रायपुर

गुरु के चरणों में जब आपको आनंद आने लगे तो समझ लेना आपका कल्याण हो गया है-शुभंकरा श्रीजी
21-Jul-2023 6:44 PM
 गुरु के चरणों में जब आपको आनंद आने लगे तो समझ लेना आपका कल्याण हो गया है-शुभंकरा श्रीजी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 21 जुलाई। एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी प्रांगण में चल रहे मनोहरमय चातुर्मासिक प्रवचन श्रृंखला में शुक्रवार को नवकार जपेश्वरी साध्वी शुभंकरा श्रीजी ने कहा कि गुरु महाराज के चरणो में जब आपको आनंद आने लगे तो समझ लेना आप का कल्याण हो चुका है। पिछले प्रसंग में आपने सुना कि कैसे कुसंगतियों में रहने वाला व्यक्ति गुरु भगवान के वाणी का श्रवण करें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आता है। कोई भी आपको गुरु महाराज के पास चलने बोले तो आप कभी मना मत करना। गुरु भगवान को सुनते-सुनते कब कौन सा वाक्य, कौन सा शब्द आपके जीवन को प्रभावित कर कल्याण की दिशा में ले जा सकता है, यह आपको समझ में भी नहीं आएगा।

साध्वीजी ने एक संत के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि एक संत जंगल में तप कर रहे होते हैं। उनके प्रभाव से जंगल का वातावरण, वहां का आभामंडल भी पवित्र हो जाता है। जंगल के जानवर भी अपने हिंसात्मक भाव को छोडक़र उनके पास आकर बैठ जाते थे। जब संत ने देख की उनका अंतिम समय अब करीब आ चुका है तो उन्होंने संधारा अनशन का पच्चखाण कर दिया। जब उनके शरीर से आत्मा निकली तो वह अपने स्थान पर पहुंच गई। साथ ही जंगल के जानवरों की आत्मा भी पवित्र हो गई, तो हम तो व्यक्ति ही हैं। जब जानवरों की आत्मा पवित्र हो सकती है तो हमारी क्यों नहीं। इसलिए कहा जाता है कि कहा जाता है कि कुसंगति को छोड़ो क्योंकि जब आप कुसंगति को छोड़ोगे तो आपके जीवन का कल्याण हो जाएगा।

साध्वीजी ने कहा की हम जब जागे तो प्रसन्नता के साथ जागे। निद्रा हमें चार्ज करती है, आहार हमें पेट्रोल देता है और जब तक आप गाड़ी में पेट्रोल नहीं डालोगे तो वह चलेगी कैसे। आदिकाल से हम सूर्य देव को मानते आ रहे हैं। बौद्धिक सभ्यता में सूर्य नमस्कार का बहुत बड़ा महत्व है और आज भी हम सूर्य नमस्कार करने में पीछे नहीं है। आहार ग्रहण करने का सबसे उचित समय सूर्योदय के 48 मिनट बाद है और सूर्य अस्त के बाद हमें एक बूंद पानी भी नहीं पीना चाहिए।

साध्वीजी ने बताया कि जैन सिद्धांत में रात्रि भोजन का त्याग करने के बात हम वर्षों से करते आ रहे हैं। सूर्य के प्रकाश में इतनी ताकत है कि वह सूक्ष्म जंतुओं का प्रकोप हम पर नहीं पढऩे देता है। सूर्य के प्रकाश से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं। सूर्य का प्रकाश हमें पॉजिटिव ऊर्जा देता है। रात को सोने से 3 घंटे पहले हमें भोजन कर लेना चाहिए, यह स्वास्थ्य विज्ञान कहता है और यह बात जैन सिद्धांत वर्षों से कहता आ रहा है। हमारे जबड़े, हमारे दांत और हमारी पाचन क्रिया इतनी मजबूत नहीं है कि वह नॉनवेज को पचा सके। आज तो लोग अंडे को वेज के रूप में खाते हैं और बड़े मजे से कहते हैं कि संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे लेकिन हम कहते हैं कि संडे हो या मंडे, कभी ना खाओ अंडे।

हमारे पूर्वज ज्ञानियों ने बताया है कि हमें अस्त-व्यस्त समय पर भोजन नहीं करना चाहिए।

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