रायपुर
कांग्रेस के नेताओं की आपसी खूनी रंजिश की परिणति है -शुक्ला
रायपुर, 13 अप्रैल। पूर्व में कांग्रेस के महामंत्री रहे चंद्रशेखर शुक्ला ने अपने एक पत्र के जरिए राहुल गांधी और पूर्व सीएम भूपेश बघेल को घेरा है। शुक्ला पिछले ही दिनों कवर्धा में सीएम विष्णु देव साय के समक्ष भाजपा में शामिल हुए थे।
बस्तर में सभा करने आए. गांधी से उन्होंने पूछा कि झीरम के संदिग्ध कवासी लखमा को प्रत्याशी क्यो बनाया।काँग्रेस का पूर्व कार्यकर्ता होने के नाते कुछ प्रश्न जो सदैव मुझे परेशान करते रहे आपसे करना चाहता हूँ, आपेक्षा, आगृह है आप जवाब देंगे। शुक्ला ने पूछा कि .जिस कवासी लखमा को पूरा छत्तीसगढ़ और पूरा काँग्रेस झीरम घाटी नरसंहार का संदिग्ध मानता है तथा जिसे तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महंत ने भी 2013 में संदिग्ध ठहराया था को आपने क्या क्लीन चिट देकर लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है?क्या झीरम के शहीदों को आप शहीद नहीं मानते हैं या सिर्फ शहीद सिर्फ वही हैं जो आपके परिवार से हैं, आपने इनको न्याय दिलाने के लिये संसद में कितनी बार मांग/प्रयास किया है?
शुक्ला ने गांधी से कहा कि पूर्व सीएम भूपेष बघेल जिन सबूतों को जेब में डाल के रखे हुये हैं वह सबूत कब बाहर आयेंगे? अब तो आपकी सरकार भी चली गई भूपेष बघेल किसे बचाना चाहते हैं। शुक्ला का यह मानना है झीरम घाटी का नरसंहार काँग्रेस के नेताओं की आपसी खूनी रंजिश की परिणति है जिसमें विद्या भैय्या, नंद कुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा और उदय मुदलियार सहित 31 अन्य काँग्रेस नेताओं कार्यकर्ताओं को शहादत देनी पड़ी थी। शुक्ला ने शहीद उदय मुदलियार के परिवार से भी आग्रह किया है कि राजनांदगांव के प्रत्याशी भूपेश बघेल को सबूत को सार्वजनिक करने का आग्रह करें।