सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिश्रामपुर,9 सितंबर। सांसद एवं घोषणापत्र सुझाव समिति के अध्यक्ष विजय बघेल को बिश्रामपुर प्रवास के दौरान अतिथि व्याख्याता समूह छत्तीसगढ़ द्वारा ज्ञापन सौंपा गया है।
प्रदेश प्रभारी गुलजार सिंह ठाकुर ने बताया कि छत्तीसगढ़ के अतिथि व्याख्याताओं की चिरकालीन तीन मांग - 01 मासिक वेतनमान, 02 ग्यारह माह की पूर्णकालिक अवधि, 03 सहा. प्राध्यापकों के स्थानांतरण/पदोन्नति/नवीन नियुक्ति के विरुद्ध जाब सिक्योरिटी आज तक अनसुनी रखी गई है। वर्तमान सरकार के लोकलुभावन जनघोषणापत्र अनुसार अतिथि व्याख्याताओं के हित में आज दिनांक तक कोई भी पालिसी निर्माण नहीं किया जा सका एवं ना ही जाब सिक्योरिटी दी गई। उच्च शिक्षा विभाग में लंबे समय तक बैसाखी की तरह इस्तेमाल होने के बाद भी कई साथी प्रभावित - बेरोजगार कर दिए गए हैं। जिनका भविष्य अंधकारमय हो चुका है।
संभाग प्रभारी सुप्रीया तिवारी ने बताया कि लगातार संघर्ष के बाद महंगाई दर अनुसार सिर्फ 01 वित्तीय संशोधन द्वारा हमारे वेतनमान में सिर्फ 100 रु. प्रति कालखंड की बढ़ोत्तरी की गई थी, जो कि कुल मिलाकर प्रति कार्यदिवस 800 की सीलिंग से 1,200 रु. की सीलिंग पर अटकाई गई है। विडम्बना तो यह है कि स्कूली शिक्षा देने वाले संविदा/अनियमित शिक्षकों की तुलना में हम उच्च शिक्षा देनेवालों का वेतनमान आज तक आधा भी नहीं दिया जाता है।
सूरजपुर जिला प्रभारी स्वाति यादव ने मातृराज्य मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा लागू फालेनाउट व्यवस्था के बारे में कहा कि वहाँ के अतिथि व्याख्याताओं को जाब सुरक्षा दी गई है, जो नियमितीकरण के समकक्ष है।
वहाँ 11 माह का एकमुश्त मासिक वेतनमान एवं स्थानांतरण/पदोन्नति/नवीन नियुक्ति पर जाब सिक्योरिटी लागू किया गया है। यह व्यवस्था बंगाल, बिहार, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा जैसे कई राज्यों में व्याख्याताओं को लाभ दिया जा रहा है, देशभर में सबसे कम सैलरी में छत्तीसगढिय़ा अतिथि व्याख्याता ही पढ़ा रहे हैं।
वरिष्ठ अतिथि व्याख्याता अशोक सिंह ने स्पष्ट किया कि एकैडमिक कैलंडर वर्षभर का होने के बाद भी, हमें रोजगार सिर्फ 07-08 महीने का ही मिलता है, जिसमें प्रतिदिन की सीलिंग द्वारा एक भी वैतनिक छुट्टी नहीं दी जाती है।
15अगस्त और 26 जनवरी का भी वेतन डीडीओ काट लेते हैं। हमें 01 साल में 4 महीने ‘नो वर्क-नो पेमेंट जोन’ में ढकेला जाता हैं। इसलिए घोषणापत्र में नियमितीकरण करते हुए फालेनाऊट व्यवस्था के जैसी जाब सुरक्षा को छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जावें। इससे 2500 से अधिक अतिथि व्याख्याताओं एवं उनपर आश्रित परिवारों को सीधा लाभ मिल सकेगा।
मुख्य रूप से सूरजपुर एवं कोरिया जिले के व्याख्याता अंकुश सिसोदिया, मृदुलता शर्मा, जेबा बख्तियार, हेमेंद्र सेन, दिव्यादित्य सिंहा, जितेंद्र यादव सहित बड़ी संख्या में 11 शासकीय महाविद्यालयों के अतिथि व्याख्यातागण उपस्थित रहे।