राजनांदगांव

विकसित भारत संकल्प यात्रा की मोबाईल वैन ग्राम बोरी पहुंची
13-Jan-2024 4:08 PM
विकसित भारत संकल्प यात्रा की मोबाईल वैन ग्राम बोरी पहुंची

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 जनवरी
। केन्द्र शासन की योजनाओं से नागरिकों को जागरूक करने एवं योजनाओं से लाभान्वित करने विकसित भारत संकल्प यात्रा की मोबाईल वैन राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बोरी पहुंची। केन्द्र शासन की फ्लैगशिप योजना का लाभ लक्षित लाभार्थियों खासतौर पर वंचित एवं जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए सघन अभियान चलाया गया है। 

इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामवासी न केवल एक दूसरे से शासन की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि अपने अनुभव साझा करते हुए एक दूसरे को जानकारी प्रदान कर रहे हैं। 

इस अवसर पर ग्राम बोरी में सरपंच हेमपुष्पा देवांगन, उपसरपंच मुकेश देवांगन एवं सुमित श्रीवास्तव, शीतल गेन्ड्रे, घनश्याम देवांगन, सरिता ताम्रकार, नारायण सिन्हा, बैजंत्री मार्को, मोनिका भगत साहू, मधुसूदन यादव, देवकुंवर बंजारे, सातो बाई टण्डन, सुमन देवांगन, बसंती साहू सहित अन्य जनप्रतिनधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। 

खुशी के माहौल में ग्रामीण कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में धरती कहे पुकार के तहत स्वसहायता समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए नाट्य प्रस्तुति तथा रासायनिक खेती के दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया। मोबाईल वैन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश का वाचन किया गया। चलचित्र के माध्यम से विकसित भारत के उद्देश्य की जानकारी दी गई। महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत बच्चों के लिए सुपोषण किट एवं गोद भराई कार्यक्रम अंतर्गत गर्भवती माताओं को सुपोषण किट प्रदान किया गया।

विभागीय स्टॉल में केन्द्र शासन की योजनाओं के संबंध में जनसामान्य को जानकारी प्रदान की गई और उन्हें योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्टॉल लगाकर केन्द्र शासन की जैविक खेती प्रोत्साहन के लिए चलाए जा रहे योजनाओं, कृषकों को दी जाने वाली सुविधाओं, जैविक खेती के मुख्य घटक, बीजामृत, घनजीवामृत एवं जीवामृत के बारे में किसानों को बताया गया। किसानों को बताया गया कि जैविक खेती से मृदा की उर्वरकता तथा फसल का उत्पादन बढ़ता है। वहीं यह खेती पर्यावरण, जल एवं वायु को प्रदूषित किए बिना जैव विविधता को बनाए रखते हुए दीर्घकालीन एवं टीकाऊ उत्पादन प्राप्त किया जाता है।

किसानों को रासायनिक उर्वरक का उपयोग कम करने के लिए तथा पौधों को पोषक तत्वों की पूर्ति अन्य कार्बनिक स्रोतों द्वारा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कृषकों का जैविक उत्पादन प्रणाली में क्षमता विकास एवं जैविक उत्पादन हेतु प्रोत्साहन दिया जा रहा है। जैविक कृषि द्वारा लागत में कमी एवं टिकाऊ उत्पादकता प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जैविक खाद अंतर्गत गोबर की खाद, नाडेप कम्पोस्ट, हरीखाद, वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है। जैव उर्वरक अंतर्गत नील हरित काई, राइजोबियम कल्चर, एजोस्पाइरिलम, एजोटोबैक्टर, स्पूर घोलक जीवाणु पीएसबी, कचरा अपघटक का उपयोग किया जाता है।

पूर्णिमा को एनआरएलएम अंतर्गत समूह से जुडक़र मिला फायदा
पूर्णिमा बाई ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत बिहान से जुडक़र उन्हें बहुत फायदा मिला है और आजीविका मूलक गतिविधियों से जुडक़र न केवल उनके आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनका अत्मविश्वास बढ़ा है। किसान लालाराम देवांगन ने बताया कि उनके खेत में कीड़े-मकोड़ों एवं पोषक तत्वों से संबंधित समस्या थी। मृदा परीक्षण कराने के बाद उन्हें खाद एवं पोषक तत्वों डालने की मात्रा की जानकारी मिली। जिससे फसल उत्पादन बढ़ा और लाभ मिला। जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। किसान गोपालदास ने कहा कि जैविक खेती से उन्हें बहुत फायदा मिला। अच्छी फसल उत्पादन के साथ ही अच्छी गुणवता की फसल हुई है। उन्होंने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 हजार रूपए की राशि भी मिली है।
 

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