दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 17 जुलाई। आधुनिकता के युग में सही राह दिखाकर 8 से 14 साल तक के बच्चों को संस्कारवान बनाने अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में हनोदा में बाल संस्कार शाला की शुरुवात की गई, जिसका संचालन हिमांशु साहू ने किया।
इस अवसर पर उपस्थित आचार्य गीतांजलि साहू व भेषराम पटेल ने बताया कि सबसे पहले प्रार्थना और राजकीय गीत कराई जाएगी, जिसके बाद गुरुवंदना, मंत्रोच्चार, योगाभ्यास व मनोरंजन के लिए खेलकूद करवाएंगे।साथ ही प्रेरक कहानी के माध्यम से नैतिक व संस्कार की शिक्षा देंगे।
यह जानकारी देते हैं कि हर सुबह सोकर उठने के बाद हस्तरेखा हथेली को देखकर ईश्वर को इस अमूल्य जीवन देने धन्यवाद करने के साथ माता-पिता,धरती माता को प्रणाम करना है। हर गतिविधि को 5-10 मिनट करवाया जाएगा एवं बच्चों की प्रतिभा निखारने चित्राकला, रंगोली, निबंध, कविता, महापुरुषों की जीवनी पर भाषण प्रतियोगिता व विभिन्न खेलों के माध्यम से बच्चों को एकता अखंडता की सीख देने का प्रयास किया जाएगा साथ ही समय समय पर प्रोजेक्टर वीडियो के जरिये अपनी संस्कृति व विरासत की जानकारी दी जाएगी।
गायत्री परिवार कोडिय़ा के युवा कार्यकर्ता आदित्य भारद्वाज ने कहा कि भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिक महिमा के बारे में जागरूकता और उसके माध्यम से दिव्य गुणों को विकसित करना एवं भावी पीढ़ी के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण में सुधार करना ही बाल संस्कार का मुख्य उद्देश्य है।
पूर्व आचार्य विक्की साहू ने बताया की पिछले कई दशकों से ग्राम में बाल संस्कार शाला चलाकर गायत्री परिवार ग्रामीण बच्चों को संस्कारवान बनाने का प्रयास कर रही है, जिसमें बहुत ही सफलता प्राप्त हुई है।
इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में बसंत साहू(वृक्ष प्रेमी), दानु यादव(युवा कार्यकर्ता गायत्री परिवार), प्रकाश पटेल(अध्यक्ष युवा जन कल्याण संगठन हनोदा), दिनेश पटेल(युवा कार्यकर्ता गायत्री परिवार) आदित्य भारद्वाज(सचिव व मीडिया प्रभारी शौर्य युवा संगठन कोडिय़ा),यशवंत साहू, अरुण बघेल,राजू साहू, यवेन्द्र साहू सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।