जशपुर
परवरिश पर थाना प्रभारी समेत गांव के लोग रखे थे बैठक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 25 जुलाई। दो माह के बच्चे को आंगन में सुलाकर 35 वर्षीय महिला ने शनिवार की रात को फाँसी के फंदे पर झूलकर अपनी जान दे दी थी। महिला की मौत के बाद 2 माह के बच्चे की परवरिश कैसे हो इस बात को लेकर गाँव के लोग और पुलिस दोनों में चिंतित था। क्योंकि मृतिका की मौत के बाद 2 माह की बच्ची की परवरिश करने वाला कोई नहीं था। बच्ची के पिता ने बच्ची को पालने में असमर्थता जताते हुए बताया कि उसके घर में केवल उसकी बुजुर्ग माँ है, जो कि बच्ची का लालन-पालन नहीं कर सकती ऐसे में सोमवार को गाव के मानिंद लोग और पुलिस के अधिकारियों ने बच्ची को किसी को गोद देने का फैसला लिया, ताकि बच्ची का बेहतर परवरिश हो सके।
दरअसल पूरा मामला जिले के तपकरा गाँव का है। शनिवार रविवार की दरम्यानी रात खडिय़ा टोली की रहने वाली कैलाशो बाई (कैलाशपति) ने फांसी लगा ली थी। वह गोलू नाम के एक युवक के साथ लिव इन मे रह रही थी। रात में किसी बात पर दोनो के बीच झगड़ा हुआ और उसने आत्महत्या करने का फैसला ले लिया। मृतिका की एक 2 माह की बच्ची भी है।
मृतिका का पति गोलू के घर के सिवाय उसके वृद्ध माँ के कोई नहीं है। ऐसे में 2 माह की बच्ची का लालन-पालन कैसे होगा इस पर गाँव के लोग और पुलिस थाना के थानेदार हर्षवर्धन चौरासे के बीच एक बैठक हुई। स्थानीय निवासी और भाजपा नेता संतोष जायसवाल सहित बस्ती के और गांव के कई सारे लोग मौजूद थे। बैठक के बीच पता चला कि तपकरा के ही झिली बेरना बस्ती के आंगनबाड़ी में कार्यरत कार्यकर्ता सेलिना केरकेट्टा के बच्चे नहीं है और वह बच्ची को गोद लेने की इच्छुक है। फिर क्या था बैठक में वह भी आई और काफी देर तक विमर्श होने के बाद तय हुआ कि सेलिना इस बच्ची को गोद लेगी। इस पर मृतिका के घरवाले उसका पति और बस्ती के सारे लोगों ने सहमति जता दी।
तपकरा थाना प्रभारी हर्षवर्धन चौरासे ने बताया कि इस पर बस्ती और मृतिका के घरवालों ने सहमति जताई है और बच्ची को गोद लेने वाले परिवार भी पूरी तरह सहमत है। इनकी सहमति को देखते हुए गोद लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिवार को बच्चा सौंप दिया जाएगा।