बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 16 जनवरी। विधानसभा क्षेत्र के गांवों में अघोषित बिजली कटौती से किसान परेशान है। बिजली विभाग के अधिकारी लोड सेंटिंग का हवाला देकर हाथ खड़े कर रहे हैं। अटल ज्योति योजना के अंतर्गत किसानों को 24 घन्टे में सिर्फ 2-3 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है। ऐसी स्थिति में किसानों की फसल को नुकसान पहुँच रहा है, खेत सुख रहे है। विद्युत विभाग के लापरवाह रवैया से किसानों में आक्रोश ब्याप्त है।
ग्राम बसनी के किसान एवं सरपंच आशीष मिश्रा ने बताया कि अर्जुनी फीडर के अंतर्गत 15 गांव आते हैं। जिसमें ग्राम मटका, बसनी, पथर्रा, ढोकला, ताला,जिया,जौंग, जेवरा, बहींगा, करही, अर्जुनी आदि गांव शामिल है। इन गांवों में 20 से 22 घंटे अटल ज्योति बिजली में कटौती की जा रही है।
शिकायत पर विभाग के अधिकारी व कर्मी बहानेबाजी कर रहे
किसानों ने बताया कि पानी के अभाव में खेत फटने लगे हैं। रही सही कसर विद्युत विभाग की मनमानी ने पूरी कर दी है। अधोषित बिजली कटौती से किसान हलकान है। आलम यह है कि अटल ज्योति योजना के अंतर्गत किसानों को 24 घंटे में महत्व 2 से 3 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। शिकायत पर अधिकारी बहाने बाजी करते हैं। किसानों ने इस समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
किसानों के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें
कृषक आशीष मिश्रा ने बताया कि खेत प्यासे हैं। बिजली विभाग की बेरुखी इसी तरह जारी रहने पर किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच जाएगा। प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद, कृषि पंपों को महज 1 से 2 घंटे बिजली दी जा रही है। जो न कही है। ऐसी स्थिति में फसल बचाने को लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है।
बीते सालों में धनहा रकबा में बढ़ोतरी
गौरतलब हो की प्रदेश सरकार के द्वारा धान के समर्थन मूल्य के अतिरिक्त बोनस राशि दिए जाने से बीते सालों में जिले में धनहा रकबा में बढ़ोतरी देखी जा रही है। वर्ष 2018 में जिले में करीब 1लाख 75 हेक्टेयर में धान की फसल ली गई थी। वर्ष 2023 में 2 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबा में धान की फसल लगाई गई थी। इस साल भी रकबा में बढ़ोतरी की संभावना है। इसी तरह की रबी में भी धान की फसल को प्राथमिकता दे रहे हैं।
सरप्लस के बावजूद , नहीं मिल रही बिजली
जिला पंचायत सदस्य प्रज्ञा निर्वाणी के अनुसार छत्तीसगढ़ में सरप्लस बिजली होने के बावजूद बिजली विभाग सारे मोर्चे पर विफल है। उल्लेखनीय है कि जिले में 1लाख 50 हजार से अधिक कृषक पंप है जो बिजली आपूर्ति के अभाव में बंद पड़े हैं। अटल ज्योति (किसानी व्यवस्था) बिजली प्रदाय योजना अघोषित बिजली कटौती से किसानों को सिंचाई कार्य में समस्या हो रही है। समय सीमा में समस्या का निराकरण नहीं होने पर किसानों के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
क्या है लोड सेंडिंग
बिजली विभाग के अनुसार लोड सेटिंग का मतलब जिले के सभी फीडर को रोटेट करके चलाया जाना है। इसके अनुसार जब बिजली विभाग द्वारा जरूरत के हिसाब से बिजली सप्लाई नहीं की जाती है तो जिले में जितने फीडर है, उसमें से घंटो के अनुसार बांटकर चलाया जाता है। इससे कुछ-कुछ घंटो के लिए काटकर बिजली सप्लाई की जाती है।
जूनियर इंजीनियर रांका सब स्टेशन ए. घोष ने कहा कि कृषि पंपों के उपयोग बढऩे से लोड बढ़ा है। परिणामस्वरूप लोड शेडिंग करनी पड़ती है। गुनरबोड़ सब स्टेशन में ट्रांसफार्मर बदला जा रहा है। जिसमें 40 एमवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर को 63 ऐमवीए ट्रांसफार्मर में बदला जा रहा है। दोनों ट्रांसफार्मर बदले जाने है। इसमें लगभग 15 से 20 दिन का समय लगेगा। तब तक क्षमता के अनुसार बिजली की आपूर्ति की जाएगी।