बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 17 जनवरी। नवागढ़ नगर पंचायत के वार्ड 9 की पार्षद मंजुलता रात्रे ने जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बंशी पटेल को अपना इस्तीफा भेज दिया है। पत्र में रात्रे ने इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत एवं पारिवारिक बताया है। ज्ञात हो की मंजुलता रात्रे कांग्रेस के बैनर तले पार्षद का चुनाव भाजपा के प्रत्याशी अपने देवरानी मधु राय के खिलाफ चुनाव लडक़र जीत दर्ज की थी। हाल में निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष तिलक घोष के खिलाफ जब अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन भाजपा पार्षदों ने दिया तो मंजू लता ने उसमे हस्ताक्षर किया था।
कांग्रेस बेक फुट पर विधानसभा चुनाव के बाद नवागढ़ विधानसभा में कांग्रेस बेक फुट पर है। नवागढ़ नगर पंचायत में अध्यक्ष का पद खोने के बाद, बेमेतरा जनपद पंचायत में अध्यक्ष उपाध्यक्ष का पद खोए। इसके बाद मारो नगर पंचायत अध्यक्ष ने पद से त्यागपत्र दिया। अब नगर पंचायत की पार्षद ने पार्टी से ही नाता तोड लिया। 27 दिसंबर से अब तक की स्थिति में जिला कांग्रेस कमेटी ने कोई बड़ा कदम भी नहीं उठाया। नतीजा यह की एक एक कर विदाई हो रही है। कांग्रेसी नेता जावेद खान ने कहा की जिला कांग्रेस कमेटी नवागढ़, मारो बेमेतरा सभी जगह अपने पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि से लगातार संपर्क में है पहले भी थी। सत्ता परिवर्तन के बाद यह जो रहा है यह स्वाभाविक प्रक्रिया है। सोसायटी अध्यक्ष बनने कांग्रेस में बड़ी संख्या में लोग भाजपा छोडक़र आए थे। राजनीति के जानकार गंगाधर यादव ने कहा नवागढ़ विधानसभा में दयालदास बघेल के विधायक बनने के बाद कांग्रेस मुक्त स्थानीय निकाय की स्थिति है। नवागढ़ जनपद पंचायत को छोड़ दिया जाए तो बाकी जगह कांग्रेस अब किसी मुख्य पद में नही है। यादव ने कहा की नवागढ़ नगर पंचायत में सीधे मुकाबले में कभी अजीत रात्रे अध्यक्ष बनने से चूक गए थे अब उनकी इच्छा को धर्म पत्नी मंजू लता रात्रे पूरी करती हैं या नहीं इसका इंतजार है।
कयास और संभावनाएं तेज
नगर पंचायत के आम चुनाव में कांग्रेस के आठ पार्षद जीतकर आए इसमें चार पार्षद अनुसूचित जाति से जीते भाजपा के छह पार्षद जीते पर अनुसूचित जाति से कोई नहीं जीता और अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने के कारण भाजपा से कोई दावा नही किया। अब मंजू के इस्तीफे के बाद यह कयास लगाया जा रहा है की वे भाजपा में शामिल हो सकती है। यदि ऐसा हुआ तो नगर को तीसरी महिला अध्यक्ष भी मिल सकता है। इससे पहले यह सौभाग्य सरोजनी जायसवाल, उमा घोष को मिला है। 27 दिसंबर को हुए अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष को केवल दो मत मिले इसके बाद नगर पंचायत में भाजपा के लिए सभी परिस्थिति अनुकूल है।