2 लागत पर 50 प्रतिशत लाभ जोडक़र न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने का वायदा कांग्रेस ने भी नहीं किया है। किसानों का कहना है कि प्रदेश में सामाजिक संगठन मजबूत है और सभी समाज की आजीविका कृषि पर निर्भर है, लेकिन एक भी सामाजिक संगठन अपनी बैठकों में किसान और किसानी पर चर्चा नहीं करते हैं।

 प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुई क्षति के राहत राशि का का जोह रहे बांट

धमधा ब्लाक में पिछले माह वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों को भारी क्षति हुई थी, और किसानों को लाखों का नुकसान हुआ था 40 दिन बीत जाने के बाद भी प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता शासन प्रशासन ने नहीं दी है, जिसे लेकर किसानों ने रोष व्यक्त किया।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news