रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, मार्च। मुख्यमंत्री,वित्तमंत्री और मुख्य सचिव से सोशल मीडिया एक्स पोस्ट कर राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने उत्तर प्रदेश की भांति छत्तीसगढ़ में भी कर्मचारियों और पेंशनरों के बाद आईएएस अधिकारियों को महंगाई भत्ता मिले ऐसी व्यवस्था करने की जरूरत बल दिया है।
नामदेव ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा घोषित महंगाई भत्ता और महंगाई राहत किस्त को जब तक राज्य सरकार राज्य में कर्मचारी और पेंशनर्स के लिए जारी न कर दे तब तक राज्य में पदस्थ आईएएस अधिकारियों को भुगतान करने के आदेश जारी करने पर रोक लगाई जाए।
नामदेव ने आगे बताया है कि आई ए एस अधिकारियों को महंगाई भत्ता पहले मिल जाने के बाद वे कर्मचारियों और पेंशनरों को भी शीघ्र महंगाई भत्ता मिले इस पर कोई रुचि नहीं लेते और मंहगाई भत्ता की फाइल को जानबूझकर लटका कर रखते हैं। वित्तीय संकट दिखा बताकर सरकार के मुखिया को निर्णय लेने से रोकने में कामयाब हो जाते है और खुद केन्द्र सरकार के कर्मचारी होने का लाभ उठाकर अपना आदेश करने में सफल हो जाते हैं।
विज्ञप्ति में बताया है कि हाल ही में विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग से कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने का अनुमति लेकर बिना अनुमति अपना आदेश कर लिए और तीन माह से अधिक समय हो जाने के बाद भी कर्मचारियों और पेंशनरों का आदेश जारी करने में अब तक कोई कार्रवाई का पता नहीं है।इसलिए राज्य सरकार को निर्णय लेकर कर्मचारियों और पेंशनरों के बाद ही आई ए एस अधिकारियों के लिए आदेश जारी करने का निर्णय केबिनेट से पारित करना चाहिए।
फेडरेशन ने मोदी, शाह नड्ढा से मांगा 8% डीए
इधर छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने पीएमओ, अमित शाह और जेपी नड्डा को टैग कर एक्स पोस्ट किया है। इसमें वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने मोदी की गारंटी के तहत कर्मचारियों से कई वादे किए हैं। इनमें केंद्र के समान डीए भी शामिल हैं। लेकिन ढाई माह बाद भी कर्मचारी हित में एक भी निर्णय नहीं लिए गए ।लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले घोषणा पत्र के अनुसार 8 प्रतिशत डीए दिलाने की पहल करें। वर्मा ने फेडरेशन के सभी नेताओं को शाम को मौलश्री विहार बुलाया है। जहां स्पीकर डॉ रमन सिंह से मुलाकात करेंगे।