जशपुर

प्रशिक्षु आईएएस अफसरों ने जशपुर संकल्प शिक्षण संस्थान का किया भ्रमण
02-Sep-2023 9:30 PM
प्रशिक्षु आईएएस अफसरों ने जशपुर संकल्प शिक्षण संस्थान का किया भ्रमण

 विद्यार्थियों से रूबरू हुए, किया मोटिवेट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 2 सितंबर। 
फील्ड स्टडी एंड रिसर्च प्रोग्राम के तहत लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशानिक एकेडमी मसूरी से 14 सदस्यीय प्रशिक्षु प्रशासनिक अधिकारियों का दल जशपुर जिले आए हुए थे। अपने जशपुर जिले के 7 दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन आज प्रशिक्षु अधिकारियों की टीम ने जिला प्रशासन की पहल पर संचालित जशपुर स्थित संकल्प शिक्षण संस्थान का भ्रमण किया । 

यहां संस्थान के अधिकारियों और शिक्षकों ने प्रशिक्षु अधिकारियों का स्वागत गया। साथ ही छात्राओं ने भी शानदार स्वागत गीत के माध्यम से सभी का भव्य स्वागत किया । इस दौरान कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल, जिला पंचायत सीईओ  संबित मिश्रा, एसडीएम प्रशांत कुशवाहा, डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय, मनोरा तहसीलदार, संस्थान के प्राचार्य विनोद गुप्ता, शिक्षकगण सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। 

इस दौरान छात्र-छात्राओं ने प्रशिक्षु अधिकारियों से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के संबंध में चर्चा करते हुए जानकारी ली। साथ ही परीक्षा की तैयारियों और करियर निर्माण संबंधी कई प्रश्न पूछे, जिनका सभी अधिकारियों ने बड़े ही सरलता और सहजता से जवाब दिए। 
कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए एकेडमिक सफलता के लिए किसी एक निश्चित सिद्धांत का जीवन में अनुसरण करते हुए आगे बढऩे का तरीका समझाया। उन्होंने 3 सी एवं 3 एस का मंत्र बताया। जिसमें 3 एस से स्ट्रेटजी, सपोर्ट, सस्टेन कमिटमेंट के माध्यम से जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इसी तरह जीवन में हमेशा 3 सी मतलब कंप्लेंट, कंन्डेम और क्रिटिसाइज से बचते हुए अकादमिक करियर में कैसे आगे बढ़ा जा सकता है, यह विस्तार से समझाया और इसे अपने जीवन में लागू करने को कहा। इसके अंतर्गत किसी भी कार्य को करने से पूर्व उसकी प्लानिंग, परिवार व मित्रों का सहयोग , और अपने निर्णय पर दृढ़ रहने को सफलता की सीढ़ी बताई। साथ ही उन्होंने विफलता पर शिकायत ,खण्डन, आलोचना न करने को कहा। 12वीं की छात्रा तुषिता प्रधान ने पूछा कि कभी-कभी जीवन में विपरीत परिस्थितियां आ जाती हैं, इस परिस्थितियों से कैसे जीता जा सकता है और इस स्थिति से बचने के लिए क्या करें?

वही कक्षा 10वीं के छात्र नवीन कुमार ने पूछा कि टाइम मैनेजमेंट कैसे करें और कैसे प्लान कर के पढ़ाई करे? जिसपर प्रशिक्षु अधिकारियों जवाब देते हुए कहा कि इसके लिए जरूरी है कि आप टाइम टेबल बनाकर तैयारी करें। हर दिन के लिए विषयवार चीजें लिख लें कि किस दिन क्या करना है, कैसा करना है, कितने घंटे किस सब्जेक्ट को देने हैं और दिन खत्म होने पर क्या टारगेट पूरा हो जाना चाहिए। जैसे अपनी पढ़ाई और विषय का टाइम टेबल बनाते हैं वैसे ही अपने ब्रेक का भी बनाएं और जरूरत पडऩे पर ब्रेक जरूर लें। इससे आप रिफ्रेश होंगे और जो टाइम लाइन आपने जिस काम के लिए सेट की है वो जरूर पूरी कर पाएंगे। दिमाग को तरोताजा रखना बहुत जरूरी है, इसके साथ ही डिस्ट्रैक्शंस को खुद से दूर रखें।

वहीकक्षा 11वीं की छात्रा आकांक्षा साहू ने पूछा कि पढ़े हुए जानकारी को याद कैसे रखें और कांसेप्ट कैसे क्लियर करें? वही छात्र राहुल यादव ने पूछा कि आपलोगों ने सिविल सेवक के रूप में ही अपना कॅरियर क्यों चुना? सिविल सर्विस अन्य पेशा से कैसे अलग हैं? जिस पर प्रशिक्षु अधिकारियों जवाब देते हुए कहा कि पढ़ा हुआ हमेशा कैसे याद रखें तो इसका सबसे पहला टिप्स है समझकर पढ़ें ।

यानि आप जो कुछ भी पढ़ रहे है उसे रटने की बजाय समझने की कोशिश करें ढ्ढ उस टॉपिक जिसे आप समझना चाहते है उससे संबधित छोटी-छोटी टॉपिक को समझना होगा ढ्ढ जब आप किसी टॉपिक को अपनी भाषा में समझ समझकर पढ़ते है तो वो हमेशा के लिए आपके दिमाग में रहता है और आप इसे कभी भी नहीं भूलते है ढ्ढ किसी जानकारी को अपनी जीवन या आस पास से जोडक़र देखे, पढाई के वक़्त अपने वातावरण को शांत रखे इसी तरह छात्रा आरती चौहान, 10वीं के विद्यार्थी नवीन शांडिल्य, 9वीं के छात्र टीपेश प्रसाद सहित अन्य छात्रों ने प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों से प्रश्न पूछे। जिस पर अधिकारियों ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए खुद पर विश्वास बनाए रखने को कहा। मानसिक तनाव न लेते हुए धैर्य रखने, अनुशासन में रहने, शारीरिक व्यायाम, न्यूनतम 7-8 घंटे की नींद के साथ प्रारंभिक रूप से छोटे व कम अवधि के लक्ष्य के साथ एकाग्रचित अध्ययन करते हुए बड़े लक्ष्य निर्धारित करने को कहा। इससे दक्षता को शीघ्र ही हासिल किया जा सकता है। 

अध्ययन करते समय आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए अपने लक्ष्य निर्धारित करने से पूर्व भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा बनाना और ध्यान भटकने की स्थिति में अपने आप को पॉजिटिव रखना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। अध्ययन के साथ मनोरंजन भी आवश्यक है, स्वस्थ शरीर, नकारात्मकता ना लाना, प्रेरित करने वाले ऑडियो-वीडियो का भी उपयोग परिस्थिति अनुकूल करना चाहिए। उन्होंने प्रत्तयुत्तर में यह भी बताया कि जिन विद्यार्थियों से अधिक समय तक लगातार अध्ययन करना संभव नहीं हो पाता उन्हें प्रारंभिक दिनों में कम अवधि का खंड बनाकर अध्ययन करना चाहिए और इससे धीरे-धीरे समय को बढ़ाया जा सकता है। प्रशिक्षु अधिकारी सुश्री आकांशा गुप्ता ने सिविल सेवा से जुड़े प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि सिविल सेवा में आने के बाद हमारे पास आगे बढऩे और देश को आगे बढ़ाने के अनेक अवसर होते हैं। सबसे बढक़र हम एक साथ कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रबंधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विकास में योगदान कर सकते हैं जो किसी अन्य सार्वजनिक क्षेत्र में शायद ही सम्भव है।

सिविल सेवकों के पास ऐसी अनेक संस्थागत शक्तियाँ होती हैं जिनका उपयोग करके वे किसी भी क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन ला सकते हैं। यही वजह है कि अलग-अलग क्षेत्रों में सफल लोग भी इस सेवा के प्रति आकर्षित होते हैं। जब हम लोगों के बीच रहकर उनके लिए ही कार्य करते हैं और उसमें सफलता मिलती हैं , तो उसकी ख़ुशी अलग होती है और उसी से और भी आत्मविश्वास बढ़ता है।

गौरतलब है कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी के 98वें फाउंडेशन कोर्स के 14 प्रशिक्षु अधिकारियों की टीम जशपुर जिले के 7 दिवसीय प्रवास पर थे। ये सभी 2023 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय राजस्व सेवा, भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी हैं। इन प्रशिक्षु अधिकारियों में अर्चिशा भट्टाचार्ज, मुकुंद सिंह चाहर, पंकज राजपूत, एस गौतम, आकाश सिन्हा, सौरभ, अदिति वाष्र्णेय, प्रापंज आर, आकांक्षा झा, मीनाक्षी आर्य, धर्म सिंह मीना, गगन कुमार, प्रदीप पी जीएल, आकांशा गुप्ता शामिल थे । 

सभी प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा जिले के बगीचा विकासखंड के पंडरापाठ, ग्राम छिछली-अ सन्ना सहित कई ग्राम पंचायतों का भ्रमण कर पहाड़ी कोरवा जनजातियों और ट्राइबल के रीति रिवाज, कला, संस्कृति का बारीकी से अध्ययन किया गया, साथ ही इन गांवों में स्वास्थ्य, पंचायत, कृषि, महिला-बाल विकास परियोजना सहित अन्य योजनाओं की जमीनी स्थिति का अवलोकन भी किया गया। साथ ही जिले के भौगोलिक स्थिति, पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक स्थल, बगीचा क्षेत्र के नाशपाती, चाय बागान , सेव, मिर्च की खेती सहित अन्य क्षेत्रों का भ्रमण कर अध्ययन किया गया।

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