महासमुन्द
ग्रामीणों का आरोप गलत-रेंजर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 16 दिसंबर। समीप के वन परिक्षेत्र कोठारी के तहत मार्गों में मुरमीकरण का कार्य जंगल में ही गड्ढा कर जेसीबी मशीनों से खुदाई कर किया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार मुरमीकरण के कार्य में वन विभाग जिस तरह जंगल में खुदाई की गई है, उससे आम ग्रामीणों के साथ वन्य प्राणी भी खतरे में पड़ जाएंगे। ग्रामीणों ने मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उक्त संबंध में कोठारी परिक्षेत्र अधिकारी जीवन साहू ने बताया कि ग्रामीणों का आरोप गलत है। कुछ सडक़ों के लिए मुरुम खुड़मुड़ी तालाब एवं कोठारी के किसानों के खेतों से खुदाई कर ली जा रही है।
ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बारनवापारा से अलग हुए कोठारी वन परिक्षेत्र में पर्यटकों के पर्यटन पॉइंट नुंछा बेरियर से फुरफुन्दी मार्ग, फुरफुन्दी मार्ग से बिलसपुरिहा पेट्रोलिंग कैम्प, बिलसपुरिहा कैम्प से कोठारी बेरियर,एवं कोठारी से देवहिल्स मार्ग में कोठारी वन परिक्षेत्र द्वारा मुरमीकरण का कार्य करवाया जाना था। परन्तु उक्त कार्य एक ठेकेदार सेे कराया जा रहा है। ठेकेदार के लोग कोठारी बकायदा कोठारी वन कार्यालय में ही डेरा डाल कर गड़बडिय़ों को अंजाम दे रहे हंै।
इस संबंध में ग्रामीणों ने आरोप लगाते बताया कि कोठारी वन परिक्षेत्र में मुरमीकरण चार मार्गों पर हो रहा है। सभी मार्गों पर मुरमीकरण हेतु मुरुम जंगल में बकायदा माउंटेन जेसीबी लगाकर की जा रही है, जिससे जंगल के भीतर अनेक खाईनुमा गड्ढे बन रहे हैं, जिससे वन्य प्राणियों की अकाल मौतों की आशंका बढ़ जाएगी।
सडक़ निर्माण में गड़बड़ी का आरोप
सडक़ों पर पर्यटकों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए शासन द्वारा वन मार्गों में मुरमीकरण स्वीकृत किये गए हंै। परन्तु वन्य प्राणियों से भरे वन परिक्षेत्र कोठारी में अफसर शासन की मंशा पर पूरी तरह पानी फेरते दिख रहे हैं। लिहाजा जिन सडक़ों पर मुरमी करण कर सडक़ को छोटी वाहनों हेतु आवागमन के लिए दुरुस्त किया जाना था। उन्हीं सडक़ों पर विभाग द्वारा भारी गड़बड़ी करते हुए जंगल के भीतर नुंछा पेट्रोलिंग कैम्प के समीप कक्ष क्र 176 के समीप असंवैधानिक रूप माउंटेन जेसीबी लगाकर मुरुम खुदाई करवाई जा रही है।
मुरुम निकालने के लिए भी जंगल के भीतर प्रतिबन्धित हाईवा ट्रक से मुरुम निकलवाई जा रही है।
मुरुम निकलने हरे भरे पेड़ों की बलि
ग्रामीणों का आरोप है कि कोठारी वन परिक्षेत्र के नुंछा पेट्रोलिंग कैम्प के समीप कक्ष क्र 176 से मुरुम निकलने के लिए हाईवा एवं जेसीबी मशीन को पहुंचने के लिए दर्जनों छोटे बड़े पेड़ों की बलि दी गई है। जिससे अब कोठारी जंगल के उक्त क्षेत्र मुरुम खदान में तब्दील हो रहे हैं। ग्रामीणों ने पूरे मामले की जांच कर दोषी अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
किसानों से ली जा रही मुरुम-रेंजर
इधर कोठारी वन परिक्षेत्र अधिकारी जीवन साहू ने ‘छत्तीसगढ़’ को मोबाइल से बताया कि मुरुम एक तालाब के पास से खोदकर उपयोग की जा रही है। इसके अलावा खुदमुड़ी तालाब के पास एक किसान के खेत से अनुमति लेकर लाई जा रही है।