सूरजपुर

झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से आदिवासी महिला की मौत, अवैध रूप से संचालित क्लिनिक सील
15-Sep-2023 10:34 PM
झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से आदिवासी महिला की मौत, अवैध रूप से संचालित क्लिनिक  सील

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सीतापुर, 15  सितंबर। पैर दर्द का इलाज कराने लाइफ लाइन क्लिनिक में झोलाछाप डॉक्टर के पास आई आदिवासी महिला की मौत हो गई। परिजनों ने डॉ.मिश्रा पर गलत इलाज करने का  आरोप लगाया है। उन्होंने मामले की रिपोर्ट थाने में  दर्ज करा दोषी डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

मौके पर पहुँचे एसडीओपी एवं थाना प्रभारी ने  मर्ग कायम कर परिजनों का बयान लेकर जांच शुरू कर दी है। जाँच टीम ने बगैर लायसेंस के  अवैध रूप से  क्लिनिक संचालन का मामला पाया। क्लिनिक का लायसेंस सन 2020 मे ही  समाप्त हो चुका था। क्लिनिक संचालन का कोई वैध दस्तावेज  नहीं होने से क्लिनिक सील  कर दिया।

बुधवार की दोपहर करीब साढ़े बारह बजे काराबेल इमली पारा निवासी आदिवासी महिला 45 वर्षीय   अनिता लकड़ा पति बालेश्वर लकड़ा उफऱ् बाले अपने बेटी- दामाद के साथ पैर दर्द का इलाज कराने कदमचौक स्थित लाइफ लाइन क्लिनिक( डॉ. मिश्रा क्लिनिक) आई थी।

 महिला की इलाज करवाने साथ में आये बेटी ने बताया कि डॉ. निर्मल मिश्रा ने मेरी माँ  को चेक किया और भर्ती करके  इलाज करने के नाम पर बॉटल चढ़ाने लगा। इस बीच उसकी अचानक तबियत बिगड़ी और उसकी सांसे फूलने लगी तथा बेहोश हो  गई। इससे पहले की हम कुछ समझ पाते,  डॉ.मिश्रा व उसके स्टॉफ जोर-जोर से मरीज का सीना दबाने लगे ,पर कोई हरकत नहीं हुई। जिसे आनन फानन में डॉ.मिश्रा अपनी गाड़ी में लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और उसे वहीं छोड़ कर फरार हो गए।

उन्होंने आगे बताया-  हम लोग पैदल चलकर अस्पताल पहुँचे, तब जाकर डॉक्टर को बुलाकर लाये। जहां डॉक्टरों ने चेक करने के बाद  मृत घोषित कर दिया और  बताया कि आधा घंटा पहले ही उनकी मौत हो  चुकी है।

परिजनों ने डॉ.मिश्रा पर गलत इलाज करने का  आरोप लगाते हुए  महिला की  मौत का जिम्मेदार बताया है।  इस घटना से परिजन सदमे में  है। उन्होंने मामले की रिपोर्ट थाने में  दर्ज करा दोषी डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की  है। मौके पर  पहुंची  पुलिस ने घटना की जानकारी  वरिष्ठ अधिकारियों को दी।

एसडीएम  रवि राही  ने बताया कि घटना संज्ञान में आते ही मेरे द्वारा, तहसीलदार, डॉक्टर,पुलिस  की एक टीम गठित कर लाइफ लाइन क्लिनिक( डॉ.मिश्रा) में भेजा गया। जहां जाँच टीम ने प्रथम दृष्टया बगैर लायसेंस के  अवैध रूप से  क्लिनिक संचालन का मामला पाया। क्लिनिक का लायसेंस सन 2020 मे ही  समाप्त हो चुका था। इस तरह बगैर लायसेंस विगत तीन साल से क्लिनिक संचालित था  तथा क्लिनिक संचालन का  कोई वैध दस्तावेज  नहीं होने से क्लिनिक सील  कर दिया। आगे की कार्रवाई जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार की जाएगी।

 एसडीओपी ध्रुवेश जयसवाल ने बताया कि  मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पोस्टमार्टम पश्चात परिजनों को सौंप दिया है तथा  आगे की कार्रवाई पीएम रिपोर्ट आने के  बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार की जाएगी।

पहले भी हो चुकी है डॉ.मिश्रा क्लिनिक में ऐसी घटना

नगर के प्रतिष्ठित व्यक्ति के  लडक़े का तबियत बिगडऩे पर उसे डॉ.मिश्रा के क्लिनिक ले गये जहां उपचार के  दौरान उसकी मौत हो  गयी थी। जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ और प्रशासन ने  क्लिनिक सील कर दिया था , पर कुछ दिन बाद पुन: क्लिनिक चालू हो गया।

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