बेमेतरा

मोतियाबिंद पखवाड़ा जारी, पर जिला अस्पताल में ऑपरेशन ही बंद, रेफरल केस भी बढ़े
01-Sep-2023 3:19 PM
मोतियाबिंद पखवाड़ा जारी, पर जिला अस्पताल में ऑपरेशन ही बंद, रेफरल केस भी बढ़े

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 1 सितंबर।
जिले में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह ठप हो गई है। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में हड़ताल के कारण बीते 10 दिनों से मोतियाबिंद, सीजेरियन डिलवरी व अन्य ऑपरेशन बंद हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों पर एस्मा लागू होने के बाद भी जिले में वे काम पर नहीं लौटे। नोटिस थमाए जाने के बाद आगे की कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जिले में 10 दिनों से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व डॉक्टरों के हड़ताल पर जान के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। हड़ताल में शामिल हो रहे कर्मचारियो की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिले के चारों विकासखंड के अंतर्गत संचालित सरकारी अस्पतालों में कार्यरत 178 कर्मचारियों और डॉक्टरों को जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ने हड़ताल कर काम ठप करने पर एस्मा के तहत नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी हुए 7 दिन बीत चुके हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई। जानकारी के अनुसार एस्मा लागू होने के बाद जिले में संबधित विभाग के अनुमोदन के बाद कार्रवाई जिला प्राशासन की ओर से किया जाना है।

भर्ती होने वाले मरीज जा रहे अब निजी अस्पताल 

जिला अस्पताल में हड़ताल से पूर्व प्रतिदिन करीब 60 से 70 मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जाता रहा है। हड़ताल प्रांरभ होने के बाद जिला अस्पताल में आपातकालीन सेवा को ही जारी रखा गया है। जिला अस्पताल में सामान्य मरीज पूर्व की तरह आ रहे हैं पर अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में 40 फीसदी कम हो चुकी है।

ऑपरेशन 10 दिनों से बंद, भर्ती होने वाले मरीज भी हुए कम 

जिला अस्पताल में डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर जाने के कारण सभी तरह के ऑपरेशन बंद हैं। ऑपरेशन कराने व ऑपरेशन की आवश्यकता होने पर मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है या फिर परिजन मरीजों को निजी अस्पताल लेकर जा रहे हैं। हालत ये है कि मोतियाबिंद मुक्त करने के लिए पखवाड़ा मनाया जा रहा है पर मोतियाबिंद का ऑपरेशन बंद है। नसबंदी व सीजेरियन डिलवरी भी बंद है। जिला अस्पताल में आर्थो व हाइड्रोसिल ऑपरेशन भी नहीं हो रहा है।

12 डॉक्टर समेत 178 कर्मचारी हड़ताल पर  

जिले में स्वास्थ्य विभाग के 178 कार्यरत हड़ताल पर हैं, जिसमें 12 स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी, दो दंत शल्य चिकित्सक, 9 पीजीएमओ व एमओ, 29 स्टाफ नर्स, 13 पुरूष पर्यवेक्षक, 21 महिला पर्यवेक्षक, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला 28, 61 ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक पुरूष, डेसर व चुतुर्थ श्रेणी के 3 कर्मचारी शामिल है। सभी को एस्मा लागू किए जाने के बाद बीते दिनों नोटिस जारी किया गया था। नोटिस हाथ में आने के बाद अभी तक कोई काम पर नहीं लौटा है बल्कि जिले में हड़ताल पर जाने वालों की संख्या बढक़र 178 हो चुकी है। जिले में कार्यरत कर्मचारी 454 है जिसमें 178 कर्मचारी हड़ताल पर है जिन्हें एस्मा के तहत नोटिस जारी किया गया है। 

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी व डॉक्टर के द्वारा हड़ताल किए जाने के बाद कार्रवाई को लेकर जिला प्रशासन का पक्ष जानने के लिए कलेक्टर पीएस एल्मा को फोन से पक्ष जाने का प्रयास किया गया पर फोन रिसीव नहीं किया गया इसके बाद उन्हें व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा गया जिसका रिप्लाई भी समाचार लिखने लिखे जाने तक नहीं आया।

दो बार नोटिस दे चुके हैं 

बेमेतरा ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. शरद कोहाडे ने बताया कि हड़ताल पर जाने वालों को दो बार नोटिस जारी किया गया है पर वे काम पर नहीं लौटे हैं। आगे की कार्रवाई उच्चाधिकारी कर सकते हैं।
 

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