कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागाँव, 21 जुलाई। जिला मुख्यालय में संचालित निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम में स्वास्थ्य विभाग का किसी भी प्रकार की कोई मॉनिटरिंग नहीं है, जिसके चलते निजी अस्पताल संचालक बेलगाम हो चले हैं, जहां 24 घंटे सेवा देने की बात कह लाइसेंस प्राप्त करने वाले अस्पतालों में आलम यह है कि रात के 9 बजे के बाद मरीजों को डॉक्टर अब नहीं आएंगे कह अस्पतालो में दाखिला ही नहीं दिया जाता व मरीजों की सुध लेने वाला तक कोई नहीं रहता।
वहीं एक गंभीर लापरवाही का मामला जिला मुख्यालय में स्थित केएनएच अस्पताल का सामने आया है, जहां एक गर्भवती महिला शांति कोर्राम पति चौबीस राम कोर्राम ग्राम बनजगानी का डॉक्टर ने सिजेरियन प्रसव कर दिया, जिसके बाद प्रसूता महिला एक हफ्ते तक केएनएच अस्पताल में ही भर्ती रहीं। घर आने के बाद अचानक प्रसूता के पेट में असहनीय दर्द होने के चलते फिर से केएनएच अस्पताल लाया गया, जहां जांच के उपरांत डॉक्टर ने दूसरा ऑपरेशन करने की बात कही।
पीडि़त महिला के पति चौबीस राम ने बताया कि ऑपरेशन की जगह से मल निकलने लगा था जिसके बाद डॉक्टर ने आनन-फानन में दूसरा ऑपरेशन किया, जिससे मरीज गंभीर अवस्था में पहुंच चुकी हंै। लापरवाही की हद तो तब हुई जब भर्ती मरीज को अस्पताल स्टाफ ने कह दिया कि डॉक्टर साहिबा छुट्टी में है आपको रिफर किया जाता है, जिसके बाद प्रसूता का पति महिला को लेकर दूसरे अस्पताल जाने को मजबूर हो गया, जिसके बाद प्रसूता अब दूसरे निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही हंै।
केएनएच अस्प्ताल के गैर जिम्मेदाराना हरकत से नाराज पीडि़त प्रसूता के पति चौबीस राम कोर्राम ने कोतवाली पहुंच केएनएच अस्पताल की शिकायत करते जांच व कार्रवाई के लिए आवेदन दिया है।
उक्त मामले पर सीएमएचओ कोण्डागाँव डॉआर. के. सिंह से मामले पर चर्चा करने की कोशिश की गई लेकिन कई बार फोन करने के बाद भी उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।वहीं केएनएच अस्पताल की संचालक डॉ. कुमुद कुँवर से प्रसूता शांति कोर्राम के मेडिकल हिस्ट्री व उसके इलाज संबंधित जानकारी हेतु संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन भी स्विच ऑफ रहा।