बलौदा बाजार

बरसात के मौसम में बीमारियों से रहें सावधान-सीएमएचओ
21-Jul-2023 7:18 PM
बरसात के मौसम में बीमारियों से रहें सावधान-सीएमएचओ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार,  21 जुलाई। लगातर बारिश के बाद धूप एवं पुन: बारिश के बीच की स्थिति सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण हो जाती है। वातावरण में आर्द्रता की शुरूआत के साथ ही कई प्रकार के रोग भी पनपने शुरू हो जाते हैं। यह मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए भी काफी अनुकूल माना जाता है, जिसके कारण बरसात शुरू होते ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी कई तरह की मच्छर जनित बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है। सीएमएचओ डॉ. महिस्वर ने बताया कि बदलते मौसम के मद्देनजर सभी लोगों को अपनी सेहत के प्रति विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। जरा सी भी लापरवाही बीमार कर सकती है। बरसात के मौसम में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, सर्दी, खांसी, उल्टी, दस्त, वायरल बुखार,फंगल इन्फेक्शन, हेपेटाइटिस और टायफाइड जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

डॉ.महिस्वर ने बताया कि मानसून में कई तरह के मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू आदि का खतरा काफी बढ़ जाता है। बारिश के दिनों में गड्ढों में भरे हुए पानी को मच्छरों के प्रजनन के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है। इस मौसम में संक्रमित मच्छरों के काटने के कारण मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है। ये दोनों ही बीमारियां गंभीर स्थिति में पहुंचने पर जानलेवा भी हो सकती हैं। इसलिए इनसे बचाव के लिए मच्छरों को पनपने से रोकना चाहिए। घर के आसपास जल जमाव नहीं होने देना चाहिए।

सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए। बुखार, उल्टी, दस्त जैसी समस्या होने पर अपने मन से दवा नहीं लेनी चाहिए, बल्कि निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक की सलाह से ही दवाईयों का सेवन करना चाहिए।

मानसून में सबसे प्रमुख बीमारियों में से एक आम सर्दी यानि कॉमन कोल्ड है। यह नम और उमस भरे मौसम में पनपने वाले वायरस की वजह से होता है। लंबे समय तक गीले कपड़े पहनने या लगातार बारिश के पानी में भीगने से सर्दी, बुखार, खांसी व फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बरसात के मौसम में तापमान में होने वाला भारी उतार-चढ़ाव शरीर को बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील बना देता है। यह मौसमी सर्दी और फ्लू का कारण बन सकता है। सर्दी और फ्लू का जोखिम कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में अधिक देखा जाता है। इनसे बचने के लिए बाहर जाते समय अपने साथ कपड़ों का एक अतिरिक्त जोड़ा रखें। एयर कंडीशनर के बजाय ताजी हवा में रहें। ताजे फल और सब्जियां खाएं तथा अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करें।

हेपेटाइटिस-ए, डेंगू और टायफाइड से रहें सावधान

डॉ.महिस्वर ने बताया कि हेपेटाइटिस- ए मुख्यत: दूषित भोजन या पानी के कारण होता है जो लिवर को प्रभावित करता है। इसके कारण बुखार, उल्टी, शरीर पर दाने आदि हो सकते हैं। पर्याप्त साफ-सफाई न होने के कारण हेपेटाइटिस-ए का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए स्वच्छता का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी है। टाइफाइड का भी मुख्य कारण दूषित पानी होता है। बारिश के मौसम में पानी इक_ा हो जाने से पैदा हुए मच्छर व गंदगी की वजह से टाइफाइड की बीमारी होती है। टाइफाइड का बुखार बैक्टीरिया संक्रमित लोगों के मल-मूत्र के जरिए दूसरे लोगों में ट्रांसफर हो सकता है। टाइफाइड और हेपेटाइटिस-ए से बचाव के लिए साफ पेयजल का सेवन करें। यदि पेयजल सुरक्षित न हो तो इसे उबालकर पीना चाहिए। 

बरसात के मौसम में पिछले कुछ वर्षों में डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप रहा है। यह बीमारी एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है। सिरदर्द, थकान, जोड़ों में दर्द, प्लेटलेट्स कम होना आदि डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर इलाज कराना चाहिए।

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